Patna, 13 अगस्त (हि.स.)। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने 1, अणे मार्ग स्थित ‘संकल्प’ में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में किए जा रहे राहत एवं बचाव कार्यों की उच्चस्तरीय समीक्षा की और अधिकारियों को आवश्यक निर्देश दिये। मुख्यमंत्री ने राज्य की नदियों के जलस्तर की वर्तमान स्थिति की भी जानकारी ली।

सरकार में आने के बाद से ही हमलोग आपदा पीड़ितों की सहायता के लिए तत्पर रहते हैं: मुख्यमंत्री

समीक्षा के दौरान मुख्यमंत्री ने कहा कि नदियों के किनारे वाले क्षेत्रों में बढ़ते जलस्तर को ध्यान में रखते हुए प्रशासन पूरी तरह अलर्ट रहे। साथ ही प्रभावित लोगों को यथाशीघ्र और पूरी संवेदनशीलता के साथ मदद करें। बाढ़ प्रभावित क्षेत्र के लोगों के बीच राहत एवं बचाव कार्य पूरी मुस्तैदी से करते रहें। उन्होंने कहा कि सरकार में आने के बाद से ही हमलोग आपदा पीड़ितों की सहायता के लिए तत्पर रहते हैं। मॉनसून के पूर्व संभावित बाढ़, सुखाड़ एवं अन्य आपदाओं को लेकर तैयारियों की समीक्षा की जाती है और मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) के अनुसार सभी को कार्य करने के निर्देश दिए जाते हैं।

मुख्यमंत्री ने संबंधित विभाग के अधिकारियों को कहा कि बाढ़ प्रभावित लोगों के बीच आनुग्रहिक राहत की राशि (जीआर) का वितरण जल्द से जल्द करायें। बाढ़ के दौरान हुई फसल क्षति को लेकर किसानों के बीच राशि का भुगतान कराना सुनिश्चित करें। उन्होंने कहा कि पथ निर्माण विभाग एवं ग्रामीण कार्य विभाग बाढ़ से क्षतिग्रस्त सड़कों का पुनर्स्थापन कार्य कराना सुनिश्चित करे, ताकि लोगों को आवागमन में किसी प्रकार की परेशानी न हो।

बाढ़ से  25 लाख आबादी प्रभावित हुई है

इससे पहले बैठक में विकास आयुक्त सह आपदा प्रबंधन विभाग के अपर मुख्य सचिव प्रत्यय अमृत ने मुख्यमंत्री को बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में राहत एवं बचाव कार्यों तथा नदियों के जलस्तर के संबंध में विस्तृत जानकारी दी। उन्होंने बताया कि अधिक बारिश के कारण गंगा नदी के किनारे के 10 जिले भोजपुर, पटना, सारण, वैशाली, बेगूसराय, लखीसराय, मुंगेर, खगड़िया, भागलपुर एवं कटिहार विशेष रूप से प्रभावित हुये हैं। बाढ़ से इन 10 जिलों के 54 प्रखंडों की 348 पंचायतों की 25 लाख आबादी प्रभावित हुई है।

उन्होंने बताया कि राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (एनडीआरएफ) की 7 टीमें और राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल (एसडीआरएफ) की 9 टीमें राहत एवं बचाव कार्य में जुटी हुई हैं। 60 मोटर बोट और 1233 नाव लगातार कार्यरत हैं। अब तक 52 हजार 573 पॉलीथीन शीट और 1800 सूखा राशन पैकेट प्रभावित लोगों के बीच वितरित किया गया है। बाढ़ राहत कैंपों में प्रभावित लोगों के लिए एसओपी के अनुसार सारी व्यवस्थाएं की गई हैं। अभी तक सामुदायिक रसोई केंद्र में 13 लाख से अधिक लोगों को भोजन कराया जा चुका है। जानवरों के लिए पशु चारा एवं चिकित्सा की व्यवस्था की गई है।

Patna, 12 अगस्त (हि.स.)। बिहार में लगातार हाे रही भारी बारिश और नेपाल से छाेड़े गये पानी से बिहार के कई जिले बाढ़ की चपेट में है।कई जिलाें के ज्यादातर पंचायताें में बाढ़ के पानी ने लाेगाें का जीना दुभर कर दिया है।

लाेग उंचे जगहाें पर स्थान लेने काे मजबूर हाे गये है। वहीं सरकार की ओर से दी जा रही सहायता कहीं पहुंच रही है ताे कही नहीं। भारी बारिश और बाढ़ ने पटना, भागलपुर, बेगूसराय समेत सात जिलों को टापू बना दिया है। गंगा, कोसी, बागमती, बूढ़ी गंडक, पुनपुन, घाघरा, सोन, कमला, अधवारा और कनकाई नदियां खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं, जिससे करीब 18 लाख लोग प्रभावित हैं और कई लोगों की मौत हो चुकी है।

पटना सहित दक्षिण बिहार के 19 जिलों में मध्यम बारिश की चेतावनी

भारत मौसम विज्ञान विभाग ने 12 अगस्त के लिए उत्तर बिहार के आठ जिलों सुपौल, अररिया, किशनगंज, पूर्णिया, कटिहार, मधेपुरा, सहरसा और मधुबनी में बहुत भारी बारिश के लिए ऑरेंज अलर्ट और सीतामढ़ी, शिवहर, पूर्वी चंपारण, पश्चिमी चंपारण समेत 11 अन्य जिलों में येलो अलर्ट जारी किया है। पटना सहित दक्षिण बिहार के 19 जिलों में भी हल्की से मध्यम बारिश की चेतावनी है।

इस बीच पटना में मंगलवार को 11:30 बजे के बाद मध्यम बारिश शुरू हाे गयी है।विभाग की ओर से इसे लेकर पहले ही अलर्ट किया गया था। माैसम विभाग ने आज पटना ओं हल्की से मध्यम बारिश की संभावना जतायी थी। विभाग ने दोपहर में 25-30 किमी/घंटा की हवाएं चलने और अधिकतम तापमान 31°C और न्यूनतम 26°C रहने का अनुमान बताया है।

गांधी घाट पर 50.20 मीटर खतरे के निशान से ऊपर बह रही है गंगा नदी 

राजधानी पटना में गंगा नदी की स्थिति की बात करे ताे दीघा घाट पर 51.62 मीटर और गांधी घाट पर 50.20 मीटर खतरे के निशान से ऊपर बह रही है। भागलपुर में सुल्तानगंज के पास गंगा का पानी एनएच-80 तक पहुंच गया, जिससे सड़क यातायात बंद है। नवगछिया में 15 करोड़ रुपये की लागत से बना रिंग बांध का 70% हिस्सा बह गया, जिससे गोपालपुर प्रखंड में बाढ़ की स्थिति और गंभीर हो गई है।

बेगूसराय में बाढ़ के कारण 137 स्कूल और आंगनबाड़ी केंद्र 14 अगस्त तक बंद हैं। भागलपुर, बक्सर, मुंगेर, वैशाली, खगड़िया और बेगूसराय में बाढ़ का पानी घरों और खेतों में घुस गया है, जिससे फसलों को भारी नुकसान हुआ है।

आपदा प्रबंधन विभाग और एनडीआरएफ की 14 टीमें राहत कार्यों में जुटी हैं, जिनमें दरभंगा, सुपौल, मोतिहारी और नालंदा में टीमें तैनात हैं। पटना में 35 नावें और भागलपुर में राहत शिविर, सामुदायिक रसोई और चिकित्सा शिविर सक्रिय हैं। बक्सर में गंगा के जलस्तर में मामूली कमी आई है, लेकिन पुनपुन नदी का स्तर बढ़ रहा है, जिसके लिए प्रशासन अलर्ट है।

Patna, 7 अगस्त (हि.स.)। भारी बारिश और नेपाल से छाेड़े गये पानी से बिहार में गंगा नदी के जलस्तर में लगातार वृद्धि हाे रही है। इससे लाेगाें का पलायन शुरू हाे गया है। गंगा नदी से सटे पटना जिले के मनेर, दानापुर, पटना सदर, बाढ़ और मोकामा प्रखंडों में बाढ़ की स्थिति गंभीर हो गई है।

जिला प्रशासन के अनुसार अब तक 50,000 से अधिक की आबादी बाढ़ से प्रभावित है और लोगों का शहर की ओर पलायन शुरू हो गया है। प्रभावित इलाकों में लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने के लिए 35 नावें तैनात की गई हैं और सभी सीओ, बीडीओ और एसडीओ को हाई अलर्ट पर रखा गया है। जिलाधिकारी डॉ. त्यागराजन एसएम ने दीघा पाटीपुल, मीनार घाट, कुर्जी बिंदटोली घाट सहित अन्य क्षेत्रों का दौरा कर राहत व्यवस्था की समीक्षा की तथा पीड़ितों से संवाद किया।

प्रति घंटे 1 सेंटीमीटर से अधिक बढ़ रहा है बाढ़ का पानी

गंगा नदी का जलस्तर लगातार प्रति घंटे 1 सेंटीमीटर से अधिक बढ़ रहा है। बीते 24 घंटे में गांधीघाट पर जलस्तर 49.57 मीटर से बढ़कर 49.87 मीटर, दीघाघाट पर 50.81 से 51.10 मीटर, मनेर में 52.74 से 52.99 मीटर, हाथीदह में 42.48 से 42.74 मीटर, और सोन नदी में कोईलवर पर 53.01 से 53.51 मीटर तक पहुंच गया है।

निचले इलाकों की सड़कों पर पानी चढ़ चुका है, जिससे कई गांव पूरी तरह जलमग्न हो गए हैं। रामनगर दियारा पंचायत (अथमलगोला) के वार्ड संख्या 9, 10, 11 और 12 सबसे अधिक प्रभावित हैं, जहां ग्रामीण सड़क पर पानी भर गया है और संपर्क पूरी तरह कट गया है।

तैयार की गयी है तीन शरणस्थली

बाढ़ राहत कार्य के लिए जिला प्रशासन ने 11 कोषांगों का गठन किया है। इन टीमों में एसडीएम, डीएसपी, सीओ और थाना प्रभारी को जिम्मेदारी सौंपी गई है ताकि जरूरतमंदों तक तुरंत राहत सामग्री पहुंचाई जा सके। पीड़ितों के लिए तीन शरणस्थली तैयार की गई हैं – नकटा दियारा (पाटीपुल), मीनार घाट और मरीन ड्राइव पर बिंदटोली के लोगों के लिए एक लेन में टेंट लगाया गया है। इन स्थानों पर सामुदायिक रसोई, चिकित्सा सुविधा और पशुओं के लिए चारा की भी व्यवस्था की गई है। बाढ़ और मोकामा में भी सामुदायिक रसोई कार्यरत है।

दियारा क्षेत्र में भी स्थिति भयावह

दानापुर के दियारा क्षेत्र में भी स्थिति भयावह होती जा रही है। जलस्तर बढ़ने के कारण लोग अपने मवेशियों और सामान के साथ ऊँचे स्थानों की ओर पलायन कर रहे हैं। कुछ लोग बलदेव इंटर स्कूल में शरण लिए हुए हैं, तो कई अपने रिश्तेदारों के यहां आश्रय ले रहे हैं।

जिला प्रशासन ने आम लोगों से अपील की है कि किसी भी प्रकार की आपात स्थिति या सूचना के लिए जिला आपातकालीन नियंत्रण कक्ष (0612-2210118) पर संपर्क करें।

Patna, 06 अगस्त (हि.स.)। बिहार में इन दिनों गंगा समेत सभी नदियां उफान पर हैं। बक्सर से लेकर पटना, भागलपुर और समस्तीपुर तक नदियों का जलस्तर खतरे के निशान को पार जा चुका है। इससे कई इलाकों में पानी अब घरों में घुसने लगा है। मौसम विभाग ने पटना में आगामी 24 घंटों के लिए मानसून सक्रिय रहने का अनुमान जताया है। साथ ही राज्य के 19 जिलों में बारिश को लेकर ऑरेंज अलर्ट जारी किया है।

गंगा नदी खतरे के स्तर 60.32 मीटर से 0.53 मीटर ऊपर

लगातार हो रही बारिश से बक्सर में गंगा नदी बुधवार सुबह 6:00 बजे खतरे के स्तर 60.32 मीटर से 0.53 मीटर ऊपर और अपने पिछले उच्च जल स्तर स्तर 62.09 मीटर (01-08-1948) से 1.24 मीटर नीचे है। इसी तरह पटना जिले के दानापुर में गंगा नदी सुबह 6:00 बजे 51.92 मीटर के स्तर पर बह रही थी, जो इसके खतरे के स्तर 51.2 मीटर से 0.72 मीटर ऊपर और अपने पिछले उच्च जल स्तर 52.61 मीटर (15-08-2021) से 0.69 मीटर नीचे है।

पटना जिले के ही दीघाघाट में गंगा नदी आज सुबह 6 बजे 51.1 मीटर के स्तर पर बह रही थी, जो अपने खतरे के स्तर 50.45 मीटर से 0.65 मीटर ऊपर और अपने पिछले उच्च जल स्तर 52.52 मीटर (23-08-1975) से 1.42 मीटर नीचे है। पटना जिले के गांधीघाट में गंगा नदी आज सुबह 6:00 बजे 49.87 मीटर के स्तर पर बह रही थी और इसमें वृद्धि 10.0 मिमी/घंटा की प्रवृत्ति है, जो इसके खतरे के स्तर 48.6 मीटर से 1.27 मीटर ऊपर और इसके पिछले उच्च जल स्तर 50.52 मीटर (21-08-2016) से 0.65 मीटर नीचे है।

कई इलाकों में हालत गंभीर

पटना जिले के हाथीदह में गंगा नदी आज सुबह 6:00 बजे 42.74 मीटर के स्तर पर बह रही थी, जो इसके खतरे के स्तर 41.76 मीटर से 0.98 मीटर ऊपर और अपने पिछले उच्च जल स्तर (एचएफएल) 43.52 मीटर (16-08-2021) से 0.78 मीटर नीचे है। भोजपुर जिले के मौजमपुर में गंगा नदी आज सुबह 06:00 बजे 54.67 मीटर के स्तर पर बह रही थी, जो इसके खतरे के स्तर 54.496 मीटर से 0.17 मीटर ऊपर और इसके पिछले जल स्तर स्तर 55.5 मीटर (23-09-2019) से 0.83 मीटर नीचे है।

भागलपुर जिले के कहलगांव में गंगा नदी सुबह 6:00 बजे 31.78 मीटर के स्तर पर बह रही थी, जो इसके खतरे के स्तर 31.09 मीटर से 0.69 मीटर ऊपर और इसके पिछले जल स्तर स्तर 32.87 मीटर (17-09-2003) से 1.09 मीटर नीचे है। जिले के एकचारी में गंगा नदी आज सुबह 6:00 बजे 32.59 मीटर के स्तर पर बह रही थी, जो इसके खतरे के स्तर 32.23 मीटर से 0.36 मीटर ऊपर और इसके पिछले उच्च जल स्तर 33.36 मीटर (01-10-2019) से 0.77 मीटर नीचे है।

बिहार सरकार बाढ़ नियंत्रण को लेकर हर स्तर पर सजग और सतर्क है: विजय चौधरी

समस्तीपुर जिले के मोहउद्दीन नगर में गंगा बेसिन में बाया नदी आज सुबह 06:00 बजे 43.54 मीटर के स्तर पर बह रही थी, जो इसके खतरे के स्तर 43.47 मीटर से 0.07 मीटर ऊपर और इसके पिछले उच्च जल स्तर 44.97 मीटर (24-04-2021) से 1.43 मीटर नीचे है। खगड़िया जिले के खगड़िया में गंगा बेसिन में बूढ़ी गंडक नदी आज सुबह 6:00 बजे 37.54 मीटर के स्तर पर बह रही थी, जो इसके खतरे के स्तर 36.58 मीटर से 0.96 मीटर ऊपर और इसके पिछले उच्च जल स्तर (एचएफएल) 39.22 मीटर (16-08-1976) से 1.68 मीटर नीचे है। वैशाली जिले के लालगंज में गंगा बेसिन में गंडक नदी आज सुबह 06:00 बजे 51.2 मीटर के स्तर पर बह रही थी, जो इसके खतरे के स्तर 50.5 मीटर से 0.70 मीटर ऊपर और इसके पिछले उच्च जल स्तर 52.12 मीटर (02-10-2024) से 0.92 मीटर नीचे है।

बिहार में गंगा और अन्य नदियों के बढ़ते जलस्तर को लेकर लेकर विभागिय मंत्री विजय चौधरी ने कहा कि जल संसाधन विभाग और बिहार सरकार बाढ़ नियंत्रण को लेकर हर स्तर पर सजग और सतर्क है। यदि कहीं बाढ़ की स्थिति उत्पन्न भी होती है, तो आपदा राहत कार्यों के लिए अग्रिम तैयारियां सुनिश्चित की जा चुकी हैं। तटबंधों की सतत् निगरानी, आवश्यक मरम्मति कार्य, पेट्रोलिंग और राहत सामग्री की उपलब्धता सुनिश्चित की जा रही है।

Patna 6 अगस्त (हि.स.)। बिहार के अन्य जिलाें के साथ राजधानी पटना भी बाढ़ की चपेट में है। गंगा, पुनपुन और सोन नदियां बेक़ाबू सैलाब लेकर राजधानी पटना समेत पूरे राज्य में तबाही मचा रही है। गंगा अपने किनारों को तोड़कर शहर की ओर अपना रूख कर रही है। इससे लोगों के रोज़मर्रा का जीवन जलजमाव के जाल में उलझ गया है।

निचले इलाकों में गंगा का पानी खतरे के निशान से कई सेंटीमीटर ऊपर

केंद्रीय जल आयोग की ताज़ा रिपोर्ट के अनुसार पटना के दीघा, गांधी घाट, गाय घाट, गुलबी घाट, आलमगंज और बिंद टोली जैसे निचले इलाकों में गंगा का पानी खतरे के निशान से कई सेंटीमीटर ऊपर बह रहा है। दीघा घाट पर जलस्तर सुबह 6 बजे 36 सेमी ऊपर था, वहीं गांधी घाट पर यह आंकड़ा 97 सेमी तक पहुंच चुका है। स्थिति और भयावह होती जा रही है क्योंकि अब भी जलस्तर में निरंतर वृद्धि हो रही है।

गली-मुहल्लों में कमर तक पानी

गली-मुहल्लों में कमर तक पानी, सड़कों पर मौत की सरसराहट और घरों के आंगन में तैरते सांप पटना के लोग इस वक्त भय और बेबसी की दोहरी मार झेल रहे हैं। दानापुर के जजेज कॉलोनी में गंदे पानी की निकासी नहीं हो पा रही, जिससे लोग दरवाज़े पर सांप देख रातें जागकर गुज़ारने को मजबूर हैं।

सरकारी सहायता गुम

इस त्रासदी में सरकारी सहायता कहीं गुम है। कुर्जी मोड़ के पास बिंद टोली में लोग रबड़ ट्यूब की नावों से अपनी जान हथेली पर लेकर आवाजाही कर रहे हैं। स्थानीय युवक सौरभ कुमार ने बताया कि नौकरी से छुट्टी लेकर बच्चों की हिफ़ाज़त कर रहे हैं क्योंकि “पानी जितना दिखता है, उससे कहीं ज़्यादा डूबा हुआ ख़तरा है।

पेयजल की किल्लत, टॉयलेट संकट, और मेडिकल इमरजेंसी – सबकुछ एक ही सवाल पर टिक गया है: “सरकारी नाव कब आएगी?” लोग प्लास्टिक की छतों और बांस के सहारे ऊंची जगहों पर शरण लिए हुए हैं।

पटना जिला प्रशासन कह रहा है कि नाव संचालन जल्द शुरू होगा और कम्युनिटी किचन एवं पशुओं के लिए चारा उपलब्ध कराया जाएगा। अंचल अधिकारियों को रिपोर्ट तैयार करने का निर्देश दिया गया है लेकिन जब तक रिपोर्ट बनेगी, तब तक बाढ़ कितने घर बहा ले जाएगी, ये किसी को नहीं पता।

Patna, 19 जुलाई (हि.स.)। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने शनिवार को पटना के आसपास गंगा नदी के बढ़ते जलस्तर का जायजा लिया। साथ ही उन्होंने जेपी गंगा पथ पर पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग द्वारा विकसित किए जा रहे पार्क का भी मुआयना किया।

मुख्यमंत्री ने  गंगा नदी के बढ़ते जलस्तर का निरीक्षण किया

मुख्यमंत्री ने जायजा लेने के क्रम में पटना सिटी के कंगन घाट से दानापुर के नासरीगंज घाट तक गंगा नदी के बढ़ते जलस्तर का निरीक्षण किया। इस दौरान मुख्यमंत्री ने जेपी गंगा पथ पर एलसीटी घाट से गंगा नदी के बढ़ते जलस्तर का जायजा लेने के बाद एनआईटी घाट पहुंचे जहां उन्होंने गंगा नदी के बढ़े जलस्तर एवं तटीय इलाकों के वर्तमान स्थिति की पूरी जानकारी अधिकारियों से ली।

एनआईटी घाट से जेपी गंगा पथ होते हुए मुख्यमंत्री कंगन घाट के बाद दीघा घाट और दानापुर स्थित नासरीगंज घाट पहुंचकर गंगा नदी के बढ़ते जलस्तर का भी जायजा लिया। इस दौरान अधिकारियों को निर्देश देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि गंगा नदी के किनारे वाले क्षेत्रों में बढ़ते जलस्तर को ध्यान में रखते हुए पूरी तरह अलर्ट रहें और किसी भी आपात स्थिति से निपटने के लिए हर समय तैयार रहें। ताकि लोगाें को बाढ़ के पानी से होने वाली परेशनी से बचाया जा सके।

मुख्यमंत्री ने कहा कि गंगा नदी के तटीय इलाकों खासकर निचले क्षेत्रों की स्थिति की लगातार समीक्षा करते रहें और जरूरत पड़ने पर तत्काल रूप से आवश्यक कार्रवाई करें ताकि कोई नुकसान न हो। नासरीगंज घाट, गांधी घाट सहित कई स्थानों पर गंगा नदी के जलस्तर में बढ़ोतरी दर्ज की गई है तथा नदी की धारा भी बहुत तेज है। संभावित परिस्थितियों पर पूरी नजर रखें तथा बढ़ते जलस्तर से प्रभावित लोगों को एसओपी के अनुसार जरूरी सहायता उपलब्ध कराएं।

Patna, 15 जुलाई (हि.स.)। बिहार में मानसून की सक्रियता के साथ गंगा नदी का जलस्तर भी अब तेजी से बढ़ रहा है, जिससे पटना, बक्सर और भागलपुर में बाढ़ का खतरा मंडरा रहा है। आज केंद्रीय जल आयोग और मौसम विज्ञान केंद्र, पटना की रिपोर्ट के अनुसार गंगा नदी पटना के दीघा घाट पर खतरे के निशान (50.45 मीटर) से 2.36 मीटर नीचे (48.09 मीटर) और गांधी घाट पर खतरे के निशान (50.52 मीटर) से 1.51 मीटर नीचे (47.09 मीटर) बह रही है। बक्सर में गंगा चेतावनी स्तर (59.32 मीटर) से 2.87 मीटर नीचे (57.43 मीटर) है। भागलपुर में यह खतरे के निशान (33.68 मीटर) से 3.16 मीटर नीचे (30.52 मीटर) दर्ज की गई।

दानापुर, पंडारक और फतुहा में मंगलवार सुबह से ही पानी प्रवेश करने लगा है

पटना के निचले इलाकों में दानापुर, पंडारक और फतुहा में मंगलवार सुबह से ही पानी प्रवेश करने लगा है, जिससे स्थानीय लोगों में चिंता बढ़ गई है। दीघा नहर के रास्ते पानी को गंगा में डायवर्ट करने के लिए मोटर पंपों का उपयोग किया जा रहा है। बक्सर में गंगा घाटों की सीढ़ियां डूब चुकी हैं और सहायक नदी कर्मनाशा का जलस्तर भी बढ़ रहा है। भागलपुर में गंगा हर घंटे 1 सेंटीमीटर की रफ्तार से बढ़ रही है। जिससे सुल्तानगंज, नाथनगर और नवगछिया जैसे क्षेत्रों में बाढ़ का खतरा बढ़ गया है।

उत्तर प्रदेश के पहाड़ी क्षेत्रों में बारिश ने भी गंगा के जलस्तर को बढ़ाया है

जल संसाधन विभाग ने गंगा की सहायक नदियों सोन, गंडक और कोसी, में जलस्तर बढ़ने के कारण अलर्ट जारी किया है। मध्य प्रदेश के बाणसागर बांध से 1.25 लाख क्यूसेक पानी छोड़ा गया है। जो सोन नदी के जरिए गंगा में पहुंच रहा है। उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश के पहाड़ी क्षेत्रों में बारिश ने भी गंगा के जलस्तर को बढ़ाया है। विभाग के अनुसार अगले 2-3 दिनों तक जलस्तर में और वृद्धि हो सकती है।

गया-जहानाबाद और जमुई में अति भारी बारिश का अलर्ट

दक्षिण बिहार के गया, नवादा और जमुई में आज आति भारी बारिश का अलर्ट है। जबकि पटना, बेगूसराय, मुंगेर और भागलपुर में भारी बारिश और वज्रपात की चेतावनी है। पिछले 48 घंटों में वज्रपात से 8 से अधिक मौतें हुई हैं, जिसके चलते लोगों को खुले मैदानों और पेड़ों के नीचे न रुकने की सलाह दी गई है। बिहार सरकार ने जिला प्रशासनों को अलर्ट रहने और राहत सामग्री, नाव और सामुदायिक रसोई की व्यवस्था करने के निर्देश दिए हैं।

Varansi: बाढ़ के कारण पूर्व मध्य रेलवे के समस्तीपुर मंडल पर हायाघाट-थलवारा रेलवे स्टेशनों के मध्य रेल संचलन बाधित होने के कारण रेल प्रशासन द्वारा इस रेल खंड पर चलने वाली गाड़ियों का मार्ग परिवर्तन एवं शार्ट टर्मिनेशन/शार्ट ओरिजिनेशन किया गया है.

मार्ग परिवर्तन-
– 13 अगस्त, 2020 को दरभंगा से प्रस्थान करने वाली 02565 दरभंगा-नई दिल्ली विशेष गाड़ी परिवर्तित मार्ग दरभंगा-सीतामढ़ी-मुजफ्फरपुर के रास्ते चलायी जायेगी.

– 12 अगस्त, 2020 को नई दिल्ली से प्रस्थान करने वाली 02566 नई दिल्ली-दरभंगा विशेष गाड़ी परिवर्तित मार्ग मुजफ्फरपुर-सीतामढ़ी-दरभंगा के रास्ते चलायी जायेगी।

13 अगस्त, 2020 को जयनगर से चलने वाली 04673 जयनगर-अमृतसर विशेष गाड़ी समस्तीपुर से चलायी जायेगी.

13 अगस्त, 2020 को दरभंगा से चलने वाली 01062 दरभंगा-लोकमान्य तिलक टर्मिनस विशेष गाड़ी समस्तीपुर से चलायी जायेगी।

Amnour: जन अधिकार पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष पप्पू यादव शुक्रवार को सारण जिले के तमाम बाल विकास इलाकों में पहुंचकर लोगों की मदद की. इस दौरान उन्होंने अमनौर के बाढ़ ग्रस्त क्षेत्रों में जाकर लोगों से हालचाल जाना और उनकी मदद की. पानी ज्यादा होने के कारण उन्हें ट्रैक्टर का सहारा लेना पड़ा और बाढ़ पीड़ितों के बीच जाकर राहत सामग्री वितरण किया.

इस दौरान उन्होंने सीएम नीतीश कुमार पर तंज कसते हुए कहा कि “आप उड़ें आकाश हम सड़क पर ढूंढें विकास”, पप्पू यादव ने मदद करते हुए वीडियो भी सोशल मीडिया पर शेयर किया है. उन्होंने लिखा है कि सभी नेता अपने घर मे AC के सामने लॉक डाउन हुए पड़े है.

आपको बता दें कि जन अधिकार पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष पप्पू यादव हर जगह लोगों की मदद करने पहुंच जाते हैं. इस वजह से वह सोशल मीडिया और छाए रहते हैं. पप्पू यादव ने लॉक डाउन में भी लोगों की काफी मदद की थी. इससे पहले उन्होंने पटना में बाढ़ पीड़ितों बहुत मदद की थी.

Chhapra: पूर्व-मध्य रेलवे, हाजीपुर के समस्तीपुर मण्डल के समस्तीपुर-दरभंगा रेल खण्ड पर थलवारा-हायाघाट स्टेशनों के बीच बाढ़ के पानी का जलस्तर खतरे के निशान से ऊपर हो जाने के फलस्वरूप निम्नलिखित गाड़ियों का निरस्तीकरण, शार्ट ओरिजिनेशन/र्शाट टर्मिनेशन तथा मार्ग परिवर्तन निम्नवत किया गया है:-

निरस्तीकरण –
– 01 अगस्त,2019 को वाराणसी सिटी से चलने वाली 15552 वाराणसी सिटी-दरभंगा गाड़ी निरस्त रहेगी ।

मार्ग परिवर्तन-

– 01 अगस्त, 2019 को जयनगर से प्रस्थान करने वाली 12561 जयनगर-नई दिल्ली एक्सप्रेस अपने निर्धारित मार्ग दरभंगा-समस्तीपुर-मुजफ्फरपुर-छपरा के स्थान पर परिवर्तित मार्ग दरभंगा-सीतामढ़ी-नरकटियागंज-पनियहवा-गोरखपुर-वाराणसी के रास्ते चलाई जायेगी।

– 01 अगस्त,2019 को दरभंगा से प्रस्थान करने वाली 15211 दरभंगा-अमृतसर एक्सप्रेस अपने निर्धारित मार्ग समस्तीपुर-मुजफ्फरपुर-सुगौली के स्थान पर परिवर्तित मार्ग सीतामढ़ी-रक्सौल-सुगौली के रास्ते चलाई जायेगी ।


– 31 जुलाई,2019 को अमृतसर से प्रस्थान करने वाली 15212 अमृतसर-दरभंगा एक्सप्रेस अपने निर्धारित मार्ग सुगौली-मोतीहारी-मुजफ्फरपुर-समस्तीपुर के स्थान पर सुगौली-रक्सौल -सीतामढ़ी-दरभंगा के रास्ते चलाई गई ।

– 31 जुलाई,2019 को अमृतसर से प्रस्थान करने वाली 14650 अमृतसर-जयनगर एक्सप्रेस अपने निर्धारित मार्ग बाराबंकी-अयोध्या-मऊ-छपरा-मुजफ्फरपुर-समस्तीपुर-दरभंगा के स्थान पर परिवर्तित मार्ग लखनऊ-बाराबंकी-गोरखपुर-पनियहवा-नरकटियागंज-सीतामढ़ी-दरभंगा के रास्ते चलाई जायेगी ।

– 01 अगस्त ,2019 को जयनगर से प्रस्थान करने वाली 14673 जयनगर-अमृतसर एक्सप्रेस अपने निर्धारित मार्ग समस्तीपुर-मुजफ्फरपुर-छपरा के स्थान पर परिवर्तित मार्ग दरभंगा-सीतामढ़ी-नरकटियागंज-पनियहवा-गोरखपुर के रास्ते चलाई जायेगी ।

– 31 जुलाई,2019 को नई दिल्ली से प्रस्थान करने वाली 12566 नई दिल्ली-दरभंगा बिहार सम्पर्क अपने निर्धारित मार्ग छपरा-मुजफ्फरपुर-समस्तीपुर के स्थान पर परिवर्तित मार्ग गोरखपुर-पनियहवा-नरकटियागंज-सीतामढ़ी के रास्ते चलाई जायेगी ।

– 01 अगस्त,2019 को दरभंगा से प्रस्थान करने वाली 12565 दरभंगा-नई दिल्ली बिहार सम्पर्क अपने निर्धारित मार्ग समस्तीपुर-मुजफ्फरपुर-छपरा के स्थान पर परिवर्तित मार्ग सीतामढ़ी- नरकटियागंज-पनियहवा-गोरखपुर के रास्ते चलाई जायेगी ।

शार्ट ओरिजिनेशन/र्शाट टर्मिनेशन-

– 30 जुलाई,2019 को लोकमान्य तिलक टर्मिनस से प्रस्थान करने वाली 11061 लोकमान्य तिलक टर्मिनस-दरभंगा एक्सप्रेस मुजफ्फरपुर में शार्ट टर्मिनेट होगी ।

– 01 अगस्त,2019 को दरभंगा से प्रस्थान करने वाली 11062 दरभंगा-लोकमान्य तिलक टर्मिनस एक्सप्रेस मुजफ्फरपुर से शार्ट ओरिजिनेट होगी ।

छपरा: सारण जिला जनता दल यूनाइटेड के जिलाध्यक्ष अल्ताफ़ आलम राजू ने बाढ़ पीड़ितों के लिए राहत सामग्री वाहन को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया.

जदयू जिलाध्यक्ष ने बताया कि
सारण जिले के कई प्रखंड के गांव में अभी भी बाढ़ग्रस्त है. वहाँ रहने वाले लोगों की सहायता को लेकर बनियापुर के जदयू कार्यकर्ताओं द्वारा सहयोग करते हुए बाढ़ पीड़ितों की मदद की है.

जदयू के पंचायत अध्यक्षों द्वारा बाढ़ पीड़ितों के लिए चावल, दाल, आटा, नमक सहित अन्य खाद्य सामग्री की 200 पैकेट्स तैयार किये गए है.जो बाढ़ पीड़ितों को भेजा जा रहा है.

बाढ़ राहत को जद यु जिला अध्यक्ष अल्ताफ आलम राजू ने झंडा दिखा कर रवाना किया

इस मौके पर प्रदेश उपाध्यक्ष संतोष महतो, अतिपिछड़ा अध्यक्ष चन्द्र भूषण पंडित, पंचायती राज के अध्यक्ष राजीव राम, प्रखण्ड अध्यक्ष शिव नरायण पटेल, सुरेन्द्र ओझा, देवेन्द्र ओझा, इलियास हुसैन, मुन्ना नट, राजकुमार चौधुर, युवा नेता सदैब आलम उपस्थित थे.

छपरा: सारण जिला जदयू के द्वारा बाढ़ पीड़ितों की सहायता के लिए खाद्य सामग्री वितरण शिविर लगाया गया है.

बाढ़ ग्रस्त क्षेत्र तरैया और पानापुर बाजार में जिला जदयू द्वारा सामग्री वितरण शिविर लगाया गया है. जहां बाढ़ पीड़ितों को चूड़ा, गुड़, सत्तू और अन्य खाद्य सामग्री प्रदान की जा रही है.

जदयू जिलाध्यक्ष अल्ताफ़ आलम राजू ने बताया कि शिविर 24 घंटे कार्यरत रहेगा. बाढ़ ग्रस्त क्षेत्रों में रहने वाले लोगों को पार्टी की ओर से सुविधा सहायता मुहैया कराई जाएगी.

कैम्प का उद्घाटन जिलाध्यक्ष ने फीता काट कर किया.

इस मौके पर जदयू नेता शैलेन्द्र प्रताप सिंह, संतोष महतो, वैद्यनाथ प्रसाद विकल, नवल किशोर कुशवाहा, मो फ़िरोज उपस्थित थे.