नगरा: खैरा थाना क्षेत्र में रह रहे गरीब व कमजोर वर्ग के लोग ठंड का सहन नहीं कर पा रहे हैं. ठंड के प्रकोप से इनकी परेशानी बढ़ गयी है. वैसे इस ठंड से सभी लोग प्रभावित हैं. लेकिन, आम लोगों के पास बचाव के लिए अनेकों सुविधाएं हैं वहीं गरीब व कमजोर वर्ग अलाव का सहारा से ही ठंड में अपना जान बचाती रही है. वहीं लगातार बढ़ रही सर्दी से जनजीवन बेहाल होने लगा है. ठंड को दूर करने के लिए लोगों को अलाव सहारा लेना पड़ा. दोपहर बाद तक सूर्यदेव के दर्शन नहीं हुए जिससे दुकानदार अलाव जलाकर पूरे दिन आग तापते रहे. वहीं नगरा चौक पर रिक्शा वाले और गरीब लोग काम छोड़कर आग के पास बैठे रहे.

ठंड ने पशुओं की भी मुसीबत बढ़ा दी है. जहां भी अलाव जल रहे है उनके आस पास पशु भी राहत पाने के लिए खड़े दिखाई दे रहे हैं. ठंड के चलते बाजार में भी खास रौनक नजर नहीं आई. लोगो ने कहा कि पूरी रात ठंड से परेशान रहे. कहीं भी कोई अलाव की व्यवस्था नहीं हुई. सड़क के ऊपर बिखरे कागज के टुकड़े को जला कर किसी प्रकार जान बचायी बचाई जा रही है.

ग्रामीणों का कहना है की प्रशासन द्वारा न तो अलाव जलाया जा रहा है और न ही ठंड से बचने के लिए ऊनी वस्त्र का वितरण किया जा रहा है. हम गरीब लोगों के लिये कोई सहारा नहीं है.

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नगरा: पीएम मोदी के पांच सौ और एक हजार के नोट बंदी के ऐलान को आज एक माह से ज्यादा का समय बीत चुका है. ऐसे में सरकार भी अब बैंकों और एटीएम पर स्थिति सामान्य होने के दावे कर रही है. लेकिन सरकार के दावों की जमीनी हकीकत कुछ और ही है. क्या छात्र तो क्या व्यापारी सभी रुपयों की तंगी के चलते परेशान हो रहे हैं.

नगरा ग्रामीण क्षेत्र में आज बैंक तो बंद है ही साथ ही अधिकतर एटीएम मशीनों पर भी ताले जड़े हुए हैं. जो इक्का दुक्का एटीएम खुले हैं उनमें भी कैश नहीं है. जिसकी वजह से आज हर वर्ग परेशान है. लोगों की मानें तो वर्किंग दिनों में बैंकों में कैश नहीं होता और शनिवार और रविवार के दिन न तो एटीएम चलते हैं, न बैंक खुले होते हैं. एक-एक कर कई एटीएम से निराश होकर लौट आये स्थानीय नागरिक सिकन्दर कुमार का कहना है कि उनके घर बनवाने का काम चल रहा है और मजदूर को मजदूरी के रूपये देने तक के लिए भी नये या फिर खुले रुपयों का इंतजाम नहीं हो पा रहा. वहीं आस पास के क्षेत्रो के लोग काफी परेशान है

.तीन दिन बंद रहेंगे बैंक

शनिवार से सोमवार तक अवकाश होने के कारण बैंक अब बैंकों में खाताधारकों को मंगलवार को ही कैश मिल पाएगा. जिन बैंकों में शुक्रवार को कैश नहीं मिला वहां लोगों की सांय तक भीड़ तो लगी रही मगर वे उदास नजर आ रहे थे क्योंकि शुक्रवार को कैश न मिलने का मतलब अगले तीन दिन बाद तक कैश की इंतजार करना है.

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लहलादपुर: प्रखंड न्तर्गत कई विद्यालयों का निरीक्षण डी.पी.ओ. राजेन्द्र सिंह ने किया. जिसमें प्राथमिक विद्यालय, दन्दासपुर तथा लहलादपुर, तेलछा, नाजीरगंज एवं सोनिया गाँव स्थित मध्य विद्यालय शामिल है.

डी.पी.ओ. श्री सिंह के अनुसार प्राथमिक विद्यालय, दन्दासपुर में भारी अनियमितता पायी गई. उस विद्यालय में रुपया तथा राशि उपलब्ध रहने के बाबजूद दो महीने से मध्य्हान भोजन नहीं बनाया जा रहा है. श्री सिंह ने वहाँ के एच.एम. अमरेन्द्र कुमार के निलम्बन की अनुशंसा करने की बातें कही.

मध्य विद्यालय, नाजीरगंज के एच.एम. फरार बतलाये गये, जबकि मध्य विद्यालय, सोनिया की एच.एम. पंजी वैगरह दिखाने में अक्षम मिली. वहीं दूसरी तरफ बी.ई.ओ. कमरुद्दीन अंसारी ने दो प्राईवेट विद्यालय सनबीन, पंडितपुर तथा मदर टरेसा, दरियापुर का भौतिक सत्यापन किया.

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नगरा: प्रखंड के खैरा पंचायत के खैरा ,भदोरहिया गांव के किसान ने अपनी खेतो में जीरो टिलेज विधि से गेहूं की बुआई की गयी. वहीं जागृत किसानों ने कृषि सलाहकार अलोक कुमार चौबे , कृष्णा राय, राम नगीना प्रसाद, मनोज कुमार एवं कमलेश्वर राय की देखरेख में गेहूं की बुआई की.

किसान शंकर कुशवाहा,बृजकिशोर सिंह इन किसानों के खेतों में इस तकनीक से फसल की बुआई हुई. कृषि समन्वयक ने जीरो टिलेज विधि के बारे में बताया कि शून्य जुताई विधि से खेती करने में बार-बार खेतों की जुताई नहीं करनी पड़ती है. जिससे किसानों को जुताई के खर्च में बचत होती है. इस विधि में बीज की खपत भी कम होती है. क्योंकि बीज समान दूरी पर खेतों में मशीन के माध्यम से गिरती है. एक पौधे से दूसरे पौधे की दूरी 10 इंच होती है. जिस कारण खेतों में अनावश्यक खरपतवार कम उगते हैं. जिस कारण खेतों में पानी की खपत भी कम होती है. खेतों में ज्यादा खर-पतवार जब नहीं होते हैं तो चूहे का आक्रमण भी कम हो जाता है.

इन सभी फायदे के वजह से किसानों को खेती करने में जहां पैसों की बचत होती वहीं उपज की मात्रा में भी वृद्धि हो जाती है. जागृत किसान अब इस जीरो टिलेज विधि से खेती करना ज्यादा फायदेमंद है।

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नगरा (मो.अयूब रजा की रिपोर्ट): शासन-प्रशासन विकास के लाख दावे करें, लेकिन हकीकत कोसों दूर हैं. नगरा में शिक्षा की हालत बदतर है. स्कूली बच्चे खुले आसमान के नीचे एक खंडहर में पढ़ने को मजबूर हैं. कई सालों से स्कूल के भवन की मांग की जा रही है. लेकिन शासन प्रशासन आंख-कान मूंद कर बैठा है. न बेंच है, न भवन है. खुले आसमां के नीचे पढ़ने का आसियां हैं. यही है हमारे शिक्षण संस्थानों की तस्वीर, जो सरकार के सुशासन के नारे को चिढ़ा रही है.

देश के भविष्य कहे जाने वाले बच्चे अपने भविष्य को उज्जवल बनाने के लिए कई सबक सीख रहे हैं. जीता जगता उदाहरण क्षेत्र के सरकारी संस्थानों का बुरा हाल है. एक ओर जहां स्कूल शिक्षकों की कमी से जूझ रहा है, वहीं स्कूल भवन नहीं होने से बच्चों को खुले आसमान के नीचे मजबूरन पढ़ाई करनी पड़ रही है. विभागीय अधिकारियों की उदासीनता के चलते अनुभाग क्षेत्र की शिक्षा व्यवस्था बदहाल स्थिति में है. कई स्कूल शिक्षक विहीन हैं तो कई स्कूल ऐसे है जहां शिक्षक तो पदस्थ है लेकिन वे पढ़ाई की बजाय अक्सर गपशप करने में मशगूल रहते है. कहीं छात्रों की उपस्थिति कम रहती है. जिसके चलते जहां बच्चों का भविष्य अंधकार मय है, वहीं अभिभावकों में रोष व्याप्त है.

सरकार की शिक्षा का अधिकार, सर्व शिक्षा अभियान जैसी योजनाओं को पलीता लगाया जा रहा है. वहीँ क्षेत्र के नगरा पंचायत में रसूलपुर गांव में उत्क्रमित मध्य विद्यालय रसूलपुर स्कूल भवन की कमी के कारण खेल मैदान में ही कक्षाएं लगती है. भवन तो उपलब्ध है, लेकिन स्कूल के लिए पर्याप्त रुम नहीं होने के कारण स्कूल के ही दो कमरों में स्कूल का संचालन किया जाता है. ऐसे में स्कूल के पास अब दो ही कक्ष बच गए हैं, जहां बैठकर बच्चे पढ़ते हैं.

उत्क्रमित मध्य विद्यालय रसूलपुर के छात्र आज भी पेड़ के नीचे बैठ पढ़ाई कर रहे हैं. यह इनका शौक नहीं है. बल्कि विद्यालय में संसाधन के अभाव के कारण बच्चे इसके लिए मजबूर हैं. लेकिन आज तक इस विद्यालय को आवश्यकता के अनुरूप संसाधन मुहैया नहीं कराया जा सका. इस कारण छात्रों को पढ़ाई में बाधा समेत अन्य परेशानी से भी दो-चार होना पड़ता है.

लगभग 300 छात्र हैं नामांकित

मिली जानकारी के अनुसार विद्यालय में छात्रों की संख्या 3 सौ से अधिक है. इनको पढ़ाने की जिम्मेदारी शिक्षकों पर है, लेकिन वर्ग कक्ष मात्र दो रहने के कारण कक्षा एक से चार तक के सैकड़ों बच्चे वर्षो से  पड़ तले खुले आसमान के नीचे पढ़ने को विवश हैं. जबकि पांचवी से आठवी तक के बच्चों को ठूंसकर वर्ग कक्ष में सभी को  नीचे बैठते है. स्कूल में कक्षा 1 से 8 तक लगभग 300 बच्चे अध्ययनरत हैं. दोनों कक्षाओं को सेक्शन में विभाजित किया गया है. इनमें से कुछ कक्षाएं स्कूल भवन में संचालित होती है और कुछ कक्षाएं मैदान में खुले आसमान के नीचे।.

बारिश में हो जाती है छुट्टी

गांव में जिस दिन भी बारिश होती है उस दिन स्कूल की छुट्टी दे दी जाती है. चूंकि बारिश के कारण बाहर मैदान में पानी भर जाता है, ऐसे में उस दिन कक्षाएं नहीं लगती. बारिश अगर तेज हुई और मैदान ज्यादा गीला हुआ तो फिर कई दिनों तक कक्षाएं नहीं लगती. ऐसे में बच्चों की पढ़ाई प्रभावित होता है. स्कूल के शिक्षक भी कहते हैं कि जब तक कक्षाओं में स्कूल संचालित नहीं होती, बच्चों को पढ़ाने में परेशानी होती है.
मीडिल स्कूल का भी बुरा हाल

गांव के स्कूल का भी बुरा हाल है. फिलहाल  स्कूल का संचालन स्कूल के भवन से ही किया जा रहा है. दो कमरों के इस स्कूल में बच्चों को ठूंस-ठूंस कर भरा गया है. बच्चों के लिए ठीक से बैठक व्यवस्था भी नहीं है. ऐसे में बच्चों की पढ़ाई पर बुरा असर पड़ रहा है. अभी भी प्रवेश का दौर जारी है. स्कूल के लिए भवन निर्माण का कार्य जारी हो जाता लेकिन विभाग के तरफ से स्कूल निर्माण के लिए आया पैसा वापस चला गया, समाजसेवी ठेकेदार की लेटलतीफी का खामियाजा बच्चों को भुगतना पड़ रहा है.

नहीं हो रही पढ़ाई

स्कूल में जब पत्रकार पहुचे तो स्कूल में केवल तीन शिक्षक मौजूद थे. इनमें से प्राचार्य सहित दोनों शिक्षक प्रवेश सहित अन्य विभागीय कार्य में व्यस्त थे. दो ही कक्षाओं में केवल बच्चे ही थे। और सभी बच्चे खेल के मैदान खेल रहे थे. अपने अपने किताब कॉपी बोरा बिछा कर रख कर.

ग्रामीण क्षेत्रों में बुरा हाल

क्षेत्र के ग्रामीण क्षेत्रों के स्कूलों में शिक्षा सत्र के शुरूआती दिनों में ही बुरा हाल है. शिक्षक न तो टाइम पर स्कूल पहुंचते और न ही रोजाना अपनी उपस्थिति दर्ज कराते. शिक्षकों की मिलीभगत के कारण शिक्षक उपस्थिति पंजी को खाली छोड़ दिया जाता है, ताकी दूसरे दिन शिक्षक के आने पर उपस्थिति हस्ताक्षर हो सके.

क्या कहते है स्कूल के शिक्षक

मीणा कुमारी सिंह, बबिता कुमारी, मनोज प्रसाद, प्रधानाध्यापक गौतम मांझी ने बताया की यहाँ पर बहुत परेशानी है. बच्चों को पढ़ने लिखने में दो ही रूम है. जहाँ आठ क्लास के छात्र छात्राएं है. स्कूल को भवन नही होने से सभी को खेल के मैदान में बैठाकर पढ़ाया जाता है. वही शिक्षक का भी अभाव है.

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पानापुर: स्थानीय थाने की पुलिस ने गुप्त सूचना के आधार पर तुर्की नट टोली में छापेमारी कर सैकड़ो लीटर महुआ से बने शराब को जब्त किया. जबकि धंधेबाज पुलिस को चकमा देकर फरार हो गया.

पुलिस को सूचना मिली थी कि थाने से महज सौ गज की दूरी पर स्थित तुर्की नट टोली में अभी भी शराब का अवैध कारोबार चल रहा है. सूचना मिलते ही थानाध्यक्ष मनोज कुमार साह के नेतृत्व में पुलिस ने गुरुवार की दोपहर छापेमारी की जहाँ महुए ने निर्मित सैकड़ो लीटर शराब बरामद हुआ. शराब प्लास्टिक के गैलन एवं बाल्टी में छुपाकर रखे गए थे. पुलिस छापेमारी की भनक लगते ही धंधेबाज मौके से फरार हो गया.

थानाध्यक्ष मनोज कुमार साह ने बताया कि धंधेबाज के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने की कार्रवाई की जा रही है .

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पानापुर: करीब दस माह पहले अपने प्रेमी के साथ भागकर शादी रचाने एवं दाम्पत्य जीवन गुजार रहे प्रेमी युगल को स्थानीय पुलिस ने मुजफ्फरपुर से गिरफ्तार किया. स्थानीय पुलिस को सूचना मिली थी कि हरख पकड़ी गांव से 25 फरवरी 2016 को गायब लड़की मुजफ्फरपुर जिले के करजा थाने के पकड़ी पकोही गांव में अपने प्रेमी बाबुल शेख के साथ रह रही है.

करजा पुलिस के सहयोग से पानापुर पुलिस ने मंगलवार की रात छापेमारी कर दोनों को हिरासत में ले लिया. प्रेमी युगल को 18 दिन का एक बच्चा भी है.

पुलिस ने बुधवार को प्रेमी को जेल जबकि प्रेमिका के 164 के बयान के लिए छपरा कोर्ट भेज दिया. अपहृत लड़की के पिता ने स्थानीय थाने में अज्ञात व्यक्ति पर अपनी नाबालिग लड़की की शादी की नियत से अपहरण की प्राथमिकी दर्ज करायी थी.

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नगरा: नगरा बजार स्थित श्याम वस्त्रालय एवं रेडीमेड सेंटर कपड़ा दुकान में दिया से आग लगने से लाखों की संपत्ति राख हो गयी. घटना मंगलवार की रात्रि की है.

जानकारी के अनुसार दुकान संचालक हरिश्चंद्र कुमार साह अपना दूकान बन्द करके लगभग 7 बजे घर चले गए. उसके बाद से दिया जलते रहने के से आग लग गई. वहीं दुकान से धुंआ निकलता देख ग्रामीणों ने शोर कर सभी को बुलाया और दुकान का ताला तोर कर आग को बुझाने का प्रयास किया. लेकिन तब तक दुकान में आग पूरी तरह फैल गई. करीब एक घँटे बाद आग पर काबू पाया तब तक दुकान में रखे लगभग तीन लाख रुपए की साड़ी सहित कई रेडीमेड कपड़े पूरी तरह जल कर राख हो गए.

इधर दुकान संचालन हरीश चंद्र कुमार साह ने बताया कि गोदाम में कपड़े के अलावा रेडीमेड सहित कई आवश्यक कागजात भी रखे हुए थे. बैंक से लोन भी लिया था.

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छपरा: विगत कुछ दिनों से देश भर में पत्रकारों पर हो रहे जानलेवा हमलों की घटना से केंद्र सरकार को अवगत कराने के उद्देश्य से तथा मीडिया आयोग के गठन की मांग को लेकर नेशनल यूनियन ऑफ़ जर्नलिस्ट्स (इंडिया) के सारण जिला इकाई ने बुधवार को जिलाधिकारी के प्रतिनिधि को एक ज्ञापन सौंपा.

संगठन के जिला इकाई के अध्यक्ष ठाकुर संग्राम सिंह ने बताया कि पत्रकारों पर हो रहे लगातार हमले से पत्रकारिता जगत में असुरक्षा की स्थिति उत्पन्न हो गई है. उन्होंने कहा कि पिछले एक साल में बिहार में चार पत्रकारों की हत्या हुई है. साथ ही करीब डेढ़ दर्जन पत्रकारों पर जानलेवा हमले हुए हैं. अधिकांश मामलों में माफिया तत्वों का हाथ और सत्ता संरक्षित अपराधियों की संलिप्तता सामने आई है. उन्होंने कहा कि पुलिस की उदासीनता और लापरवाही से किसी भी मामले में कारगर कार्यवाई नहीं हो पाई है. बिहार में पत्रकारों के लिए स्वतंत्रता के साथ काम करना मुश्किल हो गया है.

वही महासचिव धर्मेंद्र रस्तोगी ने कहा कि देश के नेताओ को अपनी सुरक्षा और वेतन भत्ता बढ़ाने के लिए सभी एकजुट हो अपना वेतन या सुरक्षा बढ़ा लेते है. जबकि दूसरी तरफ दिन रात काम करने वाले पत्रकारों को न ही उचित मानदेय मिलता है और न ही सुरक्षा. जब तक हमलोग अपनी एकता नही दिखाएंगे तब तक सरकार सुरक्षा प्रदान नही कर सकती है. ऐसे में सरकार अविलंब ‘पत्रकार सुरक्षा कानून’ पारित और लागू करें. स्वतंत्र और स्वस्थ पत्रकारिता के लिए अप्रसांगिक हो चुके प्रेस काउन्सिल ऑफ़ इंडिया की जगह मीडिया काउंसिल तथा मीडिया आयोग का गठन करें. यह आयोग पत्रकारों की सुरक्षा के साथ ही उनके जॉब की सुरक्षा भी सुनिश्चित करें.

ज्ञापन सौपने वालों में संगठन के प्रदेश सचिव पंकज कुमार, जिला सचिव कमलाकर उपाध्याय, प्रभात किरण हिमांशु, धनंजय कुमार, विकास कुमार आदि शामिल थे.

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नगरा: भारतीय जनता पार्टी ने मंगलवार को खैरा मठ पर बाबा साहेब डॉ भीमराव अम्बेडर की 61 वीं  पुण्यतिथि को समरसता दिवस के रूप में मनाया. इस अवसर पर विधान पार्षद ई. सच्चिदानंद राय ने कहा कि समाज में गरीबी और अमीरी को कम कर के ही समरस समाज बनाया जा सकता है.  
वही छपरा विधायक डॉ० सीएन गुप्ता ने कहा कि संविधान के रचयिता बाबा साहेब मूर्धन्य विद्वान् होने के साथ साथ सामाजिक समरसता के प्रतिक थे. उनके आदर्शों पर भारत का विकास संभव है.
सभा की अध्यक्षता जिला अध्यक्ष रमेश प्रसाद व मंच संचालक पूर्व मंडल बबलू मिश्रा ने किया. इस मौके पर अमनौर विधायक शत्रुध्न तिवारी उर्फ चोकर बाबा, तरैया के पूर्व विधायक जनक सिंह, कामेश्वर सिंह उर्फ मुन्ना, पूर्व जिला अध्यक्ष वेद प्रकाश उपाध्याय, मंडल अध्यक्ष शैलेश साह, डॉ रामबाबू सिंह, रामदयाल शर्मा, रणजीत सिंह, धर्मेंद्र कुमार सिंह, दिनेश प्रसाद यादव, शम्भू सिंह, श्यामनंदन विद्रोही, शत्रुघ्न भक्त, दिलीप साह, मुखिया दिलीप उर्फ लेनिन सिंह आदि ने सभा को संबोधित किया.
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नगरा: प्रखंड मुख्यालय में सोमवार को कैम्प लगाकर विभिन्न पंचायतों के 20 किसानों के बिच मृदा स्वास्थ्य कार्ड का वितरण किया गया. अध्यक्षता उप प्रमुख अखिलेश्वर सिंह ने की.

पंचायत कोरेया, तकिया, तुजारपुर तथा अफौर के किसानों को मिट्टी जांचोपरांत मृदा स्वास्थ्य कार्ड दिया गया. बीओ बिरेन्द्र प्रसाद सिंह ने कहा की विश्व मृदा दिवस के अवसर पर यह मृदा स्वास्थ्य कार्ड किसानों के बीच उपलब्ध कराया गया है. जिससे किसान अपनी खेतों की अधिक उपज के लिए उर्वरा शक्ति बढ़ाने के लिए यह कार्ड लाभकारी होगा.

इस मौके पर प्रखंड विकास पदाधिकारी निवेदिता, कृषि सलाहकार अलोक कुमार चौबे, किसान बच्चा राम, बबन सिंह, राजनाथ मांझी, प्रवीण कुमार, प्रेम राम, संजय महतो, उपेन्द्र मांझी, सीताराम मांझी, राजा सिंह आदि मौजूद थे.

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छपरा: छपरा-मशरख मुख्य मार्ग पर रामपुर चवर में स्थित राज पेट्रोल पम्प पे बीती रात चोरों ने लाँकर काटकर लाखों रूपये की चोरी कर ली.घटना की जानकारी मिलने के बाद पुलिस जाँच में जुट गयी है.

इस सम्बन्ध में पेट्रोल पम्प के मालिक चन्द्रिका साह ने बताया कि रविवार की रात्रि करीब दो बजे के करीब पम्प के गार्ड को सोया देख कर चोरी की घटना को अंजाम दिया. पम्प पर रखे लॉकर को काटकर उसमे रखें 4 लाख 17 हजार 728 रूपये की चोरी कर ली गयी. रात में हो रही ख़त पट को सुन जैसे ही गार्ड ने टॉर्च जलाया तो चोर भाग गए. घटना को लेकर गौरा ओंपी में पम्प मालिक ने आवेदन दिया है जिसके बाद प्रभारी अरविन्द कुमार सिंह ने दल बल के साथ पहुँच तहकीकात की.

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