Chhapra:वाराणसी मंडल के छपरा जंक्शन को साफ़ सुथरा बनाए रखने के लिए रेल प्रशासन एक्शन में नज़र आ रहा है. प्लेटफार्म और जंक्शन परिसर में गंदगी फैलाने आले यात्रियों की अब खैर नहीं है. वैसे लोग जो स्टेशन परिसर में खड़े होकर यत्र तत्र पेशाब कर गंदगी फैलाते है. साथ ही गुटखा पान तथा खाना खाने के बाद अन्य सामग्री इधर उधर फेंकते हैं. इन लोगों को अब गंदगी फैलाना अब भारी पर रहा है. आरपीएफ लगातार इनके खिलाफ अभियान चला रही है.

इस दौरान अबतक 77 लोगों को पकड़ा गया है. साथ ही पिछले 19 दिनों 15 हजार एक सौ रुपए जुर्माने के रूप में वसूले गये है. जुर्माना नही देने पर सजा का भी प्रावधान किया गया है. गंदगी फैलाने वालों के खिलाफ पिछले 1 जुलाई से आरपीएफ आईजी राजा राम के निर्देश पर अभियान चलाया जा रहा है. जिसमें छह दर्जन से अधिक लोग पकड़े जा चुके है.

आरपीएफ इंस्पेक्टर शहनवाज हुसैन ने यात्रिओं से स्टेशन परिसर में गंदगी न फैलाने की अपील की . गंदगी फ़ैलाने वाले पकड़े जाते हैं तो उन्हें 500 रूपये का जुर्माना देना पड़ता है.

Chhapra: सारण जिला अंतर्गत मांझी प्रखंड के शीतलपुर पंचायत के शीतलपुर ग्राम स्थित तालाब, लाल बाबा का समाधि स्थल एवं ब्रह्म स्थान के परिसर में स्वच्छता अभियान चलाया जा रहा है. समाजसेवी एवं शीतलपुर ग्राम वासी बागेंद्र महतो ने बताया कि इन तीनी स्थलों को स्वच्छता अभियान से जोड़कर इसे मूर्त रूप दिए जाने का प्रयास किया जा रहा है.  सभी का सहयोग मिल रहा है फिर भी इस अभियान में युवा पीढ़ी सहित गणमान्य लोगों को आगे आने की आवश्यकता है.

उन्होंने बताया कि  एक सामाजिक व पुनीत कार्य है. लोगो को चाहिए कि अपने सामाजिक दायित्व को आगे लाए तथा ग्रामीणों के समक्ष एहसास कराए ताकि उनमें भी एक चेतना जागृत हो सके.साथ ही उन्होंने ने बताया कि इस कार्य में कृष्ण पांडेय सहित अन्य लोगों का सहयोग मिल रहा है

छपरा: जिले में इन दिनों स्वच्छता अभियान के तहत शौचालय का निर्माण करने का आह्वान जिला पदाधिकारी हरिहर प्रसाद द्वारा किया जा रहा है. गाँव से लेकर शहर तक और नमामि गंगे परियोजना के तहत गंगा किनारे के घरों में शौचालय बनाने की बात कहते हुए जिलाधिकारी द्वारा निर्माण कार्य की समीक्षा और निरीक्षण भी किया जा रहा है. लेकिन स्वच्छता अभियान का माखौल जिलाधिकारी के नाक के नीचे ही उड़ाया जा रहा है.

डीएम कार्यालय से महज़ 20 मीटर की दूरी पर और एनआईसी कक्ष के ठीक बगल में स्थित शौचालय फ़िलहाल पूरे समाहरणालय, पुलिस अधीक्षक कार्यालय और निबंधन कार्यालय में आने वाले लोगों के लिए एक मात्र शौचालय है. लेकिन इसकी दुर्दशा देखकर इस शौचालय में विभागीय कर्मी और अन्य लोग जाने से भी डरते है कि कही उनको कोई बीमारी ना हो जाये.

नि:शुल्क इस शौचालय में सभी सुविधाए है लेकिन इसकी सफाई भगवान भरोसे है. शौचालय के अन्दर प्रवेश करते ही यह अपनी आपबीती खुद-ब-खुद बयाँ करने लगती है. स्थानीय कर्मी इस शौचालय का उपयोग ना के बराबर करते है, लेकिन पिकदान के लिए सबसे ज्यादा.

परिसर में आने वाले लोग शौचालय में गन्दगी होने के कारण बाहरी खुले परिसर में ही पेशाब करते है. जिससे समाहरणालय में जहाँ कही भी खाली जमीन है वह पेशाब खाने में तब्दील हो गई है.

इस समस्या पर अधिकारियों का ध्यान कब तक जाता है देखने वाली बात होगी.

छपरा: साफ-सफाई की व्यवस्था को लेकर केंद्र सरकार के द्वारा कराये गए स्वच्छ सर्वेक्षण में बिहार राज्य देश में 27वें नंबर पर है. राज्य के शहरों में बिहारशरीफ 147 रैंकिंग के साथ सबसे साफ़ शहर है. जबकि राजधानी पटना 262वें स्थान पर है.

शहर के नाम ———-रैंकिंग

बिहार शरीफ 147
किशनगंज 257
पटना 262
बेतिया 270
हाजीपुर 272
भागलपुर 275
सासाराम 278
बोधगया 293
मुजफ्फरपुर 304
जहानाबाद 307
बक्सर 327
डेहरी 334
पूर्णिया 342
मोतिहारी 348
दरभंगा 356
औरंगाबाद 357
गया 362
सीवान 376
आरा 390
दानापुर 391
सहरसा 396
बेगुसराय 404
जमालपुर 414
मुंगेर 415
छपरा 422
कटिहार 430
बगहा 432

स्वच्छ सर्वेक्षण देश के 434 शहरों और नगरों में कराए गए थे.

छपरा: सरस्वती शिशु विद्या मंदिर के छात्रों द्वारा शहर के राजेन्द्र सरोवर की सफाई की गई. विद्यालय के छात्रों द्वारा सरोवर के सभी जगहों को साफ किया गया साथ ही सरोवर में कूड़ा-कचड़ा फेंकने आने वाले दर्जनों लोगों को सरोवर को स्वच्छ रखने के लिए प्रेरित किया गया.

विद्यालय के प्राचार्य रामदयाल शर्मा और विद्यालय के शिक्षकों के नेतृत्व में करीब तीन दर्जन से अधिक छात्रों द्वारा पूरे सरोवर की सफाई की गयी. सफाई को लेकर प्राचार्य रामदयाल शर्मा ने बताया कि विद्यालय द्वारा राजेन्द्र सरोवर की सफाई व्यवस्था का जिम्मा लिया गया है. जिसके तहत प्रत्येक रविवार को सरोवर की सफाई छात्रों द्वारा की जाती है. उन्होंने बताया कि आम जनता को भी शहर को साफ रखने में सहयोग करना चाहिए जिससे हमारा शहर साफ और स्वच्छ रहे.

उन्होंने सरोवर में कूड़ा-कचड़ा डालने वालो को निर्धारित स्थान पर कूड़ा डालने का आह्वान किया. सफाई अभियान में शामिल होने वाले छात्रो में मुख्य रूप से  नमन कुमार, चन्दन कुमार, आशीष, हर्ष, सहित दर्जनों छात्र शामिल थे.

छपरा: शहर में नगरपालिका की सफाई व्यवस्था पूरी तरह ध्वस्त हो चुकी है. इसे नगर परिषद की लापरवाही कहें या फिर मनमानी कि शहर के कई स्थानों पर डस्टबिन के नही रहने से सड़क पर ही कचड़े फेंके जाते है. कुछ स्थानों पर डस्टबीन तो लगाये गए हैं पर इन्हें जिस लापरवाही के साथ आराम फरमाने के लिए छोड़ दिया गया है उससे नगर परिषद की व्यवस्था पर सवालिया निशान खड़ा होता है. IMG-20160616-WA0025

यह डस्टबिन बेपरवाह तरीके से सड़कों की किनारे लावारिस हालात में फेंक दिए गये है वो भी ऐसी जगह जहाँ न कोई कचड़ा फेकने वाला है और न ही कोई उठाने वाले. लेकिन आलम ये है कि अनावश्यक ही यहाँ चार-चार डस्ट बीन रख जरुर दिए गये है.

           शहर में कई ऐसे स्थान हैं जैसे नगरपालिका चौक, साहेबगंज चौक, गुदरी चौक, मौना चौक, गाँधी चौक जहां एक या दो से अधिक डस्टबिन की आवश्यकता है. लेकिन ऐसे घनी आबादी वाले मुहल्लों में एक ही डस्टबिन रखी गयी है जिसकी नियमित सफाई भी नहीं है. ऐसी स्थिति में डस्टबिन जल्द ही भर जाता है और लोग सड़क पर ही कचड़ा फेंकने को मजबूर दिखते हैं. नगर परिषद के इस लापरवाह रवैये से ना तो शहर की समुचित सफाई हो पाती है और ना ही यह डस्ट बीन अपने उद्देश्य के प्रति कारगर साबित हो पाता है. IMG-20160616-WA0027

नगरपरिषद की लापरवाही का नमूना शहर के राजेंद्र स्टेडियम के पीछे एकसाथ लावारिस पड़े 5 डस्टबिन को देखने से मिल रहा है. यहाँ न तो कोई रिहायशी इलाका है और न हीं इसे देखने से ऐसा लगता है कि नगर परिषद के कर्मचारी कभी भी इस इलाके में कचड़ा उठाने आते होंगे. इन डब्बों में से कुछ डब्बे तो औंधे मुंह पड़े पड़े हुए है.

                 स्वच्छ और सुन्दर छपरा के उद्देश्य की पूर्ति हेतु यह डस्टबिन खरीदा गया था. लेकिन यह निर्णय सिर्फ स्वयं स्वार्थ की पूर्ति साबित हो रही है जनता के पैसों की बर्बादी यहाँ साफ़ दिखती है. आवश्यकता के अनुसार अगर यह डस्टबिन जरूरत के जगह पर रखे जाते तो शायद इसका सदुपयोग हो पाता. साथ ही साथ स्वच्छ छपरा के अभियान में सफलता भी मिलती.

छपरा: स्थानीय सरस्वती शिशु विद्या मंदिर के छात्रों ने रविवार को स्वच्छता अभियान चलाया. अभियान के तहत विद्यालय द्वारा गोद लिए गए राजेन्द्र सरोवर की सफाई की गयी.

छात्रों ने प्रधानाध्यापक रामदयाल शर्मा के नेतृत्व में स्वच्छता अभियान चलाया. प्रधानाचार्य रामदयाल शर्मा ने बताया कि विद्यालय के द्वारा अपने सामाजिक दायित्वों के लिए स्वच्छता अभियान चलाया जाता है. विद्यालय ने राजेन्द्र सरोवर को पिछले साल साफ़ सफाई के लिए चिन्हित किया था. विद्यालय द्वारा प्रत्येक महीने के दूसरे रविवार को परिसर की सफाई की जाती है. उन्हीने बताया कि इस बार चैती छठ के मद्देनज़र छात्रों ने स्वच्छता अभियान चलाया है.