Saran:  सारण सांसद राजीव प्रताप रूडी ने बिहार में आने वाली बाढ़ से संबंधित मुद्दे को लोकसभा में उठाया.   उन्होंने एक नये संदर्भ को रेखांकित करते हुए सरकार का ध्यान आकृष्ट किया. सांसद रूडी ने कहा कक राज्य सरकार और केंद्र सरकार मिलकर ऐसा प्रयास करे कि बिहारवासियों को हर वर्ष आने वाली बाढ़ की विभीषिका से मुक्ति मिल सके. सांसद ने कहा कि खेती और सिंचाई के लिए जो नहरें, प्राकृतिक नदी-नाले, बरसाती नदियां और कृषि विभाग द्वारा जो आहर पईन का निर्माण किया गया था, उन सब पर काफी हद तक अतिक्रमण हो चुका है.

उन्होंने कहा कि गंडक का पानी बांध टूटने के बाद सारण तक आकर जमा हो गया, जहां तटबंध टूटा वहां कोई पानी जमा नहीं हुआ, पानी बहते हुए अपने अंतिम छोर पर जमा हो गया.  गंगा और गंडक में जाने वाले पानी का अंतिम छोर पर जलजमाव मूलतः पानी के बहाव के प्राकृतिक स्रोतों के अतिक्रमण के कारण हुआ.

केंद्र से उन्होंने आग्रह किया कि केंद्र सरकार एक ऐसा मॉडल कानून बनाये कि लोग आहर पईन, प्राकृतिक नदी नालों को भरकर अतिक्रमण न करें, उसे सड़क का रूप न दें या उसपर आवास न बनायें, जिससे यह कानून देश में सभी राज्य लागू कर सकें. विदित हो कि इस संदर्भ में सांसद रुडी ने राज्य सरकार को अवगत कराया था और इसका विस्तृत प्रस्ताव बनाकर भेजा था. श्री रुडी के प्रस्ताव के अनुरूप राज्य सरकार ने राज्य के सभी जिलाधिकारियों को आदेश निर्गत करते हुए प्राकृतिक नदी-नालों और पुराने समय में बने आहर-पईन को चिन्हित करते हुए उसकी सूची सरकार को उपलब्ध कराने का निर्देश दिया था.  परन्तु इस संदर्भ में कोई कानून न होने के कारण इस पर कोई यथोचित कार्रवाई नहीं हो पाई और आज भी पुराने आहर-पईन को सड़क दिखाकर जमीन की रजिस्ट्री हो रही है इसपर कोई रोक नहीं लग पाया.


सांसद रुडी ने बताया कि अतिक्रमण के कारण सारण जिला में तेल, महि, डबरा आदि कई नदियां है, जिनका अस्तित्व मिट चुका है या मिटने की कगार पर है. उन्होंने कहा जब नेपाल से डैम से पानी छोड़ा जाता था, तब वह प्राकृतिक नदी नालों से होकर खेतों में सिंचाई के काम में आ जाता था और रिहायशी इलाकों को क्षति नहीं पहुंचती थी. वर्तमान में वो प्राकृतिक स्रोत अतिक्रमित हो गये है, उनपर सड़कें बन गई है और लोग घर बनाकर रह रहे है. कई जगह उनका अस्तित्व मिट गया है और पानी के बहाव का मार्ग अवरूद्ध हो गया है, जिस कारण बाढ़ का पानी निकल नहीं पाता और वहां जलजलमाव हो रहा है.

Chhapra: गोपालगंज में गंडक के सारण तटबंध टूटने के कारण सारण में संभावित बाढ़ की स्थिति को देखते हुए स्थानीय सांसद सह भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता राजीव प्रताप रुडी ने बिहार राज्य आपदा विभाग के प्रधान सचिव प्रत्यय अमृत से बात की और इससे बचाव का समुचित प्रबंध करने के लिए कहा है. सांसद ने प्रधान सचिव को इस बाबत एक पत्र भी लिखा है. साथ ही सारण के जिलाधिकारी सुब्रत कुमार सेन के अतिरिक्त सोनपुर और मढ़ौरा के एसडीओ को भी पत्र लिखकर अपनी चिंता से अवगत कराते हुए उचित प्रबंधन करने को कहा है.

उन्होंने बताया कि सारण जिले के पानापुर, तरैया, अमनौर, मकेर, परसा और दरियापुर प्रखंडों के सैकड़ों गांव तटबंध टूटने से प्रभावित हो सकते है. इसलिए संभावित स्थिति को देखते हुए जिले के सभी स्वास्थ्य केंद्रों में जीवन रक्षक औषधियों के साथ ही एसडीआरएफ की टीम और नावों की व्यवस्था सुनिश्चित किया जाय.

विदित हो कि गुरुवार की देर रात गंडक नदी का सारण तटबंध टूट गया जिससे बाढ़ का पानी बड़ी तेजी से घनी आबादी की तरफ बढ़ रहा है. इसके मद्देनजर सांसद ने बिहार के आपदा विभाग के प्रधान सचिव प्रत्यय अमृत से दूरभाष पर बात की और पत्र भी लिखा.

सांसद रुडी ने कहा कि तटबंध टूटने से बाढ़ का पानी लगातार नये गांवों की ओर तेजी से बढ़ रहा है. इससे सारण के दर्जनों पंचायतों के सैकड़ों गांवों के जलमग्न होने की स्थिति उत्पन्न हो सकती है. उन्होंने प्रधान सचिव को बताया कि कई जगह गांवों में कच्ची पक्की सड़कें जलमग्न भी हो गई है तथा हजारों घरों में पानी भी घुस गया है. लेकिन इससे पहले कि स्थिति विकराल हो सांसद ने राज्य सरकार से उचित प्रबंध शीघ्र करने को कहा है.

Chhapra: जिला स्तरीय विकास समन्वय एवं अनुश्रवण समिति (दिशा) की बैठक की अध्यक्षता करते हुए सांसद राजीव प्रताप रुडी ने कहा कि सारण जिला के किसी एक प्रखण्ड का चयन कर पायलट प्रोजेक्ट के तहत् उस प्रखण्ड के सभी विद्यालयों में वायोमेट्रिक व्यवस्था लगायी जाय और छात्रों की उपस्थिति वायोमेट्रिक से लिया जाय. इस पर जो राशि खर्च होगी उसे मेरे सांसद निधि से दिया जाएगा. यह व्यवस्था अगर सफल रहेगी तो उसका विस्तार जिले के सभी विद्यालयों में किया जायेगा.

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सांसद ने कहा कि फेज टू और फेज थ्री के तहत् बनने वाली ग्रामीण सड़कों को चिन्हित कर सूची बना ली जाय और उससे संबंधित प्रस्ताव तैयार किया जाय जिसके आधार पर भारत सरकार के ग्रामीण विकास मंत्रालय से वार्ता कर उसके लिए राशि की व्यवस्था करायी जाएगी. सरकारी जमीन की उपलब्धता पर उन्होने कहा कि जिले के हर प्रखण्ड में कहाँ-कहाँ सरकारी जमीन है उसका सर्वे करा लिया जाय और एक सूची बन जाय कि कितने का उपयोग हो रहा है और कितना खाली है.

जिला स्तरीय विकास समन्वय समिति की बैठक में जिलाधिकारी सुब्रत कुमार सेन के द्वारा पावर प्वाइंट प्रेजेन्टेशन के माध्यम से जिले में किये जा रहे विकास कार्यों और प्राप्त उपलब्धियांे के बारे विस्तार से उपस्थित सभी सदस्य गण को बताया गया. यह बैठक दो सत्रों में सम्पन्न हुयी. पहली सत्र में कुल 41 एजेण्डा थे जबकि दूसरे सत्र में 16 एजेण्डा रखा गया.

जिलाधिकारी के द्वारा सबसे पहले मनरेगा से शुरूआत की गयी. जिलाधिकारी ने बताया कि मनरेगा के तहत् इस वित्तीय वर्ष में कुल 64734 योजना को प्रारम्भ किया गया जिसमें 41082 को पूर्ण कर लिया गया जिसकी उपलब्धि 63 प्रतिशत रही है. मनरेगा के 84 प्रतिशत कर्मियांे का आधार सीडिंग कर दिया यगा है. सघन वृक्षरोपण के तहत प्रति पंयाचत में तीन यूनिट वृक्ष लगाना था. कुल 969 युनिट का लक्ष रखा गया था जिसके विरूद्ध 298 यूनिट वृक्षारोपण किया गया है. सघन वृक्षारोपण के तहत 124750 पौधे वन विभाग के माध्यम से भी लगाये गये हंै. मनरेगा के तहत् कुल 242 नए पोखरा का निमार्ण कार्य प्रारम्भ किया गया था जिसमें 161 को पूण करा लिया गया है.

जिलाधिकारी ने बताया कि गा्रमीण कार्य विभाग के द्वारा प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत् कुल 46 सड़कों का लक्ष्य रखा गया था जिसमें 44 सड़कों का निर्माण कार्य पूर्ण करा लिया गया है. धान अधिप्राप्ति पर जिलाधिकारी ने बताया कि कुल 1706 किसानों का निबंधन किया गया है जिसमें 1214 का सत्यापन कर लिया गया है और अभी तक 3 हजार क्वीटंल धान की खरीददारी की गयी है. बिहार राज्य फसल सहायता योजना के तहत 2018 में खरीफ फसल के लिए 18.31 करोड़ तथा रबी फसल के लिए 2.37 करोड़ की राशि का वितरण प्रभावित किसानांे के बीच किया गया है. जिलाधिकारी ने बताया कि पीएम-किसान के तहत् 176 करोड़ की राशि का वितरण कराया गया है और इस मामले में सारण जिला बिहार में पहले स्थान पर है.
जिलाधिकारी ने बताया कि जिला में कुल 2228 सार्वजनिक वितरण की दुकाने हैं जिसमें 2169 में पाॅस मशीन लगा दिया गया है. सभी जन वितरण प्रणाली विक्रेताओं को प्रशिक्षण दे दिया गया है. मुख्यमंत्री ग्रामीण पेयजल निश्चिय योजना के तहत् जिला के कुल 4580 वार्डों में 2039 में यह कार्य पूर्ण करा लिया गया है और अन्य सभी वार्डों यह कार्य प्रारम्भ करा दिया गया है सभी वार्डों में इसी वितीय वर्ष में यह कार्य पूर्ण करा लिया जाएगा. कराये गये कार्य की गुणवत्ता की जाँच भी जिला से टीम भेजकर करायी जा रही है और जहाँ से शिकायत मिली है उसके विरूद्ध कार्रवायी की गयी है.

जिलाधिकारी ने कहा कि बाला के तहत् 97 आॅगनबाड़ी केन्द्रांे को उत्क्रमित किया जा रहा है जिसमें 78 का कार्य पूर्ण हो गया है और शेष जनवरी में पूर्ण हो जाएगा. आयुष्मान भारत का 97062 कार्ड अभी तक बनाया गया है. प्रतिदिन लगभग 600 कार्ड बनाया जा रहा है परन्तु इसकी गति को बढ़ाकर 3000 प्रति दिन कराना है. जिला में तेरह लाख कार्ड बनाया जाना है. प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत् कुल 18163 पंजीकरण हुआ है जिसमें 17395 स्वीकृत किया गया है और इसमें जिला की प्रगति अच्छी है. इन्दिरा आवास में 91 प्रतिशत उपलब्धि हाँसिल है. जिले में आॅन-लाइन म्यूटेशन का कार्य प्रारम्भ है और समय सीमा के अंदर प्राप्त आवेदनांे का निष्पादन किया जा रहा है.

बैठक में सांसद महराजगंज-सह-उपाध्यक्ष ‘दिशा’ जनार्दन सिंह सिग्रीवाल, विधायक मुन्द्रिका प्रसाद राय, मुनेश्वर चैधरी, विधान पार्षद वीरेन्द्र नारायण यादव, जिला परिषद कार्यकारी अध्यक्ष सुनील राय, सभी प्रखण्ड प्रमुख सहितपुलिस अधीक्षक, उपविकास आयुक्त, अपर समाहर्ता, सभी जिला स्तरीय पदाधिकारी, प्रखण्ड विकास पदाधिकारी, सभी तकनीकी पदाधिकारी उपस्थित थे.

Chhapra: पूर्वोत्तर रेलवे के छपरा जंक्शन पर बुधवार को लिफ्ट तथा वाशिंग पिट का उद्घाटन किया गया. इस मौके पर सारण सांसद राजीव प्रताप रूडी द्वारा छपरा जं के प्लेटफार्म संख्या 4 एवं 5 पर नवनिर्मित लिफ्ट ,नवनिर्मित वाशिंग पिट तथा वर्तमान वाशिंग पिट के विस्तार का उद्घाटन किया गया.

छपरा जं पर 5 करोड़ 73 लाख की लागत से बने दूसरे वाशिंग पिट का भी उद्घाटन किया गया. इस वाशिंग पिट का निर्माण 29 सितम्बर 2014 को प्रारम्भ हुआ था जो 31 दिसम्बर 2018 में बनकर तैयार हो गया. इसके साथ ही पुराने वाशिंग पिट के 65 मिटर विस्तार के कार्य का भी उद्घाटन हुआ. इसके तहत अब छपरा जंक्शन पर 26 कोचों वाली गाड़ियों का मेंटेनेंस को सकेगा. पहले इसकी क्षमता सिर्फ 22 कोच वाली गाड़ियों के वाशिंग की थी. नये वाशिंग पिट के निर्माण एवं विस्तार होने से टर्मिनेटिंग एवं ओरिजिनेटिंग गाड़ियों के रख रखाव में सुविधा होगी.

52 लाख की लागत से निर्मित लिफ्ट का हुआ शुभारंभ

सभा को संबोधित करते हुए सीनियर डीसीएम आर सी श्रीवास्तव ने कहा कि 52 लाख रुपये की लागत से निर्मित लिफ्ट को छपरा जंक्शन के यात्रियों को समर्पित किया गया. इस लिफ्ट के चालू हो जाने से यात्रि आसानी से प्लेटफार्म संख्या 4 और 5 पर आ-जा सकते हैं. सबसे ज्यादा सुविधा बुजुर्ग यात्रियों की होगी. पहले प्लेटफॉर्म पर लिफ्ट नहीं होने से सीढ़ी चढ़कर इस पार से उस पार जाना पड़ता था. साथ ही साथ अब दिव्यांगो ,वृद्ध एवं असक्त यात्रियों को प्लेटफार्म बदलने में बहुत सुविधा होगी.