Chhapra: शहर के होटलों में काम कर रहे बाल मजदूरों को शुक्रवार को श्रम विभाग के द्वारा गठित धावा दल ने विमुक्त कराया. सारण के श्रम अधीक्षक रमेश कमल रत्नम ने बताया कि जिलाधिकारी सुब्रत कुमार सेन ने निर्देश पर श्रम विभाग के धावा दल द्वारा शहर के श्रीनंदन पथ के कई रेस्टोरेंटो में कार्रवाई की गयी.

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उन्होंने बताया कि श्रीनंदन पथ स्थित रेस्टोरेंट से एक बाल श्रमिक को कार्यरत पाकर विमुक्त कराया गया. विमुक्त बाल श्रमिक का उम्र लगभग 13 वर्ष है और वह परसौनी सीतामढ़ी का रहने वाला है. इसके बाद स्पाइसी विंडो फास्ट फूड में भी एक 13 साल के बाल मजदूर को कार्यरत पाते हुए विमुक्त कराया गया.

धावादल द्वारा इसके बाद हथुआ मार्केट से जूस स्टाल में कार्यरत बाल श्रमिक को विमुक्त कराया गया. वही चाय दुकान में भी एक बाल श्रमिक उम्र लगभग 12 वर्ष को कार्य करते हुए पाया और उसे विमुक्त कराया गया. उन्होंने बताया कि सभी विमुक्त वाल श्रमिकों को अग्रेतर कार्रवाई होने तक बालक गृह में आवासित कर दिया गया है.

धावादल में श्रम विभाग के सभी श्रम प्रवर्तन पदाधिकारी और कार्यालय कर्मी व नगर थाना के पुलिस बल शामिल थें.

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उन्होंने बताया कि धावादल द्वारा करीब 50 प्रतिष्ठानों में भी बाल एवम किशोर श्रम के खिलाफ बिहार और स्टॉप चाइल्ड लेबर के पैम्पलेट चिपका कर जन जागरूकता अभियान चलाया एवम शपथपत्र भी करवाया गया.

आपको बता दें कि जिला टास्कफोर्स की बैठक में जिलाधिकारी द्वारा सख्त निर्देश देते हुए जन जागरण अभियान तथा बाल श्रम विमुक्ति प्रयास साथ साथ चलाने का आदेश दिया था. उनके द्वारा समाहरणालय परिसर से प्रचार गाड़ी को हरी झंडी दिखा कर रवाना किया था.

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Chhapra: जिलाधिकारी सुब्रत कुमार सेन की अध्यक्षता में बालश्रम के विरुद्ध जन-जागरण अभियान, विमुक्ति एवं पर्यवेक्षण हेतु गठित जिला टाक्स फोर्स की बैठक जिलाधिकारी कार्यालय प्रकोष्ट में संपन्न हुयी. 

बैठक करते जिलाधिकारी सुब्रत कुमार सेन

 जिसमें जिलाधिकारी के द्वारा निदेश दिया गया कि सर्वप्रथम छपरा नगर निगम क्षेत्र में आज से हीं बालश्रम उन्मूलन के विरुद्ध अभियान चलायी जाय. इस हेतु गठित धावा दल शहर के मुख्य मार्ग के दोनो तरफ की लगी दुकान की जाँच कर वहाँ कार्यरत बाल श्रमिकों को विमुक्त करायें तथा निर्धारित प्रावधान के अनुसार नियोजक को दण्डित करते हुए बालकों के पुनर्वास की व्यवस्था करायें.

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जिलाधिकारी ने कहा कि पहले नगर निगम क्षेत्र को टारगेट किया जाय. प्रत्येक दिन एक-एक स्ट्रीट (पथ) को चुना जाय और कार्रवाई की जाय. कम से कम पचास दुकानों का सर्वेक्षण प्रति दिन किया जाय. कार्रवाई के साथ-साथ जन जागरूकता अभियान भी चलायी जाय. लोगों को यह बतायी जाय कि बाल श्रम प्रतिबंधित है और दोषी नियोजकों पर बीस हजार रूपया तक की आर्थिक दण्ड लगायी जा सकती है.

जिलाधिकारी ने कहा कि बालश्रम उन्मूलन एक सामाजिक अभियान होना चाहिए. इसमें सभी का सहयोग अपेक्षित है. इस सम्बंध में नगर आयुक्त, अनुमण्डल पदाधिकारी एवं श्रम अधीक्षक को सूचित किया जा सकता है.

टास्क फोर्स की बैठक में जिलाधिकारी के साथ उप महापौर नगर निगम, छपरा, नगर आयुक्त, नगर उपायुक्त, अनुमण्डल पदाधिकारी सदर, डीपीओ समग्र शिक्षा अभियान, श्रम अधीक्षक रमेश कमल रत्नम, डीपीओ आईसीडीएस, देवेश नाथ दीक्षित, चाइल्ड लाईन के केन्द्रीय समन्वयक आदि उपस्थित थे.
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बैठक के बाद जिलाधिकारी के द्वारा हरी झण्डी दिखाकर बालश्रम उन्मूलन जनजागरूकता रथ को रवाना किया. इस रथ के माध्यम से 20 जून तक नगर निगम क्षेत्र सहित सभी नगर पंचायतों में बाल श्रम के विरूद्ध जन चेतना का संदेश दिया जाएगा.

जानकारी जिला जन-सम्पर्क पदाधिकारी ज्ञानेश्वर प्रकाश ने प्रेस विज्ञप्ति के माध्यम से दी.