अगर आपने अब तक किसा कारणवश अपने पैन नंबर (PAN Card) को आधार नंबर (Aadhaar Card) के साथ लिंक नहीं कराया है तो आपके लिए राहत की खबर है। केंद्र सरकार ने अब PAN Card को Aadhaar Card से लिंक कराने की डेडलाइन को 3 महीने और बढ़ाकर 30 सितंबर कर दिया है। केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने शुक्रवार को इस बात की जानकारी दी।

इनकम टैक्स विभाग (Income Tax Dept) ने पैन को आधार से लिंक कराने की डेडलाइन इससे पहले 30 जून तय की थी। हालांकि, इससे पहले यह डेडलाइन 31 मार्च, 2021 तय की गई थी। इनकम टैक्स विभाग अब तक कई बार PAN Card को Aadhaar Card से लिंक कराने की डेडलाइन को आगे बढ़ा चुका है।

यदि आप 30 सितंबर तक PAN Card को Aadhaar Card से लिंक नहीं कराते हैं तो आपका पैन नंबर निष्क्रिय हो जाएगा और पैन निष्क्रिय हो जाने के बाद आप कोई भी बड़ा ट्रांजैक्शन नहीं कर पाएंगे। इनकम टैक्स विभाग ने स्पष्ट कह दिया है कि 30 सितंबर 2021 के बाद PAN Card को Aadhaar Card से लिंक कराने की समयसीमा को नहीं बढ़ाया जाएगा।

साथ ही निष्क्रिय हुए PAN Card होल्डर्स को इसका खामियाजा भी भुगतना होगा। निष्क्रिय पैन कार्ड होल्डर्स को नॉन-पैन कार्ड होल्डर समझा जाएगा और इनकम टैक्स एक्ट 272B के तहत उन पर 10,000 रुपये का पेनाल्टी लगाई जाएगी।

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रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड  के चेयरमैन मुकेश अंबानी  ने पांच साल पहले जब रिलायंस जियो ( की शुरुआत की थी, तो किसी ने सोचा भी नहीं होगा कि यह कंपनी टेलीकॉम जगत को बदलकर रख देगी. आज कंपनी के पोर्टफोलियो में कई किफायती रिचार्ज प्लान हैं.

जियो का एक सस्ता प्लान  75 रुपये का है. स्पेशल ऑफर के तहत जियो के इस रिचार्ज प्लान में यूजर को लगभग 2 महीने की वैलिडिटी मिलेगी. 75 रुपये वाला यह रिचार्ज प्लान जियो फोन के लिए है. इस रिचार्ज प्लान में आपको फ्री कॉलिंग के साथ डेटा का फायदा मिलता है. जियो के 75 रुपये वाले रिचार्ज प्लान में क्या-क्या फायदे मिलते हैं

जियो फोन का 75 रुपये वाला रिचार्ज प्लान 28 दिनों की की वैलिडिटी के साथ आता है. स्पेशल ऑफर के तहत एक रिचार्ज प्लान लेने पर 1 प्लान फ्री मिलेगा. इस तरह आपको 75 रुपये का प्लान लेने पर कुल मिलाकर 56 दिन की वैलिडिटी मिलेगी. जियो के इस प्लान में किसी भी नेटवर्क पर अनलिमिटेड कॉलिंग का फायदा मिलता है. जियो फोन के इस प्लान में यूजर्स को कुल 6GB डेटा मिलता है. प्लान में 50 SMS भेजने की सुविधा मिलती है. इसके साथ ही, जियो ऐप्स का सब्सक्रिप्शन भी मुफ्त मिलता है.

39 रुपये कर यह प्लान जियो का सबसे सस्ता रिचार्ज है. इस जियो रिचार्ज प्लान की वैलिडिटी 14 दिन की है. स्पेशल ऑफर के तहत एक रिचार्ज प्लान लेने पर 1 प्लान फ्री मिल रहा है. ऐसे में यूजर्स को 39 रुपये में 28 दिनों की वैलिडिटी मिलेगी. इस प्लान में भी यूजर्स को सभी नेटवर्क पर फ्री कॉलिंग का फायदा मिलता है. इस प्लान में कुल मिलाकर 2.8GB डेटा मिलता है. इसके साथ ही, जियो ऐप्स का सब्सक्रिप्शन भी मुफ्त मिलता है.

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ज्यादा बड़ा और चमकदार दिखेगा पूर्णिमा का चंद्रमा
भोपाल, 24 जून (हि.स.)। ज्येष्ठ शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा यानी आज रात गुरुवार, चौबीस जून की शाम को आसमान में चंद्रमा विशाल आकार में दिखाई देखा। शाम लगभग सात बजे पूर्व दिशा में जब चंद्रमा उदित हो रहा होगा तब उसका आकार सामान्य पूर्णिमा के चंद्रमा की तुलना में बड़ा होगा और उसकी चमक भी सामान्य से अधिक होगी। यह इस साल का तीसरा सुपरमून है।
इस खगोलीय घटना को स्ट्राबेरी और हनि मून नाम दिया गया 
राष्ट्रीय अवार्ड से सम्मानित विज्ञान प्रसारक सारिका घारू इसके बारे में बताती हैं कि यह खगोलीय घटना सुपरमून कहलाती है। आज जो ज्येष्ठ पूर्णिमा के दिन चंद्रमा दिखाई देगा उसे पश्चिमी देशों में स्ट्राबेरी की हार्वेस्टिंग का मौसम होने के कारण स्ट्राबेरी मून नाम दिया गया है। इसे हनी मून भी कहते हैं, क्योंकि इस समय वहां हनी हार्वेस्ट करने के लिये तैयार हो जाता है। यूरोपीय देशों में जून्स फुलमून भी नाम दिया जाता है। पश्चिमी देशों में इसे रोजमून भी कहा जाता है। इसका यह नाम उदित होते फुलमून के लालिमा के कारण तथा कुछ क्षेत्रों में इस समय खिलने वाले गुलाब के कारण दिया गया है।
आज चंद्रमा माइक्रोमून की तुलना में 14 प्रतिशत बड़ा और 30 प्रतिशत ज्यादा चमकदार दिखेगा 
सारिका कहती हैं कि चद्रमा पृथ्वी की परिक्रमा अंडाकार पथ पर करते हुये 3 लाख 61 हजार 885 किलोमीटर से कम दूरी पर रहता है तो उस समय पूर्णिमा का चांद सुपरमून कहलाता है। यह माइक्रोमून की तुलना में 14 प्रतिशत बड़ा और 30 प्रतिशत ज्यादा चमकदार दिखता है। 
क्या होता है सुपरमून-
भारत सरकार का नेशनल अवार्ड प्राप्त विज्ञान प्रसारक सारिका घारू ने बताया कि चंद्रमा पृथ्वी की परिक्रमा गोलकार पथ में नहीं करता। यह अंडाकार पथ में घूमते हुये जब पृथ्वी के सबसे नजदीक होता है, इसे पेरिजी कहते हैं। जब पूर्णिमा और पेरिजी की घटना एक साथ होती हैं तो वह सुपरमून होता है। पृथ्वी के पास आ जाने के कारण यह अन्य माइक्रोमून पूर्णिमा की तुलना में 14 प्रतिशत बड़ा और 30 प्रतिशत अधिक चमकदार दिखाई देता है।
सबसे नजदीकी सुपरमून
सारिका ने बताया कि 26 जनवरी 1948 को पड़े सुपरमून के बाद चंद्रमा और पृथ्वी के बीच सबसे कम दूरी का अनुभव करने के लिये 25 नवम्बर 2034 तक का इंतजार करना होगा।
सुपरमून की फोटोग्राफी 
उनका कहना है कि सुपरमून को यादगार बनाने क्षितिज से उदित हो रहे चंद्रमा की फोटोग्राफी की जा सकती है। मून इलुजन की घटना के कारण चंद्रमा विशाल गोले के रूप में दिखेगा। इसके लिए शाम को 7 बजे अपने घरों की छत पर जाएं। अपने स्मार्टफोन को ट्राइपॉड पर फिक्स करें। एचडीआर मोड का इस्तेमाल करते हुए फ्लैश लाइट बंद कर फोटो लें। सावधानी के तौर पर फोटो को जूम कर न खींचे। फ्रेम ब्राइट होने से बचाने नाइट मोड का प्रयोग करने से बचें और फोन के अधिकतम रेजोल्यूशन पर ही फोटो क्‍लिक करें।
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राशन कार्ड एक जरूरी डॉक्यूमेंट की श्रेणी में आता है. अब इसकी मांग और ज्यादा बढ़ चुकी है…ऐसा इसलिए क्योंकि मोदी सरकार ने राशन कार्ड धारकों को दिवाली तक फ्री राशन देने का ऐलान किया है. इसलिए यदि आपके पास राशन कार्ड है तो इसमें मौजूद अपनी सभी डिटेल्स को सही करवा ले. यही नहीं राशन में कार्ड में मोबाइल नंबर भी सही होना बहुत जरूरी है.

यदि आपके राशन कार्ड में गलत नंबर अंकित है या फिर कोई पुराना नंबर एंटर है तो इससे आपको परेशानी का सामना करना पड सकता है. यदि अपका नंबर सही नहीं हुआ तो ओटीपी नहीं मिल पाता…साथ ही राशन कार्ड में कोई बदलाव करना हो या किसी नए सदस्य को जोड़ना तो उसमें भी परेशानी का सामना करना पडेगा. आइए आज हम आपको बताते हैं कि कैसे आप घर बैठे मोबाइल नंबर अपडेट करने में सक्षम हैं…

यदि आपके राज्य में ऑनलाइन सुविधा उपल्ब्ध है तो आप ऑनलाइन भी राशन कार्ड में में नंबर अपडेट करने में सक्षम हैं. यदि आप देश की राजधानी दिल्ली में रहते हैं तो आप ऐसे राशन कार्ड में अपना नंबर अपडेट कर सकते हैं…

1. सबसे पहले इस साइट https://nfs.delhi.gov.in/Citizen/UpdateMobileNumber.aspx को अपने कंप्यूटर पर ओपन कर लें.

2. आपके सामने एक पेज ओपन हो जाएगा.

3. यहां आपको Update Your Registered Mobile Number लिखा हुआ नजर आएगा.

4. अब इसके नीचे दिए गए कॉलम में आपको अपनी जानकारी भरनी होगी.

5. यहां पहले कॉलम में आपको Aadhar Number of Head of Household/NFS ID लिख दें.

6. दूसरे कॉलम में Ration card No लिख दें

7. तीसरे कॉलम में Name of Head of HouseHold लिख दें

8. आखिरी कॉलम में आपको अपना नया मोबाइल नंबर लिखने की जरूरत है.

9. अब Save पर क्लिक कर दें.

10. इसके बाद आपका मोबाइल नंबर अपडेट हो जाएगा.

जानें ऑफलाइन तरीका : यदि आपके राशन कार्ड में मोबाइल नंबर नहीं है या उसे बदलनाचाहते हैं तोइसके लिए आप खाद्य विभाग अधिकारी के पास जाएं और अर्जी दें. खाद्य विभाग अधिकारी के पास अपना अपडेट करने वाला मोबाइल नंबर दें, आधार कार्ड की फोटो कॉपी देने की जरूरत होगी, पुराने राशन कार्ड की फोटो कॉपी देनी होगी और मोबाइल नंबर अपडेट करने की आवेदन देना होगा. इसके बाद कुछ दिनों में आपका मोबाइल नंबर अपडेट कर दिया जाएगा

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आप आधार कार्ड होल्डर हैं तो ये खबर आपके लिदए खास है. जी हां…आप अपने आधार कार्ड में में पता खुद बदलने में अब सक्षम हैं. Aadhaar Card में अपडेट से जुड़े कुछ ऐसे काम हैं जिन्हें UIDAI की आधिकारिक वेबसाइट पर जाकर ऑनलाइन बड़े ही आसानी से आप कर सकते हैं. इस बाबत Unique Identification Authority of India (UIDAI) ने सोशल मीडिया पर जानकारी भी दी है. आइए हम आपको आधार कार्ड में पता कैसे अपडेट करना है, इस संबंध में बताते हैं

-सबसे पहले आप UIDAI की आधिकारिक वेबसाइट uidai.gov.in को अपने कंप्यूटर या मोबाइल पर ओपन कर लें.

-इसके बाद आपको होमपेज पर MY Aadhaar सेक्शन नजर आएगा जिसमें आपको जाना है.

-यहां पर आपको Update Your Aadhaar कॉलम नजर आएगा, इसमें Update Demographics Data Online पर क्लिक कर दें.

-जैसे ही आप इस ऑप्शन पर क्लिक करेंगे, आपके सामने UIDAI का सेल्फ सर्विस अपडेट पोर्टल (SSUP) ssup.uidai.gov.in खुल जाएगा.

-यहां आप Proceed to Update Aadhaar ऑप्शन पर क्लिक कर दें.

-जैसे ही आप इस ऑप्शन पर क्लिक करेंगे, वैसे ही आपसे Aadhaar Card Number और कैप्चा कोड डालने के लिए आग्रह किया जाएगा. इसके बाद आपने रजिस्टर मोबाइल नंबर पर ओटीपी आएगा, ओटीपी डालकर सबमिट करें.

-ओटीपी दर्ज करने के बाद आपके सामने एक नया पेज ओपन हो जाएगा जहां आपको दो ऑप्शन नजर आएंगे, आप Update Demographics Data पर क्लिक कर दें.

-इसके बाद आपको एड्रैस विकल्प पर क्लिक करना होगा, नीचे आपको लिखा नजर आएगा कि आपको वैलिड दस्तावेज की स्कैन कॉपी को सबमिट करने की जरूरत हें. इसके बाद Proceed पर क्लिक कर दें.

-इसके बाद आपको आपका पुराना पता नजर आएगा और नीचे कुछ निजी जानकारी भरने की जरूरत होगी. साथ ही वैलिड दस्तावेज को भी अपलोड करना होगा. इसके बाद आप Preview करके भी देखने में सक्षम हैं.

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पटना: केंद्रीय जल शक्ति मंत्रालय के निर्देश पर आईआईटीआर एनालिस्ट की टीम ने बक्सर जिले के चौसा गंगा घाट सहित पटना, भोजपुर और सारण से गंंगा नदी के पानी का सैंपल लिया हैं। गंगा के पानी में होने वाले बदलावों की जांच बिहार राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड भी करता रहा है। चूंकि इस बार मामला वायरस से जुड़ा है, इसलिए यह काम आईआईटीआर को दिया गया है। ​​​

गंगा के पानी का सैंपल लेने के लिए आईआईटीआर की तीन सदस्यीय टीम बिहार आई थी। बिहार राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की टीम के साथ विभिन्न जिलों के गंगा घाटों पर यह टीम गई। प्रशासन की मौजूदगी में सैंपल इकट्‌ठा किया। इस टीम ने एक जून को बक्सर और पांच जून को पटना, भोजपुर और सारण में गंगा के पानी का सैंपल लिया।सैंपल की जांच कर विशेषज्ञ इस बात का पता लगाएंगे कि गंगा के पानी में कोरोना वायरस है या नहीं।

बिहार स्टेट पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड के एनालिस्ट डॉ नवीन कुमार ने गुरुवार कहा कि सैंपलिंग का यह पहला राउंड है। इसके बाद फिर से सैंपल लिये जाएंगे, जिसके लिए टीम फिर से बिहार आएगी। डॉ नवीन कुमार के मुताबिक, दूसरे राउंड में भी गंगा के पानी का सैंपल लिया जाएगा। ऐसा इसलिए क्योंकि जांच में जो नतीजे सामने आएं उन्हें और पुख्ता किया जा सके।

File Photo

Input Agency

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कोरोना त्रासदी के बीच दुनिया भर में वैक्सीन को ही इससे मुकाबले का कारगर विकल्प माना जा रहा है. हरेक देश की तरफ से ज्यादा से ज्यादा नागरिकों तक वैक्सीन की उपलब्धता को लेकर तमाम तरह के प्रयास और इससे जुड़े कार्यक्रम चल रहे हैं. ऐसे में 17 मई ऐसी शख्सियत को याद करने का भी अवसर है, जिसने दुनिया को पहला टीका दिया.
 
इंग्लैंड के ग्लोस्टरशायर में 17 मई 1749 को पैदा हुए एडवर्ड जेनर ने टीके की खोज कर चेचक की विभीषिका से जूझ रही मानवता को उबारा था. बताया जाता है कि 1700 से 1800 के बीच यूरोप में छह करोड़ लोगों की चेचक के कारण जान चली गयी.वर्ष 1721 में बोस्टन की आधी आबादी चेचक ग्रस्त थी, जिसमें चेचक के हर दस रोगियों में एक की मृत्यु हो गयी. चेचक संक्रमित वयस्क व्यक्ति में 20 से 60 फीसदी मृत्यु दर थी, जबकि बच्चों में यह 80 फीसदी तक थी.
 
करोड़ों लोगों की जान लेने वाला चेचक 1979 में दुनिया से खत्म हुआ, जिसमें एडवर्ड जेनर के टीके की खोज ने ही कारगर किरदार निभाया. चेचक के टीके का निशान लोगों की बांह पर अंकित होने के साथ उसे चेचक से हमेशा के लिए सुरक्षित कर दिया गया.
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बलिया: ‘जितना मोहब्बत ईमान से उतना मोहब्बत हिन्दुस्थान से…’. बलिया के अयूब मिस्त्री ने इसी जज्बे के साथ ऑक्सीजन बनाने वाली देसी मशीन तैयार कर दिया है. जुगाड़ से तैयार इस देसी ऑक्सीजन कंसन्ट्रेटर को उन्होंने जिला अस्पताल को देने की पेशकश सीएमओ से की है.
शहर से सटे परमंदापुर के रहने वाले अयूब मिस्त्री बहेरी में तकरीबन चालीस सालों से मोटर गैराज चलाते हैं. गाड़ियों के उम्दा मिस्त्री के रूप में पूरे पूर्वांचल में विख्यात अयूब मिस्त्री भारतीय संस्कृति के भी ध्वजवाहक हैं. प्रत्येक पंद्रह अगस्त व 26 जनवरी को अपने जुगाड़ से तैयार टैंक व तोपों की झांकी शहर में निकालते हैं। जिसे देखने लोगों की भीड़ जुट जाया करती है.
अयूब मिस्त्री बताते हैं कि बीस दिन पहले एक व्यक्ति ऑक्सीजन रेग्युलेटर के लिए मेरे पास इस आस में आया कि शायद मैं किसी जुगाड़ से तैयार कर दे दूंगा. मैंने किसी तरह उसके लिए रेग्युलेटर का इंतजाम कर दिया था. उस इंसान की आंखों में ऑक्सीजन के लिए तड़प देख मैंने उसी दिन तय किया कि ऑक्सीजन का यंत्र मुझे भी तैयार करना चाहिए. इसके बाद वाहनों में हवा भरने के लिए प्रेशर टैंक को मैंने देसी ऑक्सीजन कंसन्ट्रेटर के रूप में तैयार करने में जुट गया.
कहा कि बीस दिन लगातार मेहनत के बाद देश का पहला देसी ऑक्सीजन प्लांट तैयार है. इसमें पांच कुंतल ऑक्सीजन स्टोर करने की क्षमता है। जो पांच घंटे में भरेगा. वातावरण में मौजूद ऑक्सीजन को चार चरणों में फिल्टर करके मरीजों के इस्तेमाल के लिए उपलब्ध कराया जा सकेगा. इस देसी मशीन से एक साथ छह लोगों को ऑक्सीजन सप्लाई किया जा सकता है. यदि हॉस्पिटल के पाइप लाइन से सप्लाई किया जाए तो एक साथ बीस मरीजों को दिया जा सकता है.
अयूब मिस्त्री ने कहा कि मैंने अपनी ऑक्सीजन मशीन के बारे में सीएमओ को बता दिया है. यदि वे इसे स्वीकार करेंगे तो मैं जिला अस्पताल के लिए सहर्ष देने के लिए तैयार हूं. क्योंकि मैं अपने रहते किसी इंसान को ऑक्सीजन के लिए मरते नहीं देखना चाहता। अयूब मिस्त्री की इस जुगाड़ वाली पहल की हर तरफ सराहना हो रही है.
इनपुट एजेंसी से 

 

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बीजिंग: अंतरिक्ष में चीन के बेकाबू हुए राकेट ने दुनिया की चिंताएं बढ़ा दी हैं. चीनी राकेट लांग मार्च 5बी पृथ्वी की तरफ बढ़ रहा है जो तबाही मचा सकता है. पृथ्वी के वायुमंडल में आठ मई को प्रवेश करने वाले इस राकेट को लेकर पूरे विश्व में चिंता है.

अमेरिकी सरकार ने चेतावनी जारी करते हुए कहा कि 21 टन का यह राकेट आठ मई के आसपास पृथ्वी के वायुमंडल में प्रवेश कर सकता है. अमेरिकी रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता ने इस राकेट के वायुमंडल में पुन: प्रवेश की संभावित की तारीख बताते हुए कहा कि फिलहाल यह बता पाना मुश्किल है कि यह पृथ्वी के वायुमंडल में किस क्षेत्र से प्रवेश करेगा.

स्पेस ट्रैक पर इस रॉकेट की स्थिति के बारे में नियमित जानकारी दी जा रही है. इसके बारे में जैसे-जैसे जानकारी मिल रही है, सरकार उसे भी उपलब्ध करवाती जा रही है. अन्य सेटेलाइट ट्रैक्टर्स ने भी 100 फीट लंबे और 16 फीट चौड़े राकेट के बारे में बताया है. इसे 2021-035बी नाम दिया गया है. यह प्रति सेकंड चार मील की
गति से चल रहा है.

अमेरिका के रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता माइक हावर्ड ने कहा कि अमेरिकी स्पेस कमांड की निगरानी में यह मामला है. चीन के राकेट की स्थिति पर लगातार नजर रखी जा रही है, लेकिन पृथ्वी के वायुमंडल में इसके पुन: प्रवेश के कुछ घंटे पहले ही पता चल सकेगा कि यह किस जगह से प्रवेश करेगा.

पिछले सप्ताह अंतरिक्ष में चीन के आगामी स्पेस स्टेशन के पहले बिल्डिंग ब्लाक तिआनहे को भेजने के लिए लांग मार्च 5बी का इस्तेमाल किया था.

तिआनहे को चीन के हैनान प्रांत स्थित सेंटर से लांग मार्च 5बी के जरिये 29 अप्रैल को लांच किया गया था. यह चीन का सबसे बड़ा
करियर राकेट है.

अंतरिक्ष मामलों के विशेषज्ञ जोनाथन मेगडोबल ने बताया कि यह अच्छे संकेत नहीं हैं. पिछली बार लांग मार्च 5बी राकेट छोड़ा था तो इसमें से धातु की बड़ी छड़ें आकाश में निकली थी, जिसके धरती पर टकराने के दौरान आइवरी कोस्ट में इमारतों को नुकसान पहुंचा था. कई छड़ें आकाश में ही जल गईं, लेकिन कुछ हिस्से धरती पर ही गिरे थे. हालांकि तब इससे जान-माल का कोई नुकसान नहीं हुआ था.

उन्होंने कहा कि जिस तरह से यह आगे बढ़ रहा है, उससे यह न्यूयार्क और मैड्रिड तथा दक्षिण में चिली या न्यूजीलैंड की ओर से प्रवेश कर सकता है. फिलहाल यह अनुमान है, क्योंकि इसका यात्रा मार्ग अनिश्चित है.

हालांकि उम्मीद है कि पृथ्वी के टकराने से पहले ही इसका अधिकांश हिस्सा जलकर खाक हो जाएगा.
जो हिस्सा नहीं जलेगा, वह भी समुद्र या किसी खुले स्थान पर ही गिरेगा. मगर इसके बावजूद जान-माल के नुकसान का अंदेशा बना हुआ है.

विशेषज्ञों के अनुसार यह धीमी गति से पृथ्वी की ओर बढ़ रहा है. यदि यह भीड़ या आबादी वाले इलाके में गिरा तो गंभीर नुकसान हो सकता है.

 

Input HS

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बगहा: कोरोना काल में इम्युनिटी को मजबूत बनाने और खुद को संक्रमण से बचाने के लिए कई जुगाड़ तकनीकी आजमाए जा रहे हैं, इन्हीं में से एक है स्टीम इनहेलेशन यानी गर्म पानी की भाप लेना। नरकटियागंज के रेलवे के रनिंग रूम में मुख्य क्रू नियंत्रण उमेश कुमार ने घरेलू उपकरणों से स्टीम इनहेलेशन बनाया है।
उमेश कुमार के बनाए गए इनहेलेशन से उनके साथ  अन्य रेल कर्मी सुबह-शाम में भाप ले रहे है। ताकि रेल कर्मी कोरोना के चपेट में आने से बचे।रेल कर्मी पाइप के जरिए स्टीम ले रहे हैं।यह स्टीम गैस सिलिंडर पर रखे कुकर के जरिए पाइप से निकल रही है। कुकर में पानी डालकर गर्म किया जाता है।तत्पश्चात गीजर वाला पाइप से गर्म पानी से भाप निकलने लगता है,जो पाइप के जरिए लोगों के नाक तक पहुंचता है, इससे काफी फायदा हो रहा है. सर्दी, खांसी, जुकाम की शिकायत है, ऐसे में जब से भाप लेना शुरू किया।
मुख्य क्रू नियंत्रण उमेश कुमार ने बताया कि रेलवे कर्मियों के लिए भाप लेने से इस कोरोना संक्रमण काल में काफी फायदा होगा। स्टीम इनहेलेशन यानी गर्म पानी से भाप लेने से कोरोना संक्रमण खत्म हो जाता है। रेल कर्मी प्रतिदिन इस देसी नुस्खा को आजमा भी रहे हैं, उन्होंने लोगो से अपील किया कि स्टीम इनहेलेशन घर पर आसानी से बनाकर कोरोना महामारी से बचा जा सकता है।
हिन्दुस्थान समाचार
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अमेरिकी अंतिरिक्ष एजेंसी NASA ने सफलता की एक नई छलांग लगाई है. NASA के रोबोट हेलीकॉप्टर ने मंगल ग्रह पर सोमवार तड़के पहली उड़ान भरकर इतिहास रच दिया है. धरती से परे किसी दूसरे ग्रह पर इस तरह की यह पहली उड़ान है. छोटे आकार का यह हेलीकॉप्टर उड़ान के दौरान दस फीट की ऊंचाई पाने में सफल रहा.

नासा ने कहा कि इस सफलता से सौर मंडल के मंगल समेत दूसरे ग्रहों पर खोज के नए तरीकों का मार्ग प्रशस्त हो सकता है. इस बीच इस प्रोजेक्ट की मैनेजर मिमि आंग ने कहा कि हम अब यह कह सकते हैं कि इंसान दूसरे ग्रह पर रोटरक्राफ्ट उड़ा सकते हैं।’ नासा ने बताया कि कार्बन फाइबर के ब्लेड घूमने लगे और इनजेनयुटी नाम के हेलीकॉप्टर ने लाल ग्रह की सतह को छोड़कर उड़ान भरी. करीब दस फीट की ऊंचाई के बाद यह वापस लैंड कर गया और यह सब करीब 30 सेंकेंड का रहा. इस मिशन को लॉस एंजिलिस के पास स्थित नासा के जेट प्रोपल्सन लेबोरेटरी से संचालित किया गया. नासा ने इस मिशन की कुछ तस्वीरें जारी की हैं, जबकि वीडियो में हेलीकॉप्टर को धूल के बीच उड़ान भरते देखा गया.

लगभग 1.8 किलोग्राम का यह रोबोट रोटरक्राफ्ट अपने चार कार्बन फाइबर ब्लेड के सहारे उड़ान भरने में सक्षम है. इसके ब्लेड 2400 राउंड प्रति मिनट की दर से घूम सकते हैं. यह स्पीड धरती पर मौजूद हेलीकॉप्टरों के ब्लेड की गति से लगभग आठ गुना ज्यादा है.

नासा ने मंगल ग्रह पर जीवन की तलाश में गत 18 फरवरी को पर्सिवेरेंस नामक अपना रोवर उतारा था. इसके साथ ही यह हेलीकॉप्टर भी लाल ग्रह पर पहुंचा था.

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कोलकाता: कोरोना तेजी से फ़ैल रही है सरकार और चिकित्सकों से हाईकोर्ट ने सतर्कता बरतने का अनुरोध किया है लेकिन हरेक स्तरों पर कई तरह की लापरवाही बरती जा रही है। इस स्थिति में, मौलाना अबुल कलाम आज़ाद यूनिवर्सिटी ऑफ टेक्नोलॉजी  (मकाऊट) ने एक अनोखी  खोज की है
आविष्कारकों का दावा है, भारत ही नहीं बल्कि पूरे विश्व में यह पहली बार है। मकाऊट ने कृत्रिम बुद्धिमत्ता का उपयोग कर केवल सॉफ्टवेयर के माध्यम से एक फैंसी मास्क स्कैनर तैयार किया है। दावा है कि इसके माध्यम से भीड़ में भी आसानी से पहचाना जा सकता है कि किसी ने मास्क पहना है या नहीं, या ठीक से मास्क लगाया है या नहीं। वह उसकी तस्वीर को लेकर और उसे सही जगह भेज देगा। इसके लिए केवल मोबाइल और  इंटरनेट की जरूरत है।
मकाऊट के कुलपति, सैकत मित्रा ने कहा कि हमें अपने साल्ट लेक इंस्टीट्यूट में प्रयोगात्मक अनुप्रयोगों में सफलता मिली है। इस बार इसे हमारी हरिनघाटा परियोजना में लागू किया जाएगा। यदि आवश्यक हो, तो देश और विदेश में कोई अन्य संगठन या संस्थान भी इसका लाभ उठा सकते हैं। इसे बनाने वाले का नाम प्रीतिमय सान्याल है।
 ्प्रीतिमय सान्याल, जिन्होंने एमसीए और एम टेक किया है। उन्होंने विशेष बातचीत में अपनी तकनीकी रणनीति के बारे में बताया। मुख्य प्रवेश द्वार के बगल में इंटरनेट कनेक्शन वाला एक मोबाइल फोन  रखा हुआ है। इसमें  क्लाउड आधारित तकनीक का एक सॉफ्टवेयर अपलोड किया हुआ  है। मैंने इस कृत्रिम मस्तिष्क सॉफ्टवेयर का नाम ‘स्मृति’ रखा है। जब कोई अजनबी प्रवेश करता है, तो स्मृति तुरंत उसके चेहरे की तस्वीर ले लेगी और उसे बताएगी कि क्या उसने ठीक से मास्क पहना है या नहीं। अगर सही से पहना है तो धन्यवाद कहेगा। यदि मास्क ठोड़ी पर या उसके नीचे लटका हुआ है, तो यह भी बताएगा। यदि एक ही समय में एक से अधिक व्यक्ति प्रवेश करते हैं, तो स्मृति आपको एक-एक करके जाने के लिए कहेगी। स्मृति हमारी केंद्रीय आईडी को मेल द्वारा प्रत्येक ऑब्जर्वेशन (अवलोकन) की सूचना देती है।
प्रीतिमाय ने बताया कि हम ‘स्मृति’ को और अधिक प्रभावी बनाने की कोशिश कर रहे हैं। वह जिस व्यक्ति की तस्वीरें ले रहा है, उसकी उम्र, पहचान, अभिव्यक्ति – यह सब भी पूरी तरह से पहचान सके इसकी कोशिश की जा रही है। इस कृत्रिम मस्तिष्क की मदद से विभिन्न संस्थानों को छात्रों-शोधकर्ताओं-कर्मचारियों पर नजर रखने का अवसर मिलेगा।
मुख्य प्रवेश द्वार के अलावा, संगठन के कैंटीन, लाइब्रेरी और लैब के प्रवेश द्वार पर रखी गई इस कनेक्शन प्रणाली में, वह उन लोगों को जल्दी से पहचान सकेगा जो मास्क नहीं पहनते हैं या जो मास्क ठीक से नहीं पहनते हैं। उन्होंने बताया कि स्मृति का अर्थ है ‘याद’। इसलिए सॉफ्टवेयर का नामकरण सही है। प्रीतिमाय ने कहा कि मैंने एक और कारण से यह नाम दिया है। पिता का नाम स्मृतिमय था। यह उनके लिए एक श्रद्धांजलि है।
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