छपरा: युवा राजद के प्रदेश उपाध्यक्ष सुनील कुमार राय ने बिहार के डिप्टी सीएम सुशील कुमार मोदी पर तंज कसते हुए कहा है कि श्री मोदी का हाल मुंगेरी लाल के सपने जैसा है. उन्होंने सुशील मोदी द्वारा लालू यादव पर निकाली गयी पुस्तक पर कहा कि आप इसी उन्हें अपनी बहन रेखा मोदी द्वारा किये गए सृजन घोटालों पर भी पुस्तक लिखनी चाहिए.

उन्होंने भाजपा पर निशाना साधते हुए कहा कि जब भी बीजेपी सरकार में कोई घोटाला सामने आता है तो बेजीपी वाले लोगों का ध्यान भटकाने के लिए दूसरे मुद्दे उठाने लगते हैं.

Chhapra: गुरुवार को उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने सतजोड़ा में नीर निर्मल परियोजना के तहत बने पानी टँकी का उद्धाटन किया. उसके बाद उपमुख्यमंत्री ने परिसर में पौधरोपण किया.

सतजोड़ा मध्य विद्यालय में सभा को संबोधित करते हुए डिप्टी सीएम सुशील कुमार मोदी ने कहा कि पानी पहुंचाना सबसे बड़ा काम होता है. सड़क-बिजली बिना काम चल सकता है. लेकिन पानी बिना जीवन नहीं चल सकता है. उन्होंने आम लोगों से अपील किया कि पानी को बर्बाद नहीं करें.

पानी का उपयोग करने के बाद नल बंद कर देना चाहिए. उपमुख्यमंत्री ने कहा कि मुझे पता चला कि यहां पिछले साल बाढ़ आई थी. बैंकों की लापरवाही से अभी तक लाभुकों के खाते में पैसा नहीं गया है. जल्द ही मैं बैंकों के अधिकारियों की बैठक बुलाऊंगा.

मौके पर पीएचडी मंत्री विनोद नारायण झा, स्वास्थ्य मंत्री मंगल पाण्डेय, सारण सांसद राजीव प्रताप रूढ़ी, महाराजगंज सांसद जनार्दन सिंह सिग्रीवाल, विधान पार्षद वीरेंद्र नारायण यादव, विधायक मुद्रिका प्रसाद राय, विधायक सीएन गुप्ता, विधायक शत्रुघ्न तिवारी, पूर्व विधायक जनक सिंह, पूर्व विधायक कृष्ण कुमार मन्टू, पूर्व विधायक तारकेश्वर सिंह, जदयू के वरिष्ठ नेता शैलेंद्र प्रताप सिंह, जदयू नेता कामेश्वर सिंह आदि मौजूद रहे.

 

Bhagalpur: जिले के सुल्तानगंज में श्रावणी मेले का शुक्रवार को उद्घाटन हुआ. बिहार के उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी ने दीप प्रज्वलित कर मेले का उद्घाटन किया. इस अवसर पर बिहार सरकार के कई मंत्री मौजूद रहे.

राज्य सरकार और जिला प्रशासन ने मेले में आने वाले कावरियों की सुविधा के लिए प्रबंध किए है. बाबा बैधनाथ को जल चढ़ाने के लिए कांवर में गंगा का जल लेकर लोग यही से यात्रा प्रारंभ करते है. मेले में सावन माह में लाखों श्रद्धालु पहुंचते है.

छपरा: सूबे के पूर्व उपमुख्यमंत्री और बिहार भाजपा के वरिष्ठ नेता सुशील कुमार मोदी ने कहा कि शराब बंदी के नाम पर राज्य सरकार सिर्फ नाटक कर रही है. जिस प्रकार जहरीली शराब पीने से गोपालगंज में लोगों की हुई मौत को प्रशासन छिपाने की कोशिश कर रहा है इससे यह बात साबित हो चुका है. गोपालगंज में 22 लोगों की शराब पीने से मौत हुई है लेकिन सरकार 16 -17 लोगों की मौत को बता रही है.

सुशील मोदी तिरंगा यात्रा के दौरान छपरा पहुंचे थे. तरैया के पूर्व विधायक जनक सिंह के आवास पर आयोजित प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि मै शराब बंदी का पक्षधर हूँ लेकिन उसके लिए बनाये गये कानून की मैं खिलाफत करता हूँ. शराब बंदी को लेकर बनाया गया कानून बेहद ही कठोर है. उन्होंने शराब बंदी को लेकर बनाये गये कानून की तीन मुख्य बातों को बताते हुए कहा कि सामूहिक जुर्माना लगाना, परिवार के सभी सदस्यों को जेल भेजवाना तथा सम्पति जब्त करने जैसे कानून के मैं खिलाफ़ हूँ. शराबबंदी को लोगों के बीच जागृति पैदा कर, समझा-बुझा कर लागू किया जा सकता है न कि उन्हें डरा धमका कर.

गोपालगंज की घटना में अस्पताल में जाने वाले मरीजो को डराया गया. उन्हें शराब बंदी कानून का हवाले देते हुए इलाज की बजाये घर जाने को कहा गया. इतना ही नही जो लोग मारे गये उनके परिजनों को डरा धमका कर बिना पोस्टमार्टम  के ही वापस भेजा जा रहा था. उन्होंने आरोप लगाया कि इस मामले में थानाध्यक्ष समेत पुलिस कर्मियों को सस्पेंड किया गया है पर लालू के खास एसपी पर कोई कार्रवाई नहीं की गयी है.

उन्होंने कहा कि थाना से महज डेढ़ किलोमीटर की दूरी पर अवैध शराब का धंधा चल रहा था पर चार महीने में 650 रेड मारने का दावा करने वाली पुलिस द्वारा  इस जगह पर कार्रवाई नहीं करना  उनकी संलिप्तता को दर्शाता है. उन्होंने कहा कि बिहार सरकार के नकारात्मक रवैये के कारण कड़े कानून के बावजूद शराब का व्यवसाय फल फूल रहा है. विपक्ष शराबबंदी कानून के पक्ष में है पर इसके लिए सरकार को चाहिए की समाज में जागृति लाये.

पटना(DNMS): सूबे में उत्पन्न बालू संकट के लिए राज्य सरकार पूरी तरह से जिम्मेवार है. सरकार ने 2014 के बनाए अपने ही नियमों का उल्लंघन कर बालू उत्खनन का आदेश दिया और जब नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल ने उक्त नियमों का हवाला देकर बालू खनन पर रोक लगाया तो अब राज्य सरकार ट्रिब्यूनल के खिलाफ ही बयानबाजी कर जहां कोर्ट की अवमानना कर रही है. वहीं केन्द्र सरकार पर झूठा आरोप भी लगा रही है. बालू संकट के मद्देनजर राज्य सरकार की स्थिति ‘नाचे न जाने, आंगन टेढ़ा’ वाली है. उक्त बातें बिहार भाजपा विधान मंडल दल के नेता सुशील कुमार ने रविवार को पटना में एक प्रेस बयान जारी कर के कहीं.
उन्होंने कहा कि बिहार माइनर मिनरल कंसेशन (एमेंडमेंट) रूल्स, 2014 (Bihar Minor Minerel (Amendment)Rules-2014) के सेक्शन 21 ‘ए’ में राज्य सरकार ने खुद ही प्रावधान किया है कि बिना स्वच्छता प्रमाणपत्र प्राप्त किए कोई भी उत्खनन कार्य नहीं कर सकता है. बिहार सरकार को बताना चाहिए कि उसने अपने ही बनाये नियमों का उल्लंघन कर बालू खनन की बंदोवस्ती कैसे कर दी? इतने दिनों तक बालू का खनन जारी कैसे रहा? 19 जनवरी को ही जब बालू खनन पर ट्रिब्यूनल ने रोक लगा दी तो राज्य सरकार ने अब तक कौन सी कार्रवाई की है? ऐसे में अभी जो बालू संकट उत्पन्न हुआ है, उसके लिए क्या राज्य सरकार पूरी तरह से जिम्मेवार नहीं है?

भाजपा नेता ने कहां कि बिहार के 24 जिलों में 20 लोगों को बालू खनन की बंदोवस्ती की गई जिनमें से मात्र 10 लोगों ने केन्द्र सरकार को स्वच्छता व पर्यावरण क्लियरेंस प्रमाण पत्र के लिए आवेदन दिया. केन्द्र ने प्रक्रियाओं को पूरा करने की पृच्छा के साथ सभी आवेदन बिहार को भेजा मगर सरकार ने आज तक केन्द्र के पृच्छा का जवाब तक नहीं दिया है. दूसरी ओर 12 प्रस्ताव एक साल बाद इसी माह राज्यस्तरीय इन्वायरमेंटल क्लियरेंस प्राधिकार के पास भेजा गया है, जहां वह लम्बित है. दरअसल राज्य सरकार अपनी नाकामियों के लिए नाहक में केन्द्र सरकार को कोस रही है. 

नवीन सिंह परमार की रिपोर्ट