छपरा: सूबे के पूर्व उपमुख्यमंत्री और बिहार भाजपा के वरिष्ठ नेता सुशील कुमार मोदी ने कहा कि शराब बंदी के नाम पर राज्य सरकार सिर्फ नाटक कर रही है. जिस प्रकार जहरीली शराब पीने से गोपालगंज में लोगों की हुई मौत को प्रशासन छिपाने की कोशिश कर रहा है इससे यह बात साबित हो चुका है. गोपालगंज में 22 लोगों की शराब पीने से मौत हुई है लेकिन सरकार 16 -17 लोगों की मौत को बता रही है.
सुशील मोदी तिरंगा यात्रा के दौरान छपरा पहुंचे थे. तरैया के पूर्व विधायक जनक सिंह के आवास पर आयोजित प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि मै शराब बंदी का पक्षधर हूँ लेकिन उसके लिए बनाये गये कानून की मैं खिलाफत करता हूँ. शराब बंदी को लेकर बनाया गया कानून बेहद ही कठोर है. उन्होंने शराब बंदी को लेकर बनाये गये कानून की तीन मुख्य बातों को बताते हुए कहा कि सामूहिक जुर्माना लगाना, परिवार के सभी सदस्यों को जेल भेजवाना तथा सम्पति जब्त करने जैसे कानून के मैं खिलाफ़ हूँ. शराबबंदी को लोगों के बीच जागृति पैदा कर, समझा-बुझा कर लागू किया जा सकता है न कि उन्हें डरा धमका कर.
गोपालगंज की घटना में अस्पताल में जाने वाले मरीजो को डराया गया. उन्हें शराब बंदी कानून का हवाले देते हुए इलाज की बजाये घर जाने को कहा गया. इतना ही नही जो लोग मारे गये उनके परिजनों को डरा धमका कर बिना पोस्टमार्टम के ही वापस भेजा जा रहा था. उन्होंने आरोप लगाया कि इस मामले में थानाध्यक्ष समेत पुलिस कर्मियों को सस्पेंड किया गया है पर लालू के खास एसपी पर कोई कार्रवाई नहीं की गयी है.
उन्होंने कहा कि थाना से महज डेढ़ किलोमीटर की दूरी पर अवैध शराब का धंधा चल रहा था पर चार महीने में 650 रेड मारने का दावा करने वाली पुलिस द्वारा इस जगह पर कार्रवाई नहीं करना उनकी संलिप्तता को दर्शाता है. उन्होंने कहा कि बिहार सरकार के नकारात्मक रवैये के कारण कड़े कानून के बावजूद शराब का व्यवसाय फल फूल रहा है. विपक्ष शराबबंदी कानून के पक्ष में है पर इसके लिए सरकार को चाहिए की समाज में जागृति लाये.