New Delhi: केंद्र सरकार आगामी 15 अगस्त से FASTag के नियम में बदलाव करने जा रही है। अब ₹3,000 की कीमत वाला FASTag आधारित वार्षिक पास शुरू किया जा है। यह पास सक्रिय होने की तिथि से एक वर्ष तक या 200 यात्राओं तक, जो भी पहले हो, वैध रहेगा।

सड़क और परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर इस बात की जानकारी शेयर करते हुए कहा है कि यह पास केवल गैर-व्यावसायिक निजी वाहनों (कार, जीप, वैन आदि) के लिए विशेष रूप से तैयार किया गया है और यह देश भर के राष्ट्रीय राजमार्गों पर निर्बाध यात्रा को संभव बनाएगा।

केंद्रीय मंत्री ने यह भी बताया कि सालाना पास के लिए एक्टिवेशन या रिन्युल के लिए जल्द ही राजमार्ग यात्रा ऐप और NHAI/MoRTH की वेबसाइट्स पर एक अलग लिंक उपलब्ध कराया जाएगा, जिससे प्रक्रिया सरल और सुगम होगी।

उन्होंने कहा कि यह नीति 60 किलोमीटर के दायरे में स्थित टोल प्लाज़ाओं को लेकर लंबे समय से चली आ रहें कन्सर्न्स को अंडरलाइन्ड करेगी और एक ही आसान ट्रांजैक्शन के जरिये टोल पेमेंट को सहज बनाएगी।

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नई दिल्ली, 18 जून (हि.स.)। एक्सिओम मिशन-4 के प्रक्षेपण (लॉन्चिंग) की नई संभावित सामने आ गई है। संभावित लॉन्च तिथि 22 जून हो सकती है। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने आज सुबह अपने एक्स हैंडल पर यह जानकारी देते हुए कुछ महत्वपूर्ण ब्योरा जारी किया है।

इसरो ने लिखा है, ”इसरो, पोलैंड और हंगरी की टीमों ने एक्सिओम मिशन -4 की संभावित लॉन्च टाइमलाइन के बारे में एक्सिओम स्पेस के साथ विस्तृत चर्चा की। इसके बाद, एक्सिओम स्पेस ने कई तत्परता मापदंडों का आकलन करने के लिए संयुक्त राज्य अमेरिका के नेशनल एरोनॉटिक्स एंड स्पेस एडमिनिस्ट्रेशन (नासा) और स्पेसएक्स के साथ परामर्श किया।”

इसरो ने एक्स पर बताया कि स्पेसएक्स फाल्कन-9 लॉन्च वाहन, ड्रैगन अंतरिक्ष यान की तत्परता की स्थिति, अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन के ज्वेज्दा मॉड्यूल में मरम्मत, चढ़ाई गलियारे की मौसम की स्थिति और संगरोध में चालक दल के स्वास्थ्य और तैयारियों के आधार पर एक्सिओम स्पेस ने सूचित किया है कि अगली संभावित लॉन्च तिथि 22 जून 2025 है।”

एक्सिओम मिशन-4 की खास बात यह है कि नासा की पूर्व अंतरिक्ष यात्री और एक्सिओम स्पेस में मानव अंतरिक्ष उड़ान की निदेशक पैगी व्हिटसन वाणिज्यिक मिशन की कमान संभालेंगी, जबकि भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन के अंतरिक्ष यात्री शुभांशु शुक्ला पायलट के रूप में काम करेंगे।

दो मिशन विशेषज्ञ पोलैंड के यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी परियोजना अंतरिक्ष यात्री स्लावोज उज्नान्स्की-विस्निएव्स्की और हंगरी के टिबोर कपू हैं। चालक दल फ्लोरिडा में नासा के कैनेडी स्पेस सेंटर के लॉन्च कॉम्प्लेक्स 39ए से फाल्कन-9 पर स्पेसएक्स ड्रैगन अंतरिक्ष यान पर सवार होकर उड़ान भरेगा।

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खगोल विज्ञान में रुचि रखने वाले लोगों के लिए आज रात बेहद खास होने जा रही है। इस दौरान आसमान में एक अद्भुत नजारा देखने को मिलेगा। ज्येष्ठ शुक्लपक्ष की पूर्णिमा के अवसर पर दुर्लभ खगोलीय घटना होगी, जिसमें आप आसमान में स्ट्राबेरी मून को चांदनी बिखेरते हुए देखेंगे।

आज शाम सूर्य के ढलते ही आकाश में पूर्णिमा का चंद्रमा उदित होगा। इसे स्‍ट्राबेरी मून नाम दिया गया है, जो कि पश्चिमी देशों में इस समय पकने वाली जंगली स्‍ट्राबेरी के कारण रखा गया है। पूर्णिमा की ठीक खगोलीय स्थिति दोपहर एक बजकर 13 मिनट पर होगी। उस समय भारत में दिन होगा।

कुछ देशों में इसे हॉट मून, रोज मून, मीड मून कहा जाता है। सूर्यास्‍त के बाद आप इसे पूर्व दिशा में उदित होता हुआ देख पाएंगे, जो कि मध्‍यरात्रि में आपके सिर के ऊपर आकर गुरुवार को सुबह सवेरे पश्चिम में अस्‍त हो जाएगा। इस पूर्णिमा पर चंद्रमा की पृथ्‍वी से दूरी चार लाख किलोमीटर से अधिक होने के कारण यह अपेक्षाकृत छोटा ही दिखेगा।

पूर्णिमा के चांद का महीने के बदलने और मौसम की जानकारी का समय बताने आकाशीय घड़ी के रूप में उपयोग किया जाता रहा है। लगभग हर 20 साल में स्‍ट्राबेरी मून और समर सोलिस्‍टस की घटना एक साथ होती है। अगले साल स्ट्राबेरी मून 30 जून 2026 को होगा।

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नई दिल्ली, 11 जून (हि.स.)। भारतीय अंतरिक्ष यात्री शुभांशु शुक्ला और तीन अन्य एस्ट्रोनॉट्स के लिए अंतरिक्ष स्टेशन तक की ऐतिहासिक यात्रा को एकबार फिर स्थगित कर दिया गया । आज एक्सिओम-4 मिशन की लॉन्चिंग होनी थी। लॉन्चिंग वाहन में रिसाव के चलते इसे फिर स्थगित कर दिया गया है। इसरो प्रमुख डॉ. वी नारायणन ने यह जानकारी एक्स पर दी।

लॉन्च पैड पर सात सेकंड का हॉट टेस्ट किया गया।

डॉ. नारायणन ने कहा कि आईएसएस पर पहले भारतीय गगनयात्री भेजने के लिए 11 जून को लॉन्च होने वाले एक्सिओम-4 मिशन को स्थगित कर दिया गया है। फाल्कन 9 लॉन्च वाहन के बूस्टर चरण के प्रदर्शन को मान्य करने के लिए लॉन्च वाहन की तैयारी के हिस्से के रूप में, लॉन्च पैड पर सात सेकंड का हॉट टेस्ट किया गया।

परीक्षण के दौरान प्रणोदन बे में रिसाव का पता चला था

परीक्षण के दौरान प्रणोदन बे में रिसाव का पता चला था। इसरो टीम ने एक्सिओम-4, स्पेसएक्स के विशेषज्ञों के साथ इस विषय पर चर्चा के आधार पर लॉन्च के लिए मंजूरी देने से पहले रिसाव को ठीक करने और आवश्यक सत्यापन परीक्षण करने का निर्णय लिया। इसलिए आईएसएस पर पहली बार भारतीय गगनयात्री भेजने के लिए 11 जून को होने वाले एक्सिओम-4 के प्रक्षेपण को स्थगित कर दिया गया है।

अंतरिक्षयात्रियों को 29 मई को रवाना होना था

उल्लेखनीय है कि एक्सिओम-4 मिशन को पहले भी तीन बार टालना पड़ा है। अंतरिक्षयात्रियों को 29 मई को रवाना होना था, लेकिन इसे आठ जून तक टाला गया। इसके बाद इसे 10 जून तक टाला गया। स्पेसएक्स का फाल्कन-9 रॉकेट मंगलवार शाम फ्लोरिडा के कैनेडी स्पेस सेंटर से रवाना होने वाला था, लेकिन खराब मौसम को एक दिन के लिए टाल दिया गया था।

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नई दिल्ली, 1 मई (हि.स.)। केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय और भारतीय जन संचार संस्थान (आईआईएमसी) द्वारा मुंबई में तीन मई को आठवें राष्ट्रीय सामुदायिक रेडियो सम्मेलन का आयोजन किया जाएगा। यह आयोजन जैस्मिन हॉल-2, जियो वर्ल्ड कन्वेंशन सेंटर, मुंबई में आयोजित होगा। यह प्रतिष्ठित कार्यक्रम वर्ल्ड ऑडियो-विजुअल एंड एंटरटेनमेंट समिट-2025 (वेव्स) के अंतर्गत आयोजित किया जा रहा है, जिसका उद्देश्य भारत में सामुदायिक मीडिया परिदृश्य को नवाचार, समावेशिता और प्रभाव के माध्यम से सुदृढ़ करना है।

भारतीय जन संचार संस्थान ने गुरुवार को बताया कि सम्मेलन की मुख्य विशेषता दसवें राष्ट्रीय सामुदायिक रेडियो पुरस्कारों का वितरण होगा, जिसमें 12 उत्कृष्ट कम्युनिटी रेडियो स्टेशनों को उनकी सेवा और समुदाय में उल्लेखनीय योगदान के लिए सम्मानित किया जाएगा। ये पुरस्कार सूचना एवं प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव तथा राज्य मंत्री डॉ. एल. मुरुगन द्वारा प्रदान किए जाएंगे। मंत्रालय के सचिव संजय जाजू तथा संयुक्‍त सचिव सी. सेंथिल राजन भी उपस्थित रहेंगे और सामुदायिक रेडियो की बदलती भूमिका पर अपने विचार साझा करेंगे। इसके अतिरिक्त आईआईएमसी की कुलपति डॉ. अनुपमा भटनागर, कुलसचिव डॉ. निमिष रुस्तगी तथा सम्मेलन की संयोजक प्रो. (डॉ.) संगीता प्रणवेन्द्र भी कार्यक्रम में उपस्थित रहेंगी।

यह सम्मेलन देशभर के 530 से अधिक कम्युनिटी रेडियो स्टेशनों के प्रतिनिधियों को एक मंच पर लाकर संवाद और सहयोग का अवसर प्रदान करेगा। इसके अलावा यह सामुदायिक रेडियो की विविधता और स्थानीय कहानियों को सशक्त करने में उसकी महत्वपूर्ण भूमिका को रेखांकित करेगा। राष्ट्रीय सामुदायिक रेडियो सम्मेलन, वेव्स- 2025 की परिकल्पना के अनुरूप, सामाजिक परिवर्तन और स्थानीय सशक्तिकरण के एक प्रभावशाली माध्यम के रूप में सामुदायिक रेडियो की पहुंच और प्रभावशीलता को और मजबूत करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।

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भोपाल, 29 अप्रैल (हि.स.)। खगोल विज्ञान में रुचि रखने वाले लोगों के लिए बुधवार, 30 अप्रैल का दिन खास होने जा रहा है। इस दिन देश में हिन्दू धर्म में अबूझ मुहूर्त माना जाने वाला अक्षय तृतीया का पर्व जब मनाया जा रहा होगा, तब आप आसमान में पश्चिम दिशा में अक्षय तृतिया के हंसियाकार चांद को देखेंगे तो पाएंगे कि हंसियाकार भाग तो तेज चमक के साथ दिखेगा, लेकिन हल्‍की चमक के साथ पूरा गोलाकार चांद भी दिखाई देगा।

नेशनल अवार्ड प्राप्‍त विज्ञान प्रसारक सारिका घारू ने मंगलवार को इस खगोलीय घटना के बारे में बताया कि इसे अर्थशाईन कहा जाता है। यह घटना आसमान में साल में दो बार होती है। उन्होंने बताया कि इस घटना के समय चंद्रमा की पृथ्‍वी से दूरी लगभग तीन लाख 63 हजार 897 किलोमीटर होगी और इसका 9.9 प्रतिशत भाग ही पूरी तरह प्रकाशित होगा, लेकिन इस खास खगोलीय घटना में चंद्रमा का बाकी अप्रकाशित भाग भी कम चमक के साथ दिख रहा होगा। इसे बिना किसी यंत्र की मदद से खाली आंखों से भी देख सकेंगे।

सारिका ने बताया कि इस घटना को दा विंची चमक के नाम से भी जाना जाता है। लियोनार्डो द विंची ने पहली बार स्‍केच के साथ 1510 के आसपास अर्थशाईन की अवधारणा को रखा था। इस घटना का कारण बताते हुए सारिका ने कहा कि चंद्रमा अपने तक पहुंचने वाले सूर्य के प्रकाश का लगभग 12 प्रतिशत परावर्तित करता है। दूसरी ओर, पृथ्वी अपनी सतह पर आने वाले सभी सूर्य के प्रकाश का लगभग 30 प्रतिशत परावर्तित करती है। पृथ्‍वी का जब यह परावर्तित प्रकाश चंद्रमा पर पहुंचता है तो चंद्रमा की सतह के अंधेरे वाले भाग को भी रोशन कर देता है।

सारिका ने बताया कि बुधवार की शाम जब आप चंद्रमा को देखें तो याद रखें उसे चमकाने में उस पृथ्‍वी का भी योगदान है, जिस पर आप खड़े हैं। चंद्रमा को आप शाम लगभग 9:30 तक देख पाएंगे, इसके बाद यह अस्‍त हो जाएगा।

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वक्फ संशोधन बिल को लेकर पुलिस मुख्यालय ने किया बिहार में हाई अलर्ट जारी

पटना:  वक्फ संशोधन विधेयक को बुधवार लोकसभा से पारित कर दिया गया। गुरुवार को राज्यसभा में इसे पेश किए जाने के बाद बिहार में हाई अलर्ट जारी कर दिया गया है। बिहार पुलिस मुख्यालय ने सभी जिलों के एसएसपी-एसपी को सचेत किया है। पुलिस मुख्यालय के एडीजी लॉ एंड ऑर्डर पंकज दराद ने सभी जिलों को अलर्ट जारी कर सतर्कता बरतने को कहा है।

दरअसल, वक्फ संशोधन बिल को लेकर पूरे देश में विवाद गहरा गया है। बिहार में भी इस बिल को लेकर मुस्लिम समुदाय के लोगों ने विरोध जताया है और इस बिल को मुसलमान विरोधी बता रहे हैं। लोकसभा में बिल पास होने के बाद आज राज्यसभा में केंद्र सरकार ने बिल को पेश किया है, जिसपर सदन में चर्चा जारी है। इसी बीच बिहार में इस बिल को लेकर पुलिस मुख्यालय ने हाई अलर्ट जारी कर दिया है।

पुलिस मुख्यालय के एडीजी लॉ एंड ऑर्डर पंकज दराद ने बिहार में शांति व्यवस्था बनाये रखने को लेकर उन्होंने सभी जोन के आईजी, डीआईजी से लेकर एसएसपी और एसपी के साथ रेल एसपी को अलर्ट भेजा है। किसी भी हाल में राज्य की शांति व्यवस्था ना बिगड़े इसका पूरा ख्याल रखने को कहा गया है। एडीज लॉ एंड ऑर्डर पंकज दराद ने कहा है कि अगर कहीं कोई कानून के साथ खिलवाड़ करता है तो उसके विरुद्ध तत्काल उचित कानूनी कारवाई की जाए।

बिहार में मुस्लिम आबादी 17.70 प्रतिशत

बिहार सरकार ने जातिगत सर्वे के आंकड़े अक्टूबर- 2023 में जारी किए थे। सर्वे के मुताबिक़ बिहार की कुल आबादी 13 करोड़ है। इसमें 81.99 प्रतिशत हिन्दू और 17.70 प्रतिशत मुसलमान हैं। कटिहार, पूर्णिया, अररिया, किशनगंज और दरभंगा पांच ऐसे जिले हैं जो सर्वाधिक मुस्लिम बाहुल हैं। ऐसे में इन जिलों के साथ ही पूरे राज्य में कहीं भी कानून-व्यवस्था को लेकर कोई परेशानी ना आए इसे लेकर विशेष ध्यान देने को कहा गया है।

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Patna: बिहार सरकार जल्द ही एक ऐसा पोर्टल लॉन्च करने जा रही है जिस पर राज्य सरकार की 300 से अधिक सेवाओं और योजनाओं का लाभ एक ही जगह मिल सकेगा। इस पोर्टल को जल्द ही तैयार कर लिया जाएगा। इस पोर्टल का नाम “बिहार वन” दिया गया है।

बिहार सरकार के सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री कृष्ण कुमार मंटू ने यह जानकारी विधान परिषद में सदस्य नीरज कुमार के तारांकित प्रश्न के उत्तर में दी। उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विकसित भारत की संकल्पना को यह परियोजना साकार करेगा। यह मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का ड्रीम प्रोजेक्ट है। इसके जरिए सभी व्यक्ति का नाम, पता, आवासीय, जाति, आय, शिक्षा समेत सभी दस्तावेज एक ही जगह उपलब्ध होंगे। कोई भी आवेदन देने पर एक क्लिक में जानकारी मिलेगी। जांच के लिए किसी भी कर्मचारी, अधिकारी के पास नहीं जाना पड़ेगा। उन्होंने कहा कि यह योजना बिहार की प्रगति में सहायक सिद्ध होगा।

सभी दस्तावेज होंगे ऑनलाइन 

राज्य सरकार की 300 से अधिक सेवाओं और योजनाओं का लाभ एक जगह मिल सकेगा।  सभी दस्तावेज एक जगह देखे जा सकेंगे। किसी जांच के लिए किसी कर्मचारी और अधिकारी के पास नहीं जाना होगा, भ्रस्टाचार पर भी रोक लगेगी। 

 

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नई दिल्ली, 19 मार्च (हि.स.)। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने नासा से संबद्ध भारतीय मूल की अंतरिक्ष यात्री सुनीता विलियम्स की धरती पर सुरक्षित वापसी पर खुशी जताई है। इसरो ने आज सुबह एक्स पर लिखा,”आपका स्वागत है, सुनीता विलियम्स!”

इसरो ने कहा कि एक विस्तारित मिशन के बाद आपकी सुरक्षित वापसी एक उल्लेखनीय उपलब्धि है। यह नासा, स्पेसएक्स और संयुक्त राज्य अमिरेका की अंतरिक्ष अन्वेषण के प्रति प्रतिबद्धता का प्रमाण है। इसरो ने लिखा, ” आपकी (सुनीता) दृढ़ता और समर्पण दुनिया भर के अंतरिक्ष उत्साही लोगों को प्रेरित करता रहेगा।”

इसरो ने एक्स पोस्ट पर अपने अध्यक्ष का भी बयान जारी किया है। इसमें कहा गया कि डीओएस सचिव और इसरो अध्यक्ष के रूप में मैं अपने सहयोगियों की ओर से आपको हार्दिक बधाई देता हूं। पोस्ट में लिखा गया है, ”प्रधानमंत्री मोदी जी के नेतृत्व में भारत एक विकसित देश बनने की दिशा में काम कर रहा है। हम अंतरिक्ष अन्वेषण में आपकी विशेषज्ञता का उपयोग करना चाहते हैं।”

इसके अलावा, केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने एक्स पर सुनीता विलियम्स की वापसी पर लिखा, “यह गौरव, गर्व और राहत का क्षण है! पूरा विश्व भारत की इस शानदार बेटी की सुरक्षित वापसी का जश्न मनाने के लिए एक साथ आया है, जो अंतरिक्ष की अनिश्चितताओं को सहन करने के साहस, दृढ़ विश्वास और स्थिरता के लिए इतिहास में दर्ज हो गई है।”

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फ्लोरिडा, 19 मार्च (हि.स.)। नेशनल एरोनॉटिक्स एंड स्पेस एडमिनिस्ट्रेशन (नासा) से संबद्ध भारतीय मूल की अंतरिक्ष यात्री सुनीता विलियम्स और बुच विल्मोर धरती पर वापस लौट आए । फ्लोरिडा के तट पर उनकी सफल लैंडिंग हुई है। दोनों अंतरिक्ष यात्रियों को लेकर स्पेसएक्स क्रू-9 वापस धरती पर आ गया। नासा के ये दोनों अंतरिक्ष यात्री मात्र आठ दिन के मिशन पर गए थे। तकनीकी खराबी के कारण दोनों नौ माह और 13 दिन तक अंतरिक्ष में फंसे रहे। नासा ने अपनी वेबसाइट पर लिखा है-”घर में आपका स्वागत है! नासा का स्पेसएक्स क्रू-9 विज्ञान मिशन के बाद धरती पर वापस आ गया है।’

अब सभी मिलेंगे अपने परिवारों से

नासा की वेबसाइट के अनुसार, निक हेग, सुनीता विलियम्स, बुच विल्मोर और रोस्कोस्मोस के अंतरिक्ष यात्री अलेक्जेंडर गोरबुनोव पूर्वी समय पर शाम 5:57 बजे पृथ्वी पर लौट आए। स्पेसएक्स रिकवरी जहाजों पर सवार टीमों ने अंतरिक्ष यान और उसके चालक दल को वापस निकाला। तट पर लौटने के बाद चालक दल ह्यूस्टन में नासा के जॉनसन स्पेस सेंटर के लिए उड़ान भरेगा। वहां सभी अपने परिवारों से मिलेंगे। नासा के स्पेसएक्स क्रू-9 ने मंगलवार को अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन के लिए एजेंसी के नौवें वाणिज्यिक क्रू रोटेशन मिशन को पूरा किया। यह अमेरिका की खाड़ी में फ्लोरिडा के तल्हासी तट से स्पेसएक्स ड्रैगन अंतरिक्ष यान में सुरक्षित रूप से उतरा।

जेनेट पेट्रो ने कहा-यह ट्रंप की वजह से संभव हुआ

नासा की कार्यवाहक प्रशासक जेनेट पेट्रो ने कहा, “हम सुनीता, बुच, निक और एलेक्जेंडर की सुरक्षित घरवापसी पर रोमांचित हैं।” उन्होंने कहा कि राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के निर्देश पर नासा और स्पेसएक्स की एक महीने की मेहनत रंग लाई। अंतरराष्ट्रीय चालक दल और धरती पर मौजूद हमारी टीमों ने सभी को घर वापस लाने में कड़ी मेहनत की। नासा के ऐसे मिशन मानवता के लाभ के लिए हैं। हेग और गोरबुनोव ने 28 सितंबर, 2024 को दोपहर 1:17 बजे फ्लोरिडा के केप कैनावेरल स्पेस फ़ोर्स स्टेशन के स्पेस लॉन्च कॉम्प्लेक्स 40 से स्पेसएक्स फाल्कन 9 रॉकेट पर उड़ान भरी थी। अगले दिन वे स्टेशन के हार्मनी मॉड्यूल के आगे की ओर वाले पोर्ट पर डॉक किए गए। सुनीता विलियम्स और विल्मोर को बोइंग के स्टारलाइनर अंतरिक्ष यान और यूनाइटेड लॉन्च अलायंस एटलस वी रॉकेट पर पांच जून, 2024 को स्पेस लॉन्च कॉम्प्लेक्स 41 से एजेंसी के बोइंग क्रू फ्लाइट टेस्ट के हिस्से के रूप में लॉन्च किया गया था। दोनों 6 जून को अंतरिक्ष स्टेशन पर पहुंचे।

मिशन के दौरान 121,347,491 मील की यात्रा की

बताया गया है कि सुनीता विलियम्स और विल्मोर ने अपने मिशन के दौरान 121,347,491 मील की यात्रा की। अंतरिक्ष में 286 दिन बिताए और पृथ्वी के चारों ओर 4,576 परिक्रमा पूरी की। हेग और गोरबुनोव ने अपने मिशन के दौरान 72,553,920 मील की यात्रा की, अंतरिक्ष में 171 दिन बिताए और पृथ्वी के चारों ओर 2,736 परिक्रमा पूरी कीं। हेग ने अपने दो मिशनों में अंतरिक्ष में 374 दिन और विलियम्स ने अपनी तीन उड़ानों में अंतरिक्ष में 608 दिन बिताए हैं। विल्मोर ने अपनी तीन उड़ानों में अंतरिक्ष में 464 दिन बिताए हैं।

अंतरिक्ष परी ने दो स्पेसवॉक किए

सुनीता विलियम्स ने दो स्पेसवॉक किए। एक में उनके साथ विल्मोर और दूसरे में हेग शामिल थे। अंतरिक्ष में 900 घंटे से अधिक समय तक शोध के साथ 150 से अधिक अद्वितीय वैज्ञानिक प्रयोग किए गए। इस शोध में पौधों की वृद्धि और गुणवत्ता पर जांच शामिल थी, साथ ही रक्त रोगों, ऑटोइम्यून विकारों और कैंसर को संबोधित करने के लिए स्टेम सेल तकनीक की क्षमता भी शामिल थी। उन्होंने अंतरिक्ष यात्रियों को सर्कैडियन लय बनाए रखने में मदद करने के लिए प्रकाश व्यवस्था का भी परीक्षण किया। यह अध्ययन करने के लिए अंतरिक्ष स्टेशन के बाहरी हिस्से से नमूने लिए कि क्या सूक्ष्मजीव अंतरिक्ष में जीवित रह सकते हैं।

सुनीता के पैतृक गांव में जश्न

भारतीय समयानुसार सुबह 3.27 बजे ऑर्बिट बर्न का प्रोसेस पूरा होने के बाद फ्लोरिडा के तट पर अंतरिक्ष परी के उतरते ही सुनीता विलियम्स के गुजरात के पैतृक गांव में जश्न शुरू हो गया। इतिहास रचकर धरती पर सकुशल वापस लौटीं सुनीता विलियम्स का स्वागत समुद्र में तैरते डॉल्फिन के झुंड ने किया। जब उनका कैप्सूल पानी में उतरा तो उनके आसपास बड़ी संख्या में डॉल्फिन थीं। इसके बाद उनको रिकवरी पोत से कैप्सूल से निकाला गया।

प्रधानमंत्री मोदी ने भारत आने का निमंत्रण दिया

भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सुनीता विलियम्स को पत्र लिखकर भारत आने का निमंत्रण दिया है। पहली मार्च को लिखे और नासा के पूर्व अंतरिक्ष यात्री माइक मैसिमिनो के माध्यम से भेजे गए इस पत्र को केंद्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्री जितेंद्र सिंह ने एक्स पर साझा किया। है। प्रधानमंत्री मोदी ने पत्र में कहा कि भले ही आप हजारों मील दूर हों, लेकिन आप हमारे दिलों के करीब हैं। भारत के लोग आपके अच्छे स्वास्थ्य और आपके मिशन में सफलता के लिए प्रार्थना कर रहे हैं। आपकी वापसी के बाद हम भारत में आपसे मिलने के लिए उत्सुक हैं। भारत के लिए अपनी सबसे शानदार बेटियों में से एक की मेजबानी करना खुशी की बात होगी।

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वाशिंगटन, 15 मार्च (हि.स.)। नेशनल एयरोनॉटिक्स ऐंड स्पेस एडमिनिस्ट्रेशन (नासा) और अरबपति एलन मस्क की कंपनी स्पेसएक्स ने अंतरिक्ष में पिछले साल से फंसे सुनीता विलियम्स और बुच विल्मोर को वापस लाने के लिए क्रू-10 मिशन लॉन्च किया। इस प्रक्षेपण के बाद नासा के विल्मोर और विलियम्स के घर लौटने का रास्ता साफ हो गया है। इन अंतरिक्ष यात्रियों के 19 मार्च तक लौटने की उम्मीद है। क्रू-10 मिशन पर ड्रैगन अंतरिक्ष यान ले जाने वाले फाल्कन 9 रॉकेट ने नासा के फ्लोरिडा स्थित कैनेडी स्पेस सेंटर से शुक्रवार शाम 7ः03 बजे उड़ान भरी।

सीएनएन की खबर के अनुसार, नासा के सुनीता विलियम्स और बुच विल्मोर पिछले साल जून में आईएसएस पर फंस गए थे। विलियम्स और विल्मोर जून 2024 में आईएसएस के मिशन पर गए थे। यह मिशन आठ दिन का था। बोइंग के स्टारलाइनर अंतरिक्ष यान में तकनीकी समस्याओं के कारण वह नहीं लौट पाए।

मिशन को लॉन्च करने से कुछ घंटे पहले एक्स पर नासा ने कहा कि क्रू 10 के शनिवार (15 मार्च) को स्टेशन से जुड़ने के बाद क्रू9 के निक हेग, सुनीता विलियम्स, बुच विल्मोर और अलेक्जेंडर गोरबुनोव कुछ दिनों बाद पृथ्वी पर लौटने वाले हैं। नासा ने कहा कि यदि सब कुछ योजना के अनुसार होता है तो विलियम्स, विल्मोर, हेग और गोरबुनोव क्रू-9 अंतरिक्ष यान पर चढ़ेंगे और 19 मार्च को पृथ्वी पर वापस लौटेंगे।

इससे पहले नासा ने 13 मार्च को में क्रू-10 को लॉन्च करने की योजना बनाई थी, लेकिन लॉन्चिंग पैड पर तेज हवाओं और बारिश के कारण मिशन में देरी करनी पड़ी। इसके अलावा स्पेसएक्स के इंजीनियरों को लॉन्च कॉम्प्लेक्स 39 ए में फाल्कन 9 रॉकेट के लिए ग्राउंड सपोर्ट क्लैंप आर्म के साथ एक हाइड्रोलिक सिस्टम समस्या का सामना करना पड़ा।

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नई दिल्ली, 19 फरवरी (हि.स.)। भारतीय वायु सेना के 36 राफेल फाइटर जेट में से 10 विमान जल्द ही हवा में ही ईंधन भरने की तकनीक से लैस हो जाएंगे। इस तकनीक के हासिल होने पर विमानों की रेंज भी बढ़ जाएगी और उन्हें ज्यादा दूर तक तैनात किया जा सकेगा। ईंधन भरने की क्षमता के लिए ​वायु सेना को ग्राउंड-आधारित उपकरण और सॉफ्टवेयर अपग्रेड प्राप्त होंगे। भारतीय नौसेना भी फ्रांस से 26 राफेल मरीन जेट खरीद रही है, जो हवा से जमीन पर और हवा से हवा में हमला करने में भी सक्षम हैं।

भारत ने वायु सेना के लिए फ्रांस से 36 राफेल फाइटर जेट हासिल किये हैं, जिनके लिए अंबाला एयरबेस पर और पश्चिम बंगाल के हाशिमारा एयरबेस पर दो स्क्वाड्रन बनाई गई हैं। एलएसी पर चीन से तनातनी के बीच भारत ने राफेल लड़ाकू विमानों को लद्दाख के फ्रंट-लाइन एयरबेस पर तैनात किया गया है। इसके अलावा पश्चिम बंगाल के हाशिमारा एयरबेस स्क्वाड्रन को सिक्किम से लेकर अरुणाचल प्रदेश तक से सटी वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) की जिम्मेदारी सौंपी गई है। हाशिमारा बेस उसी विवादित डोकलाम इलाके के बेहद करीब है, जहां वर्ष 2017 में भारत और चीन की सेनाओं के बीच 75 दिन लंबा टकराव हुआ था।

भारत के सभी 36 राफेल ऑपरेशनल होने के बावजूद इनमें हवा के मध्य ईंधन भरने की तकनीक नहीं थी। अब भारतीय नौसेना स्वदेशी विमानवाहक पोत आईएनएस विक्रमादित्य की क्षमताओं को बढ़ाने के लिए 26 राफेल मरीन विमान खरीद रही है। फ्रांस के साथ 60​ हजार करोड़ रुपये से अधिक का राफेल मरीन जेट सौदा भारतीय वायु सेना के 36 राफेल बेड़े की ईंधन भरने और अन्य क्षमताओं को उन्नत करने में भी मदद करेगा। इसके बाद वायु सेना के 36 राफेल फाइटर जेट में से 10 विमान जल्द ही हवा में ही ईंधन भरने की तकनीक से लैस हो जाएंगे। भारतीय वायु सेना इस तकनीक का उपयोग करके अपने राफेल जेट विमानों को हवा में ईंधन भरने में सक्षम हो जाएगी।

रक्षा सूत्रों ने बताया कि​ नौसेना के लिए इस सौदे से भारतीय वायुसेना को अपने​ राफेल बेड़े के सॉफ्टवेयर को उन्नत करने​ और संचालन में सहायता के लिए बहुत सारे जमीनी उपकरण मिलेंगे। सरकार से सरकार के बीच होने वाले इस सौदे के तहत नौसेना को 22 सिंगल-सीटर और चार ट्विन-सीटर राफेल मरीन जेट मिलेंगे और 4​.5 प्लस जनरेशन राफेल को अपने डेक से संचालित करने के लिए वाहक पर बहुत सारे उपकरण लगाने की आवश्यकता होगी। नौसेना वर्तमान में मिग-29​के का संचालन करती है, जिसे निकट भविष्य में केवल आईएनएस विक्रमादित्य से संचालित किया जाना है।

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