वाराणसी मंडल में प्रतिदिन बेहतर कार्य करने वालो का “कोरोना वारियर आफ द डे” में होता है चयन

वाराणसी: पूर्वोत्तर रेलवे प्रशासन द्वारा कोविड-19 के संक्रमण को फ़ैलने से रोकने के लिए हर सम्भव प्रयास किए जा रहे हैं. पूर्वोत्तर रेलवे के वाराणसी मंडल के कर्मचारी पूरी कुशलता से विभिन्न प्रकार की सामग्री का उत्पादन कर रहे हैं तथा प्रतिदिन हर मंडल के बेहतर कार्य करने वाले कर्मचारी को मंडल स्तर पर “कोरोना वारियर आफ द डे” (CoronaWarrior of the day) घोषित एवं प्रचारित कर उसका उत्साह वर्धन किया जा रहा है, जिससे अन्य कर्मचारी भी कार्य करने हेतु प्रेरित होते रहें.

वाराणसी मंडल के जनसंपर्क पदाधिकारी अशोक कुमार ने बताया कि वाराणसी मंडल के छपरा कचहरी पोस्ट पर सहायक निरीक्षक रेलवे सुरक्षा बल के पद पर कार्यरत संजय कुमार पाण्डेय ने लाॅकडाउन की विषम अवधि में अपने नियमित कार्य के अलावा असहाय, अशक्त गरीब और भूखे लोगों की भरपूर सहायता की.

छपरा कचहरी के आरपीएफ पोस्ट पर कार्यरत एसआईपीएफ संजय कुमार ने लॉक डाउन अवधि के दौरान कोरोना योद्धा के रूप में काम किया.

उन्होंने दहियावा टोला, दलित बस्ती, मोहन नगर और छपरा कचहरी सर्कुलेटिंग क्षेत्रों से भूखे और वंचित व्यक्तियों का पता लगाया, जिन्हें बुनियादी भोजन और स्वास्थ्य संबंधी उपकरणों की जरूरत थी, जो उन्होंने अधिक से अधिक वितरित किए.

550 महिलाओं को भोजन पैकेट, पानी की बोतल और सुरक्षा फेस मास्क, हाथ धोने का साबुन मजदूर महिलाओं और बच्चों को वितरित किया गया. उनके काम को स्थानीय प्रशासन द्वारा भी काफी सराहा गया है. इस कठिन समय में उनके कृत्यों और प्रयासों की सराहना करते हुए इन्हें “कोरोना वाॅरियर्स आफ द डे” घोषित किया गया.

पूर्वोत्तर रेलवे प्रशासन द्वारा लाॅकडाउन अवधि में इस तरह के सराहनीय कार्य करने वाले रेलकर्मियों पुरस्कृत कर सम्मानित किया जाता रहेगा.

Chhapra: सदर प्रखंड स्थित लोकनायक जय प्रकाश नारायण प्रौद्योगिकी संस्थान (इंजीनियरिंग कॉलेज) में चलाये जा रहे राहत केन्द्र में रह रहे दो व्यक्ति के कोरोना संक्रमित होने की सूचना पर जिलाधिकारी सुब्रत कुमार सेन के निदेश पर इसके आस-पास के क्षेत्रां की सीमा सील कर दी गयी है और इसे कंटेन्मेंट जोन घोषित किया गया है. इंजीनियरिंग कॉलेज के पूरब में पकवा इनार ढाला, पश्चिम में छपरा मुफ्स्सिल थाना मोड़, उत्तर में माला ग्राम तथा दक्षिण में रेलवे लाइन के समीप स्थित संस्थान का भाग कंटेन्मेंट जोन घोषित किया गया है. कंटेन्मेंट जोन में सभी निजी/सार्वजनिक प्रतिष्टान एवं मार्गों को अगले आदेश तक बंद करने का निदेष जिलाधिकारी द्वारा दिया गया है. किसी भी व्यक्ति को इस क्षेत्र से न तो बाहर जाने की इजाजत दी जाएगी और न ही किसी व्यक्ति को बाहर से अंदर आने की इजाजत दी जाएगी.

जिलाधिकारी के द्वारा प्रखंड विकास पदाधिकारी एवं अंचलाधिकारी, सदर छपरा को निदेशित किया गया है कि समस्त आवागमन मार्गां को संबंधित मुखिया एवं वार्ड सदस्य के सहयोग से पूर्णतः लॉक करते हुए आवागमन अवरुद्ध कर देगें. यदि किसी व्यक्ति द्वारा कंटेन्मेंट जोन से बाहर पलायन किया जाता है अथवा बाहर से अंदर प्रवेश किया जाता है तो उनके विरुद्ध नियमानुसार कानूनी कार्रवाई की जाय.

जिलाधिकारी के द्वारा इस पूरे क्षेत्र को सेनेटाइज करने का निदेश दिया गया है. इसका दायित्व डॉ दिलीप कुमार सिंह जिला वैक्टर बॉर्न रोग नियंत्रण पदाधिकारी मो0 7717781085 को दिया गया है. जिलाधिकारी के द्वारा कंटेन्मेंट जोन के भीतर सभी परिवारों को गहन निगरानी में रखने का निदेश देते हुए कहा गया है कि प्रत्येक परिवार के सदस्यों का स्वास्थ्य परीक्षण कर विहित प्रपत्र में प्रतिवेदन उपलब्ध करायी जाय. कंटेन्मेंट जोन के भीतर की सभी दुकान बंद रहने के कारण प्रखण्ड आपूर्ति पदाधिकारी सदर छपरा को निदेश दिया गया है कि आवष्यक उपभोक्ता वस्तुओं यथा चावल, दाल, गेहूँ, हरी सब्जी इत्यादि उन पंचायतों के जन वितरण प्रणाली विक्रेता के माध्यम से पैकेट तैयार करा कर डोर टू डोर वितरित करायें. उप समाहर्त्ता भूमि सुधार, सदर छपरा और अनुमंडल लोक शिकायत निवारण पदाधिकारी, सदर छपरा इस कार्य का सतत् अनुश्रवण करने का निदेश दिया गया है.

प्रखंड विकास पदाधिकारी एवं आंचलाधिकारी सदर छपरा को निदेश दिया गया है कि बफर जोन में पड़ने वाली सभी पंचायतों/गाँवो में प्रतिदिन तकलीफ वाले रोगियों की सूचना प्राप्त करेंगे. सिविल सर्जन को निदेष दिया गया है कि संक्रमित व्यक्ति के परिवार के सभी सदस्यों को जिला में निर्धारित किये गये आइसोलेशन एवं क्वेरेन्टाइन सेन्टर में में रखवायेंगे एवं उनका नियमित रूप से जाँच करवायेंगे. समस्त कार्यों को सुनिश्चित कराने हेतु श्री भरत भूषण प्रसाद, अपर समाहर्त्ता विभागीय जाँच एंव अपर अनुमण्डल पदाधिकारी, छपरा सदर-सह-वरीय प्रभारी पदाधिकारी, छपरा सदर को प्रधिकृत किया गया है.

• स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय ने जारी की गाइडलाइन्स
• होम आइसोलेशन में रहने के लिए मरीजों को दिए गए निर्देश
• संक्रमित व्यक्ति की 24 घंटे देखभाल करने वाले को भी सतर्क रहने की जरूरत

Chhapra: कोरोना संक्रमितों को बेहतर सुविधा प्रदान करने के लिए सरकार द्वारा निरंतर प्रयास किये जा रहे हैं. साथ ही इस दिशा में स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय, भारत सरकार भी नियमित अंतराल पर कोरोना संक्रमण की रोकथाम एवं उपचार के लिए गाइडलाइन्स भी जारी कर रही है. इस दिशा में सोमवार को स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय ने पुनः वेरी माइल्ड कोविड-19 मामलों के होम आइसोलेशन को लेकर गाइडलाइन्स जारी कर विस्तार से इस संबंध में जानकारी दी है.

वेरी माइल्ड कोविड-19 मामलों को ही होम आइसोलेशन की सलाह
कोरोना संक्रमितों को बेहतर सुविधा प्रदान करने के लिए सरकार द्वारा कोविड केयर सेंटर बनाये गए हैं. चिकित्सकीय जांच के बाद यह स्पष्ट होता है कि संक्रमित व्यक्ति को कैसी सुविधा की जरूरत है. संक्रमितों को संक्रमण के आधार पर 4 श्रेणियों में बांटा गया है. जिसमें वेरी माइल्ड, माइल्ड, मॉडरेट एवं सीवियर कोविड-19 संक्रमण शामिल है. माइल्ड मामलों के लिए कोविड केयर सेंटर, मॉडरेट के लिए डेडिकेटेड कोविड हेल्थ सेंटर एवं सीवियर कोविड-19 संक्रमण मामलों के लिए डेडिकेटेड कोविड हॉस्पिटल की व्यवस्था की गयी है. जबकि चिकित्सकों की पुष्टि के बाद वेरी माइल्ड कोविड-19 मामलों को होम आइसोलेशन में रहने की सलाह दी गयी है. जिसके लिए स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय ने गाइडलाइन्स जारी कर विस्तार से इस संबंध में जानकारी दी है.

होम आइसोलेशन के लिए योग्यताएं
• मेडिकल ऑफिसर द्वारा वेरी माइल्ड कोविड-19 की पुष्टि की गयी हो
• ऐसे व्यक्तियों के घर पर होम आइसोलेशन की सुविधा उपलब्ध हो
• होम आइसोलेशन के दौरान 24 घन्टे देखभाल करने वाला कोई व्यक्ति उपलब्ध हो
• आरोग्य सेतु एप को डाउनलोड कर उसे हमेशा एक्टिव रखना जरुरी है
• मरीज की स्वास्थ्य स्थिति से जिला सर्विलांस पदाधिकारी को अवगत कराते रहना जरुरी है
• होम आइसोलेशन में गए व्यक्ति को सेल्फ आइसोलेशन अंडरटेकिंग फॉर्म भरना जरुरी होगा

इन परिस्थितियों में चिकित्सकीय सलाह होगा जरुरी
• यदि व्यक्ति को सांस लेने में अधिक तकलीफ हो रही हो
• छाती में निरंतर दबाब या दर्द हो रहा हो
• मानसिक संशय बढ़ रहा हो या सोचने में दिक्कत हो रही हो
• यदि चेहरा या ओंठ नीले पड़ रहे हों

कब होम आइसोलेश्न से मुक्त हो सकते हैं
जिला सर्विलासं पदाधिकारी द्वारा सत्यापित करने के बाद ही होम आइसोलेशन में रह रहे व्यक्ति को आइसोलेशन से मुक्त किया जा सकता है. इसके लिए संक्रमित व्यक्ति में कोरोना के किसी भी प्रकार के लक्षण नहीं होने चाहिए जिसकी पुष्टि लैब टेस्ट की रिपोर्ट के नेगेटिव आने के बाद ही संभव है.

देखभाल करने वाले व्यक्ति भी बरतें ये सावधानियां
• ट्रिपल लेयर मेडिकल डिस्पोजेबल मास्क का इस्तेमाल करें. साथ ही अपने चेहरे, मुँह एवं नाक को छूने से बचें
• नियमित तौर पर हाथों की सफाई करें. लगभग 40 सेकंड तक साबुन एवं पानी से हाथ धोएं या अल्कोहल बेस्ड सैनीटाइजर का प्रयोग करें
• संक्रमित से डायरेक्ट कांटेक्ट में आने से बचें. मरीज को किसी भी तरह से छूने से पहले हैण्ड ग्लोब्स का प्रयोग करें
• संक्रमित मरीज द्वारा इस्तेमाल किसी भी चीज को इस्तेमाल न करें
• संक्रमित मरीज की स्वास्थ्य पर पैनी नजर रखें

संक्रमित भी होम आइसोलेशन के दौरान बरतें सावधानियां
• हमेशा ट्रिपल लेयर मेडिकल डिस्पोजेबल मास्क का इस्तेमाल करें. 8 घन्टे के बाद मास्क को डिस्पोज कर दें
• मास्क को सोडियम हाइपो-क्लोराइट से डिश-इन्फेक्ट करने के बाद ही बाहर फेंकें
• मरीज पर्याप्त मात्रा में आराम लें एवं प्रचुर मात्रा में पानी पीएं
• लगभग 40 सेकंड तक साबुन एवं पानी से हाथ धोएं या अल्कोहल बेस्ड सैनीटाइजर का प्रयोग करें
• निजी सामान किसी दूसरे के साथ साझा न करें
• जिन सतहों एवं चीजों को छुते हों उसे नियमित तौर पर हाइपो-क्लोराइट से डिश-इन्फेक्ट करें
• चिकिस्त्कीय सलाह को पूरी तरह पालन करें
• अपना ख्याल खुद रखें एवं अपने शारीरिक तापमान को प्रतिदिन मॉनिटर भी करते रहें

Chhapra: Covid19 का संक्रमण सारण जिले में बढ़ गया है. जिले में एक और संक्रमित मरीज की पुष्टि हुई है. संक्रमित मरीज मांझी प्रखण्ड के सरयूपार गांव का बताया जा रहा है. जिससे जिले में अबतक 4 संक्रमित मरीजों की पुष्टि हुई है. इनमें से एक स्वस्थ भी हो चुका है.

सारण जिले में पहला मरीज इसुआपुर प्रखण्ड का, दूसरा अमनौर प्रखण्ड से, तीसरा रिविलगंज प्रखण्ड से और अब मांझी प्रखण्ड के सरयू पार के एक 46 वर्षीय व्यक्ति को कोरोना वायरस से संक्रमित होने की पुष्टि हुई है.

स्वास्थ्य सचिव संजय कुमार ने इसकी पुष्टि की है. इसके साथ ही राज्य में अबतक 321 कोरोना संक्रमित मरीज मिले है.

•डब्ल्यूएचओ ने रिपोर्ट में किया स्पष्ट

•पीआईबी के फैक्ट चेक में अफवाह साबित हुआ

Chhapra: कोरोना वायरस को लेकर पूरे देश मे 3 मई तक लॉक डाउन लागू किया गया। ऐसे में ज्यादातर लोग मोबाइल या टेलीविजन पर कोरोना वायरस से संबधित खबर ही ज्यादा देख या पढ़ रहें है। दूसरी तरफ सोशल मीडिया पर तमाम ऐसे दावे किए जा रहे हैं जिसमें अप्रमाणित घरेलू ​नुस्खे और दवाइयों को कोरोना वायरस का इलाज बताया जा रहा है। इसी तरह एक मैसेज सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है जिसमें कहा जा रहा है कि खूब पानी पीने और गरम पानी में नमक या सिरका मिलाकर गरारा करके कोरोना वायरस के असर को खत्म किया जा सकता है। अगर वह खूब ज्यादा पानी पीता है और गरम पानी में नमक या सिरका मिलाकर गरारा करता है तो इस वायरस को खत्म किया जा सकता है।


अब तक ऐसा कोई अध्ययन सामने नहीं आया है कि बहुत सारा पानी पीने या गर्म पानी और नमक से गरारा करने से कोरोना वायरस का संक्रमण ठीक किया जा सकता है। हालांकि, यह सही है कि नमक मिलाकर गरम पानी का उपयोग किया जाता है। यह गले में खराश और कफ को ठीक करने के लिए एक तरह का घरेलू उपचार है, लेकिन अब तक, इस बात का कोई सबूत नहीं है कि यह खतरनाक कोरोनो वायरस को भी नष्ट कर सकता है।

कोई प्रमाण नहीं

विश्व स्वास्थ्य संगठन ने भी इसी तरह के एक दावे को खारिज किया है कि नमक वाले पानी से नाक साफ करके कोरोना वायरस का संक्रमण रोका जा सकता है। डब्ल्यूएचओ के अनुसार, इस बात का कोई सबूत नहीं है कि नियमित रूप से खारे पानी से नाक साफ करने से लोगों को संक्रमण से बचाया जा सकता है।

इन बातों को अपनाए

• बार-बार हाथ धोएं.
• लोगों से दूरी बनाकर रहें.
•अपनी आंख, नाक और मुंह को बार-बार न छुएं.
•सांस संबंधी स्वच्छता का अभ्यास करें.
• अगर आपको बुखार, खांसी और सांस लेने में कठिनाई हो, तो तुरंत चिकित्सा सहायता लें.

• जागरूक रहें और अपने डॉक्टर द्वारा दी गई सलाह का पालन करें

पीआईबी ने किया खंडन

प्रेस इन्फॉर्मेशन ब्यूरो (PIB) ने भी इस अफवाह का खंडन किया है कि गरम पानी में नमक या सिरका मिलाकर गरारा करके कोरोनावायरस का इलाज हो सकता है।

• सरकार ने कोरोना जागरूकता के लिए किया वेबसाइट लांच (www.indiafightscovid.com)

• सामाजिक दूरी, कोरोना पर फ़ैल रही अफवाह सहित संक्रमण रोकथाम आदि की मिलेगी जानकारी
• जागरूकता बढ़ाने के लिए ऑडियो एवं विडियो संदेशों को भी किया गया शामिल
• संस्थागत प्रसव जैसी अन्य जरुरी स्वास्थ्य सेवाओं की भी मिलेगी जानकारी

Chhapra: कोरोना संक्रमण प्रसार की रोकथाम के लिए सरकार द्वारा निरंतर प्रयास किये जा रहे हैं. कोरोना से बचने के लिए सरकार द्वारा नियमित तौर पर दिशानिर्देश भी जारी किये जा रहे हैं. इसी कड़ी में सरकार ने लोगों को कोरोना पर सटीक एवं प्रमाणिक जानकारी देने के उद्देश्य से ‘इंडिया फाइट कोविड’ नाम से वेबसाइट (www.indiafightscovid.com) भी लांच किया है. जिसमें लोगों को कोरोना संबंधित सम्पूर्ण जानकारी उपलब्ध करायी गयी है. कोरोना को लेकर सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर फैलाई जा रही अफवाहों के कारण लोगों में संशय की स्थिति भी बन रही है. इसे ध्यान में रखते हुए इस वेबसाइट पर अफवाहों के विषय में भी विस्तार से जानकारी दी गयी है. साथ ही संस्थागत प्रसव अन्य जरुरी स्वास्थ्य सेवाओं के विषय में भी सतर्क एवं सावधान रहने की बात बताई गयी है.

सामाजिक दूरी की जगह इमोशनल दूरी न बनायें
कोरोना को लेकर सरकार लगातार सामाजिक दूरी बनाने पर जोर दे रही है. लेकिन सामाजिक दूरी बनाने के क्रम में कई जगह संक्रमितों से भावनात्मक दूरी बनती जा रही है. इसको लेकर ‘इंडिया फाइटस कोविड’ ने आगाह किया है एवं संक्रमितों के प्रति भावनात्मक दूरी नहीं बनाने की अपील की गयी है. कोरोना पर फ़ैल रही भ्रामक जानकरियों से बचने की भी सलाह देते हुए वेबसाइट पर यह जानकारी दे गयी है कि किसी भी कोरोना के विषय में किसी भी तरह की प्रमाणिक जानकारी के लिए भारत सरकार द्वारा लांच की गयी टोल फ्री नंबर 1075 या राज्य सरकार की टोल फ्री नंबर 104 पर कॉल कर ली जा सकती है.

संस्थागत प्रसव की सुविधा है उपलब्ध
कोरोना संक्रमण के बीच कई जरुरी स्वास्थ्य सेवाएं बाधित हुयी है. लेकिन राज्य सरकार ने जरुरी स्वास्थ्य सेवाएं जैसे मातृ स्वास्थ्य सेवा, नवजात एवं शिशु स्वास्थ्य सेवा, परिवार नियोजन सेवाएं एवं अन्य आपातकालीन सेवाओं को पुनः नियमित किया गया है. वेबसाइट के माध्यम से भी संस्थागत प्रसव को लेकर जानकारी दी गयी है. यह बताया गया है कि कोरोना के कारण कुछ लोगों के मन में भ्रांतियां फैली है कि सारे अस्पताल बंद होंगे या वहाँ सिर्फ कोरोना का ही उपचार किया जा रहा होगा. लेकिन ऐसा बिलकुल भी नहीं है. सरकारी अस्पतालों में संस्थागत प्रसव की सेवा पूर्वत दी जा रही है. इसके लिए गर्भवती महिला के परिवार को अपने आशा एवं एएनएम से संपर्क में रहने ई जरूरत है एवं उन्हें प्रसव की जानकारी देनी है.

इन चीजों पर वेबसाइट में दी गयी है जानकारी
• सामाजिक दूरी के महत्व
• हेल्थ वर्कर सपोर्ट
• घनी आबादी वाले क्षेत्रों में कोरोना की रोकथाम के उपाय
• लॉकडाउन की स्थिति में संस्थागत प्रसव की सेवा
• लॉकडाउन में मानसिक स्वास्थ्य की जरूरत
• कोरोना पर फ़ैल रही विभिन्न अफवाहों की सटीक जानकारी
• कोरोना रोकथाम के उपाय
• लॉकडाउन में डिजिटल पेमेंट
• लॉकडाउन में स्तनपान एवं नवजात देखभाल की जरूरत आदि अन्य जरुरी सेवाओं की भी जानकरी दी गयी है

Chhapra: कोरोना वायरस संक्रमित मरीजों की संख्या में लगातार इजाफा हो रहा है. देश और राज्य के साथ जिले में भी इससे संक्रमित मरीज की गिनती बढ़ रही है.

मरीजों की बढ़ती संख्या और आम से लेकर ख़ास तक चिंतित है. सरकार और जिला प्रशासन की Lockdown में थोड़ी नरमी अब भारी पड़ने लगी है. सड़कों और बेवजह लोगों का घूमना और तेज हो गया है वही Lockdown प्रथम की अपेक्षा Lockdown द्वितीय में दुकानें भी अधिक खुल रही है. हालांकि यह दुकानें सरकारी आदेश पर ही खुल रही है लेकिन इन दुकानों की आड़ में वैसे दुकान भी खुल रहे है. जिनके खुलने पर प्रतिबंध है. आर्थिक कमजोरी से जूझ रहे दुकानदारों की खुल रही दुकान से प्रशासन ने भी मानवता के नाते थोड़ी राहत दी है. लेकिन यह राहत अब परेशानी खड़ा करने को तैयार है.

ताजे आंकड़ों के अनुसार शनिवार को सारण में संक्रमित मरीजों की संख्या तीन हो गयी है. शुक्रवार और शनिवार दो दिनों में जिले के दो पोसेटिव मरीज पहचान में आये है. जो चिंता जनक है.

लोगों की सड़कों पर चहलकदमी, सड़कों पर सरपट पास वाले दौड़ रहे दो पहिया एवं चारपहियां वाहन और इनके सबके बीच सब्जी और फल दुकानदारों की बढ़ती संख्या, राशन कार्ड फॉर्म जमा करने के नाम पर गालियों में जुट रही भीड़ कुल मिलाकर इन सभी ने Lockdown को पूरी तरह प्रभावित किया है. सरकार के निर्देश पर कई कार्यालय भी खुल गए जहां रोस्टर के अनुसार ही सही लेकिन एक स्थान से दूसरे स्थान तक कर्मियों के आवाजाही हो रही है. इससे संक्रमण को रोकने में हम प्रभावित हो रहे है.

बहरहाल जिले में बढ़ते ग्राफ से प्रशासन को एक बार फिर कड़े नियमों के साथ सड़कों पर पाबंदी लगाने की जरूरत है. नियमों को सख्ती से लागू करने की जरूरत है. सरकार के दिशा निर्देश के अनुरूप मास्क, कार्यालयों में सेनेटाइजर के प्रयोग, बाजार समिति, सरकारी बाजार, सब्जी दुकान पर भीड़ की निगरानी करने, सभी को मास्क, सोशल डिस्टेंसिंग, सेनेटाइजर का प्रयोग करने की जरूरत है. आम जनता को अभी भी घरों में रहने की जरूरत है. जिससे इस Lockdown का पालन किया जा सकें.

Chhapra: सारण जिले में कोरोना वायरस ने एक बार फिर दस्तक दी है. शनिवार को सारण में संक्रमित मरीजों की संख्या 2 के साथ कुल 3 हो चुकी है. जिसमे एक संक्रमित ठीक होकर अपने घर चला गया है. इस बार यह संख्या दूसरे दिन ही बढ़ गयी.

सारण में दूसरे संक्रमित मरीज की पुष्टि शुक्रवार की संध्या हुई. जो अमनौर के भगवतपुर का बताया जाता है. वही शनिवार की दोपहर में तीसरे मरीज के संक्रमित होने की पुष्टि हुई है. जो रिविलगंज के इनई गांव की एक युवती बताई जाती है.

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जिला प्रशासन ने अमनौर के भगवतपुर गांव के सभी सीमाओं को सील कर दिया है. साथ ही वहां आने जाने वालों पर पूरी पाबंदी है.

सारण में तीसरा मरीज मिलने के बाद जनता में आशंकित है. तरह तरह की चर्चा गर्म है.

विदित हो कि सारण जिले में शनिवार 25 अप्रैल तक 3 संक्रमित मरीजो की पुष्टि स्वास्थ्य विभाग द्वारा की जा चुकी है. जिसमे सबसे पहला मरीज इसुआपुर के चांदपुरा गांव का अब ठीक होकर घर जा चुका है.

Chhapra: सारण में कोरोना के एक मरीज के स्वस्थ होने के बाद स्वास्थ्य विभाग ने राहत की साँस ली थी. वही शुक्रवार को जिले में दूसरे मरीज के संक्रमित होने की पुष्टि के साथ एक बार फिर जिला प्रशासन, स्वास्थ्य विभाग समेत लोगों की चिंता बढ़ गयी है.

कोरोना से संक्रमित मरीज की पुष्टि करते हुए सूबे के स्वास्थ्य सचिव संजय कुमार ने ट्वीट कर जानकारी दी. उन्होंने बताया कि सूबे में अब तक 214 मरीज कोरोना से संक्रमित पाए गए है. इसे भी पढ़ें: Lockdown को गंभीरता से नही ले रहे कुछ लोग, Social Distancing केवल शब्द बना व्यवहार से गायब

आज संक्रमित पाए गए मरीजों में सारण का भी एक मरीज शामिल है जो जिले के अमनौर प्रखंड का रहने वाला बताया जा रहा है.

सारण में मरीज मिलने के बाद अमनौर प्रखण्ड के भागवतपुर से 3 किलोमीटर की परिधि में कन्टेनमेंट ज़ोन घोषित कर सीमा सील किये जाने की कवायद शुरू कर दी गयी है.  

 

 

आपको बता दें कि इसके पूर्व सारण जिले के इसुआपुर में एक कोरोना संक्रमित मरीज मिला था जो अब स्वस्थ हो चूका है. 

छपरा टुडे डॉट कॉम आप सभी से अपील करता है कि घर में रहें और Lockdown का पालन करें, आपकी एक गलती सभी पर भारी पड़ेगी. 

सुरभित दत्त

क्या लोग देश में आई कोरोना संकट को गंभीरता से ले रहे है? ऐसा सवाल इसलिए क्योंकि शहर की मंडियों, गलियों को देखकर ऐसा प्रतीत होता है की लोग गंभीर नही है. ऐसे लोग अपने घर तक इस बीमारी को आमंत्रित कर रहे है. ऐसे लोगों को लग रहा है कि महामारी से वे बच के रह सकेंगे. लेकिन वे नही जानते की उनकी यह गलती केवल उन पर ही नही बल्कि उनके परिवार और समाज पर भारी पड़ेगी.

लोगों को दिक्कत ना हो इसके लिए सरकार ने मंडियों को खोलने के आदेश दिए थे. इसके साथ ही एडवाइजरी भी दी थी की सोशल डिस्टेंसिंग का पूरा ख्याल रखा जाए. इसके बावजूद लोग मानने को तैयार नही है. सामान बेचने वाले से लेकर खरीदने वाले लोग भी सोशल डिस्टेंसिंग का कोई ख्याल नही रख रहे है.

सोशल डिस्टेंसिंग शब्द बोलते हुए आपको लोग दिख जायेगे पर उनके व्यवहार से यह अब भी बाहर है. WHO के ताजा रिपोर्ट के अनुसार महामारी के और बढ़ने की संभावना है. ऐसे में भारत में लोगों की लापरवाही सरकार के सभी प्रयाशों पर पानी फेर सकती है. बिहार में जिस प्रकार पिछले एक हफ्ते में कोरोना पॉजिटिव केस बढ़ें है वैसे में यह आने वाले बड़े खतरे की आहात है.  

सुबह होते ही जिस प्रकार घरेलू सामान खरीदने और बेचने वाले लोगों की भीड़ मंडियों में देखी जा रही है वह अलार्मिग है. बीमारी से किसी एक के संक्रमित होने पर भीड़ और आपस के संपर्क के कारण यह सैकड़ों लोगों तक कुछ पल में पहुंच सकता है. लोग अपने को सेफ मां रहे है और सड़क पर निकलना बंद नही कर रहे है. कभी दवाई, कभी सब्जी, कभी अन्य जरूरत के सामानों की खरीदारी के नाम पर सड़क पर घूमने वाले इस बीमारी के जद में आने के बाद पछतायेंगे और अपने साथ साथ परिवार के लोगों को भी आफत में डालेंगे.

इन दिनों जरूरतमंद लोगों को राहत की जरूरत है. कुछ लोगों ने बीड़ा भी उठाया है. लेकिन इस दौरान भी Social Distancing केवल एक शब्द के रूप में ही दिख रहा है व्यवहार में गायब है. हालांकि कुछ मामलों में पुलिस साथ रहने पर इसे मेंटेन कराया जा रहा है. जबकि छोटे स्तर पर राहत पहुंचाने वाले लोग इसका ख्याल रख रहे है पर लेने वालों में धैर्य की कमी दिखने से भीड़ बढ़ रही है और साथ ही बीमारी का खतरा भी उतना ही बढ़ रहा है. वही कुछ लोग घर घर राशन पहुंचाकर इसका पालन भी कर रहे है.

कोरोना वायरस के बढ़ते आंकड़ों ने अब देश में चिंता को बढ़ा दिया है. इस लिए सभी को मिलकर इससे निपटने में सहयोग करने की जरूरत है. ताकि इस महामारी को अब और बढ़ने से किसी भी तरह रोका जाए. जिससे की एक बार पुनः देश की व्यवस्था सही हो सके और हम सभी पूर्व के जैसे आराम से रह सकें.

Chhapra: घर-घर सर्वे अभियान में आशा व आंगनबाड़ी सेविकाओं को सही जानकारी दें, तभी कोरोना संक्रमण के प्रसार पर रोग संभव हो सकेगा. उक्त बातें क्षेत्रीय अपर स्वास्थ्य निदेशक डॉ अरविंद कुमार गुप्ता ने डोर टू डोर सर्वे अभियान का जायजा लेते हुए कहीं.

उन्होंने कहा सर्वे के दौरान एक भी घर छूटना नहीं चाहिए. उन्होंने सर्वे दल के कर्मियों को निर्देश दिया कि प्रत्येक घरों की गहनता से सर्वे की जाए तथा कोरोना संक्रमण के लक्षण पाए जाने वाले व्यक्तियों की पहचान कर उसकी पूरी जानकारी लें. शहर में चल रहा है डोर टू डोर सर्वे अभियान का क्षेत्रीय अपर स्वास्थ्य निदेशक डॉ अरविंद कुमार गुप्ता, आईसीडीएस के डीपीओ वंदना पांडेय, यूनिसेफ के जिला समन्वयक आरती त्रिपाठी समेत अन्य अधिकारियों ने जायजा लिया तथा सर्वे टीम को आवश्यक दिशा निर्देश दिया. इसे भी पढ़ें: आपदा राहत केन्द्र पर आवासितों को जिलाधिकारी ने उपलब्ध करायी उनके जरूरत की चीजें

आरएडी और यूनिसेफ के एसएमसी ने शहर क्षेत्र के अजयगंज, फिदर बाजार, गुदरी मुहल्ला, आईसीडीएस के डीपीओ वंदना पांडेय ने शहर के सलेमपुर, राहत रोड व बी सेमिनरी स्कूल के आस पास इलाकों में चल रहे सर्वे अभियान का जायजा लिया.

सर्वे अभियान में आमजनों की सहयोग अपेक्षित

क्षेत्रीय अपर स्वास्थ निदेशक ने कहा इस अभियान में आम जनों की सहयोग अपेक्षित है. स्वास्थ्य कार्यकर्ता आप आपके परिवार को स्वस्थ व समृद्ध बनाने में अहम भूमिका अदा कर रहे है. ऐसे में प्रत्येक जनमानस का कर्तव्य है कि वे स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं को अपने कार्यों के निर्वहन करने में अपना पूर्ण सहयोग व सही जानकारी प्रदान करें. ऐसा कर आप स्वयं वह अपने परिवार को इस संक्रमण से बचा सकते हैं.

संक्रमण के प्रसार को रोकने के लिए चल रहा अभियान

कोरोना संक्रमण के वैश्विक महामारी के मद्देनजर सामुदायिक संक्रमण की स्थिति पैदा ना हो इस को ध्यान में रखते हुए आशा कार्यकर्ता व आंगनबाड़ी सेविका के द्वारा जिले में घर घर जाकर कोरोना संक्रमण के लक्षण वाले व्यक्तियों का सर्वेक्षण किया जा रहा है. ताकि चिन्हित व्यक्तियों को वांछित जांच एवं चिकित्सकीय सुविधाएं ससमय उपलब्ध करायी जा सके. इसे भी पढ़ें: अपराधियों ने पुलिस पर की फायरिंग, एक गिरफ्तार

सर्वे के दौरान प्रत्येक घरों की हो रही मार्किंग

यूनिसेफ के एसएमसी आरती त्रिपाठी ने बताया पल्स पोलियो अभियान की तरह इस अभियान में भी कोरोना संक्रमण व्यक्तियों के घरों की मार्किंग की जा रही है.सर्वे कार्य के लिए राज्य स्वास्थ्य समिति द्वारा कोविड 19 फॉर्म उपलब्ध कराये गये हैं. इसमें तीन स्तरों पर सूचना एकत्रित किया जा रहा है. कोविड-19 फॉर्म के तहत पहला प्रपत्र स्थानीय स्तर पर नियुक्त किये गये दलकर्मी भर रहे है. कोविड 19 फॉर्म के तहत 2, 3 व 3 ए व 4 प्रपत्र को पर्यवेक्षक व फॉर्म 5 जिला स्तर पर भरने का काम किया जा रहा है. सर्वे के दौरान प्रत्येक घर में हाउस मार्किंग की जा रही है. संदिग्ध पाये गये व्यक्तियों के घरों पर मार्किंग की जा रही है.

Chhapra: कोरोना वायरस को लेकर सरकार और जिला प्रशासन सख्त है. आम जनता की सुरक्षा के मद्देनजर वह सभी प्रयास सरकार और प्रशासन द्वारा किये जा रहे है जिससे कोरोना वायरस का प्रसार ना हो सकें.

जिला प्रशासन द्वारा लगातार lockdown के नियमों का पालन करने, सोशल डिस्टेंसिंग मेंटेन करने और बेवजह घरों से बाहर सड़कों पर घूमने, बैठने, रहने की मनाही की जा रही है. इसके बावजूद भी लोगों के दिलों दिमाग मे इसका भय नही दिख रहा.

पुलिस की सख़्ती के बाद सड़कों पर भले ही भीड़ नही दिख रही हो लेकिन गलियां रौनक है. शहर के अमूमन हर गली में गप्पेबाजी मंडली जुटी हुई है. बेवजह महिलाएं और युवा भीड़ लगाकर पूरे दिन गलियों में गप्पेबाजी कर रहे है. शहर के कुछ इलाकों को छोड़ दे तो लगभग सभी गलियों का हाल एक जैसा है. शहर की गलियों में पुलिस के पेट्रोलिंग नही हो पा रही है जिसका लोग फ़ायदा उठा रहे है. पहले से अब गालियों में चहलकदमी भी बढ़ चली है. मुख्य मार्गो पर पुलिस की सख्ती को देख लोग गलियों से जाना बेहतर समझ रहे है.

देश और दुनिया मे कोरोना को लेकर हालात बिगड़ रहे है. प्रतिदिन आंकड़ों में इजाफा हो रहा है ऐसे में कुछ लोग यह समझने को तैयार नही है कि कोई भी, इसके चपेट में कही भी, कभी भी आ सकता है.

Lockdown कोरोना वायरस संक्रमण के प्रसार को रोकने का एक प्रयास है. लेकिन गलियों में गप्पेबाजी वाली मंडली इस उद्देश्य की पूर्ति में बाधक बन रही है. जिला और पुलिस प्रशासन को अब गलियों में भी lockdown के नियमो के प्रचार प्रसार पर बल देने के साथ सख्ती बरतनी होगी. जिससे कि जिले में कोरोना का प्रसार ना हो सकें.