Chhapra: गर्मी आते ही चमकी बुखार का डर सताने लगा है. राज्य सरकार के द्वारा लोगों को जागरूक किया जा रहा है. स्वास्थ्य विभाग के द्वारा सोशल मीडिया ट्विटर और फेसबुक पर पोस्टर लगाकर जागरुक किया जा रहा हैं.

इन 3 बातों को याद रखें…

बच्चों को रात में सोने से पहले खाना जरूर खिलाएं

सुबह उठते ही बच्चों को भी जगाओ, देखो कहीं बेहोशी या चमकी को तो नहीं

बेहोशी या चमकी दिखते ही तुरंत एंबुलेंस या किसी वाहन से नजदीकी अस्पताल ले जाओ

एंबुलेंस के लिए 102 पर कॉल कर सकते हैं, वहीं अधिक जानकारी के लिए हेल्पलाइन 104 पर संपर्क कर सकते हैं.

Chhapra: शहर के बीचों बीच शिल्पी पोखरा की नई तस्वीर सामने आई है. तस्वीर को देखकर आपको भी सुकून मिलेगा. बदहाली का दंश झेल रहे पोखर के दिन बहुरने लगे है. ऐसे में यह तस्वीर शहर को लोगों को एक सुकून देगी.

शिल्पी पोखर का नाम अब शहर के चुनिंदा जगहों में शामिल होगा. लेकिन इसके लिए अभी थोड़ा इन्तेजार करना पड़ेगा. हालांकि काम की गति इसके जल्द पूरा होने का दावा कर रही है.

घनी आबादी के बीच शहर के शिल्पी पोखरा की साफ सफाई और सौंदर्यीकरण का कार्य चल रहा है. सरकार की महत्वाकांक्षी योजना जल जीवन हरियाली के तहत शिल्पी पोखरा का जीर्णोद्धार हो रहा है. बुडको द्वारा पोखरे की जीर्णोद्धार का कार्य किया जा रहा है. शिल्पी पोखर के चारो तरफ टहलने के लिए पथ और पोखर की सजावट का कार्य किया जाना है. जिसके बाद यह शहरवासियों के लिए बेहतर स्थान बन जायेगा जहां सुबह और शाम में लोग समय व्यतीत करेंगे.

बताते चले कि शिल्पी पोखरा शहर के सबसे पुराना पोखरा है जो सरकारी उदासीनता के कारण विलुप्त होने के कागार पर था. नगर निगम द्वारा पोखरे के अस्तित को समाप्त करने की पूरी तैयारी की गई थी उनके द्वारा शहर से निकलने वाले कचड़े को शिल्पी पोखरे में डंप किया जा रहा था. जिसके कारण पोखरे का अस्तित्व विलुप्त हो चुका था.

राज्य सरकार की महत्वाकांक्षी योजना जलजीवन हरियाली के तहत तत्कालीन जिलाधिकारी सुब्रत कुमार सेन द्वारा शिल्पी पोखरे का चयन किया गया. जिसपर सरकार द्वारा अनुमोदन के बाद बुडको के द्वारा जीर्णोद्धार का कार्य किया जा रहा है. लेकिन कार्य की गति को देखकर लगता है कि कार्य पूरा होने में एक से दो वर्ष का समय लगेगा.

Taraiya: पुत्री को जन्म देने के बाद महिला परीक्षार्थी को परीक्षा में शामिल होने जाना पड़ा. घटना सारण जिले के तरैया प्रखंड के नारायणपुर की है. जहां की निवासी इंटरमीडिएट की एक परीक्षार्थी महिला को प्रसव के तुरंत बाद ही हॉस्पिटल से डिस्चार्ज होकर अपने नवजात बच्ची को साथ लेकर ही परीक्षा देने के लिए छपरा जाना पड़ा.घटना क्षेत्र में चर्चा का विषय बना हुआ है.

जानकारी के अनुसार पानापुर प्रखंड के टोटहां जगतपुर निवासी राजदेव राय की पुत्री कुसुम कुमारी की शादी पिछले वर्ष ही तरैया प्रखंड के नारायणपुर निवासी मालिक राय से हुई थी. उस समय कुसुम इंटर की पढ़ाई कर रही थी एवं ससुराल आकर भी पढ़ाई जारी रखते हुए इंटर का फॉर्म भरने के समय में मायके जाकर डुमरसन स्थित हाई स्कूल से परीक्षा का फॉर्म भरा था. इधर एक फरवरी से शुरू हुई इंटर की परीक्षा में कला संकाय की छात्रा कुसुम कुमारी का पहला पेपर भूगोल का 2 फरवरी को होना था. लेकिन एक फरवरी की रात से ही प्रसव पीड़ा होने की वजह से परिजनों ने आनन-फानन में मंगलवार की अल सुबह रेफरल अस्पताल तरैया में भर्ती कराया एवं अस्पताल पहुंचने के तुरंत बाद ही कुसुम ने एक पुत्री को जन्म दिया.

सामान्य प्रसव होने की वजह से एवं जच्चा बच्चा दोनों का स्वास्थ्य संतोषप्रद देखने के बाद पढ़ाई के प्रति जागरूक परिजनों को परीक्षा की चिंता हुई. स्वयं कुसुम ने भी किसी तरह परीक्षा में शामिल होने की इच्छा जताई. उसके बाद परिजनों ने तुरंत ही छपरा स्थित गांधी हाई स्कूल के सेंटर पर पहुंचने के लिए वाहन की व्यवस्था किया. विशेष परिस्थिति को देखते हुए तुरंत ही अस्पताल द्वारा डिस्चार्ज भी कर दिया गया. कड़ाके की ठंड के बावजूद इस विषम परिस्थिति में भी परीक्षार्थी द्वारा अपनी नवजात बच्ची के साथ परीक्षा में शामिल होने को लेकर क्षेत्र में इस बात की चर्चा रही.

लोग शिक्षा के प्रति परीक्षार्थी एवं उसके परिवार के लोगों की लगन एवं निष्ठा की सराहना करते दिखे.

Patna: बिहार सरकार के कला संस्कृति एवं युवा विभाग के द्वारा लोककलाकार भिखारी ठाकुर के मंडली के सदस्य रहे रामचंद मांझी को लाइफ टाइम एचीवमेंट अवार्ड से सम्मानित किया.

रामचंद्र मांझी को प्रदर्श कला के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान के लिए बिहार कला पुरस्कार 2018-19 के अंतर्गत लाइफ टाइम एचीवमेंट पुरस्कार से सम्मानित किया गया है.

पटना में आयोजित एक समारोह में कला एवम संस्कृति मंत्री मंगल पांडेय ने उन्हें सम्मानित किया. इस दौरान उनके परिजन, पोता और पोती साथ थे.

आपको बता दें कि रामचंद्र मांझी को भारत सरकार ने पद्मश्री पुरस्कार देने की घोषणा कर दी है. उन्हें जल्द ही राष्ट्रपति के हांथों पद्मश्री पुरस्कार भी मिलने वाला है. जो सारण समेत सम्पूर्ण बिहार के कलकारों के लिए बेहद गर्व की बात है.

छपरा: राज्य सरकार के द्वारा ताड़ के वृक्ष का रस आम लोगों में पेय पदार्थ के रूप में उपलब्ध कराने का सपना अब सारण जिले में भी साकार होते दिख रहा है.

जिले में नीरा उत्पादन के प्रशिक्षण के बाद अब नीरा उत्पादन सह विक्रय केंद्र खुलने लगे है. जिले में जिविका के सहयोग से मढ़ौरा के अवारी पंचायत के सेमरिया गांव में दीप्ति जीविका नीरा उत्पादन समूह के प्रयास से लोगों को नीरा का विक्रय किया जाने लगा है.

जीविका के प्रखंड परियोजना प्रबंधक मुकेश वर्मा ने बताया है कि नीरा के उत्पादन और विक्रय को लेकर जीविका समूह के प्रशिक्षण के बाद विक्रय एवं उत्पादन केंद्र खोले जा रहे हैं.

अवारी पंचायत में यह पहला केंद्र है इसके बाद पूरे प्रखंड में यह केंद्र पंचायत एवं गांव स्तर पर खुलेंगे.

छपरा: सरकारी विद्यालयों में छात्रों की शैक्षणिक स्थिति बेहतर बनाने के उद्देश्य से कक्षा 1 से 8 तक के छात्रों का मूल्यांकन किया जाएगा.

बिहार शिक्षा परियोजना के निदेशक संजीवनी सिन्हा द्वारा सभी जिला शिक्षा पदाधिकारी एवं कार्यक्रम पदाधिकारी सर्व शिक्षा अभियान को पत्र भेजकर तीन चरणों में मूल्यांकन कराने का निर्देश दिया है.  श्री सिन्हा ने कहा है कि शैक्षणिक सत्र 2016-2017 मे विद्यालय में अध्ययनरत बच्चों की शैक्षणिक उपलब्धि में सुधार को लेकर विशेष प्रयास की आवश्यकता है. जिसके लिए बच्चों के सतत् एवं व्यापक मूल्यांकन को प्रक्रिया बद्ध तरीके से कराना जरुरी है. वर्ग 1 से 8 तक के छात्रों का मूल्यांकन मासिक, अर्द्धवार्षिक और वार्षिक किया जाएगा.

शिक्षा परियोजना द्वारा मूल्यांकन कार्य को लेकर मार्गदर्शिका,  मासिक शैक्षिक कैलेंडर, और प्रश्न पत्र को जिला कार्यालय को जल्द से जल्द उपलब्ध कराने की तैयारी में है.

प्रभात किरण हिमांशु की रिपोर्ट

आपराधिक गतिविधियों के लिए देश भर में चर्चित बिहार का जिला सीवान एक बार फिर सुर्ख़ियों में है. इस बार चर्चा का केंद्र बना है पत्रकार राजदेव रंजन हत्याकांड. सीवान के हिन्दुस्तान अखबार के प्रभारी की बीच बाजार गोली मार कर हत्या कर दी जाती है. हालांकि सीवान के लिए ऐसी घटनाएं कोई नई बात नहीं रही है पर अपनी कलम को ताकत बनाकर मुद्दों को उजागर करने वाले एक साहसिक पत्रकार को जिस प्रकार गोली मारी जाती है वो विरोध के निम्न स्तर का परिचायक है.

पत्रकार जब अपनी लेखनी से सच को उजागर करने का प्रयास करता है तो कई बार उससे प्रभावित लोगों में विरोधाभास झलकता है पर विरोध के रूप में किसी की हत्या कर देना सर्वथा अनुचित है.

13 मई की शाम सीवान में जो हुआ उससेआज पूरा देश सोंचने पर मजबूर है. अपराधियों के लिए भले ही ये हत्याकांड एक पेशेवर अपराध रहा हो पर उस अपराध से पत्रकारिता जगत एवं आम समाज में जो खौफ़नाक दर्द उठा है उसकी कराह सालों तक बरक़रार रहेगी.

दरअसल ये हुआ क्यों! पुलिस बता रही है कि हत्या में पेशेवर अपराधी संलिप्त हो सकते है. राजदेव रंजन मुख्यधारा के पत्रकार थे. 25 वर्षों से पत्रकारिता के क्षेत्र में सक्रिय थे. ऐसे में अपनी बेबाक लेखनी से कई लोगों की नजर की किरकिरी बनना स्वाभाविक है. पूर्व में भी उनपर हमले हुए और कई बार धमकियां मिली पर हत्या करने का दुस्साहस अपराधी कभी जुटा नहीं सके. 13 मई को अपराधियों का दृष्टिकोण एकदम से बदल जाना और राजदेव रंजन की नृशंस हत्या कर देना विरोधाभास का परिणाम है या सोंची समझी साजिश का नतीजा पुलिस इसकी जाँच कर रही है.

सीवान में अपराध की घटना हो और बाहुबली पूर्व सांसद मो.शहाबुद्दीन की चर्चा ना हो ऐसा हो नहीं सकता. राजदेव रंजन हत्याकांड के बाद पुलिस सक्रिय हो गई है. शक की सुई मो.शहाबुद्दीन की ओर भी इशारा कर रही है. पर ऐसा क्यों है! हत्याकांड के बाद पुलिस शक के आधार पर पूर्व सांसद के करीबी शार्प शूटर मुंशी मियां को शहाबुद्दीन के पैतृक गांव प्रतापपुर से गिरफ्तार करती है. ये वही मुंशी मियां है जिसपर शहाबुद्दीन के इशारों पर कई हत्याओं में संलिप्त रहने का आरोप लग चूका है. पुलिस का ये मानना है कि हत्या के सूत्र सीवान जेल से जुड़े हो सकते हैं ऐसे में मो. शहाबुद्दीन को एहतियात के तौर पर सीवान जेल से भागलपुर जेल शिफ्ट कर दिया गया है. हालांकि प्रशासनिक कारणों का हवाला देकर सात अन्य कुख्यातों को भी बक्सर एवं मोतिहारी जेल शिफ्ट किया गया है पर अबतक हत्याकांड में संलिप्त लोगों को पुलिस गिरफ्तार नहीं कर पायी ऐसे में कैदियों का जेल ट्रान्सफर पुलिस की दोहरी मानसिकता को दर्शाता है. अपराधियों की गिरफ्तारी के लिए पुलिस अब भी मशक्कत कर रही है.

पत्रकार राजदेव रंजन हत्याकांड का अपना एक राजनैतिक नजरिया भी है. विपक्ष इसे सरकार की नाकामी बताने में जुटा है. सरकार को कठघड़े में खड़ा करने की हर मुमकिन कोशिश की जा रही है. ऐसा होना स्वाभाविक भी है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने पत्रकार के परिवार के लिए ना तो कोई खास मुआवजे का ऐलान किया है ना ही उनके परिवार से मिलने तक की जहमत उठाई है. साथ ही छोटे बड़े किसी भी मुद्दे पर अपनी बेबाक राय रखने वाले लालू प्रसाद यादव भी इस घटना क्रम से अबतक अपनी दूरी बनाये हुए हैं.

चुकि मो.शहाबुद्दीन राजद के नेता हैं और लालू यादव के खासमखास भी ऐसे में अगर शाहबुद्दीन जांच के घेरे में आते हैं तो नीतीश कुमार को इस मामले में डिफेंड करना मुश्किल हो सकता है. शायद यही कारण है कि सुशासन बाबू अब तक चुप्पी साधे हुए हैं. बीते दिनों पूर्व मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी भी इस मुद्दे का जिक्र कर चुके हैं.

इन सब के बीच दिवंगत राजदेव रंजन का परिवार न्याय के लिए इन्तजार में है. राजदेव रंजन की पत्नी आशा रंजन की आँखे रो-रो कर सूख चुकी हैं. उनके बेटे और बेटियों को हौसले की जरूरत है. तमाम पत्रकार संगठन एवं उससे जुड़े लोग अपनी तरफ से पूरी कोशिश में जुटे है कि स्व.राजदेव के परिवार को आर्थिक सहायता और इन्साफ मिल सके. आज पूरे देश में चर्चा का केंद्र बना राजदेव हत्याकांड वक्त के साथ कई सवाल खड़े कर चूका है. देखने वाली बात होगी कि जीत कलम की होती है या हमेशा की तरह गोलियों की आवाज से सच को दबाने का इरादा कामयाब होगा.

पटना: नीतीश सरकार ने राज्य के कर्मचारियों को तोहफा दिया है. सरकार ने कर्मचारियों के महंगाई भत्ते में बढ़ोत्तरी की है. कर्मचारियों के महंगाई भत्ते में 6 फीसदी की बढ़ोत्तरी की गयी है.

सरकार द्वारा की गयी बढ़ोत्तरी के बाद अब महंगाई भत्ता 119 से बढ़कर 125 प्रतिशत हो गया है. गुरुवार को राज्य कैबिनेट की बैठक में इस फैसले पर मुहर लगी.

पटना: राज्य सरकार ने बिहार प्रशासनिक सेवा के अधिकारीयों का किया तबादला किया है. सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा जारी अधिसूचना में संयुक्त सचिव, उपसचिव स्तर के 17 अधिकारीयों का तबादला रविवार को किया.

यहाँ देखे पूरी लिस्ट  admin 1

 admin 2