प्रभुनाथ नगर की हर गली और सड़क पर जल जमाव

प्रभुनाथ नगर की हर गली और सड़क पर जल जमाव

मौसम की पहले ही बारिश में प्रभुनाथ नगर के हर गली सड़क और खाली जगह पर जल जमाव की समस्या हो गई है । ऐसा केवल इस वर्ष ही नहीं हुआ है पिछले डेढ दो दशकों से हर बरसात तीन-चार महीना तक नागरिक जल जमाव की समस्या को झेलते हैं। प्रभुनाथ नगर प्रमंडल का सबसे व्यवस्थित और बिहार राज्य आवास बोर्ड द्वारा एक सुनियोजित योजना अंतर्गत बसाया गया मोहल्ला है । इस वर्ष मौसम मानसून थोड़ा विलंब से आया । जून , जुलाई और अगस्त के तीन सप्ताहों तक बारिश कम हुई । ऐसा लग रहा था सूखे की स्थिति बन जाएगी । पर अगस्त माह के अंतिम सप्ताह में दो-तीन दिनों तक रुक-रुक कर वर्षा हुई और प्रभुनाथ नगर शक्तिनगर ,उमानगर और आसपास की बसावटो में घुटने भर पानी भर गया है । जीवन की स्थितियां नारकीय हो गई हैं । हाट बाजार जाने के लिए नागरिक हाफ पैंट पहन कर घर से निकलते हैं और सुखी सड़क आने पर उसे बदलकर पुनः पैंट या पजामा पहनकर आगे बढ़ते हैं।

मानव निर्मित है यह समस्या

जल जमाव की यह समस्या प्राकृतिक नहीं बल्कि मानव निर्मित है। इसमें नागरिकों की नई बसावटों के साथ-साथ जिला प्रशासन के विभिन्न विभागों का और असंवेदनशील और लक्ष्यहीन कार्यक्रम भी जिम्मेदार है । विदित हो कि छपरा नगर की भौगोलिक बनावट ऊंट के पीठ की तरह है । भग्गी साह की दुकान से पूर्व से पश्चिम की तरफ एक लंबी रेखा में यह भाग ऊंट की पीठ की तरह ऊंचा है । बरसात का पानी और शहर का मल जल दो दिशाओं में निस्तारित होता है । दक्षिणी ढलान से उतरता पानी सरयू या गंगा नदी की ओर बहता है और उसमें प्रवाहित होता है। उत्तरी ढलान से बहता बरसात का पानी और बसावट का मल जल रेलवे लाइन के विभिन्न स्थानों पर स्थित पांच पुलियों से पार कर दहियावां बिनटोलिया चंवर और पूर्व की ओर रामनगर बसाढ़ी चंवर में निस्तारित होता है।
पर जल के प्राकृतिक प्रवाह के मार्गों को साधनापुरी जगदम कॉलेज सड़क, साढ़ा बस स्टैंड तथा कचहरी स्टेशन से पूर्व ईदगाह नाला आदि वाले भागों को कूड़ा करकट फेंक कर या अनधिकृत निर्माण कर बंद कर दिया गया है । फिर उससे आगे चंवर में जाने वाले तीन प्राकृतिक जल प्रवाह पथों को अनधिकृत रूप से निर्माण कर निजी कॉलोनियां बस गई हैं । साढ़ा बस स्टैंड के पास वाले जल मार्ग को तो जिला परिषद की ओर से कूड़ा फेंक कर अवरुद्ध कर दिया गया है। अब स्थिति यह है कि शहर के उत्तरी ढलान समस्त पानी और घरों का मल जल आदि प्रभुनाथनगर , शक्ति नगर ,उमा नगर वाले मोहल्ले में जमा होता है और उसके आगे नहीं नह पाता है । और इसी तरह सूरज के ताप से सूखने के बाद ही नागरिकों को छठ पर्व के आसपास नवंबर माह में राहत मिलती है।

ग्रीन ट्रिब्यूनल के आदेश का भी प्रशासन पर प्रभाव नहीं

भूतपूर्व सैन्य पदाधिकारियो की समाजसेवी संस्था वेटरंस फोरम के सचिव डॉक्टर बीएनपी सिंह ने नागरिकों के अनुरोध पर इस समस्या के समाधान के लिए ग्रीन ट्रिब्यूनल की पूर्वी क्षेत्रीय शाखा कोलकाता में एक मूल वाद संख्या 166 / 2022 लाया है । डॉक्टर बीएनपी सिंह ने प्रभुनाथ नगर ,उमानगर , शक्तिनगर की समस्या को शहर के खनुआ नाला से जोड़ते हुए न्यायाधिकरण को सूचित किया कि शहर का समस्त पानी रेल लाइन के इस पार उपरोक्त मोहल्ले में आता है और आगे प्रवाह मार्ग अतिक्रमित होने के कारण इन मुहल्लों में जमा हो जाता है । उन्होंने जल अधिनियम 1974 के अनुसार प्राकृतिक जल प्रवाह के मार्ग को अतिक्रमण मुक्तकर उसके प्रवाह को सुनिश्चित कराए जाने का आग्रह किया और अपने पक्ष में इस भाग के राजस्व नक्शे को भी उपस्थापित किया । प्रमुख प्रतिवादी राज्य प्रदूषण नियंत्रण परिषद एवं जिला परिषद ने भी मौके का निरीक्षण कर अतिक्रमण की बात को स्वीकार किया तथा उन्हें शीघ्र मुक्त करने का शपथ पत्र भी दायर किया । जिला परिषद द्वारा हलफनामे में कहा गया की कार्य की विभागीय अनुमति प्राप्त हो गई है और धनराशि भी आवंटित हो गई है । शीघ्र ही टांडी के अतिथि बिहार विवाह भवन से लेकर जयशंकर सिंह व बीके सिंह के घर तक नाले को अतिक्रमण मुक्त कर सीमेंट का बॉक्स नाला बनाया जाएगा।
माननीय ग्रीन ट्रिब्यूनल की बेंच ने उनके शपथ पत्र के आधार पर बरसात के पहले किसी भी हाल में 31 मई तक निर्माण पूरा कर कार्य संपन्न होने का प्रतिवेदन शपथ पत्र के साथ सौंपने का आदेश 22 मार्च 2023 को दिया । पर प्रशासनिक अकर्मण्यता की पराकाष्ठा यह है कि अब तक ना तो बंद कच्चे नाले का अवरोध हटाया गया और ना ही कोई निर्माण कार्य प्रारंभ किया गया है।

नमामि गंगे का आधा अधूरा कार्य

नमामि गंगे के परियोजना के अधीन भी कई तरह के पाइप बिछाए जाने हैं । इसके अनुसार शहर के साथ-साथ टांडी रोड के बीच सड़क को भी कोड कर कुछ ही दूरी तक पाइप बिछाया गया। योजनानुसार साढ़ा बस स्टैंड के पास एक संप हाउस बनाकर वहां नाली की पानियों को संग्रहित कर उसके शोधन के लिए तेलपा की ओर मुख्य केंद्र पर भेजा जाना है । पर, कोढ़ में खाज की तरह यह परियोजना सड़कों को कोड़ कर स्थिति को और भी नारकीय बनाने में सहयोग कर रही है । यह कार्य भी अधूरा है ।
ऐसे ऐसे में मोहल्ले के सामाजिक कार्यकर्ता सुमित कुमार सिंह सहित अन्य नागरिक उद्वेलित और आंदोलनरत हैं और छपरा पटना मुख्य सड़क मार्ग को अवरुद्ध करने की तथा प्रदर्शन करने की तैयारी कर रहे हैं ताकि स्थानीय प्रशासन को नागरिकों के कष्टों से अवगत किया जा सके ।
खनुआ नाला , प्रभुनाथ नगर उन्नयन समिति के अध्यक्ष प्रोफेसर पृथ्वीराज सिंह ,अधिवक्ता शिशिर कुमार सिन्हा, जन सुराज से जुड़े समाजसेवी अजीत कुमार सिंह ने इस प्रशासनिक कुव्यवस्था और संवेदनशीलता को आपराधिक बताते हुए इसे माननीय ग्रीन ट्रिब्यूनल के आदेश का खुला अवहेलना बताया है और उन्होंने अगले माह माननीय ग्रीन ट्रिब्यूनल में एक अवमाननावद लाने का संकल्प लिया है ।

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