कोलकाता, 19 जुलाई (हि.स.)। बांग्लादेश में सरकारी नौकरियों में कोटा व्यवस्था के खिलाफ चल रहे देशव्यापी विरोध प्रदर्शनों के कारण मेडिकल की पढ़ाई कर रहे 100 से अधिक भारतीय छात्र वहां फंस गए हैं। इन छात्रों को वीजा बढ़ाने की अनुमति नहीं दी गई और कई छात्राओं के साथ विभिन्न स्थानों पर छेड़छाड़ की घटनाएं भी सामने आई हैं। बांग्लादेश की मजहबी कट्टरपंथी पार्टी जमात-ए-इस्लामी ने इन छात्रों को बंधक बना कर फिलिस्तीन शैली के समझौते की योजना बनाई है। फिलहाल इस पर विस्तृत जानकारी का इंतजार हो रहा है।

इस संकटपूर्ण स्थिति के बीच 202 से अधिक भारतीय नागरिक, जिनमें अधिकांश छात्र हैं, मेघालय के दावकी इंटीग्रेटेड चेकपोस्ट के रास्ते भारत वापस लौट आए हैं। इनमें से 161 छात्र, जिनमें से 63 मेघालय के हैं, उन्हें सुरक्षित निकाला गया।

प्रदर्शनकारियों की मांग है कि शेख हसीना सरकार 1971 के युद्ध के पूर्व सैनिकों के परिवारों के लिए सरकारी नौकरियों में 30 प्रतिशत आरक्षण को बंद करे। बांग्लादेश की सर्वोच्च अदालत 07 अगस्त को इस कोटा को बहाल करने के उच्च न्यायालय के आदेश के खिलाफ अपील की सुनवाई करेगी।

ढाका में कोटा विरोधी प्रदर्शनों में मरने वालों की संख्या शुक्रवार सुबह तक 39 हो गई है। इस हिंसा के कारण बांग्लादेश में टेलीविजन समाचार चैनल बंद हो गए हैं, दूरसंचार सेवाएं बाधित हो गई हैं और कई समाचार पत्रों की वेबसाइटें और सोशल मीडिया खाते निष्क्रिय हो गए हैं।

छात्र प्रदर्शनकारियों ने प्रधानमंत्री शेख हसीना के टेलीविजन नेटवर्क पर आकर संघर्षों को शांत करने की अपील के एक दिन बाद राष्ट्रीय प्रसारक के भवन में आग लगा दी। कई पुलिस पोस्ट, वाहन और अन्य प्रतिष्ठान भी जला दिए गए। कई अवामी लीग के पदाधिकारियों पर भी छात्रों ने हमला किया।

संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने सभी पक्षों से संयम बरतने का आह्वान किया है और अधिकारियों से सभी हिंसक कृत्यों की जांच करने और दोषियों को सजा देने का आग्रह किया है। उन्होंने कहा, “हिंसा कभी भी समाधान नहीं हो सकती।”

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वियना, 10 जुलाई (हि.स.)। भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी रूस की दो दिवसीय यात्रा पूरी कर रात को ऑस्ट्रिया पहुंचे।

मोदी का ऑस्ट्रिया की राजधानी में अभूतपूर्व स्वागत किया गया। ऑस्ट्रिया के चांसलर कार्ल नेहमर ने प्रधानमंत्री मोदी के सम्मान में रात्रिभोज का आयोजन किया। इस दौरान दोनों की गले मिलते तस्वीर भी सामने आई है। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, नई दिल्ली-वियना के संबंध और प्रगाढ़ होंगे। भारतीय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने एक्स हैंडल पर इस यात्रा के कुछ ‘शब्द चित्र’ साझा किए हैं।
चांसलर नेहमर ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी का स्वागत करना उनके लिए खुशी और सम्मान की बात है।

वह राजनीतिक और आर्थिक चर्चा के लिए उत्सुक हैं। नेहमर ने भी एक्स हैंडल पर कुछ ‘शब्द चित्र’ साझा किए हैं। इस पर प्रधानमंत्री मोदी ने कहा आपसे मिलकर खुशी हुई। भारत-ऑस्ट्रिया की दोस्ती मजबूत है। आने वाले समय में यह और मजबूत होगी। दोनों देश वैश्विक भलाई के लिए मिलकर काम करना जारी रखेंगे।

भारतीय विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जयसवाल ने एक्स पर कहा है कि भारत-ऑस्ट्रिया साझेदारी में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर। प्रधानमंत्री मोदी की ऑस्ट्रियाई चांसलर कार्ल नेहमर ने निजी बातचीत के लिए मेजबानी की। यह दोनों नेताओं के बीच पहली बैठक है। इसमें द्विपक्षीय साझेदारी की पूरी क्षमता को साकार करने पर चर्चा होगी।

जयसवाल ने कहा, ” दोनों देश इस वर्ष राजनयिक संबंधों की स्थापना की 75वीं वर्षगांठ मना रहे हैं। यह महत्वपूर्ण यात्रा भारत-ऑस्ट्रिया संबंधों को नई गति प्रदान करेगी। प्रधानमंत्री मोदी बुधवार को ऑस्ट्रिया गणराज्य के राष्ट्रपति अलेक्जेंडर वान डेर बेलेन से मुलाकात करेंगे और नेहमर के साथ बातचीत करेंगे। प्रधानमंत्री और चांसलर भारत और ऑस्ट्रिया के व्यापारिक नेताओं को भी संबोधित करेंगे।

वियना में प्रधानमंत्री मोदी ने ऑस्ट्रिया में रह रहे भारत के लोगों से लोगों से मुलाकात कर उनका हाल जाना। प्रधानमंत्री ने सभी का हाथ जोड़कर अभिवादन स्वीकार किया। इस दौरान प्रधानमंत्री मोदी के साथ ऑस्ट्रिया के चांसलर कार्ल नेहमर भी मौजूद रहे। इससे पहले मास्को में रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने क्रेमलिन के सेंट एंड्रयू हॉल में आयोजित एक विशेष समारोह में भारत के प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी को रूस के सर्वोच्च राष्ट्रीय पुरस्कार द ऑर्डर ऑफ सेंट एंड्रयू द एपोस्टल से सम्मानित किया। इस पुरस्कार की घोषणा 2019 में की गई थी।

इस पुरस्कार स्वीकार करते हुए, प्रधानमंत्री ने इसे भारत के लोगों और भारत व रूस के बीच मित्रता के पारंपरिक बंधन को समर्पित किया। उन्होंने कहा कि यह सम्‍मान दोनों देशों के बीच विशेष और विशेषाधिकार प्राप्त रणनीतिक साझेदारी को प्रदर्शित करता है। इस पुरस्कार की शुरुआत 300 साल पहले हुई थी। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी इस पुरस्कार से सम्मानित होने वाले पहले भारतीय नेता हैं।

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नई दिल्ली, 9 जुलाई (हि.स.)। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और रूस के राष्ट्रपति पुतिन ने 22वीं द्विपक्षीय वार्ता में आर्थिक संबंधों को और अधिक मजबूत बनाने तथा आपसी व्यापार को वर्ष 2030 तक 100 अरब डॉलर तक बढ़ाने का लक्ष्य निर्धारित किया।

दोनों देशों ने संपर्क सुविधाएं बढ़ाने के लिए चेन्नई वल्दिवस्तक समुद्री गलियारे पर भी बातचीत की। दोनों नेताओं ने भारत यूरेशिया आर्थिक संघ व्यापार समझौते को आगे बढ़ाने का भी फैसला किया।

शिखरवार्ता के दौरान दोनों देशों ने सहयोग के 9 दस्तावेजों को स्वीकार किया। इनमें रूस के सदूर पूर्व में सहयोग तथा ध्रुवीय अनुसंधान संबंधी करार शामिल हैं। दोनों पक्षों ने औषधि व्यापार को बढ़ावा देने के साथ ही व्यापारिक संगठनों के बीच सहयोग संबंधी करार भी किए।

विदेश सचिव विनय मोहन क्वात्रा ने दोनों देशों के बीच हुई वार्ता की जानकारी देते हुए बताया कि यूक्रेन की राजधानी कीव में हवाई हमले में बच्चों की मौत की घटना के बारे में मोदी ने रूस के राष्ट्रपति पुतिन को अपनी चिंता से अवगत कराया। मोदी ने इसे एक हृदय विधारक घटना बताया।

विदेश सचिव ने बताया कि प्रधानमंत्री ने पुतिन का ध्यान रूसी सेना में लगाए गए कुछ भारतीयों की ओर आकृष्ट कराया तथा उन्हे सेवा मुक्त कर भारत भेजे जाने पर जोर दिया। समाप्त

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मास्को, 10 जुलाई (हि. स.)। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा मुद्दा उठाए जाने के बाद रूसी सेना में कार्यरत भारतीय नागरिकों की सुरक्षित स्वेदश वापसी का रास्ता
खुलने के साथ ही उनकी भर्ती बंद करने पर मास्को तैयार हो गया है। भारत की मांग पर रूस ने सहमति जताई है।

नरेन्द्र मोदी ने रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ अनौपचारिक मुलाकात के दौरान यह मुद्दा प्रमुखता से उठाया
था।

विदेश सचिव विनय क्वात्रा ने कहा कि रूसी पक्ष ने सभी भारतीय नागरिकों को रूसी सेना से जल्द सेवामुक्त करने का वादा किया
है।

उन्होंने कहा, प्रधानमंत्री मोदी ने उन भारतीय नागरिकों को शीघ्र सेवामुक्त करने का मुद्दा जोरदार तरीके से उठाया, जिन्हें गुमराह करके रूसी सेना में भर्ती कराया गया है। प्रधानमंत्री ने इस मुद्दे को जोरदार तरीके से उठाया और रूसी पक्ष ने सभी भारतीय नागरिकों को जल्द सेवामुक्त करने का वादा किया।
क्वात्रा ने कहा कि दोनों पक्ष इस विषय पर काम करेंगे कि भारतीयों को कितनी तेजी से स्वदेश वापस लाया जा सके।

 एक प्रश्न के उत्तर में क्वात्रा ने कहा कि भारत का अनुमान है कि रूसी सेना में कार्यरत उसके नागरिकों की संख्या लगभग 35 से 50 के बीच होगी, जिनमें से 10 को पहले ही वापस लाया जा चुका है।

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नई दिल्ली, 09 जुलाई (हि.स.)। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने रूस की राजधानी मास्को में भारतवंशियों के बीच कहा है कि पिछले 10 वर्षों में भारत ने विकास की रफ्तार पकड़ी है। इसे देखकर दुनिया भी कहने लगी है कि भारत बदल रहा है।

तीसरे कार्यकाल में विकास की इस गति को तीन गुना बढ़ाएंगे। प्रधानमंत्री मोदी ने मास्को में भारतीय समुदाय को संबोधित किया है।

उन्होंने कहा, “भारत को हवाई अड्डों की संख्या दोगुनी करने में केवल एक दशक लगा। भारत को 40 हजार किलोमीटर से अधिक रेलवे लाइनों का विद्युतीकरण करने में केवल एक दशक लगा।

इससे दुनिया को हमारे देश की क्षमता का एहसास होता है। इससे दुनिया को विश्वास होता है कि ‘भारत बदल रहा है’। प्रधानमंत्री मोदी ने मंगलवार को मास्को में भारतीय समुदाय की ओर से आयोजित कार्यक्रम में भाग लिया।

तीसरी बार प्रधानमंत्री चुने जाने के बाद रूस की अपनी पहली द्विपक्षीय यात्रा में प्रधानमंत्री ने भारतीय समुदाय के सामने अपनी सरकार की प्राथमिकता और प्रतिबद्धता बताई।

राष्ट्रपति पुतिन के साथ अपनी दोस्ती का उल्लेख करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि पिछले 10 सालों में वह छह बार रूस आए हैं और 17 बार राष्ट्रपति पुतिन से मिले हैं। उन्होंने कहा, “रूस शब्द सुनते ही…हर भारतीय के मन में पहला शब्द आता है… भारत के सुख-दुख का साथी, भारत का भरोसेमंद दोस्त।

रूस में सर्दी के मौसम में तापमान कितना ही माइनस में नीचे क्यों न चला जाए। भारत-रूस की दोस्ती हमेशा प्लस में रही है। गर्मजोशी भरी रही है। ये रिश्ता आपसे विश्वास और सम्मान की मज़बूत नींव पर बना है।” उन्हें खुशी है कि वैश्विक समृद्धि को नई ऊर्जा देने के लिए भारत और रूस कंधे से कंधा मिलाकर चल रहे हैं।

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि उनकी सरकार को चुने हुए एक महीना हो चुका है। इस बार वह तीन गुना क्षमता और गति के साथ काम करेंगे। यह इत्तेफाक है कि उनकी सरकार के कई लक्ष्य तीन से जुड़े हुए हैं। उनकी सरकार का लक्ष्य भारत को तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनाना है।

अपने तीसरे कार्यकाल में वह गरीबों के लिए तीन करोड़ मकान बनवाएंगे। ग्रामीण क्षेत्र में स्वयं सहायता समूह के माध्यम से कार्य करने वाली तीन करोड़ लखपति दीदी बनाने का लक्ष्य है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि आज देश में दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा स्टार्टअप इको सिस्टम है। भारत चंद्रयान मिशन चंद्रमा के उसे क्षेत्र में सफल रहा है जहां तक कोई अन्य देश नहीं पहुंचा था। भारत आज जो लक्ष्य साध रहा है उन्हें पूरा भी कर रहा है।

भारत के युवाओं की मानसिकता को विश्व कप टी20 विजेता टीम के जज्बे से जोड़ते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि अब हम आखरी बॉल तक हार नहीं मानते।

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लंदन, 05 जुलाई (हि.स.)। ब्रिटेन के प्रधानमंत्री और कंजर्वेटिव पार्टी के नेता ऋषि सुनक ने आम चुनाव में अपनी हार मान ली। उन्होंने लेबर पार्टी के नेता कीर स्टार्मर को जीत के लिए बधाई दी है। ब्रिटेन में लेबर पार्टी 14 साल बाद सत्ता में वापसी करने जा रही है। लेबर पार्टी सरकार बनाने के लिए जरूरी 326 सीटों का आंकड़ा पार कर चुकी है। प्रधानमंत्री ऋषि सुनक ने अपने पहले बयान में इस्तीफा देने की भी घोषणा की है।

चुनाव परिणाम के अब तक के रुझानों में कीर स्टार्मर के नेतृत्व में लेबर पार्टी 1997 वाली बड़ी जीत की तरफ बढ़ रही है। लेबर पार्टी अभी तक 352 सीटें जीत चुकी है। मौजूदा प्रधानमंत्री ऋषि सुनक की कंजर्वेटिव पार्टी 74 सीटें ही अभी तक जीत सकी है। ब्रिटेन का नया प्रधानमंत्री लेबर पार्टी के स्टार्मर का बनना तय है। स्टार्मर साल 2020 में जर्मी कोर्बिन की जगह लेबर पार्टी के नए नेता चुने गए थे।

एग्जिट पोल में ब्रिटेन की कुल 650 सीटों में से 410 सीट लेबर पार्टी को और कंजर्वेटिव पार्टी को 131 सीटें मिलने का अनुमान जताया गया है। ब्रिटेन के रक्षामंत्री ग्रांट शैप्स अपनी सीट हार गए हैं। ग्रांट अब तक हारने वाले सबसे वरिष्ठ कंजर्वेटिव कैबिनेट सदस्य बन गए हैं। शैप्स को लेबर के एंड्रयू लेविन ने दक्षिणी इंग्लैंड के वेल्विन हैटफील्ड निर्वाचन क्षेत्र से हराया।

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दांबुला, 26 जून (हि.स.)। महिला टी20 एशिया कप 2024 की शुरुआत 19 जुलाई को भारत और पाकिस्तान के बीच धमाकेदार मुकाबले से होगी। मंगलवार को एशियन क्रिकेट काउंसील (एसीसी) ने टूर्नामेंट के कार्यक्रम की घोषणा की।

भारत और पाकिस्तान दिन के दूसरे मैच के लिए मैदान में उतरेंगे, जबकि पहले दिन टूर्नामेंट के पहले मैच में संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) का सामना नेपाल से होगा। आठ टीमों के इस टूर्नामेंट में भारत को यूएई और नेपाल के साथ ग्रुप ए में रखा गया है, जबकि ग्रुप बी में मेजबान श्रीलंका, बांग्लादेश, मलेशिया और थाईलैंड शामिल हैं।

एशियाई क्रिकेट परिषद द्वारा तैयार और घोषित कार्यक्रम के अनुसार, प्रत्येक समूह से शीर्ष दो टीमें सेमीफाइनल के लिए क्वालीफाई करेंगी, जो 26 जुलाई को खेला जाएगा जबकि फाइनल 28 जुलाई को होगा।

अपने अन्य मैचों में, भारत 21 जुलाई को यूएई और 23 जुलाई को नेपाल से खेलेगा।

प्रारंभिक चरण में प्रतिदिन दो मैच खेले जाएंगे, जो 24 जुलाई तक जारी रहेंगे।

महिला टी20 एशिया कप 2024 का पूरा कार्यक्रम:

19 जुलाई: यूएई बनाम नेपाल; भारत बनाम पाकिस्तान

20 जुलाई: मलेशिया बनाम थाईलैंड; श्रीलंका बनाम बांग्लादेश

21 जुलाई: भारत बनाम यूएई; पाकिस्तान बनाम नेपाल

22 जुलाई: श्रीलंका बनाम मलेशिया; बांग्लादेश बनाम थाईलैंड

23 जुलाई: पाकिस्तान बनाम यूएई; भारत बनाम नेपाल

24 जुलाई: बांग्लादेश बनाम मलेशिया; श्रीलंका बनाम थाईलैंड।

26 जुलाई: सेमीफाइनल 1; सेमीफाइनल 2

28 जुलाई: फाइनल।

मैच स्थानीय समयानुसार दोपहर 2 बजे और शाम 7 बजे खेले जाएंगे।

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– भारत के विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर ने इस घटना पर गहरा शोक व्यक्त किया

कुवैत सिटी, 12 जून (हि.स.)। दक्षिणी कुवैत के मंगफ शहर में बुधवार तड़के एक कंपनी के श्रमिक शिविर में भीषण आग लगने से 45 प्रवासी श्रमिकों की मौत हो गई और कम से कम 50 लोग झुलस हो गए। अधिकतर भारतीयों में से कुछ की हालत गंभीर है, जिन्हें नजदीकी अस्पतालों में ले जाया गया है। स्वास्थ्य मंत्रालय ने बेहतर चिकित्सा मुहैया कराने के लिए आश्वस्त किया है।

कुवैत के दक्षिणी अहमदी गवर्नरेट के मंगफ क्षेत्र में स्थित छह मंजिला इमारत की रसोई के अंदर बुधवार सुबह करीब 4:00 बजे आग लग गई। संदेह है कि चौकीदार के कमरे में रखे गैस सिलेंडर से लगी थी। आग लगने के समय एक ही कंपनी के शिविर में लगभग 160 कर्मचारी थे। अधिकारियों को सुबह करीब छह बजे आग लगने की सूचना दी गई, जब ज्यादातर लोग सो रहे थे।

गृह मंत्री शेख फहद अल-यूसेफ अल-सबाह ने घटनास्थल का दौरा किया और इमारत के मालिक, चौकीदार और श्रमिकों के लिए जिम्मेदार कंपनी के मालिक को गिरफ्तार करने का आदेश दिया। गृह मंत्री ने कुवैत नगर पालिका और मेनपॉवर के लिए सार्वजनिक प्राधिकरण को इसी तरह के उल्लंघनों के लिए तत्काल कार्रवाई करने का निर्देश दिया है। इसमें आवासीय भवनों में भीड़भाड़ रोकने और भविष्य की घटनाओं को रोकने के लिए सभी सुरक्षा आवश्यकताओं को सुनिश्चित करना शामिल है।

मंगफ श्रमिक शिविर में हुई इस दर्दनाक घटना के मद्देनजर भारतीय दूतावास ने 965-65505246 पर एक आपातकालीन हेल्पलाइन शुरू की है। सभी संबंधित पक्षों से अनुरोध किया गया है कि वे किसी भी अपडेट के लिए इस हेल्पलाइन का उपयोग करें। कुवैत में भारतीय राजदूत डॉ. आदर्श स्वाइका ने घटनास्थल का दौरा करके पूर्ण सहायता का आश्वासन दिया। उन्होंने अस्पताल में घायलों से मुलाकात की और कहा कि दूतावास हर संभव सहायता प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध है।

भारत के विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर ने इस घटना पर गहरा शोक व्यक्त किया है। उन्होंने सोशल मीडिया एक्स पर कहा, “कुवैत शहर में आग लगने की घटना की खबर से गहरा सदमा लगा है। बताया गया है कि 40 से अधिक मौतें हुई हैं और 50 से अधिक अस्पताल में भर्ती हैं। हमारे राजदूत शिविर में गए हैं। हम आगे की जानकारी का इंतजार कर रहे हैं। इस दुर्घटना में जिनकी दर्दनाक मौत हुई है, उन लोगों के परिवारों के प्रति गहरी संवेदना। घायलों के जल्द और पूरी तरह स्वस्थ होने की कामना करता हूं। हमारा दूतावास इस संबंध में सभी संबंधितों को पूरी सहायता प्रदान करेगा।”

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-शांति समझौते के लिए भारत की भागीदारी की जताई उम्मीद

लंदन, 06 जून (हि.स.)। यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की ने गुरुवार को फोन कर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से बात की और आम चुनाव में जीत की बधाई देने के साथ रूस-यूक्रेन युद्ध के मद्देनजर स्विट्जरलैंड में आगामी शांति समझौते पर चर्चा की। इसके साथ जेलेंसकी ने पीएम मोदी को यूक्रेन आने के लिए भी आमंत्रित किया। जेलेंस्की ने उम्मीद जताई कि समझौते में भारत अहम भूमिका निभाएगा।

यूक्रेन के राष्ट्रपति ने ‘एक्स’ पर कहा, मैंने भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से बात कर उन्हें चुनावों में मिली जीत पर बधाई दी। मैं उन्हें जल्द से जल्द सरकार के गठन तथा भारतीय जनता के लाभ के लिए निरंतर सकारात्मक कार्य करने की शुभकामनाएं देता हूं। उन्होंने कहा, हमने आगामी वैश्विक शांति समझौते पर चर्चा की। हम भारत की अहम भूमिका पर भरोसा करते हैं। मैं प्रधानमंत्री मोदी को उचित समय पर यूक्रेन का दौरा करने के लिए आमंत्रित करता हूं।

जेलेंस्की ने बुधवार को प्रधानमंत्री मोदी को संसदीय चुनावों में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) नीत गठबंधन को लगातार तीसरी बार मिली जीत के लिए बधाई दी और कहा कि उन्हें अगले सप्ताह स्विट्जरलैंड में होने वाले शांति समझौते में भारत के शामिल होने की उम्मीद है।

जेलेंस्की ने दोहराया कि दुनिया में हर कोई वैश्विक मामलों में भारत की भूमिका को जानता और पहचानता है। उन्होंने कहा, यह बेहद जरूरी है कि हम सभी मिलकर सभी देशों के लिए न्यायपूर्ण शांति सुनिश्चित करने के लिए काम करें। इस संबंध में हम भारत को शांति समझौते में शामिल हुए देखने के लिए भी उत्सुक हैं।

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चंडीगढ़, 29 मई (हि.स.)। पाकिस्तान ने करीब डेढ़ साल तक जेल में सजा काटने के बाद पांच भारतीयों को रिहा कर दिया है। इनमें मां-बेटे और तीन अन्य लोग हैं। महिला असम की रहने वाली है। पांचों ने बुधवार को अटारी-बाघा सीमा के रास्ते भारत में प्रवेश किया।

असम की रहने वाली महिला वहीदा बेगम के साथ उसका 11 साल का बेटा फैज खान भी है। यह महिला एक ट्रैवल एजेंट के धोखे का शिकार होकर पाकिस्तान पहुंच गई थी। एजेंट ने कनाडा भेजने का वादा करके अफगानिस्तान में छोड़ दिया। सीमा पार करने के बाद वहीदा ने मीडियाकर्मियों को बताया कि पासपोर्ट और वीजा की कमी के कारण नवंबर 2022 से क्वेटा जेल में रखा गया था। रिहा किए गए तीन अन्य लोगों में सूरज पाल, रमेश और शब्बीर अहमद हैं।

वहीदा ने बताया कि उन्होंने और उनके बेटे ने दुबई में 7 दिन और कंधार में 7 दिन बिताए। उन्हें चमन सीमा पार करने के लिए मजबूर किया गया। जहां उन्हें पाकिस्तानी रेंजर्स ने गिरफ्तार कर लिया। गदानी जेल में स्थानांतरित होने से पहले उन्होंने क्वेटा जेल में लगभग 6 महीने बिताए। भारत सरकार के प्रयासों और इस्लामाबाद स्थित भारतीय उच्चायोग की मदद से वहीदा करीब डेढ़ साल बाद वापस लौट रही है। स्थानीय वकील संतोष कुमार सुमन ने भी रिहाई के लिए प्रयास किए।

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काहिरा/येरूशलम, 27 मई (हि.स.)। इजराइल और हमास के बीच पिछले कई महीनों से जारी जंग के बीच हमास ने एक बार फिर तेल अवीव पर बड़ा मिसाइल हमला किया है जिसके जवाब में इजराइल ने कार्रवाई की है।

जानकारी के मुताबिक करीब चार महीने बाद हमास ने रविवार को इजराइल पर राकेटों से हमला किया। गाजा के रफाह से किए गए हमास के हमले के चलते तेल अवीव सहित कई इजरायली शहरों में सुरक्षित स्थानों पर जाने के लिए सतर्क करने वाले सायरन बजे। इजराइल पर हमले में हमास ने लंबी दूरी तक मार करने वाले राकेटों का इस्तेमाल किया। इस हमले से इजराइल में किसी के हताहत होने या बड़ा नुकसान होने की फिलहाल सूचना नहीं है। इजराइली सेना ने बताया है कि गाजा से आठ राककेट छोड़े गए, इनमें से ज्यादातर को एयर डिफेंस सिस्टम से आकाश में ही नष्ट कर दिया गया।

हमास की सशस्त्र शाखा अल-कसम ब्रिगेड ने कहा कि उसने रविवार को तेल अवीव पर एक ‘बड़ा मिसाइल’ हमला किया। बताया जा रहा है कि इजरायली सेना ने संभावित आने वाले रॉकेटों की चेतावनी के लिए शहर में सायरन बजाया। इजराइली आपातकालीन चिकित्सा सेवाओं ने कहा कि उन्हें किसी के हताहत होने की कोई रिपोर्ट नहीं मिली है।

गाजा में इजराइली सेना और फलस्तीनी लड़ाकों के बीच इस लड़ाई में अभी तक लगभग 36 हजार फलस्तीनी मारे जा चुके हैं। हमास ने दावा किया है कि उसके लड़ाकों ने जबालिया में इजराइली सैनिकों को पकड़कर बंदी बना लिया है लेकिन इजराइली सेना ने हमास के इस दावे का खंडन किया है। हमास ने यह नहीं बताया कि उसने कितने सैनिकों को बंदी बनाया है और अपने दावे के समर्थन में कोई साक्ष्य भी प्रस्तुत नहीं किए हैं।

हमास के प्रवक्ता अबू उबैदा ने बताया कि लड़ाकों ने एक सुरंग में घात लगाकर इजराइली सैनिकों को पकड़ा। ये सैनिक हमास लड़ाकों की तलाश में सुरंग में घुसे थे। इस बीच मिस्र ने बदले रास्ते से गाजा को राहत सामग्री से भरे ट्रक फिर से भेजने शुरू कर दिए हैं।

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वाशिंगटन, 22 मई (हि.स.)। ईरान में राष्ट्रपति इब्राहिम रईसी के हेलीकॉप्टर हादसे की जांच में सहयोग करने से अमेरिका ने इनकार कर दिया है। अमेरिका ने आने-जाने की दिक्कतों का हवाला दिया है। इस हादसे में राष्ट्रपति इब्राहिम रईसी के साथ विदेश मंत्री हुसैन अमीर अब्दुल्लाहियन और छह अन्य लोगों की मौत हो गई थी। ईरान सरकार ने अमेरिका से जांच में मदद का आग्रह किया था।

अमेरिकी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता मैथ्यू मिलर से प्रेस वार्ता में जब ईरान सरकार की ओर से मदद का आग्रह किए जाने के बाबत पूछा गया तो उन्होंने स्पष्ट किया कि अमेरिका इस तरह की स्थितियों में विदेशी सरकारों से आग्रह आने पर मदद करता है लेकिन अमेरिका उसकी किसी भी तरह की मदद कर पाने में सक्षम नहीं है। अमेरिका काफी हद तक लॉजिस्टिकल कारणों से ईरान की मदद करने में सक्षम नहीं है।

अमेरिका द्वारा संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में रईसी के प्रति संवेदना व्यक्त करने और एक मिनट के मौन में भाग लेने संबंधी सवाल पर मिलर ने कहा कि उनके देश का स्पष्ट मत है कि रईसी चार दशकों तक ईरानी लोगों के दमन में क्रूर भागीदार थे, लेकिन अमेरिका हेलीकॉप्टर दुर्घटना जैसी घटना में कोई भी जान जाने पर अफसोस व्यक्त करता है। लेकिन इससे ईरान में जज और राष्ट्रपति के तौर पर रईसी के रिकार्ड की हकीकत और यह तथ्य नहीं बदल जाता कि उनके हाथ खून से सने थे।

मिलर ने कहा, “ईरान के प्रति हमारा मौलिक दृष्टिकोण न बदला है और न ही बदलेगा। हम ईरान के लोगों का समर्थन करना और उनके मानवाधिकारों, एक खुले व मुक्त समाज और लोकतांत्रिक भागीदारी की उनकी आकांक्षाओं की रक्षा करना जारी रखेंगे।”

मिलर ने पूर्व ईरानी विदेश मंत्री मोहम्मद जवाद जरीफ की उस टिप्पणी का भी जवाब दिया, जिन्होंने हादसे के लिए अमेरिकी प्रतिबंधों को दोषी ठहराया था।

अमेरिकी प्रवक्ता ने कहा, “ईरानी सरकार ने आतंकवाद का समर्थन करने के लिए उपकरण ले जाने में अपने विमान का उपयोग किया। इसलिए हम अपने प्रतिबंधों को पूरी तरह से जारी रखेंगे, जिसमें ईरान सरकार द्वारा उपयोग के लिए विमानों पर प्रतिबंध शामिल हैं। अंतत: ईरानी सरकार ही खराब मौसम में 45 वर्ष पुराने हेलीकॉप्टर को उड़ाने के लिए जिम्मेदार है। इससे पहले संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में हेलीकॉप्टर हादसे में मारे गए रईसी और अन्य लोगों के लिए एक मिनट का मौन रखा गया।

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