New Delhi, 30 अगस्त (हि.स.)। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जापान की सफल यात्रा के बाद शनिवार को अपनी यात्रा के अगले पड़ाव चीन के लिए रवाना हो गए। चीन के तियानजिन में रविवार, 31 अगस्त से शुरू हो रहे संघाई सहयोग संगठन (एससीओ) के दो दिवसीय शिखर सम्मेलन में भाग लेंगे। इस दौरान उनके कई द्विपक्षीय बैठकें भी करने की उम्मीद है।

जापानी जनता और सरकार को उनकी गर्मजोशी के लिए धन्यवाद देता हूं: प्रधानमंत्री

प्रधानमंत्री मोदी ने जापान के अपने समकक्ष शिगेरु इशिबा को धन्यवाद देते हुए सोशल मीडिया पर कहा कि जापान की यह यात्रा उन उपयोगी परिणामों के लिए याद रखी जाएगी जिनसे हमारे देश के लोगों को लाभ होगा। मोदी ने कहा, “मैं प्रधानमंत्री इशिबा, जापानी जनता और सरकार को उनकी गर्मजोशी के लिए धन्यवाद देता हूं।”

अपनी यात्रा के दूसरे दिन प्रधानमंत्री मोदी ने जापान की सेमीकंडक्टर क्षमताओं का अवलोकन किया, एआई सहयोग पर चर्चा की तथा रणनीतिक तकनीक तथा प्रतिभा संबंधों को मजबूत किया।

प्रधानमंत्री मोदी ने इस दौरान जापानी प्रधानमंत्री इशिबा को उपहार दिया 

प्रधानमंत्री मोदी ने इस दौरान जापानी प्रधानमंत्री इशिबा को उपहार स्वरूप आंध्र प्रदेश से प्राप्त मूनस्टोन से बने पारंपरिक रेमन बाउल और राजस्थान की पारंपरिक शैली से सजे चॉपस्टिक भेंट किए। वहीं, इशिबा की पत्नी को कश्मीर की प्रसिद्ध पश्मीना शॉल और हस्तनिर्मित पेपर माशे बॉक्स उपहार में दिया गया।

विदेश मंत्रालय के अनुसार आज प्रधानमंत्री मोदी और जापान के प्रधानमंत्री शिगेरु इशिबा ने मियागी प्रीफेक्चर के सेनदाई में स्थित टोक्यो इलेक्ट्रॉन मियागी लिमिटेड का संयुक्त दौरा किया। यह कंपनी सेमीकंडक्टर क्षेत्र में अग्रणी है। मोदी को कंपनी की वैश्विक भूमिका, निर्माण क्षमताओं और भारत से जुड़ी योजनाओं के बारे में जानकारी दी गई। दोनों नेताओं ने सेमीकंडक्टर आपूर्ति शृंखला, निर्माण और परीक्षण में सहयोग की संभावनाओं पर चर्चा की।

जापान की उन्नत तकनीकी क्षमता एक-दूसरे के पूरक हैं।

भारत के बढ़ते सेमीकंडक्टर विनिर्माण तंत्र और जापान की उन्नत तकनीकी क्षमता एक-दूसरे के पूरक हैं। दोनों देशों ने इस क्षेत्र में सहयोग गहराने की प्रतिबद्धता दोहराई। इससे पहले सेमीकंडक्टर सप्लाई चेन साझेदारी और आर्थिक सुरक्षा संवाद के अंतर्गत हुए समझौतों पर भी आगे काम करने का निर्णय हुआ।

प्रधानमंत्री मोदी ने इससे पहले जापान में एक घंटे में 320 किलोमीटर की रफ्तार से दौड़ने वाली शिंकानसेन बुलेट ट्रेन से सेनदाई तक की यात्रा की। उनके इस सफर में जापान के प्रधानमंत्री इशिबा भी रहे। वहां इशिबा ने उनके सम्मान में दोपहर भोज का आयोजन किया, जिसमें मियागी प्रीफेक्चर के गवर्नर सहित कई गणमान्य उपस्थित थे।

गवर्नरों ने भी उप-राष्ट्रीय स्तर पर सहयोग को बढ़ाने पर सहमति व्यक्त की

प्रधानमंत्री मोदी ने आज जापान के विभिन्न प्रान्तों के राज्यपालों से मुलाकात की। इस बातचीत में सोलह राज्यपालों ने भाग लिया। इस दौरान प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत-जापान साझेदारी को केवल दिल्ली-टोक्यो तक सीमित न रखते हुए राज्यों और प्रीफेक्चरों (जापान में राज्यों के लिए उपयोग शब्द) तक विस्तारित किया जाना चाहिए। उन्होंने राज्य-प्रीफेक्चर साझेदारी पहल के अंतर्गत व्यापार, प्रौद्योगिकी, पर्यटन, कौशल और संस्कृति के क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने का आह्वान किया। गवर्नरों ने भी उप-राष्ट्रीय स्तर पर सहयोग को बढ़ाने पर सहमति व्यक्त की।

उल्लेखनीय है कि प्रधानमंत्री ने कल अपनी यात्रा के दौरान भारत-जापान 15वें वार्षिक शिखर सम्मेलन में प्रधानमंत्री इशिबा के साथ वार्ता की। भारत और जापान ने टोक्यो में आयोजित वार्षिक शिखर सम्मेलन के दौरान अनेक समझौतों पर हस्ताक्षर किए। इसमें आर्थिक, सुरक्षा, तकनीकी, सांस्कृतिक और पर्यावरणीय सहयोग से जुड़े कुल 20 से अधिक दस्तावेज शामिल हैं।

New Delhi, 28 अगस्त (हि.स.)। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी भारत-जापान वार्षिक शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेने के लिए आज शाम जापान की यात्रा पर रवाना होंगे। प्रधानमंत्री मोदी की यह आठवीं जापान यात्रा होगी। इसके बाद वे शंघाई सहयोग परिषद (एससीओ) के राष्ट्राध्यक्षों की 25वीं बैठक में भाग लेने के लिए 31 अगस्त से 1 सितंबर तक चीन की यात्रा करेंगे।

प्रधानमंत्री मोदी शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेने के लिए आज शाम जापान रवाना होंगे

प्रधानमंत्री मोदी 15वें भारत-जापान वार्षिक शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेने के लिए आज शाम जापान रवाना होंगे। इस दौरान वे जापान के प्रधानमंत्री शिगेरु इशिबा के साथ 29 और 30 अगस्त को विशेष रणनीतिक और वैश्विक साझेदारी की समीक्षा करेंगे, जिसमें रक्षा एवं सुरक्षा, व्यापार एवं अर्थव्यवस्था, प्रौद्योगिकी एवं नवाचार शामिल हैं। वे क्षेत्रीय और वैश्विक महत्व के मुद्दों पर भी चर्चा करेंगे।

यह प्रधानमंत्री मोदी की जापान के पीएम इशिबा के साथ पहली वार्षिक शिखर बैठक है और लगभग 7 वर्षों में यह उनकी पहली जापान यात्रा भी है। उन्होंने आखिरी बार 2018 में वार्षिक शिखर सम्मेलन के लिए यात्रा की थी। साल 2014 में पद ग्रहण करने के बाद से यह प्रधानमंत्री मोदी की यह जापान की आठवीं यात्रा है।

प्रधानमंत्री मोदी द्वारा एससीओ शिखर सम्मेलन के दौरान कुछ द्विपक्षीय बैठकों की भी उम्मीद है।

अपनी यात्रा के दूसरे चरण में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग के निमंत्रण पर तियानजिन में शंघाई सहयोग परिषद (एससीओ) के राष्ट्राध्यक्षों की 25वीं बैठक में भाग लेने के लिए 31 अगस्त से 1 सितंबर तक चीन की यात्रा करेंगे। शिखर सम्मेलन के कार्यक्रम में 31 अगस्त की शाम एक स्वागत भोज शामिल है और मुख्य शिखर सम्मेलन अगले दिन 1 सितंबर को आयोजित किया जाएगा। प्रधानमंत्री मोदी द्वारा एससीओ शिखर सम्मेलन के दौरान कुछ द्विपक्षीय बैठकों की भी उम्मीद है। एससीओ के दस सदस्यों में भारत के अलावा बेलारूस, चीन, ईरान, कजाकिस्तान, किर्गिस्तान, पाकिस्तान, रूस, ताजिकिस्तान और उज्बेकिस्तान शामिल हैं।

Patna, 27 अगस्त (हि.स.)। बिहार विधानसभा चुनाव की सरगर्मी के बीच प्रधानमंत्री नरेन्द्र माेदी अगले महीने 15 सितम्बर काे एक बार फिर बिहार आएंगे। यह जानकारी पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष दिलीप जायसवाल ने दी। उन्हाेंने बताया कि प्रधानमंत्री माेदी 15 सितम्बर काे बिहार के पूर्णिया आयेंगे। वे पूर्णिया एयरपोर्ट का उद्घाटन करेंगे। इसके साथ ही सीमांचल को करोड़ों की योजनाओं की साैगात देंगे। प्रधानमंत्री का यह दौरा क्षेत्र के लिए विकास की नई दिशा तय करेगा।

प्रधानमंत्री मोदी पूर्णिया को एयरपोर्ट की सौगात देने आ रहे हैं

प्रधानमंत्री मोदी के दौरे को लेकर भाजपा पूरी तरह सक्रिय हो चुकी है। प्रधानमंत्री मोदी का यह सातवां बिहार दौरा है।

इससे पहले 6 बार प्रधानमंत्री मोदी बिहार आ चुके हैं। भागलपुर, मधुबनी, सासाराम, सीवान, मोतिहारी और गयाजी के दौरे के बाद अब प्रधानमंत्री मोदी 15 सितंबर को पूर्णिया आएंगे। इससे पहले अपने सभी दौरे पर उन्होंने बिहार को करोड़ों की सौगात देने का काम किया है। गयाजी में भी करीब 13 हजार करोड़ रूपये की योजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास उन्होंने किया। अब पूर्णिया को एयरपोर्ट की सौगात देने आ रहे हैं।

Ahmedabad, 26 अगस्त (हि.स.)। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मंगलवार को गुजरात के हंसलपुर स्थित सुजुकी मोटर प्लांट से कंपनी के पहले वैश्विक बैटरी इलेक्ट्रिक वाहन (बीईवी) ‘ई-विटारा’ को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। भारत में निर्मित यह इलेक्ट्रिक कार यूरोप और जापान जैसे उन्नत बाजारों सहित 100 से अधिक देशों में निर्यात की जाएगी। प्रधानमंत्री ने कहा कि अब दुनिया के दर्जनों देशों में जब यह इलेक्ट्रिक वाहन सड़कों पर दौड़ेंगे, तो उस पर लिखा होगा ‘मेड इन इंडिया’।

प्रधानमंत्री ने सुजुकी के पहले वैश्विक इलेक्ट्रिक वाहन ‘ई-विटारा’ का लोकार्पण किया

प्रधानमंत्री ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि गणेश उत्सव के इस उल्लास में आज भारत की ‘मेक इन इंडिया’ और ‘मेक फॉर द वर्ल्ड’ यात्रा में नया अध्याय जुड़ गया है। आज से भारत में बने इलेक्ट्रिक वाहन 100 देशों को निर्यात किए जाएंगे और हाइब्रिड बैटरी इलेक्ट्रोड की मैन्युफैक्चरिंग भी शुरू हो रही है। यह दिन भारत और जापान की दोस्ती को नया आयाम देने वाला है। प्रधानमंत्री ने इस उपलब्धि के लिए देशवासियों, जापान और सुजुकी कंपनी को बधाई दी।

उन्होंने कहा कि आज मारुति अपनी टीन एज (किशोरावस्था) में प्रवेश कर रही है। यह पंख फैलाने और सपनों की उड़ान भरने का कालखंड है। गुजरात में मारुति के इस नए चरण का मतलब है कि आने वाले दिनों में कंपनी नए पंख फैलाएगी और नई उमंग के साथ आगे बढ़ेगी। मोदी ने याद किया कि 2012 में जब वे गुजरात के मुख्यमंत्री थे, तब हंसलपुर में मारुति सुजुकी को जमीन आवंटित की गई थी। उस समय भी विजन आत्मनिर्भर भारत और ‘मेक इन इंडिया’ का था। आज वही प्रयास देश के संकल्पों को साकार कर रहे हैं।

 

भारत के पास लोकतंत्र की शक्ति है, जनसंख्या का लाभ है और विशाल कुशल कार्यबल है: प्रधानमंत्री

प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत के पास लोकतंत्र की शक्ति है, जनसंख्या का लाभ है और विशाल कुशल कार्यबल है। यही वजह है कि भारत हर साझेदार के लिए विन-विन सिचुएशन प्रस्तुत करता है। आज जापानी कंपनी सुजुकी भारत में निर्माण कर रही है और यहां बनी गाड़ियां वापस जापान को निर्यात की जा रही हैं। यह भारत और जापान के रिश्तों की मजबूती का प्रतीक है और ग्लोबल कंपनियों के भरोसे को भी दर्शाता है।

मोदी ने कहा कि मारुति सुजुकी जैसी कंपनियां अब मेक इन इंडिया की ब्रांड एंबेसडर बन चुकी हैं। लगातार चार साल से मारुति भारत की सबसे बड़ी कार निर्यातक है। अब इसी पैमाने पर इलेक्ट्रिक वाहन निर्यात की भी शुरुआत हो रही है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि इलेक्ट्रिक वाहन पारिस्थितिकी तंत्र का सबसे महत्वपूर्ण हिस्सा बैटरी है। कुछ साल पहले तक भारत पूरी तरह आयातित बैटरियों पर निर्भर था। इसी चुनौती को देखते हुए 2017 में टीडीएसजी बैटरी प्लांट की नींव रखी गई थी। अब इस संयंत्र में तीन जापानी कंपनियां मिलकर पहली बार भारत में बैटरी सेल और इलेक्ट्रोड का निर्माण कर रही हैं। इससे आत्मनिर्भर भारत के दृष्टिकोण को नई ताकत मिलेगी और हाइब्रिड इलेक्ट्रिक वाहनों के कारोबार में गति आएगी।

इलेक्ट्रिक वाहन केवल विकल्प नहीं बल्कि कई समस्याओं का समाधान हैं: प्रधानमंत्री

उन्होंने कहा कि इलेक्ट्रिक वाहन केवल विकल्प नहीं बल्कि कई समस्याओं का समाधान हैं। हाल ही में उनकी सिंगापुर यात्रा के दौरान उन्होंने पुराने वाहनों और एम्बुलेंस को हाइब्रिड इलेक्ट्रिक वाहन में बदलने की संभावना रखी थी। मारुति सुजुकी ने इस चुनौती को स्वीकार किया और छह माह में एक वर्किंग प्रोटोटाइप तैयार किया। प्रधानमंत्री ने स्वयं हाइब्रिड एम्बुलेंस का प्रोटोटाइप देखा और बताया कि लगभग 11 हजार करोड़ रुपये की इस योजना में ई-एम्बुलेंस के लिए भी बजट निर्धारित है। इससे प्रदूषण घटेगा और पुराने वाहनों को नया विकल्प मिलेगा।

मोदी ने जोर देकर कहा कि क्लीन एनर्जी और क्लीन मोबिलिटी ही भविष्य है। भारत ऐसे प्रयासों से विश्वसनीय केंद्र बन रहा है। आज पूरी दुनिया आपूर्ति शृंखला व्यवधान से जूझ रही है, लेकिन भारत ने पिछले दशक में जो नीतियां बनाई हैं, वे आज देश के लिए बेहद कारगर साबित हो रही हैं।

भविष्य के उद्योगों, विशेषकर सेमीकंडक्टर क्षेत्र में भारत तेजी से आगे बढ़ रहा है: प्रधानमंत्री

प्रधानमंत्री ने कहा कि 2014 में सेवा का अवसर मिलने के बाद से ही मेक इन इंडिया अभियान को गति दी गई और वैश्विक व घरेलू कंपनियों के लिए अनुकूल वातावरण तैयार किया गया। आज पूरी दुनिया भारत की ओर देख रही है। ऐसे समय में हर राज्य को आगे आकर अवसर का लाभ उठाना चाहिए। उन्होंने सभी राज्यों को आमंत्रण दिया- आइए, रिफॉर्म्स की स्पर्धा करें, प्रो-डेवलपमेंट पॉलिसीज की स्पर्धा करें, गुड गवर्नेंस की स्पर्धा करें।

उन्होंने कहा कि 2047 तक विकसित भारत के निर्माण की गति को और तेज करने में सभी को योगदान देना होगा। भारत जिन क्षेत्रों में अच्छा कर रहा है, उनमें और बेहतर प्रदर्शन करने का लक्ष्य है। इसी कारण मिशन मैन्युफैक्चरिंग पर जोर दिया जा रहा है। उन्होंने कहा कि भविष्य के उद्योगों, विशेषकर सेमीकंडक्टर क्षेत्र में भारत तेजी से आगे बढ़ रहा है।

कार्यक्रम में गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल, भारत में जापान के राजदूत ओनो केइची, सुजुकी मोटर कॉर्प के अध्यक्ष तोशीहिरो सुजुकी, मारुति सुजुकी इंडिया लिमिटेड के प्रबंध निदेशक हिसाशी ताकेउची और चेयरमैन आरसी भार्गव भी उपस्थित थे।

New Delhi, 22 अगस्त (हि.स.)। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज बिहार के गयाजी में राजनीतिक रैली को संबोधित किया। इसमें उन्होंने राज्य के सीमावर्ती इलाकों में बदल रही जनसांख्यिकी का मुद्दा उठाया और इस संबंध में कांग्रेस, राष्ट्रीय जनता दल (राजद) और वाम दलों पर वोटबैंक की राजनीति करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि यह दल बिहार के लोगों का अधिकार घुसपैठियों को देना चाहते हैं। हम, घुसपैठियों को लोगों के अधिकारों पर डाका डालने नहीं देंगे।

घुसपैठियों को बिहार के लोगों का हक छिनने नहीं देंगेः प्रधानमंत्री

प्रधानमंत्री ने बिहार के गयाजी से 13 हजार करोड़ रूपये की विभिन्न विकास परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास किया। इस अवसर पर बिहार के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भी मंच पर उपस्थित रहे।

प्रधानमंत्री ने इस दौरान लाल किले के अपने भाषण में घुसपैठ की समस्या के समाधान के लिए बनाए जा रहे डेमोग्राफिक मिशन का जिक्र किया। उन्होंने कहा कि इसके माध्यम से चुन-चुनकर सभी घुसपैठियों को देश से बाहर निकाला जाएगा। हम घुसपैठियों को लोगों के अधिकारों पर डाका डालने नहीं देंगे।


प्रधानमंत्री ने संसद में पेश संविधान संशोधन विधेयक का उल्लेख कर कहा कि अब भ्रष्टाचार करने वाला जेल भी जाएगा और उसकी कुर्सी भी जाएगी। इससे जमानत पर बाहर घूमने वाले नेता चिंतित है और उनके दल इसका विरोध कर रहे हैं।

उन्होंने कहा, “एनडीए सरकार भ्रष्टाचार के खिलाफ एक ऐसा कानून लाई है, जिसके दायरे में देश का प्रधानमंत्री भी आता है। इस कानून में मुख्यमंत्री और मंत्री भी शामिल किए गए हैं। इस कानून के बनने के बाद अगर कोई मुख्यमंत्री, मंत्री या प्रधानमंत्री गिरफ्तार होता है तो उसे 30 दिन के भीतर जमानत लेनी होगी और अगर जमानत नहीं मिली तो 31वें दिन उसे कुर्सी छोड़नी पड़ेगी।”

उन्होंने कहा कि संविधान हमसे ईमानदारी और पादर्शिता की मांग करता है। हम इसे तार-तार होते नहीं देख सकते। पिछले 11 वर्षों की सरकार में एक भी भ्रष्टाचार का मामला सामने नहीं आया है। जबकि आज़ादी के बाद कांग्रेस की सरकारें जो 60–65 साल तक सत्ता में रहीं, उनके भ्रष्टाचारों की एक लंबी सूची है।

नेताओं के ऐसे रवैये से भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई कैसे मजबूत होगी?: प्रधानमंत्री

विधेयक का विरोध कर रही कांग्रेस, लेफ्ट और राजद पर निशाना साधते हुए उन्होंने पूछा कि इनके नेताओं के ऐसे रवैये से भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई कैसे मजबूत होगी। 50 घंटे जेल में रहने पर एक अफसर सेवा से स्वत: निलंबित हो जाता है लेकिन मंत्री जेल में बैठकर फाइलें साइन करते हैं।

ऑपरेशन सिंदूर का उल्लेख करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि बिहार की धरती पर लिया गया हर संकल्प कभी खाली नहीं जाता। इसी धरती से लिया संकल्प पूरा हुआ और ऑपरेशन सिंदूर ने देश की रक्षा नीति में एक नई लकीर खींच दी। अब कोई भी आतंक फैलाकर बच नहीं सकता।

प्रधानमंत्री ने कहा कि एनडीए के शासनकाल में बिहार में चौतरफा विकास हो रहा है। वहीं लालटेन (राजद का चुनाव चिह्न) के राज में बिहार लाल आतंक से घिरा था। इसी के कारण पीढ़ियों को बिहार से पलायन करने को मजबूर होना पड़ा। यही कारण था कि कांग्रेस के एक मुख्यमंत्री ने कहा था कि हम बिहार के लोगों को अपने यहां घुसने नहीं देंगे।

युवा जब निजी क्षेत्र में पहली नौकरी करेंगे, तब केंद्र सरकार उन्हें अपने पास से 15,000 रुपये देगी

प्रधानमंत्री ने विकसित भारत रोजगार योजना का उल्लेख किया और कहा कि इसे बिहार के युवाओं को लाभ मिलेगा। उन्होंने कहा कि योजना के तहत हमारे युवा जब निजी क्षेत्र में पहली नौकरी करेंगे, तब केंद्र सरकार उन्हें अपने पास से 15,000 रुपये देगी। उन्हें रोजगार देने वाली निजी कंपनियों को भी सरकार प्रोत्साहन देगी। इसका बहुत बड़ा लाभ बिहार के युवाओं को भी होगा।

प्रधानमंत्री ने कहा कि गयाजी की पावन भूमि से एक ही दिन में 12 हजार करोड़ रुपये की परियोजनाओं का लोकार्पण और शिलान्यास हुआ है। इसमें ऊर्जा, स्वास्थ्य और शहरी विकास से जुड़े कई बड़े प्रोजेक्ट हैं। इनसे बिहार के उद्योगों को ताकत मिलेगी और युवाओं के लिए रोजगार के नए अवसर भी बनेंगे। उन्होंने पीएम आवास योजना का जिक्र करते हुए कहा कि उन्होंने एक बड़ा संकल्प लिया है। जब तक हर जरूरतमंद को पक्का घर नहीं मिल जाता, मोदी चैन से नहीं बैठेगा। इसी सोच के साथ बीते 11 साल में 4 करोड़ से अधिक गरीबों को पक्के घर बनाकर दिए जा चुके हैं।

New Delhi, 11 अगस्त (हि.स.)। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने यहां के बाबा खड़क सिंह मार्ग पर सांसदों के लिए बनाए गए 184 नए टाइप-VII बहुमंजिला फ्लैटों का उद्घाटन किया। उन्होंने इसे सांसदों के ईज ऑफ लिविंग में सुधार और सरकारी खर्च में कमी की दिशा में अहम कदम बताया। इस परिसर के चार टावर हैं। इसके नाम देश की प्रमुख नदियों कृष्णा, गोदावरी, कोसी और हुगली पर रखे गए हैं।

प्रधानमंत्री ने इसके लिए आयोजित एक कार्यक्रम में कहा कि हाल ही में कर्तव्य पथ पर केंद्रीय सचिवालय ‘कर्तव्य भवन’ का लोकार्पण हुआ था और अब सांसदों के लिए यह नया आवास परिसर तैयार हुआ है। प्रधानमंत्री ने कहा कि टॉवर के नाम नदियों के नाम रखने की परंपरा देश की एकता को मजबूत करती है।

पहले सांसदों को बार-बार आवास संबंधी कठिनाइयों का सामना करना पड़ता था

प्रधानमंत्री ने बताया कि नए आवास पुराने सांसद भवनों की जर्जर स्थिति से मुक्ति देंगे। पहले सांसदों को बार-बार आवास संबंधी कठिनाइयों का सामना करना पड़ता था। अब वे इन समस्याओं से मुक्त होकर जनता की समस्याओं के समाधान में अधिक समय और ऊर्जा लगा सकेंगे।

उन्होंने कहा कि पहली बार सांसद बनने वालों को दिल्ली में आवास आवंटन में आने वाली कठिनाइयों को भी यह परियोजना दूर करेगी। इन बहुमंजिला इमारतों में 180 से अधिक सांसद एक साथ रह सकेंगे। प्रधानमंत्री ने बताया कि पहले कई मंत्रालय किराए की इमारतों में चलते थे, जिन पर हर साल करीब 1,500 करोड़ रुपये खर्च होते थे। सांसद आवास की कमी भी सरकारी खर्च बढ़ाती थी।

2014 के बाद इसे मिशन मोड में लिया गया: प्रधानमंत्री

प्रधानमंत्री ने कहा कि 2004 से 2014 तक लोकसभा सांसदों के लिए एक भी नया आवास नहीं बना था, जबकि 2014 के बाद इसे मिशन मोड में लिया गया। अब तक इन फ्लैटों समेत लगभग 350 सांसद आवास बनाए जा चुके हैं, जिससे जनता का पैसा बच रहा है। उन्होंने इस निर्माण में जुड़े इंजीनियरों और श्रमिकों की मेहनत की सराहना की।

उन्होंने कहा कि इन आवासों में सतत विकास के मानकों का पालन किया गया है और यह परिसर स्वच्छता व एक भारत, श्रेष्ठ भारत की भावना का प्रतीक बनेगा। प्रधानमंत्री ने सांसदों से परिसर में स्वच्छता प्रतियोगिता और विभिन्न राज्यों के त्योहारों के सामूहिक आयोजन की अपील की।

Patna, 16 जुलाई (हि.स.)। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी 18 जुलाई यानी शुक्रवार को बिहार के पूर्वी चंपारण जिला मुख्यालय मोतिहारी में एक जनसभा को सम्बोधित करेंगे। बिहार सरकार से प्राप्त जानकारी के अनुसार जनसभा के दौरान पीएम मोदी सड़क, रेलवे, इलेक्ट्रॉनिक्स और ग्रामीण कल्याण सहित प्रमुख क्षेत्रों में करीब 7,196 करोड़ रुपये की विकास परियोजनाओं का अनावरण और शिलान्यास करेंगे।

विकास परियोजनाओं में से 5,398 करोड़ रुपये रेलवे परियोजनाओं के लिए जाएगा

विकास परियोजनाओं में से 5,398 करोड़ रुपये रेलवे परियोजनाओं के लिए जाएगा, जबकि 1,173 करोड़ रुपये सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय के तहत बुनियादी ढांचे के लिए निर्धारित हैं। इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय 63 करोड़ रुपये की परियोजनाओं में योगदान देगा। इसके अलावा, प्रधानमंत्री आवास योजना-ग्रामीण (पीएमएवाई-जी) के तहत 40,000 लाभार्थियों के खातों में सीधे 162 करोड़ रुपये हस्तांतरित किए जाएंगे। इसी योजना के तहत लगभग 12,000 लाभार्थियों को गृह प्रवेश मिलेगा। इसके अलावा, ग्रामीण आजीविका को मज़बूत करने के उद्देश्य से 61,500 स्वयं सहायता समूहों को 400 करोड़ रुपये जारी किए जाने हैं।

प्रधानमंत्री मोदी का पिछला बिहार दौरा 20 जून को हुआ था

अक्टूबर-नवम्बर में होने वाले राज्य विधानसभा चुनावों के साथ, बिहार में राजनीतिक हलचल तेज़ हो गई है। प्रधानमंत्री का यह दौरा ऐसे समय में हो रहा है जब विपक्षी दलों की सक्रियता बढ़ रही है, जिसमें विपक्ष के नेता राहुल गांधी के कई दौरे भी शामिल हैं। प्रधानमंत्री मोदी का पिछला बिहार दौरा 20 जून को हुआ था, जब उन्होंने सीवान जिले के जसोली में एक जनसभा को संबोधित किया था। इससे पहले उन्होंने 29 मई को पटना में एक रोड शो और 30 मई को शाहाबाद में एक रैली की थी।

चंपारण 21 सीटों पर दांव

पूर्वी चंपारण स्थित मोतिहारी की लड़ाई भाजपा के लिए महत्वपूर्ण है। प्रधानमंत्री मोदी के दौरे से पूर्वी और पश्चिमी चंपारण, दोनों ज़िलों के मतदाताओं पर असर पड़ने की उम्मीद है, जहां कुल मिलाकर 21 विधानसभा सीटें हैं। 2020 के विधानसभा चुनावों में, राजग ने इन 21 में से 17 सीटें जीतकर अपना दबदबा बनाया था।

पूर्वी चंपारण (12 सीटें)

वर्ष 2020 के विधानसभा चुनाव में पूर्वी चंपारण में राजग ने 9 सीटें (8 भाजपा, 1 जदयू) जीती थीं, जबकि राजद ने महागठबंधन के लिए तीन सीटें हासिल की थीं। राजग की नज़र कल्याणपुर, सुगौली और नरकटिया सीटों पर फिर से कब्ज़ा करने पर है, जो उसने पहले खो दी थीं।

पश्चिमी चंपारण (9 सीटें)

राजग ने यहां 2020 के विधानसभा चुनाव में 8 सीटों पर कब्जा जमाया था। (7 भाजपा, 1 जदयू), जबकि भाकपा (माले) ने पिछली बार एक सीट जीती थी। भाजपा अपने इस गढ़ चंपारण में अपनी मज़बूत पकड़ बनाना चाहती है। प्रधानमंत्री के दौरे का उद्देश्य इस आधार को और मज़बूत करना और विपक्ष के किसी भी तर्क का जवाब देना है।

नीतीश फ़ैक्टर: 2015 और 2020बिहार की राजनीति को बहुत करीब से जानने वाले वरिष्ठ पत्रकार लव कुमार मिश्र ने बातचीत में कहा कि बिहार में राजनीतिक समीकरण ऐतिहासिक रूप से अनिश्चित रहे हैं, खासकर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के गठबंधनों के संदर्भ में। यह यात्रा पुनर्गठित राजग के लाभों को भी उजागर करेगी। उन्होंने कहा कि वर्ष 2015 में नीतीश राजग के साथ नहीं थे। पूर्वी चंपारण में, राजग गठबंधन ने 12 में से केवल पांच सीटें जीतीं, जबकि महागठबंधन ने सात सीटें जीतीं। भाजपा का वोट शेयर 23.5 प्रतिशत था। अगर बात 2020 के विधानसभा चुनाव की करें तो नीतीश कुमार एनडीए के साथ थे। पूर्वी चंपारण में गठबंधन की सीटों की संख्या बढ़कर नौ हो गई। पूरे राज्य में, भाजपा का वोट शेयर 25.8 प्रतिशत और जदयू का 20.1 प्रतिशत हो गया। राजग की रणनीति सीटों में अधिकतम वृद्धि हासिल करने की है, जिसका लक्ष्य इस साल पूर्वी चंपारण की सभी 12 सीटों पर क्लीन स्वीप करना है।

New Delhi, 11 जुलाई (हि.स.)। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी शनिवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से विभिन्न सरकारी विभागों और संगठनों में नियुक्त हुए युवाओं को 51 हजार से अधिक नियुक्ति पत्र वितरित करेंगे। इस अवसर पर प्रधानमंत्री मोदी इन युवाओं को संबोधित भी करेंगे।

16वां रोजगार मेला देशभर के 47 स्थानों पर आयोजित किया जाएगा

प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) ने आज एक बयान में कहा कि इस बार 16वां रोजगार मेला देशभर के 47 स्थानों पर आयोजित किया जाएगा। इन मेलों के माध्यम से चयनित युवा देश के विभिन्न हिस्सों से आए हैं और वे जल्द ही अपने-अपने मंत्रालयों और विभागों में कार्यभार संभालेंगे।

अब तक देशभर में आयोजित रोजगार मेलों के माध्यम से 10 लाख से अधिक नियुक्ति पत्र वितरित किए जा चुके हैं

यह नियुक्तियां केंद्र सरकार के विभिन्न मंत्रालयों और विभागों में की जा रही हैं, जिनमें रेल मंत्रालय, गृह मंत्रालय, डाक विभाग, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय, वित्तीय सेवाएं विभाग, श्रम एवं रोजगार मंत्रालय सहित अन्य विभाग शामिल हैं। रोजगार मेला प्रधानमंत्री मोदी की युवाओं को रोजगार के अवसर उपलब्ध कराने की प्रतिबद्धता का हिस्सा है। यह पहल युवाओं को सशक्त बनाने और राष्ट्र निर्माण में उनकी भागीदारी सुनिश्चित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। अब तक देशभर में आयोजित रोजगार मेलों के माध्यम से 10 लाख से अधिक नियुक्ति पत्र वितरित किए जा चुके हैं।

New Delhi, 3 जुलाई (हि.स.)। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को पश्चिमी अफ्रीकी देश घाना में सर्वोच्च नागरिक सम्मान से सम्मानित किए जाने पर सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने इसे पूरे देश के लिए सम्मान की बात बताई।

यह हम सभी के लिए बहुत गर्व की बात है: गडकरी 

गडकरी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर अपने पोस्ट में कहा कि यह हम सभी के लिए बहुत गर्व की बात है क्योंकि हमारे प्रधानमंत्री को घाना के सर्वोच्च नागरिक सम्मान ‘द ऑफिसर ऑफ द ऑर्डर ऑफ द स्टार ऑफ घाना’ से सम्मानित किया गया। यह पूरे देश के लिए बहुत सम्मान की बात है। यह सम्मान हमारे युवाओं की आकांक्षाओं, हमारी सांस्कृतिक विरासत की समृद्धि और भारत एवं घाना के बीच स्थायी ऐतिहासिक संबंधों का जश्न है।

प्रधानमंत्री मोदी इन दिनों आठ दिवसीय विदेश यात्रा पर हैं

प्रधानमंत्री मोदी इन दिनों आठ दिवसीय विदेश यात्रा पर हैं, जिसकी शुरुआत घाना से हुई है। इसके बाद वे त्रिनिदाद और टोबैगो, अर्जेंटीना, ब्राज़ील और नामीबिया सहित पांच देशों की यात्रा करेंगे। इस दौरान वे संबंधित देशों के राष्ट्राध्यक्षों और प्रमुख नेताओं से मुलाकात करेंगे, जिसमें आपसी सहयोग, विकास के मुद्दे और रणनीतिक साझेदारी पर चर्चा की जाएगी। प्रधानमंत्री मोदी ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में भी भाग लेंगे। यात्रा की रूपरेखा इस तरह से तैयार की गई है कि ‘ग्लोबल साउथ’ को लेकर भारत की रणनीति को और अधिक सशक्त किया जा सके।

 

New Delhi, 02 जुलाई (हि.स.)। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी आज अब से कुछ देर पहले पांच देशों की यात्रा पर नई दिल्ली से रवाना हुए। प्रधानमंत्री मोदी ने घाना, त्रिनिदाद और टोबैगो, अर्जेंटीना, ब्राजील और नामीबिया के लिए प्रस्थान करने से पहले जारी वक्तव्य में कहा, ”मेरी इन देशों की यात्रा से वैश्विक दक्षिण में भारत के मैत्रीपूर्ण रिश्ते मजबूत होंगे।” प्रधानमंत्री के इस वक्तव्य को भारत सरकार के पत्र एवं सूचना कार्यालय (पीआईबी) ने जारी किया है। प्रधानमंत्री मोदी ने इसे अपने आधिकारिक एक्स हैंडल पर भी साझा किया है।

घाना वैश्विक दक्षिण में मूल्यवान भागीदार

उन्होंने लिखा है, ” आज, मैं 02 से 09 जुलाई 2025 तक घाना, त्रिनिदाद और टोबैगो, अर्जेंटीना, ब्राजील और नामीबिया की पांच देशों की यात्रा पर जा रहा हूं। राष्ट्रपति जॉन ड्रामानी महामा के निमंत्रण पर मैं 02-03 जुलाई को घाना जाऊंगा। घाना वैश्विक दक्षिण में एक मूल्यवान भागीदार है और अफ्रीकी संघ और पश्चिमी अफ्रीकी राज्यों के आर्थिक समुदाय में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। मैं अपने आदान-प्रदान की प्रतीक्षा कर रहा हूं जिसका उद्देश्य हमारे ऐतिहासिक संबंधों को और गहरा करना और निवेश, ऊर्जा, स्वास्थ्य, सुरक्षा, क्षमता निर्माण और विकास साझेदारी के क्षेत्रों सहित सहयोग के नए द्वार खोलना है। साथी लोकतंत्रों के रूप में, घाना की संसद में बोलना मेरे लिए सम्मान की बात होगी।”

अर्जेंटीना के राष्ट्रपति से मिलने का इंतजार

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, ” पोर्ट ऑफ स्पेन से मैं ब्यूनस आयर्स की यात्रा करूंगा। यह 57 वर्षों में किसी भारतीय प्रधानमंत्री की अर्जेंटीना की पहली द्विपक्षीय यात्रा होगी। अर्जेंटीना लैटिन अमेरिका में एक प्रमुख आर्थिक साझेदार है और जी-20 में एक करीबी सहयोगी है। मैं राष्ट्रपति जेवियर माइली के साथ अपनी चर्चा का इंतजार कर रहा हूं, जिनसे मुझे पिछले साल मिलने का सौभाग्य भी मिला था। हम कृषि, महत्वपूर्ण खनिजों, ऊर्जा, व्यापार, पर्यटन, प्रौद्योगिकी और निवेश के क्षेत्रों सहित अपने पारस्परिक रूप से लाभकारी सहयोग को आगे बढ़ाने पर ध्यान केंद्रित करेंगे।”

भारत ब्रिक्स के लिए प्रतिबद्ध

उन्होंने कहा, ” मैं 06-07 जुलाई को रियो डी जेनेरियो में ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में भाग लूंगा। एक संस्थापक सदस्य के रूप में, भारत उभरती अर्थव्यवस्थाओं के बीच सहयोग के लिए एक महत्वपूर्ण मंच के रूप में ब्रिक्स के लिए प्रतिबद्ध है। साथ मिलकर, हम एक अधिक शांतिपूर्ण, न्यायसंगत, लोकतांत्रिक और संतुलित बहुध्रुवीय विश्व व्यवस्था के लिए प्रयास करते हैं। शिखर सम्मेलन के दौरान, मैं कई विश्व नेताओं से भी मिलूंगा। मैं एक द्विपक्षीय राजकीय यात्रा के लिए ब्रासीलिया की यात्रा करूंगा, जो लगभग छह दशकों में किसी भारतीय प्रधानमंत्री की पहली यात्रा होगी। यह यात्रा ब्राजील के साथ हमारी घनिष्ठ साझेदारी को मजबूत करने और मेरे मित्र, राष्ट्रपति लुईस इनासियो लूला दा सिल्वा के साथ मिलकर ग्लोबल साउथ की प्राथमिकताओं को आगे बढ़ाने का अवसर प्रदान करेगी।”

नामीबियाई संसद के संयुक्त सत्र करेंगे संबोधित

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा, ” मेरा अंतिम गंतव्य नामीबिया होगा। एक विश्वसनीय भागीदार जिसके साथ हम उपनिवेशवाद के खिलाफ संघर्ष का एक साझा इतिहास साझा करते हैं। मैं राष्ट्रपति डॉ. नेटुम्बो नंदी-नदैतवा से मिलने और हमारे लोगों, हमारे क्षेत्रों और व्यापक वैश्विक दक्षिण के लाभ के लिए सहयोग के लिए एक नया रोडमैप तैयार करने के लिए उत्सुक हूं। नामीबियाई संसद के संयुक्त सत्र को संबोधित करना भी एक विशेषा अवसर होगा क्योंकि हम स्वतंत्रता और विकास के लिए अपनी स्थायी एकजुटता और साझा प्रतिबद्धता का जश्न मनाते हैं।”

बहुपक्षीय मंचों पर भागीदारी होगी गहरी

प्रधानमंत्री ने कहा, ”मुझे विश्वास है कि इन पांच देशों की मेरी यात्रा से वैश्विक दक्षिण में हमारी मैत्रीपूर्ण रिश्ते मजबूत होंगे। अटलांटिक के दोनों ओर हमारी साझेदारी मजबूत होगी। ब्रिक्स, अफ्रीकी संघ, इकोवास और कैरीकॉम जैसे बहुपक्षीय मंचों पर हमारी भागीदारी और गहरी होगी।”

New Delhi, 25 जून (हि.स.)। देश में साल 1975 में थोपे गए आपातकाल की लड़ाई में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज ‘संविधान हत्या दिवस’ पर इस काले कालखंड की लड़ाई में शामिल हर योद्धा को सलाम किया है। उन्होंने अपने आधिकारिक एक्स हैंडल पर लिखा ” हम अपने संविधान में निहित सिद्धांतों को मजबूत करने तथा विकसित भारत के अपने सपने को साकार करने के लिए मिलकर काम करने की अपनी प्रतिबद्धता को भी दोहराते हैं। हम प्रगति की नई ऊंचाइयों को छुएं तथा गरीबों और वंचितों के सपनों को पूरा करें।”

 

प्रधानमंत्री मोदी ने एक पोस्ट में लिखा, ” हम आपातकाल के खिलाफ लड़ाई में डटे रहने वाले हर व्यक्ति को सलाम करते हैं

प्रधानमंत्री मोदी ने ‘संविधान हत्या दिवस’ के संबंध में एक्स पर कई पोस्ट किए हैं। एक अन्य पोस्ट में उन्होंने लिखा, ” हम आपातकाल के खिलाफ लड़ाई में डटे रहने वाले हर व्यक्ति को सलाम करते हैं! ये पूरे भारत से, हर क्षेत्र से, अलग-अलग विचारधाराओं से आए लोग थे जिन्होंने एक ही उद्देश्य से एक-दूसरे के साथ मिलकर काम किया। भारत के लोकतांत्रिक ढांचे की रक्षा करना और उन आदर्शों को बनाए रखना जिनके लिए हमारे स्वतंत्रता सेनानियों ने अपना जीवन समर्पित कर दिया। यह उनका सामूहिक संघर्ष ही था जिसने सुनिश्चित किया कि तत्कालीन कांग्रेस सरकार को लोकतंत्र बहाल करना पड़ा और नए चुनाव कराने पड़े, जिसमें वे बुरी तरह हार गए।”

भारत के लोग इस दिन को संविधान हत्या दिवस के रूप में मनाते हैं

उन्होंने लिखा, ” आज भारत के लोकतांत्रिक इतिहास के सबसे काले अध्यायों में से एक, आपातकाल लागू होने के पचास साल पूरे हो गए हैं। भारत के लोग इस दिन को संविधान हत्या दिवस के रूप में मनाते हैं। इस दिन, भारतीय संविधान में निहित मूल्यों को दरकिनार कर दिया गया, मौलिक अधिकारों को निलंबित कर दिया गया, प्रेस की स्वतंत्रता को खत्म कर दिया गया और कई राजनीतिक नेताओं, सामाजिक कार्यकर्ताओं, छात्रों और आम नागरिकों को जेल में डाल दिया गया। ऐसा लग रहा था जैसे उस समय सत्ता में बैठी कांग्रेस सरकार ने लोकतंत्र को बंधक बना लिया था!”

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने तब के क्रूर कालखंड याद करते हुए लिखा

” जब आपातकाल लगाया गया था, तब मैं आरएसएस का युवा प्रचारक था। आपातकाल विरोधी आंदोलन मेरे लिए सीखने का एक अनुभव था। इसने हमारे लोकतांत्रिक ढांचे को बचाए रखने की अहमियत को फिर से पुष्ट किया। साथ ही, मुझे राजनीतिक स्पेक्ट्रम के सभी लोगों से बहुत कुछ सीखने को मिला। मुझे खुशी है कि ब्लू क्राफ्ट डिजिटल फाउंडेशन ने उन अनुभवों में से कुछ को एक किताब के रूप में संकलित किया है, जिसकी प्रस्तावना एच.डी. देवेगौड़ा जी ने लिखी है, जो खुद आपातकाल विरोधी आंदोलन के एक दिग्गज थे।”

उल्लेखनीय है कि ब्लू क्राफ्ट डिजिटल फाउंडेशन की इस किताब का नाम ‘द इमरजेंसी डायरीज – इयर्स दैट फोर्ज्ड ए लीडर’ है। फाउंडेशन के अनुसार, इस किताब का विमोचन आज केंद्रीय गृह एवं सहकारितामंत्री अमित शाह करेंगे।

New Delhi, 24 जून (हि.स.)। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मंगलवार को विज्ञान भवन में आयोजित श्रीनारायण गुरु और महात्मा गांधी के ऐतिहासिक संवाद की शताब्दी समारोह का उद्घाटन किया। इस अवसर पर उन्होंने हाल ही में सफलतापूर्वक संपन्न ‘ऑपरेशन सिंदूर’ का उल्लेख कर कहा कि इसने आतंकवाद के खिलाफ भारत की स्पष्ट और कठोर नीति को दुनिया के सामने रख दिया है।

भारतीयों का खून बहाने वालों के लिए अब दुनिया में कोई भी जगह सुरक्षित नहीं है- प्रधानमंत्री

प्रधानमंत्री ने कहा कि हमने दिखा दिया है कि भारतीयों का खून बहाने वालों के लिए अब दुनिया में कोई भी जगह सुरक्षित नहीं है। आज का भारत अपने हितों के अनुसार हर जरूरी कदम उठाने में पीछे नहीं रहता। उन्होंने श्रीनारायण गुरु और महात्मा गांधी की 1925 में हुई ऐतिहासिक मुलाकात को याद करते हुए कहा कि यह संवाद केवल इतिहास की घटना नहीं, बल्कि आज भी सामाजिक समरसता और राष्ट्रीय एकता के लिए प्रेरणा का स्रोत है। उन्होंने कहा कि श्रीनारायण गुरु का जीवन समता, एकता और आध्यात्मिक उत्थान का प्रतीक रहा है। भारत की विशेषता यही है कि जब भी देश किसी संकट में होता है, कोई न कोई महान विभूति मार्गदर्शन के लिए सामने आती है। श्रीनारायण गुरु ऐसे ही संत थे, जिन्होंने समाज को नई दिशा दी।

प्रधानमंत्री मोदी ने शिवगिरी मठ को खुद के लिए सौभाग्यशाली बताया 

प्रधानमंत्री मोदी ने शिवगिरी मठ के साथ अपने पुराने संबंधों को याद करते हुए कहा कि वह स्वयं को सौभाग्यशाली मानते हैं कि यह मठ हमेशा उनके साथ खड़ा रहा है। उन्होंने 2013 की केदारनाथ आपदा का ज़िक्र कर कहा कि उस कठिन समय में शिवगिरी मठ ने भारत सरकार के बजाय उन्हें संपर्क किया, जब वे केवल एक मुख्यमंत्री थे। उन्होंने ‘वन अर्थ, वन हेल्थ’, ‘वन सन, वन वर्ल्ड, वन ग्रिड’ और ‘वन फैमिली, वन फ्यूचर’ जैसे वैश्विक दृष्टिकोणों का उल्लेख करते हुए भारत के नेतृत्व की सराहना की। उन्होंने कहा कि भारत सतत विकास के लक्ष्य में अग्रणी भूमिका निभा रहा है।

आज बेटियां कोर्ट से लेकर स्पेस तक भारत का नाम रोशन कर रही हैं- प्रधानमंत्री

महिला सशक्तीकरण की दिशा में किए गए प्रयासों का उल्लेख कर प्रधानमंत्री ने कहा कि आज बेटियां कोर्ट से लेकर स्पेस तक भारत का नाम रोशन कर रही हैं। हमने उन क्षेत्रों में भी महिलाओं की भागीदारी सुनिश्चित की है, जहां पहले उनकी एंट्री तक वर्जित थी।

मोदी ने कहा कि यह कार्यक्रम एक वैचारिक महाकुंभ है

प्रधानमंत्री ने यह भी कहा कि नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति न केवल शिक्षा को समावेशी और आधुनिक बना रही है, बल्कि मातृभाषा में पढ़ाई को बढ़ावा देकर पिछड़े वर्गों को आगे ला रही है। शताब्दी समारोह के अवसर पर मोदी ने कहा कि यह कार्यक्रम एक वैचारिक महाकुंभ है, जो सामाजिक न्याय, एकता और आध्यात्मिक सद्भाव के मूल्यों को सुदृढ़ करने की दिशा में महत्वपूर्ण योगदान देगा। यह ऐतिहासिक संवाद 12 मार्च 1925 को शिवगिरी मठ में महात्मा गांधी और श्रीनारायण गुरु के बीच हुआ था, जिसमें वैकोम सत्याग्रह, धर्मांतरण, अस्पृश्यता उन्मूलन, दलित उत्थान और मोक्ष जैसे विषयों पर विचार हुआ था। श्री नारायण धर्म संघम ट्रस्ट द्वारा आयोजित इस आयोजन में देशभर के आध्यात्मिक और सामाजिक नेता हिस्सा ले रहे हैं।