​नई दिल्ली, 03 जून (हि.स.)। ऑपरेशन ‘सिंदूर’ के दौरान भारतीय सशस्त्र बलों ने उन पाकिस्तानी ठिकानों को भी निशाना बनाया था, जिनके बारे में हवाई हमलों के बाद भारतीय वायु सेना या डीजीएमओ ने नहीं बताया था। पाकिस्तान ने 18 मई को कई देशों को सौंपे गए अपने डोजियर में माना है कि ऑपरेशन सिंदूर में भारतीय मिसाइलों और ड्रोनों से पाकिस्तान में कहीं ज्यादा नुकसान हुआ है।डोजियर में साफ तौर पर दिखाया गया है कि भारत ने पेशावर, झंग, सिंध में हैदराबाद, पंजाब में गुजरांवाला, बहावलनगर, अटॉक और चोर पर हमला किया।

पाकिस्तान के एक आधिकारिक डोजियर से पता चला है कि भारत ने अपने बताए गए लक्ष्यों की तुलना में कम से कम सात अधिक लक्ष्यों पर हमला किया। डोजियर के नक्शों में पेशावर, झंग, सिंध में हैदराबाद, पंजाब में गुजरात, बहावलनगर, अटॉक​ और चोर पर हमले दिखाए गए हैं। पिछले महीने हवाई हमलों के बाद प्रेस वार्ता में भारतीय वायु सेना या सैन्य संचालन महानिदेशक ने इन स्थानों का नाम नहीं लिया था। नए रहस्योद्घाटन से पता चलता है कि भारत ने जितना स्वीकार किया था​, उससे कहीं अधिक अंदर तक हमला किया​ था।​ इसीलिए ऑपरेशन सिंदूर को रोकने ​के लिए पाकिस्तान ने भारत से संपर्क ​करके युद्ध​ विराम का अनुरोध किया।

भारत ने पहलगाम आतंकी हमले में मारे गए 26 सैलानियों में विधवा हुई महिलाओं के उजड़े सुहाग को ध्यान में रखते हुए 6/7 मई की आधी रात को ‘ऑपरेशन सिंदूर’ शुरू किया। भारत ने बिना सीमा पार किए हैमर, स्कल्प और मिसाइलों से पाकिस्तान और पीओके के नौ आतंकी शिविरों पर हमला करके जैश-ए-मोहम्मद, लश्कर-ए-तैयबा और हिजबुल मुजाहिद्दीन के ठिकानों को तबाह कर दिया। भारत ने हवाई हमलों के बाद ​इसकी अधिकृत जानकारी भी दी थी।​ मैक्सार टेक्नोलॉजीज ​ने भी उपग्रह इमेज ​जारी करके ऑपरेशन ​’सिंदूर​’ के दौरान सटीक हमलों से हुए नुकसान का खुलासा किया था​, लेकिन अब पाकिस्तान के डोजियर​ से नए खुलासे हुए हैं।

भारत ने ​बताया था कि पाकिस्तान​ अधिकृत कश्मीर ​(पीओके) में आतंकवादी ढांचे के खिलाफ बहावलपुर में जैश-ए-मोहम्मद मुख्यालय और मुरीदके में लश्कर-ए-तैयबा के प्रशिक्षण केंद्र सहित नौ स्थानों पर हमला किया​ गया। 7 मई के हमलों में लक्षित अन्य स्थानों में मुजफ्फराबाद, कोटली, रावलकोट, चकस्वरी, भीमबर, नीलम घाटी, झेलम और चकवाल शामिल थे।​ इसके अलावा ग्यारह हवाई ठिकानों को निशाना बनाया गया​, जिनमें नूर खान, रफीकी, मुरीद, सुक्कुर, सियालकोट, पसरूर, चुनियन, सरगोधा, स्कारू, भोलारी और जैकोबाबाद शामिल हैं। भारी नुकसान के कारण पाकिस्तान के पास युद्ध विराम के अलावा कोई विकल्प नहीं बचा, जिससे तीन दिनों से जारी तनाव समाप्त हो गया।

​अब पाकिस्तान के डोजियर से पता चलता है​ कि भारत ने जितना स्वीकार किया है, उससे कहीं अधिक गहराई से और कठोर ​हमले किये गए थे।​ पाकिस्तानी डोजियर के मानचित्रों में प्रमुख शहरों जैसे पेशावर, झंग, सिंध में हैदराबाद, पंजाब में गुजरात, गुजरांवाला, बहावलनगर, अटॉक और चोर​ पर भारतीय हमले दिखाए गए हैं​, जिनका उल्लेख 7 मई के जवाबी हमले के बाद प्रेस​ ब्रीफिंग में भारतीय वायु सेना या सैन्य संचालन महानिदेशक​ ने नहीं किया था।​ ​पाकिस्तान ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के दौरान ड्रोन अटैक में अपने ​कई एयरबेस को हुए नुकसान के बारे में जानकारी दी है। डोजियर में कम से कम आठ अतिरिक्त भारतीय हवाई हमलों का उल्लेख किया गया है, जिनका भारतीय रक्षा अधिकारियों ने पहले खुलासा नहीं किया था।

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पाकिस्तान में दो पुलिस थानों पर आतंकी हमला, सात बलूच लड़ाके मारे गए

इस्लामाबाद: पाकिस्तान के दो प्रांतों में पिछले 24 घंटे के दौरान दो पुलिस थानों पर बड़ा हमला हुआ। इस हमले से इतर मुठभेड़ में सात बलूच लड़ाके मारे गए। बलूच लड़ाकों को पाकिस्तान आतंकी बता रहा है। बलूचिस्तान के लोग पाकिस्तान से अजादी की मांग कर रहे हैं। वहां लंबे समय से आजादी के लिए लोग संघर्ष कर रहे हैं।

दुनिया न्यूज टीवी चैनल की खबर के अनुसार, खैबर पख्तूनख्वा प्रांत के बाजौर जिला और बन्नू जिले में दो पुलिस स्टेशनों पर आतंकवादियों के हमले को विफल कर दिया गया। खैबर पख्तूनख्वा के पुलिस महानिरीक्षक जुल्फिकार हमीद ने कहा कि लोई मामुंड (बाजौर जिला) और मिरयान (बन्नू) में पुलिस स्टेशनों पर देररात आतंकवादियों ने हमला किया। पुलिस बल ने बहादुरी से हमलावरों का सामना किया और उन्हें खदेड़ दिया। हमीद ने पुलिस बल के लिए प्रशंसा पत्र और पुरस्कार की घोषणा की है।

इसके अलावा सुरक्षा बलों ने बलूचिस्तान में दो अलग-अलग अभियानों में सात बलूच लड़ाकों को मार गिराया। सेना की मीडिया विंग इंटर सर्विसेज पब्लिक रिलेशंस (आईएसपीआर) ने मंगलवार को प्रेस विज्ञप्ति में यह जानकारी दी। विज्ञप्ति में कहा गया कि मरने वाले सातों आतंकवादी हैं। यह अभियान दो जून को चलाया गया। कच्छी जिले के माच के सामान्य क्षेत्र में खुफिया आधारित ऑपरेशन के दौरान पांच आतंकवादियों को मार गिराया गया। कलात जिले के मार्गंड के सामान्य क्षेत्र में दो आतंकवादियों को ढेर कर दिया गया। पाकिस्तान की सेना ने कहा कि मारे गए सातों आतंकी ‘फितना अल हिंदुस्तान’ के हैं।

उल्लेखनीय है कि आतंकवाद परस्त पाकिस्तान लंबे समय से बलूचिस्तान के विद्रोहियों को ‘फितना अल हिंदुस्तान’ (विद्रोही और हिन्दुस्तान के एजेंट) कहकर इस राजनीतिक समस्या को धार्मिक रंग देने की कोशिश कर रहा है। साथ ही टीटीपी को भी ‘फितना अल खवारिज’ कहकर (धार्मिक अपशब्द) भारत का साथ देने वाला बताकर प्रलाप करता रहता है। सैन्य अधिकारी भी हुकूमत की हां में हां मिलाते हैं। डीजी आईएसपीआर लेफ्टिनेंट जनरल अहमद शरीफ चौधरी ने कहा कि बलूचिस्तान को कभी भी पाकिस्तान से अलग नहीं होने दिया जाएगा।

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बोगोटा (कोलंबिया), 31 मई (हि.स.)। आखिरकार कोलंबिया ने अपना आधिकारिक बयान वापस ले लिया। इस बयान में भारतीय हमलों के बाद पाकिस्तान में हुई मौतों पर संवेदना व्यक्त की गई थी। भारतीय संसदीय सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व कर रहे शशि थरूर ने कोलंबिया के आधिकारिक बयान पर चिंता जताते हुए कहा था कि हम (भारत) कोलंबिया सरकार की प्रतिक्रिया से कुछ निराश हैं।

भारतीय प्रतिनिधिमंडल से मुलाकात के बाद कोलंबिया की उप विदेशमंत्री योलांडा विलाविसेनियो ने कहा, “हमें पूरा विश्वास है कि आज हमें जो स्पष्टीकरण मिला है और वास्तविक स्थिति, संघर्ष और कश्मीर में जो कुछ हुआ, उसके बारे में अब हमारे पास जो विस्तृत जानकारी है, उसके आधार पर हम बातचीत जारी रख सकते हैं।” थरूर ने कोलंबिया के आधिकारिक बयान वापस लेने पर खुशी जताई है। उन्होंने कहा कि आतंकवाद का भला कौन समर्थन कर सकता है।

इसके अलावा पाकिस्तान के पांखड का जवाब देने के लिए पश्चिमी अफ्रीका के देश सिएरा लियोन पहुंचे भारतीय संसदीय सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल ने कार्यवाहक विदेशमंत्री फ्रांसेस पी. अल्घाली से चर्चा की। प्रतिनिधिमंडल ने उन्हें पहलगाम आतंकी हमले में पाकिस्तान की प्रत्यक्ष भूमिका के विभिन्न पहलुओं से अवगत कराया। इस मौके पर अल्घाली ने भारत के आतंकवाद से लड़ने और शांति बनाए रखने के समन्वित प्रयासों का समर्थन किया। प्रतिनिधिमंडल की सदस्य भाजपा सांसद बांसुरी स्वराज सिएरा लियोन यात्रा का संक्षिप्त ब्योरा एक्स हैंडल पर साझा किया है।

फ्रीटाउन में भाजपा सांसद बांसुरी स्वराज ने पाकिस्तान को आगाह करते कहा कि यह नया भारत है। यह नया भारत रुकता नहीं है। झुकता नहीं है। गुनाह के लिए माफ नहीं करता। नया भारत मुंहतोड़ जवाब देने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद के खिलाफ हर तरह की कार्रवाई करने में नया भारत सक्षम है। आतंकवाद वैश्विक मुद्दा है। इसलिए भारतीय प्रतिनिधिमंडल विभिन्न देशों की यात्रा कर रहे हैं।

इस प्रतिनिधिमंडल के दूसरे सदस्य बीजू जनता दल सांसद सस्मित पात्रा ने कहा कि पहलगाम हमला दुखदायी है। उन्होंने कहा कि एक आतंकवादी आता है। पति से उसका धर्म पूछता है और उसे गोली मार देता है। पत्नी कहती है कि मुझे भी मार दो, मैं क्यों जीऊं? आतंकवादी पलटकर महिला से कहता है, मैं तुम्हें नहीं मारूंगा, जाओ और अपनी सरकार को यह बताओ। फिर ऑपरेशन सिंदूर आया। हमने पाकिस्तान में घुसकर उन पर हमला किया। यह नया भारत है। यकीन मानिए कि यह नया भारत है और हम नए भारत का चेहरा हैं।

कोपेनहेगन (डेनमार्क) शिवसेना (यूटीबी) सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने कहा कि वह मुंबई शहर से हैं। मुंबई में आतंकी हमले हुए, कितनी महिलाएं अपने पतियों के बिना रह गईं? एक महिला के तौर पर, इसने मुझ पर असर डाला है। इसने पाकिस्तान के प्रति मेरी अपनी भूमिका बदल दी है।

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वाशिंगटन, 22 मई (हि.स.)। अमेरिका की राजधानी वाशिंगटन के कैपिटल यहूदी संग्रहालय के पास हुई गोलीबारी से सनसनी फैल गई। गोली इजराइल के दूतावास के कर्मचारियों को लगी है। गोलीबारी में दो लोगों की मौत हो गई। एक व्यक्ति घायल बताया जा रहा है। बुधवार रात यह गोलीबारी एफबीआई के वाशिंगटन फील्ड ऑफिस के सामने सड़क पर हुई। दूतावास के प्रवक्ता ने साफ किया है कि राजदूत सुरक्षित हैं। वह गोलीबारी के समय वहां पर नहीं थे।

कैपिटल यहूदी संग्रहालय के पास गोली मारी गई
सीएनएन चैनल की खबर के अनुसार, माना जा रहा है कि पीड़ित व्यक्ति इजराइल के दूतावास के कर्मचारी हैं। इनको कैपिटल यहूदी संग्रहालय के पास गोली मारी गई। कानून प्रवर्तन सूत्रों ने इसकी पुष्टि की है। सूत्रों ने बताया कि दो लोगों की मौत हो गई और उनमें से एक व्यक्ति के दूतावास से जुड़े होने की आशंका है। वाशिंगटन डीसी पुलिस ने कहा कि वह एफबीआई के वाशिंगटन फील्ड ऑफिस के सामने सड़क पर हुई गोलीबारी की जांच कर रही है। यह स्थान कैपिटल यहूदी संग्रहालय के पास स्थित है। इजराइली दूतावास के मिलकर कानून प्रवर्तन एजेंसी जांच कर रही है।

इजराइल के राजदूत सुरक्षित
दूतावास के प्रवक्ता ने कहा है कि इजराइल के राजदूत सुरक्षित हैं। वह गोलीबारी के समय उस स्थान पर नहीं थे। अमेरिकी अटॉर्नी जनरल पाम बॉन्डी ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट में कहा कि सूचना मिलते ही वह कार्यवाहक अमेरिकी अटॉर्नी जीनिन पिरो के साथ कैपिटल यहूदी संग्रहालय पहुंचे।

संयुक्त राष्ट्र में इजराइल के राजदूत डैनी डैनन ने एक्स हैंडल पर बयान में कहा, ”वाशिंगटन डीसी में यहूदी संग्रहालय में आयोजित कार्यक्रम के बाहर हुई घातक गोलीबारी में इजराइली दूतावास के कर्मचारी भी घायल हुए हैं। यह यहूदी विरोधी आतंकवाद का घृणित कृत्य है।” अमेरिकी यहूदी समिति के सीईओ टेड ड्यूच ने कहा कि उनके संगठन ने बुधवार शाम संग्रहालय में एक कार्यक्रम आयोजित किया था। उन्होंने कहा कि इस घटना से वह स्तब्ध हैं। कार्यक्रम स्थल के बाहर हिंसा की यह अकल्पनीय घटना है।

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येरुशलम, 21 मई (हि.स.)। इजराइली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने बुधवार रात एक महत्वपूर्ण प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए कहा कि इजराइल ने हमास के खिलाफ अपने “स्पष्ट और न्यायसंगत लक्ष्य” में अब तक काफी कुछ हासिल किया है, लेकिन अभी “काम पूरा नहीं हुआ है”।

नेतन्याहू ने बताया कि इजराइली सेना ने हमास के शीर्ष नेता याह्या सिनवार और उनके भाई मोहम्मद सिनवार को मार गिराया है। सिनवार को 07 अक्टूबर 2023 को इजराइल पर हुए हमले का मुख्य मास्टरमाइंड माना जाता है।

प्रधानमंत्री नेतन्याहू ने कहा कि इजराइल ने गाजा के दक्षिणी हिस्से में दुश्मन पर जबरदस्त प्रहार किया है और भारी अंतरराष्ट्रीय दबाव के बावजूद युद्ध को जारी रखा है। उन्होंने खुलासा किया कि ऑपरेशन गिडीऑन के तहत इजराइल ने युद्ध के अगले चरण की शुरुआत कर दी है। उनके अनुसार, “इस अभियान के अंत में गाजा पट्टी का संपूर्ण क्षेत्र इजराइल की सुरक्षा नियंत्रण में होगा।”

अमेरिका के साथ पूर्ण समन्वय
नेतन्याहू ने ईरान को “इजराइल के लिए अब भी एक बड़ा खतरा” बताते हुए कहा कि उनकी सरकार अमेरिका के साथ पूर्ण समन्वय में है ताकि ईरान को परमाणु हथियार प्राप्त करने से रोका जा सके। उन्होंने दो टूक कहा, “अगर जरूरत पड़ी तो इजराइल अपनी रक्षा खुद करेगा।”

प्रेस कॉन्फ्रेंस में नेतन्याहू ने गाजा में एक नई तीन-चरणीय मानवीय सहायता योजना की घोषणा की, जिसे अमेरिका के सहयोग से लागू किया जाएगा। इसके तहत आवश्यक खाद्य सामग्री की आपूर्ति; अमेरिकी कंपनियों द्वारा स्थापित वितरण केंद्र, जिनकी सुरक्षा इजराइली बलों द्वारा की जाएगी और दक्षिणी गाजा में एक ‘स्टरल जोन’ स्थापित करना जहां नागरिकों को संपूर्ण मानवीय सहायता मिलेगी। उन्होंने कहा, “हमारे सबसे करीबी मित्र भी हथियार भेजने को तैयार हैं, लेकिन मानवीय संकट को बर्दाश्त नहीं कर सकते।”

नेतन्याहू ने कहा कि इजराइल युद्ध को समाप्त करने के लिए तैयार है, लेकिन केवल तभी जब इजराइल की सुरक्षा सुनिश्चित हो, बंधकों की वापसी हो और और हमास नेतृत्व गाजा छोड़ दे। उन्होंने यह भी कहा कि गाजा को “पूरी तरह से निरस्त्र” किया जाना चाहिए और इजराइल “ट्रम्प योजना” का अधिकतम लाभ उठाएगा। इस योजना के अंतर्गत, जो गाजा निवासी बाहर जाना चाहते हैं, उन्हें बाहर जाने दिया जाएगा।

प्रेस कॉन्फ्रेंस के आखिर में नेतन्याहू ने अपनी प्रतिबद्धता दोहराते हुए कहा कि “जो लोग हमसे युद्ध रोकने की मांग कर रहे हैं, वे दरअसल हमास को गाजा में बनाए रखने की वकालत कर रहे हैं। हम ऐसा नहीं होने देंगे।”

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ल्हासा, 12 मई (हि.स.)। तिब्बत में आज तड़के भूकंप के तेज झटकों ने सो रहे लोगों को हिलाकर रख दिया। भारतीय समयानुसार आज सुबह 2:41 बजे तिब्बत में रिक्टर स्केल पर 5.7 तीव्रता का भूकंप दर्ज किया गया। इसका असर भारत के उत्तर प्रदेश और बिहार के सीमावर्ती इलाकों तक महसूस किया गया। झटके महसूस होते ही यहां के लोग दहशत में अपने घरों से बाहर निकल आए।

भारत के राष्ट्रीय भूकंप विज्ञान केंद्र के अनुसार, भूकंप का केंद्र 29.02° उत्तरी अक्षांश और 87.48° पूर्वी देशांतर पर स्थित था और इसकी गहराई जमीन पर करीब 10 किलोमीटर थी। यह इलाका हिमालयी भूगर्भीय क्षेत्र में आता है। भूकंप लिए क्षेत्र को अत्यधिक संवेदनशील माना जाता है। यहां अकसर भूकंप के झटके महसूस किए जाते हैं।

झटकों से लोग नींद से जाग गए
बताया गया है कि उत्तर प्रदेश और बिहार के सीमावर्ती जिलों में अचानक आए झटकों से लोग नींद से जाग गए और आनन-फानन में घर छोड़कर बाहर आ गए। सोशल मीडिया पर कई लोगों ने अपने अनुभव साझा किए और बताया कि किस तरह भूकंप के झटकों ने उन्हें डराया।

फिलहाल राहत की बात यह है कि इस भूकंप से किसी तरह के जान-माल के नुकसान की कोई खबर नहीं है। राष्ट्रीय भूकंप विज्ञान केंद्र और स्थानीय प्रशासन स्थिति पर लगातार नजर बनाए हुए हैं। किसी भी अप्रिय घटना से निपटने के लिए सतर्कता बरती जा रही है।

Earthquake in Tibet, tremors felt in border areas of Uttar Pradesh and Bihar
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नई दिल्ली/बीजिंग, 11 मई (हि.स.)। भारत-पाकिस्तान के मध्य युद्धविराम की घोषणा के बाद राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) अजीत डोभाल और चीन के विदेश मंत्री वांग यी के बीच शनिवार देर रात अहम टेलीफोनिक वार्ता हुई। इस बातचीत का केंद्र बिंदु हाल ही में हुए ‘ऑपरेशन सिंदूर’ और क्षेत्रीय शांति रहा।

डोभाल ने वांग यी को स्पष्ट किया कि पहलगाम आतंकी हमले में भारतीय नागरिकों की गंभीर क्षति के बाद आतंकवाद के खिलाफ कार्रवाई आवश्यक थी। उन्होंने कहा, “भारत युद्ध नहीं चाहता, यह हमारी पसंद नहीं थी, लेकिन आतंकी हमले के जवाब में एक्शन जरूरी था।” उन्होंने आशा जताई कि भारत और पाकिस्तान दोनों जल्द ही युद्धविराम के प्रति पूरी प्रतिबद्धता के साथ क्षेत्र में शांति और स्थिरता बहाल करेंगे।

चीन के विदेश मंत्री वांग यी ने इस बातचीत में पहलगाम आतंकी हमले की निंदा की और कहा कि चीन आतंकवाद के सभी रूपों का विरोध करता है। उन्होंने कहा, “वर्तमान वैश्विक परिदृश्य अस्थिर है और एशियाई क्षेत्र में शांति और स्थिरता को बनाए रखना एक बड़ी चुनौती है। भारत और पाकिस्तान दोनों चीन के पड़ोसी हैं और इन्हें आपस में सहयोग और संवाद के रास्ते पर चलना चाहिए।”

वांग यी ने डोभाल के इस रुख की सराहना की कि युद्ध भारत की प्राथमिकता नहीं है। उन्होंने उम्मीद जताई कि भारत और पाकिस्तान संयम बरतते हुए संवाद और परामर्श के माध्यम से अपने मतभेदों का समाधान निकालेंगे और तनाव को बढ़ने से रोकेंगे।

उन्होंने कहा, “चीन भारत और पाकिस्तान के बीच व्यापक और स्थायी युद्धविराम का समर्थन करता है। यह दोनों देशों के साथ-साथ पूरे अंतरराष्ट्रीय समुदाय की भी इच्छा है।”

उल्लेखनीय है कि बीते दिनों भारत द्वारा पाकिस्तान के आतंकी ठिकानों पर की गई कार्रवाई ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के बाद क्षेत्र में तनाव बढ़ गया था। अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा सीजफायर की घोषणा की गई और अब चीन की मध्यस्थता की भूमिका से स्थिति में कूटनीतिक हलचल तेज हो गई है।

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क्वेटा, 09 मई (हि.स.)। भारत के जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में बाईस अप्रैल को आतंकवादी हमला करवाकर पाकिस्तान बुरी तरह फंस गया है। इस हमले से दोनों के बीच के सैन्य टकराव पर सारी दुनिया की नजर है। इस बीच पाकिस्तान के दक्षिण-पश्चिम में स्थित बलूचिस्तान प्रांत में स्वतंत्रता की गूंज उठने से दहशतगर्द मुल्क के हाथों से तोते उड़ते नजर आ रहे हैं। बलूचिस्तान की राजधानी क्वेटा पाकिस्तान का नौवां सबसे बड़ा शहर है। लेखक मीर यार बलोच की आजादी की घोषणा से पाकिस्तान में खलबली मच गई है।

पाकिस्तान के बलूचिस्तान के प्रतिष्ठित लेखक मीर यार बलोच ने एक्स पोस्ट में बलूचिस्तान की आजादी का एलान किया है। उन्होंने कहा कि आतंकवादी पाकिस्तान के पतन के निकट होने के कारण जल्द ही संभावित घोषणा की जानी चाहिए। उन्होंने भारत से अनुरोध किया कि वह बलूचिस्तान के आधिकारिक कार्यालय और दिल्ली में दूतावास की अनुमति दे। उन्होंने संयुक्त राष्ट्र से भी अनुरोध किया है कि वह बलूचिस्तान के लोकतांत्रिक गणराज्य की स्वतंत्रता को मान्यता दे और अपना समर्थन देने के लिए संयुक्त राष्ट्र के सभी सदस्यों की बैठक बुलाए।

उन्होंने कहा कि संयुक्त राष्ट्र को बलूचिस्तान में अपने शांति मिशन को तुरंत भेजना चाहिए, जिससे पाकिस्तान की कब्जे वाली सेना से बलूचिस्तान के क्षेत्रों, वायु क्षेत्र और समुद्र को खाली करने और सभी हथियार और संपत्ति बलूचिस्तान में छोड़ने के लिए कहे। मीर यार बलोच ने कहा कि अब सेना, फ्रंटियर कोर, पुलिस, सैन्य खुफिया, आईएसआई और नागरिक प्रशासन में सभी गैर-बलूच कर्मियों को तुरंत बलूचिस्तान छोड़ देना चाहिए। साथ ही बलूचिस्तान का नियंत्रण जल्द ही स्वतंत्र बलूचिस्तान राज्य की नई सरकार को सौंप दिया जाए।

मीर यार ने कहा कि जल्द ही अंतरिम सरकार की घोषणा होगी। मंत्रिमंडल में बलूच महिलाओं का पर्याप्त प्रतिनिधित्व होगा। बलूचिस्तान की स्वतंत्र सरकार का राजकीय समारोह जल्द ही आयोजित किया जाएगा। मित्र देशों के राष्ट्राध्यक्षों को राष्ट्रीय परेड देखने के लिए आमंत्रित किया जाएगा। हम उनसे आशीर्वाद मांगेंगे।

उन्होंने बलूचिस्तान में रहने वाले हिंदू समुदाय को आश्वस्त किया है कि वे निश्चिंत रहें। उन्हें और हिंगलाज माता मंदिर सहित उनके सभी धार्मिक स्थलों को पाकिस्तानी सेना के आतंकवाद और आक्रमण से बचाया जाएगा। बलूचिस्तान, पाकिस्तान की कायर सेना को ऐसा बड़ा सबक सिखाने में सक्षम है, जिसे उसके उसकी सात पीढ़ियां कभी नहीं भूलेंगी। बलूचिस्तान में अब कोई भी पाकिस्तानी किसी हिंदू से कलमा पढ़ने के लिए कहने और उसकी पत्नी और बच्चों के सामने उसकी हत्या करने की हिम्मत नहीं करेगा।

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इस्लामाबाद/क्वेटा, 08 मई (हि.स.)। पाकिस्तान के बलूचिस्तान प्रांत की राजधानी क्वेटा में गुरुवार देर रात पाकिस्तानी सेना के खिलाफ संगठित और सिलसिलेवार हमले हुए। स्थानीय सूत्रों और प्रारंभिक मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, इन हमलों में कई सैन्य ठिकानों को निशाना बनाया गया है, जिसमें फ्रंटियर कोर का मुख्यालय, सुरक्षा चेक पोस्ट और हजारा टाउन की सेना पोस्ट शामिल हैं।

हथियारबंद हमलावरों ने क्वेटा स्थित फ्रंटियर कोर मुख्यालय मुख्यालय को निशाना बनाया। हमले से पहले कई जोरदार विस्फोट हुए और उसके बाद भीषण गोलीबारी की आवाजें सुनी गईं। सेना ने इलाके को घेर लिया है और जवाबी कार्रवाई की जा रही है।

जबकि क्वेटा के कंबरानी रोड स्थित सफर खान चेक पोस्ट पर भी कम से कम दो विस्फोट हुए। हमले की जिम्मेदारी फिलहाल किसी संगठन ने नहीं ली है, लेकिन यह क्षेत्र पहले भी आतंकी गतिविधियों के लिए संवेदनशील रहा है।

वहीं किरानी रोड स्थित हजारा टाउन की सेना पोस्ट पर भी हथियारबंद हमलावरों ने हमला किया। धमाकों और गोलीबारी की आवाजें पूरे इलाके में गूंजती रहीं। स्थानीय निवासियों में दहशत का माहौल है।

इन हमलों के बाद बलूचिस्तान सरकार ने क्वेटा में हाई अलर्ट घोषित कर दिया है। सेना और अर्धसैनिक बलों को हमलावरों की तलाश में कॉम्बिंग ऑपरेशन के निर्देश दिए गए हैं। शहर के कई हिस्सों में इंटरनेट सेवाएं अस्थायी रूप से बंद कर दी गई हैं और संवेदनशील इलाकों में कर्फ्यू जैसे प्रतिबंध लगाए गए हैं।

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वेटिकन सिटी, 09 मई (हि.स.)। वेटिकन ने आज अपना नया पोप कार्डिनल रॉबर्ट प्रीवोस्ट को चुन लिया। कैथोलिक प्रमुख के सर्वोच्च पद पर पहुंचने वाले रॉबर्ट प्रीवोस्ट पहले अमेरिकी कार्डिनल हैं। अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने इसे संयुक्त राज्य अमेरिका के लिए सबसे बड़ा सम्मान बताया है। दिवंगत पोप फ्रांसिस के उत्तराधिकारी के रूप में उनका चुनाव मतदान के जरिये किया गया। उन्हें पोप लियो के नाम से जाना जाएगा।

सीएनएन की खबर के अनुसार, सेंट पीटर बेसिलिका की बालकनी से पोप के रूप में अपनी पहली टिप्पणी में उन्होंने शांति का आह्वान किया और दिवंगत पोप फ्रांसिस को जनसमूह के सामने श्रद्धांजलि अर्पित की। संयुक्त राज्य अमेरिका के कार्डिनल रॉबर्ट फ्रांसिस प्रीवोस्ट को 267वां पोप चुना गया है। वह जल्द ही दुनिया के 1.4 अरब कैथोलिकों के नए नेता के रूप में सेंट पीटर बेसिलिका की बालकनी में आधिकारिक रूप से कदम रखेंगे।

शिकागो के 69 वर्षीय प्रीवोस्ट वैश्विक अनुभव वाले नेता हैं। उन्होंने अपने करियर का अधिकांश समय दक्षिण अमेरिका में एक मिशनरी के रूप में बिताया और पेरू में बिशप के रूप में कार्य किया। उन्होंने हाल ही में बिशप नियुक्तियों के लिए एक शक्तिशाली वेटिकन कार्यालय का नेतृत्व किया। उनसे पोप फ्रांसिस के सुधारों को आगे बढ़ाने की उम्मीद है।

133 वोटिंग कार्डिनल थे और उनमें से किसी एक को अगला पोप बनने के लिए दो-तिहाई वोट की आवश्यकता थी। आज दोपहर की शुरुआत में सिस्टिन चैपल के ऊपर सफेद धुआं निकला जो एक नए पोप के चयन का संकेत दे रहा था। वह मतदान में बाजी मार गए। रॉबर्ट प्रीवोस्ट का जन्म 1955 में शिकागो के इलिनोइस में हुआ था।

प्रीवोस्ट ने पेंसिल्वेनिया के विलानोवा विश्वविद्यालय से गणित में स्नातक की उपाधि प्राप्त की और शिकागो के कैथोलिक थियोलॉजिकल यूनियन से धर्मशास्त्र में डिप्लोमा प्राप्त किया। बाद में उन्हें पोंटिफिकल सेंट थॉमस एक्विनास विश्वविद्यालय में कैनन कानून का अध्ययन करने के लिए रोम भेजा गया और जून 1982 में एक पुजारी के रूप में नियुक्त किया गया। यह कहा जाता है कि अमेरिका के अत्यधिक वैश्विक राजनीतिक प्रभाव के कारण कार्डिनल निर्वाचक हमेशा अमेरिका से पोप चुनने से कतराते हैं। उन्होंने इसे गलत साबित कर दिया।

राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने इसका जश्न मनाया कि कार्डिनल्स के कॉलेज ने अपना पहला अमेरिकी पोप शिकागो के कार्डिनल रॉबर्ट प्रीवोस्ट को चुना। उन्होंने कहा कि यह देश के लिए बड़ा सम्मान है। लियो ने उन्हें पोप के रूप में चुनने के लिए अपने कार्डिनल भाइयों का आभार जताया है।

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न्यूयॉर्क, 06 मई (हि.स.)। अमेरिका के कोलंबिया विश्वविद्यालय ने पुलित्जर पुरस्कार विजेताओं की घोषणा कर दी। द न्यूयॉर्क टाइम्स की झोली में सोमवार को चार पुरस्कार आए । इनमें डोनाल्ड ट्रंप की हत्या के प्रयास की तस्वीरें भी शामिल हैं। न्यूयॉर्क टाइम्स ने सूडान के गृहयुद्ध, अफगानिस्तान में अमेरिकी विफलताओं और शहर के घातक ओपियोइड संकट की बाल्टीमोर बैनर के साथ जांच पर रिपोर्टिंग के लिए भी पुरस्कार जीता। प्रोपब्लिका को सार्वजनिक सेवा पुरस्कार दिया गया। पुलित्जर पुरस्कार पत्रकारिता के लिए 15 और कला क्षेत्र में आठ श्रेणियों में प्रदान किया जाता है। पुरस्कार विजेता को प्रमाण पत्र और 15,000 डॉलर की राशि प्रदान की जाती है।

द न्यूयॉर्क टाइम्स ने घातक ओपियोइड संकट की जांच के लिए गैर-लाभकारी समाचार आउटलेट द बाल्टीमोर बैनर के साथ मिलकर भी पुरस्कार जीता। द न्यू यॉर्कर ने कमेंट्री और फीचर फोटोग्राफी के साथ-साथ अपने खोजी पॉडकास्ट इन द डार्क के लिए तीन पुरस्कार जीते। प्रोपब्लिका ने देश भर में राज्य गर्भपात प्रतिबंधों के प्रभाव की कवरेज के लिए सार्वजनिक सेवा के लिए पुरस्कार जीता। इसे पुलित्जर में सबसे प्रतिष्ठित माना जाता है। रिपोर्टर कविता सुराना, लिजी प्रेसर, कैसंड्रा जारामिलो और फोटोग्राफर स्टेसी क्रैनिट्ज ने मृत्यु प्रमाणपत्रों और अस्पताल के रिकॉर्ड का उपयोग करके यह पता लगाया कि कैसे प्रतिबंधों ने माताओं की रोकी जा सकने वाली मौतों को सीधे तौर पर जन्म दिया।

द वाशिंगटन पोस्ट के कर्मचारियों ने जुलाई में बटलर, पेनसिल्वेनिया में ट्रंप की रैली में उनकी हत्या के प्रयास की कवरेज के लिए ब्रेकिंग न्यूज रिपोर्टिंग का पुरस्कार जीता। वाशिंगटन पोस्ट की एन टेलनेस को सचित्र रिपोर्टिंग और टिप्पणी के लिए पुरस्कार दिया गया। कार्टूनिस्ट टेलनेस ने जनवरी में इस्तीफा दे दिया था। रॉयटर्स को फेंटेनल एक्सप्रेस के लिए खोजी रिपोर्टिंग पुरस्कार से सम्मानित किया गया। यह एक शृंखला अमेरिका के ओपियोइड संकट के पीछे नशीली दवाओं के व्यापार की जांच करती है। दुनिया के सबसे अमीर आदमी एलन मस्क की कवरेज के लिए द वॉल स्ट्रीट जर्नल के पत्रकारों को राष्ट्रीय रिपोर्टिंग पुरस्कार मिला। कवरेज ने रूढ़िवादी राजनीति में मस्क के प्रभाव, अवैध दवाओं के उपयोग और रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ बातचीत के बारे में विवरण प्रकट किया।

द न्यूयॉर्क टाइम्स के आजम अहमद, क्रिस्टीना गोल्डबाम और मैथ्यू ऐकिंस ने अफगानिस्तान में युद्ध के परिणामों की जांच के लिए रिपोर्टिंग पुरस्कार जीता। डेक्लेन वाल्श और द न्यूयॉर्क टाइम्स के पत्रकारों ने सूडान में चल रहे गृहयुद्ध की कवरेज के लिए अंतरराष्ट्रीय रिपोर्टिंग का पुरस्कार जीता। न्यूयॉर्क टाइम्स के डग मिल्स ने पिछले वर्ष राष्ट्रपति ट्रंप की हत्या के प्रयास की तस्वीरें लेने के लिए ब्रेकिंग न्यूज फोटोग्राफी पुरस्कार जीता, जिसमें एक तस्वीर में गोली भी दिखाई दे रही थी।

द बाल्टीमोर बैनर और द न्यूयॉर्क टाइम्स की एलिसा झू, निक थिएम और जेसिका गैलाघर को खोजी रिपोर्टिंग पुरस्कार से सम्मानित किया गया।

फीचर लेखन का पुरस्कार एस्क्वायर पत्रिका के योगदानकर्ता मार्क वारेन को मिला। द न्यू यॉर्कर के मोसाब अबू तोहा को गाजा पट्टी में अनुभव आधारित निबंधों के लिए सम्मानित किया गया। आलोचना के लिए ब्लूमबर्ग सिटीलैब की लेखिका एलेक्जेंड्रा लैंग को पुरस्कृत किया गया। ह्यूस्टन क्रॉनिकल के राज मनकाड, शेरोन स्टीनमैन, लिसा फाल्केनबर्ग और लीह बिंकोविट्ज को खतरनाक रेल क्रॉसिंग और अवरुद्ध चौराहों के बारे में एक शृंखला के लिए संपादकीय लेखन पुरस्कार से सम्मानित किया गया। कला और साहित्य के लिए पुरस्कारों में पर्सीवल एवरेट के उपन्यास जेम्स को फिक्शन पुरस्कार से सम्मानित किया गया। ब्रैंडन जैकब्स-जेनकिंस के पर्पस ने ड्रामा पुरस्कार जीता। यह नाटक नागरिक अधिकार आंदोलन से जुड़े एक प्रमुख अश्वेत परिवार के भीतर के एक समझौते पर आधारित है।

इतिहास पुरस्कार कैथलीन डुवैल की किताब नेटिव नेशंस: ए मिलेनियम इन नॉर्थ अमेरिका और एडा एल. फील्ड्स-ब्लैक की कॉम्बी: हैरियट टबमैन, द कॉम्बाही रिवर रेड, एंड ब्लैक फ्रीडम ड्यूरिंग द सिविल वॉर को दिया गया। जीवनी पुरस्कार लेखक जेसन रॉबर्ट्स को एवरी लिविंग थिंग: द ग्रेट एंड डेडली रेस टू नो ऑल लाइफ के लिए दिया गया। टेसा हल्स को आत्मकथा पुरस्कार दिया गया। बेंजामिन नाथन्स की पुस्तक टू द सक्सेस ऑफ आवर होपलेस कॉज: द मेनी लाइव्स ऑफ द सोवियत डिसिडेंट मूवमेंट को सामान्य नॉनफिक्शन पुरस्कार से सम्मानित किया गया। कविता पुरस्कार मैरी होवे की को मिला। सुसी इबारा संगीत के क्षेत्र में पुरस्कार दिया गया।

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न्यूयॉर्क, 01 मई (हि.स.)। पिछले महीने अप्रैल की 22 तारीख को भारत के जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद ‘गुनाहों के कठघरे’ में घिरा पाकिस्तान अब अमेरका की शरण में पहुंचा है। उसने राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की तारीफ में कसीदे पढ़ते हुए कहा कि वह ही भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव को कम करने में मदद कर सकते हैं।

पाकिस्तान के ‘एआरवाई न्यूज’ चैनल की खबर के अनुसार, संयुक्त राज्य अमेरिका में पाकिस्तान के राजदूत रिजवान सईद शेख ने अमेरिकी पत्रिका न्यूजवीक को दिए साक्षात्कार में अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप को शांतिदूत की संज्ञा देते हुए मदद की गुहार लगाई है। शेख ने राष्ट्रपति ट्रंप से आग्रह किया है कि वे भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव को कम करने में मदद करें, क्योंकि अमेरिकी नेता यूरोप और मध्य पूर्व में संघर्षों को हल करने का प्रयास कर रहे हैं।

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रिजवान सईद शेख ने कहा, ”हमारे पास आपके रूप में एक ऐसा राष्ट्रपति है जो दुनिया में शांति के लिए खड़ा है। आपने युद्धों को समाप्त कराया है। युद्धों का विरोध किया है। विवादों को सुलझाने में बड़ी भूमिका निभाई है। आप सचमुच कश्मीर विवाद का हल करवा सकते हैं। आज भारत और पाकिस्तान दोनों परमाणु क्षमता रखते हैं। इसलिए, आपका दखल जरूरी है।” 

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