तरैया: इसे हम कर्मियों पर काम का बोझ कहे या फिर काम में लापरवाही की किसी की मृत्यु के पहले ही उसका मृत्यु प्रमाण पत्र बन जाता है. सुनने में आपको अटपटा जरूर लगेगा लेकिन यह बात सोलह आने सच है. जिले के तरैया प्रखण्ड के डेवढ़ी पंचायत के भटौरा गाँव में जब मृतक शिवकुमार साह की पत्नी गीता कुँवर को उनके पति का मृत्यु प्रमाणपत्र मिला तब ऐसे चौकाने वाले तथ्य सामने आये.
प्रमाण पत्र पर मृत्यु की तिथि 31 अगस्त 2016 तथा निर्गत तिथि 13 अगस्त 2016 अंकित है. यानि मृतक शिवकुमार साह के मरने के पहले ही मिल गया मृत्यु प्रमाण पत्र दे दिया गया है. मृतक के पिता धनेश्वर साह और माता माया देवी ने बताया कि इस बात का खुलासा तब हुआ जब मृत्यु प्रमाण पत्र मृतक के कार्यरत सुता फैक्ट्री हिमाचल प्रदेश मुआवजे के लिए भेजा गया. तब वहा के फैक्ट्री मैनेजर ने मृत्यु प्रमाणपत्र को जाली कहकर लौटा दिया. इस संबंध में जब डेवढ़ी ग्राम पंचायत के पंचायत सचिव से बात की गई तो वह इसे मानवीय भूल बताया और कहा कि मृत्यु प्रमाण पत्र को सुधार दिया जायेगा.
लेकिन इस गलती से पीड़ित परिवार को परेशानिया झेलनी पड़ी.साथ ही उनकी अस्मिता पर भी प्रहार हुआ.