बिहार में राजद-जदयू गठबंधन की सरकार है.कुल मिलाकर लालू राज बिहार में फिर से कायम है. लालू यादव ने बिहार विधान सभा चुनाव के पहले अपनी लडखड़ाती राजनीतिक पारी को अपने अनुभव और बुद्धिमता से जिस प्रकार संभाला है वो उनकी राजनीतिक परिपक्वता का परिचायक है.

लालू प्रसाद यादव ने पहले अपनी धर्मपत्नी राबड़ी देवी फिर अपनी बेटी मीसा भारती के जरिये बिहार की राजनीति में अपने और परिवार के लोगों की साख मजबूत करने का प्रयास किया पर कहीं ना कहीं सत्ता में फ्रंट से लीड करने की उनकी तमन्ना पूरी नहीं हो पा रही थी.

ऐसे में गहन चिंतन के बाद जिस प्रकार लालू यादव ने पूरे आत्मविश्वास से अपने पुत्र तेजप्रताप और तेजस्वी यादव को बिहार की राजनीति में सक्रिय किया है और दोनों को एक मुकाम पर ला खड़ा किया है वो लालू यादव के ‘किंग मेकर’ वाली छवि को सार्थक करता है.

तेजस्वी इस समय बिहार के उप-मुख्यमंत्री है. जबकि तेजप्रताप बिहार के स्वास्थ्य मंत्री. दोनों ही नीतीश सरकार के खासमखास हैं. तेजस्वी ने जिस प्रकार हाल ही में अपने युवा जोश के साथ नीतीश कुमार के साथ कदम से कदम मिलाकर सरकार चलाने में जो महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है वो उनके राजनीतिक कुशलता को दर्शाता है. पिता से मिली सीख और वंशानुगत प्रभाव बिहार की राजनीति में स्पष्ट रूप से देखने को मिल रहा है.

इस बात से बिहार की जनता भलीभांति अवगत है कि लालू प्रसाद यादव ने समय रहते अपनी राजनीतिक विरासत को जिम्मेदार हाथो में सौंप दिया है. आने वाले समय में दोनों पुत्र बिहार समेत देश की राजनीति में अपनी साख मजबूत करने में सक्षम होंगे. लालू प्रसाद यादव ने अपने डगमगाते राजनीतिक भविष्य को जिस प्रकार आधार दिया है वो उनके विरोधियों के लिए बहुत बड़ी सबक है.

पटना: बिहार विधानमंडल का बजट सत्र गुरुवार से शुरू हो गया. विधानमंडल के संयुक्त सदन में राज्यपाल रामनाथ कोविंद ने अभिभाषण दिया. राज्यपाल ने कहा कि बिहार में कानून का राज रहेगा. उन्होंने नीतीश के सात निश्चय और न्याय के साथ विकास की पॉलिसी का जिक्र किया. सरकार हर घर में शौचालय हर घर तक नाला और पीने का शुद्ध पानी मुहैया कराएगी. इसके साथ ही करपशन पर सरकार का जीरो टोलरेंस जारी रहेगा. भष्ट्र लोकसेवकों की संपत्ति जब्त की गई है. बिहार का अपना कर राजस्व लगातार बढ़ रहा है.

राज्यपाल ने कहा कि लोक शिकायतों के निवारण के लिए नए अधिनियम को लागू किया गया है अब लोगों को जल्द शिकायतों से मुक्ति मिलेगी. अभिभाषण में उन्होंने कहा कि स्कूलों में ड्रॉप आउट की संख्या में कमी आई है और साथ स्टूडेंट्स को पोशक और साइकिल के साथ साथ प्रतिभावान छात्रों को स्कॉलरशिप दिया जा रहा है.
सरकार का पक्ष रखते हुए राज्यपाल रामनाथ कोविंद ने कहा कि राज्य में स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर बनाने की दिशा में सरकार तेजी से काम रही है. शिक्षा में खासतौर से तकनीकि शिक्षा पर सरकरा काम कर रही है.

उन्होंने कहा कि सरकार कृषि विकास के लिए कृषि रोड मैप पर काम कर रही है. किसानों को आधुनिक कृषि यंत्र और बर्मी कम्पोस्ट उपलब्ध कराया गया. सरकार की कोशिशों से राज्य में अन्न उत्पादन बढ़ा है.

राज्यपाल के अभिभाषण के दौरान सीएम नीतीश कुमार उनके कैबिनेट के सभी मंत्री के अलावा नेता प्रतिपक्ष प्रेम कुमार, पूर्व सीएम राबड़ी, बीजेपी नेता सुशील कुमार

पटना: सूबे में पंचायत चुनाव का बिगुल बाज़ गया है. मंगलवार को हुई कैबिनेट की बैठक में पंचायत चुनाव की तारीखों पर सरकार ने मुहर लगा दी.
पहले चरण का मतदान 24 अप्रैल को अंतिम चरण का मतदान 30 मई को होगा. हर चौथे दिन मतदान होगा. जिला परिषद सदस्य, मुखिया, ग्राम कचहरी सरपंच, पंचायत समिति के सदस्य, ग्राम पंचायत के सदस्य और ग्राम कचहरी पंच के करीब ढाई लाख पदों के लिए मतदान होना है.

चुनाव की अधिसूचना 28 फरवरी को जारी होगी. जिसके साथ ही राज्य में आदर्श आचार संहिता लागू हो जाएगी.
मतदान 24 अप्रैल, 28 अप्रैल, 2 मई, 6 मई, 10 मई, 14 मई, 18 मई, 22 मई, 26 मई और 30 मई को होगा.

पहले चरण की अधिसूचना 2 मार्च को जारी होगी. दूसरे चरण की 4 मार्च, तीसरा चरण 8 मार्च, चौथा चरण 10 मार्च, पांचवा चरण 11 मार्च, छठा चरण 26 मार्च, सातवां चरण 28 मार्च, आठवां चरण 30 मार्च, नौंवा चरण 4 अप्रैल और दसवें चरण की अधिसूचना 7 अप्रैल को जारी होगी.

पंचायत चुनाव में मुखिया के 8397, सरपंच के 8397, ग्राम पंचायत सदस्य के 114650, ग्राम कचहरी पंच के 114650, पंचायत समिति सदस्य के 11516 और जिला परिषद सदस्य के 1162 पदों के लिए चुनाव होंगे. राज्य में कुल पद 258772 है.

पटना: राजधानी समेत उत्तर बिहार के कई जिलों में रविवार देर रात भूकंप के झटके महसूस किए गए. रात करीब 11:55 में भूकंप के झटके महसूस किये गए. रिक्टर पैमाने पर इसकी तीव्रता 5 थी. भूकंप का केंद्र नेपाल में लमजंग में जमीन से 19 किलोमीटर निचे था. उत्तर बिहार के सिवान, गोपालगंज, सारण, पटना, सीतामढ़ी, शिवहर, रक्सौल और मुजफ्फरपुर में झटके महसूस किये गए.  

हालांकि इस दौरान किसी प्रकार की जान-माल के नुकसान होने की कोई सूचना नहीं है. इसके अलावा रविवार दोपहर 2 बजकर 42 मिनट पर अफगानिस्तान के हिंदुकुश क्षेत्र में भी 5.7 तीव्रता का भूकंप आया. इसके साथ उत्तराखंड के उत्तरकाशी क्षेत्र में दोपहर 1 बज कर 21 मिनट पर भूकंप के झटके महसूस किए गए. रिक्टर स्केल पर भूकंप की तीव्रता 3.5 दर्ज की गई. एहतियात के तौर पर लोग अपने घरों से बाहर निकल गए.

पटना(DNMS): सूबे में उत्पन्न बालू संकट के लिए राज्य सरकार पूरी तरह से जिम्मेवार है. सरकार ने 2014 के बनाए अपने ही नियमों का उल्लंघन कर बालू उत्खनन का आदेश दिया और जब नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल ने उक्त नियमों का हवाला देकर बालू खनन पर रोक लगाया तो अब राज्य सरकार ट्रिब्यूनल के खिलाफ ही बयानबाजी कर जहां कोर्ट की अवमानना कर रही है. वहीं केन्द्र सरकार पर झूठा आरोप भी लगा रही है. बालू संकट के मद्देनजर राज्य सरकार की स्थिति ‘नाचे न जाने, आंगन टेढ़ा’ वाली है. उक्त बातें बिहार भाजपा विधान मंडल दल के नेता सुशील कुमार ने रविवार को पटना में एक प्रेस बयान जारी कर के कहीं.
उन्होंने कहा कि बिहार माइनर मिनरल कंसेशन (एमेंडमेंट) रूल्स, 2014 (Bihar Minor Minerel (Amendment)Rules-2014) के सेक्शन 21 ‘ए’ में राज्य सरकार ने खुद ही प्रावधान किया है कि बिना स्वच्छता प्रमाणपत्र प्राप्त किए कोई भी उत्खनन कार्य नहीं कर सकता है. बिहार सरकार को बताना चाहिए कि उसने अपने ही बनाये नियमों का उल्लंघन कर बालू खनन की बंदोवस्ती कैसे कर दी? इतने दिनों तक बालू का खनन जारी कैसे रहा? 19 जनवरी को ही जब बालू खनन पर ट्रिब्यूनल ने रोक लगा दी तो राज्य सरकार ने अब तक कौन सी कार्रवाई की है? ऐसे में अभी जो बालू संकट उत्पन्न हुआ है, उसके लिए क्या राज्य सरकार पूरी तरह से जिम्मेवार नहीं है?

भाजपा नेता ने कहां कि बिहार के 24 जिलों में 20 लोगों को बालू खनन की बंदोवस्ती की गई जिनमें से मात्र 10 लोगों ने केन्द्र सरकार को स्वच्छता व पर्यावरण क्लियरेंस प्रमाण पत्र के लिए आवेदन दिया. केन्द्र ने प्रक्रियाओं को पूरा करने की पृच्छा के साथ सभी आवेदन बिहार को भेजा मगर सरकार ने आज तक केन्द्र के पृच्छा का जवाब तक नहीं दिया है. दूसरी ओर 12 प्रस्ताव एक साल बाद इसी माह राज्यस्तरीय इन्वायरमेंटल क्लियरेंस प्राधिकार के पास भेजा गया है, जहां वह लम्बित है. दरअसल राज्य सरकार अपनी नाकामियों के लिए नाहक में केन्द्र सरकार को कोस रही है. 

नवीन सिंह परमार की रिपोर्ट

नई दिल्ली: सूबे के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर बुधवार को एक युवक ने जूता फेंक दिया. युवक ने मुख्यमंत्री पर पटना के बख्तियारपुर में एक कार्यक्रम के दौरान जूता फेंका. जूता फेकने वाले आरोपी युवक प्रवेश कुमार राय को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया. गिरफ्तार युवक समस्तीपुर जिले का निवासी है. वह अपनी पूर्व की एक शिकायत का निष्पादन नहीं हो पाने से नाराज था. 

घटना तब हुए जब मुख्यमंत्री नीतीश कुमार बख्तियारपुर में पंडित शीलभद्र याजी की पूण्यतिथि पर आयोजित एक समारोह में भाग ले रहे थे. तभी उक्त युवक ने जूता फेंका जो कि मंच के नजदीक जमीन पर जा गिरा. उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री का पैतृक गांव कल्याण बिगहा बख्तियारपुर थाना क्षेत्र में ही पड़ता है.