शिक्षकों को एरियर देने में पदाधिकारियों की अवैध वसूली, अनशन पर बैठ गए नेताजी
Chhapra: जिले का शिक्षा विभाग आजकल दलालों के चंगुल में जकड़ चुका है. प्रखंड से लेकर जिला तक इन बिचौलियों की फौज है. यही कारण है कि अगर आपको किसी तरह का कोई कार्य कराना है तो आप दौड़ते रह जाएंगे.
ताजा मामला नियोजित शिक्षकों के एरियर में व्यपात भर्ष्टाचार का है. जिले के हजारों शिक्षकों ने लंबी जद्दोजहद के बाद प्रशिक्षण प्राप्त किया. प्रशिक्षण उतीर्णता के पश्चात अब बकाया वेतन को लेकर उन्हें राशि के प्रतिशत के अनुरूप घूस देना पड़ रहा है. इसके लिए डीपीओ कार्यालय से लेकर प्रखंड के बीइओ कार्यालय तक दलालों की लाइन लगी है. पदाधिकारी ने इसके लिए कार्यालय के कर्मियों को नही बल्कि शिक्षकों को ही प्रतिनियोजन पर रखकर वसूली की जा रही है. वर्तमान में वित्तिय वर्ष समाप्ति पर है ऐसे में एक हाथ दाम एक हाथ विपत्र का खेल जोरो पर है. आलम यह है कि प्रत्येक प्रखंडों से पूरे मार्च में सिर्फ बकाया वेतन का भुगतान पैसों की बदौलत किया जा रहा है. इसमें ना शिक्षकों के बकाया राशि की गणना हो रही है ना फिक्सेशन की सिर्फ प्रतिशत के आधार पर वसूली कर भुगतान किया जा रहा है. विगत एक माह के अंदर ऐसे सैकडों शिक्षक है जिनके प्रशिक्षण के एरियर का भुगतान किया गया है. जिसका कोई लेखा जोखा ना तो प्रखंड में है ना जिला में नही है. लेकिन दाम की बदौलत धड़ल्ले से भुगतान किया जा रहा है. ऐसे में किस शिक्षक ने कितना बकाया लिया यह किसी को पता नही.
एरियर में व्याप्त धांधली और भ्रष्टाचार को लेकर परिवर्तनकारी शिक्षक संघ के जिलाध्यक्ष समरेंद्र बहादुर सिंह धरने पर बैठ गए. उनका कहना है दलालों के चंगुल में जिला से लेकर प्रखंड कार्यालय जकड़ा है. जिले के हजारों शिक्षकों ने प्रशिक्षण प्राप्त किया प्रशिक्षण उपरांत बकाया वेतन सबका बनता है लेकिन विभाग के पदाधिकारी उन्ही चुनिदा शिक्षकों का बकाया वेतन दे रहे है. जो दाम दे रहे है जबकि बकाए वेतन का भुगतान सबका होना चाहिए.
मंगलवार को डीपीओ द्वारा पत्र निर्गत करते हुए सभी सभी प्रखंड शिक्षा पदाधिकारियों से बकाया वेतन विपत्र की मांग की गई.