न्यूयार्क, 21 सितंबर (हि.स.)। पुर्तगाल के राष्ट्रपति मार्सेलो रेबेलो डी सूसा ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) में भारत और ब्राजील की स्थायी सदस्यता का समर्थन किया है। उन्होंने कहा कि भारत और ब्राजील जैसे देशों को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता है। इससे पहले तुर्किये के राष्ट्रपति रेसेप तैयप एर्दोगन ने भी सुरक्षा परिषद के लिए भारत की दावेदारी को समर्थन किया। हालांकि एर्दोगन ने एक बार फिर कश्मीर का मुद्दा उठाया।

संयुक्त राष्ट्र महासभा के 78वें सत्र को संबोधित करते हुए पुर्तगाल के राष्ट्रपति ने कहा कि पुर्तगाल ने भारत और ब्राजील जैसे देशों को स्थायी सदस्य बनाने का समर्थन दिया है और यह निर्णय होना चाहिए।

उन्होंने वित्तीय संस्थानों में सुधार का आह्वान किया और कहा कि ये संस्थाएं समानता और न्याय के साथ सतत विकास के लिए वित्तीय सहायता देने में अक्षम हैं। गरीब देशों पर अमीरों को प्राथमिकता मिलती है। उन्होंने कहा कि पुर्तगाल संयुक्त राष्ट्र के घोषणापत्र को सम्मान करता है।

पुर्तगाल जलवायु परिवर्तन के खिलाफ संघर्ष का समर्थन करता है और हरित ऊर्जा को बढ़ावा देने के लिए डीकार्बोनाइजेशन को आगे बढ़ाने का प्रयास कर रहा है। वैश्विक व्यवस्थाओं में सुधार का मुद्दा भारत और भारतीय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी लगातार वैश्विक मंचों पर उठाते रहे हैं।

इससे पहले तुर्किये के राष्ट्रपति रेसेप तैयप एर्दोगन ने भी सुरक्षा परिषद के लिए भारत की दावेदारी को समर्थन किया। इस दौरान उन्होंने कहा कि भारत जैसे देश को सुरक्षा परिषद का स्थायी सदस्य बनाए जाने पर उनके देश को गर्व होगा।

हालांकि तुर्किये के राष्ट्रपति एर्दोगन ने संयुक्त राष्ट्र महासभा (यूएनजीए) में एक बार फिर कश्मीर का मुद्दा उठाया है। इस दौरान उन्होंने कहा कि दक्षिण एशिया में शांति, स्थायित्व और समृद्धि के लिए कश्मीर के मुद्दे पर भारत और पाकिस्तान के बीच बातचीत व सहयोग जरूरी है। तुर्किये के राष्ट्रपति की यह टिप्पणी हाल ही में जी-20 शिखर सम्मेलन के दौरान प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के साथ दोनों देशों के बीच व्यापारिक और बुनियादी ढांचा संबंध मजबूत करने को लेकर हुई बातचीत के बाद आई है।

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नई दिल्ली, 13 सितम्बर (हि.स.)। बेल्जियम में भारत के राजदूत संतोष झा को श्रीलंका में भारत का उच्चायुक्त नियुक्त किया गया है। वह गोपाल बागले का स्थान लेंगे, जिन्हें ऑस्ट्रेलिया का उच्चायुक्त बनाया गया है।

विदेश मंत्रालय के अनुसार वह जल्द ही अपना पदभार ग्रहण करेंगे। झा बेल्जियम से पहले उज्बेकिस्तान में भारत के राजदूत थे।

झा ने नई दिल्ली में विदेश मंत्रालय (एमईए) और मॉस्को, व्लादिवोस्तोक, न्यूयॉर्क, ब्रुसेल्स और कोलंबो सहित विदेशों में भारत के मिशन में विभिन्न पदों पर कार्य किया है।

राजदूत झा भारत-यूरोपीय संघ द्विपक्षीय व्यापार और निवेश समझौते (बीटीआईए) और भारत-श्रीलंका व्यापक आर्थिक साझेदारी समझौते (सीईपीए) के लिए बातचीत में निकटता से शामिल रहे हैं। राजदूत झा ने 2009 में उस देश में नागरिक संघर्ष की समाप्ति के बाद, भारत और श्रीलंका के बीच विकास सहयोग की रूपरेखा तैयार करने में भी मदद की थी।

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बेल्जियम, 08 सितम्बर (हि.स.)। कांग्रेस नेता राहुल गांधी विदेश यात्रा पर हैं। यहां एक पत्रकार वार्ता में राहुल ने कहा कि विपक्षी दल, रूस और यूक्रेन संघर्ष के मुद्दे पर भारत सरकार के पक्ष को सही मानते हैं। भारत एक बड़ा देश है और उसे अपनी प्राथमिकताओं पर अन्य देशों के साथ संबंध बनाने का हक है।

तेल खरीद से जुड़े एक प्रश्न का उत्तर देते हुए राहुल गांधी ने कहा कि भारत के रूस के साथ बेहतर संबंध हैं। विपक्ष का इस मामले पर सरकार के साथ कोई मतभेद नहीं है। राहुल से पूछा गया था कि भारत पश्चिमी देशों के प्रतिबंधों के बावजूद रूस से तेल खरीद कर रहा है।

चीन के मुद्दे पर राहुल गांधी ने कहा कि भारत को उत्पादन के क्षेत्र में चीन का विकल्प बनना होगा। इस दिशा में प्रयास किए जाने की जरूरत है। चीन अपने नागरिकों को समृद्धि दे रहा है लेकिन उन्हें राजनीतिक आजादी नहीं है। भारत देश में उत्पादन को बढ़ा कर लोगों को आर्थिक और राजनीतिक दोनों तरह की आजादी दे सकता है। इस संबंध में भारत और यूरोप का सहयोग काफी कुछ मदद कर सकता है।

राहुल गांधी ने कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे को जी20 रात्रिभोज में आमंत्रित नहीं किए जाने के प्रश्न पर कहा कि भारतीय जनता पार्टी देश की 60 प्रतिशत आबादी को महत्व नहीं देती है।

कश्मीर के मुद्दे पर राहुल गांधी ने कहा कि कांग्रेस पार्टी राज्य का विकास चाहती है और चाहती है कि वहां शांति रहे। कश्मीर और देश के हर व्यक्ति को अपनी बात रखने का अवसर मिले। कांग्रेस कार्यसमिति भी इस संबंध में अनुच्छेद 370 पर प्रस्ताव पारित कर चुकी है।

इसके अलावा भारत बनाम इंडिया की बहस पर राहुल गांधी ने कहा कि यह केवल बांटने की कोशिश है। संविधान में स्पष्ट तौर पर लिखा है इंडिया जो कि भारत है। यह अपने आप में काफी है।

उल्लेखनीय है कि कांग्रेस नेता राहुल गांधी वर्तमान में यूरोप की यात्रा पर हैं। वे इस दौरान भारतीय समुदाय के लोगों और यूरोपीय नेताओं से मिलेंगे।

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नई दिल्ली, 29 अगस्त (हि.स.)। भारत में जी-20 शिखर सम्मेलन से पहले चीन ने क्षेत्रीय दावों को दर्शाते हुए नया आधिकारिक मानचित्र जारी किया है। इस नए नक्शे में भारत के पूर्वी राज्य अरुणाचल प्रदेश और अक्साई चिन क्षेत्र को चीन की सीमाओं के भीतर दिखाया गया है। चीन की सरकार ने यह नक्शा 28 अगस्त को जारी किया।

चीन के प्राकृतिक संसाधन मंत्रालय के इस नए नक्शे में अपनी पश्चिमी सीमाओं पर क्षेत्रीय दावे करने के साथ ही पूरे दक्षिण चीन सागर को कवर करने वाली तथाकथित ”नाइन-डैश लाइन” को पिछले संस्करणों की तरह मानचित्र पर दिखाया है। पिछले मानचित्रों की तरह एक ”दसवां डैश” ताइवान के पूर्व में रखा गया है, जो द्वीप पर बीजिंग के दावों को रेखांकित करता है।

नवीनतम मानचित्र अप्रैल में बीजिंग की घोषणा के बाद आया है कि वह अरुणाचल प्रदेश में 11 स्थानों के नामों को ”मानकीकृत” करेगा, जिसमें अरुणाचल प्रदेश की राजधानी ईटानगर के करीब का एक शहर भी शामिल है। यह अरुणाचल प्रदेश में स्थानों का ”नाम बदलने” वाली तीसरी ऐसी सूची थी। चीन का यह नया नक्शा तब सामने आया है, जब चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग के नई दिल्ली में 9-10 सितंबर को होने वाले जी-20 शिखर सम्मेलन में भाग लेने की उम्मीद है।

रिपोर्ट में कहा गया है कि सार्वजनिक उपयोग के लिए मानक मानचित्र जारी करने के बाद प्राकृतिक संसाधन मंत्रालय स्थान आधारित सेवाओं, सटीक कृषि, प्लेटफॉर्म अर्थव्यवस्था समेत विभिन्न क्षेत्रों में उपयोग के लिए ”डिजिटल मानचित्र और नेविगेशन और पोजिशनिंग” भी जारी करेगा। इस वर्ष पीपुल्स रिपब्लिक ऑफ चाइना के सर्वेक्षण और मानचित्रण कानून की 30वीं वर्षगांठ है, जिसे सर्वेक्षण और मानचित्रण प्रशासन को मजबूत करने और इसके विकास को बढ़ावा देने के लिए पारित किया गया था।

बीजिंग ने 2022 में एक नया सीमा कानून पारित करके सीमा क्षेत्रों के प्रबंधन को कड़ा कर दिया है, जो चीन में नागरिक और सैन्य अधिकारियों के लिए विभिन्न जिम्मेदारियों को सूचीबद्ध करता है। नए नाम जारी करना कानून के अनुच्छेद 7 से संबंधित है, जो सरकार के सभी स्तरों पर सीमा शिक्षा को बढ़ावा देने का आह्वान करता है। अनुच्छेद 22 चीनी सेना को सीमा पर अभ्यास करने और आक्रमण, अतिक्रमण और उकसावे को दृढ़ता से रोकने और मुकाबला करने के लिए कहता है। जारी किए गए नए नक्शे को इसी सीमा कानून से भी जोड़कर देखा जा रहा है।

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-टोक्यो से सीतामा तक कावंड़ियों का उल्लास, शिव मंदिर में जलाभिषेक

टोक्यो, 18 जुलाई (हि.स.)। दुनिया के तमाम देशों में होली, दीवाली और छठ जैसे आयोजन होते रहते हैं, किन्तु इस बार कांवड़ यात्रा भी सात समंदर पार जापान तक पहुंच गयी है। जापान की राजधानी टोक्यो से कांवड़ यात्रा निकाली गयी है। टोक्यो से सीतामा तक कावंड़ियों का उल्लास छाया रहा। बिहार से लाए गए गंगाजल से सीतामा के शिव मंदिर में भगवान भोलेनाथ का अभिषेक किया गया।

जानकारी के मुताबिक कांवड़ यात्रा का उत्साह इस बार जापान तक पहुंच गया है। पवित्र सावन माह में भगवान भोलेनाथ का गंगा जल से अभिषेक करने के लिए जापान की राजधानी टोक्यो से कांवड़ यात्रा शुरू हुई। बिहार-झारखंड एसोसिएशन ऑफ जापान और बिहार फाउंडेशन की पहल पर भारी संख्या में कावंड़िये कांवड़ यात्रा के साथ बम भोले का उद्घोष करते हुए निकले। जापान में भारत के राजदूत सीबी जॉर्ज ने मुख्य अतिथि के रूप में कावंड़ियों को विदा किया।

जापान में बिहार-झारखंड एसोसिएशन और बिहार फाउंडेशन के प्रमुख आनंद विजय सिंह ने बताया कि कांवड़ यात्रा के लिए बिहार के सुल्तानगंज से गंगाजल लाया गया है। टोक्यो के फुनाबोरी स्थित श्री राधा कृष्ण मंदिर से कांवड़ यात्रा शुरू हुई। यात्री सीतामा के शिव मंदिर तक कांधे पर पवित्र गंगाजल की कांवड़ लेकर सीतामा स्थित शिव मंदिर तक पहुंचे। वहां गंगा जल से भगवान महादेव का जलाभिषेक किया गया। रास्ते में जगह-जगह भारतवंशियों ने इन कांवड़ यात्रियों का स्वागत किया। कांवड़िये भी शिव के जयघोष में डूब कर भक्ति के गीत गाते चल रहे थे।

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– प्रधानमंत्री मोदी और राष्ट्रपति बाइडेन के बीच हुई द्विपक्षीय वार्ता
– प्रधानमंत्री मोदी और राष्ट्रपति बाइडन ने जारी किया साझा बयान
-भारत-अमेरिका की साझेदारी दुनिया की सबसे महत्वपूर्ण साझेदारी में से एक हैः बाइडन

वांशिगटन, 23 जून (हि.स.)। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन के बीच जारी द्विपक्षीय वार्ता पूरी हो गई है। दोनों नेताओं के बीच लगभग 2 घंटे तक बातचीत हुई। दोनों के बीच न्यू एनर्जी में साझेदारी बढ़ाने समेत कई अहम निर्णय लिया गया। दोनों नेताओं ने वैश्विक अनिश्चितताओं के बीच भारत-अमेरिका को भरोसेमंद साझेदार के तौर पर बनाने का निर्णय लिया है। द्विपक्षीय वार्ता के बाद प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि भारत-अमेरिका के डीएनए में लोकतंत्र है।

इससे पहले प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अपनी यात्रा के दूसरे दिन व्हाइट हाउस में राष्ट्रपति जो बाइडन से मुलाकात की। पीएम मोदी का बाइडन ने अपनी पत्नी के साथ व्हाइट हाउस में स्वागत किया। प्रधानमंत्री मोदी के साथ विदेश मंत्री जयशंकर और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल भी मौजूद रहे।

प्रधानमंत्री मोदी ने व्हाइट हाउस में अमेरिकी कैबिनेट से मुलाकात की। इस बीच, प्रधानमंत्री मोदी ने व्हाइट हाउस में भव्य स्वागत के लिए अमेरिकी राष्ट्रपति और प्रथम महिला जिल बाइडन का आभार जताया।

प्रधानमंत्री मोदी ने बाइडन के साथ साझा बयान जारी करते हुए कहा कि व्यापार और निवेश में अमेरिका-भारत साझेदारी न केवल दोनों देशों के लिए बल्कि वैश्विक अर्थव्यवस्था के लिए भी महत्वपूर्ण है। आज अमेरिका भारत का सबसे बड़ा व्यापार भागीदार है। हमने व्यापार से संबंधित लंबित मुद्दों को खत्म करने और एक नई शुरुआत करने का फैसला किया है।

अमेरिकी राष्ट्रपति बाइडन के साथ द्विपक्षीय वार्ता के बाद पीएम मोदी ने कहा कि आज का दिन भारत और अमेरिका के संबंधों के इतिहास में एक विशेष महत्व रखता है। मोदी ने कहा कि आज की हमारी चर्चा और हमारे द्वारा लिए गए महत्वपूर्ण निर्णयों से हमारी ग्लोबल स्ट्रैटेजिक पार्टनरशिप में एक नया अध्याय जुड़ा है। एक नई दिशा और एक नई ऊर्जा मिली है।

अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने कहा कि भारत और अमेरिका साथ मिलकर असीमित क्षमता वाले साझा भविष्य के दरवाजे खोल रहे हैं। स्वच्छ ऊर्जा परिवर्तन में तेजी लाने के लिए अंतरिक्ष उड़ान पर सहयोग और क्वांटम कंप्यूटिंग और कृत्रिम बुद्धिमत्ता पर सहयोग की जरूरत है। उन्होंने कहा कि एयर इंडिया द्वारा बोइंग विमान खरीदने के समझौते से अमेरिका में 10 लाख नौकरियों को मदद मिलेगी।

पीएम मोदी के साथ द्विपक्षीय वार्ता के बाद संयुक्त बयान में बाइडन ने कहा कि दोनों देशों की साझेदारी दुनिया की सबसे महत्वपूर्ण साझेदारी में से एक है।

इस अवसर पर विदेश मंत्री डा. एस जयशंकर, एनएसए अजीत डोभाल, विदेश सचिव विनय क्वात्रा और भारत के प्रतिनिधिमंडल के अन्य सदस्य प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन के संयुक्त प्रेस बयान से पहले पहुंचे।

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वाशिंगटन, 21 जून (हि.स.)। समुद्र में डूबे जहाज टाइटैनिक का मलबा दिखाने के लिए कुछ पर्यटकों को लेकर समुद्र के भीतर गई पनडुब्बी के गुम हो जाने के बाद उसकी तलाश कठिन हो गयी है। तेज तलाश के बीच बचाव कार्य में लगे लोगों को सुनाई दी कुछ आवाजों से उम्मीद जगी है।

ब्रिटेन के साउथैम्पटन से न्यूयॉर्क सिटी के लिए अपनी यात्रा पर 10 अप्रैल, 1912 को टाइटैनिक जहाज सफर पर निकला था और चार दिनों के बाद 14 अप्रैल, 1912 की आधी रात एक आइसबर्ग से टकराकर यह जहाज उत्तरी अटलांटिक महासागर में डूब गया था। बीते रविवार को इसी टाइटैनिक का मलबा दिखाने के लिए एक पनडुब्बी उत्तरी अटलांटिक में गयी, किन्तु पानी में उतरने के दो घंटे के भीतर ही गायब हो गयी। रविवार से ही इस पनडुब्बी का कुछ पता नहीं चल रहा है। परेशान करने वाली बात है कि पनडुब्बी पर सिर्फ 70 घंटे की ही ऑक्सीजन बची है। कैनेडियन कोस्ट गार्ड वाहन लगातार इस पनडुब्बी के बारे में पता लगाने की कोशिश कर रहा है। इस बीच कनाडाई कोस्ट गार्ड वाहन को समुद्र के अंदर से कुछ आवाजें सुनाई दी हैं।

अमेरिकी तटरक्षकों ने कहा कि धमाके की आवाज कहां से आई, इसका पता लगाने के लिए खोजी दस्तों ने पानी के नीचे रोबोटिक सर्च ऑपरेशन (आरओवी) चलाया। हालांकि, इसका कोई फायदा नहीं हुआ। तटरक्षकों ने इस बारे में कुछ खास जानकारी नहीं दी है।

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– मोदी ने कहा, सभी देशों के लोगों का आना सुखद
– कॉपीराइट, पेटेंट और रायल्टी से मुक्त है योग

न्यूयॉर्क, 21 जून (हि.स.)। संयुक्त राष्ट्र संघ के मुख्यालय में बुधवार को दुनिया के विभिन्न देशों के लोगों ने भारतीय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के साथ योग किया। इस दौरान प्राचीन भारतीय परंपरा ‘वसुधैव कुटुंबकम्’ का भाव जाग्रत दिखा। प्रधानमंत्री मोदी ने भी कहा कि सभी देशों के लोगों का योग करना सुखद है।

प्रधानमंत्री मोदी ने अंतरराष्ट्रीय योग दिवस पर संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय में आयोजित विशेष कार्यक्रम में हिस्सा लिया। दुनिया के विभिन्न देशों से जुटे लोगों को देख मोदी ने कहा कि मैं आप सभी को देखकर प्रसन्न हूं और आने के लिए आप सभी का धन्यवाद करता हूं। मुझे बताया गया है कि आज यहां लगभग हर राष्ट्रीयता का प्रतिनिधित्व है। वैसे भी योग का मतलब है जोड़ना, इसलिए योग के लिए आप साथ आ रहे हैं।

मोदी ने कहा कि यहां आपमें से बहुत सारे लोग बहुत दूर यहां आए हैं। योग भारत से आया है और यह बहुत पुरानी परंपरा है। सभी प्राचीन भारतीय परंपराओं की तरह यह भी जीवंत और गतिशील है। योग जीवन का एक तरीका है। ये विचारों और कार्यों में सावधानी बरतने का एक तरीका है। ये स्वयं के साथ, दूसरों के साथ और प्रकृति के साथ सद्भाव से जीने का तरीका है। योग कॉपीराइट, पेटेंट और रॉयल्टी से मुक्त होता है। योग आपकी आयु, लिंग और फिटनेस स्तर के अनुकूल है। योग पोर्टेबल है।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि हम योग की शक्ति का उपयोग न केवल स्वस्थ, खुश रहने के लिए करें बल्कि स्वयं और एक-दूसरे के प्रति दयालु होने के लिए भी करें। आइए हम शांतिपूर्ण दुनिया और स्वच्छ, हरित और टिकाऊ भविष्य के पुल बनाने के लिए योग की शक्ति का उपयोग करें। आइए हम एक पृथ्वी, एक परिवार, एक भविष्य के लक्ष्य को साकार करने के लिए हाथ मिलाएं। उन्होंने कहा कि पिछले साल पूरी दुनिया 2023 को अंतरराष्ट्रीय बाजरा वर्ष के रूप में मनाने के भारत के प्रस्ताव का समर्थन करने के लिए एक साथ आई थी। एक बार फिर से पूरी दुनिया को योग के लिए फिर से साथ आते देखना अद्भुत है।

इससे पहले प्रधानमंत्री मोदी ने संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय के लॉन में महात्मा गांधी की प्रतिमा पर फूल चढ़ाकर उन्हें श्रद्धांजलि दी। संयुक्त राष्ट्र में भारत की राजदूत रुचिरा कंबोज ने कहा कि आज का उत्सव वास्तव में बहुत खास हो गया, क्योंकि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी यहां योग करने के लिए जुटे लोगों का नेतृत्व करने आए हैं। उन्हीं के नेतृत्व में 2014 में 21 जून को अंतरराष्ट्रीय योग दिवस घोषित किया गया था। इस आयोजन में दुनिया के तमाम दिग्गज जुटे।

पीएम मोदी के नेतृत्व में योग दिवस कार्यक्रम में भाग लेने के लिए अंतरराष्ट्रीय गायिका मैरी मिलबेन भारतीय परिधान में न्यूयॉर्क में संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय पहुंचीं। उन्होंने कहा कि यह बहुत अच्छी सुबह है और इस महान दिन का हिस्सा बनना कितना अद्भुत सम्मान है। भारतीय प्रधानमंत्री अपनी संयुक्त राज्य अमेरिका यात्रा का जश्न मना रहे हैं और निश्चित रूप से वे सभी अद्भुत काम दुनिया भर में कर रहे हैं। हमारे पास एक अच्छा हफ्ता होने वाला है। इसी तरह रिचर्ड गेर भी योग करने संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय पहुंचे। यहां उन्होंने कहा कि आज यहां बहुत अच्छा अहसास हो रहा है।

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वाशिंगटन, 05 जून (हि.स.)। अमेरिका के वाशिंगटन क्षेत्र में रविवार को उड़ रहे रहस्यमयी विमान का पीछा अमेरिकी लड़ाकू विमान ने किया। जिस पर भागते वक्त रहस्यमयी विमान अनियंत्रित हो गया और अमेरिकी राज्य वर्जीनिया में क्रैश हो गया। विमान में सवार सभी चार लोगों की मौत हो गई। इसकी पुष्टि अधिकारियों ने की है। स्थानीय पुलिस के अनुसार बचावकर्ता जब शेनानडोह घाटी के एक ग्रामीण हिस्से में विमान दुर्घटना के स्थल पर पहुंचे थे तो विमान में सवार कोई भी व्यक्ति जिंदा नहीं बचा था।

अधिकारियों के मुताबिक, अमेरिका की राजधानी वाशिंगटन डीसी में सोनिक बूम को उस समय सुना गया, जब फाइटर जेट एक छोटे प्लेन का पीछा कर रहे थे। हालांकि, यह प्लेन बाद में वर्जीनिया में जाकर क्रैश हो गया।

अधिकारियों ने बताया कि फाइटर जेट्स के लिए फेडरल एविएशन एडमिनिस्ट्रेशन उस समय कॉल करता है, जब कोई भी विमान असुरक्षित तरीके से उड़ान भर रहा होता है।

कॉन्टिनेंटल यूएस नॉर्थ अमेरिकन एयरोस्पेस डिफेंस कमांड रीजन ने बताया कि फाइटर जेट्स ने रहस्यमयी विमान के पायलट से संपर्क करने की कोशिश की, लेकिन उसकी तरफ से कोई जवाब नहीं दिया गया। नागरिक विमान के पायलट की तरफ से जवाब न मिलने पर फाइटर जेट ने उसका पीछा किया।

फाइटर जेट सुपरसोनिक स्पीड से उड़ रहे थे, जिसकी वजह से लोगों को सोनिक बूम सुनाई दिया। अधिकारियों का कहना है कि विमान के पायलट का ध्यान आकर्षित करने के लिए फाइटर जेट ने फ्लेयर्स का भी इस्तेमाल किया था।

उत्तर अमेरिकी एयरोस्पेस डिफेंस कमांड ने एक बयान में कहा कि एफ-16 को सुपरसोनिक गति से यात्रा करने के लिए अधिकृत किया गया था, जिसके कारण वाशिंगटन, वर्जीनिया और मैरीलैंड के कुछ हिस्सों में एक सोनिक बूम सुनाई दिया।

वर्जीनिया राज्य पुलिस के मुताबिक, अधिकारियों को शाम चार बजे से पहले संभावित दुर्घटना की सूचना दी गई। बचावकर्मी लगभग चार घंटे बाद पैदल ही दुर्घटनास्थल पर पहुंचे। विमान में सवार सभी लोगों की मौत हो गई। कोई भी जिंदा नहीं बचा।

जिस रहस्यमयी विमान का पीछा किया गया, उसका नाम सेसना 560 था। जो वर्जीनिया में जॉर्ज वाशिंगटन राष्ट्रीय वन के पास क्रैश हो गया। फेडरल एविएशन एडमिनिस्ट्रेशन का कहना है कि सेसना साइटेशन ने रविवार को एलिजाबेथटाउन, टेनेसी से लॉन्ग आइलैंड के मैकआर्थर एयरपोर्ट के लिए उड़ान भरी थी। बेवजह, विमान न्यूयॉर्क के लॉन्ग आइलैंड के ऊपर से घूमा और लगभग दोपहर तीन बजकर 30 मिनट पर वर्जीनिया के मोंटेबेलो के पास पहाड़ी इलाके में दुर्घटनाग्रस्त हो गया।

दुर्घटनाग्रस्त विमान मेलबर्न इंक के एनकोर मोटर्स के लिए पंजीकृत था, जो फ्लोरिडा में स्थित है। कंपनी चलाने वाले जॉन रंपेल ने न्यूयॉर्क टाइम्स को बताया कि विमान में उनकी बेटी, दो साल की पोती, उसकी दादी और पायलट सवार थे। उन्होंने कहा कि वे उत्तरी कैरोलिना में अपने घर का दौरा करने के बाद लॉन्ग आइलैंड पर ईस्ट हैम्पटन में अपने घर लौट रहे थे।

जिस समय फाइटर जेट ने उड़ान भरी, उस समय राष्ट्रपति जो बाइडन ज्वाइंट बेस एंड्रयूज में गोल्फ खेल रहे थे। यूएस सीक्रेट सर्विस के प्रवक्ता एंथोनी गुगलिल्मी ने कहा कि इस घटना का राष्ट्रपति की गतिविधियों पर कोई प्रभाव नहीं पड़ा।

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नई दिल्ली, 21 मई (हि.स.)। गवर्नमेंट हाउस में एक विशेष समारोह में पापुआ न्यू गिनी (पीएनजी) के गवर्नर-जनरल सर बॉब डाडे ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को ग्रैंड कम्पैनियन ऑफ द ऑर्डर ऑफ लोगोहू (जीसीएल) से सम्मानित किया। यह पीएनजी का सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार है और पुरस्कार प्राप्त करने वालों को ‘चीफ’ शीर्षक दिया जाता है।


प्रधानमंत्री ने कहा, “पापुआ न्यू गिनी द्वारा मुझे कम्पैनियन ऑफ द ऑर्डर ऑफ लोगहू प्रदान करने से भाव विभोर हूं। पुरस्कार प्रदान करने के लिए गवर्नर जनरल सर बॉब डाडे का आभार। यह भारत और हमारे लोगों की उपलब्धियों की एक बड़ी पहचान है।”

इससे पहले फिजी के राष्ट्रपति रातू विलिमे मैवालीली काटोनिवेरे की ओर से प्रधानमंत्री राबुका ने प्रधानमंत्री मोदी को फिजी के सर्वोच्च सम्मान – ‘द कम्पेनियन ऑफ द ऑर्डर ऑफ फिजी’ (सीएफ) से सम्मानित किया। प्रधानमंत्री मोदी ने इस सम्मान के लिए फिजी की सरकार और लोगों को धन्यवाद दिया। साथ ही इसे भारत के लोगों और फिजी-भारतीय समुदाय की पीढ़ियों को समर्पित किया, जिन्होंने दोनों देशों के बीच विशेष और स्थायी बंधन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज पोर्ट मोरेस्बी में फिजी के प्रधानमंत्री सित्वेनी लिगामामादा राबुका से भारत-प्रशांत द्वीप सहयोग फोरम (एफआईपीआईसी) के तीसरे शिखर सम्मेलन के मौके पर मुलाकात की। दोनों नेताओं के बीच यह पहली मुलाकात थी। प्रधानमंत्री ने याद किया कि एफआईपीआईसी को नवंबर 2014 में उनकी फिजी यात्रा के दौरान लॉन्च किया गया था और तब से प्रशांत द्वीप देशों (पीआईसी) के साथ भारत का सहयोग और मजबूत हुआ है।

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हिरोशिमा, 19 मई (हि.स.)। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के जापान पहुंचने पर भारतीय समुदाय ने जोरदार तरीके से उनका स्वागत किया। इस दौरान भारत माता की जय और वंदे मातरम के भी नारे लगे। प्रधानमंत्री मोदी ने जापान में हिरोशिमा के होटल शेरेटन में भारतीय समुदाय के लोगों से मुलाकात की। इससे पहले हवाई अड्डे पर जापान और भारत के वरिष्ठ अधिकारियों ने प्रधानमंत्री मोदी का स्वागत किया।

जापान में रह रहे भारतीय समुदाय के लोग हिरोशिमा के एक होटल में एकत्रित हुए। इस दौरान उन्होंने “भारत माता की जय” और “वंदे मातरम” के जयकारे लगाए। उन्होंने पीएम मोदी की भी जय-जयकार के नारे लगाए। भारतीय समुदाय के सदस्यों ने मोदी से मिलने के बाद कहा कि वे प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को अपने बीच पाकर बेहद खुशी महसूस कर रहे हैं।

पीएम मोदी से मिलने के बाद एक लड़की ने कहा कि पीएम मोदी हमसे मिले और उन्होंने कहा कि वह भी हमसे मिलकर खुश हैं। इस दौरान मोदी ने बच्चों के साथ सेल्फी भी ली।

उल्लेखनीय है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी 7 शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए शुक्रवार को जापान के हिरोशिमा पहुंचे हैं। प्रधानमंत्री मोदी अपनी यात्रा के दौरान वैश्विक चुनौतियों पर विश्व के नेताओं के साथ विचारों का आदान-प्रदान करेंगे और उन्हें सामूहिक रूप से संबोधित करने के तरीकों पर चर्चा करेंगे। मोदी जापान, पापुआ न्यू गिनी और ऑस्ट्रेलिया की तीन देशों की यात्रा के पहले चरण के तहत यहां पहुंचे हैं और उनके इस दौरान 40 से अधिक कार्यक्रमों में भाग लेने की संभावना है।

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– फास्ट पेट्रोल वेसल जहाज और लैंडिंग क्राफ्ट उपहार में देंगे
– दोनों देशों के बीच दोस्ती को और मजबूत करेगी यह यात्रा

नई दिल्ली: रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह तीन दिवसीय दौरे पर सोमवार को मालदीव पहुंच गए हैं। उन्होंने मालदीव की रक्षा मंत्री मारिया दीदी से शिष्टाचार मुलाकात की। इस दौरान दोनों नेताओं में क्षेत्रीय और वैश्विक सुरक्षा मुद्दों पर चर्चा हुई और रक्षा क्षेत्रों में सहयोग को और मजबूत करने पर सहमति व्यक्त की गई। राजनाथ सिंह ने मालदीव के विदेश मंत्री अब्दुल्ला शाहिद से भी मुलाकात कर उनके साथ वार्ता की।

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह आज सुबह मालदीव की राजधानी माले पहुंचे और फ्लैग माउंटिंग सेरेमनी में दिवंगत नायकों को श्रद्धांजलि दी। उनके साथ मालदीव की रक्षा मंत्री मारिया दीदी भी थीं। इसके बाद रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने मालदीव की रक्षा मंत्री मारिया दीदी से शिष्टाचार मुलाकात की। दोनों नेताओं के बीच हुई द्विपक्षीय वार्ता के बाद मालदीव के रक्षा मंत्रालय ने ट्वीट किया, “पारस्परिक चिंता के क्षेत्रीय और वैश्विक सुरक्षा मुद्दों पर चर्चा की और रक्षा-सुरक्षा डोमेन में सहयोग को और मजबूत करने पर सहमति व्यक्त की।”

राजनाथ सिंह रक्षा क्षेत्र में भारत की प्रतिबद्धता के अनुरूप मित्र देशों और भागीदारों की क्षमता बढ़ाने के लिए मालदीव के राष्ट्रीय रक्षा बलों को एक फास्ट पेट्रोल वेसल जहाज और एक लैंडिंग क्राफ्ट उपहार में देंगे। अपने तीन दिवसीय प्रवास के दौरान रक्षा मंत्री मालदीव में चल रही भारतीय परियोजनाओं के स्थलों का भी दौरा करेंगे। उनका प्रवासी भारतीयों से भी बातचीत करने का कार्यक्रम है। रक्षा मंत्री की यात्रा दोनों देशों की दोस्ती के मजबूत बंधन के निर्माण में मील का पत्थर साबित होगी।

भारत और मालदीव समुद्री सुरक्षा, आतंकवाद, कट्टरवाद, समुद्री डकैती, तस्करी, संगठित अपराध और प्राकृतिक आपदाओं सहित साझा चुनौतियों का प्रभावी ढंग से समाधान करने के लिए मिलकर काम कर रहे हैं। भारत क्षेत्र में सभी के लिए सुरक्षा और विकास की दृष्टि के साथ-साथ अपनी ‘पड़ोसी पहले’ नीति के साथ-साथ मालदीव की ‘भारत पहले’ नीति के तहत हिंद महासागर क्षेत्र के भीतर क्षमताओं को संयुक्त रूप से विकसित करने के लिए मिलकर काम करना चाहता है।

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