नागपुर-समस्तीपुर-नागपुर त्यौहार विशेष गाड़ी का संचलन नागपुर से 30 अक्टूबर से

Chhapra: रेलवे प्रशासन द्वारा आगामी त्यौहारों पर यात्रियों की होने वाली अतिरिक्त भीड़ को ध्यान में रखते हुये 01207/01208 नागपुर-समस्तीपुर-नागपुर त्यौहार विशेष गाड़ी का संचलन नागपुर से 30 अक्टूबर से 13 नवम्बर, 2024 तक प्रत्येक बुधवार तथा समस्तीपुर से 31 अक्टूबर से 14 नवम्बर, 2024 तक प्रत्येक वृहस्पतिवार को 03 फेरों के लिये निम्नवत् किया जायेगा।

01207 नागपुर-समस्तीपुर त्यौहार विशेष गाड़ी 30 अक्टूबर से 13 नवम्बर, 2024 तक प्रत्येक बुधवार को नागपुर से 10.40 बजे प्रस्थान कर बैतूल से 13.00 बजे, इटारसी से 15.50 बजे, भोपाल से 17.48 बजे, वीरांगना लक्ष्मीबाई जं. (झांसी) से 22.40 बजे, दूसरे दिन कानपुर सेन्ट्रल 04.20 बजे, ऐषबाग से 06.05 बजे, गोण्डा से 08.45 बजे, बस्ती से 10.20 बजे, गोरखपुर से 11.55 बजे, छपरा से 16.00 बजे, हाजीपुर से 17.30 बजे, तथा मुजफ्फरपुर से 19.00 बजे छूटकर समस्तीपुर 21.30 बजे पहुँचेगी।

वापसी यात्रा में 01208 समस्तीपुर-नागपुर त्यौहार विशेष गाड़ी 31 अक्टूबर से 14 नवम्बर, 2024 तक प्रत्येक वृहस्पतिवार को समस्तीपुर से 23.45 बजे प्रस्थान कर दूसरे दिन मुजफ्फरपुर से 00.35 बजे, हाजीपुर से 01.25 बजे, छपरा से 03.15 बजे, गोरखपुर 07.20 बजे, बस्ती से 08.25 बजे, गोण्डा से 10.05 बजे, ऐषबाग से 12.00 बजे, कानपुर सेंट्रल से 13.35 बजे, वीरांगना लक्ष्मीबाई जं.(झांसी) से 17.30 बजे, भोपाल से 23.55 बजे, तीसरे दिन इटारसी से 02.00 बजे, तथा बैतूल से 04.00 बजे छूटकर नागपुर 07.00 बजे पहुँचेगी।

इस गाडी में शयनयान श्रेणी के 08, वातानुकूलित तृतीय श्रेणी के 02, साधारण द्वितीय श्रेणी के 06 तथा एस.एल.आर. के 02 कोचों सहित कुल 18 कोच लगाये जायेंगे।

 

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नई दिल्ली, 28 अगस्त (हि.स.)। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने बुधवार को निजी एफएम रेडियो चरण तीन नीति के तहत 234 नए शहरों में निजी एफएम की शुरुआत को मंजूरी दी ।

784.87 करोड़ रुपये के अनुमानित आरक्षित मूल्य के साथ 234 शहरों में 730 चैनलों के लिए आरोही ई-नीलामी के तीसरे बैच के संचालन के प्रस्ताव को मंजूरी दी गई।

केन्द्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव ने नेशनल मीडिया सेंटर में आयोजित प्रेसवार्ता में बताया कि 234 शहरों में नए एफएम चैनल की शुरुआत से वहां नए रोजगार के अवसर के साथ साथ स्थानीय बोली, संस्कृति को बढ़ावा मिल सकेगा।

उन्होंने बताया कि इसके साथ वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) को छोड़कर एफएम चैनल के लिए वार्षिक लाइसेंस शुल्क (एएलएफ) को सकल राजस्व का 4 प्रतिशत वसूलने के प्रस्ताव को भी मंजूरी दी गई। यह 234 नये शहरों पर लागू होगा।

उन्होंने कहा कि स्वीकृत शहरों एवं कस्बों में से कई आकांक्षी जिलों और वामपंथी उग्रवाद प्रभावित क्षेत्रों में हैं। इन क्षेत्रों में निजी एफएम रेडियो की स्थापना से इन क्षेत्रों में सरकार की पहुंच और मजबूत होगी।

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पेरिस, 25 अगस्त (हि.स.)। मैसेंजिंग ऐप टेलीग्राम के चीफ एग्जीक्यूटिव पावेल दुरोव को शनिवार शाम पेरिस के ले बॉर्गेट हवाई अड्डे पर फ्रांस की पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। पावेल दुरोव अपने प्राइवेट जेट से पेरिस के ले बॉर्गेत एयरपोर्ट पहुंचे थे।

39 वर्षीय दुरोव को मैसेजिंग ऐप से संबंधित अपराधों के लिए वॉरंट के तहत गिरफ्तार किया गया है।

दुबई स्थित टेलीग्राम की स्थापना रूस में जन्मे ड्यूरोव ने की थी। अपने वीके सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म, जिसे उन्होंने बेच दिया है, उसपर विपक्षी समुदायों की आवाज को दबाने की सरकार की मांग को मानने से इनकार करने के बाद उन्होंने 2014 में रूस छोड़ दिया था।

यूजर्स डेटा सौंपने से इनकार करने पर रूस ने 2018 में इस ऐप पर प्रतिबंध भी लगा दिया था लेकिन फिर 2021 में इसे हटा दिया गया।

रूस, यूक्रेन और पूर्व सोवियत देशों में प्रभाव रखने वाला टेलीग्राम, सबसे प्रमुख सोशल मीडिया प्लेटफार्मों में से एक है।

इसका टारगेट अगले साल एक अरब यूजर्स तक पहुंचना है। टेलीग्राम उन कुछ प्लेटफॉर्म में से एक है जहां रूस-यूक्रेन युद्ध से जुड़ी सामग्री प्राप्त की जा सकती है।

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-फास्टैग और एनसीएमसी को ई-मैंडेट फ्रेमवर्क में शामिल किया गया

नई दिल्ली, 23 अगस्त (हि.स.)। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने नियमों में बदलाव करके फास्टैग में बैलेंस कम होने के झंझट को पूरी तरह से खत्म कर दिया है। आरबीआई के इस नए नियम की वजह से अब बैलेंस कम होने के कारण टोल प्लाजा पर गाड़ियों के रुकने की आशंका खत्म हो जाएगी और गाड़ियां फर्राटे से टोल प्लाजा को पार कर जाएंगी।

आरबीआई की ओर से उपलब्ध कराई गई जानकारी के मुताबिक केंद्रीय बैंक ने फास्टैग और नेशनल कॉमन मोबिलिटी कार्ड (एनसीएमसी) को ई-मैंडेट फ्रेमवर्क में शामिल कर लिया है। ऐसा हो जाने से इन दोनों पेमेंट इंस्ट्रूमेंट्स में निर्धारित लिमिट से पैसा कम होते ही ग्राहक के बैंक अकाउंट से जरूरत के मुताबिक पैसा खुद इन पेमेंट इंस्ट्रूमेंट्स में आ जाएगा‌। इसका एक फायदा ये भी होगा कि अब ग्राहकों को बार-बार अपने फास्टैग को रिचार्ज नहीं करना पड़ेगा। इस तरह से फास्टैग रिचार्ज करने का झंझट पूरी तरह से समाप्त हो जाएगा। आपको बता दें कि ई-मैंडेट फ्रेमवर्क को 2019 में तैयार किया गया था। इस फ्रेमवर्क को तैयार करने का मूल उद्देश्य ग्राहकों को उनके खाते से होने वाली पैसे की निकासी की जानकारी देकर उनके हितों की रक्षा करना था।

आरबीआई के मुताबिक फास्टैग और नेशनल कॉमन मोबिलिटी कार्ड के तहत पेमेंट की कोई पहले से निर्धारित या तय समय सीमा नहीं होती है। ऐसे में इन दोनों को ई-मैंडेट फ्रेमवर्क में शामिल कर लेने से बिना किसी निश्चित तय समय सीमा के पैसे खाते से निकल कर खुद ही इन पेमेंट इंस्ट्रूमेंट्स में क्रेडिट हो जाएंगे। इसके लिए ग्राहकों को प्री-डेबिट नोटिफिकेशन देने की भी जरूरत नहीं होगी। इसके पहले ग्राहकों को अपने खाते से पैसे डेबिट करने के लिए कम से कम 24 घंटा पहले प्री-डेबिट नोटिफिकेशन भेजना पड़ता था।

उल्लेखनीय है कि आरबीआई ने 5 से 7 जून को हुई मॉनिटरी पॉलिसी कमिटी की बैठक में ही फास्टैग और नेशनल कॉमन मोबिलिटी कार्ड को ई-मैंडेट फ्रेमवर्क में शामिल करने की घोषणा की थी। इसके तहत रिकरिंग पेमेंट्स को भी शामिल करने की बात कही गई थी। इस संबंध में भारतीय रिजर्व बैंक की ओर से कहा गया है कि देश में नेशनल कॉमन मोबिलिटी कार्ड और फास्टैग जैसे पेमेंट इंस्ट्रूमेंट्स का चलन लगातार बढ़ रहा है। ऐसे में इन पेमेंट इंस्ट्रूमेंट्स के उपयोग को और सुविधाजनक बनाने की कोशिश लगातार चल रही है। पहले फास्टैग या नेशनल कॉमन मोबिलिटी कार्ड के वॉलेट में पैसे जमा करना पड़ता था लेकिन वॉलेट में पैसे कम हो जाने पर ग्राहकों को पेमेंट करने में परेशानी होती थी। इसीलिए अब नई व्यवस्था लागू की गई है, जिससे फास्टैग और नेशनल कॉमन मोबिलिटी कार्ड ई-मैंडेट फ्रेमवर्क के जरिए जरूरत पड़ने पर खुद ही ग्राहकों के खाते के जरिए रिचार्ज हो जाएंगे।

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Google Play Store से 1 सितंबर से हजारों ऐप्स गायब हो सकते हैं, जिसका दुनिया भर के करोड़ों Android यूजर्स पर असर पड़ने वाला है।

गूगल ने इस बड़े बदलाव का फैसला नए क्वालिटी कंट्रोल को ध्यान में रखते हुए लिया है। इनके माध्यम से मेलवेयर वाले और थर्ड पार्टी ऐप्स के लिए नए प्रतिबंध लगाए जाएंगे, ताकि APK को थर्ड पार्टी स्टोर पर अपलोड नहीं किया जा सके।

यह गूगल के मार्केटिंग और यूजर एक्सपीरियंस को लेकर अब तक उठाया गया बड़ा कदम है। गूगल ने यह बड़ा फैसला एक क्रिप्टो ऐप की वजह से लिया है। जिसमें एक महिला ने दावा किया था कि उसने एक क्रिप्टो ऐप को प्ले स्टोर से डाउनलोड किया गया था, जिसके बाद स्कैमर्स ने उसके साथ फ्रॉड किया था।

गूगल ने इसके बाद अपने प्ले स्टोर के नियमों में बड़ा बदलाव लाने की घोषणा कर दी है। अब प्ले स्टोर के किसी भी ऐप के APK को किसी थर्ड पार्टी के ऐप स्टोर पर अपलोड करने में प्रतिबंध लगाया जाएगा।

Android यूजर्स की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए अब गूगल ने Play Store में यह बड़ा बदलाव करने जा रहा है।

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नई दिल्ली, 22 अगस्त (हि.स.)। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने गुरुवार को राष्ट्रपति भवन में राष्ट्रीय विज्ञान पुरस्कार-2024 प्रदान किये।

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने भारतीय विज्ञान संस्थान के पूर्व निदेशक प्रो. गोविंदराजन पद्मनाभन को विज्ञान और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में आजीवन उपलब्धि और योगदान के लिए विज्ञान रत्न पुरस्कार प्रदान किया। प्रो. पद्मनाभन भारत में आणविक जीव विज्ञान और जैव प्रौद्योगिकी अनुसंधान में अग्रणी हैं। केंद्र सरकार ने विज्ञान और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में दिए जाने वाले इस सर्वोच्च पुरस्कार की शुरुआत इसी वर्ष से की है।

राष्ट्रपति मुर्मू ने कृषि विज्ञान में डॉ. आनंदरामकृष्णन सी, परमाणु ऊर्जा में डॉ. अवेश कुमार त्यागी, जैविक विज्ञान में प्रो. उमेश वार्ष्णेय और जैविक विज्ञान में प्रो. जयंत भालचंद्र उदगांवकर, पृथ्वी विज्ञान में प्रोफेसर सैयद वजीह अहमद नकवी, इंजीनियरिंग विज्ञान में प्रोफेसर भीम सिंह, गणित और कंप्यूटर विज्ञान में प्रोफेसर आदिमूर्ति आदि और गणित और कंप्यूटर विज्ञान में प्रोफेसर राहुल मुखर्जी, चिकित्सा में प्रो. डॉ. संजय बिहारी, भौतिकी में प्रो. लक्ष्मणन मुथुसामी, भौतिकी में प्रो. नबा कुमार मंडल और अंतरिक्ष विज्ञान और प्रौद्योगिकी में डॉ. अन्नपूर्णी सुब्रमण्यम, प्रो. रोहित श्रीवास्तव को प्रौद्योगिकी एवं नवाचार के लिए कुल 13 विज्ञान श्री पुरस्कार प्रदान किए।

राष्ट्रपति ने कृषि विज्ञान में डॉ. कृष्ण मूर्ति एस.एल., कृषि विज्ञान में डॉ. स्वरूप कुमार परिदा, जैविक विज्ञान में प्रो. राधाकृष्णन महालक्ष्मी, जैविक विज्ञान में प्रो. अरविंद पेनमत्सा, रसायन विज्ञान में प्रो. विवेक पोलशेट्टीवार, रसायन विज्ञान में प्रो. विशाल राय, पृथ्वी विज्ञान में डॉ. रॉक्सी मैथ्यू कोल, इंजीनियरिंग विज्ञान में डॉ. अभिलाष, इंजीनियरिंग विज्ञान में डॉ. राधा कृष्ण गंटी, पर्यावरण विज्ञान में डॉ. पूरबी सैकिया, पर्यावरण विज्ञान में डॉ. बप्पी पॉल, गणित और कंप्यूटर विज्ञान में प्रो. महेश रमेश काकड़े, चिकित्सा में प्रो. जितेन्द्र कुमार साहू, चिकित्सा में डॉ. प्रज्ञा ध्रुव यादव, भौतिकी में प्रो. उर्वशी सिन्हा, अंतरिक्ष विज्ञान और प्रौद्योगिकी में डॉ. दिगेन्द्रनाथ स्वैन, अंतरिक्ष विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी में डॉ. प्रशांत कुमार, प्रौद्योगिकी एवं नवाचार में प्रो. प्रभु राजगोपाल सहित 18 को विज्ञान युवा-शांति स्वरूप भटनागर पुरस्कार प्रदान किए।

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने अंतरिक्ष विज्ञान और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में चंद्रयान-3 टीम को विज्ञान टीम पुरस्कार प्रदान किया। चंद्रयान-3 मिशन का सफल समापन देश की सबसे बड़ी वैज्ञानिक उपलब्धियों में से एक है और यह भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के वैज्ञानिकों की टीम द्वारा प्रौद्योगिकी के विभिन्न क्षेत्रों में योगदान को दर्शाता है।

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ट्राई का दावा करने वाले संदेशों और फर्जी कॉल से रहें सावधान
-ट्राई का नाम लेकर धोखाधड़ी करने वाले कॉल से सावधान रहने की चेतावनी जारी

नई दिल्‍ली, 21 अगस्‍त (हि.स.)। भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) ने नागरिकों के लिए एक सलाह जारी की है कि वे ऐसी फर्जी कॉलों पर ध्यान न दें, जिसमें कॉल करने वाले उनके मोबाइल नंबरों को जल्द ही ब्लॉक करने की धमकी देते हैं।

ट्राई ने बुधवार को जारी बयान में कहा कि दूरसंचार नियामक के संज्ञान में आया है कि ट्राई से होने का दावा करते हुए नागरिकों को बहुत से प्री-रिकॉर्डेड कॉल किए जा रहे हैं।

इन कॉल के जरिए नागरिकों को धमकाया जाता है कि उनके नंबर जल्द ही ब्लॉक कर दिए जाएंगे, उनसे कुछ व्यक्तिगत जानकारी देने के लिए कहा जाता है। नियामक ने कहा कि ट्राई संदेशों या अन्य माध्यमों से मोबाइल नंबर डिस्कनेक्शन करने के बारे में ग्राहकों से संचार शुरू नहीं करता है।

प्राधिकरण ने कहा कि ऐसे उद्देश्यों के लिए ग्राहकों से संपर्क करने के लिए किसी भी तीसरे पक्ष की एजेंसी को अधिकृत नहीं किया है।

इसलिए ट्राई से होने का दावा करने वाले और मोबाइल नंबर डिस्कनेक्शन की धमकी देने वाले किसी भी प्रकार के संचार (कॉल, संदेश या नोटिस) को संभावित धोखाधड़ी का प्रयास माना जाना चाहिए। इसका कोई जवाब नहीं दिया जाना चाहिए।

ट्राई ने कहा कि किसी भी मोबाइल नंबर का बिलिंग, केवाईसी या अन्‍य दुरुपयोग के कारण डिस्कनेक्शन संबंधित दूरसंचार सेवा प्रदाता (टीएसपी) द्वारा किया जाता है। नागरिकों को सतर्क रहने, संदिग्ध धोखेबाजों के झांसे में नहीं आने, नहीं घबराने और संदिग्‍ध धोखेबाज का शिकार नहीं बनने की सलाह दी जाती है।

इसके अलावा नियामके ने उन्हें संबंधित टीएसपी के अधिकृत कॉल सेंटर या ग्राहक सेवा केंद्रों से संपर्क करके ऐसी कॉलों की पुष्टि करने की भी सलाह दी है। नियामक ने कहा कि साइबर अपराध और वित्तीय धोखाधड़ी के लिए दूरसंचार संसाधनों के दुरुपयोग को रोकने के लिए नागरिकों को दूरसंचार विभाग के संचार साथी प्लेटफॉर्म पर चक्षु सुविधा के जरिए संदिग्ध धोखाधड़ी वाले संचार की रिपोर्ट करने के लिए प्रोत्साहित किया जाता है।

इस प्लेटफॉर्म को https://sancharsaathi.gov.in/sfc/ पर एक्सेस किया जा सकता है। साइबर अपराध के पुष्ट मामलों के लिए, पीड़ितों को निर्दिष्ट साइबर अपराध हेल्पलाइन नंबर ‘1930’ पर या आधिकारिक वेबसाइट https://cybercrime.gov.in/ के माध्यम से घटना की रिपोर्ट करनी चाहिए।

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भोपाल, 13 अगस्त (हि.स.)। खगोल विज्ञान में रुचि रखने वालों के लिए बुधवार, 14 अगस्त की रात खास होने जा रही है। इस दौरान आकाश में अद्भुत नजारा देखने को मिलेगा। दरअसल, 14 अगस्‍त को मध्‍यरात्रि के बाद आकाश में लाल ग्रह कहे जाने वाला मंगल और सौरमंडल का सबसे बड़ा ग्रह बृहस्‍पति (गुरु) जोड़ी बनाते नजर आएंगे। भारत में इस घटना को स्‍वतंत्रता दिवस के अवसर पर सुबह सबेरे तक देखा जा सकेगा।

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नेशनल अवार्ड प्राप्‍त विज्ञान प्रसारक सारिका घारू ने मंगल और गुरु के मिलन की इस घटना को खगोल विज्ञान के मुताबिक कंजक्‍शन ऑफ मार्स एंड जुपिटर बताया है। इसके अलावा इस घटना को तकनीकी रूप से एपल्‍स भी कहते हैं। उनके मुताबिक बुधवार मध्‍यरात्रि के बाद लगभग एक बजे यह दोनों ग्रह पूर्वी आकाश में जोड़ी बनाते हुए ही उदित होंगेा। इसके बाद इस जोड़ी को खाली आंखों से अथवा टेलीस्कोप से देखा जा सकता है। धीरे-धीरे ये ग्रह आगे बढ़ते हुये स्‍वतंत्रता दिवस की सुबह सूर्यादय की लालिमा आने तक दिखाई देंगे। इस दौरान बृहस्‍पति की चमक माइनस 2.2 और मंगल की चमक 0.8 मैग्‍नीटयूड होगी। इस जोड़ी के पीछे वृषभ तारामंडल होगा।

उन्होंने बताया कि जोड़ी बनाते इन ग्रहों में मंगल पृथ्‍वी से लगभग 22 करोड़ किलोमीटर से अधिक दूर होगा तो बृहस्‍पति 80 करोड़ किलोमीटर से अधिक दूर होगा। दूरी में इतना अंतर होते हुए भी पृथ्‍वी से देखने पर इनका कोण इस प्रकार होगा कि वे जोड़ी के रूप में एक-दूसरे में समाते दिखेंगे। सारिका ने बताया कि पूर्णिमा के चंद्रमा की आकाश में चौड़ाई लगभग 0.5 डिग्री दिखती है, जबकि जोड़ी बनाते इन ग्रहों के बीच की दूरी सिर्फ 0.3 डिग्री रह जाएगी, जो चंद्रमा की चौड़ाई से भी कम होगी। उन्होंने कहा कि इस अद्भुत खगोलीय घटना को देखने से नहीं चूकना चाहिए, क्‍योंकि अगली बार बृहस्‍पति और मंगल के इतने करीब होने की घटना करीब नौ साल बाद एक दिसम्‍बर, 2033 को होगी।

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नई दिल्ली, 02 जुलाई (हि.स.)। देश के पहले सूर्य मिशन, आदित्य एल-1 को लेकर अच्छी खबर है। मंगलवार को आदित्य एल-1 ने सूर्य के पहले प्रभामंडल कक्षा का पूरा एक चक्कर लगा लिया है और दूसरी कक्षा में सफलतापूर्वक प्रवेश कर लिया है। आदित्य एल-1 को सूर्य का एक चक्कर पूरा करने में 178 दिन लगे।

मंगलवार को भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने एक्स पर पोस्ट करके बताया कि आदित्य-एल-1 ने सूर्य-पृथ्वी एल-1 बिंदु के चारों ओर अपनी पहली प्रभामंडल कक्षा का पूरा एक चक्कर लगा लिया है। इस कक्षा में आदित्य एल-1 को 6 जनवरी को स्थापित किया गया था, इस उपलब्धि को पूरा करने में उसे 178 दिन लगे।

इसरो ने कहा कि मंगलवार को अंतरिक्ष यान को स्टेशन-कीपिंग पैंतरेबाज़ी की मदद से सूर्य के दूसरी प्रभामंडल कक्षा में आसानी से स्थापित कर दिया गया। यह कामयाबी इसरो द्वारा विकसित उड़ान गतिशीलता सॉफ्टवेयर की सफलता को सत्यापित करता है।

उल्लेखनीय है कि आदित्य एल-1 को 2 सितंबर-2023 को श्रीहरिकोटा से पीएसएलवी-सी57 द्वारा लॉन्च किया गया था। 6 जनवरी को इसे लैग्रेंज प्वाइंट पर पहली कक्षा में स्थापित कर दिया गया था। मिशन का प्राथमिक उद्देश्य सौर वायुमंडल, विशेष रूप से क्रोमोस्फीयर और कोरोना का अध्ययन करना है और कोरोनल मास इजेक्शन (सीएमई), सौर फ्लेयर्स और सौर कोरोना की रहस्यमय हीटिंग जैसी घटनाओं में अंतर्दृष्टि प्राप्त करना है।

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नई दिल्ली, 23 जून (हि.स.)। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने रविवार को एकबार फिर कामयाबी की कहानी लिखी। इसरो ने रविवार को लगातार तीसरी बार रीयूजेबल लॉन्च व्हीकल (आरएलवी) पुष्पक की लैंडिंग एक्सपेरिमेंट (एलईएक्स) में सफलता हासिल की।

जानकारी के मुताबिक, कर्नाटक के चित्रदुर्ग में रविवार सुबह 07:10 बजे लैंडिंग एक्सपेरिमेंट के तीसरे और फाइनल टेस्ट को अंजाम दिया गया। चित्रदुर्ग के एरोनॉटिकल टेस्ट रेंज में पुष्पक को इंडियन एयरफोर्स के चिनूक हेलिकॉप्टर से 4.5 किमी की ऊंचाई तक ले जाया गया और रनवे पर ऑटोनॉमस लैंडिंग के लिए छोड़ा गया। पुष्पक ने क्रॉस रेंज करेक्शन मनुवर को एग्जीक्यूट करते हुए होरिजोंटल लैंडिंग को सटीकता से अंजाम दिया।

उल्लेखनीय है कि पहला लैंडिंग एक्सपेरिमेंट 2 अप्रैल 2023 और दूसरा 22 मार्च 2024 को किया गया था।

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पटना, 16 जून (हि.स.)। भीषण गर्मी झेल रहे बिहार के लोगों को अभी और चार दिन उमस भरी गर्मी झेलनी पड़ेगी, क्योंकि मौसम विज्ञान केंद्र ने बिहार में मॉनसून के प्रवेश करने की आधिकारिक घोषणा 20 जून को की है।अगले दो-तीन दिनों तक दक्षिण बिहार के लोगों को भीषण गर्मी का कहर झेलना होगा लेकिन उत्तर बिहार में गर्मी से आंशिक तौर पर राहत मिलेगी।

मौसम विभाग के पूर्वानुमान के अनुसार 20 जून को मॉनसून उत्तर-पूर्वी भाग से बिहार में प्रवेश करेगा। इसके एक दिन पहले यानी 19 जून की शाम से बादल छाये रहने की संभावना है। 20 जून से बिहार के अधिकतर हिस्सों में गरज, चमक व तेज हवा के साथ हल्के से मध्यम स्तर की बारिश होगी। बारिश की वजह से अधिकतम तापमान में गिरावट आने से लोगों को भीषण गर्मी से राहत मिलेगी।

हालांकि दो दिनों से शाम में चलने वाली तेज हवाओं में शीतलता से मॉनसून के आगमन का संकेत मिल रहा है। सूबे में मॉनसून का प्रवेश किशनगंज और पूर्णिया के रास्ते होता है। यहां पिछले दो दिनों से मध्यम स्तर की बारिश हो रही है।

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– उड़ान के दौरान अग्नि प्राइम ने अधिकतम सीमा तक अपने लक्ष्य पर सटीक निशाना लगाया
– परमाणु मिसाइल अग्नि प्राइम का परीक्षण करके एयरोस्पेस की दुनिया में भारत का बड़ा धमाका

नई दिल्ली, 04 अप्रैल (हि.स.)। भारत ने नई पीढ़ी की परमाणु सक्षम बैलिस्टिक मिसाइल अग्नि प्राइम का ओडिशा तट पर बीती आधी रात को सफल परीक्षण किया है। डीआरडीओ में विकसित 2000 किलोमीटर रेंज की इस मिसाइल को जल्द ही सशस्त्र बलों में शामिल किया जाएगा। यह मिसाइल वजन में काफी है, इसलिए इसे पहले से सेवा में शामिल अग्नि-1 की जगह प्रतिस्थापित किये जाने की योजना है। भारत ने अग्नि प्राइम की नाइट लांचिंग करके एयरोस्पेस की दुनिया में धमाका कर दिया है।

ओडिशा के तट पर डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम द्वीप से डीआरडीओ ने यह परीक्षण किया। मिसाइल ने अधिकतम सीमा तक जाकर अपने लक्ष्य पर सटीक निशाना लगाया। यह अग्नि सीरीज की आधुनिक, घातक, सटीक और मीडियम रेंज की परमाणु बैलिस्टिक मिसाइल है। भारत की यह परमाणु मिसाइल एक साथ दुश्मन के कई टारगेट तबाह कर सकती है। अग्नि प्राइम मिसाइल के तीन सफल विकासात्मक परीक्षणों के बाद उपयोगकर्ताओं की ओर से किया गया यह दूसरा प्री-इंडक्शन नाइट लॉन्च था, जिसने सिस्टम की सटीकता और विश्वसनीयता को मान्य किया।

परमाणु मिसाइल का पहला प्री-इंडक्शन नाइट लॉन्च 07-08 जून, 2023 की रात को किया गया था। बीती रात परीक्षण के दौरान उड़ान डेटा को कैप्चर करने के लिए टर्मिनल बिंदु पर दो डाउनरेंज जहाजों सहित विभिन्न स्थानों पर राडार, टेलीमेट्री और इलेक्ट्रो ऑप्टिकल ट्रैकिंग सिस्टम जैसे कई रेंज इंस्ट्रूमेंटेशन तैनात किए गए थे। अग्नि प्राइम मिसाइल ने उच्च स्तर की सटीकता के साथ सभी मिशन उद्देश्यों को पूरा किया। विभिन्न स्थानों पर तैनात राडार, टेलीमेट्री और इलेक्ट्रो ऑप्टिकल ट्रैकिंग सिस्टम जैसे कई रेंज इंस्ट्रूमेंटेशन से मिले डेटा ने मिसाइल सिस्टम के प्रदर्शन को पूरी तरह सफल करार दिया है।

सशस्त्र बलों में पहले से शामिल अग्नि-1 मिसाइल की जगह इसे प्रतिस्थापित किये जाने की योजना है। अग्नि परियोजना से जुड़े एक रक्षा अधिकारी ने कहा कि अग्नि-I सिंगल-स्टेज की मिसाइल है, जबकि ‘अग्नि प्राइम’ दो स्टेज के रॉकेट मोटर पर चलने वाली मिसाइल है, जिसका तीसरा स्टेज मैन्यूवरेबल रीएंट्री व्हीकल है। यानी इससे तीसरे स्टेज को दूर से नियंत्रित करके दुश्मन के टारगेट पर सटीक हमला किया जा सकता है। डबल-स्टेज अग्नि प्राइम में एक कनस्तर संस्करण होगा, जिससे इसे सड़क और मोबाइल लॉन्चर दोनों से फायर किया जा सकता है। इस पर 1500 किलोग्राम से 3000 किलोग्राम वजन के हथियार लगाए जा सकते हैं। ‘अग्नि प्राइम’ को बीईएमएल-टट्रा ट्रांसपोर्टर इरेक्टर लॉन्चर से दागा जाता है।

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने डीआरडीओ, एसएफसी तथा सशस्त्र बलों को इस सफल परीक्षण के लिए बधाई दी है। उन्होंने कहा कि मिसाइल का सफल विकास और इसकी तैनाती सशस्त्र बलों के लिए एक उत्कृष्ट ताकत साबित होगी। चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल अनिल चौहान तथा रक्षा अनुसंधान एवं विकास विभाग के सचिव और डीआरडीओ के अध्यक्ष डॉ. समीर वी कामत ने इस सफल उड़ान परीक्षण के लिए एसएफसी और डीआरडीओ के प्रयासों की सराहना की।

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