Chhapra: वैश्विक कोरोना वायरस महामारी के इस दौर में केंद्र और राज्य सरकार इससे निपटने के तमाम जरुरी प्रयास कर रहें है.

ऐसे में आपदा की इस घड़ी में अपने कर्तव्य और जिम्मेवारी को निभाते हुए छपरा के भाजपा विधायक डॉ सी एन गुप्ता ने अपना एक माह का वेतन मुख्यमंत्री आपदा राहत कोष में देने की घोषणा की है. उन्होंने इस बाबत विधानसभा के सचिव को पत्र प्रेषित किया है.

डॉ गुप्ता ने कहा कि इस वैश्विक महामारी से एकजुट होकर लड़ने में हमें सरकार के हर प्रयास का अपने स्तर से साथ देना होगा. सभी के स्वास्थ्य की मुझे चिंता है. इसको लेकर मैंने अपना एक माह का वेतन कोरोना महामारी से निपटने के लिए देने की घोषणा की है.

उन्होंने कहा कि अगर विधायक कोष से इस आपदा से निपटने का कोई प्रावधान राज्य सरकार करती है तो सबसे पहले मैं, अपने कोष से सहायता राशि प्रदान करूँगा.

मेरी अपील है कि आइए हम सभी इस महामारी से एकजुट होकर निपटे. चिकित्सक होने के नाते स्वयं राज्य सरकार मुझ से हर संभव मदद जब भी लेना चाहे ले सकती है. कोरोना को हराना है.

मुझे पूर्ण विश्वास है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व और मार्गदर्शन में विश्व व्यापी संकट का अंत होकर रहेगा.

आपको बता दें कि कोरोना महामारी से निपटने के लिए भारत सरकार ने 21 दिनों का राष्ट्रव्यापी लॉक डाउन की मंगलवार को घोषणा की है.

Chhapra: आपदा की इस घड़ी में जनता जहां कोरोना वायरस की मार झेल रही है, वहीं जिले के 12,000 से अधिक शिक्षक आर्थिक तंगी की मार झेल रहे हैं. बीती रात प्रधानमंत्री द्वारा 21 दिनों के लॉक डाउन की घोषणा के बाद आम जनता अपने परिवार के सदस्यों के भरण पोषण को लेकर खानपान की सामानों की खरीदारी करने में जुटे हैं, वही राष्ट्र निर्माता शिक्षक घर में बैठकर परिवार के सदस्यों का चेहरा देखकर चिंतित है.

विपदा की इस घड़ी में वह अपने परिवार का भरण पोषण कैसे करें यह कोरोना वायरस से भी बड़ी समस्या उनके समक्ष खड़ी हो गयी है. स्थिति यह है कि 2 माह से बिना वेतन जीवन गुजार रहे शिक्षकों एवं उनके परिवार पर अब भुखमरी का संकट मडराने लगा है.

शिक्षकों की इस आर्थिक तंगी पर प्रतिक्रिया देते हुए शिक्षक नेता समरेंद्र बहादुर सिंह ने कहा कि देश में विपदा आई है, जिले के 12000 शिक्षक इस करोना वायरस को भगाने के लिए सरकार के साथ खड़े हैं और आगे भी खड़े रहेंगे. लेकिन पुरानी कहावत है ”भूखे पेट भजन न होत गोपाला”.

जिले सहित बिहार के चार लाख से अधिक शिक्षक 17 फरवरी से समान काम समान वेतन की मांग को लेकर हड़ताल पर हैं, लेकिन सरकार शिक्षकों से वार्ता तक नहीं कर रही है. देश के प्रधानमंत्री ने 21 दिनों के लॉक डाउन की घोषणा की है, जिसका शिक्षक अक्षरशः पालन कर रहे हैं. प्रधानमंत्री ने राज्यों से यह भी कहा था कि सभी कर्मचारियों को वेतन दिया जाए, जिससे कि विपदा की इस घड़ी में वह लॉक डाउन के दौरान अपने घरों में रह सकें. लेकिन राज्य के मुखिया को यह बात सुनाई नहीं देता. मुख्यमंत्री ने वेतन देने की तो दूर किए गए कार्य अवधि के वेतन भुगतान पर भी रोक लगा दी है. जिससे शिक्षक परिवार भुखमरी के कगार पर है, 3 माह होने जा रहे है.

शिक्षकों के वेतन पर शिक्षक का ही नहीं बल्कि उसका पूरा परिवार आश्रित होता हैं. 21 दिनों के लंबे लॉक डाउन के समय में शिक्षक अपने परिवार का पालन कैसे करेंगे यह सबसे बड़ी चिंता है.

कोरोना वायरस को लेकर राज्य में आई इस आपदा के दौरान अग्रिम पेंशन, अग्रिम खाद्यान्न एवं अन्य सुविधाएं दी जा रही है और शिक्षक अपने कार्य अवधि के वेतन को भी तरस रहे हैं.

उन्होंने कहा कि सरकार अपनी हठधर्मिता छोड़ें, राज्य के चार लाख शिक्षक और उनके परिवार को ध्यान में रखकर शिक्षकों से वार्ता करें. शिक्षक विपदा के समय सरकार के साथ हैं. जब भी संकट आया है चिकित्सक और शिक्षकों ने ही मोर्चा संभाल कर राज्य को आपदाओं से निजात दिलाई है. अभी समय है मुख्यमंत्री से हमारी मांग है कि वह शिक्षकों से वार्ता करें, शिक्षकों को वेतन देने का आदेश निर्गत करें. जिससे कि उनके परिवार आश्रितों को इस संकट की घड़ी में भोजन मिल सकें.

New Delhi: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश के नाम अपने संबोधन में 21 दिनों की सम्पूर्ण lockdown की घोषणा की जो आज (24 मार्च 2020) आधी रात से लागू हो जाएगा.

प्रधानमंत्री ने कहा कि जीवन बचाने के लिए जो जरूरी है उसे सर्वोच्च प्राथमिकता देनी ही होगी.

इस वैश्विक महामारी से लड़ने के लिए देश के हेल्थ इंफ्रास्ट्रक्चर को और मजबूत बनाने के लिए केंद्र सरकार ने 15 हज़ार करोड़ का प्रावधान किया है. इससे कारोना से लड़ने के लिए जरूरी कार्य किये जायेंगे.

Chhapra: कोरोना वायरस को लेकर जिले को लॉक डाउन किया गया है. जिला प्रशासन ने इसको घोषणा भी करवा दी है. बावजूद इसके लोगों का सड़को पर आना जारी है. वही रोक के बावजूद भी दुकानें खुली रही. स्थिति को देखते हुए राज्य सरकार ने अब कड़े कदम उठाए है.

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सोमवार को शहर के विभिन्न मार्गों पर सारण पुलिस द्वारा पैदल गस्ती की जा रही थी. इस दौरान सड़को पर कारण और बिना कारण घूम रहे लोगों से पुलिस अपील कर रही थी. पुलिस द्वारा एक एक लोगों से बिना कारण घरों से बाहर निकलने को मना किया जा रहा था. पुलिस कर्मियों द्वारा घरों में ही रहने की अपील की जा रही थी. जिससे सरकार के निर्देशों का पालन हो सकें.

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पुलिस ने लोगों से आग्रह किया कि जरूरत के सामानों की खरीददारी कर वह सीधे अपने घर जाए. बिना वजह सड़को पर भीड़ ना लागये और ना ही भीड़ का हिस्सा बने. घरों में रहना ही सुरक्षित होगा.

पुलिस द्वारा मौना चौक, गांधी चौक, साहेबगंज, नगरपालिका चौक पैदल मार्च लोगो से अपील की गई.

Chhapra: कोरोना वायरस को लेकर जिले को लॉक डाउन किया गया है. आवाजाही के सभी साधन बंद है. सड़को पर कुछेक लोग ही दिख रहे है. आलम यह है कि हर तरफ अब सन्नाटा ही सन्नाटा है.

राज्य सरकार ने प्रदेश वासियों की सुरक्षा को लेकर कड़े कदम उठाये गए है जिनपर कार्य प्रारंभ भी हो चुका है. जिले में दूरदराज से आने वाले लोगों को एकांत में रहने के निर्देश दिया गया है. इसके लिए प्रशासन ने निर्देश जारी किया है. जिसके अनुसार दूसरे प्रदेशों से आने वालों को अस्थायी आवासन की व्यवस्था की गई है.

शहर से लेकर गांव तक कुल 329 विद्यालयों को चिन्हित कर उन विद्यालयों में दूसरे प्रदेशों से आने वाले लोगो को रखने का निर्देश दिया गया है.

सोमवार को जिला शिक्षा पदाधिकारी अजय कुमार सिंह ने इसकी सूची जारी कर दी. डीईओ द्वारा जिले के 20 प्रखंड शहर एवं ग्रामीण इलाकों के 329 विद्यालयों में अस्थायी आवासन की व्यवस्था को लेकर सभी चिन्हित विद्यालयों के प्रधानाध्यापकों को आवासन की व्यवस्था करने का निर्देश जारी किया गया है. जिसमे मूलभूत सुविधा बिजली, पानी, शौचालय का विशेष ध्यान रखने को कहा गया है. साथ ही साथ बीइओ, बीडीओ को भी यह सूचना दी गयी है कि वह अपने क्षेत्रों के विद्यालयों में अस्थायी आवासन को लेकर मुकम्मल तैयारी करें और दूसरे प्रदेशों से आने वालों को वहां रखें.

डीईओ ने स्पष्ट किया है कि विद्यालयों में किये जाने वाले खर्च की राशि विद्यालय के खाते से ली जाएगी.

जिले के इन 329 विद्यालयों को बनाया गया अस्थायी आवासन स्थल 

 

Chhapra: विश्व में फैले नोवेल कोरोनावायरस के बढ़ते संक्रमण को रोकने तथा बचाव के उपाय के बारे में आमजनों को जागरूक करने के मकसद से स्वास्थ्य विभाग के द्वारा जिले के सभी इलाकों में प्रचार-प्रसार शुरू कर दिया गया है। इसके लिए 40 प्रचार वाहनों को सभी प्रखंडों में भेजा गया है। प्रत्येक प्रखंड में दो-दो प्रचार वाहन लगाए गए हैं।

सिविल सर्जन डा माधवेश्वर झा ने बताया कोरोना वायरस के प्रति आमजनों को जागरूक करने तथा इससे बचाव के उपाय की जानकारी देने के लिए ध्वनि विस्तारक यंत्रों के माध्यम से प्रचार शुरू किया गया है। इसके माध्यम से कोरोनावायरस के लक्षण तथा बचाव के उपाय एवं उपचार के बारे में जानकारी दी जा रही है । साथ ही इसको लेकर किसी भी तरह का आमजनों से अफवाह नहीं फैलाने की अपील भी की जा रही है।

दूसरे देश से आने वाले व्यक्ति के बारे में दें जानकारी

अगर किसी भी गांव या मोहल्ले में कोरोना प्रभावित देश व राज्य से आने वाले नागरिकों की जांच के लिए स्वास्थ्य विभाग को सूचना देने का भी अनुरोध किया गया है। सिविल सर्जन डॉ. झा ने प्रचार-प्रसार का अभियान अगले आदेश तक जारी रखने का निर्देश दिया गया है। साथ ही सभी प्रखंडों में चिकित्सा कर्मियों की 24 घंटे अपनी उपस्थिति सुनिश्चित करने का निर्देश भी दिया है.

केंद्र सरकार ने एडवाइजरी जारी कर साफ कर दिया है कि लॉकडाउन का उल्लंघन करने वालों पर कानूनी कार्रवाई की जा सकती है

जिला प्रशासन भी काफ़ी सक्रिय
कोरोनावायरस को लेकर जिले में लॉक डाउन की घोषणा होने के बाद जिला प्रशासन काफ़ी सक्रिय हो चुका है. सभी थाने की पुलिस ने अपने अपने क्षेत्र में लोगों को जागरूक करने का अभियान शुरू कर दिया है। पुलिस पदाधिकारियों के द्वारा पुलिस वाहन पर ध्वनि विस्तारक यंत्र के माध्यम से जागरूक किया जा रहा है। जिले के सभी थाने की पुलिस के द्वारा कम से कम एक तथा कई थानों में तीन तीन वाहनों से पुलिस पदाधिकारी प्रचार- प्रसार कर रहे है।

Corona Virus से निपटने के लिए बनाया गया कंट्रोल रूम, हेल्पलाइन नंबर जारी

ऑडियो के माध्यम से जागरूकता का संदेश

ध्वनि विस्तारक यंत्रों के माध्यम से पुलिस के द्वारा इससे सुरक्षा तथा बचाव के उपाय के बारे में विस्तार से जानकारी दी जा रही है। साथ ही इसको लेकर किसी भी तरह का अफवाह नहीं फैलाने और भ्रम में नहीं रहने की भी अपील की गयी। आवश्यक जानकारी तथा सहायता के लिए नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र में संपर्क करने या सरकार की ओर से जारी हेल्पलाइन नंबर 104 पर कॉल करने का अनुरोध किया गया।

Chhapra: नोवेल कोरोनावायरस संक्रमण से बचने के जिला प्रशासन व स्वास्थ्य विभाग की ओर से कई फैसले लिए जा रहें है. संक्रमण की रोकथाम को लेकर राज्य सरकार द्वारा सभी जिलों को लॉक डाउन किया गया है. जिलाधिकारी सुब्रत कुमार सेन ने बताया जिले में लॉक डाउन की स्थिति को देखते हुए नियंत्रण कक्ष का निर्माण किया गया है। साथ ही कोरोनावायरस संबंधित किसी भी तरह की सहायता के लिए जिले में हेल्पलाइन नंबर 06152-242444, जिला आपातकालीन केंद्र का हेल्पलाइन नंबर 06152-245023 जारी किया गया है। इस दौरान कोई भी व्यक्ति इस नंबर कॉल कर जानकारी प्राप्त सकते है या अपनी समस्या भी बता सकते हैं. उन्होंने बताया स्वास्थ्य विभाग के हेल्पलाइन नंबर 06152-244812 या सदर अस्पताल के उपाधीक्षक के मोबाइल नंबर 9470003711 पर कॉल कर चिकित्सकीय सहायता ली जा सकती है. किसी सन्दिग्ध मरीज के बारे में जानकारी देने के लिए भी इस हेल्पलाइन नंबर का इस्तेमाल किया जा सकता है। इसके लिए कंट्रोल रूम में कर्मियों की शिफ्टवाइज ड्यूटी लगाई गई है। यह सुविधा 24 घँटे उपलब्ध रहेगी।

सामाजिक दूरियां बचाव में कारगर

जिलाधिकारी सुब्रत कुमार ने कहा कोरोना के संक्रमण से बचाव में सामाजिक दूरियां कारगर साबित होगी। इसलिए एक दूसरे के संपर्क में आने से बचें। कोराना वायरस से संक्रमित व्यक्ति के खांसने या छींकने के दौरान वायरस हवा में फैल जाते हैं। यदि संक्रमित व्यक्ति के नजदीक कोई व्यक्ति जाता है तो वह भी इस वायरस से संक्रमित हो सकता है। केंद्र सरकार ने इसे लेकर सोशल डिसटेंसिंग एडवाइजरी जारी किया है जिसके अनुसार ऐसी जगहों पर जहां अधिक लोग एक दूसरे के संपर्क में आ सकते हैं, वहां लोगों के आने-जाने पर प्रतिबंध लगा दिया है।

प्रखंडो में भी एमओआईसी व बीएचएम का नंबर जारी

सिविल सर्जन डॉ माधवेश्वर झा ने बताया जिले के सभी प्रखंडो के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारियों, प्रखंड स्वास्थ्य प्रबन्धको का मोबाइल नंबर भी जारी किया गया है ताकि कहीं भी किसी प्रकार की सूचना हो तो सीधे उन नम्बरों पर कॉल कर दे सकते हैं। उन्होंने बताया जिला स्वास्थ्य विभाग एवं प्रशासन इस विषम परिस्थिति में पूरी तरह मुस्तैद है. संदिग्ध लोगों की स्क्रीनिंग की जा रही है. लेकिन इसमें आम लोगों को भी सतर्क रहने की जरूरत है. उन्होंने आम लोगों से बिना जरूरत घर से बाहर नहीं निकलने की अपील की है. साथ ही बाहर से घर लौटने पर अच्छी तरह हाथों की सफाई करने की भी सलाह दी है.

नई दिल्ली: लॉकडाउन को लोगों द्वारा गंभीरता से नही लिए जाने को लेकर प्रधानमंत्री ने चिंता व्यक्त की है। उन्होंने राज्य सरकारों से नियमों और कानूनों का पालन करवाने का आग्रह किया है।

प्रधानमंत्री ने ट्वीट कर अपनी चिंता व्यक्त की है. उन्होंने लिखा है कि “लॉकडाउन को अभी भी कई लोग गंभीरता से नहीं ले रहे हैं। कृपया करके अपने आप को बचाएं, अपने परिवार को बचाएं, निर्देशों का गंभीरता से पालन करें। राज्य सरकारों से मेरा अनुरोध है कि वो नियमों और कानूनों का पालन करवाएं।

गौरतलब है कि जनता कर्फ्यू के दौरान थाली पीटने के लिए कुछ लोग अपने घरों से बाहर निकल कर सड़कों पर आ गए थे. वही कई शहरों में लॉकडाउन के बावजूद जिन्हें कोई जरूरी कार्य नही है वे भी सड़कों पर आ गए जिससे सुरक्षा के लिए लगाया गया लॉकडाउन प्रभावित हो रहा है.

New Delhi: देश में तेजी से बढ़ रहे कोरोना वायरस(COVID-19) के संक्रमण को देखते हुए केंद्र सरकार ने बड़ा फैसला लिया है. भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (ICMR) ने अब हुए प्राइवेट लैब को भी कोरोना वायरस की जांच की मंजूरी दे दी है. देश में अभी सिर्फ सरकारी लैब में कोरोना का टेस्ट होता है. बता दे कि देश में कोरोना संक्रमित लोगों की संख्या 320 के पार हो गई है. अब तक 16911 लोगों में कोरोना संक्रमण की जांच की गई है. असम में कोरोना संक्रमण का पहला मामला आया है. झारखंड से असम पहुंची साढ़े 4 साल की बच्ची में कोरोना संक्रमण मिला है. आईसीएमआर ने शर्तों के साथ यह मंजूरी दी है. प्राइवेट लैब में कोरोना के टेस्ट के लिए 4500 रुपये का भुगतान करना होगा. इसमें संदिग्ध की स्क्रीनिंग के लिए 1500 रुपये और 3,000 रुपये कंफर्मेशन के लिए जाने हैं. आईसीएमआर ने कहा है कि निजी लैब सिर्फ डॉक्टर की सलाह पर ही कोरोना का टेस्ट करें. अभी देश की 111 सरकारी लैब में कोरोना वायरस का टेस्ट हो रहा है.


आईसीएमआर ने कहा है कि हो सके तो निजी लैब मुफ्त में कोरोना का टेस्ट करें. प्राइवेट लैब उन्हीं लोगों का टेस्ट कर सकेंगी, जिन्हें किसी डॉक्टर ने रिफर किया हो और ये डॉक्टर ICMR द्वारा Covid-19 के इलाज के लिए अधिकृत किया हो.सरकार ने भविष्य को ध्यान में रखते हुए प्राइवैट लैबों को कुछ हिदायतें भी दी हैं. अगर किसी व्यक्ति का सैंपल पॉजिटिव आता है तो अंतिम जांच के लिए उसे पुणे स्थित आईसीएमआर की लैब भेजना आवश्यक होगा। इसके बाद ही व्यक्ति को कोरोना है या नहीं, इसकी पुष्टि हो सकेगी.

बता दें देशभर में कोरोना वायरस का कहर जोर पकड़ रहा है. इस बीच बड़े स्तर पर जांच करने की मांग उठ रही है. फिलहाल आईसीएमआर के पास करीब एक लाख टेस्टिंग किट हैं. दस लाख और किटों का ऑर्डर दिया गया है. फिलहाल उन्हीं लोगों की जांच की जा रही है, जो विदेशों से लौटकर आए हैं या संक्रमित लोगों के सीधे संपर्क में आए हैं. देश भर में कोरोना के तीन सौ से ज्यादा पॉजिटिव मामले सामने आ चुके हैं. अबतक चार लोगों की मौत भी हो चुकी है. इस महामारी का सबसे ज्यादा असर महाराष्ट्र में पड़ा है.

Patna: बिहार के सभी शहरों, प्रमंडल मुख्यालयों, अनुमंडल मुख्यालयों, नगर निकायों को सरकार ने 31 मार्च तक लॉक डाउन कर दिया है. सरकार का फैसला आते ही बिहार में यह लॉकडाउन तुंरत लागू भी हो गया है.

इसके तहत निजी प्रतिष्ठानों, कार्यालयों व सार्वजनिक परिवहन पूरी तरह बन्द रहेंगे, यही नहीं सभी निजी कार्यालय पूरी तरह बन्द रहेंगे.

हालांकि आवश्यक एवम अनिवार्य सेवाओं से सम्बंधित प्रतिष्ठानों तथा चिकित्सा सेवाओं खाद्यान एवम किराने के दुकान, दवा की दुकानें डेयरी एवम डेयरी से सम्बंधित प्रतिष्ठान आदि खुले रहेंगे. सरकार ने महामारी ऐक्ट का प्रयोग करते हुए इस आदेश को लागू किया है.यह आदेश सभी जिला मुख्यालय, सभी अनुमंडल मुख्यालय, सभी प्रखण्ड मुख्यालय एवम सभी नगर निकायों पर लागू हुआ है.

वहीं निम्न सेवाओ / प्रतिष्ठानो को इस आदेश से बाहर रखा गया है.

  • निजी हॉस्पिटल
  • टेलीकॉम सेवा
  • बैंकिंग व ATM सेवा
  • खाद्यान व किराने के प्रतिष्ठान
  • डेयरी एवम सम्बंधित प्रतिष्ठान
  • फल सब्जी की दुकानें
  • दवा दुकानें, सर्जरिकल आइटम से सम्बंधित दुकानें
  • पेट्रोल पंप
  • गैस एजेंसी
  • पोस्ट ऑफिस एवम कुरियर सेवाएं
  • ई कॉमर्स
  • इलेक्ट्रॉनिक व प्रिंट मीडिया

•सुबह 4 बजे से तैनात थी स्वास्थ्य विभाग की टीम
• प्रधान सचिव के निर्देश पर किया गया स्क्रीनिंग
• 300 से अधिक यात्रियों की हुई स्क्रीनिंग

छपरा: दुनिया मे फैले नोवेल कोरोना वायरस के संक्रमण से बचने के लिए स्वास्थ्य विभाग की ओर से लगातार अहम कदम उठाये जा रहें है। रविवार को प्रधान सचिव के निर्देश पर छपरा जंक्शन पर बाहर से आने वाले यात्रियों का थर्मल स्क्रीनिंग किया गया तथा कोरोना वायरस से बचाव के बारे में जागरूक किया गया। सुबह चार बजे से ही स्वास्थ्य विभाग की टीम छपरा जंक्शन पर यात्रियों की स्क्रीनिंग शुरू की गई थी। दो शिफ्ट में यह अभियान चलाया गया। सिविल सर्जन डॉ माधवेश्वर झा ने बताया बिहार संपर्क क्रांति एक्सप्रेस व गरीब रथ एक्सप्रेस ट्रेन से आने वाले 310 से यात्रियों की थर्मल स्क्रीनिंग की गई है। किसी भी यात्री में इस कोई लक्षण नहीं पाया गया है। जांच में सभी सामान्य पाए गए है।

सिविल सर्जन ने कहा बाहर से घर आने वाले यात्रियों को होम आईसोलेट करने की सलाह दी गयी है। सभी को सतर्क व सजग रहना है। स्वास्थ्य विभाग की टीम में सिविल सर्जन डॉ माधवेश्वर झा, डीपीएम अरविंद कुमार, डीपीसी रमेश चन्द्र प्रसाद, डॉ रीना सिन्हा, डॉ. अमरेंद्र कुमार सिंह, डॉ रूपेश पांडेय आदि शामिल थे।

अभी तक सारण जिले में एक भी मामले की पुष्टि नहीं:

कोरोना वायरस के बढ़ते संक्रमण को देखते हुए सारण जिला स्वास्थ्य विभाग पूरी तरह सतर्कता बरत रही है। संक्रमण की रोकथाम के लिए सतर्कता ज्यादा जरूरी है। सिविल सर्जन ने बताया कोरोना वायरस संक्रमण की रोकथाम को लेकर जिले में जरूरी कदम उठाये जा रहे हैं। इस दिशा में जिला सहित सभी प्रखंडों के स्वास्थ्य कर्मियों को दिशा निर्देश दिया गया है।

क्या है थर्मल स्क्रीनिग

सिविल सर्जन डॉ माधवेश्वर झा ने बताया थर्मल स्क्रीनिग गन शरीर का तापमान (टेंप्रेचर) मापने का यंत्र है। एक सामान्य मनुष्य के शरीर का तापमान 92 से 95 डिग्री. रहता है। अगर किसी यात्री के शरीर का तापमान 97 से 100 डिग्री है तो बुखार होने की पुष्टि होती है। इस जांच के दौरान यात्री का 102 या 103 डिग्री. तापमान होने पर उसे बुखार होने का पता चलता है।

जागरूकता से ही होगा बचाव:

सीएस ने बताया कि कोरोना वायरस के शुरुआती लक्षण साधारण सर्दी बुखार के सामान्य लक्षणों जैसे खांसी, बार-बार छींक आना, सांस फूलना से काफी मिलते जुलते हैं। इसलिए मामूली सर्दी जुकाम होने से भी लोगों में कोरोना होने का अफवाह डर का कारण बन गया है। किंतु कोरोना साधारण सर्दी बुखार या फ्लू से बिल्कुल अलग है।

Chhapra: कोरोना वायरस के प्रति फ़ैल रही भ्रान्ति एवं सही जानकारी औऱ बचाव के उपाय को आमजन तक पहुंचाने के उद्देश्य से शहर की अग्रणी समाजसेवी संस्था रोट्रैक्ट क्लब ऑफ़ सारण सिटी ने पेरेंट्स क्लब रोटरी सारण, आपके अपने वेब न्यूज़ पोर्टल छपरा टुडे डॉट कॉम (www.chhapratoday.com) तथा रेडियो मयूर के साथ मिलकर रोट्रैक्ट जागरूकता रथ के माध्यम से लोगों को जागरूक करने में जुटा है.

इस जागरूकता रथ को हरी झंडी दिखाकर सदर एसडीएम अभिलाषा शर्मा ने रवाना किया. जागरूकता रथ शहर के विभिन्न मुहल्लों की गलियों में घूम कर लोगों को बीमारी से बचाव के प्रति जागरूक कर रहा है.

इस वैश्विक बीमारी से आमजन को घबराना नहीं चाहिए बल्कि सतर्कता बरतनी चाहिए. यही बचाव का सर्वोत्तम उपाय है.

कुछ दिनों तक भीड़-भाड़ से बचे. भीड़ भाड़ से आने के बाद हांथ साबुन से धोये या सेनेटाइजर का अच्छे से प्रयोग करे.

रोट्रैक्ट सारण सिटी के द्वारा आमजन को जागरूक करने के प्रोजेक्ट में आपका छपरा टुडे डॉट कॉम भी अपनी भूमिका निभा रहा है. क्लब के अध्यक्ष अलोक कुमार सिंह ने बताया की क्लब का प्रयास आमजन को जागरूक बनाना है.

इस प्रोजेक्ट में रोटरी सारण के अध्यक्ष सुरेंद्र गुप्ता,रोट्रैक्ट सारण सिटी के सचिव सैनिक कुमार, इरशाद अंसारी, अभिषेक श्रीवास्तव, महताब आलम, अभिषेक कुमार, अवध बिहारी, निकुंज कुमार, राजू जायसवाल, चंद्रकांत द्विवेदी, प्रदीप कुमार का भी सहयोग मिल रहा है.