Chhapra: बिहार विधानसभा चुनाव के प्रथम चरण का प्रचार अपने अंतिम दौर में पहुंच चुका है, लेकिन इस बीच चक्रवाती तूफान ‘मोंथा’ के प्रभाव से हो रही लगातार बारिश ने राजनीतिक दलों के लिए नई मुश्किलें खड़ी कर दी हैं। राज्य के अधिकांश जिलों में गुरुवार रात से हो रही मूसलाधार बारिश और तेज हवाओं के कारण चुनाव प्रचार कार्यक्रमों में खलल पड़ गया है।
कई स्थानों पर निर्धारित जनसभाएं और रोड शो रद्द या स्थगित करने पड़े हैं। जिन जिलों में सभाएं प्रस्तावित थीं, वहां मौसम की खराबी ने तैयारियों पर असर डाला है। बारिश के कारण न केवल मंच और साउंड सिस्टम की व्यवस्थाएं प्रभावित हुई हैं, बल्कि ग्रामीण इलाकों में कच्चे रास्तों के कीचड़ और जलभराव ने उम्मीदवारों के जनसंपर्क अभियानों को भी बाधित कर दिया है।
सारण सहित कई जिलों में लगातार बारिश से जनसभाओं में भीड़ जुटाना मुश्किल हो गया है। कई जगहों पर प्रत्याशी छाते और बरसाती पहनकर प्रचार करते देखे गए। वहीं, मतदाताओं से संपर्क साधने के लिए अब सोशल मीडिया और वर्चुअल प्रचार का सहारा लिया जा रहा है।
राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि मौसम की यह मार अंतिम समय में चुनावी समीकरणों को प्रभावित कर सकती है। जिन क्षेत्रों में सड़क संपर्क प्रभावित हुआ है, वहां उम्मीदवारों को मतदाताओं तक पहुंचने में दिक्कतें आ रही हैं।
मौसम विभाग ने शुक्रवार तक भारी बारिश और तेज हवाओं की चेतावनी जारी की है। लगातार बारिश के बीच अब राजनीतिक दलों के सामने चुनौती है कि कैसे वे अंतिम पाँच दिनों में जनसमर्थन को बनाए रखते हुए मतदाताओं तक अपनी बात पहुंचा सकें।

 
									 
									 
									 
									 
									 
									
																																 
									
																																 
									
																																 
									
																																 
									
																																 
									
																																 
									
																																 
									
																																




 
                         
                         
				 
				 
				 
				 
				 
				
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