New Delhi, 1 सितंबर (हि.स.)। चीन के तियानजिन में शंघाई सहयोग संगठन शिखर सम्मेलन के दौरान प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने मुलाकात की। इस दौरान प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत और रूस कठिन से कठिन परिस्थितियों में हमेशा कंधे से कंधे मिलाकर चले हैं। दोनों नेताओं ने यूक्रेन संघर्ष और वैश्विक परिस्थितियों पर चर्चा की तथा ऊर्जा, वित्त और आर्थिक क्षेत्रों में द्विपक्षीय सहयोग को और मजबूत करने पर सहमति जताई।

दोनों नेताओं ने अपने समर्थन की पुष्टि की

प्रधानमंत्री ने इस अवसर पर भारत-रूस संबंधों की गहराई और व्यापकता का उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि कठिन परिस्थितियों में भी दोनों देश हमेशा एक-दूसरे के साथ खड़े रहे हैं। यह करीबी सहयोग न केवल दोनों देशों के लिए, बल्कि वैश्विक शांति, स्थिरता और समृद्धि के लिए भी महत्वपूर्ण है। दोनों नेताओं ने दोनों देशों के बीच विशेष एवं विशेषाधिकार प्राप्त रणनीतिक साझेदारी को और मजबूत करने के लिए अपने समर्थन की पुष्टि की।

विदेश मंत्रालय के अनुसार दोनों नेताओं ने इस अवसर पर द्विपक्षीय, क्षेत्रीय और वैश्विक मुद्दों पर विचार-विमर्श किया। विशेष रूप से, यूक्रेन में जारी संघर्ष और उससे जुड़े नवीनतम घटनाक्रमों पर भी गंभीर चर्चा की गई। प्रधानमंत्री मोदी ने रूसी राष्ट्रपति से कहा, “यूक्रेन में चल रहे संघर्ष के विषय में हम लगातार चर्चा करते रहे हैं। हाल में किए गए शांति के सभी प्रयासों का हम स्वागत करते हैं। हम आशा करते हैं कि सभी पक्ष सकारात्मक ढंग से आगे बढ़ेंगे। संघर्ष को जल्द से जल्द खत्म करने और स्थाई शांति स्थापित करने का रास्ता खोजना होगा। यह पूरी मानवता की पुकार है।”

भारत, रूस के साथ सभी क्षेत्रों में सहयोग को और आगे बढ़ाने के लिए प्रतिबद्ध है : प्रधानमंत्री

मुलाकात के दौरान दोनों नेताओं ने आर्थिक, वित्तीय और ऊर्जा क्षेत्रों में सहयोग की समीक्षा की। उन्होंने इन क्षेत्रों में निरंतर प्रगति पर संतोष व्यक्त किया और आगे भी साझेदारी को नई ऊंचाइयों तक ले जाने की प्रतिबद्धता जताई। दोनों पक्षों ने विशेष एवं विशेषाधिकार प्राप्त रणनीतिक साझेदारी को और गहरा करने की आवश्यकता को दोहराया।

प्रधानमंत्री ने अपने वार्ता के दौरान अपने शुरुआती वक्तव्य में कहा कि दिसंबर में भारत में होने वाले 23वें वार्षिक शिखर सम्मेलन में राष्ट्रपति पुतिन का स्वागत करने के लिए भारत उत्सुक है। उन्होंने अपने संबोधन में राष्ट्रपति पुतिन का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि उनके सहयोग और मित्रता ने भारत-रूस संबंधों को नई दिशा दी है। उन्होंने यह भी दोहराया कि भारत, रूस के साथ सभी क्षेत्रों में सहयोग को और आगे बढ़ाने के लिए प्रतिबद्ध है।

वहीं दोनों नेताओं की बैठक से जुड़ी कुछ महत्वपूर्ण जानकारियां भी सामने आईं। राष्ट्रपति पुतिन प्रधानमंत्री मोदी के साथ द्विपक्षीय बैठक स्थल तक कार से यात्रा करना चाहते थे। इसके लिए उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी का लगभग दस मिनट तक इंतजार किया। उसके बाद दोनों नेता एक ही कार में यात्रा करते हुए आपसी मुद्दों पर चर्चा करते रहे।

दोनों नेताओं ने कार में लगभग 45 मिनट तक बातचीत जारी रखी

द्विपक्षीय बैठक स्थल पर पहुंचने के बाद भी दोनों नेताओं ने कार में लगभग 45 मिनट तक बातचीत जारी रखी। इसके बाद उनकी द्विपक्षीय बैठक हुई, जो एक घंटे से अधिक समय तक चली। इस बैठक में भारत-रूस संबंधों को और बेहतर बनाने पर गहन विचार-विमर्श किया गया।

कार में हुई मुलाकात की प्रधानमंत्री ने तस्वीर भी साझा की। उन्होंने एक्स पर कहा, “एससीओ शिखर सम्मेलन स्थल पर कार्यवाही में भाग लेने के बाद, राष्ट्रपति पुतिन और मैं द्विपक्षीय बैठक स्थल पर साथ-साथ गए। उनके साथ बातचीत हमेशा ज्ञानवर्धक होती है।”

वहीं शिखर सम्मेलन में भाग लेने से पहले भी प्रधानमंत्री मोदी और रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के बीच गर्मजोशी से मुलाकात हुई। दोनों नेताओं ने गले मिलकर मित्रता का परिचय दिया। इस अवसर पर चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग भी मौजूद थे। यह मुलाकात भारत-रूस संबंधों की मजबूती दर्शाती है।

New Delhi, 01 सितंबर (हि.स.)। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सोमवार को कहा कि भारत की एससीओ नीति तीन स्तंभों सुरक्षा, संपर्क और अवसर पर आधारित है। उन्होंने कहा कि आतंकवाद मानवता की साझा चुनौती है और इस पर दोहरे मानदंड अस्वीकार्य हैं। वहीं मजबूत संपर्क से विश्वास और विकास बढ़ता है, किंतु इसमें संप्रभुता का सम्मान होना चाहिए। उन्होंने कहा कि एससीओ बहुपक्षवाद और समावेशी विश्व व्यवस्था का मार्गदर्शक बन सकता है। प्रधानमंत्री ने वैश्विक संस्थानों में सुधार की आवश्यकता पर भी बल दिया।

सुरक्षा, शांति और स्थिरता किसी भी देश के विकास का आधार हैं: प्रधानमंत्री मोदी

प्रधानमंत्री मोदी ने उक्त बातें तियानजिन (चीन) में आयोजित 25वें शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) शिखर सम्मेलन के पूर्ण सत्र को संबोधित करते हुए कहीं। प्रधानमंत्री ने कहा कि सुरक्षा, शांति और स्थिरता किसी भी देश के विकास का आधार हैं, लेकिन आतंकवाद, अलगाववाद और अतिवाद इसके बड़े अवरोध हैं। उन्होंने कहा कि आतंकवाद केवल किसी देश की सुरक्षा के लिए ही नहीं बल्कि पूरी मानवता के लिए साझा चुनौती है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत चार दशकों से आतंकवाद का दंश झेल रहा है। कितनी ही माताओं ने अपने बच्चे खोए हैं और कितने बच्चे अनाथ हुए हैं। उन्होंने हाल ही में पहलगाम में हुए आतंकी हमले का उल्लेख करते हुए कहा कि यह घटना केवल भारत की आत्मा पर आघात नहीं थी बल्कि मानवता में विश्वास रखने वाले हर देश और हर व्यक्ति को चुनौती थी।

उन्होंने सवाल उठाया कि क्या कुछ देशों द्वारा आतंकवाद का खुलेआम समर्थन स्वीकार्य हो सकता है? उन्होंने स्पष्ट कहा कि आतंकवाद पर किसी भी प्रकार के दोहरे मानदंड स्वीकार्य नहीं होंगे। मानवता के हित में सभी को एक स्वर में आतंकवाद का हर रूप और हर रंग में विरोध करना होगा।

मजबूत संपर्क से केवल व्यापार ही नहीं बल्कि विश्वास और विकास के द्वार भी खुलते हैं: प्रधानमंत्री मोदी

प्रधानमंत्री ने वैश्विक संस्थानों में सुधार की आवश्यकता पर भी बल दिया। उन्होंने कहा कि एससीओ सदस्य इस दिशा में आपसी सहयोग बढ़ा सकते हैं। सुझाव देते हुए उन्होंने कहा कि संयुक्त राष्ट्र की अस्सीवीं वर्षगांठ पर सभी सदस्य देश मिलकर सुधार का आह्वान कर सकते हैं। इसी संदर्भ में प्रधानमंत्री ने कहा कि वैश्विक दक्षिण की आकांक्षाओं को पुराने ढांचों में कैद रखना आने वाली पीढ़ियों के साथ अन्याय होगा।

प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत का मत है कि मजबूत संपर्क से केवल व्यापार ही नहीं बल्कि विश्वास और विकास के द्वार भी खुलते हैं। इसी सोच के साथ भारत चाबहार बंदरगाह और अंतरराष्ट्रीय उत्तर-दक्षिण परिवहन गलियारे जैसे उपक्रमों पर काम कर रहा है, जिससे अफगानिस्तान और मध्य एशिया के साथ संपर्क बढ़ सके।

हर संपर्क प्रयास में संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता का सम्मान होना चाहिए: प्रधानमंत्री मोदी

उन्होंने इस संदर्भ में इस बात पर बल दिया कि हर संपर्क प्रयास में संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता का सम्मान होना चाहिए, जो एससीओ चार्टर के मूल सिद्धांतों में भी निहित है।

प्रधानमंत्री ने अवसर को सहयोग और सुधार की संभावना बताया। उन्होंने जन संबंधों को सुदृढ़ बनाने के लिए सुझाव दिया कि एससीओ के अंतर्गत एक सभ्यतागत संवाद मंच बनाया जाए, जिससे प्राचीन सभ्यताओं, कला, साहित्य और परंपराओं को वैश्विक मंच पर साझा किया जा सके।

भारत का विकास मंत्र देते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि देश ‘सुधार, प्रदर्शन और रूपांतरण’ के मूलमंत्र पर आगे बढ़ रहा है। कोविड-19 हो या वैश्विक आर्थिक अस्थिरता, भारत ने हर चुनौती को अवसर में बदलने का प्रयास किया है। उन्होंने कहा कि भारत लगातार व्यापक सुधारों पर काम कर रहा है, जिससे विकास और अंतरराष्ट्रीय सहयोग के नए अवसर खुल रहे हैं। उन्होंने सभी को भारत की विकास यात्रा से जुड़ने का आमंत्रण दिया।

प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत सभी साझेदारों के साथ समन्वय और सहयोग से आगे बढ़ रहा है। उन्होंने एससीओ के अगले अध्यक्ष, किर्गिज़स्तान के राष्ट्रपति और अपने मित्र राष्ट्रपति जापारोव को शुभकामनाएं दीं।

New Delhi, 30 अगस्त (हि.स.)। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जापान की सफल यात्रा के बाद शनिवार को अपनी यात्रा के अगले पड़ाव चीन के लिए रवाना हो गए। चीन के तियानजिन में रविवार, 31 अगस्त से शुरू हो रहे संघाई सहयोग संगठन (एससीओ) के दो दिवसीय शिखर सम्मेलन में भाग लेंगे। इस दौरान उनके कई द्विपक्षीय बैठकें भी करने की उम्मीद है।

जापानी जनता और सरकार को उनकी गर्मजोशी के लिए धन्यवाद देता हूं: प्रधानमंत्री

प्रधानमंत्री मोदी ने जापान के अपने समकक्ष शिगेरु इशिबा को धन्यवाद देते हुए सोशल मीडिया पर कहा कि जापान की यह यात्रा उन उपयोगी परिणामों के लिए याद रखी जाएगी जिनसे हमारे देश के लोगों को लाभ होगा। मोदी ने कहा, “मैं प्रधानमंत्री इशिबा, जापानी जनता और सरकार को उनकी गर्मजोशी के लिए धन्यवाद देता हूं।”

अपनी यात्रा के दूसरे दिन प्रधानमंत्री मोदी ने जापान की सेमीकंडक्टर क्षमताओं का अवलोकन किया, एआई सहयोग पर चर्चा की तथा रणनीतिक तकनीक तथा प्रतिभा संबंधों को मजबूत किया।

प्रधानमंत्री मोदी ने इस दौरान जापानी प्रधानमंत्री इशिबा को उपहार दिया 

प्रधानमंत्री मोदी ने इस दौरान जापानी प्रधानमंत्री इशिबा को उपहार स्वरूप आंध्र प्रदेश से प्राप्त मूनस्टोन से बने पारंपरिक रेमन बाउल और राजस्थान की पारंपरिक शैली से सजे चॉपस्टिक भेंट किए। वहीं, इशिबा की पत्नी को कश्मीर की प्रसिद्ध पश्मीना शॉल और हस्तनिर्मित पेपर माशे बॉक्स उपहार में दिया गया।

विदेश मंत्रालय के अनुसार आज प्रधानमंत्री मोदी और जापान के प्रधानमंत्री शिगेरु इशिबा ने मियागी प्रीफेक्चर के सेनदाई में स्थित टोक्यो इलेक्ट्रॉन मियागी लिमिटेड का संयुक्त दौरा किया। यह कंपनी सेमीकंडक्टर क्षेत्र में अग्रणी है। मोदी को कंपनी की वैश्विक भूमिका, निर्माण क्षमताओं और भारत से जुड़ी योजनाओं के बारे में जानकारी दी गई। दोनों नेताओं ने सेमीकंडक्टर आपूर्ति शृंखला, निर्माण और परीक्षण में सहयोग की संभावनाओं पर चर्चा की।

जापान की उन्नत तकनीकी क्षमता एक-दूसरे के पूरक हैं।

भारत के बढ़ते सेमीकंडक्टर विनिर्माण तंत्र और जापान की उन्नत तकनीकी क्षमता एक-दूसरे के पूरक हैं। दोनों देशों ने इस क्षेत्र में सहयोग गहराने की प्रतिबद्धता दोहराई। इससे पहले सेमीकंडक्टर सप्लाई चेन साझेदारी और आर्थिक सुरक्षा संवाद के अंतर्गत हुए समझौतों पर भी आगे काम करने का निर्णय हुआ।

प्रधानमंत्री मोदी ने इससे पहले जापान में एक घंटे में 320 किलोमीटर की रफ्तार से दौड़ने वाली शिंकानसेन बुलेट ट्रेन से सेनदाई तक की यात्रा की। उनके इस सफर में जापान के प्रधानमंत्री इशिबा भी रहे। वहां इशिबा ने उनके सम्मान में दोपहर भोज का आयोजन किया, जिसमें मियागी प्रीफेक्चर के गवर्नर सहित कई गणमान्य उपस्थित थे।

गवर्नरों ने भी उप-राष्ट्रीय स्तर पर सहयोग को बढ़ाने पर सहमति व्यक्त की

प्रधानमंत्री मोदी ने आज जापान के विभिन्न प्रान्तों के राज्यपालों से मुलाकात की। इस बातचीत में सोलह राज्यपालों ने भाग लिया। इस दौरान प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत-जापान साझेदारी को केवल दिल्ली-टोक्यो तक सीमित न रखते हुए राज्यों और प्रीफेक्चरों (जापान में राज्यों के लिए उपयोग शब्द) तक विस्तारित किया जाना चाहिए। उन्होंने राज्य-प्रीफेक्चर साझेदारी पहल के अंतर्गत व्यापार, प्रौद्योगिकी, पर्यटन, कौशल और संस्कृति के क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने का आह्वान किया। गवर्नरों ने भी उप-राष्ट्रीय स्तर पर सहयोग को बढ़ाने पर सहमति व्यक्त की।

उल्लेखनीय है कि प्रधानमंत्री ने कल अपनी यात्रा के दौरान भारत-जापान 15वें वार्षिक शिखर सम्मेलन में प्रधानमंत्री इशिबा के साथ वार्ता की। भारत और जापान ने टोक्यो में आयोजित वार्षिक शिखर सम्मेलन के दौरान अनेक समझौतों पर हस्ताक्षर किए। इसमें आर्थिक, सुरक्षा, तकनीकी, सांस्कृतिक और पर्यावरणीय सहयोग से जुड़े कुल 20 से अधिक दस्तावेज शामिल हैं।

New Delhi, 28 अगस्त (हि.स.)। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी भारत-जापान वार्षिक शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेने के लिए आज शाम जापान की यात्रा पर रवाना होंगे। प्रधानमंत्री मोदी की यह आठवीं जापान यात्रा होगी। इसके बाद वे शंघाई सहयोग परिषद (एससीओ) के राष्ट्राध्यक्षों की 25वीं बैठक में भाग लेने के लिए 31 अगस्त से 1 सितंबर तक चीन की यात्रा करेंगे।

प्रधानमंत्री मोदी शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेने के लिए आज शाम जापान रवाना होंगे

प्रधानमंत्री मोदी 15वें भारत-जापान वार्षिक शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेने के लिए आज शाम जापान रवाना होंगे। इस दौरान वे जापान के प्रधानमंत्री शिगेरु इशिबा के साथ 29 और 30 अगस्त को विशेष रणनीतिक और वैश्विक साझेदारी की समीक्षा करेंगे, जिसमें रक्षा एवं सुरक्षा, व्यापार एवं अर्थव्यवस्था, प्रौद्योगिकी एवं नवाचार शामिल हैं। वे क्षेत्रीय और वैश्विक महत्व के मुद्दों पर भी चर्चा करेंगे।

यह प्रधानमंत्री मोदी की जापान के पीएम इशिबा के साथ पहली वार्षिक शिखर बैठक है और लगभग 7 वर्षों में यह उनकी पहली जापान यात्रा भी है। उन्होंने आखिरी बार 2018 में वार्षिक शिखर सम्मेलन के लिए यात्रा की थी। साल 2014 में पद ग्रहण करने के बाद से यह प्रधानमंत्री मोदी की यह जापान की आठवीं यात्रा है।

प्रधानमंत्री मोदी द्वारा एससीओ शिखर सम्मेलन के दौरान कुछ द्विपक्षीय बैठकों की भी उम्मीद है।

अपनी यात्रा के दूसरे चरण में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग के निमंत्रण पर तियानजिन में शंघाई सहयोग परिषद (एससीओ) के राष्ट्राध्यक्षों की 25वीं बैठक में भाग लेने के लिए 31 अगस्त से 1 सितंबर तक चीन की यात्रा करेंगे। शिखर सम्मेलन के कार्यक्रम में 31 अगस्त की शाम एक स्वागत भोज शामिल है और मुख्य शिखर सम्मेलन अगले दिन 1 सितंबर को आयोजित किया जाएगा। प्रधानमंत्री मोदी द्वारा एससीओ शिखर सम्मेलन के दौरान कुछ द्विपक्षीय बैठकों की भी उम्मीद है। एससीओ के दस सदस्यों में भारत के अलावा बेलारूस, चीन, ईरान, कजाकिस्तान, किर्गिस्तान, पाकिस्तान, रूस, ताजिकिस्तान और उज्बेकिस्तान शामिल हैं।

New Delhi, 22 अगस्त (हि.स.)। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज बिहार के गयाजी में राजनीतिक रैली को संबोधित किया। इसमें उन्होंने राज्य के सीमावर्ती इलाकों में बदल रही जनसांख्यिकी का मुद्दा उठाया और इस संबंध में कांग्रेस, राष्ट्रीय जनता दल (राजद) और वाम दलों पर वोटबैंक की राजनीति करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि यह दल बिहार के लोगों का अधिकार घुसपैठियों को देना चाहते हैं। हम, घुसपैठियों को लोगों के अधिकारों पर डाका डालने नहीं देंगे।

घुसपैठियों को बिहार के लोगों का हक छिनने नहीं देंगेः प्रधानमंत्री

प्रधानमंत्री ने बिहार के गयाजी से 13 हजार करोड़ रूपये की विभिन्न विकास परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास किया। इस अवसर पर बिहार के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भी मंच पर उपस्थित रहे।

प्रधानमंत्री ने इस दौरान लाल किले के अपने भाषण में घुसपैठ की समस्या के समाधान के लिए बनाए जा रहे डेमोग्राफिक मिशन का जिक्र किया। उन्होंने कहा कि इसके माध्यम से चुन-चुनकर सभी घुसपैठियों को देश से बाहर निकाला जाएगा। हम घुसपैठियों को लोगों के अधिकारों पर डाका डालने नहीं देंगे।


प्रधानमंत्री ने संसद में पेश संविधान संशोधन विधेयक का उल्लेख कर कहा कि अब भ्रष्टाचार करने वाला जेल भी जाएगा और उसकी कुर्सी भी जाएगी। इससे जमानत पर बाहर घूमने वाले नेता चिंतित है और उनके दल इसका विरोध कर रहे हैं।

उन्होंने कहा, “एनडीए सरकार भ्रष्टाचार के खिलाफ एक ऐसा कानून लाई है, जिसके दायरे में देश का प्रधानमंत्री भी आता है। इस कानून में मुख्यमंत्री और मंत्री भी शामिल किए गए हैं। इस कानून के बनने के बाद अगर कोई मुख्यमंत्री, मंत्री या प्रधानमंत्री गिरफ्तार होता है तो उसे 30 दिन के भीतर जमानत लेनी होगी और अगर जमानत नहीं मिली तो 31वें दिन उसे कुर्सी छोड़नी पड़ेगी।”

उन्होंने कहा कि संविधान हमसे ईमानदारी और पादर्शिता की मांग करता है। हम इसे तार-तार होते नहीं देख सकते। पिछले 11 वर्षों की सरकार में एक भी भ्रष्टाचार का मामला सामने नहीं आया है। जबकि आज़ादी के बाद कांग्रेस की सरकारें जो 60–65 साल तक सत्ता में रहीं, उनके भ्रष्टाचारों की एक लंबी सूची है।

नेताओं के ऐसे रवैये से भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई कैसे मजबूत होगी?: प्रधानमंत्री

विधेयक का विरोध कर रही कांग्रेस, लेफ्ट और राजद पर निशाना साधते हुए उन्होंने पूछा कि इनके नेताओं के ऐसे रवैये से भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई कैसे मजबूत होगी। 50 घंटे जेल में रहने पर एक अफसर सेवा से स्वत: निलंबित हो जाता है लेकिन मंत्री जेल में बैठकर फाइलें साइन करते हैं।

ऑपरेशन सिंदूर का उल्लेख करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि बिहार की धरती पर लिया गया हर संकल्प कभी खाली नहीं जाता। इसी धरती से लिया संकल्प पूरा हुआ और ऑपरेशन सिंदूर ने देश की रक्षा नीति में एक नई लकीर खींच दी। अब कोई भी आतंक फैलाकर बच नहीं सकता।

प्रधानमंत्री ने कहा कि एनडीए के शासनकाल में बिहार में चौतरफा विकास हो रहा है। वहीं लालटेन (राजद का चुनाव चिह्न) के राज में बिहार लाल आतंक से घिरा था। इसी के कारण पीढ़ियों को बिहार से पलायन करने को मजबूर होना पड़ा। यही कारण था कि कांग्रेस के एक मुख्यमंत्री ने कहा था कि हम बिहार के लोगों को अपने यहां घुसने नहीं देंगे।

युवा जब निजी क्षेत्र में पहली नौकरी करेंगे, तब केंद्र सरकार उन्हें अपने पास से 15,000 रुपये देगी

प्रधानमंत्री ने विकसित भारत रोजगार योजना का उल्लेख किया और कहा कि इसे बिहार के युवाओं को लाभ मिलेगा। उन्होंने कहा कि योजना के तहत हमारे युवा जब निजी क्षेत्र में पहली नौकरी करेंगे, तब केंद्र सरकार उन्हें अपने पास से 15,000 रुपये देगी। उन्हें रोजगार देने वाली निजी कंपनियों को भी सरकार प्रोत्साहन देगी। इसका बहुत बड़ा लाभ बिहार के युवाओं को भी होगा।

प्रधानमंत्री ने कहा कि गयाजी की पावन भूमि से एक ही दिन में 12 हजार करोड़ रुपये की परियोजनाओं का लोकार्पण और शिलान्यास हुआ है। इसमें ऊर्जा, स्वास्थ्य और शहरी विकास से जुड़े कई बड़े प्रोजेक्ट हैं। इनसे बिहार के उद्योगों को ताकत मिलेगी और युवाओं के लिए रोजगार के नए अवसर भी बनेंगे। उन्होंने पीएम आवास योजना का जिक्र करते हुए कहा कि उन्होंने एक बड़ा संकल्प लिया है। जब तक हर जरूरतमंद को पक्का घर नहीं मिल जाता, मोदी चैन से नहीं बैठेगा। इसी सोच के साथ बीते 11 साल में 4 करोड़ से अधिक गरीबों को पक्के घर बनाकर दिए जा चुके हैं।

Gya Jee, 22 अगस्त (हि.स.)। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अपनी प्रस्तावित गयाजी दौरे के दौरान शुक्रवार को “प्रधानमंत्री आवास योजना” ग्रामीण और शहरी के लगभग 16 हजार लाभार्थियों का गृह प्रवेश कराया। इनमें से कुछ लाभार्थियों को प्रधानमंत्री ने प्रतीकात्मक रूप से नए घर की चाबियां मंच से सौंपी। साथ ही 13 हजार करोड़ की रेल, सड़क, ऊर्जा, स्वास्थ्य, आवास और जलापूर्ति से जुड़ी योजनाओं का किया शिलान्यास किया।

बिहार को मिली  13 हजार करोड़ की सौगात

इससे पहले प्रधानमंत्री मोदी ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से हरी झंडी दिखाकर गया-दिल्ली अमृत भारत एक्सप्रेस और वैशाली-कोडरमा बौद्ध सर्किट ट्रेन को रवाना किया। साथ ही प्रधानमंत्री ने रिमोट का बटन दबाकर 13 हजार करोड़ रुपये की लागत वाली विभिन्न परियोजनाओं का लोकार्पण एवं शिलान्यास किया, जिनमें रेल, सड़क, ऊर्जा, स्वास्थ्य, आवास और जलापूर्ति से जुड़ीं योजनाएं शामिल हैं।

बिहार को मिले 13 हजार करोड़ की सौगात में बेगूसराय में सिक्स लेन ब्रिज का उद्घाटन, बक्सर में 660 मेगावाट क्षमता का थर्मल पावर प्लांट, मुजफ्फरपुर में होमी भाभा कैंसर अस्पताल और अनुसंधान केंद्र, राष्ट्रीय राजमार्ग- 31 (एनएच-31) का बख्तियारपुर से मोकामा क्षेत्र 4 लेन पथ शामिल है।

इन सबके अलावा नमामि गंगे कार्यक्रम के तहत मुंगेर में सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट (एसटीपी) और सीवरेज नेटवर्क योजना, औरंगाबाद, बोधगया और जहानाबाद में जल आपूर्ति परियोजना, गयाजी और दिल्ली के बीच अमृत भारत एक्सप्रेस, वैशाली और कोडरमा के बीच बौद्ध सर्किट ट्रेन के साथ प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत 16000 लाभार्थियों का गृह प्रवेश भी हैं।

New Delhi, 12 जुलाई (हि.स.)। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शनिवार को रोजगार मेले में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से विभिन्न सरकारी विभागों और संगठनों में नियुक्त हुए युवाओं को 51 हजार से अधिक नियुक्ति पत्र वितरित किए। इस बार 16वां रोजगार मेला देशभर के 47 स्थानों पर आयोजित किया गया।

भारत के पास दो असीमित शक्तियां हैं, एक डेमोग्राफी और दूसरी डेमोक्रेसी: प्रधानमंत्री

इस अवसर पर प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि आज 51 हजार से अधिक युवाओं को नियुक्ति पत्र दिए गए हैं। ऐसे रोजगार मेलों के माध्यम से अब तक लाखों नौजवानों को भारत सरकार में स्थायी नौकरी मिल चुकी है। अब ये नौजवान राष्ट्र निर्माण में बड़ी भूमिका निभा रहे हैं। उन्होंने कहा कि युवाओं को नियुक्ति पत्र देने का अभियान लगातार जारी है और बिना पर्ची बिना खर्ची के नौकरी हमारी पहचान भी है। प्रधानमंत्री ने अपनी पांच देशों की हालिया यात्रा का उल्लेख करते हुए कहा कि हमने अन्य देशों के साथ जो भी समझौते किए हैं, उनसे हमारे युवाओं को निश्चित रूप से लाभ होगा। उन्होंने कहा कि आज दुनिया मान रही है कि भारत के पास दो असीमित शक्तियां हैं। एक डेमोग्राफी और दूसरी डेमोक्रेसी यानि सबसे बड़ी युवा आबादी और सबसे बड़ा लोकतंत्र।

उन्होंने कहा कि स्टार्टअप्स, इनोवेशन और रिसर्च का जो इकोसिस्टम आज देश में बन रहा है वो देश के युवाओं का सामर्थ्य बढ़ा रहा है। उन्होंने कहा कि भारत सरकार का जोर प्राइवेट सेक्टर में रोजगार के नए अवसरों के निर्माण पर भी है। हाल ही में सरकार ने रोजगार से जुड़ी प्रोत्साहन योजना को मंजूरी दी है।

New Delhi, 11 जुलाई (हि.स.)। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी शनिवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से विभिन्न सरकारी विभागों और संगठनों में नियुक्त हुए युवाओं को 51 हजार से अधिक नियुक्ति पत्र वितरित करेंगे। इस अवसर पर प्रधानमंत्री मोदी इन युवाओं को संबोधित भी करेंगे।

16वां रोजगार मेला देशभर के 47 स्थानों पर आयोजित किया जाएगा

प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) ने आज एक बयान में कहा कि इस बार 16वां रोजगार मेला देशभर के 47 स्थानों पर आयोजित किया जाएगा। इन मेलों के माध्यम से चयनित युवा देश के विभिन्न हिस्सों से आए हैं और वे जल्द ही अपने-अपने मंत्रालयों और विभागों में कार्यभार संभालेंगे।

अब तक देशभर में आयोजित रोजगार मेलों के माध्यम से 10 लाख से अधिक नियुक्ति पत्र वितरित किए जा चुके हैं

यह नियुक्तियां केंद्र सरकार के विभिन्न मंत्रालयों और विभागों में की जा रही हैं, जिनमें रेल मंत्रालय, गृह मंत्रालय, डाक विभाग, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय, वित्तीय सेवाएं विभाग, श्रम एवं रोजगार मंत्रालय सहित अन्य विभाग शामिल हैं। रोजगार मेला प्रधानमंत्री मोदी की युवाओं को रोजगार के अवसर उपलब्ध कराने की प्रतिबद्धता का हिस्सा है। यह पहल युवाओं को सशक्त बनाने और राष्ट्र निर्माण में उनकी भागीदारी सुनिश्चित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। अब तक देशभर में आयोजित रोजगार मेलों के माध्यम से 10 लाख से अधिक नियुक्ति पत्र वितरित किए जा चुके हैं।

New Delhi, 02 जुलाई (हि.स.)। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी आज अब से कुछ देर पहले पांच देशों की यात्रा पर नई दिल्ली से रवाना हुए। प्रधानमंत्री मोदी ने घाना, त्रिनिदाद और टोबैगो, अर्जेंटीना, ब्राजील और नामीबिया के लिए प्रस्थान करने से पहले जारी वक्तव्य में कहा, ”मेरी इन देशों की यात्रा से वैश्विक दक्षिण में भारत के मैत्रीपूर्ण रिश्ते मजबूत होंगे।” प्रधानमंत्री के इस वक्तव्य को भारत सरकार के पत्र एवं सूचना कार्यालय (पीआईबी) ने जारी किया है। प्रधानमंत्री मोदी ने इसे अपने आधिकारिक एक्स हैंडल पर भी साझा किया है।

घाना वैश्विक दक्षिण में मूल्यवान भागीदार

उन्होंने लिखा है, ” आज, मैं 02 से 09 जुलाई 2025 तक घाना, त्रिनिदाद और टोबैगो, अर्जेंटीना, ब्राजील और नामीबिया की पांच देशों की यात्रा पर जा रहा हूं। राष्ट्रपति जॉन ड्रामानी महामा के निमंत्रण पर मैं 02-03 जुलाई को घाना जाऊंगा। घाना वैश्विक दक्षिण में एक मूल्यवान भागीदार है और अफ्रीकी संघ और पश्चिमी अफ्रीकी राज्यों के आर्थिक समुदाय में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। मैं अपने आदान-प्रदान की प्रतीक्षा कर रहा हूं जिसका उद्देश्य हमारे ऐतिहासिक संबंधों को और गहरा करना और निवेश, ऊर्जा, स्वास्थ्य, सुरक्षा, क्षमता निर्माण और विकास साझेदारी के क्षेत्रों सहित सहयोग के नए द्वार खोलना है। साथी लोकतंत्रों के रूप में, घाना की संसद में बोलना मेरे लिए सम्मान की बात होगी।”

अर्जेंटीना के राष्ट्रपति से मिलने का इंतजार

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, ” पोर्ट ऑफ स्पेन से मैं ब्यूनस आयर्स की यात्रा करूंगा। यह 57 वर्षों में किसी भारतीय प्रधानमंत्री की अर्जेंटीना की पहली द्विपक्षीय यात्रा होगी। अर्जेंटीना लैटिन अमेरिका में एक प्रमुख आर्थिक साझेदार है और जी-20 में एक करीबी सहयोगी है। मैं राष्ट्रपति जेवियर माइली के साथ अपनी चर्चा का इंतजार कर रहा हूं, जिनसे मुझे पिछले साल मिलने का सौभाग्य भी मिला था। हम कृषि, महत्वपूर्ण खनिजों, ऊर्जा, व्यापार, पर्यटन, प्रौद्योगिकी और निवेश के क्षेत्रों सहित अपने पारस्परिक रूप से लाभकारी सहयोग को आगे बढ़ाने पर ध्यान केंद्रित करेंगे।”

भारत ब्रिक्स के लिए प्रतिबद्ध

उन्होंने कहा, ” मैं 06-07 जुलाई को रियो डी जेनेरियो में ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में भाग लूंगा। एक संस्थापक सदस्य के रूप में, भारत उभरती अर्थव्यवस्थाओं के बीच सहयोग के लिए एक महत्वपूर्ण मंच के रूप में ब्रिक्स के लिए प्रतिबद्ध है। साथ मिलकर, हम एक अधिक शांतिपूर्ण, न्यायसंगत, लोकतांत्रिक और संतुलित बहुध्रुवीय विश्व व्यवस्था के लिए प्रयास करते हैं। शिखर सम्मेलन के दौरान, मैं कई विश्व नेताओं से भी मिलूंगा। मैं एक द्विपक्षीय राजकीय यात्रा के लिए ब्रासीलिया की यात्रा करूंगा, जो लगभग छह दशकों में किसी भारतीय प्रधानमंत्री की पहली यात्रा होगी। यह यात्रा ब्राजील के साथ हमारी घनिष्ठ साझेदारी को मजबूत करने और मेरे मित्र, राष्ट्रपति लुईस इनासियो लूला दा सिल्वा के साथ मिलकर ग्लोबल साउथ की प्राथमिकताओं को आगे बढ़ाने का अवसर प्रदान करेगी।”

नामीबियाई संसद के संयुक्त सत्र करेंगे संबोधित

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा, ” मेरा अंतिम गंतव्य नामीबिया होगा। एक विश्वसनीय भागीदार जिसके साथ हम उपनिवेशवाद के खिलाफ संघर्ष का एक साझा इतिहास साझा करते हैं। मैं राष्ट्रपति डॉ. नेटुम्बो नंदी-नदैतवा से मिलने और हमारे लोगों, हमारे क्षेत्रों और व्यापक वैश्विक दक्षिण के लाभ के लिए सहयोग के लिए एक नया रोडमैप तैयार करने के लिए उत्सुक हूं। नामीबियाई संसद के संयुक्त सत्र को संबोधित करना भी एक विशेषा अवसर होगा क्योंकि हम स्वतंत्रता और विकास के लिए अपनी स्थायी एकजुटता और साझा प्रतिबद्धता का जश्न मनाते हैं।”

बहुपक्षीय मंचों पर भागीदारी होगी गहरी

प्रधानमंत्री ने कहा, ”मुझे विश्वास है कि इन पांच देशों की मेरी यात्रा से वैश्विक दक्षिण में हमारी मैत्रीपूर्ण रिश्ते मजबूत होंगे। अटलांटिक के दोनों ओर हमारी साझेदारी मजबूत होगी। ब्रिक्स, अफ्रीकी संघ, इकोवास और कैरीकॉम जैसे बहुपक्षीय मंचों पर हमारी भागीदारी और गहरी होगी।”

Patna, 29 मई (हि.स.)। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के दो दिवसीय बिहार दौरे में आंशिक परिवर्तन किया गया है। वो अब अपने तय समय से एक घंटे पहले पटना पहुंचेंगे। उनके सभी कार्यक्रम भी एक घंटा पहले होंगे। बिहार भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष दिलीप जायसवाल ने यह जानकारी दी।

शाम 4:30 बजे करेंगे नए टर्मिनल का उद्घाटन 

जायसवाल के अनुसार, प्रधानमंत्री आज पटना के लोकनायक जयप्रकाश नारायण अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे के नए टर्मिनल का उद्घाटन अब शाम 4:30 बजे करेंगे। यह टर्मिनल 65,155 वर्ग मीटर में फैला है और जून 2025 से 1 करोड़ यात्रियों की क्षमता के साथ संचालित होगा। इसके बाद वह बिहटा में नए एयरपोर्ट की आधारशिला रखेंगे, जो 50 लाख यात्रियों की क्षमता वाला होगा। उसी दिन पटना में भाजपा कार्यालय तक तीन किलोमीटर का रोड शो होगा, जिसमें ऑपरेशन सिंदूर की सफलता का जश्न मनाया जाएगा।

प्रधानमंत्री मोदी शुक्रवार को रोहतास जिले के बिक्रमगंज में जनसभा को संबोधित करेंगे

प्रधानमंत्री मोदी शुक्रवार को रोहतास जिले के बिक्रमगंज में जनसभा को संबोधित करेंगे। वह 29,947.91 करोड़ रुपये के नबीनगर सुपर थर्मल पावर प्लांट, 3,712 करोड़ रुपये के पटना-सासाराम एक्सप्रेस-वे, और 368 करोड़ रुपये के बक्सर-भरौली गंगा पुल का शिलान्यास करेंगे। इसके अलावा, गोपालगंज में 184.9 करोड़ रुपये के बंजारी-हजियापुर एलिवेटेड रोड का वर्चुअल उद्घाटन भी संभावित है।

पीएम मोदी आगामी 29 मई को ही पहुचेंगे पटना

Patna: प्रधानमंत्री नरेन्द्र माेदी के बिहार दाैरे के कार्यक्रम में बदलाव किया गया है। बदले हुए कार्यक्रम के अनुसार प्रधानमंत्री अब दो दिवसीय बिहार दौरे पर आएंगे। पीएम मोदी आगामी 29 मई को ही पटना पहुंच जाएंगे। 29 को वो पटना में अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे के नए टर्मिनल भवन का उद्घाटन करेंगे, जबकि 30 मई को विक्रमगंज में जनसभा को संबोधित करेंगे। पहले उनका कार्यक्रम एक दिन का तय था, लेकिन अब इसे विस्तारित कर दो दिन का कर दिया गया है

 

पीएम मोदी इस बार  दो दिवसीय दौरे पर बिहार आ रहे हैं

भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष दिलीप जायसवाल ने शनिवार को बताया कि पहले प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी एक दिवसीय दौरे पर बिहार आने वाले थे, लेकिन अब उनके कार्यक्रम में बदलाव किया गया है। पीएम मोदी अब दो दिवसीय दौरे पर बिहार आ रहे हैं। पहले केवल बिक्रमगंज में एकदिवसीय कार्यक्रम तय था, लेकिन अब पीएम दो दिन के प्रवास पर बिहार आ रहे हैं।

 

प्रधानमंत्री 29 मई की शाम पटना एयरपोर्ट टर्मिनल का करेंगे उद्घाटन

प्रधानमंत्री 29 मई की शाम पटना पहुंचेंगे। यहां वे जय प्रकाश नारायण अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे के नए टर्मिनल भवन का उद्घाटन करेंगे। यह भवन लगभग 1,216 करोड़ रुपये की लागत से तैयार हुआ है और राज्य के हवाई यातायात को नई गति देगा। उद्घाटन के बाद प्रधानमंत्री रात में पटना में ही विश्राम करेंगे। 30 मई को प्रधानमंत्री रोहतास के बिक्रमगंज में एक विशाल जनसभा को संबोधित करेंगे। यह रैली चुनावी दृष्टिकोण से बेहद अहम मानी जा रही है। प्रधानमंत्री का यह दौरा खास तौर पर आगामी विधानसभा चुनाव और हालिया ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के संदर्भ महत्वपूर्ण माना जा रहा है।

 

Chhapra: आजादी के अमृत महोत्सव के अवसर पर 31 मई को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी राष्ट्रीय स्तर पर कई कार्यक्रम, योजनाओं के प्रतिभागियों को वीडियो काॅफ्रेंसिंग के माध्यम से संबोधित करेंगे.


जिलाधिकारी राजेश मीणा ने बताया कि इस अवसर पर सारण जिला स्तरीय कार्यक्रम, आयोजनों के प्रतिभागियों को भी प्रधानमंत्री द्वारा संबोधित किया जाएगा.

जिसमें प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी एवं ग्रामीण), किसान सम्मान निधि योजना, उज्जवला योजना, मातृत्व वन्दना योजना, स्वच्छ भारत मिशन (शहरी एवं ग्रामीण), जल-जीवन मिशन, स्व-निधि योजना, एक देश एक राशन कार्ड, गरीब कल्याण योजना, आयुष्मान भारत, आयुष्मान भारत स्वस्थ्य एवं प्रधानमंत्री मुद्रा योजना के प्रतिभागियों को प्रधानमंत्री संबोधित करेंगे.
जिलाधिकारी के द्वारा बताया गया कि यह संवाद कार्यक्रम दो भागों में आयोजित होना है। जो पूर्वाह्न 10:15 बजे से पूर्वाह्न 10:50 तक आयोजित होगा. कार्यक्रम के प्रथम भाग में किसान सम्मान निधि योजना की 11वीं किस्त लाभुकों के खाते में भेजी जाएगी. इससे संबंधित कार्यक्रम का आयोजन कृषि विज्ञान केन्द्र मांझी में आयोजित किया जाएगा. जिला कृषि पदाधिकारी को इससे संबंधित लाभुकों को कृषि विज्ञान केन्द्र मांझी में उपस्थित रहकर प्रधानमंत्री के संवाद कार्यक्रम में भाग लेने हेतु निदेशित कर दिया गया है.
संवाद कार्यक्रम के दूसरे भाग में जिला स्तर पर यह कार्यक्रम मजहरुल हक एकता भवन में आयोजित किया जाएगा. जहाँ से प्रधानमंत्री के द्वारा अन्य योजनाओं के लाभुकों से संवाद स्थापित करेंगे.

उप विकास आयुक्त सारण को निदेशित किया गया है कि जिला स्तरीय कार्यक्रम में भाग लेंने हेतु वर्णित योजनाओं के दस-दस प्रतिभागियों को आमंत्रित करेंगे. साथ ही सांसद, सारण एवं महाराजगंज, सभी विधायक, विधान पार्षद, सभी प्रमुख, जिला के स्वतंत्रता सेनानियों के परिवार के सदस्यगण, जिला के सम्मानित नागरिकगण, सभी प्रशासनिक पदाधिकारी तथा सभी बैंकों के प्रतिनिधियों को इस कार्यक्रम में आमंत्रित करने हेतु निदेश दिया गया है.

इसके अलावे सभी बैकर्स को निदेशित किया गया है कि वे प्रधान मंत्री मुद्रा योजना के दस-दस लाभुकों को इस संवाद कार्यक्रम में भाग लेंने हेतु अपने स्तर से सूचित कर उन्हें इस कार्यक्रम में भाग लेने हेतु आमंत्रित करेंगे. मुख्य चिकित्सा पदाधिकारी सारण को निदेशित किया गया है कि इस कार्यक्रम के मद्देनजर एम्बुलेंस, आवश्यक मानव दवा एवं चिकित्सा दल की व्यवस्था सुनिश्चित करेंगे ताकि आवश्यकता पड़ने पर आवश्यक मदद मिल सके.