कानपुर, 29 सितंबर (हि.स.)। भारत और बांग्लादेश के बीच कानपुर के ग्रीन पार्क स्टेडियम में खेले जा रहे दूसरे टेस्ट के तीसरे दिन का खेल भी नहीं हो पाया है। रविवार को मैदान गीला होने के कारण तीसरे दिन का खेल भी रद्द कर दिया गया है। तीसरे दिन एक भी गेंद नहीं फेंकी जा सकी। इससे पहले दूसरा दिन का खेल भी पूरी तरह बारिश से धुल गया था, जबकि पहले दिन केवल 35 ओवर की खेल ही हो पाया था।

रविवार को तीसरे दिन अंपायर्स ने लगातार मैदान का निरीक्षण किया। सुबह 10 बजे, फिर दोपहर 12 बजे और इसके बाद 2 बजे मैदान का निरीक्षण किया गया। आज बारिश नहीं हुई, लेकिन मैदान गीला था। ऐसे में मैदान का तीन बार निरीक्षण करने के बाद तीसरे दिन के खेल को रद्द कर दिया गया। रविवार को मैच देखने दर्शक भी बड़ी संख्या में पहुंचे थे। उन्हें भी मायूस होकर लौटना पड़ा। अब दर्शक चौथे दिन खेल होने की उम्मीद कर रहे हैं।

मैच के पहले दिन टॉस जीतकर भारतीय कप्तान रोहित शर्मा ने पहले गेंदबाजी करने का फैसला क‍िया था। बांग्लादेश ने बल्लेबाजी करते हुए पहली पारी में पहले दिन का खेल समाप्त होने तक 3 विकेट पर 107 रन बना लिये थे। मोमिनुल हक 40 और मुश्फिकुर रहीम 6 रन बनाकर खेल रहे थे। भारतीय टीम के लिए दाएं हाथ के तेज गेंदबाज आकाश दीप ने पहले दिन दो विकेट लिये। उन्होंने बांग्लादेश के सलामी बल्लेबाज जाकिर हसन (0) और शादमान इस्लाम (24) को आउट किया, जिससे बांग्लादेश का स्कोर 29 रन पर 2 विकेट हो गया। इसके बाद कप्तान नजमुल हुसैन शान्तो और मोमिनुल हक के बीच 51 रन की साझेदारी हुई, जिसे रविचंद्रन अश्विन ने तोड़ा। अनुभवी ऑफ स्पिनर ने शान्तो को 31 रन पर आउट किया। इसके बाद मोमिनुल और मुश्फिकुर रहीम ने बांग्लादेश की पारी को 100 के स्कोर पर पहुंचाया। 35वें ओवर के बाद खराब रोशनी के कारण खेल को रोका गया और फिर बारिश आ गई। इसके बाद पहले दिन के खेल को समाप्त घोषित कर दिया गया।

मैच के दूसरे दिन का खेल बारिश के कारण रद्द कर दिया गया था। दूसरे दिन शनिवार को एक भी गेंद नहीं फेंकी जा सकी थी। सुबह से ही मैदान कवर्स से ढके थे। अब तीसरे दिन का खेल भी मैदान गीला होने के कारण रद्द कर दिया गया है।

उल्लेखनीय है कि चेन्नई में पहला टेस्ट 280 रनों से जीतने के बाद मेजबान टीम दो मैचों की टेस्ट श्रृंखला में 1-0 से आगे चल रही है। भारतीय टीम वर्तमान में विश्व टेस्ट चैम्पियनशिप अंक तालिका में शीर्ष पर है। बांग्लादेश के खिलाफ श्रृंखला के बाद न्यूजीलैंड तीन टेस्ट मैचों के दौरे के लिए भारत आएगा।

0Shares

नई दिल्ली, 27 सितंबर (हि.स.)। वेस्टइंडीज के पूर्व हरफनमौला खिलाड़ी ड्वेन ब्रावो ने चोट के कारण कैरेबियन प्रीमियर लीग (सीपीएल) के अंतिम सत्र के बीच में ही सभी तरह के क्रिकेट से संन्यास ले लिया है।

अगले महीने 41 साल के ब्रावो इतिहास में सबसे ज्यादा टी20 विकेट लेने वाले गेंदबाज हैं। उन्होंने पहले 2021 में अपने अंतरराष्ट्रीय करियर को अलविदा कह दिया था, और पिछले साल आईपीएल से दूर चले गए, क्योंकि उन्होंने कोचिंग में जाना शुरू कर दिया था – पिछले 12 महीनों में उन्होंने चेन्नई सुपर किंग्स और अफगानिस्तान पुरुष टीम के साथ काम किया है।

अगले महीने 41 साल के ब्रावो इतिहास में सबसे ज्यादा टी20 विकेट लेने वाले गेंदबाज हैं। उन्होंने पहले 2021 में अपने अंतरराष्ट्रीय करियर को अलविदा कह दिया था, और पिछले साल आईपीएल से दूर चले गए, क्योंकि उन्होंने कोचिंग में जाना शुरू कर दिया था – पिछले 12 महीनों में उन्होंने चेन्नई सुपर किंग्स और अफगानिस्तान पुरुष टीम के साथ काम किया है।

ब्रावो ने इंस्टाग्राम पर एक पोस्ट में कहा, “मेरा दिमाग चलते रहना चाहता है, लेकिन मेरा शरीर अब दर्द, टूटन और तनाव को सहन नहीं कर सकता। मैं खुद को ऐसी स्थिति में नहीं रख सकता जहां मैं अपने साथियों, अपने प्रशंसकों या जिन टीमों का मैं प्रतिनिधित्व करता हूं उन्हें निराश कर सकूं। इसलिए, भारी मन से, मैं आधिकारिक तौर पर खेल से अपनी सेवानिवृत्ति की घोषणा करता हूं। चैंपियन विदाई ले रहा है।”

18 साल के करियर में, ब्रावो ने टी20 क्रिकेट में काफी कुछ हासिल किया है, उन्होंने आईपीएल, पीएसएल और बिग बैश में खिताब जीते, साथ ही वेस्टइंडीज के साथ दो बार विश्व चैंपियन बने। उन्होंने 582 मैचों में इस प्रारूप में 631 विकेट हासिल किए हैं।

ब्रावो ने सीपीएल के मौजूदा संस्करण से पहले घोषणा की थी कि यह उनका आखिरी संस्करण होगा। वह यूएई के आईएलटी20 के तीसरे सीज़न में खेलने वाले थे, जिसे एमआई अमीरात ने बरकरार रखा था, लेकिन मंगलवार को तरौबा में सेंट लूसिया किंग्स के खिलाफ खेलते हुए कमर में चोट लगने के बाद उन्होंने बाहर होने का फैसला किया।

ब्रावो सीपीएल इतिहास में सबसे सम्मानित खिलाड़ी थे, जिन्होंने कुल मिलाकर पांच खिताब जीते थे, जिसमें अकेले ट्रिनबागो नाइट राइडर्स के साथ तीन खिताब शामिल हैं। उन्होंने 2021 में पैट्रियट्स को अपना पहला खिताब दिलाने से पहले 2017 और 2018 में टीकेआर को लगातार खिताब दिलाया था।

0Shares

Chhapra: सारण प्लेयर्स लीग (एसपीएल) का द्वितीय संस्करण 15 से 22 दिसंबर 2024 तक राजेन्द्र स्टेडियम में खेला जाएगा।

इस निमित्त आयोजन समिति ने शहर के होटल अमितांश में प्रेस कांफ्रेंस कर इस बारे में विस्तार से प्रकाश डाला। आयोजन समिति के अध्यक्ष शैलेन्द्र सेंगर ने बताया कि जिले की 8 टीमें इस आयोजन में भाग लेंगी और ग्रुप स्टेज के बाद 4 टीमों के बीच सेमीफाइनल खेला जाएगा। सारे मैचों मे बिहार क्रिकेट एसोसिएशन के पैनल के अम्पायर ही अम्पायरिंग करेंगे। प्रत्येक टीम में बिहार के 5 नामी-गिरामी खिलाड़ी खेलेंगे। उनके साथ खेलकर यहां के स्थानीय खिलाड़ियों के खेल में भी निखार आएगा।

इस टूर्नामेंट में विजेता टीम को एक लाख, एक हजार तथा उप विजेता टीम को एकावन हजार की इनामी राशि दी जाएगी।

इस अवसर पर सारण क्रिकेट एसोसिएशन की अध्यक्ष अनु सिंह ने कहा कि इस आयोजन को सारण क्रिकेट एसोसिएशन की तरफ पूरा सहयोग मिलेगा। प्रेस कांफ्रेंस में आयोजन समिति के सचिव रवि राय, कोषाध्यक्ष राजन प्रसाद यादव, सारण क्रिकेट एसोसिएशन के सचिव चन्दन शर्मा, पूर्व सचिव सुनील सिंह, सारण क्रिकेट एसोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष संजय कुमार सिंह, अर्धेन्दू शेखर, ददन राज, रिजवी राज, राजेश राय, लासा राय, रिषभ राज तथा हिमांशु शर्मा आदि उपस्थित थे।

0Shares

स्टूडेंट्स क्लब बना 41 वीं एथलेटिक्स प्रतियोगिता का ओवर ऑल चैम्पियन 

दो दिवसीय डिस्ट्रिक्ट मीट का हुआ शानदार समापन

Amnaur: सारण जिला एथलेटिक्स संघ के तत्वावधान में हाई स्कूल क्रीड़ा मैदान में आयोजित 41 वीं जिला एथलेटिक्स प्रतियोगिता में मेजबान टीम ने बाजी मारी. स्टूडेंट्स क्लब अमनौर को जहां ओवरऑल चैम्पियन घोषित किया गया. वहीं पुरुष, महिला, जूनियर बालक और सब जूनियर बालक व बालिका का ग्रुप चैंपियनशिप भी उसी के नाम रहा. केवल जूनियर बालिका वर्ग में उच्च विद्यालय कोल्हुआ को चैम्पियनशिप से संतोष करना पड़ा. विजेता टीम को तरैयां विधायक जनक सिंह ने कप प्रदान कर सम्मानित किया. अतिथियों के समक्ष रिले रेस का आयोजन किया गया. जिसके बालक वर्ग में अमनौर ने प्रथम, मढ़ौरा ने द्वितीय और बनियापुर तृतीय स्थान पर रहे. बालिका वर्ग में अमनौर प्रथम, परसा द्वितीय और बनियापुर तृतीय स्थान पर रहे.

प्रतियोगिता में पुरुष वर्ग के 100 मीटर रेस में रोहित प्रथम, अनिकेत द्वितीय और सकलैन तृतीय स्थान पर रहे. 200 मीटर रेस में अरुण प्रथम, अभिजीत द्वितीय और राजा तृतीय स्थान पर रहे. 400 मीटर रेस सूरज प्रथम, अभिजीत द्वितीय और विवेक तृतीय स्थान पर रहे. 800 मीटर रेस में शत्रुध्न प्रथम, आकाश द्वितीय और आकाश कुमार तृतीय स्थान पर रहे. पांच हजार मीटर रेस में रंजीत प्रथम, विशाल द्वितीय और धीरज तृतीय स्थान पर रहे. 1500 मीटर रेस में शत्रुघ्न प्रथम, आकाश द्वितीय और कुंदन तृतीय स्थान पर रहे. शॉटपुट में रॉबिन प्रथम, मोनू द्वितीय और रवि तृतीय स्थान पर रहे. ऊंची कूद में रोहित प्रथम, मंतोश द्वितीय और रौशन तृतीय स्थान पर रहे. डिस्कस थ्रो में रॉबिन प्रथम, संजीव द्वितीय और सचिन तृतीय स्थान पर रहे. जेवलिन थ्रो में सूरज प्रथम, रोहित द्वितीय और विशाल तृतीय स्थान पर रहे.

जूनियर बालक वर्ग के शॉटपुट में रितिक प्रथम, विवेक द्वितीय और पल्लव तृतीय स्थान पर रहे. ऊंची कूद में गोलू प्रथम, कर्ण द्वितीय और विवेक तृतीय स्थान पर रहे. लंबी कूद में रितेश प्रथम, गोलू द्वितीय और कुंदन तृतीय स्थान पर रहे. डिस्कस थ्रो में रितिक प्रथम, पल्लव द्वितीय और अमन तृतीय स्थान पर रहे. डिस्कस थ्रो में रितिक प्रथम, पल्लव द्वितीय और अमन तृतीय स्थान पर रहे. जेवलिन थ्रो में सूरज कुमार प्रथम, साहिल द्वितीय और मोहित तृतीय स्थान पर रहे.

सब जूनियर बालक वर्ग के 60 मीटर रेस में कनिष्क प्रथम, आदित्य द्वितीय और पवन तृतीय स्थान पर रहे. लंबी कूद में कनिष्क प्रथम, रौशन द्वितीय और अनुराग तृतीय स्थान पर रहे. ऊंची कूद में आदित्य प्रथम और कनिष्क व अनुराग द्वितीय स्थान पर रहे. शॉट पुट में अनुभव प्रथम, अविनाश द्वितीय और अमित तृतीय स्थान पर रहे. जेवलिन थ्रो में आसिफ प्रथम, कन्हैया द्वितीय और आयुष तृतीय स्थान पर रहे.

महिला वर्ग के 100 मीटर रेस में पिंकी प्रथम, प्रीति द्वितीय और चंचला तृतीय स्थान रहीं. 200 मीटर रेस में प्रीति प्रथम, चंचला द्वितीय और पुष्पा तृतीय स्थान पर रहीं. 400 मीटर रेस में रुखसार प्रथम, सीमा द्वितीय और साक्षी तृतीय स्थान पर रही. 1500 मीटर रेस में रुखसार प्रथम, रीना द्वितीय और सीमा तृतीय स्थान पर रहीं. पांच हजार मीटर रेस में रीना प्रथम, शिव मालती द्वितीय और रंजीत तृतीय स्थान रहीं. लंबी कूद में कुमारी प्रीति प्रथम, पलक द्वितीय और अमृता तृतीय स्थान पर रहीं. ऊंची कूद में काजल प्रथम, पलक द्वितीय और निकिता तृतीय स्थान पर रहीं. शॉट पुट में सुरबंधिता प्रथम, पलक द्वितीय और शिवमालती तृतीय स्थान पर रहीं. जेवलिन थ्रो में सुरबंधिता प्रथम कंचन द्वितीय और पलक तृतीय स्थान पर रही. डिस्कस थ्रो में सुरबंधिता प्रथम, साक्षी द्वितीय और सोनाली तृतीय स्थान पर रहीं.

जूनियर बालिका वर्ग के लंबी कूद में मनीषा प्रथम, कोमल द्वितीय और रीता तृतीय स्थान पर रहीं. ऊंची कूद में निभा प्रथम, आरती द्वितीय और कुमल तृतीय स्थान पर रहीं. डिस्कस थ्रो में आरती प्रथम, रूबी द्वितीय और पूजा तृतीय स्थान पर रहीं.

सब जूनियर बालिका वर्ग के लंबी कूद में श्वेता प्रथम, सुमन द्वितीय और अंतरा तृतीय स्थान पर रहीं. ऊंची कूद में अंतरा प्रथम और साक्षी द्वितीय पर रहीं. शॉटपुट में श्वेता प्रथम, एंजल द्वितीय और आयुषी तृतीय स्थान पर रहीं. जेवलिन थ्रो में रागिनी प्रथम, रितिका द्वितीय और सुमन तृतीय स्थान पर रहीं. प्रतियोगिता के दौरान पूर्व मंत्री सह विधायक जितेन्द्र कुमार राय ने उपस्थित होकर खिलाड़ियों का मनोबल बढ़ाया.

समापन समारोह में कार्यकारी जिलाध्यक्ष अजय सिंह, सचिव गजेंद्र सिंह, कार्यकारी सचिव निलाभ गुंजन ने अतिथियों का स्वागत किया. मौके पर जिला पारिषद की पूर्व जिलाध्यक्ष मीणा अरुण, सीओ अजय कुमार, थानाध्यक्ष जयंत कुमार सिंह, पूर्व प्रत्याशी राहुल कुशवाहा, मुखिया भोलु सिंह, ठाकुर अमर कुमार सिंह, शिवानुग्रह नारायण सिंह, उज्जवल कुमार, सुभाष चंद्र, प्रदेश मुखिया संघ अध्यक्ष मिथिलेश राय, चंदन जी, सत्येंद्र दूरदर्शी आदि उपस्थित थे.

0Shares

चेन्नई, 19 सितंबर (हि.स.)। बांग्लादेश के खिलाफ यहां एन चिन्नास्वामी स्टेडियम में खेले जा रहे पहले टेस्ट मैच के पहले दिन लंच तक भारत ने अपनी पहली पारी में 3 विकेट खोकर 88 रन बना लिए हैं। यशस्वी जयसवाल (37) और ऋषभ पंत (33) क्रीज पर डटे हुए हैं। इन दोनों के बीच अब तक चौथे विकेट के लिए 54 रनों की साझेदारी हो चुकी है।

इस मैच में बांग्लादेश ने हरी होने और तेज गेंदबाजों की मददगागर पिच पर टॉस जीतकर पहले गेंदबाजी करने का फैसला किया। बांग्लादेश को इसका फायदा भी मिला, जब हसन महमूद ने कप्तान रोहित शर्मा (06), शुभमन गिल (00) और विराट कोहली (06) को केवल 34 रन के स्कोर पर पवेलियन भेज कर मेजबान टीम को मुश्किल में डाल दिया।

इसके बाद केएल राहुल से पहले 5वें नंबर पर बल्लेबाजी करने आए पंत ने जयसवाल के साथ भारतीय पारी को संभाला, हालांकि लंच से ठीक पहले शादमान ने उनका कैच छोड़ा, नहीं तो भारत की मुश्किलें और बढ़ सकती थीं। दूसरी ओर जयसवाल सतर्क रहे और खराब गेंद को दूर रखा।

पंत और जयसवाल ने संभलकर खेलते हुए चौथे विकेट के लिए 54 रन की साझेदारी कर भारत को मुश्किल से निकाला। जयसवाल 37 और पंत 33 रन बनाकर खेल रहे हैं। उम्मीद है कि पिच आसान होगी और बल्लेबाजी के लिए बेहतर होगी और यहां तक ​​कि तेजी भी आएगी।

0Shares

नई दिल्ली, 18 सितंबर (हि.स.)। भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) ने भारत बनाम बांग्लादेश टेस्ट श्रृंखला से पहले क्रिकेट की दो सबसे मजबूत हस्तियों, विराट कोहली और गौतम गंभीर के बीच एक विशेष साक्षात्कार का आयोजन किया।

बुधवार को जारी इस साक्षात्कार में कोहली और गंभीर ने अपने अतीत, अपने गहन आईपीएल मुकाबलों और मीडिया और प्रशंसकों द्वारा उनके चारों ओर बनाए गए सर्कल से आगे बढ़ने पर चर्चा की।

दोनों खेल दिग्गजों के बीच यह बातचीत बांग्लादेश के खिलाफ भारत की दो मैचों की टेस्ट सीरीज से पहले हुई है। बीसीसीआई द्वारा साझा किए गए टीज़र में कोहली ने गंभीर के साथ लंबे समय से चले आ रहे तनाव को लेकर बातचीत की शुरुआत करते हुए कहा, “तो हम यहां हैं। हम एक लंबा सफर तय कर चुके हैं और सभी मसाला खत्म कर रहे हैं।”

गंभीर ने मुस्कुराते हुए जवाब दिया, “यह बातचीत की अच्छी शुरुआत है,” और दोनों खिलाड़ी एक साथ हंस पड़े।

साक्षात्कार के दौरान, गौतम गंभीर ने ऑस्ट्रेलिया में कोहली के शानदार प्रदर्शन को याद किया, जहां कोहली की बल्लेबाजी शानदार थी, जिससे उन्हें क्रिकेट के महान खिलाड़ियों में से एक के रूप में चिह्नित किया गया।

बदले में, कोहली ने गंभीर से पूछा कि वह मैदान पर हंसी-मजाक के बीच ‘ज़ोन’ में कैसे बने रहने में कामयाब रहे, एक सवाल जिसके कारण खेलों में मानसिक लचीलेपन पर एक व्यावहारिक चर्चा हुई।

गौतम गंभीर ने हास्य के स्पर्श के साथ, सवाल को वापस कोहली की ओर टाल दिया, उन्होंने कोहली के मैदान पर कई विवादों पर बात की और सुझाव दिया कि कोहली इस बात का जवाब देने के लिए बेहतर ढंग से सुसज्जित हो सकते हैं कि बाहरी बातचीत किसी खिलाड़ी के फोकस को कैसे प्रभावित करती है।

कोहली और गंभीर का एक समृद्ध इतिहास है, जिन्होंने 2011 में भारत की एकदिवसीय विश्व कप जीत में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। टूर्नामेंट के दौरान, गंभीर ने अपने प्लेयर ऑफ द मैच की ट्रॉफी युवा विराट कोहली को सौंपी, जो दो अत्यधिक प्रतिस्पर्धी क्रिकेटरों के बीच एक बंधन की शुरुआत थी। हालाँकि, उनके ऑन-फील्ड रिश्ते हमेशा सहज नहीं रहे हैं।

2013 में, यह जोड़ी एक आईपीएल मैच के दौरान एक मौखिक विवाद में शामिल थी, और उनकी प्रतिद्वंद्विता केवल एक दशक बाद 2023 आईपीएल के दौरान बढ़ी। गंभीर, जो उस समय लखनऊ सुपर जायंट्स के मेंटर थे, और रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर का नेतृत्व कर रहे कोहली के बीच तीव्र टकराव हुआ, जिसके परिणामस्वरूप दोनों खिलाड़ियों पर जुर्माना लगाया गया।

पिछले तनाव के बावजूद, दोनों के बीच ने हाल ही में दोस्ताना व्यवहार देखा गया। दोनों को 2024 में, चिन्नास्वामी स्टेडियम में कोलकाता नाइट राइडर्स और आरसीबी के बीच एक मैच के दौरान गर्मजोशी से गले मिलते देखा गया था, जो उनके सार्वजनिक मतभेदों के अंत का संकेत था। गंभीर की भारत के मुख्य कोच के रूप में नियुक्ति के बाद से, इस जोड़ी ने अपने मतभेदों को भुलाकर और ड्रेसिंग रूम में एक मजबूत तालमेल बनाते हुए मिलकर काम किया है।

0Shares

Chhapra: सारण जिला एथलेटिक्स के सदस्य पूर्व खिलाड़ी एवं खेल प्रेमियों की बैठक राजेंद्र स्टेडियम में आहूत की गई। एथलेटिक संघ के इस आम सभा में 300 से अधिक लोगों ने भाग लिया।

बैठक की अध्यक्षता संघ के आजीवन सदस्य डॉ सुरेश प्रसाद सिंह ने किया। बैठक में उपस्थित दर्जनों पूर्व संघीय पदाधिकारी एवं सैकड़ो राष्ट्रीय खिलाड़ी तथा बड़े संख्या में उन खिलाड़ियों ने जिला में एथलेटिक्स के विकास के लिए सारण जिला एथलेटिक संघ के पुनर्गठन का प्रस्ताव रखा। सभा की सहमति के बाद सर्वसम्मति से संघ का पुनर्गठन किया गया। जिसके पदाधिकारी निम्न हुए।

संरक्षक डॉ एचके वर्मा, डॉ सुरेश प्रसाद सिंह, डॉ हरेंद्र सिंह, रितेश सिंह मुखिया संघ के अध्यक्ष पद पर संजय कुमार सिंह सचिव मुकेश कुमार यादव, राष्ट्रीय खिलाड़ी कोषाध्यक्ष मेराज खान उपाध्यक्ष कृष्ण मोहन सिंह बनियापुर निर्मला ठाकुर छपरा सच्चिदानंद ओझा मरहौरा, सभापति बैठा छपरा, अशोक कुमार सिंह दिघवारा, संयुक्त सचिव हरेंद्र दास छपरा, राष्ट्रीय एथलीट संजय कुमार सिंह, एनआईएस कोच शक्ति सिंह, राष्ट्रीय एथलीट अभय प्रकाश, राष्ट्रीय एथलीट सुजीत कुमार, कार्यकारिणी सदस्य तरुण कुमार सिंह, जाकिर अली, धनंजय कुमार गोलू, राजन राय, अवधेश प्रसाद, किशोर कुणाल, सौरभ कुमार, अशोक कुमार राय, किशोर कुमार, राजेश कुमार, शुभम, रामबाबू राय, विकी आनंद, रितेश कुमार सिंह, अमित कुमार सिंह पैरा एथलीट का चुनाव किया गया।

बैठक की समाप्ति सारण ओलंपिक संघ के सचिव सभापति बैठा ने धन्यवाद प्रस्ताव के बाद संपन्न हुआ।

0Shares

Chhapra: आगामी बिहार राज्य जूनियर बालिका कबड्डी प्रतियोगिता में शानदार प्रदर्शन करने के लिए सारण की बालिका कबड्डी टीम का ट्रेनिंग कैम्प गरखा प्रखंड के संत जोसफ अकादमी में चल रहा है.

कैम्प का उद्घाटन सारण जिला कबड्डी संघ के संरक्षक डॉ हरेंद्र सिंह, डॉ सुरेश प्रसाद सिंह एवं संघ के सचिव पंकज कश्यप ने संयुक्त रूप से भूमि पूजन के साथ किया. खिलाड़ियों को संबोधित करते हुए डॉ हरेंद्र सिंह ने उन्हें अनुशासन के महत्व को समझाते हुए खेल में आत्मसात करने पर जोर दिया. डॉ सुरेश प्रसाद सिंह ने सारण के खिलाड़ियों को शुभकामनाएं देते हुए एक नए कीर्तिमान स्थापित करने के लिए प्रेरित किया.

बताते चलें कि यह कैम्प अगले 5 दिनों तक आवासीय रहेगा. जहां उक्त टीम का ट्रेनिंग सीनियर खिलाडी रोहित सिंह , आनंद सिंह एवं अमन कुमार को सौपा गया है. खिलाड़ियों को संबोधित करते हुए संघ के सचिव पंकज कश्यप ने उन्हें संघ की तरफ से हर संभव मदद का आश्वासन दिया तथा उन्हें खेल की बारीकियों एवं कोच तथा कप्तान की भूमिका के बारे मे बताया. सभी अगत अतिथि का स्वागत डॉ देव कुमार सिंह ने किया. उन्होंने बताया कि ट्रेनिंग कैम्प जिले की 15 खिलाड़ियों को रखा गया है जहां खिलाड़ियों के रहने, खेलने एवं स्वास्थ्य का पूरा ध्यान रखा जाएगा.

कैम्प में ये खिलाड़ी शामिल है 

बुची कुमारी, प्रियंका कुमारी, रानी कुमारी, अनु कुमारी, सोनी कुमारी, अनुष्का कुमारी, वैभवी कुमारी, खुशी कुमारी, रिया कुमारी, तृष्णा राय, भावना सिंह, निधि कुमारी, मुस्कान कुमारी, प्रिया कुमारी, मोनी कुमारी.

0Shares

Chhapra:  जयप्रकाश विश्वविद्यालय, छपरा द्वारा आयोजित अंतर्महाविद्यालयीन विभिन्न खेल प्रतियोगिताओं के अंतर्गत राजेंद्र महाविद्यालय में आयोजित हो रही बैडमिंटन प्रतियोगिता का आज द्वितीय दिवस भी रोमांचक आयोजन हुआ।

आज के खेल में पुरुष वर्ग के खिलाड़ियों ने प्रतिभागिता की।छपरा, सीवान व गोपालगंज में संचालित विभिन्न महाविद्यालयों में से 11 टीमें सम्मिलित हुईं। इन टीमों के मध्य लगभग 30 मैच खेले गए।

प्रतियोगिता में प्रथम स्थान पर राम जयपाल कॉलेज, छपरा से शुभंकर कश्यप एवं अमन कुमार रहे। वहीं द्वितीय स्थान राजेंद्र कॉलेज, छपरा के सर्वेश सौरभ, अब्दुल्ला खान, सचिन कुमार और प्रभाकर को प्राप्त हुआ। विदित है कि इस खेल प्रतियोगिता का उद्घाटन कुलपति ने किया था। कल पहला मैच वाई एन कॉलेज दिघवारा और राजेंद्र कॉलेज के बीच हुआ था। सारी प्रतियोगिताएं अत्यंत सौहार्द्रपूर्ण एवं उत्साहमय वातावरण में संपन्न हुईं।

महाविद्यालय के प्रभारी प्राचार्य प्रो. सुशील कुमार श्रीवास्तव के निर्देशानुसार क्रीडा प्रभारी डॉ. अब्दु रशीद के. ने खिलाड़ियों का उचित मार्गदर्शन करते हुए नियमानुसार सभी प्रतियोगिताएं संपन्न कराने में अहम भूमिका निभाई। वहीं विभिन्न दायित्वों पर तैनात प्राध्यापकों ने अपनी-अपनी भूमिका सक्रिय रूप से निभाई। उल्लेखनीय है कि खेलों के इसी क्रम में कल महिला वर्ग की बैडमिंटन प्रतियोगिताएं आयोजित होंगी।

0Shares

Chhapra: राजेंद्र महाविद्यालय प्रांगण में जय प्रकाश विश्वविद्यालय अंतर महाविद्यालय बैडमिंटन प्रतियोगिता का उद्घाटन कुलपति प्रो. प्रमेन्द्र कुमार बाजपेयी द्वारा किया गया।

प्रथमतः प्राचार्य प्रो. सुशील कुमार श्रीवास्तव ने कुलपति और कुलसचिव को सम्मानित किया। कुलपति ने अपने अध्यक्षीय उद्बोधन में खेल के महत्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि खेल व्यक्ति के व्यक्तित्व का संपूर्ण विकास करता है। हारने वाला खिलाड़ी जहाँ एक ओर खेल के तकनीकियों एवं टीम में सहयोग की भावना, उचित प्रतिस्पर्धा को सीखता है, वही जीतने वाला खिलाड़ी सद्भाव एवम विनम्रता के साथ जीत को विनम्रतापूर्वक अपनाना सीखता हैं। खेल स्वस्थ तन और स्वस्थ मन की आधारशिला हैं, जो भारत जैसे राष्ट्र को विकसित करने की दिशा में महत्वपूर्ण योगदान देता हैं।

इसे भी पढ़ें: नए BNS कानून के तहत पहली सजा: रसूलपुर के तिहरे हत्याकांड के दोनों आरोपी न्यायालय से दोषी करार, 5 सितम्बर को सुनाई जाएगी सजा

इस प्रतियोगिता में भाग लेने हेतु गोपेश्वर कॉलेज हथुआ, राम जयपाल, डी ए वी सिवान, एच आर कॉलेज अमनौर, राजेंद्र महाविद्यालय, पी एन सिंह डिग्री कॉलेज, गंगा सिंह, पी एन कॉलेज परसा, एच आर कॉलेज मैरवा की महिला एवं पुरुष वर्ग के खिलाड़ी उपस्थित रहे।

इस अवसर पर कुलसचिव प्रो. नारायण दास, कुलानुशासक, प्रो.अजीत तिवारी, प्रो. हरिश्चंद, प्रो. राजेश नायक समेत कई शिक्षक व छात्र उपस्थित रहे।

0Shares

नई दिल्ली, 3 सितंबर (हि.स.)। पेरिस पैरालिंपिक 2024 में भारत के लिए सोमवार का दिन असाधारण था। इतिहास रचा गया, रिकॉर्ड तोड़े गए और 12 घंटे से भी कम समय में नए मील के पत्थर हासिल किए गए। भारत ने ऐतिहासिक सोमवार को आठ पदक जीतकर अपने कुल पदकों की संख्या 15 कर ली है। सिर्फ़ एक दिन में, भारत ने 1988-2016 के बीच अपने पूरे पैरालिंपिक पदकों की बराबरी कर ली और एक ओलंपिक में अब तक जीते गए पदकों से ज़्यादा पदक जीत लिए। यह निश्चित रूप से भारत के पैरालिंपिक/ओलंपिक इतिहास का सबसे विजयी दिन था। यह वास्तव में भारतीय खेल इतिहास के सबसे महान दिनों में से एक था।

प्रधानमंत्री मोदी लगातार बढ़ा रहे हैं खिलाड़यों का हौंसला

शारीरिक चुनौतियों का सामना करने के बावजूद देश को गौरवान्वित करने वाले एथलीटों को जब देश के मुखिया का साथ मिलता है तो उनका आत्मविश्वास और खुशी सातवें आसमान पर होता है। सोमवार को भी प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने नितेश और चीयर 4 भारत को टैग करते हुए अपने एक्स पर लिखा ‘पैरा बैडमिंटन पुरुष एकल एसएल 3 में नितेश कुमार की सफलता शानदार रही है और उन्होंने स्वर्ण पदक जीता है। उन्हें अपनी अविश्वसनीय क्षमताओं और दृढ़ता के लिए जाना जाता है। वह उभरते खिलाड़ियों के लिए प्रेरणा हैं।’

इससे पहले भी सुमित अंतिल, तुलसीमथी मुरुगेसन, सुहास यतिराज, योगेश कथुनिया, शीतल देवी और राकेश कुमार, मनीषा रामदास और नित्या श्री सिवन ने जब अपनी अपनी प्रतियोगिताओं में पदक जीते, तब तब प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने उन्हें बधाई संदेश देकर देश के लिए एक प्रेरणा बताया। प्रधानमंत्री ने हर पदक जीत के बाद कभी सोशल मीडिया तो कभी फोन के जरिए खिलाड़ियों से बात की और उन्हें शुभकामनाएं भी दीं, साथ ही उन्होंने असफल एथलीटों को प्रोत्साहित भी किया। प्रधानमंत्री ओलंपिक, पैरालिंपिक या किसी भी बड़े खेल इवेंट के बाद खिलाड़ियों से मिलते हैं और उनका हौसला बढ़ाते हैं।

शानदार सोमवार

दिलचस्प संयोग यह है कि पैरालिंपिक में भारत का पिछला सर्वश्रेष्ठ दिन भी सोमवार – 30 अगस्त, 2021 को आया था। सुमित अंतिल पैरालंपिक स्वर्ण पदक जीतने वाले पहले भारतीय पुरुष बन गए और उन्होंने यह उपलब्धि बहुत ही शानदार तरीके से हासिल की – उन्होंने पैरालंपिक में अपना ही रिकॉर्ड फिर से तोड़ दिया (दो बार)।

इस सोमवार को नितेश कुमार ने भी स्वर्ण पदक जीता। बैडमिंटन में तुलसीमथी मुरुगेसन (एसयू5) और सुहास यतिराज (एसएल4) ने रजत पदक जीते और एथलेटिक्स में योगेश कथुनिया (डिस्कस एफ56) ने रजत पदक जीता। शीतल देवी और राकेश कुमार की अद्वितीय जोड़ी ने मिश्रित कंपाउंड तीरंदाजी में शानदार कांस्य पदक जीता, जबकि बैडमिंटन स्टार मनीषा रामदास (एसयू5) और नित्या श्री सिवन (एसएच6) ने भी कांस्य पदक जीता।

नितेश ने पैरों में चोट के बावजूद जीता बैडमिंटन का सोना

पैरा बैडमिंटन में एक घंटे और बीस मिनट के रोमांचक मुकाबले में नितेश कुमार ने ग्रेट ब्रिटेन के पसंदीदा डेनियल बेथेल को 21-14, 18-21, 23-21 से हराकर अपना पहला अंतरराष्ट्रीय स्वर्ण पदक जीता। दृढ़ निश्चय, बेहतरीन तकनीक और गंभीर धैर्य (सबसे लंबी रैली 122 शॉट की थी) दिखाते हुए नितेश ने अपने प्रतिद्वंद्वी को गेम में पीछे छोड़ दिया। उनके बेदाग डिफेंस और सटीक हमले ने बेथेल को आश्चर्यचकित कर दिया। भारतीय ने ब्रिटिश खिलाड़ी के खिलाफ 10 प्रयासों में अपनी एकमात्र जीत हासिल की।

दादरी (हरियाणा) में जन्मे नितेश का पहला प्यार फुटबॉल था। हालाँकि, 2009 में विजाग में एक दुखद दुर्घटना ने उनकी आकांक्षाओं को चकनाचूर कर दिया, जिससे उन्हें महीनों तक बिस्तर पर रहना पड़ा और पैर में हमेशा के लिए चोट लग गई। इस झटके के बावजूद, नितेश का खेल के प्रति प्यार अटूट रहा। आईआईटी मंडी में पढ़ाई के दौरान नितेश को बैडमिंटन के प्रति नया जुनून पैदा हुआ। उन्होंने कोर्ट पर अपने हुनर ​​को निखारा, अक्सर स्वस्थ शरीर वाले लोगों को चुनौती दी। नितेश का सबसे बड़ा पल 2020 में आया, जब उन्होंने टोक्यो पैरालंपिक पदक विजेता प्रमोद और मनोज को हराकर राष्ट्रीय चैंपियनशिप में स्वर्ण पदक हासिल किया। घरेलू टूर्नामेंट में उनके दबदबे ने भारत के अग्रणी पैरा-बैडमिंटन एथलीटों में से एक के रूप में उनकी स्थिति को मजबूत किया।

दुर्लभ न्यूरोलॉजिकल विकार के शिकार योगेश ने जीता रजत

चक्का फेंक खिलाड़ी योगेश कथुनिया के लिए यह एक नियमित प्रक्रिया बन गई है, उन्होंने पेरिस पैरालिंपिक में फिर से रजत जीतने के लिए सीजन का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन (इस बार 42.22 मीटर) किया, टोक्यो में अपनी उपलब्धि को दोहराते हुए, वह ब्राजील के क्लॉडनी बतिस्ता से पीछे रहे।

योगेश को नौ साल की उम्र में गिलियन-बैरे सिंड्रोम नामक एक दुर्लभ न्यूरोलॉजिकल विकार हो गया था, जिससे क्वाड्रिपेरेसिस (एक ऐसी स्थिति जिसमें प्रभावित व्यक्ति के चारों अंगों में मांसपेशियों की कमजोरी होती है) हो जाती है। उसकी माँ ने उसे बचाया, फिजियोथेरेपी सीखी और तीन साल के भीतर योगेश ने फिर से चलने के लिए पर्याप्त मांसपेशियों की ताकत हासिल कर ली। अब वह दो बार पैरालिंपिक रजत पदक विजेता हैं।

मनीषा ने कमजोर हाथ को बनाया मजबूत और जीता कांस्य

कोर्ट पर पच्चीस मिनट। 21-12, 21-8। पैरा बैडमिंटन में मनीषा रामदास का कांस्य पदक, भारत का दिन का तीसरा पदक, बहुत ही शानदार था।

जन्म से ही मनीषा का दाहिना हाथ क्षतिग्रस्त हो गया था, क्योंकि डॉक्टरों ने उन्हें पैदा करते समय एक नैदानिक ​​गलती की थी। 12 साल की उम्र से पहले तीन सर्जरी करवाने के बावजूद वह अपना हाथ सीधा नहीं कर पाई। उसने कक्षा पांच में बैडमिंटन पर ध्यान केंद्रित करना शुरू किया और केवल 17 साल की उम्र में, विश्व चैंपियनशिप में सफलता हासिल की और 2022 बीडब्ल्यूएफ महिला पैरा-बैडमिंटन प्लेयर ऑफ द ईयर का खिताब जीता। 2024 में, वह अब पैरालिंपिक कांस्य पदक विजेता हैं।

एक हाथ वाली तुलसीमथी का कमाल

मौजूदा चैंपियन यांग किउ ज़िया से 17-21, 10-21 से पराजित, तुलसीमथी मुरुगेसन ने उस शानदार फॉर्म को दोहराने के लिए संघर्ष किया, जिसने उन्हें इस फ़ाइनल में पहुँचाया था।

तुलसी केवल अपने दाहिने हाथ से खेलती है, उनका बायाँ हाथ एक दुर्घटना के बाद और भी ख़राब हो गया था। तुलसी बैडमिंटन में सर्व करने के लिए केवल एक हाथ का उपयोग करती हैं, शटल और रैकेट दोनों को एक ही हाथ में पकड़ती हैं। इसके बावजूद 22 वर्षीय तुलसी ने रजत जीता।”

सुहास यतिराज ने फिर रचा इतिहास

ऐसा हर रोज़ नहीं होता कि आप किसी आईएएस अधिकारी को पैरालंपिक पदक जीतते देखें, लेकिन भारत ने ऐसा दो बार होते देखा है। सुहास यतिराज भले ही लुकास माजुर के अपने घरेलू प्रशंसकों के सामने खेली गई प्राकृतिक शक्ति से चकित रह गए हों (वे 9-21, 13-21 से हार गए), लेकिन 41 वर्षीय खिलाड़ी ने रजत पदक जीता, क्योंकि उन्होंने पहले राउंड में शानदार प्रदर्शन करके अपनी पहली वरीयता को बरकरार रखा।

बाएं टखने में जन्मजात विकृति के साथ जन्मे सुहास की गतिशीलता पर असर पड़ता है, लेकिन उन्होंने हमेशा अपनी चुनौतीपूर्ण नौकरी और अपने खेल करियर के बीच संतुलन बनाए रखा है, और उनका दूसरा पैरालिंपिक रजत पदक उनकी व्यावसायिकता, कौशल और खेल के प्रति समर्पण का प्रमाण है।

शीतल और राकेश ने मिलकर जीता शानदार कांस्य पदक

अंतिम सेट में एक अंक से पिछड़ने के बाद, शीतल देवी और राकेश कुमार को पता था कि उन्हें जीतने के लिए परफ़ेक्ट प्रदर्शन करना होगा। और उन्होंने ऐसा किया, चार तीरों में चार टेन के साथ उन्होंने इटली के एलेनारा सार्टी और माटेओ बोनासिना पर दबाव बनाया… दबाव के कारण भारतीयों ने 156 के संयुक्त पैरालंपिक रिकॉर्ड स्कोर के साथ रोमांचक कांस्य पदक प्लेऑफ़ जीता, जबकि इटली के 155 थे। शीतल के लिए, यह उनके तेज़ी से आगे बढ़ने का एक और प्रमाण था, जबकि राकेश के लिए यह अंतरराष्ट्रीय स्तर पर वर्षों तक लगातार बेहतरीन प्रदर्शन करने का इनाम था।

राकेश 2009 में एक दुर्घटना के बाद से व्हीलचेयर पर हैं, जिसके कारण उनकी रीढ़ की हड्डी में गंभीर चोट लग गई थी, और आज वे जिस ऊंचाई पर हैं, वहां पहुंचने के लिए उन्होंने गंभीर अवसाद को झेला है। इस बीच, किशोर सनसनी शीतल का जन्म फोकोमेलिया नामक एक दुर्लभ चिकित्सा स्थिति के साथ हुआ, जिसका मतलब था कि उसके हाथ बहुत कम विकसित थे।

‘हाथहीन तीरंदाज’ अपने पैरों में धनुष पकड़कर और मुंह और कंधे के संयोजन से तीर खींचकर निशाना साधती है। राकेश अपने व्यक्तिगत स्पर्धा में चौथे स्थान पर रहे, शीतल प्री-क्वार्टर में हार गईं, लेकिन दोनों ने अब पैरा-तीरंदाजी में भारत के लिए दूसरा पदक जीतकर इसकी भरपाई कर ली है, एक शानदार कांस्य। शीतल देवी और राकेश कुमार ने शानदार अंदाज में पैरालिंपिक कांस्य जीता।

सुपरस्टार सुमित ने फिर से कमाल किया

बहुत कम भारतीय एथलीट कभी सुमित अंतिल जैसा स्वैग लेकर दौड़े हैं। उनके पास जितने पदक हैं, उतने और भी कम हैं। सुमित ने अपने विरोधियों को पूरी तरह से पछाड़कर टोक्यो पैरालिंपिक स्वर्ण पदक जीता, और उन्होंने तीन साल बाद पेरिस में भी ऐसा ही किया।

सुमित ने शुरू में पहलवान बनने की योजना बनाई थी, लेकिन सड़क दुर्घटना में उसका बायां पैर कट जाने के बाद उसे अपने सपने छोड़ने पड़े। अस्पताल में महीनों रहने के बाद, कृत्रिम पैर ने उसके खेल के सपने को फिर से जीवित कर दिया… और अब वह दो बार पैरालंपिक चैंपियन है।

नित्या ने जीता कांस्य पदक

23 मिनट में 21-14, 21-6 से मिली जीत अपनी कहानी खुद बयां करती है। पैरा बैडमिंटन खिलाड़ी नित्या श्री सिवन ने सोमवार को भारत के लिए कांस्य पदक जीतकर एक अलग ही कहानी बयां की। उन्होंने हाल ही में शुरू की गई SH6 श्रेणी में इंडोनेशिया की मार्लिना रीना को मात दी, उन्हें मात दी और आमतौर पर उन पर भारी पड़ी। यह श्रेणी छोटे कद के एथलीटों के लिए है। 2019 में ही इस खेल में शामिल होने के बाद से ही वह तेजी से आगे बढ़ रही हैं और इस कांस्य पदक मैच ने यह दिखा दिया कि ऐसा क्यों है। निथ्या ने चतुराई से जगह का इस्तेमाल किया, एंगल्ड ड्रॉप्स के साथ रैलियों को खत्म करने से पहले क्लीयर को गहराई से और सटीक तरीके से आगे बढ़ाया, जिससे वह शुरू से अंत तक मैच पर नियंत्रण में रहीं। ।

0Shares

नई दिल्ली, 3 सितंबर (हि.स.)। सूर्यकुमार यादव को 2024-25 दलीप ट्रॉफी के शुरुआती दौर से बाहर कर दिया गया है, क्योंकि पिछले हफ़्ते कोयंबटूर में बुची बाबू आमंत्रण टूर्नामेंट में मुंबई के लिए प्री-सीज़न मैच के दौरान उन्हें हाथ में चोट लग गई थी। सूर्यकुमार को आराम करने की सलाह दी गई है और वह नियमित जांच के लिए फिलहाल बेंगलुरु में राष्ट्रीय क्रिकेट अकादमी में हैं।

ईएसपीएनक्रिकइंफो के अनुसार, सूर्यकुमार ने पिछले हफ़्ते टीएनसीए इलेवन के खिलाफ़ मैच की दूसरी पारी में बल्लेबाज़ी नहीं की थी, क्योंकि तीसरे दिन फ़ील्डिंग करते समय उनके हाथ में चोट लग गई थी। उस समय, मुंबई टीम प्रबंधन ने पुष्टि की थी कि यह कदम सीज़न की शुरूआती दलीप ट्रॉफी में उनकी भागीदारी को ध्यान में रखते हुए एहतियाती तौर पर उठाया गया था।

भारत के टी20 कप्तान सूर्यकुमार ने हाल ही में टेस्ट में वापसी के लिए उत्सुकता व्यक्त की है। एक साल से अधिक समय से कोई प्रथम श्रेणी क्रिकेट नहीं खेलने के बाद, सूर्यकुमार ने रेड-बॉल क्रिकेट के लिए खुद को तैयार करने के लिए प्री-सीजन बुची बाबू टूर्नामेंट के लिए खुद को उपलब्ध कराया, जिसमें भारत को अगले पांच महीनों में 10 टेस्ट खेलने हैं, जिसकी शुरुआत 19 सितंबर से चेन्नई में बांग्लादेश के खिलाफ दो मैचों की श्रृंखला से होगी।

सूर्यकुमार, जिन्होंने अब तक एकमात्र टेस्ट पिछले साल ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ खेला था, को इंडिया सी टीम में शामिल किया गया है, जिसका नेतृत्व रुतुराज गायकवाड़ करेंगे, जो अनंतपुर में श्रेयस अय्यर की इंडिया डी से भिड़ेंगे। इंडिया ए और इंडिया बी एक साथ बेंगलुरु के चिन्नास्वामी स्टेडियम में दूसरे शुरुआती दौर का मैच खेलेंगे।

हाल ही में, तेज गेंदबाज मोहम्मद सिराज और उमरान मलिक भी बीमारी के कारण दलीप ट्रॉफी के शुरुआती दौर से बाहर हो गए थे, और रवींद्र जडेजा को वापस बुला लिया गया था, हालांकि बीसीसीआई ने उनके लिए कोई कारण नहीं बताया। नवदीप सैनी और गौरव यादव क्रमशः भारत बी और सी टीमों के लिए सिराज और मलिक की जगह लेंगे।

इस बीच, नितीश कुमार रेड्डी को एनसीए ने फिट घोषित कर दिया है। उन्हें कमर की चोट के कारण फिटनेस की शर्त पर शामिल किया गया था, जिसके कारण उन्हें जुलाई में जिम्बाब्वे के लिए भारत की टी20आई टीम से बाहर होना पड़ा था।

दलीप ट्रॉफी के पहले दौर के लिए संशोधित टीमें-

भारत ए: शुभमन गिल (कप्तान), मयंक अग्रवाल, रियान पराग, ध्रुव जुरेल (विकेट कीपर), केएल राहुल, तिलक वर्मा, शिवम दुबे, तनुश कोटियन, कुलदीप यादव, आकाश दीप, प्रसिद्ध कृष्णा, खलील अहमद, आवेश खान, विद्वाथ कवरप्पा, कुमार कुशाग्र, शाश्वत रावत।

भारत बी: अभिमन्यु ईश्वरन (कप्तान), यशस्वी जयसवाल, सरफराज खान, ऋषभ पंत (विकेटकीपर), मुशीर खान, नितीश कुमार रेड्डी, वाशिंगटन सुंदर, नवदीप सैनी, यश दयाल, मुकेश कुमार, राहुल चाहर, आर साई किशोर, मोहित अवस्थी, एन जगदीसन (विकेटकीपर)।

भारत सी: रुतुराज गायकवाड़ (कप्तान), साई सुदर्शन, रजत पाटीदार, अभिषेक पोरेल (विकेटकीपर), बी इंद्रजीत, रितिक शौकीन, मानव सुथार, गौरव वी शेक विजयकुमार, अंशुल खंबोज, हिमांशु चौहान, मयंक मारकंडे, आर्यन जुयाल (विकेटकीपर), संदीप वारियर।

भारत डी: श्रेयस अय्यर (कप्तान), अथर्व तायडे, यश दुबे, देवदत्त पडिक्कल, ईशान किशन (विकेटकीपर), रिकी भुई, सारांश जैन, अक्षर पटेल, अर्शदीप सिंह, आदित्य ठाकरे, हर्षित राणा, तुषार देशपांडे, आकाश सेनगुप्ता, के.एस. भारत (विकेट कीपर), सौरभ कुमार।

0Shares