Chhapra: सारण जिले के रिविलगंज प्रखंड के प्रखंड प्रमुख सह सारण शिक्षक निर्वाचन क्षेत्र के भावी एवं प्रत्याशी डॉ राहुल राज ने बिहार के शिक्षा मंत्री सुनील कुमार का अपने कार्यालय पर भव्य स्वागत किया।

सर्वप्रथम शिक्षा मंत्री के आगमन पर प्रखंड प्रमुख ने उन्हें माल्यार्पण कर एवं बुके व अंगवस्त्र के साथ हार्दिक अभिवादन किया तत्पश्चात वहां उपस्थित शिक्षक नेता व तमाम शिक्षकों ने भी माल्यार्पण कर उनका स्वागत किया।

इस दौरान बैठक में राजकीयकृत एवं उत्क्रमित विद्यालयों में कार्यरत शिक्षकों एवं शिक्षकेत्तर कर्मियों की विभिन्न समस्याओं पर चर्चा हुई तथा शिक्षकों से जुड़ी सभी प्रासंगिक मुद्दों पर गहन विचार-विमर्श किया गया।

विशिष्ट शिक्षकों के वेतन विसंगति पर उनका कहना था कि इसके समाधान के लिए वित्त विभाग में फाइल भेज दी गई है, शीघ्र ही सकारात्मक निर्णय आने पर उसे लागू किया जायेगा। इतना ही नहीं बल्कि क्षतिपूरक अवकाश के लिए ई- शिक्षाकोष पर विकल्प शीघ्र देने पर सहमति भी बनी।

बैठक में शिक्षकों के आवास-भत्ता, मंहगाई-भत्ता एवं सेवा निरन्तरता को अद्यतन करने की मांग भी रखी गई जिसके संबंध में मंत्री के द्वारा इस मुद्दे पर निदेशक माध्यमिक शिक्षा से बात कर समाधान करने की सहमति प्रदान की गई।

शिक्षा मंत्री ने अपने संबोधन में यह भी कहा कि डॉ राहुल राज जिस प्रकार शिक्षकों की समस्याओं को लेकर पूर्ण सक्रियता के साथ उन्हें विश्वास दिलाते हुए आगे बढ़ रहे हैं तथा वृहद स्तर पर उनके द्वारा किये जा रहे प्रयासों से पहली बार ऐसा लग रहा है कि इस क्षेत्र को एक ईमानदार प्रतिनिधि मिलने जा रहा है जो शिक्षकों के वर्तमान व भविष्य दोनों को सुरक्षित करेगा।

डॉ राहुल राज ने शिक्षा मंत्री का धन्यवाद करते हुए कहा कि उनका यह आगमन शिक्षा जगत में नई ऊर्जा का संचार करेगा और प्रदेश के युवाओं को मार्गदर्शन एवं प्रेरणा से सशक्त बनाएगा।

इस मौके पर मकसूद आलम अंसारी, अजय यादव, पुनीत रंजन, प्रभु बैठा, नसीम अख्तर, सफदर अली, प्रकाश, झुन्नु कुमार अर्णज, बृजभूषण, शशि, शाहनवाज हुसैन आदि प्रमुख शिक्षक नेता मौजूद रहें।

Chhapra: बिहार सरकार राज्य के सभी कोटि के अनुदानित शिक्षण संस्थाओं तथा वित्त रहित प्लस टू राष्ट्रीय इंटर कॉलेज सभी संबद्धता प्राप्त महाविद्यालय एवं अनुदानित मान्यता प्राप्त माध्यमिक विद्यालयों को वर्षों से लंबित अनुदान की राशि शीघ्र मुहैया कराए. उक्त बातें राष्ट्रीय जनता दल के प्रांतीय उपाध्यक्ष सह विधान परिषद प्रत्याशी सारण शिक्षक निर्वाचन क्षेत्र डॉ लालबाबू यादव ने प्रेस विज्ञप्ति के माध्यम से कही.

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उन्होंने कहा कि दशहरा, दीपावली, छठ एवं अन्य त्योहारों के पूर्व अगर इन संस्थानों के शिक्षक कर्मियों को सरकार द्वारा निर्धारित अनुदान की राशि जो वर्षों से लंबित है का भुगतान नहीं किया जाता है तो शिक्षक एवं उनके परिवार के सदस्य का इस बार का त्योहारी सीजन फीका हो जाएगा. उनके समक्ष गंभीर आर्थिक समस्याएं उत्पन्न हो जाएंगे.


उन्होंने कहा कि बिहार सरकार ने इन शिक्षण संस्थानों के लिए छात्रों के परीक्षा परिणाम के आधार पर वार्षिक अनुदान निर्धारित किया था. जो इंटर एवं माध्यमिक विद्यालयों के लिए अधिकतम 50 लाख एवं संबद्ध डिग्री कॉलेजों के लिए परीक्षा परिणाम के आधार पर निर्धारित किया गया था. यह चिंता का विषय है कि सरकार बजटीय प्रावधान के बावजूद इन शिक्षकों का अनुदान राशि निर्गत नहीं कर रही है. हमने कई हमने कई बाहर राज्य सरकार के शिक्षा विभाग के उच्च अधिकारियों से मिलकर शीघ्र भुगतान करने का आग्रह किया था. परंतु सरकार अभी तक इस पर ध्यान नहीं दिया है अगर शीघ्र भुगतान नहीं किया गया तो राजद शिक्षक प्रकोष्ठ अपने स्तर से इसके लिए राज्यव्यापी आंदोलन प्रारंभ करेगा.

उन्होंने कहा कि जहाँ तक नियोजित शिक्षकों का प्रश्न है राज्य सरकार और शिक्षा विभाग से उन्हें सातवें वेतनमान के आधार पर वेतन भुगतान करने में भेदभाव एवं विलंब कर रही है. आश्चर्य की बात यह है कि राज्य के निर्वाचित जनप्रतिनिधियों ने भी इस समस्या के समाधान के लिए तत्परता नहीं दिखाई है. जिसको लेकर नियोजित शिक्षकों में असंतोष है.

उन्होंने मांग किया कि नियोजित शिक्षकों के प्रति राज्य सरकार भेदभाव एवं उनकी उपेक्षा करने की नीति का त्याग करें अन्यथा हमें सदन में से लेकर सड़क तक सरकार के विरुद्ध मोर्चा खोलना होना पड़ेगा जिसकी जिम्मेवारी सरकार की होगी.

Chhapra: सारण जिला माध्यमिक शिक्षक संघ भवन के सभागार में नियोजित शिक्षकों के सातवें वेतनमान एवं सेवा शर्त नियमावली बनाने के संघर्ष हेतु बृजदेव सिंह यादव की अध्यक्षता में प्रमंडल स्तरीय कन्वेंशन का आयोजन किया गया.

कन्वेंशन में मुख्य अतिथि के रूप में बिहार माध्यमिक शिक्षक संघ के अध्यक्ष विधान पार्षद केदारनाथ पांडे एवं बिहार माध्यमिक शिक्षक संघ के शैक्षणिक परिषद संयोजक सह प्रभारी सारण प्रमंडल शशि भूषण दुबे ने शुभारम्भ किया.


कन्वेंशन में सारण, सिवान, गोपालगंज तीनों जिलों के अध्यक्ष, सचिव, राज्य कार्यकारिणी सदस्य, प्रमंडल एवं जिला कार्यकारिणी सदस्य, सभी अनुमंडल, प्रखंड अध्यक्ष, सचिव सहित माध्यमिक शिक्षक संघ के सभी नेतागण तथा प्रमंडल के शिक्षक शिक्षिकाओं ने भाग लिया.

संघर्ष के तीसरे चरण में प्रमंडल स्तरीय कन्वेंशन में नियोजित शिक्षकों के वेतनमान एवं सेवा शर्त नियमावली हेतु मुख्य रूप से विस्तार से चर्चा की गई. साथ ही आगे की रणनीति में शिक्षकों से संघर्ष हेतु तत्पर एवं जागरूक होकर भावी संघर्ष को प्रभावी बनाने की अपील की गई.

इस अवसर पर प्रमंडल सचिव चंद्रमा सिंह, राजाजी राजेश, विद्यासागर विद्यार्थी, सुनील कुमार आदि उपस्थित थे.

Chhapra: जयप्रकाश विश्वविद्यालय स्नातकोत्तर शिक्षक संघ के सचिव एवम बिहार शिक्षा मंच के संयोजक प्रो० रणजीत कुमार ने बिहार विद्यालय परीक्षा समिति के अध्यक्ष आनंद किशोर को सम्बोधित पत्र में उच्चत्तर माध्यमिक शिक्षक पात्रता परीक्षा में वाणिज्य एंवम सामाजिक विज्ञान के प्रशिक्षित छात्रों को वंचित रखने के निर्णय पर पुनः विचार करने का आग्रह किया है.

प्रो० कुमार ने कहा है कि बिहार विद्यालय परीक्षा समिति, पटना के द्वारा 7 सितंबर 2019 को माध्यमिक शिक्षक पात्रता परीक्षा हेतु जो रिक्तियां प्रकाशित की गई है उसमे उच्चत्तर माध्यमिक विद्यालयों हेतु जो विषयवार रिक्तियां प्रकाशित की गई है, उसमे वाणिज्य एंवम सामाजिक विज्ञान से सम्बंधित किसी विषय में रिक्ति नही दर्शायी गयी है.

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STET की 7 साल तक मान्यता है और सरकार के निदेशानुसार अधिकांश उत्क्रमित उच्च विद्यालयों को उच्चत्तर माध्यमिक विद्यालय बनाने की घोषणा हो चुकी है. जहाँ बड़ी संख्या में वाणिज्य एंवम सामाजिक विज्ञान से सम्बंधित शिक्षकों की जरूरत पड़ेगी. पुनः STET हेतु उच्चत्तर माध्यमिक शिक्षक बनने के लिए 37 वर्ष की अधिकतम उम्र सीमा निर्धारित की गई है. जबकी बहुत सारे माध्यमिक शिक्षक उच्च माध्यमिक शिक्षक बनने हेतु परीक्षा में शामिल होना चाहते हैं. लेकिन उम्र सीमा आड़े आ रही है. पुनः जो माध्यमिक शिक्षक निर्धारित अहर्ता पूरा करते है, उनके लिये 25 प्रतिशत सीटे आरक्षित किया जाना चाहिए.

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उन्होंने कहा कि विज्ञापन में 2018 तक बी.एड. उतीर्ण अभ्यर्थियों को ही आवेदन करने का मौका दिया जा रहा हैं. जबकि सैकड़ो छात्रों ने सत्र 2017-19 में बी.एड.की परीक्षा उतीर्ण किया है. इन छात्रों को आवेदन करने के अधिकार से वंचित किया जाना नैसर्गिक न्याय के खिलाफ है.


उपर्युक्त तथ्यों के आलोक में उन्होंने आग्रह किया है कि वाणिज्य एंवम सामाजिक विज्ञान संकाय के योग्य अभ्यर्थियों को भी आवेदन करने का मौका दिया जाय. माध्यमिक शिक्षक के रूप में कार्यरत अभ्यर्थियों के लिए विषयवार 25 प्रतिशत पद आरक्षित रखे जाए तथा आवेदन की अधिकतम उम्र सीमा 37 वर्ष के स्थान पर 40 वर्ष निर्धारित किया जाए. यदि माध्यमिक शिक्षक उच्चत्तर माध्यमिक शिक्षक के पद पर चयनित होते है तो उनकी सेवा निरंतरता बनी रहनी चाहिए. सत्र 2017- 19 में बी.एड. उतीर्ण छात्रों को भी आवेदन का मौका दिया जाना चाहिए. आवेदन करने की अवधि 15 दिनों तक विस्तारित किया जाए ताकि उपयुक्त मुद्दों पर सकारात्मक निर्णय लिया जा सके. उन्होंने कहा कि उम्मीद है छात्र एंवम शिक्षक हित मे सकारात्मक निर्णय लेंगे.

Chhapra: बिहार राज्य शिक्षक संघर्ष समन्वयक समिति के आह्वान पर सारण शिक्षक संघर्ष समन्वय समिति ने छपरा सदर प्रखंड में शनिवार को 11 बजे से दिन मे समान काम समान वेतन सहित अन्य मांग को लेकर एकदिवसीय धरना कार्यक्रम आयोजित किया गया. धरना के माध्यम से प्रखंड विकास पदाधिकारी को निम्नांकित मांगों से संबंधित ज्ञापन सौंपा गया.

शिक्षकों ने अपनी मांगों मे पुराने नियमित शिक्षकों की भांति नियोजित शिक्षकों को वेतनमान एवं हु बहु सेवा शर्त लागू किया जाए. सामान्य भविष्य निधि हेतु जीवन बीमा से शिक्षकों को अच्छादित किया जाए. पुरानी पेंशन योजना लागू की जाए. शिक्षकों के अप्रशिक्षित आश्रितों को अनुकंपा के आधार पर नियुक्त किया जाए. शहरी क्षेत्र में कार्यरत नियोजित शिक्षकों को भी परिवहन भत्ता का भुगतान किया जाए. समान स्कूल प्रणाली लागू हो. गैर शैक्षणिक कार्यों से शिक्षकों को मुक्त किया जाए.

इस कार्यक्रम मे जिला के सभी संगठन एक साथ एक बैनर तले समन्वय समिति बनाकर सरकार के विरूद्घ अपनी अवाज बुलन्द किया. धरना स्थल कार्यक्रम को शिक्षक नेता विश्वजीत सिंह चंदेल, सुरेन्द्र कुमार सिंह, कामेश्वर राय, हरि बाबा, सुमन कुमार, आतंक कुमार आदि ने संबोधित किया.

छपरा: अब विद्यालय में आने वाले मध्याहन भोजन योजना के तहत चावल के खाली बोरी का हिसाब गुरूजी रखेंगे. खाली बोरी के हिसाब से मिलने वाली राशि को एमडीएम योजना के मद में जोड़ा जायेगा जिसे खर्च किया जायेगा.

बिहार मध्याहन भोजन योजना के निदेशक ने सभी जिला कार्यक्रम पदाधिकारी ( मध्याहन भोजन ) को पत्र भेज कर यह कार्य शुरू करने का निर्देश दिया है. इस पत्र के द्वारा विद्यालय में आने वाले मध्याहन भोजन योजना के तहत चावल के प्रयोग के बाद खाली पड़े बोरी को अनिवार्य रूप से रखना होगा. प्राप्त बोरी को न्यूनतम 10 रूपये के निर्धारित मूल्य पर बेचकर इसकी राशि को मध्याहन भोजन योजना के मद में जमा की जाएगी. mdm

पत्र के अनुसार प्राप्त राशि का संधारण मध्याहन भोजन रोकड़ बही में लिखना होगा. इसके साथ साथ पूर्व से भी प्राप्त बोरी का हिसाब 10 रुपया की दर से करते हुए रोकड़ भी में लिखना होगा. साथ ही इस राशि  की सूचना जिला कार्यालय को अनिवार्य रूप से देनी होगी. जहाँ से राज्य कार्यालय को सूचना दी जाएगी.

इसके अलावे केंद्रीकृत रसोईघर से परिवहन और ढुलाई मद से 10 रुपया प्रति खाली बोरी या राज्य खाद्य  निगम द्वारा निर्धारित से कट कर भुगतान किया जायेगा. इससे प्राप्त राशि को मध्याहन भोजन योजना के जिला कार्यक्रम पदाधिकारी द्वारा प्रबंधन , अनुश्रवण और मूल्यांकन मद में इस्तेमाल किया जायेगा.