न्यूयॉर्क, 06 मई (हि.स.)। अमेरिका के कोलंबिया विश्वविद्यालय ने पुलित्जर पुरस्कार विजेताओं की घोषणा कर दी। द न्यूयॉर्क टाइम्स की झोली में सोमवार को चार पुरस्कार आए । इनमें डोनाल्ड ट्रंप की हत्या के प्रयास की तस्वीरें भी शामिल हैं। न्यूयॉर्क टाइम्स ने सूडान के गृहयुद्ध, अफगानिस्तान में अमेरिकी विफलताओं और शहर के घातक ओपियोइड संकट की बाल्टीमोर बैनर के साथ जांच पर रिपोर्टिंग के लिए भी पुरस्कार जीता। प्रोपब्लिका को सार्वजनिक सेवा पुरस्कार दिया गया। पुलित्जर पुरस्कार पत्रकारिता के लिए 15 और कला क्षेत्र में आठ श्रेणियों में प्रदान किया जाता है। पुरस्कार विजेता को प्रमाण पत्र और 15,000 डॉलर की राशि प्रदान की जाती है।

द न्यूयॉर्क टाइम्स ने घातक ओपियोइड संकट की जांच के लिए गैर-लाभकारी समाचार आउटलेट द बाल्टीमोर बैनर के साथ मिलकर भी पुरस्कार जीता। द न्यू यॉर्कर ने कमेंट्री और फीचर फोटोग्राफी के साथ-साथ अपने खोजी पॉडकास्ट इन द डार्क के लिए तीन पुरस्कार जीते। प्रोपब्लिका ने देश भर में राज्य गर्भपात प्रतिबंधों के प्रभाव की कवरेज के लिए सार्वजनिक सेवा के लिए पुरस्कार जीता। इसे पुलित्जर में सबसे प्रतिष्ठित माना जाता है। रिपोर्टर कविता सुराना, लिजी प्रेसर, कैसंड्रा जारामिलो और फोटोग्राफर स्टेसी क्रैनिट्ज ने मृत्यु प्रमाणपत्रों और अस्पताल के रिकॉर्ड का उपयोग करके यह पता लगाया कि कैसे प्रतिबंधों ने माताओं की रोकी जा सकने वाली मौतों को सीधे तौर पर जन्म दिया।

द वाशिंगटन पोस्ट के कर्मचारियों ने जुलाई में बटलर, पेनसिल्वेनिया में ट्रंप की रैली में उनकी हत्या के प्रयास की कवरेज के लिए ब्रेकिंग न्यूज रिपोर्टिंग का पुरस्कार जीता। वाशिंगटन पोस्ट की एन टेलनेस को सचित्र रिपोर्टिंग और टिप्पणी के लिए पुरस्कार दिया गया। कार्टूनिस्ट टेलनेस ने जनवरी में इस्तीफा दे दिया था। रॉयटर्स को फेंटेनल एक्सप्रेस के लिए खोजी रिपोर्टिंग पुरस्कार से सम्मानित किया गया। यह एक शृंखला अमेरिका के ओपियोइड संकट के पीछे नशीली दवाओं के व्यापार की जांच करती है। दुनिया के सबसे अमीर आदमी एलन मस्क की कवरेज के लिए द वॉल स्ट्रीट जर्नल के पत्रकारों को राष्ट्रीय रिपोर्टिंग पुरस्कार मिला। कवरेज ने रूढ़िवादी राजनीति में मस्क के प्रभाव, अवैध दवाओं के उपयोग और रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ बातचीत के बारे में विवरण प्रकट किया।

द न्यूयॉर्क टाइम्स के आजम अहमद, क्रिस्टीना गोल्डबाम और मैथ्यू ऐकिंस ने अफगानिस्तान में युद्ध के परिणामों की जांच के लिए रिपोर्टिंग पुरस्कार जीता। डेक्लेन वाल्श और द न्यूयॉर्क टाइम्स के पत्रकारों ने सूडान में चल रहे गृहयुद्ध की कवरेज के लिए अंतरराष्ट्रीय रिपोर्टिंग का पुरस्कार जीता। न्यूयॉर्क टाइम्स के डग मिल्स ने पिछले वर्ष राष्ट्रपति ट्रंप की हत्या के प्रयास की तस्वीरें लेने के लिए ब्रेकिंग न्यूज फोटोग्राफी पुरस्कार जीता, जिसमें एक तस्वीर में गोली भी दिखाई दे रही थी।

द बाल्टीमोर बैनर और द न्यूयॉर्क टाइम्स की एलिसा झू, निक थिएम और जेसिका गैलाघर को खोजी रिपोर्टिंग पुरस्कार से सम्मानित किया गया।

फीचर लेखन का पुरस्कार एस्क्वायर पत्रिका के योगदानकर्ता मार्क वारेन को मिला। द न्यू यॉर्कर के मोसाब अबू तोहा को गाजा पट्टी में अनुभव आधारित निबंधों के लिए सम्मानित किया गया। आलोचना के लिए ब्लूमबर्ग सिटीलैब की लेखिका एलेक्जेंड्रा लैंग को पुरस्कृत किया गया। ह्यूस्टन क्रॉनिकल के राज मनकाड, शेरोन स्टीनमैन, लिसा फाल्केनबर्ग और लीह बिंकोविट्ज को खतरनाक रेल क्रॉसिंग और अवरुद्ध चौराहों के बारे में एक शृंखला के लिए संपादकीय लेखन पुरस्कार से सम्मानित किया गया। कला और साहित्य के लिए पुरस्कारों में पर्सीवल एवरेट के उपन्यास जेम्स को फिक्शन पुरस्कार से सम्मानित किया गया। ब्रैंडन जैकब्स-जेनकिंस के पर्पस ने ड्रामा पुरस्कार जीता। यह नाटक नागरिक अधिकार आंदोलन से जुड़े एक प्रमुख अश्वेत परिवार के भीतर के एक समझौते पर आधारित है।

इतिहास पुरस्कार कैथलीन डुवैल की किताब नेटिव नेशंस: ए मिलेनियम इन नॉर्थ अमेरिका और एडा एल. फील्ड्स-ब्लैक की कॉम्बी: हैरियट टबमैन, द कॉम्बाही रिवर रेड, एंड ब्लैक फ्रीडम ड्यूरिंग द सिविल वॉर को दिया गया। जीवनी पुरस्कार लेखक जेसन रॉबर्ट्स को एवरी लिविंग थिंग: द ग्रेट एंड डेडली रेस टू नो ऑल लाइफ के लिए दिया गया। टेसा हल्स को आत्मकथा पुरस्कार दिया गया। बेंजामिन नाथन्स की पुस्तक टू द सक्सेस ऑफ आवर होपलेस कॉज: द मेनी लाइव्स ऑफ द सोवियत डिसिडेंट मूवमेंट को सामान्य नॉनफिक्शन पुरस्कार से सम्मानित किया गया। कविता पुरस्कार मैरी होवे की को मिला। सुसी इबारा संगीत के क्षेत्र में पुरस्कार दिया गया।

0Shares

न्यूयॉर्क, 01 मई (हि.स.)। पिछले महीने अप्रैल की 22 तारीख को भारत के जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद ‘गुनाहों के कठघरे’ में घिरा पाकिस्तान अब अमेरका की शरण में पहुंचा है। उसने राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की तारीफ में कसीदे पढ़ते हुए कहा कि वह ही भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव को कम करने में मदद कर सकते हैं।

पाकिस्तान के ‘एआरवाई न्यूज’ चैनल की खबर के अनुसार, संयुक्त राज्य अमेरिका में पाकिस्तान के राजदूत रिजवान सईद शेख ने अमेरिकी पत्रिका न्यूजवीक को दिए साक्षात्कार में अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप को शांतिदूत की संज्ञा देते हुए मदद की गुहार लगाई है। शेख ने राष्ट्रपति ट्रंप से आग्रह किया है कि वे भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव को कम करने में मदद करें, क्योंकि अमेरिकी नेता यूरोप और मध्य पूर्व में संघर्षों को हल करने का प्रयास कर रहे हैं।

इसे भी पढ़ें: कराची और लाहौर हवाई अड्डा के विशेष हिस्सों को उड़ानों के लिए बंद किया गया

रिजवान सईद शेख ने कहा, ”हमारे पास आपके रूप में एक ऐसा राष्ट्रपति है जो दुनिया में शांति के लिए खड़ा है। आपने युद्धों को समाप्त कराया है। युद्धों का विरोध किया है। विवादों को सुलझाने में बड़ी भूमिका निभाई है। आप सचमुच कश्मीर विवाद का हल करवा सकते हैं। आज भारत और पाकिस्तान दोनों परमाणु क्षमता रखते हैं। इसलिए, आपका दखल जरूरी है।” 

0Shares

इस्लामाबाद, 01 मई (हि.स.)। चीन ने भारत के जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में आतंकी हमले के बाद दुनिया में अलग-थलग पड़े पाकिस्तान के कमजोर कंधों पर हाथ रखकर मजबूती प्रदान करने की कोशिश की। पीपुल्स रिपब्लिक ऑफ चाइना के राजदूत जियांग जैदोंग ने आज प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ से मुलाकात कर अपना समर्थना दोहराया।

एआरवाई न्यूज चैनल के अनुसार चीन के राजदूत जैदोंग गुरुवार को शहबाज से मिलने प्रधानमंत्री आवास पहुंचे। जैदोंग ने कहा कि चीन दक्षिण एशिया में शांति और स्थिरता सुनिश्चित करने की दोनों देशों की साझा इच्छा को पूरा करने के लिए पाकिस्तान का हमेशा समर्थन करेगा। प्रधानमंत्री कार्यालय की विज्ञप्ति में इस मुलाकात का विवरण साझा किया गया है।

विज्ञप्ति के अनुसार बैठक के दौरान चीन के राजदूत ने भारत की कार्रवाई के कारण उभरती स्थिति पर पाकिस्तान के दृष्टिकोण को साझा करने के लिए प्रधानमंत्री को धन्यवाद दिया। शहबाज शरीफ ने बैठक में राष्ट्रपति शी जिनपिंग और प्रधानमंत्री ली कियांग का पाकिस्तान को मजबूत और दृढ़ समर्थन के लिए आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि भारत ने दंडात्मक कूटनीतिक उपायों में सिंधु जल संधि को स्थगित कर तनाव बढ़ा दिया है।

0Shares

इस्लामाबाद, 01 मई (हि.स.)। भारत के जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद दोनों देशों के बीच पनपे तनाव के बाद पाकिस्तान ने आज अपने कराची और लाहौर हवाई अड्डे के कुछ विशेष हिस्सों को अस्थाई रूप से एक महीने के लिए बंद कर दिया। संघीय सरकार का कहना है कि यह फैसला सुरक्षा कारणों से लिया गया है।

‘एआरवाई न्यूज’ चैनल की खबर के अनुसार, पाकिस्तान के विमानन अधिकारियों ने कराची और लाहौर उड़ान सूचना क्षेत्रों (एफआईआर) के भीतर हवाई क्षेत्र के कुछ खास हिस्सों को एक महीने की अवधि के लिए अस्थायी रूप से बंद करने की घोषणा की है। पाकिस्तान एयरपोर्ट अथॉरिटी (पीएए) ने दोनों शहरों में हवाई क्षेत्र के निर्दिष्ट हिस्सों को बंद करने के लिए एक नया नोटम (एयरमैन को नोटिस) जारी किया है। नोटम के अनुसार, शहरों में हवाई क्षेत्र के कुछ खास हिस्से 01 से 31 मई तक रोजाना सुबह 04 बजे से 08 बजे के बीच बंद रहेंगे। विमानन स्रोतों ने पुष्टि की है कि सुरक्षा कारणों से यह निर्णय लिया गया है। हालांकि, वाणिज्यिक उड़ान संचालन वैकल्पिक मार्गों के माध्यम से जारी रहेगा।

इससे पहले, पाकिस्तान इंटरनेशनल एयरलाइंस ने इस्लामाबाद, गिलगित और स्कार्दू के बीच छह राउंड-ट्रिप उड़ानें रद्द कर दी थीं। रद्द की गई उड़ानों में इस्लामाबाद से गिलगित के लिए पीके-601, पीके-603 और पीके-605, साथ ही इस्लामाबाद से स्कार्दू के लिए पीके-451 शामिल हैं। इसके अलावा, गिलगित से इस्लामाबाद के लिए पीके-602 और पीके-604 उड़ानें भी रद्द कर दी गईं।

इस बीच पाकिस्तान रेडियो ने कहा है कि पाकिस्तान की सेना इस समय युद्ध अभ्यास कर रही है। इसमें युद्ध रणनीति के मद्देनजर आधुनिक हथियारों का प्रदर्शन शामिल है। सैन्य अधिकारी और सैनिक अभ्यास के दौरान अपनी पेशेवर क्षमता का प्रदर्शन कर रहे हैं। सुरक्षा सूत्रों ने कहा कि इसका प्राथमिक उद्देश्य पड़ोसी की किसी भी आक्रामकता का मजबूत और निर्णायक जवाब देना है।

0Shares

इस्लामाबाद (हि.स.)। पाकिस्तान के उपप्रधानमंत्री और विदेश मंत्री इशाक डार ने बुधवार को भारत को किसी भी “दुस्साहस” से दूर रहने की कड़ी चेतावनी दी है। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान किसी भी उकसावे की स्थिति में निर्णायक और सशक्त प्रतिक्रिया देगा, हालांकि वह पहले कोई आक्रामक कदम नहीं उठाएगा।

डार का यह बयान हाल ही में भारत के जम्मू-कश्मीर के पहलगाम क्षेत्र में हुए आतंकी हमले के बाद आया है। भारत की ओर से इस हमले को लेकर पाकिस्तान पर आरोप लगाए जा रहे हैं, जिसे लेकर पाकिस्तान सरकार ने कड़ी आपत्ति जताई है।

इस्लामाबाद में डार ने आईएसपीआर के महानिदेशक लेफ्टिनेंट जनरल अहमद शरीफ चौधरी के साथ संयुक्त संवाददाता सम्मेलन में कहा कि भारत की “राजनीतिक रूप से प्रेरित और भड़काऊ कार्रवाइयां” क्षेत्रीय स्थिरता के लिए गंभीर खतरा हैं। उन्होंने कहा, “आतंकवाद से पीड़ित देश होने के नाते, पाकिस्तान निर्दोष नागरिकों पर हमले की पीड़ा को बेहतर समझता है।” साथ ही पाकिस्तान ने इस हमले की कड़ी निंदा की और संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) से इस घटना की सख्त आलोचना करने का अनुरोध किया है।

डार ने भारत पर पाकिस्तान को इस हमले से जोड़ने के “मनगढंत और आधारहीन प्रयास” का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि भारत अपने सुरक्षा विफलताओं और कश्मीर में जारी दमनकारी नीतियों से अंतरराष्ट्रीय समुदाय का ध्यान हटाने के लिए ऐसे आरोप लगाता है। उन्होंने बताया कि पाकिस्तान आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में 80,000 से अधिक नागरिकों और सैनिकों की जान और 150 अरब डॉलर से अधिक का आर्थिक नुकसान झेल चुका है।

विदेश मंत्री ने दोहराया कि पाकिस्तान शांति चाहता है लेकिन अगर भारत ने कोई आक्रामक कदम उठाया, तो पाकिस्तान “मुंहतोड़ और निर्णायक जवाब” देगा। उन्होंने अंतरराष्ट्रीय समुदाय से भारत की कार्रवाइयों के क्षेत्रीय प्रभावों को गंभीरता से लेने की अपील की।

इसके अलावा, डार ने भारत द्वारा सिंधु जल संधि को एकतरफा रूप से निलंबित करने की भी निंदा की और इसे अंतरराष्ट्रीय कानूनों का उल्लंघन बताया। उन्होंने कहा कि इस संधि को किसी भी पक्ष द्वारा अकेले खत्म नहीं किया जा सकता। डार ने इस हमले की निष्पक्ष जांच के लिए अंतरराष्ट्रीय पर्यवेक्षकों की नियुक्ति की मांग दोहराई, जैसा कि प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने प्रस्तावित किया है।

0Shares

-प्राकृतिक न्याय के उल्लंघन और मौलिक अधिकारों के हनन का आरोप

ब्रुसेल्स, 29 अप्रैल (हि.स.)। पंजाब नेशनल बैंक घोटाले के मुख्य आरोपित और भगोड़े हीरा व्यापारी मेहुल चोकसी ने बेल्जियम की अपीलीय अदालत में एक नई याचिका दायर की है, जिसमें उसने अपनी गिरफ्तारी को प्राकृतिक न्याय के सिद्धांतों के उल्लंघन और प्रक्रियागत अनियमितताओं के आधार पर चुनौती दी है। अदालत ने इस मामले में फिलहाल सुनवाई स्थगित कर दी है।

चोकसी की ओर से यह याचिका उनके अधिवक्ता विजय अग्रवाल द्वारा तैयार की गई है और बेल्जियम में नियुक्त उनकी कानूनी टीम ने इसे अदालत के समक्ष प्रस्तुत किया। याचिका में दावा किया गया है कि भारतीय प्रत्यर्पण अनुरोध के बाद उसकी गिरफ्तारी के दौरान बेल्जियम अधिकारियों ने निर्धारित कानूनी प्रक्रिया का पालन नहीं किया और उसे मनमाने ढंग से हिरासत में लिया गया।

अधिवक्ता विजय अग्रवाल ने मीडिया से बातचीत में कहा, “मेरे मुवक्किल के साथ न्यायिक प्रक्रिया में न केवल लापरवाही बरती गई, बल्कि उसे उसके मौलिक अधिकारों से भी वंचित किया गया। यह गिरफ्तारी प्राकृतिक न्याय के मूल सिद्धांतों के विरुद्ध है।”

चोकसी ने याचिका में यह भी मांग की है कि उसे तत्काल रिहा किया जाए क्योंकि उसकी गिरफ्तारी गैर-कानूनी और असंवैधानिक थी। यह नई अपील तब दायर की गई है जब कुछ ही दिन पहले बेल्जियम की एक अदालत ने 13,500 करोड़ रुपये के पीएनबी धोखाधड़ी मामले में उसकी जमानत याचिका खारिज कर दी थी। उस समय अदालत ने तीन जजों की पीठ के सामने डच भाषा में दलीलें सुनी थीं।

उल्लेखनीय है कि बेल्जियम में इसी माह की शुरुआत में मेहुल चोकसी को भारतीय अधिकारियों के आधिकारिक प्रत्यर्पण अनुरोध के बाद गिरफ्तार किया गया था। अदालत की अगली सुनवाई की तारीख अभी तय नहीं हुई है।

0Shares

इस्लामाबाद, 24 अप्रैल (हि.स.)। भारत के जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में मंगलवार को हुए आतंकी हमले के जवाब में नई दिल्ली के कूटनीतिक दंडात्मक उपायों की घोषणा से पाकिस्तान की संघीय सरकार हिल गई है। इनमें सबसे प्रमुख है 1960 से दोनों देशों के बीच जारी सिंधु जल संधि का निलंबन। नई दिल्ली की घोषणा के बाद आनन-फानन में प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने राष्ट्रीय सुरक्षा समिति (एनएससी) की आपातकालीन बैठक आहूत की। यह बैठक आज सुबह शुरू होनी है।

द एक्सप्रेस ट्रिब्यून अखबार के अनुसार, पाकिस्तान के उप प्रधानमंत्री और विदेशमंत्री इशाक डार ने देररात कहा कि बैठक में प्रधानमंत्री, प्रमुख कैबिनेट सदस्य, सैन्य प्रमुख और खुफिया प्रमुख शामिल होंगे। अखबार के अनुसार, भारत के विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने कल नई दिल्ली में पांच प्रमुख उपायों की घोषणा की। इन्हें उन्होंने सीमा पार आतंकवाद के लिए निर्णायक प्रतिक्रिया कहा। इनमें सिंधु जल संधि को तत्काल निलंबित करना सबसे महत्वपूर्ण था। मिस्री ने कहा कि1960 की सिंधु जल संधि तत्काल प्रभाव से स्थगित रहेगी, जब तक कि पाकिस्तान सीमा पार आतंकवाद के लिए अपने समर्थन को विश्वसनीय और अपरिवर्तनीय रूप से त्याग नहीं देता। यही नहीं, उन्होंने पहलगाम हमले से सीधे तौर पर पाकिस्तान को जोड़ा।

द एक्सप्रेस ट्रिब्यून के अनुसार, इस्लामाबाद ने नई दिल्ली के आरोप के जवाब में पहलगाम हमले में जानमाल के नुकसान पर चिंता व्यक्त की और पीड़ितों के परिवारों के प्रति संवेदना व्यक्त की। हालांकि, पाकिस्तान के अधिकारियों ने नई दिल्ली के आरोपों पर कोई टिप्पणी नहीं की।

0Shares

– भारत के समुद्री सुरक्षा हितों के लिए हिंद महासागर क्षेत्र में त्रिंकोमाली तट महत्वपूर्ण केंद्र

नई दिल्ली, 19 अप्रैल (हि.स.)। भारत की ​ओर से चिंता​ जताए जाने के बाद श्रीलंका ने पाकिस्तान के साथ नौसैनिक अभ्यास रद्द कर दिया​ है।​ यह अभ्यास श्रीलंका के त्रिंकोमाली तट पर किया ​जाना था।​ भारत ने पाकिस्तानी नौसेना ​के चीन की पीएलए नौसेना के साथ घनिष्ठ सहयोगऔर त्रिंकोमाली में पाकिस्तानी युद्धपोतों की यात्रा ​को लेकर श्रीलंका के सामने चिंता जता​ई थी। त्रिंकोमाली श्रीलंका के उत्तर पूर्वी तट पर स्थित है और इसे भारत के समुद्री सुरक्षा हितों के लिए हिंद महासागर क्षेत्र में महत्वपूर्ण केंद्र माना जाता है।

​दरअसल, प्रधानमंत्री​ नरेन्द्र मोदी​ 04 अप्रैल को श्रीलंका​ की यात्रा पर गए थे, जहां ​उन्होंने भारत की वित्तीय सहायता से पूरी हुई विकास परियोजनाओं का उद्घाटन ​किया था। ​पीएम मोदी की इस यात्रा से पहले श्रीलंका और पाकिस्तान की नौसेनाओं ने अपनी नियमित गतिविधियों के अनुरूप त्रिंकोमाली के तट पर अभ्यास करने की योजना बनाई थी।​ इसकी जानकारी मिलने पर भारत ने प्रस्तावित अभ्यास पर ​श्रीलंका के सामने अपनी चिंताएं रखी थीं।​ भारत का कहना था कि पाकिस्तान और श्रीलंका की नौसेनाओं के बीच सौहार्दपूर्ण संबंध हैं और दोनों देशों के युद्धपोत युद्धाभ्यास के अलावा नियमित रूप से एक-दूसरे के बंदरगाहों पर जाते हैं।

भारत ने इस बात पर भी चिंता जताई थी कि अगस्त​, 2022 में हंबनटोटा बंदरगाह पर चीनी मिसाइल और उपग्रह ट्रैकिंग जहाज ​’युआन वांग​’ के डॉकिंग ने श्रीलंका कूटनीतिक विवाद को जन्म दिया था।​ इसके बाद अगस्त​, 2023 में कोलंबो बंदरगाह पर डॉक किए गए एक अन्य चीनी युद्धपोत ने भी नई दिल्ली में कुछ चिंताएं पैदा की थीं। इसके बावजूद पिछले कुछ वर्षों में भारत त्रिंकोमाली के ऊर्जा बुनियादी ढांचे को विकसित करने में श्रीलंका को सहायता देने पर ध्यान केंद्रित कर रहा है।​ हालांकि, श्रीलंका या पाकिस्तान की ओर से इस योजना पर कोई आधिकारिक बयान नहीं आया​ है लेकिन श्रीलंका​के सामने भारत की ओर से चिंता जताए जाने के बाद यह योजना आगे नहीं बढ़ पाई।

सैन्य विशेषज्ञों ने भारत के लिए त्रिंकोमाली के रणनीतिक महत्व को समझाते हुए कहा कि इसमें बंगाल की खाड़ी और पूर्वोत्तर हिंद महासागर के अधिकांश हिस्से पर अपना दबदबा बनाने की क्षमता है​, इसलिए भारत ने प्रस्तावित अभ्यास पर चिंता व्यक्त करके सही किया है। भारत विशेष रूप से त्रिंकोमाली में तेल टैंक फार्मों को पुनर्जीवित करने पर विचार कर रहा है, जो दुनिया के बेहतरीन प्राकृतिक बंदरगाहों में से एक है।​ इसी महीने मोदी की कोलंबो यात्रा के दौरान भारत, श्रीलंका और संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) ने त्रिंकोमाली को​’ऊर्जा केंद्र​’के रूप में विकसित करने के लिए एक महत्वाकांक्षी समझौते को अंतिम रूप दिया​ है, जिसका व्यापक उद्देश्य इसके आर्थिक विकास को बढ़ावा देने में मदद करना है।

0Shares

नई दिल्ली, 08 अप्रैल (हि.स.)। ग्लोबल मार्केट से आज मिले-जुले संकेत मिल रहे हैं। सोमवार को वैश्विक स्तर पर आए बिकवाली के तूफान के आज थमने के संकेत मिल रहे हैं। अमेरिकी बाजार पिछले सत्र के दौरान मिला-जुला कारोबार करके बंद हुए। हालांकि डाउ जॉन्स फ्यूचर्स आज बढ़त के साथ कारोबार करता हुआ नजर आ रहा है। यूरोपीय बाजार में पिछले सत्र के दौरान लगातार बिकवाली का दबाव बना रहा। वहीं एशियाई बाजारों में भी आज मिला-जुला कारोबार हो रहा है।

अमेरिकी बाजार में पिछले सत्र के दौरान रिकवरी होती नजर आई। डाउ जॉन्स निचले स्तर से करीब 1,250 अंक सुधर कर बंद हुआ। वही एसएंडपी 500 इंडेक्स ने भी बड़ी गिरावट के बाद अंतिम दौर में निचले स्तर से शानदार रिकवरी की और 0.23 प्रतिशत की कमजोरी के साथ 5,062.25 अंक के स्तर पर बंद हुआ। दूसरी ओर, नैस्डेक 0.10 प्रतिशत की बढ़त के साथ 15,603.26 अंक के स्तर पर बंद होने में सफल रहा। डाउ जॉन्स फ्यूचर्स फिलहाल 653.02 अंक यानी 1.72 प्रतिशत की जोरदार मजबूती के साथ 38,618.62 अंक के स्तर पर कारोबार करता हुआ नजर आ रहा है।

यूरोपीय बाजार में पिछले सत्र के दौरान भी लगातार बिकवाली का दबाव बना रहा। एफटीएसई इंडेक्स 352.90 अंक यानी 4.58 प्रतिशत टूट कर 7,702.08 अंक के स्तर पर बंद हुआ। इसी तरह सीएसी इंडेक्स ने 347.83 अंक यानी 5.02 प्रतिशत की कमजोरी के साथ 6,927.12 अंक के स्तर पर पिछले सत्र के कारोबार का अंत किया। इसके अलावा डीएएक्स इंडेक्स 852.10 अंक यानी 4.31 प्रतिशत की गिरावट के साथ 19,789.62 अंक के स्तर पर बंद हुआ।

एशियाई बाजार में भी आज मिला-जुला कारोबार होता हुआ नजर आ रहा है। एशिया के 9 बाजारों में से 5 के सूचकांक मजबूती के साथ हरे निशान में कारोबार कर रहे हैं, जबकि 4 के सूचकांक गिरावट का शिकार होकर लाल निशान में बने हुए हैं। लंबी छुट्टी के बाद आज कारोबार शुरू करने वाला इंडोनेशिया स्टॉक एक्सचेंज का जकार्ता कंपोजिट इंडेक्स बड़ी गिरावट का शिकार हो गया है। फिलहाल यह सूचकांक 508.55 अंक यानी 7.81 प्रतिशत लुढ़क कर 6,002.07 अंक के स्तर पर कारोबार कर रहा है। इसी तरह सेट कंपोजिट इंडेक्स 5.27 प्रतिशत टूट कर 1,065.89 अंक के स्तर पर पहुंचा हुआ है। इसके अलावा ताईवान वेटेड इंडेक्स 945.97 अंक यानी 4.92 प्रतिशत की कमजोरी के साथ 18,286.38 अंक के स्तर पर और स्ट्रेट्स टाइम्स इंडेक्स 1.57 प्रतिशत फिसल कर 3,485.04 अंक के स्तर पर कारोबार कर रहे हैं।

दूसरी ओर, गिफ्ट निफ्टी 263 अंक यानी 1.18 प्रतिशत की मजबूती के साथ 22,583 अंक के स्तर पर कारोबार कर रहा है। इसी तरह हैंग सेंग इंडेक्स 356.31 अंक यानी 1.80 प्रतिशत उछल कर 20,184.61 अंक के स्तर पर पहुंचा हुआ है। निक्केई इंडेक्स ने आज जोरदार छलांग लगाई है। फिलहाल यह सूचकांक 1,562.18 अंक यानी 5.02 प्रतिशत की तेजी के साथ 32,698.76 अंक के स्तर पर कारोबार करता हुआ नजर आ रहा है। इसी तरह शंघाई कंपोजिट इंडेक्स 0.90 प्रतिशत की उछाल के साथ 3,124.77 अंक के स्तर पर और कोस्पी इंडेक्स 0.39 प्रतिशत की बढ़त के साथ 2,337.35 अंक के स्तर पर कारोबार कर रहे हैं।

0Shares

नई दिल्ली, 05 अप्रैल (हि.स.)। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी श्रीलंका के दौरे पर हैं। प्रधानमंत्री मोदी को शनिवार को श्रीलंका का सर्वोच्च नागरिक सम्मान ‘मित्र विभूषण’ प्रदान किया गया।

यह नागरिक सम्मान उन्हें कोलंबो में श्रीलंका के राष्ट्रपति अनुरा कुमारा दिसानायके ने दिया। इस पुरस्कार में दिया गया धर्म चक्र साझा बौद्ध विरासत को दर्शाता है जिसने दोनों देशों की सांस्कृतिक परंपराओं को आकार दिया है। चावल के ढेरों से सजा कलश समृद्धि और नवीनीकरण का प्रतीक है।

इस अवसर पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि वह इस सम्मान को पाकर बेहद गौरवान्वित महसूस कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि ये सिर्फ उनका नहीं, बल्कि 140 करोड़ भारतीयों को सम्‍मान है।

उन्होंने श्रीलंका और भारत के संबंधों के बारे में कहा कि श्रीलंका केवल पड़ोसी देश नहीं, बल्कि भारत का पारंपरिक और भरोसेमंद मित्र भी है। उन्होंने कहा कि भारत हर मुश्किल घड़ी में श्रीलंका के साथ खड़ा रहा है और आगे भी रहेगा।

वहीं श्रीलंका के राष्ट्रपति दिसानायके ने प्रधानमंत्री मोदी की जरूरत के समय श्रीलंका की सहायता करने और निरंतर उनके देश के साथ एकजुटता दर्शाने के लिए सराहना की। इस दौरान उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी को यह आश्वासन दिया कि श्रीलंका अपने क्षेत्र का किसी भी तरह इस्तेमाल नहीं होने देगा जिससे भारत के सुरक्षा हितप्रतिकूल रूप से प्रभावित हों।

0Shares

बैंकॉक, 04 अप्रैल (हि.स.)। भारतीय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने थाईलैंड की राजधानी बैंकॉक में बिम्सटेक शिखर सम्मेलन के दौरान म्यांमार के वरिष्ठ जनरल मिन आंग ह्लाइंग से मुलाकात की। उन्होंने हाल ही में आए भूकंप के कारण हुई जान-माल की हानि पर एक बार फिर संवेदना व्यक्त की। प्रधानमंत्री मोदी एक्स पोस्ट पर कहा, ” भारत इस कठिन समय में म्यांमार के भाइयों और बहनों की सहायता के लिए हर संभव प्रयास कर रहा है।”

उन्होंने लिखा, ” हमने भारत और म्यांमार के बीच द्विपक्षीय संबंधों, विशेष रूप से कनेक्टिविटी, क्षमता निर्माण, बुनियादी ढांचे के विकास और अन्य क्षेत्रों पर भी चर्चा की। इससे पहले प्रधानमंत्री मोदी ने कल थाईलैंड के पूर्व प्रधानमंत्री थाकसिन शिनावात्रा से मुलाकात की। उन्होंने रक्षा, व्यापार, संस्कृति और अन्य क्षेत्रों में भारत और थाईलैंड के बीच सहयोग की अपार संभावनाओं पर विचार-विमर्श किया। प्रधानमंत्री मोदी ने एक्स पर शिनावात्रा से हुई मुलाकात का विवरण साझा किया।

प्रधानमंत्री मोदी ने लिखा, ”थाईलैंड के पूर्व प्रधानमंत्री श्री थाकसिन शिनावात्रा से मिलकर बहुत खुशी हुई। उन्हें शासन और नीति निर्माण से संबंधित मामलों में व्यापक अनुभव है। वे भारत के बहुत अच्छे मित्र भी हैं और अटल जी के साथ उनके बहुत मधुर संबंध थे।” प्रधानमंत्री ने कहा, ” श्री शिनावात्रा और मैंने भारत-थाईलैंड सहयोग और इससे हमारे संबंधित देशों के लोगों को किस तरह लाभ होता है, इस बारे में विस्तार से बात की। हमने रक्षा, व्यापार, संस्कृति और अन्य क्षेत्रों में अपार संभावनाओं पर विचार-विमर्श किया।”

0Shares

काठमांडू, 29 मार्च (हि.स.)। नेपाल में पूर्व राजा समर्थक प्रदर्शनकारियों, बड़े नेताओं की गिरफ्तारी हो रही है। राजा समर्थक मानी जाने वाली राष्ट्रीय प्रजातंत्र पार्टी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष तथा महामंत्री को भी पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। पूर्व राजा को भी नजरबंद कर दिया गया है। इसके साथ ही पूर्व राजा ज्ञानेन्द्र वीर विक्रम शाह को उनके निर्मल निवास में ही नजरबंद कर लिया गया है।

पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच हिंसक झड़प, आगजनी की दर्जनों घटनाएं, पत्रकार को जिंदा जलाए जाने की वारदात के बाद पहले गृह मंत्रालय और फिर बाद में प्रधानमंत्री ने शुक्रवार की देर रात को कैबिनेट की आपात बैठक बुलाई। शुक्रवार की देर रात को प्रधानमंत्री केपी ओली की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में चारों सुरक्षा अंग नेपाली सेना, नेपाल पुलिस, सशस्त्र प्रहरी बल और खुफिया विभाग के प्रमुखों को भी बुलाया गया। इस दौैरान मौजूदा परिस्थितियों और उनसे निपटने के बारे में विचार किया गया। बैठक के बाद सरकार के प्रवक्ता पृथ्वी सुब्बा गुरूंग ने कहा कि तोड़फोड़, आगजनी, लूटपाट और पत्रकार को जिंदा जलाने की घटना अमानवीय है। इसको किसी भी कीमत पर सहन नहीं किया जा सकता। आयोजकों को इसका मुख्य जिम्मेदार मानते हुए उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई को आगे बढ़ाने का निर्देश दिया गया है।

गृह मंत्रालय के प्रवक्ता छवि रिजाल ने कहा है कि इस संपूर्ण घटना के लिए आयोजक जिम्मेदार हैं। आंदोलन का नेतृत्व कर रहे सभी बड़े नेताओं की गिरफ्तारी का वारंट जारी किया गया। इसके बाद राष्ट्रीय प्रजातंत्र पार्टी के महामंत्री और सांसद धवल शमशेर राणा, पार्टी के उपाध्यक्ष रवीन्द्र मिश्र, संयुक्त संघर्ष समिति के संयोजक नवराज सुवेदी और प्रवक्ता स्वागत नेपाल सहित 50 से अधिक लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है। पूरे काठमांडू में पुलिस द्वारा सर्च ऑपरेशन चला कर आंदोलन में शामिल नेताओं और कार्यकर्ताओं को हिरासत में लिया जा रहा है।

काठमांडू पुलिस प्रमुख एसएसपी विश्व अधिकारी ने बताया कि राष्ट्रीय प्रजातंत्र पार्टी के बड़े नेताओं और तोड़फोड़ आगजनी में जिन लोगों की पहचान हुई है, उनकी गिरफ्तारी की गई है। राजशाही की वापसी के लिए गठित संयुक्त जनसंघर्ष समिति के कमांडर बनाए गए दुर्गा प्रसाई की गिरफ्तारी का वारंट जारी हो गया है, लेकिन कई स्थानों पर छापा मारने के बाद भी उन्हें गिरफ्तार नहीं किया जा सका है।

पुलिस का आरोप है कि दुर्गा ने खुद ड्राइविंग करते हुए पुलिस की घेराबंदी के ऊपर ही गाड़ी को चला दिया था जिसके कारण भीड़ उग्र हुई। इस घटना का वीडियो खुद दुर्गा प्रसाई की टीम द्वारा सोशल मीडिया पर अपलोड किया गया है। प्रदर्शनकारियों को उकसाने, तोड़फोड़ तथा आगजनी के लिए निर्देश देने के आरोप में दुर्गा प्रसाई के खिलाफ फौजदारी मुकदमा चलाया जाएगा।

इसी बीच खबर मिली है कि सरकार के निर्देशन पर पूर्व राजा ज्ञानेन्द्र के निर्मल निवास को हथियारबंद जवानों और नेपाली सेना के द्वारा घेराबंदी कर लिया गया है। पुलिस के बड़े अधिकारी के मुताबिक उनको नजरबंद किया गया है । पूर्व राजा और उनके परिवार के अन्य सदस्यों को निर्मल निवास से बाहर निकलने और बाहर के किसी व्यक्ति को अन्दर आने पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। हालांकि पूर्व राजा की हैसियत से ज्ञानेन्द्र शाह को अभी भी नेपाली सेना की वीवीआईपी सुरक्षा प्रदान की गई है। उधर सूत्रों का दावा है कि नेपाल सरकार राजशाही के पक्ष में हो रहे प्रदर्शनों और शुक्रवार को हुई घटना के लिए ज्ञानेन्द्र शाह को भी मुख्य जिम्मेदार मान रही है। उनके खिलाफ मुकदमा चलाए जाने की तैयारी सरकार के तरफ से की गई है।

0Shares