साइकिल की सवारी, लगती है बड़ी प्यारी,
स्वस्थ को बढायें , न फैले को प्रदूषण न कोई बीमारी…
(कबीर की रिपोर्ट)
हौसला, जुनून और दीवानगी ने रिकॉर्ड तो बनाया ही साथ ही साथ दुनिया को पर्यावरण संरक्षण को लेकर बढ़ा संदेश भी दिया है. 3 दिनों में 750 किलोमीटर का सफर साइकिल से तय कर गोल्डन राइड पूरा किया है. छपरा के इस युवा ने यह कारनामा 18 वर्ष की उम्र में कर दिखाया है. सारण के साथ साथ बिहार का भी नाम रौशन किया है.
18 वर्षीय इस युवा ने 45 से 50 डिग्री सेल्सियस की गर्मी में 750 किलोमीटर का गोल्डन ट्रायंगल आगरा-जयपुर-दिल्ली का सफर साइकिल से तय कर दुनिया को संदेश दिया है. आदर्श बताते हैं कि इस यात्रा का मुख्य उद्देश्य विश्व को पर्यावरण संरक्षण के बारे में एक संदेश दिया जाए और जो गाड़ियों के होने वाले प्रदूषण से आने वाले जेनरेशन को बचाया जा सके.
आदर्श बताते हैं कि गोल्डन राइड की शुरुआत उन्होंने 1 जून सुबह 4:00 बजे से आगरा से शुरू की और जयपुर, दिल्ली होते हुए फिर वह वापस 3 जून रात्रि 11 बजे आगरा पहुंचे. विश्व साइकिल दिवस के अवसर पर 3 जून को उन्होने यह गोल्डेन राइड पूरा कर लिया.
फिलहाल आदर्श राज आगरा में रहकर स्नातक की पढ़ाई कर रहे हैं. छपरा के योगिनीय कोठी स्थित गंगा सिंह कॉलेज के समीप के रहने वाले अश्विनी कुमार उर्फ चुन्नु सिंह के पुत्र आदर्श राज को बचपन से ही साइकिल चलाने का शौक था, लेकिन छपरा में वैसा माहौल उन्हें नहीं मिल पाता था. लेकिन जब वह आगरा पहुंचे तो उन्होंने आगरा साइक्लिस्ट से जुड़े और महज 8 से 9 महीने के अंदर उन्होंने गोल्डन राइड पूरा किया है. उन्होंने कहा कि हमने गर्मी के मौसम में यह राइड इसलिए चुना है कि देश के सैनिक देश की सेवा करते हैं, तो वह ठंडी, गर्मी और बरसात की चिंता नही करते हैं.
आदर्श ने बताया कि उनका सपना है वह 1 दिन सबसे कम उम्र मे इंडिया राइड पूरा करें और छपरा और बिहार का नाम रौशन करें. आदर्श ने गोल्डन राइड की सुनहरी यादें को बताते हुए कहा कि जब वह यह राइड कर रहे थे तब जगह जगह पर लोगों ने उनका स्वागत किया और हौसला भी बढ़ाया.