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ईद पर परिवार संग देखे फिल्‍म ‘बॉर्डर’ : निरहुआ

Chhapra: निरहुआ एंटरटेंमेंट प्राइवेट लिमिटेड के बैनर तले बनी फिल्‍म ‘बॉर्डर’ के प्रमोशन को शहर के ज्‍योति सिनेमा हॉल पहुंचे जुबली स्‍टार दिनेशलाल यादव निरहुआ के आगमन पर फैंस ने भारत माता की जय के नारे बुलंद किये. इस दौरान निरहुआ ने भी फैंस के साथ भारत माता की जय और वंदे मातरम के नारे लगाये और दर्शकों से ईद पर कल पूरे परिवार के साथ फिल्‍म देखने की अपील की. निरहुआ के साथ फिल्‍म की पूरी कास्‍ट मौजूद रही, जिन्‍होंने दर्शकों को फिल्‍म के बारे में बताया और फिल्‍म देखने की अपील की.

वहीं निरहुआ ने कहा कि भोजपुरी सिनेमा में अच्‍छी और सामाजिक फिल्‍मों को लोगों का सपोर्ट मिलना चाहिए. तभी ऐसी फिल्‍में बनेंगी और ऐसी ही फिल्‍में बननी ही चाहिए, जिसे पूरा परिवार के साथ जा देखा जा सके.
निरहुआ ने यह भी कहा कि कहा कि भारत विविधताओं का देश है और इसका आपसी सदभाव यहां की खूबसूरती है. मगर जब भी कोई मेरे मुल्‍क पर नजर उठा कर देखता है, तब हम एक हो जाते हैं. क्‍योंकि हम देश के लिए त्‍याग,समर्पण को हमेश तैयार रहते हैं. हिंदुस्‍तान हमारी जान है, इसलिए यूथ ज्‍यादा से ज्‍यादा इंडियन आर्मी में शामिल हो और मां भारती की सेवा करें. हमारी आर्मी दुनिया की सबसे बड़ी आर्मी है, जिस पर हमें फक्र है. उन्‍होंने कहा कि देश प्रेम की इसी भावना को हमारी फिल्‍म ‘बॉर्डर’लोगों के दिल में जागृत करेगी.
इस मौके पर ,उदय भगत,हरिकेश यादव भी मौजद थे. गौरतलब है कि फिल्‍म ‘बॉर्डर’ को संतोष मिश्रा निर्देशित कर रहे हैं. फिल्‍म के कार्यकारी निर्माता हैं हरिकेश यादव व प्रोडक्शन कंट्रोलर है राजेश भगत  और प्रचारक हैं रंजन सिन्हा और उदय भगत. फ़िल्म में जुबली स्टार निरहुआ, यू ट्यूब क्वीन प्रवेश लाल यादव, फिटनेस स्‍टार विक्रांत सिंह राजपूत, आदित्‍य ओझा,विशाल सिंह, सुशील सिंह, अवधेश मिश्रा,सुशील सिंह, आम्रपाली दुबे, शुभी शर्मा सहित भोजपुरी जगत के नामचीन कलाकारों की फौज है.

उक्त जानकारी पिआरओ कुंदन ने दी.

CT Desk से प्रभात किरण हिमांशु की रिपोर्ट

छपरा: गर्मी में सर्दी की चाह रखने वाले लोग ज्यादातर कुल्लू मनाली या शिमला की बर्फीली वादियों की सैर करने जाते हैं वहीँ शांति और ध्यान की चाह लिए लोग अक्सर धार्मिक स्थलों पर जाते हुए देखे जाते हैं, पर बिहार में इन दिनों चर्चा का केंद्र बने छपरा शहर के लोग आजकल एक खास चीज़ की तलाश में बिहार-यूपी बॉर्डर का चक्कर लगाते देखे जा रहे हैं, और उस ख़ास तलाश का नाम है ‘इंटरनेट’.

जी हाँ बात सुनने में जरूर अटपटी लगती हो पर है सोलह आने सच. आज कल छपरा जिले के लोग इंटरनेट की खोज में छपरा से सटे बिहार-यूपी बॉर्डर या अन्य सीमावर्ती जिलों का भ्रमण कर रहे हैं.

छपरा में पिछले 5 अगस्त की मध्यरात्री से ही इंटरनेट सेवा पूरी तरह बंद है,कारण सर्वविदित है. वायरल हुए वीडियो के बाद हंगामे की आशंका को देखते हुए जिला प्रशासन ने जिले में धारा 144 लगाते हुए इंटरनेट सेवा को ठप कर दिया है. हालांकि इस दौरान हंगामा भी खूब हुआ,पर हंगामों से इतर इंटरनेट के जरिये फेसबुक और व्हाट्सऐप इस्तेमाल करने वाले लोग इंटरनेट की तालाश में काफी परेशान दिख रहे हैं.
छत की मीनार से लेकर खुले मैदान में लोगों को इंटरनेट की खोज करते देखना इन दिनों आम बात हो गई है.

बिहार में पूर्ण शराबबंदी लागू होने के बाद जिले के लोगों का शराब की तलाश में सीमावर्ती राज्यों में भटकने की ख़बरें तो अक्सर सुनने को मिल रही थीं पर 21वीं सदी में संचार क्रांति के इस सुनहरे दौर में इंटरनेट का बंद होना क्षेत्र के लोगों को इमरजेंसी के दौर की याद दिलाती है.

डिजिटल इंड़िया से लेकर स्किल इंडिया की बात आज भले ही पूरे देश में जोर-शोर से हो रही हो पर पर देश में युवा शक्ति को आधार बनाकर सोशल नेटवर्किंग के जरिये राजनीतिक सफ़र तय करने वाले राजनेताओं और उनके रहनुमाओं की विफलता का ही परिणाम है की देशरत्न और लोकनायक जैसे पुराधाओं की धरती फिर से विषमता के उस कठिन राह पर आकर खड़ी हो चुकी है.

ये खबर पढ़ने में आपको जरूर थोड़ी अटपटी सी लग रही होगी पर बिहार में बाहर और बदलते देश की परिकल्पना को साकार करने वाले नेताओं के लिए छपरा की घटना एक बड़ा सबक है. इंटरनेट सेवा फिर से बहाल कर दी जाएगी, स्थिति दिन-प्रतिदिन सामान्य होते जाएगी पर रोजमर्रा के जरूरतों में शामिल बिजली, पानी और उससे भी जरूरी बन चुके संचार माध्यमों को बंद करना समस्या का निदान नहीं होगा. आत्ममंथन और आत्मचिंतन के साथ खोखली  राजनीति से परे गंगा-यमुना तहजीब को बरक़रार रखने की जरूरत है.