Patna:  बिहार के शिक्षा मंत्री विजय कुमार चौधरी ने बुधवार को यहां कहा कि राज्य में शिक्षक पात्रता परीक्षा (टीईटी) को लेकर संशय की स्थिति बनी हुई है लेकिन हकीकत यह है कि टीईटी को अभी बंद नहीं किया गया है। बिहार में टीईटी की परीक्षा पहले की तरह होती रहेगी। शिक्षा विभाग के फैसले को समझने में गलती हुई है। एस्टेट की परीक्षा स्थायी रूप से नहीं कराने की बात गलत है। यह सिर्फ कुछ समय के लिए स्थगित किया गया है।

चौधरी ने कहा कि यदि नई टीईटी परीक्षा लिया गया तब शिक्षकों की नियुक्ति में देरी होगी। इसलिए ऐसा निर्णय लिया गया है। सातवें चरण की बहाली तक टीईटी नहीं होगी। नियुक्तियां लंबित ना हो इसलिए यह फैसला लिया गया है। वर्तमान परिस्थिति में इसे आगे बढ़ाने का फैसला लिया गया है।

शिक्षा मंत्री ने साफ किया कि पूर्व के परीक्षाओं में उत्तीर्ण छात्र भी अगले चरण की नियुक्ति प्रक्रिया अविलंब प्रारंभ करने की मांग कर रहे हैं। ऐसी स्थिति से निपटने के लिये यह निर्णय लिया गया है कि अगले चरण की नियुक्ति की प्रक्रिया पूरी करने के बाद जितनी सीटें रिक्त रहेगी, उन सीटों के आधार पर राज्य सरकार परीक्षा आयोजित करेगी। शिक्षा मंत्री ने साफ किया है कि भविष्य में फिर से राज्य सरकार परीक्षा आयोजित करेगी। भविष्य में बिहार शिक्षक पात्रता परीक्षा पर रोक की कोई बात नहीं है।

उल्लेखनीय है कि राज्य सरकार के शिक्षा विभाग ने मंगलवार को प्राथमिक शिक्षा निदेशक रवि प्रकाश को पत्र लिखकर कहा था कि राज्य सरकार अब बिहार शिक्षक पात्रता परीक्षा (टीईटी) नहीं लेगी। केंद्र सरकार हर साल केंद्रीय शिक्षक पात्रता परीक्षा (सीटेट) लेती है। इसलिए अलग से टीईटी लेने की आवश्यकता नहीं है। अब इस फैसले के एक दिन बाद ही शिक्षा विभाग ने यू-टर्न लिया है।

Chhapra: बिहार से पंजाब और हरियाणा जाने वाले श्रमिकों के अतिरिक्त भीड़ को देखते हुए रेलवे द्वारा 16 जून को स्पेशल ट्रेन का परिचालन किया जाएगा। पूर्व मध्य रेल द्वारा बेगूसराय-शाहपुरपटोरी-हाजीपुर-गोरखपुर-अम्बाला कैंट के रास्ते सहरसा से अमृतसर के लिए एक अनारक्षित स्पेशल ट्रेन चलाया जाएगा। स्पेशल ट्रेन संख्या- 05577 सहरसा से 16 जून को सुबह 08.45 बजे खुलकर अगले दिन शाम पांच बजे अमृतसर पहुंचेगी।

मध्य रेलवे के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी वीरेन्द्र कुमार ने बताया कि स्पेशल ट्रेन बेगूसराय जिले के चार प्रमुख रेलवे स्टेशन बेगूसराय बरौनी बछवारा और लखमीनिया के अलावे सिमरी बख्तियारपुर, कोपरिया, मानसी, खगड़िया, विद्यापतिधाम, मोहिउद्दीननगर, शाहपुर पटोरी, महनार रोड, देसरी, अक्षयवट राय नगर, हाजीपुर, सोनपुर, दिघवारा, छपरा, दुरौंधा, सिवान, मैरवा, भटनी, देवरिया सदर, गोरखपुर, बस्ती, गोंडा, बुढ़वल, सीतापुर, मैकलगंज, बरेली, रामपुर, मुरादाबाद, स्योहारा, नजीबावाद, लक्सर, सहारनपुर, यमुनानगर जगाधरी, अम्बाला कैंट, राजपुरा, सरहिंद, ढंडारी कलां, लुधियाना, फिल्लौर, फागवारा, जलंधर सिटी एवं व्यास स्टेशनों पर रुकते हुए अमृतसर पहुंचेगी। आम यात्रियों को अपने गंतव्य तक पहुंचने में कोई असुविधा नहीं हो, इसके लिए इस ट्रेन में सभी 22 डब्बे अनारक्षित श्रेणी के लगाए गए हैं।

बीसीसीआई ने आयरलैंड के खिलाफ होने वाली दो मैच की T20 सीरीज के लिए किया भारतीय टीम का ऐलान.

टीम की कमान हार्दिक पांड्या के हाथों में, वहीं भुवनेश्वर कुमार टीम के उपकप्तान होंगे.

आयरलैंड दौरे के लिए भारतीय टीम: हार्दिक पांड्या (कप्तान), भुवनेश्वर कुमार (वीसी), ईशान किशन, रुतुराज गायकवाड़, संजू सैमसन, सूर्यकुमार यादव, वेंकटेश अय्यर, दीपक हुड्डा, राहुल त्रिपाठी, दिनेश कार्तिक (विकेटकीपर), युजवेंद्र चहल, अक्षर पटेल, आर बिश्नोई, हर्षल पटेल , अवेश खान, अर्शदीप सिंह, उमरान मलिक.

उचक्के ने उड़ाए महिला से 15 हजार रूपये

Manjhi: बुधवार को माँझी स्थित इंडियन बैंक की शाखा में पैसा जमा करने आई एक महिला को झांसा देकर एक उचक्का 15 हजार 500 सौ लेकर फरार हो गया. उचक्के बैंक के अंदर ही बड़ी ही साफगोई से इस घटना को अंजाम दिया.

पीड़ित माँझी के हरनारायण छपरा निवासी कुंती देवी बताई जाती है. उसने रोते हुए बताया कि वह 27 हजार रुपया जमा करने के लिए बैंक मैं आई थी. काउंटर पर जाने के बाद उसे फॉर्म पर नोट का सीरियल लिखने को कहा गया. दुबारा जब वह नोट की नंबरिंग कराने के लिए मुड़ी तो पहले से खड़े एक युवक ने उससे फॉर्म और पैसा ले लिया और नंबरिंग की सूची बनाकर उसे दे दिया. जब वह काउंटर पर जमा करने गई तो बैंककर्मी द्वारा उसमें से 15,500 रुपया कम होने की बात कही गई. इतना सुनते ही उसने पीछे पलट कर देखा तो वह लड़का भी गायब था. वह रोने चिल्लाने लगी. सारे लोग देखते रह गए और सबके सामने उचक्का आंख में धूल झोंक कर फरार हो गया. हालांकि दूसरी महिला ने बताया कि वह पहले से ही खड़ा था और महिलाओं से फॉर्म भरने के नाम पर पैसे की डिमांड रहा था. लेकिन और किसी ने उसे पैसा नहीं दिया लेकिन यह महिला उसके झांसे में फंस गई. महिला ने रोते हुए बताया कि वह अपने बेटियों के शादी के लिए एक-एक पैसा बटोर कर बैंक में जमा करने आई थी ताकि शादी के समय उस पैसे का उपयोग कर सके. उक्त घटना की सूचना मिलते ही पीएसआई मिथुन कुमार अपने दल बल के साथ पहुंचकर सीसीटीवी कैमरे को खंगाला ताकि अपराधी की पहचान की जा सके.

रंगे हाथ पकड़ा गया बाइक चोर लोगों ने कर दी जमकर धुनाई

मांझी : दाउदपुर थाना क्षेत्र के इनायतपुर गांव स्थित शिव मंदिर के समीप जंगल मे बुधवार को लोगो ने एक बाइक चोर को रंगे हाथों पकड़ जमकर धुनाई कर पुलिस को सौप दिया. प्राप्त जानकारी के अनुसार बलोखडा गांव निवासी अनिल राय की मोटरसाइकिल दरवाजे पर खड़ी थी. जिसे मंगलवार के देर रात्रि चोरों द्वारा चोरी कर ली गई. जिसकी जानकारी घर वालो को सुबह हुई जब दरवाजे पर से बाइक अपने स्थान से गायब मिली. घर वाले अपने स्तर से बाइक की खोजबीन शुरू किया. काफी घण्टो इधर-उधर ढूढने के बाद भी बाइक का कोई आता पता नही चला तभी कुछ देर बाद बुधवार को इनायतपुर शिवमंदिर के पीछे झाड़ी में एक बाइक खड़ी दिखाई दिया. जहा जाकर देखा गया कि एक व्यक्ति बाइक के पीछे बैठ कर उसका नम्बर प्लेट खोल रहा है.

लोगो ने तुरंत उसे पकड़ लिया और इसकी सूचना दाउदपुर थाना पुलिस को दी. जहा मौके पर पहुची पुलिस को लोगो ने बाइक चोर को सुपुर्द कर दिया.

इस संबंध पुलिस ने बताया कि पकड़ा गया बाइक चोर इनायतपुर गांव निवासी स्व.रामलाल साह का पुत्र अजय साह बताया जाता है. जिससे पुलिस अन्य बाइक चोरी के मामले में आवश्यक पूछताछ कर कर रही है.

घर में बैठी महिला की दिन दहाड़े दाब से काटकर हत्या, जांच में जुटी पुलिस

Sonpur: सोनपुर के खरिका गांव में एक महिला की दाब से काट कर हत्या करने का मामला प्रकाश में आया है. दिन दहाड़े हुई इस घटना से गांव में सनसनी फैल गयी. यह घटना तब घटित हुई जब उक्त महिला अपने घर के चहारदिवारी के भीतर बैठी हुई थी. इसी दौरान हत्यारे ने दाब से गला काटकर उनकी हत्या कर दी. दोपहर लगभग 12  बजे घटित इस ह्रदय विदारक घटना की आसपास के लोगों को पता तक नहीं चल सका.

मृतका लगभग 50 वर्षीया ममता देवी खरिका गांव के स्व चितरंजन सिंह की पत्नी थीं. वह अपनी बेटी तथा एक सात वर्षीय नाती के साथ घर में रहती थीं. बेटी सुमन कुमारी गांव के ही एक निजी विद्यालय एस एस एन हाईस्कूल में पढाती है. बड़ी बेटी की शादी हो चुकी है. उसी के पुत्र तथा अपनी छोटी बेटी के साथ वे यहां रहती थीं. सुमन जब पढाकर छुट्टी होने के बाद घर लौटी तब लहूलुहान पड़ी अपनी मां की हालत देख कर चीखने चिल्लाने लगी. रोने पिटने की आवाज सुन कर वहां ग्रामीणों की भारी भीड़ जुट गई.

इस हत्याकांड की सूचना मिलते ही मौके पर एएसपी अंजनी कुमार तथा पहलेजा घाट ओपी के प्रभारी ओपी प्रभारी देवानंद कुमार सदल बल पहुंच गये. ओपी प्रभारी ने बताया कि उक्त महिला की दाब से गला काटकर हत्या कर दी गई है. प्रथम दृष्टया इस कांड में एक से अधिक व्यक्ति के  शामिल होना प्रतीत हो रहा है.

उन्होंने बताया किस घटना का बारीकी से छानबीन शुरू कर दिया गया है. अभी हत्या का कारण स्पष्ट नहीं हो पाया है. अनुसंधान में ही यह उभरकर सामने आएगा की इस हत्या के पीछे कौन और क्या कारण थे. मृतका के शव  को पुलिस ने कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया. मिली जानकारी के अनुसार मृतका के पति चितरंजन सिंह का लगभग 10 वर्षों पहले निधन हो चुका था. उन्हें केवल दो बेटी ही है. बड़ी बेटी की शादी भी हो चुकी है. उसका एक लगभग 7 वर्षीय बेटा यहां अपनी ननिहाल में ही रहता है. वह उसी स्कूल में पढ़ता है जहां उसकी मौसी शिक्षिका है. दोनों का रोते-रोते बुरा हाल है. गांव के लोग इस घटना को लेकर हतप्रभ है.

अनंत सिंह की समाप्त हो सकती है विधानसभा की सदस्यता

पटना, 15 जून ; प्रतिबंधित हथियार एके-47, जीवित कारतूस और हैंड ग्रेनेड बरामद होने के केस में अदालत से दोषी करार बाहुबली मोकामा विधायक अनंत सिंह की सजा पर 21 जून को सुनवाई होनी है। अगर उन्हें दो साल से अधिक की सजा होती है तो उनकी विधानसभा की सदस्यता समाप्त हो सकती है। यह कहना है पटना हाई कोर्ट के वकीलों का।

इन वकीलों के अनुसार लोक जनप्रतिनिधि कानून के तहत अगर विधानसभा के किसी भी सदस्य को किसी आपराधिक मामले में दो वर्ष से अधिक की सजा होती है तो उनकी विधानसभा की सदस्यता समाप्त हो जाती है। वकीलों का कहना है कि उनमें कम से कम 7 साल या आजीवन कारावास की सजा सुनाई जा सकती है। आर्म्स एक्ट के तहत प्रतिबंधित हथियार बरामद होने पर सात वर्ष से लेकर आजीवन कारावास तक की सजा का प्रावधान है।

उल्लेखनीय है कि 16 अगस्त, 2019 को अनंत सिंह के पैतृक आवास बाढ़ थाना के लदवां गांव में बाढ़ की तत्कालीन एएसपी लिपि सिंह ने छापा मारा था। इस दौरान विधायक के पुश्तैनी घर से एके-47, 33 जीवित कारतूस और दो ग्रेनेड बरामद हुए थे। इसके बाद बाढ़ थानाध्यक्ष ने प्राथमिकी दर्ज कराई थी। बाढ़ थाने के रोजनामचे में दर्ज एफआईआर नंबर 389/19 में अनंत सिंह के खिलाफ आईपीसी की धारा 414, 120बी, 25 (1) (बी) (ए), आर्म्स एक्ट, 25 (1) (ए), आर्म्स एक्ट, 25 (1) (एए), आर/डब्ल्यू 35, आर्म्स एक्ट और 3/4 विस्फोटक पदार्थ अधिनियम के साथ ही 13 यूएपीए एक्ट की धारा लगाई गई थी। अनंत सिंह के वकील के मुताबिक बाद में पुलिस ने 13 यूएपीए एक्ट वापस ले लिया था।

इसके बाद गिरफ्तारी के भय से राजद विधायक अनंत सिंह भूमिगत हो गए थे। 23 अगस्त, 2019 को उन्होंने दिल्ली के साकेत कोर्ट में सरेंडर किया था। मंगलवार को एमपी-एमएलए कोर्ट ने उन्हें गुनहगार ठहराया है।

जम्मू: जम्मू-श्रीनगर हाईवे स्थित जम्मू जिले के झज्झर कोटली में बुधवार को एक बस से पुलिस ने विस्फोटक बरामद किया है।
पुलिस के एक प्रवक्ता ने बताया कि नियमित नाके पर तलाशी के दौरान झज्झर कोटली में सार्वजनिक परिवहन बस से जिलेटिन की छड़ के रूप में विस्फोटक बरामद किया गया। विस्फोटक पैकेट में बंद किया गया था।
उन्होंने बताया कि विस्फोटक बरामद होते ही बम निरोधक दस्ते (बीडीएस) को बुलाया गया और विस्फोटकों को नियंत्रित तंत्र के माध्यम से निष्क्रिय कर दिया गया।
थाना जज्जर कोटली में संबंधित धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है और आगे की जांच जारी है। जम्मू पुलिस के सतर्क जवानों ने आतंकियों की एक बड़ी साजिश को नाकाम करते एक बड़े हमले को टाल दिया है।

• नर्सें दे रहीं लावारिसों को मां का प्यार
• हर साल 15-20 लावारिस नवजात शिशुओं को मिलती है पनाह
• नहलाने से लेकर डायपर बदलने का काम करती हैं यहां की नर्सें

Chhapra: कई महिलाएं बच्चे को जन्म देने के बाद उसे लावारिस हालत में फेंक देती हैं। ऐसे लावारिस मिलने वाले मासूम कई बार सुनसान जगहों पर, तो कई बार नाली में, कांटों और गंदगी के बीच पड़े मिलते हैं। इतनी विपरीत परिस्थितियों में भी जिन नवजातों की सांसें बच जाती हैं। उन्हें छपरा सदर अस्पताल के एसएनसीयू की स्टाफ नर्सें उपचार के साथ मां का प्यार भी देती हैं। गंभीर रूप से बीमार नवजातों के जख्मों पर मरहम लगाने से लेकर उन्हें नहलाना-धुलाना, दूध पिलाना, साफ-सफाई करने और सुलाने का काम भी बिल्कुल मां की तरह करती हैं। जब वे बच्चे ठीक होकर शिशु गृह जाने लगते हैं, तो भावनात्मक रूप से उनकी इन यशोदा माताओं की आंखों में आंसू तक आ जाते हैं।

चार माह तक विक्षिप्त महिला की बच्ची को दुलार-प्यार दिया
सारण जिले के नगरा प्रखंड से एक विक्षिप्त महिला की बच्ची को एसएनसीयू में भर्ती किया गया था। बच्ची जब आयी थी तो उसका वजन काफी कम था, सांस में भी समस्या थी। लेकिन एसएनसीयू की सभी स्टाफ नर्सों ने उस बच्ची को नया जीवनदान देने में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका का निर्वहन किया। उस बच्ची के इलाज से लेकर नहलाने-धुलाने, दूध पिलाने और साफ-सफाई की पूरी जिम्मेदारी यहां की नर्सों ने उठायी थी। विक्षिप्त महिला को इतनी समझ नहीं थी कि वह उसकी देखभाल कर सके। लेकिन यहां नर्सों ने यशोदा बनकर माँ का प्यार दिया और उसका नाम भी नर्सों ने रख दिया। उस बच्ची का नाम पायल रखा गया। करीब तीन महीने तक उस बच्ची को यहां रखा गया। उसके बाद से बाल संरक्षण इकाई को सौंप दिया गया। जब बच्ची आयी थी तो उसका वजन 2 किलो था। जब स्वस्थ होकर जा रही थी तो उसका वजन 4 किलो हो गया था। जब उसे सुपुर्द किया जा रहा था, तो हमारी साथी स्टाफ में कोई ऐसा नहीं था, जिसकी आंखों से आंसू न आए हों। जब भी किसी की शिफ्ट खत्म होती, तो ये बताकर जाते थे कि उसे क्या खिलाना है, कौन सी दवा कितने बजे देनी है। उसके साथ हम सभी लोग इमोशनल अटैच हो गए थे। ऐसा लगता था कि वह हमारे बीच ही खेलती रहे।

बेसहारा बच्चों की हम ही मां और परिवार–

छह वर्षों से कार्यरत एसएनसीयू की इंचार्ज स्टाफ नर्स प्रतिमा सिंह कहती हैं वैसे तो सभी बच्चे हमारे लिए बराबर होते हैं। हम सभी का ध्यान रखते हैं, लेकिन लावारिस मिलने वाले बच्चों की खोज खबर लेने वाले उनके कोई सगे संबंधी नहीं होते। बाकी बच्चों की मां उन्हें स्तनपान कराने के लिए आती हैं। इस दौरान उन्हें मां की गोद और दुलार मिलता है। बेसहारा मिले बच्चों के लिए हम ही उनकी मां और परिवार होते हैं। उनके डायपर बदलने से लेकर उन्हें सुलाने तक का काम हम लोग करते हैं। हर साल करीब 15 से 20 लावारिस नवजात बच्चे यहां भर्ती होते हैं। वर्ष 2022 में अब तक 4 लावारिस बच्चे यहां से पूरी तरह स्वस्थ होकर गये हैं।


गोद में आते ही चुप हो जाते थे बच्चे
स्टाफ नर्स मुन्ना कुमारी कहती हैं यहां भर्ती बच्चों की माताएं भी बाहर रहती हैं। बच्चे रोते हैं तो वह आकर दूध पिलाती हैं, लेकिन लावारिस बच्चे बिलखने लगते थे तो देखा नहीं जाता था। उन्हें हम कई बार रात में घंटों तक गोद में लेकर बैठे रहे। वह पहचानने भी लगे थे। गोद में आते ही रोना बंद कर देते थे। कई नर्सो ने मदर मिल्क बैंक में जाकर दूध भी दान किया जिससे इन बच्चों की भूख मिट सके। बच्चों का डायपर बदलने से लेकर वह सभी काम किया जो एक मां करती है।

झाड़ी में मिले नवजात को देखकर आंखों से निकल आया था आंसू
प्रतिमा सिंह ने बताया कि सारण जिले के गड़खा में एक नवजात कांटों के बीच झाड़ी में पड़ा मिला था। उसकी हालत खराब थी। उसका हाथ कुत्ते ने काट लिया था। जब उसे बाल संरक्षण इकाई के लोग यहां लेकर आये, तो उसकी हालत देखकर रोना आ गया था, लेकिन उसे हमने अपने बच्चे की तरह रखा। वजन कम होने के कारण उसकी स्पेशल केयर की गई। करीब डेढ़ महीने वह हमारे बीच रहा। फिर वह पूरी तरह से स्वस्थ होकर यहां से गया।

ये हैं कलियुग की यशोदा माताएं 
एसएनसीयू इंचार्ज प्रतिमा सिंह,मुन्ना कुमारी, अनामिका कुमारी, मीना कुमारी, जूली कुमारी, जूली चौधरी, ज्योति आइजेक, नीलू कुमारी, राखी कुमारी।

कूचबिहार: प्रेमिका का फंदे से लटकता शव देख प्रेमी ने भी फंदे से लटककर जान देने की कोशिश किया। घटना बुधवार को हल्दीबाड़ी प्रखंड के उत्तर हल्दीबाड़ी ग्राम पंचायत के बागरीबाड़ी मोंटूधाम इलाके में घटी है। घटना के बाद इलाके में हड़कंप मच गया है। पुलिस के मुताबिक मृतक की पहचान तनुश्री राय (17) के रूप में हुई है। जबकि प्रेमी का नाम अर्जुन राय (19) है।


स्थानीय सूत्रों के अनुसार आज सुबह प्रेमी अर्जुन ने अपनी प्रेमिका को फंदे से लटका देखा। यह देख वह तनाव में आ गया। बताया जा रहा है कि इसके बाद अर्जुन सीधे घर गया और फंदे से झूल गया। फंदे में झूलता देख अर्जुन के परिवार ने उसे उतारकर जलपाईगुड़ी सुपर स्पेशलिटी अस्पताल ले गए। फिलहाल अर्जुन चिकित्साधीन है। उधर, प्रेमिका के शव को पोस्टमार्टम के लिए हल्दीबाड़ी ग्रामीण अस्पताल में भेज दिया है। हालांकि, दोनों परिवारों ने दोनों के बीच प्रेम-प्रसंग के बारे में कुछ भी कहने से इंकार कर दिया है। पुलिस ने पूरे मामले की जांच शुरू कर दी है।

• माइग्रेंट मरीजों को हो रही है सहूलियत
• 2025 तक टीबी उन्मूलन का रखा गया है लक्ष्य
• निश्चय पोर्टल पर होती है मरीजों की सभी जानकारी


Chhapra: टीबी को जड़ से मिटाने को लेकर लगातार केंद्र सरकार के साथ-साथ राज्य सरकार द्वारा भी अभियान चलाए जा रहे हैं। इसके अलावा लोगों को जागरूक करके टीबी बीमारी से संबंधित जानकारी और इलाज को लेकर उन्हें प्रेरित किया जा रहा है। साथ ही अभियान के तहत टीबी संक्रमित मरीजों को सरकार द्वारा मिलने वाली सुविधाओं के बारे में भी जानकारी दी जा रही है। 2025 तक टीबी को जड़ से खत्म करने का अभियान चलाया जा रहा है। ऐसे में देश के सभी राज्यों में स्थित सरकारी अस्पतालों में निःशुल्क जांच एवं दवाइयां प्रदान की जा रही हैं । किसी भी जिले के सरकारी अस्पताल में रजिस्टर्ड टीबी संक्रमित मरीज किसी अन्य राज्य के सरकारी अस्पताल में भी निः शुल्क सुविधा ले सकता है। यह सुविधाएं माइग्रेंट लोगों के लिए बेहतर विकल्प बन के सामने आ रही हैं ।

किसी भी सरकारी अस्पताल में पंजीकृत होना जरूरी 

जिला यक्ष्मा पदाधिकारी डॉ. रत्नेश्वर प्रसाद सिंह ने बताया कि टीबी बीमारी से संक्रमित मरीज को किसी भी राज्य के सरकारी अस्पताल में निःशुल्क इलाज किया जाता है। यदि कोई नालंदा जिले का निवासी है और टीबी से संक्रमित है और वह पढ़ाई या काम के सिलसिले में दूसरे राज्य जाना चाहता है तो उसे दूसरे राज्यों के सरकारी अस्पताल में नि:शुल्क उपचार कराने के लिए उसे अपने जिले के अस्पताल को सूचित करना होता है जहाँ से उसका इलाज चल रहा है। उन्होंने बताया कि टीबी संक्रमित मरीज को वर्तमान जगह पर स्थित सरकारी अस्पताल में पंजीकृत होना जरूरी होता है। यदि किसी मरीज का सरकारी अस्पताल में इलाज चल रहा है और वह किसी कारण से दूसरे राज्य या जिला में जाना चाहता है तो ऐसे में उसे वर्तमान के सरकारी अस्पताल में सारी जानकारी देनी होगी कि किस राज्य के किस शहर में जा रहा है। ऐसी स्थिति में उक्त व्यक्ति की सारी जानकारी वहां के संबंधित अस्पताल के टीबी विभाग को भेजी जाती है और वहां मरीज को पहुंच कर अपनी आईडी प्रस्तुत करनी होती है और वहां पर उसका इलाज शुरू हो जाता है।

भेजनी होती है पूर्ण जानकारी 

जब टीबी संक्रमित मरीज दूसरे राज्य या जिले में जाना चाहता है तो ऐसे में उक्त मरीज की पूरी जानकारी अगले राज्य या जिले में स्थित सरकारी अस्पताल को भेजी जाती है। जिसमें जांच के साथ-साथ टीबी का स्टेज और वर्तमान में चल रही दवा की जानकारी के साथ-साथ पंजीकरण संख्या भेजी जाती है। जब वह व्यक्ति उक्त अस्पताल में जाता है तो अपना पंजीकरण संख्या बताता और वहां से उसका इलाज वहीं से शुरू होता है जहां तक पहले इलाज किया जा चुका है।

पोषण योजना बन रही मददगार 

टीबी मरीजों को इलाज के दौरान पोषण के लिए 500 रुपये प्रतिमाह दिए जाने वाली निक्षय पोषण योजना बड़ी मददगार साबित हुई है। नए मरीज मिलने के बाद उन्हें 500 रुपये प्रति माह सरकारी सहायता भी प्रदान की जा रही है। यह 500 रुपये पोषण युक्त भोजन के लिए दिया जा रहा है। टीबी मरीज को 6 महीने तक दवा चलती है। इस अवधि तक प्रतिमाह पांच 500-500 रुपये दिए जाते हैं ।

पटना: बिहार में लोगों को अगले दो दिनों में गर्मी से राहत मिल सकती है। मौसम विभाग ने बुधवार और गुरुवार को उत्तर बिहार के 10 जिलों में 2 दिन भारी बारिश का अलर्ट जारी किया है।

विभाग ने इस दौरान पटना में भी बारिश की संभावना जतायी है। इससे दक्षिण बिहार में तापमान में गिरावट हो सकती है। यहां के लोगों को गर्मी से राहत मिलने की उम्मीद विभाग ने व्यक्त की है।

मौसम विभाग ने पूर्वी चंपारण, पश्चिमी चंपारण, सीतामढ़ी, शिवहर, सुपौल, मधेपुरा, अररिया, किशनगंज, पूर्णिया और कटिहार जिले के कुछ जगहों के लिए चेतावनी ज़ारी की है। बारिश के कारण तापमान में गिरावट आएगी, जिससे राज्य का मौसम बदलेगा।

मौसम वैज्ञानिकों के अनुसार पूर्व-पश्चिम ट्रफ रेखा पूर्वी यूपी से मध्य बिहार, पश्चिम बंगाल और सिक्किम से होकर मणिपुर तक गुजर रही है। इससे बिहार का मौसम आज बुधवार से बदल सकता है। पूर्वानुमान के अनुसार केवल पटना में ही नहीं, बल्कि अन्य राज्यों में भी बारिश से लोगों को गर्मी से राहत मिल सकती है।