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एसआईआर पर अमित शाह के बयान को लेकर तृणमूल ने मांगा इस्तीफा

CT DESK
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कोलकाता: पश्चिम बंगाल में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) पर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के ताजा बयान को लेकर तृणमूल कांग्रेस ने शुक्रवार को तीखा हमला बोला। पार्टी ने शाह पर ‘घुसपैठियों की राजनीति’ का सहारा लेकर बंगाल को निशाना बनाने का आरोप लगाया और राष्ट्रीय सुरक्षा पर केंद्र की विफलताओं को उजागर करते हुए उनके इस्तीफे की मांग की।

वरिष्ठ मंत्री शशि पांजा ने गुरुवार को कहा कि केंद्रीय गृह मंत्री गुजरात जाकर घुसपैठ, लोकतंत्र और राष्ट्रीय सुरक्षा की बात करते हैं, जबकि देश में असुरक्षा का माहौल लगातार बढ़ रहा है। उनके अनुसार कश्मीर में पर्यटकों की हत्या और दिल्ली में हुए धमाके इस बात का संकेत हैं कि ‘‘गृह मंत्री की निगरानी में सुरक्षा ढांचा दरक रहा है।’’

उन्होंने कहा कि अगर सीमाएं वास्तव में सुरक्षित होतीं तो ऐसी घटनाएं नहीं होतीं। पांजा ने आरोप लगाया कि शाह तथ्यों को तोड़मरोड़ कर पेश कर रहे हैं और केंद्र की नाकामियों से ध्यान भटकाने के लिए बंगाल को दोषी ठहरा रहे हैं। उनके अनुसार दिल्ली में चूक होने पर भाजपा एक ‘‘पुराना स्क्रिप्ट’’ पढ़ती है और आरोप बंगाल पर डालती है।

मंत्री ने दावा किया कि बंगाल में एसआईआर प्रक्रिया ‘‘दंडात्मक और दमनकारी’’ रूप ले चुकी है। उन्होंने कहा कि वर्ष 2002 में हुई पिछली एसआईआर प्रक्रिया को पूरा होने में दो वर्ष लगे थे, लेकिन अब बंगाल पर इसे दो माह में पूरा करने का दबाव बनाया जा रहा है। पांजा ने मुख्यमंत्री द्वारा मुख्य निर्वाचन आयुक्त को लिखे पत्र का हवाला देते हुए कहा कि एसआईआर में ‘‘अनुचित जल्दबाजी’’ और ‘‘अमानवीय दबाव’’ झलक रहा है। उन्होंने दावा किया कि बीएलओ पर धमकी, अत्यधिक कार्यभार और मानसिक दबाव के चलते अब तक 31 लोगों की जान जा चुकी है।

उन्होंने भाजपा पर ‘‘धमकाकर बंगाल पर कब्जा’’ करने की कोशिश का आरोप लगाया। पांजा ने कहा कि भाजपा बंगाल में डर फैलाना चाहती है, लेकिन ‘‘बंगाल डरेगा नहीं, मुकाबला करेगा।’’

तृणमूल सांसद सागरिका घोष ने अमित शाह से सीधे इस्तीफे की मांग की। उन्होंने कहा कि वह ‘‘अक्षम गृह मंत्री’’ हैं, जो पहलगाम आतंकी हमले को रोकने में नाकाम रहे और दिल्ली ब्लास्ट को भी नहीं रोक पाए। उन्होंने आरोप लगाया कि केंद्रीय गृह मंत्री ‘‘सीमा सुरक्षा की जगह विपक्षी सरकारें गिराने में व्यस्त रहते हैं। बीएसएफ आपके अधीन है। अगर सीमाएं टूटती हैं तो जिम्मेदारी आपकी है। आपको इस्तीफा देना चाहिए।’’

उन्होंने कहा कि केंद्रीय गृह मंत्री घुसपैठियों को लेकर ‘‘राजनीतिक नाटक’’ कर रहे हैं और इसे एसआईआर को जायज ठहराने के लिए इस्तेमाल कर रहे हैं, जबकि एसआईआर ‘‘बंगाल के वास्तविक नागरिकों को नुकसान’’ पहुंचा रहा है और ‘‘लोगों के अधिकार छीनने’’ का साधन बन गया है।

अमित शाह ने भुज में बीएसएफ स्थापना दिवस समारोह में कहा था कि एसआईआर का विरोध करने वाली पार्टियां घुसपैठियों के नाम मतदाता सूची में बनाए रखना चाहती हैं और एसआईआर मतदाता सूची के ‘‘शुद्धिकरण’’ की प्रक्रिया है।

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