वित्त रहित शिक्षकों को वित्त सहित करने की दिशा में राज्य सरकार प्रयत्नशील: सिग्रीवाल

वित्त रहित शिक्षकों को वित्त सहित करने की दिशा में राज्य सरकार प्रयत्नशील: सिग्रीवाल

मांझी: वित्त रहित शिक्षा नीति को लेकर सरकार कृत संकल्पित है, इसके वावजूद भी कर्मियों की कुछ समस्या है जिसे दूर किया जाना आवश्यक है. उक्त बातें सांसद जनार्दन सिंह सिग्रीवाल ने मांझी महाविद्यालय के 35 वें वार्षिकोत्सव को सम्बोधित करते हुए कहीं.

उन्होंने कहा कि वित्त रहित शिक्षकों को वित्त सहित करने की दिशा में राज्य सरकार प्रयत्नशील है. हालाँकि वित्तीय खामियों को पाटने के बाद ही यह सम्भव हो सकेगा तथा केन्द्र व राज्य सरकार जन सरोकार से जुड़े विकास कार्यों को द्रुत गति से आगे बढ़ा रही हैं.

वही अपने संबोधन में विधान पार्षद केदार नाथ पाण्डेय ने कहा की केन्द्र व राज्य सरकारों की गलत शिक्षा नीति तथा उदासीनता के कारण शिक्षकों को न्यायलय की शरण लेनी पड़ रही है. इससे पहले अतिथि द्वय ने विधिवत दीप प्रज्ज्वलित कर समारोह का विधिवत उदघाटन किया. इस अवसर पर दहेज़ दानव नामक नाटिका का मंचन किया गया जिसे देख लोग भावविभोर हो गए.

विद्यालय की छात्रा व मियां पट्टी निवासी हरि प्रसाद की पुत्री नेहा कुमारी द्वारा प्रस्तुत लघु नाटिका दहेज़ दानव ने समारोह में मौजूद सैकड़ों दर्शकों की आँखें नम कर दी. उसकी बेहतर प्रस्तुति से प्रभावित प्राचार्य रघुनाथ ओझा ने उसकी शादी के लिए 25 हजार रुपए की आर्थिक मदद की घोषणा की. मंच पर ही अनेक लोगों ने उसे नगद राशि से भी सम्मानित किया. छात्र व छात्राओं की एक से बढ़कर एक प्रस्तुति ने दर्शकों का भरपूर मनोरंजन किया.

प्रतिभागियों को महाविद्यालय परिवार के अलावा पूर्व जिप पंकज सिंह, राजद नेता राहुल गुप्ता तथा समाजसेवी कृष्णा सिंह पहलवान द्वारा सम्मानित किया गया. समारोह में शिक्षक नेता दिनेश कुमार सिंह, चन्द्रमा सिंह, राजीव कुमार सिंह, रामा शंकर मिश्र, शाण्डिल्य आदि मौजूद थे.

स्वागत भाषण प्राचार्य रघुनाथ ओझा तथा सञ्चालन प्रो पृथ्वी नाथ ओझा ने किया.

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