छपरा: अब विद्यालय में आने वाले मध्याहन भोजन योजना के तहत चावल के खाली बोरी का हिसाब गुरूजी रखेंगे. खाली बोरी के हिसाब से मिलने वाली राशि को एमडीएम योजना के मद में जोड़ा जायेगा जिसे खर्च किया जायेगा.
बिहार मध्याहन भोजन योजना के निदेशक ने सभी जिला कार्यक्रम पदाधिकारी ( मध्याहन भोजन ) को पत्र भेज कर यह कार्य शुरू करने का निर्देश दिया है. इस पत्र के द्वारा विद्यालय में आने वाले मध्याहन भोजन योजना के तहत चावल के प्रयोग के बाद खाली पड़े बोरी को अनिवार्य रूप से रखना होगा. प्राप्त बोरी को न्यूनतम 10 रूपये के निर्धारित मूल्य पर बेचकर इसकी राशि को मध्याहन भोजन योजना के मद में जमा की जाएगी.
पत्र के अनुसार प्राप्त राशि का संधारण मध्याहन भोजन रोकड़ बही में लिखना होगा. इसके साथ साथ पूर्व से भी प्राप्त बोरी का हिसाब 10 रुपया की दर से करते हुए रोकड़ भी में लिखना होगा. साथ ही इस राशि की सूचना जिला कार्यालय को अनिवार्य रूप से देनी होगी. जहाँ से राज्य कार्यालय को सूचना दी जाएगी.
इसके अलावे केंद्रीकृत रसोईघर से परिवहन और ढुलाई मद से 10 रुपया प्रति खाली बोरी या राज्य खाद्य निगम द्वारा निर्धारित से कट कर भुगतान किया जायेगा. इससे प्राप्त राशि को मध्याहन भोजन योजना के जिला कार्यक्रम पदाधिकारी द्वारा प्रबंधन , अनुश्रवण और मूल्यांकन मद में इस्तेमाल किया जायेगा.