Chhapra: दुर्गापूजा के नौ दिनों तक माता की आराधना के बाद बुधवार को मूर्तियों का विसर्जन प्रारम्भ हो गया. शहर से लेकर गांव तक पूजा पंडाल में स्थापित छोटी बड़ी सभी देवी देवताओं की प्रतिमाओं को नदी में विसर्जित किया गया.

डीजे की धुन पर डांस करते हुए युवाओं की टोली नदी घाट पर पहुंची जहां प्रतिमाओं की पूजा अर्चना कर अगले वर्ष पुनः आने की कामनाओं के साथ प्रतिमाओं का विसर्जन किया है.

शहर से सटे सीढ़ी घाट, डोरीगंज जे विभिन्न घाट सहित मांझी के दर्जनों घाटों पर सुबह से ही प्रतिमा विसर्जन का तांता लगा रहा. जिला प्रशासन के साथ साथ स्थानीय युवाओं की टोली भी प्रतिमा विसर्जन के मौके पर काफी चुस्त दुरुस्त थी.

कई घाटों पर स्थानीय गोताखोर द्वारा भी प्रतिमा विसर्जन में मदद की जा रही थी जिससे कि कही कोई अप्रिय घटना ना हो सकें.

उधर शहर में स्थापित कई अनुज्ञप्ति धारी पूजा समितियों द्वारा प्रतिमा विसर्जन को लेकर दोपहर बाद नगर भ्रमण को लेकर प्रतिमाओं को निकाला गया. साहेबगंज में स्थापित महावीर जी, दुर्गा माता, तेलपा, रौजा, मौना पंचायत भवन की प्रतिमाओं को नगर भ्रमण के बाद विसर्जित किया जाएगा.

नगर भ्रमण के दौरान कई चिन्हित स्थानों पर पुलिस और दंडाधिकारी की तैनाती की गई थी. गाजे बाजे के साथ निकली इन प्रतिमाओं का कई स्थानों पर पूजन भी किया गया. विसर्जन जुलूस में आखाड़ा खिलाड़ियों ने अपने कला कौशल का प्रदर्शन भी किया जिसका लोगो ने खूब लुफ्त उठाया.

 

Chhapra: दुर्गापूजा में आराधना के छठे दिन कालीबाड़ी और भगवान बाजार स्थित पूजा पंडाल में स्थापित माता की भव्य प्रतिमा का पट भक्तों के दर्शन के लिए खुल गया.

शुक्रवार को संध्या आरती के समय विशेष पूजा और विधि विधान के साथ माता का पट खुल गया. पट खुलने के साथ ही माता के दर्शन को भक्तों की भीड़ जुटने लगी है.

कालीबाड़ी में जहाँ एक ओर शहर में रहने वाले सभी बंगाली समुदाय के साथ साथ आमजनों ने भी पट खुलने के दौरान विशेष पूजा में उपस्थित होकर माता का दर्शन किया.

वही भगवान बाजार स्टेशन रोड में स्थापित माता का पट भी पूजा अर्चना के बाद भक्तों के दर्शन के लिए खोल दिया गया है. जिसके बाद से इस रास्ते से होकर गुजरने वाले भक्तों के साथ साथ अन्य लोगो की भीड़ माता के दर्शन को लेकर जुट रही है.

दर्शन करें शहर के विभिन्न पंडालों में स्थापित माँ की प्रतिमा

 

Chhapra (Team ChhapraToday.com): नवरात्र को लेकर इन दिनों शहर में तैयारियां जोरो पर है. पूजा समितियों के द्वारा अपने अपने पूजा पंडाल को अंतिम रूप दिया जा रहा है.

शहर में किस पूजा समिति के द्वारा कैसा पंडाल का निर्माण कराया जा रहा है और इसकी क्या विशेषता है इसे लेकर सभी उत्सुक रहते है. ऐसे में हम आपके लिए लेकर आये है शहर के प्रमुख पंडालों की जानकारी.

शहर के किस पूजा पंडाल के द्वारा इस वर्ष क्या नया किया जा रहा है. इसे लेकर हमारी टीम ने सभी पूजा पंडालों का दौरा किया और आप तक सूचना पहुँचाने की कोशिश की है.

यहाँ देखे

नगरपालिका चौक

कोलकाता के मंदिर में विराजमान होगी नगरपालिका चौक की माँ दुर्गा की प्रतिमा

सलेमपुर चौक

कोलकाता के गौरी मठ में स्थापित होगी सलेमपुर चौक की माँ दुर्गा

गाँधी चौक

गाँधी चौक कुछ ऐसा दिखेगा पंडाल, नाव पर सवार माँ की प्रतिमा होगी आकर्षण का केंद्र

तेलपा टेम्पो स्टैंड 

कुछ ऐसा दिखेगा तेलपा स्टैंड में बन रहा भव्य पंडाल

फना होने की इजाज़त ली नहीं जाती,
ये वतन कि मोहब्बत है जनाब, पूछ के की नहीं जाती.

शहर में विभिन्न चौक चौराहों पर भव्य पंडाल का निर्माण किया गया है. शहर में बने पंडालों को खास थीम पर तैयार किया गया है. इसी एक बानगी छोटा तेलपा के एक पूजा पंडाल में दिखी है जहां भारत माता की प्रतिमा को स्थापित किया गया है और पूरे पंजाल को देशभक्ति की थीम पर तैयार किया गया है.

इस पंडाल में भारत माता के अलावा महात्मा गांधी, चंद्रशेखर आज़ाद, रानी लक्ष्मीबाई की मूर्ति भी स्थापित की गई है. इस पूजा पंडाल का निर्माण श्री श्री भारत माता पूजा समिति के तत्वाधान में किया गया है.

इस पूजा समिति से ज्यादातर युवा जुड़े हैं जो हर साल इसी थीम पर पंडाल को तैयार करते हैं. पूजा समिति से जुड़े राजन यादव ने बताया कि इस पूजा पंडाल का निर्माण साल 2001 से किया जा रहा है और तब से ही यहां भारत माता की स्थापना की जाती है, जबकि उससे पहले यहां मां दुर्गा की स्थापना की जाती थी.

छपरा: शहर के पश्चिमी छोर पर गुरुद्वारा में माता की प्रतिमा स्थापित की जाएगी. दुर्गा पूजा के मौके पर पूजा समिति के सदस्यों द्वारा रात दिन एक कर तैयारियों को अंतिम रूप दिया जा रहा हैं.

समिति के अध्यक्ष शैलेंद्र राय ने बताया कि इस बार माता की प्रतिमा पंजाब के गुरुद्वारा में स्थापित की जा रही हैं. पंडाल का निर्माण कोलकाता के कारीगरों द्वारा एक माह पूर्व से किया जा रहा हैं. उन्होंने बताया कि लाखों रुपए की लागत से यह पंडाल बनाया जा रहा हैं.

पूजा समिति द्वारा प्रत्येक वर्ष की भाँति इस वर्ष भी कुवांरी भोज का आयोजन किया जा रहा है. सप्तमी को हलवा, अष्टमी को खीर, नवमी को विशाल भंडारा तथा दशमी को खिचड़ी भोज किया जाएगा.