Chhapra: शारदीय नवरात्र का पावन पर्व आज से आरंभ हो गया है। सुबह से ही पूरे देश में घरों, मंदिरों और पूजा पंडालों में भक्तों ने कलश स्थापना कर मां दुर्गा की आराधना शुरू की। श्रद्धालु व्रत रखकर, मंत्र-जाप और भजन-कीर्तन के साथ भक्ति में लीन नजर आए। वातावरण मां दुर्गा के जयकारों और घंटा-घड़ियाल की ध्वनि से गूंज उठा।

मां शैलपुत्री की आराधना

नवरात्र के प्रथम दिन मां शैलपुत्री की पूजा का विशेष महत्व होता है। इन्हें पर्वतराज हिमालय की पुत्री कहा गया है, इसी कारण नाम पड़ा “शैलपुत्री”। माता वृषभ पर सवार होकर एक हाथ में त्रिशूल और दूसरे हाथ में कमल पुष्प धारण किए अपने भक्तों को दर्शन देती हैं। मान्यता है कि मां शैलपुत्री की उपासना से साधक को दृढ़ता, शांति और सुख-समृद्धि की प्राप्ति होती है। इस अवसर पर भक्तजन उपवास रखते हैं और दुर्गा सप्तशती पाठ के साथ विशेष अनुष्ठान कर मां से आशीर्वाद प्राप्त करते हैं।

नौ दिनों तक मां के नौ रूपों की साधना

नवरात्र के नौ दिनों में मां दुर्गा के अलग-अलग स्वरूपों की पूजा-अर्चना की जाती है। पहले दिन शैलपुत्री, दूसरे दिन ब्रह्मचारिणी, तीसरे दिन चंद्रघंटा, चौथे दिन कूष्मांडा, पांचवें दिन स्कंदमाता, छठे दिन कात्यायनी, सातवें दिन कालरात्रि, आठवें दिन महागौरी और नवें दिन सिद्धिदात्री की पूजा का विधान है। इन नौ रूपों की साधना कर भक्त अपने जीवन से नकारात्मकता को दूर कर दिव्यता और शक्ति की प्राप्ति करते हैं।

मंदिरों और पंडालों में रौनक

नवरात्र को लेकर मंदिरों और पूजा पंडालों में विशेष सजावट की गई है। जगह-जगह भव्य पंडाल बनाए गए हैं, जिनमें मां दुर्गा की मनमोहक प्रतिमाएं स्थापित की गई हैं। रोशनी, सजावट और भक्ति गीतों से पूरा माहौल आध्यात्मिक रंग में रंग गया है। श्रद्धालु परिवार सहित पंडालों में पहुंचकर मां के दर्शन कर रहे हैं और भजन-कीर्तन में शामिल हो रहे हैं।

प्रशासन की तैयारियां

त्योहार को लेकर प्रशासन भी पूरी तरह सतर्क है। भीड़-भाड़ वाले क्षेत्रों और बड़े पंडालों में सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी गई है। सफाई और बिजली आपूर्ति पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। कई जगहों पर महिला सुरक्षा बल और स्वयंसेवक भी तैनात किए गए हैं ताकि श्रद्धालुओं को किसी प्रकार की असुविधा का सामना न करना पड़े।

धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व

शारदीय नवरात्र न केवल धार्मिक आस्था का प्रतीक है, बल्कि यह भारतीय संस्कृति और परंपराओं का भी महत्वपूर्ण हिस्सा है। मान्यता है कि इसी काल में मां दुर्गा ने महिषासुर का वध कर धर्म और सत्य की स्थापना की थी। इसलिए नवरात्र को शक्ति की उपासना का पर्व कहा जाता है। यह पर्व भक्ति, तप और आत्मशुद्धि का अवसर भी है।

आस्था और विश्वास का पर्व

नवरात्र के दिनों में भक्त मां दुर्गा से सुख, शांति, स्वास्थ्य और समृद्धि की कामना करते हैं। मान्यता है कि मां की सच्चे मन से की गई उपासना से जीवन के कष्ट दूर होते हैं और सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है। पंडालों और मंदिरों में उमड़ी भीड़ यह दर्शाती है कि मां की भक्ति लोगों के हृदय में गहराई तक रची-बसी है।

बर्मिंघम में 28 जुलाई से शुरू हो रहे राष्ट्रमंडल खेलों (Commonwealth Games) के 12 लाख टिकट बिक चुके हैं और आयोजकों का कहना है कि स्थानीय जनता भारत और पाकिस्तान की महिला क्रिकेट टीमों के बीच होने वाले मैच में काफी रूचि ले रही है.

महिला क्रिकेट राष्ट्रमंडल खेलों में पदार्पण करने जा रहा है और भारत-पाकिस्तान का मुकाबला 31 जुलाई को होगा. बर्मिघम में भारत और पाकिस्तान मूल के काफी लोग रहते हैं. बर्मिंघम खेलों के सीईओ इयान रीड ने कहा कि सेमीफाइनल और फाइनल के टिकट बिक चुके हैं और भारत-पाकिस्तान मैच में भी स्टेडियम पूरा भरा रहने की उम्मीद है. उन्होंने कहा , मैं खुद क्रिकेट का मुरीद हूं.

भारत और पाकिस्तान एक ही ग्रुप में है तो यहां लोगों की उस मैच में काफी दिलचस्पी है. भारतीय पुरुष टीम हाल ही में यहां खेलकर गई है और अब यह मैच आकर्षण का केंद्र होग. उन्होंने कहा , सेमीफाइनल और फाइनल के टिकट बिक चुके हैं. उम्मीद है कि भारत और इंग्लैंड उसमें खेलेंगे. भारत और पाकिस्तान मैच के टिकट भी लगभग बिक चुके हैं.

नई दिल्ली:  देश में कोरोना वायरस के नए मरीज लगातार बढ़ रहे हैं। पिछले 24 घंटे में गुरुवार सुबह आठ बजे तक देश में कोरोना के 21,566 नए मरीज मिले हैं। इस अवधि में कोरोना महामारी को मात देने वाले लोगों की संख्या 18,294 है।

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक देश में कोरोना वायरस से ठीक होने वालों की कुल संख्या 04 करोड़ 31 लाख 50 हजार 434 हो गई है। इस दौरान रिकवरी दर 98.46 प्रतिशत हो गई। फिलहाल देश में सक्रिय मरीजों की संख्या एक लाख 48 हजार 881 है। जबकि दैनिक संक्रमण दर 4.25 प्रतिशत है।

आईसीएमआर के मुताबिक बीते 24 घंटों में 5 लाख 07 हजार से ज्यादा टेस्ट किए गए। अबतक कुल 87 करोड़ 11 लाख टेस्ट किए जा चुके हैं।

New Delhi: देश के लोगों को आज यानी गुरुवार को पता चल जायेगा कि देश का 16वां राष्ट्रपति कौन होगा. राष्ट्रपति चुनाव के लिए 18 जुलाई को मतदान हो चुका है. गुरुवार की सुबह 11 बजे दिल्ली में संसद भवन में मतगणना शुरू होगी. केंद्र में सत्तारूढ़ राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) की ओर से द्रौपदी मुर्मू, जबकि विपक्ष की तरफ से यशवंत सिन्हा उम्मीदवार हैं. मुर्मू के पक्ष में कई राज्यों में विपक्षी दलों के विधायकों ने क्रॉस वोटिंग भी की है. ऐसे में राजग उम्मीदवार के पक्ष में करीब 61.5 प्रतिशत से ज्यादा वोट पड़ने के आसार हैं.

राष्ट्रपति चुनाव के लिए 18 जुलाई को मतदान हो चुका है और गुरुवार को पूर्वाह्न 11 बजे यहां संसद भवन में मतगणना शुरू होगी. सत्तारूढ़ राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) की ओर से द्रौपदी मुर्मू जबकि विपक्ष की तरफ से यशवंत सिन्हा उम्मीदवार हैं. मुर्मू की जीत की काफी संभावना जतायी जा रही है.

नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने अग्निपथ योजना को चुनौती देने वाली सभी याचिकाएं दिल्ली हाई कोर्ट को सुनवाई के लिए ट्रांसफर कर दीं। जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली बेंच ने कहा कि बाकी हाई कोर्ट के याचिकाकर्ता चाहें तो दिल्ली हाई कोर्ट में चल रहे मामले में दखल का आवेदन दे सकते हैं।

सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान सॉलिसीटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि केरल, पटना, दिल्ली समेत कई हाई कोर्ट में याचिकाएं लंबित हैं। या तो हम सबको यहां ट्रांसफर करने का आवेदन दें या दिल्ली हाई कोर्ट को कहें कि अपने पास लंबित केस जल्द सुन ले। इससे सुप्रीम कोर्ट के सामने एक फैसला होगा। तब कोर्ट ने कहा कि हम यह भी कह सकते हैं कि दिल्ली हाई कोर्ट ही सब केस सुन ले। कोर्ट ने कहा कि इतनी जगह सुनवाई सही नहीं होगी।

सुप्रीम कोर्ट में अग्निपथ योजना को लेकर तीन याचिकाएं दाखिल की गई थीं। एक याचिका वकील हर्ष अजय सिंह ने दायर की है। याचिका में सरकार से इस योजना पर दोबारा विचार करने की मांग की गई है। इसमें कहा गया है कि सरकारी खजाने पर बोझ कम करने की कवायद में राष्ट्रीय सुरक्षा से समझौता न हो। चार साल बाद रिटायर्ड हुए अग्निवीर बिना किसी नौकरी के गुमराह हो सकते हैं।

दूसरी याचिका वकील मनोहर लाल शर्मा और तीसरी याचिका वकील विशाल तिवारी ने दायर की है। शर्मा की याचिका में अग्निपथ योजना को चुनौती देते हुए कहा गया है कि ये योजना बिना संसद की मंजूरी के लाई गई है। तिवारी की याचिका में अग्निपथ योजना का सेना पर होने वाले प्रभाव और उसके खिलाफ हुई हिंसा और तोड़फोड़ की जांच की मांग की गई है। इस मामले में केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में कैविएट दाखिल किया था। केंद्र ने कहा था कि बिना हमारा पक्ष सुने कोई एकतरफा आदेश जारी नहीं किया जाए।

जम्मू: जम्मू के आधार शिविर भगवती नगर से मंगलवार सुबह करीब चार बजे 4898 अमरनाथ तीर्थयात्रियों का एक और जत्था कड़े सुरक्षा प्रबंधों के साथ पहलगाम तथा बालटाल के लिए रवाना हो गया।

यह जत्था छोटे- बड़े कुल 159 वाहनों से रवाना हुआ। इस जत्थे में 3416 पुरुष, 1278 महिलाएं, 23 बच्चे, 117 साधु, 57 साध्वी शामिल हैं। अब तक इस शिविर से 1,20,552 श्रद्धालु अमरनाथ रवाना हो चुके हैं। पिछले दो दिनों में 35 हजार से भी ज्यादा शिवभक्तों ने पवित्र शिवलिंगम के दर्शन किए हैं।

नई दिल्ली: बॉलीवुड के मशहूर गायक और गजल लेखक भूपेंद्र सिंह के निधन पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी सहित कई बड़े नेताओं ने दु:ख व्यक्त किया है। गायक भूपेन्द्र का सोमवार शाम को मुंबई के एक अस्पताल में निधन हो गया था। 82 वर्षीय भूपेन्द्र लंबे समय से बीमार चल रहे थे।

सोमवार देर रात प्रधानमंत्री मोदी ने ट्वीट कर गायक भूपेन्द्र सिंह की मौत पर दु:ख व्यक्त किया। प्रधानमंत्री ने ट्वीट किया कि दशकों से यादगार गीत देने वाले भूपिंदर सिंह के निधन से व्यथित हूं। उनके काम ने कई लोगों को प्रभावित किया। इस दुख की घड़ी में मेरी संवेदनाएं उनके परिवार और प्रशंसकों के साथ हैं। ओम् शांति।

गायक भूपेन्द्र के निधन पर भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने भी ट्वीट का शोक जताया। उन्होंने अपने ट्वीट में लिखा, ‘महान गायक भूपिंदर सिंह के निधन के बारे में सुनकर दुख हुआ। उनकी शाही आवाज ने हमें वर्षों तक मंत्रमुग्ध कर दिया है और उनकी विरासत उनके अमर संगीत के माध्यम से हमेशा जीवित रहेगी। मेरे विचार और प्रार्थनाएं उनके परिवार और प्रियजनों के साथ हैं।‘

महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस ने ट्वीट कर भूपिंदर सिंह के निधन पर दु:ख व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि संगीत के क्षेत्र में उनके योगदान को हमेशा याद किया जाएगा। उनके परिवार, दोस्तों और प्रशंसकों के प्रति मेरी गहरी संवेदना है। ओम शान्ति।

नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस सूर्यकांत की अध्यक्षता वाली बेंच आज (मंगलवार) भाजपा से निलंबित की जा चुकीं पूर्व प्रवक्ता नूपुर शर्मा की नई याचिका पर सुनवाई करेगी। इसमें पैगम्बर मोहम्मद पर विवादित टिप्पणी पर दर्ज सभी एफआईआर दिल्ली ट्रांसफर करने और गिरफ्तारी पर रोक लगाने की मांग की गई है।

नूपुर शर्मा ने कहा है कि इससे पहले उनकी मांग को ठुकराते हुए सुप्रीम कोर्ट कड़ी टिप्पणी कर चुका है। अब उनके जीवन को और अधिक खतरा बढ़ गया है। दुष्कर्म और हत्या की धमकी मिल रही है। उल्लेखनीय है कि 01 जुलाई को सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि नूपुर को पूरे देश से माफी मांगनी चाहिए। वह हाई कोर्ट जाएं।

सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि नूपुर के बयान से देश उबल गया है। नूपुर को खतरा है या उनके बयान से देश खतरे में पड़ गया है।नूपुर ने जिसके खिलाफ टिप्पणी की उसे गिरफ्तार कर लिया गया लेकिन नूपुर के खिलाफ अब तक कुछ नहीं हुआ। आपने देर से माफी मांगी। आपने माफी मांगने में काफी देर कर दी। तब नूपुर शर्मा की ओर से कहा गया था कि उनकी टिप्पणी एक्शन का रिएक्शन था। उनका किसी के अपमान का इरादा नहीं था। इस पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि सत्ता की ताकत दिमाग पर हावी नहीं होनी चाहिए। नूपुर शर्मा को क्यों नहीं गिरफ्तार किया गया। शायद दिल्ली पुलिस ने रेड कॉरपेट बिछा रखा है।

– दोनों की 16वें दौर की सैन्य वार्ता बेनतीजा, नहीं निकला विवादित मुद्दों का समाधान
– पूर्वी लद्दाख में सभी विवादित इलाकों से सैनिकों की वापसी के लिए चीन पर बनाया दबाव

नई दिल्ली: भारत और चीन के बीच 17 जुलाई को साढ़े 12 घंटे हुई 16वें दौर की कोर कमांडर स्तर की बैठक के बाद साझा बयान जारी किया गया है। इसमें स्वीकार किया गया है कि भारतीय इलाके के चुशूल-मोल्दो बॉर्डर मीटिंग प्वाइंट पर हुई बैठक विवादित मुद्दों को हल करने में नाकाम रही, लेकिन दोनों पक्ष जल्द ही पारस्परिक रूप से स्वीकार्य समाधान पर पहुंचने के लिए बातचीत जारी रखने पर सहमत हुए। वार्ता के दौरान भारत ने पूर्वी लद्दाख में सभी विवादित इलाकों से सैनिकों की शीघ्र वापसी के लिए दृढ़ता से दबाव डाला और यथास्थिति बहाल करने की मांग को दोहराया।

भारत और चीन के बीच पिछली बैठक 11 मार्च को हुई थी, जिसके बाद दोनों पक्षों ने 16वें दौर की वार्ता के दौरान पश्चिमी क्षेत्र में एलएसी के साथ विवादित मुद्दों का समाधान करने के लिए रचनात्मक तरीके से चर्चा जारी रखी। शेष मुद्दों का जल्द से जल्द समाधान करने के लिए विचारों का स्पष्ट और गहन आदान-प्रदान किया। दोनों पक्ष सैन्य और राजनयिक चैनलों के माध्यम से आगे भी बातचीत जारी रखने और जल्द से जल्द शेष मुद्दों का पारस्परिक रूप से स्वीकार्य समाधान निकालने पर सहमत हुए। दोनों पक्ष क्षेत्र में सुरक्षा और स्थिरता बनाए रखने के लिए भी सहमत हुए।

भारत और चीन के बीच रविवार को 12 घंटे की लंबी चर्चा के बाद साझा बयान में कहा गया है कि लंबित मुद्दों के समाधान से पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर शांति और शांति बहाल करने में मदद मिलेगी और द्विपक्षीय संबंधों में प्रगति को सक्षम बनाया जा सकेगा। आधिकारिक सूत्रों ने कहा कि वार्ता में भारत ने पूर्वी लद्दाख क्षेत्र के सभी विवादित बिंदुओं से सैनिकों को जल्द से जल्द हटाने के लिए जोर दिया और सैन्य गतिरोध शुरू होने से पहले अप्रैल, 2020 वाली यथास्थिति बहाल करने की मांग को दोहराया।

संयुक्त बयान में यह भी कहा गया है कि दोनों पक्ष पूर्वी लद्दाख में जमीन पर सुरक्षा और स्थिरता बनाए रखने के लिए सहमत हुए। वार्ता से पहले हॉट स्प्रिंग्स क्षेत्र में पेट्रोलिंग प्वाइंट-15 पर विघटन प्रक्रिया में प्रगति होने की उम्मीदें थीं। भारतीय प्रतिनिधिमंडल ने डेप्सांग बुलगे और डेमचोक में लंबित मुद्दों के समाधान की भी मांग रखी। भारत लगातार इस बात पर कायम रहा है कि एलएसी पर शांति द्विपक्षीय संबंधों के समग्र विकास के लिए महत्वपूर्ण है। वार्ता के दौरान भारत ने पूर्वी लद्दाख में सभी विवादित इलाकों से सैनिकों की शीघ्र वापसी के लिए दृढ़ता से दबाव डाला और यथास्थिति बहाल करने की मांग को दोहराया।

भारतीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व लेह स्थित 14 कोर के कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल अनिंद्य सेनगुप्ता ने किया, जबकि चीनी टीम का नेतृत्व दक्षिण शिनजियांग सैन्य जिला प्रमुख मेजर जनरल यांग लिन कर रहे थे। सैन्य और कूटनीतिक वार्ता की एक श्रृंखला के परिणामस्वरूप दोनों पक्षों ने पिछले साल पैन्गोंग झील के उत्तर और दक्षिण तट पर और गोगरा क्षेत्र से अपने-अपने सैनिक पीछे किये थे। पैन्गोंग झील क्षेत्रों में हिंसक झड़प के बाद 5 मई, 2020 को पूर्वी लद्दाख सीमा गतिरोध शुरू हो गया। इसके बाद दोनों पक्षों ने धीरे-धीरे हजारों सैनिकों के साथ-साथ भारी हथियारों को लेकर अपनी तैनाती बढ़ा दी। मौजूदा समय में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) के संवेदनशील इलाकों में भारत और चीन के लगभग 50-60 हजार सैनिक तैनात हैं।

नई दिल्ली: देश में मंकीपॉक्स का दूसरा मरीज मिलने के साथ ही केंद्र सरकार हरकत में आ गई है। सरकार ने अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डों और बंदरगाहों के प्रवेश स्थानों पर निगरानी बढ़ाने के निर्देश दिए हैं। इसका मकसद मंकीपॉक्स के मरीजों की पहचान समय पर करना और उनका इलाज सुनिश्चित करना है। इस संबंध में सोमवार देरशाम केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के अधिकारियों ने एयरपोर्ट एवं बंदरगाहों पर निगरानी गतिविधियों की समीक्षा की। इस बैठक में एयरपोर्ट और बंदरगाहों के स्वास्थ्य अधिकारियों और क्षेत्रीय कार्यालयों के निदेशक शामिल हुए।

केन्द्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय के अधिकारी ने बताया कि राज्यों के एयरपोर्ट और बंदरगाहों के स्वास्थ्य अधिकारियों को मंकीपॉक्स रोग के जोखिम को कम करने के लिए सभी अंतरराष्ट्रीय यात्रियों की स्वास्थ्य जांच सुनिश्चित करने की सलाह दी गई है। इससे पहले केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने मंकीपॉक्स के प्रबंधन के लिए विस्तृत दिशा-निर्देश जारी किया था। केन्द्र ने राज्यों को मंकीपॉक्स से निपटने के लिए क्लीनिकल मैनेजमेंट और ट्रीटमेंट करने की सलाह दी है । विदेश से लौटे यात्रियों को बीमार व्यक्तियों और पशुओं से दूर रहने की सलाह दी गई है। इसके साथ संक्रमित मरीजों को समय पर एकांतवास में भेजने और उसका इलाज सुनिश्चित करने के लिए सभी उपाय करने को कहा है।

उल्लेखनीय है कि सोमवार को देश में मंकीपॉक्स के दूसरे मरीज की पुष्टि हुई है। 31 वर्षीय एक व्यक्ति हाल ही में दुबई से लौटा था। इससे पहले भी 35 वर्षीय व्यक्ति में मंकीपॉक्स की पुष्टि हुई थी। दोनों मरीजों की हालत स्थिर है।

Input हिन्दुस्थान समाचार

नई दिल्ली: देश में अबतक 200.33 करोड़ से अधिक कोरोनारोधी टीके लगाए जा चुके हैं। पिछले 24 घंटे में 27 लाख से ज्यादा टीके लगाए गए।

केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक राज्यों एवं केंद्रशासित प्रदेशों को कोरोनारोधी टीके की कुल 193.53 करोड़ खुराक उपलब्ध कराई गई है। इसमें से राज्यों के पास अब भी टीके की 8 करोड़ 84 लाख खुराक मौजूद है।

Chhapra : शहर में नगर निगम द्वारा जांच अभियान चलाकर प्लास्टिक व पॉलीथिन का इस्तेमाल कर रहे दुकानदारों के खिलाफ कार्रवाई की गयी. सहायक अभियंता कुंदन कुमार के नेतृत्व में शहर के नगरपालिका चौक, थाना चौक, सरकारी बाजार, साहेबगंज, मौना आदि इलाकों के दुकानों में जाकर टीम ने जांच पड़ताल की. इस दौरान आधा दर्जन दुकानदारों से जुर्माना भी वसूला गया. वहीं जिन दुकानदारों के पास पॉलीथिन मिला, उसे टीम ने जब्त कर लिया. विदित हो कि एक जुलाई से ही प्लास्टिक पर बैन लग गया है. वहीं नगर निगम द्वारा हाल के दिनों में दुकानदारों को कपड़े का झोला इस्तेमाल करने को लेकर जागरूक भी किया जा रहा है. इसी बीच सूचना मिली थी कि कई दुकानदार अभी भी चोरी छिपे पॉलीथिन का इस्तेमाल कर रहे है.

जिसके बाद नगर आयुक्त संजय कुमार उपाध्याय के निर्देश पर एक टीम बनायी गयी. नगर आयुक्त ने इस संदर्भ में बताया कि यह टीम आगे भी शहर के विभिन्न बाजारों में जाकर कार्रवाई करेगी. वहीं सहायक अभियंता ने कहा कि पहले दिन अधिकतर दुकानदारों को जागरूक करते हुए पॉलीथिन के इस्तेमाल न करने की सलाह दी गयी. उन्होंने बताया कि सौ माइक्रोन से कम मोटाई वाले प्लास्टिक का इस्तेमाल नहीं करना है. जुर्माने के रूप में छोटे दुकानदारों से पांच सौ रुपये लिये जायेंगे. जबकि बड़े दुकानदारों से दो हजार रुपये तक के फाइन का प्रावधान है. कार्रवाई के दौरान नगर निगम के सिटी मैनेजर नीरज कुमार झा, असगर अली, संजय कुमार राम, नसीम समेत नगर थाना के पुलिस कर्मी भी मौजूद रहे.