राष्ट्रीय सेवा योजना के संयुक्त तत्वावधान में व्याख्यान व सेहत संवाद का आयोजन

Chhapra: विश्व कैंसर दिवस के अवसर पर सेहत केन्द्र व राष्ट्रीय सेवा योजना के संयुक्त तत्वावधान में एक व्याख्यान व सेहत संवाद का आयोजन किया गया।कार्यक्रम की अध्यक्षता प्रभारी प्राचार्य प्रो. सुशील कुमार श्रीवास्तव ने किया।

सेहत केंद्र की डॉ. कुमारी नीतू सिंह ने कार्यक्रम का संचालन किया। उन्होंने इस साल के विश्व कैंसर दिवस की थीम के बारे में बताया “यूनाइटेड बाय यूनिक”, कैंसर के खिलाफ लड़ाई में व्यक्तिगत, रोगी-केंद्रित देखभाल के महत्व पर प्रकाश डालता है।कार्यक्रम के मुख्य वक्ता जंतु विज्ञान विभाग के डॉ. सोमनाथ घोष थे।

अध्यक्षीय संबोधन में प्राचार्य ने कहा कि कैंसर के प्रति जागरूकता बढ़ाने और इस जानलेवा बीमारी के खिलाफ वैश्विक संघर्ष को मजबूत करने के लिए सभी एकजुट होते हैं। हर साल की तरह इस दिन को मनाने का उद्देश्य कैंसर के बारे में लोगों में जागरूकता फैलाना और इस पर नियंत्रण पाने के लिए वैश्विक प्रयासों को गति देना है। जागरूक बनना व बनाना किसी समस्या के समाधान का प्रथम प्रयास माना जाता है।

मुख्य वक्ता के द्वारा छात्रों को कैंसर के विषय में ज्ञानवर्धक जानकारी दी गई । कैंसर के प्रकार और उसके लक्षण, कारण और निदान के बारे में बताया गया। उन्होंने कहा कि कैंसर आज एक प्रमुख स्वास्थ्य समस्या बन चुका है और यह दुनियाभर में लाखों लोगों को प्रभावित करता है। हालांकि, सही समय पर पहचान, उपचार, और जीवनशैली में सुधार के जरिए इस पर काबू पाया जा सकता है। इस दिन का महत्व इस बात में है कि हम न केवल कैंसर के खतरे से अवगत होते हैं, बल्कि उन लाखों लोगों की संघर्षों और उम्मीदों को भी साझा करते हैं जो इस बीमारी से जूझ रहे हैं।इस साल की थीम यह संदेश देती है कि जब हम सब मिलकर प्रयास करेंगे तो कैंसर से लड़ने में सफलता प्राप्त कर सकते हैं। यह संदेश हमें यह याद दिलाता है कि कैंसर की रोकथाम, निदान, और उपचार में सामूहिक प्रयासों की आवश्यकता है।

कार्यक्रम के अंत में धन्यवाद ज्ञापन एनएसएस के कार्यक्रम पदाधिकारी डॉ.कन्हैया प्रसाद के द्वारा किया गया।एनएसएस के कार्यक्रम पदाधिकारी पदाधिकारी डॉ. देवेश रंजन, मनोविज्ञान के डॉ. अमरेंद्र कुमार डॉ. चंदा कुमारी ,रसायनशास्त्र से डॉ. रमन कुमार, छात्र सचिन, विशाल आदि समेत कई छात्रों ने बढ़ चढ़कर हिस्सा लिया।

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निःशुल्क कैंसर स्क्रीनिंग और जागरूकता शिविर का होगा आयोजन

•स्तन और गर्भाशय मुख कैंसर के साथ-साथ मधुमेह और उच्च रक्तचाप की भी जांच

छपरा : स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा निर्धारित राष्ट्रीय स्वास्थ्य कैलेंडर के अनुरूप हर वर्ष 4 फरवरी को विश्व कैंसर दिवस के रूप में मनाया जाता है। इस अवसर पर राज्यभर में 4 से 10 फरवरी, 2025 तक विभिन्न जागरूकता और निःशुल्क कैंसर स्क्रीनिंग शिविरों का आयोजन किया जाएगा। इसको लेकर राज्य स्वास्थ्य समिति के कार्यपालक निदेशक सुहर्ष भगत ने पत्र जारी कर आवश्यक दिशा-निर्देश दिया है।

सदर अस्पताल समेत अनुमंडलीय-रेफरल अस्पतालों, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों, प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों, अतिरिक्त प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों, स्वास्थ्य उपकेंद्रों-सह-हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर्स एवं शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों पर निःशुल्क कैंसर जांच और परामर्श शिविर लगाए जाएंगे।

निःशुल्क स्क्रीनिंग एवं परामर्श:

सिविल सर्जन डॉ सागर दुलाल सिन्हा ने बताया कि शिविर में स्तन और गर्भाशय मुख कैंसर के साथ-साथ मधुमेह और उच्च रक्तचाप की भी जांच की जाएगी। खासतौर पर महिलाओं के लिए यह शिविर अत्यंत लाभकारी होंगे। जांच की सुविधा के लिए स्वास्थ्य केंद्रों पर दो कमरों की व्यवस्था की जाएगी, जिसमें एक कमरे में स्क्रीनिंग और दूसरे में मरीजों के बैठने की सुविधा होगी। कैंसर और अन्य गैर-संचारी रोगों के संभावित कारणों, लक्षणों और रोकथाम के उपायों के प्रति लोगों को जागरूक किया जाएगा।

माईकिंग के माध्यम से प्रचार-प्रसार :

शिविरों के आयोजन की जानकारी जनता तक पहुँचाने के लिए माइकिंग के माध्यम से प्रचार किया जाएगा। साथ ही, सभी स्वास्थ्य संस्थानों के मुख्य द्वार और परिसर में रंगीन फ्लेक्स बैनर लगाए जाएंगे, जिनमें कैंसर से संबंधित जागरूकता संदेश होंगे।

कैंसर के सामान्य लक्षण:

कैंसर के लक्षण उसकी प्रकार और स्थान के अनुसार अलग-अलग हो सकते हैं, लेकिन कुछ सामान्य लक्षण हैं:

स्तन कैंसर:

• स्तन में गांठ या सूजन।

• निप्पल से असामान्य स्त्राव या खून आना।

• निप्पल का अंदर धंसना या आकार में परिवर्तन।

• त्वचा में बदलाव या दाने पड़ना।

• गर्भाशय मुख (सर्वाइकल) कैंसर:

• मासिक धर्म के बीच या सहवास के बाद असामान्य रक्तस्राव।

• असामान्य या दुर्गंधयुक्त योनि स्त्राव।

• श्रोणि (पेल्विक) दर्द या कमर दर्द।

• सहवास के दौरान दर्द।

कैंसर से बचाव के उपाय:

• स्वस्थ जीवनशैली अपनाएं:

• संतुलित आहार लें जिसमें ताजे फल, सब्जियां और फाइबर युक्त खाद्य पदार्थ शामिल हों।

• अत्यधिक तैलीय, मसालेदार और जंक फूड से बचें।

• रोजाना कम से कम 30 मिनट तक शारीरिक गतिविधियां करें जैसे चलना, दौड़ना या योग।

• धूम्रपान और शराब से परहेज करें:

• तंबाकू, सिगरेट और शराब के सेवन से बचना कैंसर से बचाव का सबसे बड़ा उपाय है।

• सूर्य की हानिकारक किरणों से बचें:

• धूप में बाहर निकलते समय सनस्क्रीन का प्रयोग करें और सुरक्षात्मक कपड़े पहनें।

• नियमित जांच कराएं:

• स्तन और गर्भाशय मुख कैंसर की समय-समय पर जांच कराना बेहद जरूरी है, खासकर 30 वर्ष से अधिक उम्र की महिलाओं के लिए।

• परिवार में कैंसर का इतिहास हो तो नियमित स्क्रीनिंग कराएं।

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नई दिल्ली, 01 फरवरी (हि.स.)। केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शनिवार को नरेन्द्र मोदी की सरकार के तीसरे कार्यकाल का पहला पूर्ण बजट 2025-26 पेश किया। वित्त मंत्री ने इस बार स्वास्थ्य क्षेत्र के लिए बजट में कई घोषणाएं कीं। इसमें 36 जीवन रक्षक दवाओं पर कस्टम ट्यूटी पूरी तरह हटाने की घोषणा की है। इनमें ज्यादातर दवाइयां विभिन्न प्रकार के कैंसर के उपचार में इस्तेमाल होती हैं।

आज बजट पेश करते हुए वित्त मंत्री ने कैंसर से पीड़ित मरीजों को राहत देते हुए 36 गंभीर बीमारियों के लिए जीवनरक्षक दवाओं को बेसिक कस्टम ड्यूटी से पूरी छूट देने का ऐलान किया। इसके साथ 6 जीवनरक्षक दवाएं को 5 प्रतिशत अट्रैक्टिव कंसेशनल कस्टम ड्यूटी की लिस्ट में शामिल किया गया है। साथ ही 37 अन्य दवाओं और 13 मरीज सहायता कार्यक्रमों को भी बेसिक कस्टम ड्यूटी से पूरी तरह से बाहर रखा गया है।

वित्त मंत्री सीतारमण ने स्वास्थ सुरक्षा देते हुए इस बजट में 200 कैंसर डे केयर केंद्र खोले जाने की भी घोषणा की। उन्होंने कहा कि सरकार तीन सालों में देशभर के जिला अस्पतालों में डे केयर कैंसर सेंटर की सुविधा विकसित करेगी। बजट में लगभग 200 डे केयर कैंसर सेंटर का लक्ष्य तय किया गया है।

उन्होंने कहा कि मेडिकल टूरिज्म को बढ़ावा देने के लिए हील इन इंडिया को बढ़ावा दिया जाएगा। इसके अलावा मेडिकल काॅलेज में सीटें बढ़ाई जाएंगी। साल 2014 से 1.1 लाख स्नातक और स्नातकोत्तर चिकित्सा शिक्षा की सीटें जोड़ी गई थीं, जो 130 प्रतिशत की बढ़ोतरी है। उन्होंने ऐलान किया है कि अगले साल तक 10000 अतिरिक्त सीटों को अस्पतालों और मेडिकल कॉलेजों में जोड़ा जाएगा। इसके साथ पीएम जन आरोग्य योजना के तहत दैनिक श्रमिकों को स्वास्थ्य सेवा प्रदान की जाएगी। 

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Chhapra: मुख्यमंत्री के सात निश्चय पार्ट-2 में शामिल महत्वकांक्षी योजना बाल हृदय योजना बच्चों के जीवन को उज्जवल बनाने में सार्थक सिद्ध हो रहा है। इस योजना के तहत कई बच्चों के दिल में छेद का ऑपरेशन कराकर नया जीवनदान दिया गया है। इसी कड़ी में सारण से एक साथ 15 बच्चें जिनके दिल में छेद है उनको सर्जरी के लिए अहदाबाद भेजा गया है। जिला स्वास्थ्य समिति से एंबुलेंस के माध्यम से पटना भेजा गया, जहां से स्क्रिनिंग और आवश्यक प्रक्रिया पूरी होने के बाद फ्लाइट से अहमदाबाद भेजा गया।

सिविल सर्जन डॉ. सागर दुलाल सिन्हा ने एंबुलेंस को हरी झंडी दिखाकर पटना के लिए रवाना किया। इन सभी बच्चों के दिल में छेद का ऑपरेशन अहमदाबाद में किया जायेगा। 15 बच्चें अहदाबाद तथा 2 बच्चों को आईजीआईसी पटना भेजा गया है। सीएस ने बताया कि राज्य सरकार आर्थिक तंगी या किसी अन्य कारणों से बच्चों का इलाज कराने में असक्षम लोगों को जरूरी मदद उपलब्ध कराने के प्रति प्रतिबद्ध है। उनका उद्देश्य बच्चों को समय पर उचित इलाज उपलब्ध कराना है ताकि वे स्वस्थ होकर सामान्य जीवन जी सकें। उन्होंने बताया कि राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम के तहत 0 से 18 साल तक के चर्मरोग, दांत, आंख, श्वसन संबंधी विकार, जन्मजात विकलांगता, कटे होंठ व तालू सहित कई अन्य रोगों का नि:शुल्क इलाज उपलब्ध कराया जाता है।

सिविल सर्जन डॉ. सागर दुलाल सिन्हा ने आम लोगों से इस कार्यक्रम के प्रति जागरूक होने और दूसरों को भी जागरूक करने की अपील की। सरकार की यह पहल न केवल बच्चों के स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता फैलाने का प्रयास है, बल्कि समाज के कमजोर वर्ग को यह एहसास दिलाती है कि उनके बच्चों का भविष्य सुरक्षित हाथों में है। यह कदम उन परिवारों के लिए आशा की किरण है जो अपने बच्चों के इलाज के लिए संघर्ष कर रहे हैं। राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम के तहत संचालित मुख्यमंत्री बाल हृदय योजना के तहत हृदय रोग से ग्रसित ग्रसित बच्चों के नि:शुल्क इलाज का प्रावधान है। जिले में अब तक दर्जनों बच्चे योजना का लाभ उठाते हुए सामान्य जीवन जी रहे हैं। इस मौके पर सिविल सर्जन डॉ. सागर दुलाल सिन्हा, डीपीएम अरविन्द कुमार, आरबीएसके के जिला समन्वयक डॉ. जितेंद्र प्रसाद,रंधीर कुमार यादव, सीफार के डीपीसी गनपत आर्यन समेत अन्य मौजूद थे।

जन्मजात हृदय रोगी बच्चों का मुफ्त इलाज:
आरबीएसके के जिला समन्वयक डॉ. जितेंद्र प्रसाद ने बताया कि राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम अंतर्गत बाल हृदय योजना के तहत ऐसे जन्मजात हृदय रोगी बच्चों का मुफ्त इलाज सरकार के द्वारा कराया जाता है। इसके लिए कंजेटियल हार्ट डिजीज यानी सीएचडी वाले बच्चों की खोज की जाती है, जिनमें जन्म से ही हृदय रोग पाया जाता है. खासकर ऐसे बच्चों में जन्म से ही हृदय में छेद रहता है। ऐसे बच्चों का इलाज सरकार मुफ्त में करती है। इन बच्चों के हृदय का ऑपरेशन किया जाता है जिसमें करीब 7 से 8 लाख रुपये खर्च होते हैं। राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम के तहत यह सारा खर्च सरकार वहन करती है। उन्होने बताया कि इन सभी बच्चों के साथ एक-एक परिजन को भेजा गया है। सभी के आने-जाने, रहने खाने और इलाज का संपूर्ण खर्च राज्य सरकार के द्वारा किया जाता है। अभिभावकों को कोई शुल्क नहीं देना है।

स्वस्थ्य होने की उम्मीद छोड़ चुके पीड़ित बच्चों को मिल रहा नया जीवन:
जिला स्वास्थ्य समिति के डीपीएम अरविन्द कुमार ने बताया कि बेहतर और समुचित स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध कराने को लेकर जहां सरकार पूरी तरह गंभीर है वहीं, स्वास्थ्य विभाग पूरी तरह सजग और कटिबद्ध है । जिसे सार्थक रूप देने के लिए आरबीएसके टीम की पहल पर जिले के हृदय रोग से पीड़ित बच्चों का पूरी तरह निःशुल्क इलाज कराया जा रहा है। जिसका सार्थक परिणाम यह है कि समुचित इलाज और स्वस्थ्य होने की उम्मीद छोड़ चुके पीड़ित बच्चे पूरी तरह स्वस्थ्य हो रहे हैं और बच्चों को नई स्वस्थ्य जिंदगी जीने का अवसर मिल रहा है। स्कीनिंग में चिह्नित बच्चों के दिल का ऑपरेशन अहमदाबाद के सत्य साईं हॉस्पिटल में निःशुल्क कराया जाता है। बच्चे के साथ एक अटेंडेंट भी हवाई यात्रा कर अहमदाबाद जाते हैं । जिले में दिल की बीमारी से ग्रसित बच्चों के माता पिता को अब चिंता करने की जरूरत नहीं है। उनके बच्चे के दिल की बीमारियों का इलाज अब राज्य सरकार के द्वारा नि:शुल्क कराया जा रहा है। जिसके लिए राज्य सरकार बाल हृदय योजना का संचालन कर रही है।

इन बच्चों को भेजा गया अहदाबाद:
1. आदित्य कुमार सिंह, पिता- नागेंद्र सिंह कुशवाहा
2. अनाया प्रवीन, पिता- मो. मुस्ताक
3. अनिश कुमार, पिता- अंकज कुमार
4. अंकुश, पिता- सुनिल प्रसाद
5. आशीष हर्षित, पिता- विनोद कुमार
6. गोलू कुमार, पिता- रंजीत सिंह
7. ज्योति कुमारी, पिता- संतोष राम
8. लक्की यादव, पिता- विकास कुमार
9. लगन कुमार, पिता- मिथिलेश राय
10. प्रशंसा कुमारी, पिता- कमलेश राम
11. प्रभात कुमार- पिता- रामकुमार राम
12. रामजान अली, पिता- अली इमाम खान
13. शिवम कुमार, पिता- दीपक कुमार
14. शिवांश राज, पिता- दीपु साह
15. वर्षा कुमारी, पिता- तारकेश्वर कुमार
दो बच्चें आईजीआईसी पटना भेजे गए:
1. अरविन्द कुमार, पिता- अर्जुन यादव
2. काजल कुमारी, पिता- संजय राय

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Chhapra: रिविलगंज प्रखंड प्रमुख सह भाजपा नेता डॉ० राहुल राज ने बताया कि आए दिन आम लोगों में हृदय संबंधित बीमारियां बढ़ती जा रही है। लेकिन बीमारियां बढ़ने के साथ-साथ इसके उपचार हेतु लोगों द्वारा तनिक भी ध्यान नहीं दिया जा रहा है। हृदय संबंधित समस्या आते ही आनन-फानन में सारण और आस-पास के लोगों को सीधे पटना के लिए रवाना होना पड़ता है, जिसके कारण सही समय से पटना नहीं पहुंच पाने के कारण कई रोगियों को रास्ते में ही अपनी जान गवानी पड़ती है।

उन्होंने कहा कि इसी स्थिति को ध्यान में रखते हुए पिछले 3 वर्षों में छपरा के भगवान बाजार में स्थित सारण जिले के जाने-माने डीo एमo स्तर के सुप्रसिद्ध चिकित्सक डॉo निशु कुमार सिंह निरंतर अपनी सेवा दे रहे हैं। जिससे लोगों ने काफी राहत महसूस की है।

उन्होंने यह भी बताया कि अब हृदय से जुड़े गंभीर स्थितियों में भी उसके निवारण हेतु आधुनिक तकनीक से परिपूर्ण मशीनें भी विगत दिनों से कार्यरत हो चुकी हैं जिसके माध्यम से एंजियोग्राफी, एंजियोप्लास्टिक, पेसमेकर, स्टैंड इत्यादि की पूर्ण सुविधाएं प्रदान की जा रही हैं। यह छपरावासियों के लिए वरदान से कम नहीं है।

उन्होंने कहा कि स्थितियां विकट होने पर भी अब घबराकर इधर-उधर भागने के बजाय धैर्य रखते हुए छपरा शहर में ही संपूर्ण सुविधाओं से लैश उपकरणों के माध्यम से इलाज करवा कर स्वस्थ हो सकते हैं।

इस मौके पर प्रसिद्ध कार्डियोलॉजिस्ट डॉ० निशु कु० सिंह ने कहा कि ह्रदय को सुरक्षित रखने तथा हार्ट अटैक आने के दौरान बरती जाने वाली तमाम सावधानियों के बारे में सभी लोगों को जानकारी रखना बहुत जरूरी है। कई बार CPR अर्थात Cardio Pulmonary Resuscitation हृदय रोगियों के लिए वरदान साबित हुआ है। ज़ब भी किसी व्यक्ति को हार्ट अटैक की समस्या आती है तो उस दौरान हम सभी घबरा जाते है और हम निश्चय ही नही कर पाते कि प्रथम उपचार कैसे करें, जिसके कारण कभी कभी काफ़ी देर हो जाती है और हमें पछताना पड़ता है, लेकिन ऐसी स्थिति में हमें धैर्य रखते हुए रोगी को तुरंत सीधे लेटाकर CPR प्रक्रिया को उस समय लागू करना चाहिए, और साथ ही उसी समय किसी दूसरे व्यक्ति के द्वारा एम्बुलेंस को फ़ोन कर देना चाहिए। इससे हम कुछ समय के लिए रोगी को सामान्य कर सकते है, जिससे हमें अस्पताल तक पहुंचने का समय मिल पाता है। डॉo निशु ने यह भी कहा कि अब यह सभी सुविधाएं आपके शहर छपरा में सभी सुविधाओं से लैश उपलब्ध हो चुकी है जिसके लिए हमें पहले पटना या अन्य शहरों के लिए भागना पड़ता था। सही मायनों में यह सभी छपरावासियों के वरदान से कम नहीं है।

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Chhapra: सामुदायिक रेडियो स्टेशन रेडियो मयूर 90.8 FM लगातार स्वास्थ्य के प्रति जनजागरुकता कार्यक्रम लाते रहे हैं । इसी कड़ी में अब एक और पहल जुड़ चुकी है और वो है वर्ल्ड NTD डे के प्रति लोगों को जागरूक करना ।

आगामी 30 जनवरी को वर्ल्ड NTD डे है । इस दिन को इस लिए याद किया जाता है कि दुनिया भर में कई देशों में कुछ ऐसी बीमारियों हैं जिन्हें लोग नजरअंदाज कर देते हैं । इन बीमारियों में फाइलेरिया, काला ज़ार, रेबीज़, डेंगू और कुष्ठ रोग शामिल हैं । दुनिया अभी भी इनसे जंग लड़ रही है । स्थानीय स्तर पर रेडियो मयूर भी अपने माध्यम से लोगों को इसके प्रति जागरूक कर रहा है । रेडियो पर हर रोज इनके लिए जिंगल, रेडियो नाटक और एक टॉक शो प्रसारित किया जा रहा है जो मुख्यत : काला ज़ार विषय पर है । लोग इन बीमारियों को अनदेखा न करें और अपने सवालों के जवाब उन्हें मिल जाएं रेडियो मयूर का यही प्रयास है। स्थानीय सदर अस्पताल में उन्हें इसका ईलाज भी मिल जाए।

इस कार्यक्रम को रेडियो मयूर डीएनडीआई संस्था के साथ मिल कर पूरा कर रहा है । ये अंतर्राष्ट्रीय संस्था पूरे विश्व में ऐसी बीमारियों के प्रति लोगों की मदद करती है ।

डी. एन. डी. आई और रेडियो मयूर इस प्रोग्राम के माध्यम से लोगों को बताना चाहते हैं कि सरकारी सुविधाएं हमारे आसपास अच्छी हैं हमें उनका फायदा लेना चाहिए । ऐसी बीमारियों के प्रति सचेत रहने की जरूरत है ।

स्टेशन हेड अभिषेक अरुण ने बताया कि, “हम अभी पहले से टीबी के प्रति काम कर रहे हैं , फाइलेरिया और काला ज़ार भी हम दूसरे प्रोग्राम के माध्यम से कवर कर रहे हैं । ऐसे कैंपेन हमारे समुदाय में बहुत जरूरी है । जितनी बातें होंगी लोग जागरूक होंगे”

इस पूरे कार्यक्रम श्रृंखला में रेडियो मयूर की ओर से प्रोजेक्ट हेड सुष्मिता पल्लवी, कम्युनिटी रिपोर्टर्स कविश कुमार, श्वेता कुमारी और रॉकी सिंह शामिल हैं ।

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Chhapra: रिविलगंज मुकरेड़ा स्थित विवेकानंद इंटरनेशनल पब्लिक स्कूल परिसर में रिविलगंज प्रखंड प्रमुख सह प्रदेश कार्यसमिति सदस्य भाजपा डॉ० राहुल के सौजन्य से निःशुल्क आंख जांच शिविर का आयोजन किया गया।

शिविर में 150 लोगों का नेत्र परीक्षण कर उन्हें निःशुल्क दवा व चश्मा का वितरण किया गया। जांच में 28 लोगों को मोतियाबिंद की शिकायत पाए जाने पर उन्हें निःशुल्क ऑपरेशन के लिए सारण जिले के परसा स्थित अखंड ज्योति आई अस्पताल भेजा गया।

इस दौरान शिविर आयोजक प्रखंड प्रमुख डॉ० राहुल राज ने कहा कि गरीब की सेवा, असहाय की मदद से बड़ा पुण्य और कुछ भी नहीं हो सकता। उन्होंने कहा कि समाज सेवा तथा गरीबों की सेवा के लिए कटिबद्ध है। समय-समय पर शिविर तथा स्वयं गरीबों के घरों तक जाकर उन्हें जरूरत की सुविधा प्रदान करना उनका लक्ष्य रहता है।

वही शिविर में उपस्थित रिविलगंज बाजार स्थित क्लियर दृष्टि आई केयर के नेत्र रोग विशेषज्ञ डॉ० मनीष कुमार ने कहा कि मनुष्य के जीवन का अहम अंग नेत्र है। आंखों के जरिए ही सारे जहान को देखा जाता है,जिसकी सुरक्षा खुद करनी होती है। बच्चे आज मोबाइल के जरिए पठन-पाठन कर रहे हैं। इससे उनकी आंखें विकराल रूप ले रही है। ऐसे में समय-समय पर जांच करने की जरूरत है। इस शिविर के मौके पर लगभग सैकड़ों की तादात में लोग उपस्थित रहें।।

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बिहार के सरकारी विद्यालयों में पोषण वाटिका की स्थापना की जाएगी

पटना: राज्य के ग्रामीण क्षेत्रों के सरकारी विद्यालयों में पढ़ने वाले छात्र-छात्राओं को कुपोषण से बचाने एवं उन्हें पोषण युक्त आहार उपलब्ध कराने के उद्देश्य से सरकारी विद्यालयों में पोषण वाटिका की स्थापना की जाएगी। ग्रामीण विकास विभाग अंतर्गत मनरेगा योजना के माध्यम से यह वाटिका स्थापित की जाएगी।

इस संबंध में आयुक्त, मनरेगा की अध्यक्षता में सभी जिलों के साथ एक ऑनलाइन कार्यशाला का आयोजन आज किया गया। कार्यशाला का विषय था- ‘महात्मा गांधी नरेगा अंतर्गत पोषण वाटिका का सृजन’। कार्यशाला को संबोधित करते हुए मनरेगा आयुक्त ने बताया कि प्रथम चरण में राज्य के सभी प्रखंडों में एक पोषण वाटिका स्थापित करने का निर्णय लिया गया है। इसके लिए प्रखंड कार्यालय के समीप स्थित वैसे सरकारी विद्यालयों को चिह्नित किया जा रहा है, जो चारदीवारी एवं चापाकल से युक्त हों।

उन्होंने कहा कि पोषण वाटिका के लिए जैविक खाद की उपलब्धता के लिए नाडेप टैंक का भी निर्माण किया जाना है। उन्होंने आशा व्यक्त की कि इस योजना के कार्यान्वित होने के बाद मध्याह्न भोजन की गुणवत्ता में वृद्धि हो आएगी।

मौके पर एमडीएम के उप-मिशन निदेशक बालेश्वर प्रसाद यादव ने कार्यशाला में पोषण वाटिका से होने वाले लाभ के संबंध में चर्चा की।

यूनिसेफ के पोषण विशेषज्ञ अंतर्यामी दास ने भी कार्यशाला को संबोधित किया।

पोषण वाटिका की स्थापना ग्रामीण विकास विभाग एवं शिक्षा विभाग के अभिसरण एवं समन्वय से किया जा रहा है। इस वाटिका में आंवला, सहजन, नींबू, अमरूद, जामुन, आम, कटहल, अनार, लीची. सीताफल जैसे फलों के अलावा अन्य फलों एवं सब्जियों के पौधे लगाए जाएंगे, जिससे विद्यार्थियों को पोषण युक्त मध्याह्न भोजन सुनिश्चित हो सकेगा।

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Chhapra: अखंड ज्योति आई हॉस्पिटल के सेंटर ऑफ एक्सीलेंस, मस्तिचक में रेटिना विभाग द्वारा 12 जनवरी (रविवार) को राष्ट्रीय स्तर का “रेटिना क्लासे” मेडिकल कॉन्फ्रेंस आयोजित किया जा रहा है। यह इस वार्षिक मेडिकल कॉन्फ्रेंस का पहला संस्करण है, जिसका उद्देश्य रेटिना एवं आंखों के पर्दे के इलाज की नवीनतम तकनीकों पर शोध एवं चर्चा करना है।

इस महत्वपूर्ण मेडिकल कॉन्फ्रेंस में भारत के प्रख्यात और अंतरराष्ट्रीय स्तर के रेटिना विशेषज्ञों द्वारा व्याख्यान और अनुभव साझा किए जाएंगे। इसमें पूरे बिहार से 200 से अधिक डॉक्टर भाग लेंगे, जो नेत्र रोगों, विशेष रूप से रेटिना एवं आंखों के पर्दे के रोगों के आधुनिक एवं अत्याधुनिक उपचारों की जानकारी प्राप्त करेंगे।

“रेटिना क्लासे” कॉन्फ्रेंस का मुख्य उद्देश्य रेटिना विशेषज्ञों के बीच ज्ञान और अनुभव साझा करने का एक मंच तैयार करना है, ताकि बिहार जैसे ग्रामीण क्षेत्रों में भी विश्वस्तरीय और अत्याधुनिक नेत्र उपचार उपलब्ध कराए जा सकें। बिहार में सुपर स्पेशियलिटी नेत्र चिकित्सा के विकास को बढ़ावा देना भी इस आयोजन का एक प्रमुख उद्देश्य है। विशेष रूप से यह ध्यान रखा जा रहा है कि गरीब और वंचित वर्गों को उच्च गुणवत्ता वाली नेत्र सेवाओं का लाभ मिल सके।

इस मेडिकल कॉन्फ्रेंस का नेतृत्व अखंड ज्योति आई हॉस्पिटल के मेडिकल डायरेक्टर डॉ. अजीत पोद्दार और रिसर्च एडवाइजरी बोर्ड के चेयरमैन डॉ. राजवर्धन आजाद करेंगे। इनके मार्गदर्शन में यह आयोजन ज्ञानवर्धक और प्रभावशाली बनेगा।

यह मेडिकल कॉन्फ्रेंस अखंड ज्योति आई हॉस्पिटल की शिक्षा और शोध के प्रति प्रतिबद्धता को दर्शाता है। इस आयोजन के माध्यम से बिहार के लोगों के लिए अत्याधुनिक नेत्र उपचार और विशेषज्ञता को सुलभ बनाना संभव होगा।

आयोजन का विशेष महत्व:

• राष्ट्रीय स्तर के विशेषज्ञों द्वारा रेटिना एवं आंखों के पर्दे के इलाज की नवीनतम तकनीकों पर शोध और चर्चा।
• बिहार के 200 से अधिक डॉक्टरों की सहभागिता।
• बिहार में सुपर स्पेशियलिटी नेत्र चिकित्सा के विकास और उन्नत सेवाओं का विस्तार।
• गरीब और जरूरतमंदों के लिए विश्वस्तरीय नेत्र चिकित्सा सेवाओं का प्रचार और उपलब्धता।

“रेटिना क्लासे” जैसे मेडिकल कॉन्फ्रेंस न केवल चिकित्सा ज्ञान के विस्तार का माध्यम हैं, बल्कि समाज के वंचित वर्गों के लिए बेहतर स्वास्थ्य सुविधाओं को सुनिश्चित करने का महत्वपूर्ण प्रयास भी हैं। अखंड ज्योति आई हॉस्पिटल इसी प्रतिबद्धता के साथ बिहार में सुपर स्पेशियलिटी नेत्र चिकित्सा के विकास और नेत्र स्वास्थ्य सेवाओं को नई ऊंचाइयों तक ले जाने के लिए निरंतर प्रयासरत है।
यह कार्यक्रम सुबह 9:30 से आयोजित होगा

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• 500 बेड का है राजकीय चिकित्सा महाविद्यालय
• 100 सीट पर एमएमबीबीएस की पढ़ाई की होगी व्यवस्था
• अब बेहतर इलाज के लिए लोगों को पटना या अन्य शहरों में नहीं जाना पड़ेगा

Chhapra: बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सारण वासियों को बड़ी सौगात दी है। सीएम ने अपने प्रगति यात्रा के दौरान छपरा में नवनिर्मित मेडिकल कॉलेज का उद्घाटन किया। यह मेडिकल कॉलेज 629.18 करोड़ की लागत से बना है। जिसमें 500 बेड की सुविधा है। वहीं 100 सीटों पर मेडिकल के छात्रों की पढ़ाई की व्यवस्था की गयी है। यह मेडिकल कॉलेज सारण प्रमंडल के लोगों को उच्च गुणवत्ता की स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करेगा। क्षेत्र के लोगों के लिए एक बड़ी सौगात साबित होगा, क्योंकि अब उन्हें बेहतर चिकित्सा सुविधाओं के लिए दूर-दराज नहीं जाना पड़ेगा। राजकीय चिकित्सा महाविद्यालय एवं अस्पताल के भवन निर्माण के लिए वित्तीय वर्ष 2017-18 में 349.78 करोड़ रूपये की प्रशासनिक स्वीकृति एवं विकसित बिहार के सात् निश्चय योजना अन्तर्गत बी.एससी. नर्सिंग के भवन निर्माण हेतु 26.49 करोड़ रूपये की प्रशासनिक स्वीकृति के आलोक में बिहार चिकित्सा सेवाएं एवं आधारभूत संरचना निगम द्वारा निविदा निष्पादित कर 28.02.2019 को कार्य प्रारम्भ किया गया। कार्य क्षेत्र में परिर्वतन के कारण पुनः 655.67 करोड़ रूपये की पुनरीक्षित प्रशासनिक स्वीकृति प्रदान की गई है। महाविद्यालय एवं अस्पताल के भवन निर्माण उपरान्त वार्षिक 100 छात्रों का एम.बी.बी.एस. में नामांकन एवं 500 शैय्या के अस्पताल के निर्माण के फलस्वरूप सारण जिला सहित पूरे सारण प्रमण्डल के आम जनों को स्वास्थ्य सुविधाएँ प्राप्त होगी।

आधुनिक सुविधाओं के साथ मरीजों को मिलेगी गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवाएं:
राजकीय चिकित्सा महाविद्यालय एवं अस्पताल के प्रारंभ हो जाने से यह सारण प्रमंडल का प्रथम चिकित्सा महाविद्यालय एवं अस्पताल होगा। इसके प्रारंभ होने से यहाँ के लोगो को तृतीयक स्तर की स्वास्थ्य सुविधाएँ छपरा में उपलब्ध होगी। इससे कई मरीज जिन्हे पटना मेडिकल कॉलेजो में रेफर किया जाता है, उसकी आवश्यकता कम होगी। इसके प्रारंभ होने से विशेषज्ञ चिकित्सा सेवाएँ जो वर्तमान मे सरकारी अस्पतालो मे उपलब्ध नही है, उसकी सेवा यहाँ मिलने लगेगी। कई प्रकार की पैथोलॉजी, माइक्रोबॉयलोजी, बायोकेमेस्ट्री, रेडियोलॉजी सुविधाएँ यहाँ प्राप्त होने लगेगी। कई प्रकार के ऑपरेशन की सुविधा यहाँ उपलब्ध होगी। परियोजना के सुचारु संचालन के लिए आवश्यकतानुसार तापन, वेंटिलेशन और एयर कंडीशनिंग, मॉड्यूलर ऑपरेशन थिएटर , फर्नीचर, लिफ्ट, सोलर वाटर हीटिंग सिस्टम, सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट , एफ्लुएंट ट्रीटमेंट प्लांट , चिकित्सा उपकरण, मेडिकल गैस पाइपलाइन सिस्टम, सेंट्रल स्टीराइल सप्लाई डिपार्टमेंट, लॉन्ड्री, किचन, और क्रायोजेनिक टैंक की व्यवस्था की गई है। इसके अतिरिक्त, परियोजना में धर्मशाला, शॉपिंग कॉम्प्लेक्स और गेस्ट हाउस की भी सुविधा उपलब्ध है।

मेडिकल कॉलेज मुख्य विशेषताएँ:
• शैक्षणिक भवन: (महाविद्यालय) भवन (G+3) का निर्माण आधुनिक तकनीक से कुल क्षेत्रफल 15419.09 वर्ग मीटर पर किया गया है। भवन में प्राचार्य एवं संकाय कक्ष के अतिरिक्त चिकित्सा शिक्षा से सबंधित सभी प्रयोगशालाएं इस भवन में उपलब्ध हैं।
• अस्पताल भवन : भवन (B+G+6) का निर्माण अत्याधुनिक तकनीक से कुल क्षेत्रफल 51757 वर्ग मीटर पर किया गया है। भवन में रोगियों के बेहतर उपचार के लिए सभी अत्याधुनिक सुविधाएं दी गयी हैं। भवन में कुल 9 मेजर ऑपरेशन थिएटर एवं 2 माइनर ऑपरेशन थिएटर का प्रावधन किया गया है।
• बीएससी नर्सिंग कॉलेज: बी.एस.सी. नर्सिंग महाविद्यालय एवं छात्रावास भवन (G+9) का निर्माण आधुनिक तकनीक से कुल क्षेत्रफल 9398 वर्ग मीटर पर किया गया है। महाविद्यालय में छात्र एवं छात्राओं का वार्षिक नामांकन 60 एवं 210 छात्र एवं छात्राओं के लिए छात्रावास की व्यवस्था की गई है।
• छात्रावास परिसर : कुल 23276 वर्ग मीटर क्षेत्रफल में 531 छात्र एवं छात्राओं के लिए अलग-अलग हॉस्टल सुविधा उपलब्ध कराया गया है। इसके अतिरिक्त 100 इंट्रन एवं 56 जूनियर रेसिडेंट के लिए आवास की व्यवस्था की गई है।
• चिकित्सक एवं कर्मचारी आवास परिसर: कुल 21300 वर्ग मीटर क्षेत्रफल में चिकित्सक एवं कर्मचारी के लिए आधुनिक सुविधा संपन्न आवास की व्यवस्था की गई है।

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• सारण में 12 लाख से अधिक लाभार्थियों का बना आयुष्मान कार्ड
• मुख्यमंत्री सात निश्चय पार्ट-2 के महत्वकांक्षी कार्यक्रम में है टेलीमेडिसिन
• प्रगति यात्रा के दौरान मुख्यमंत्री ने की स्वास्थ्य विभाग के योजना की समीक्षा
• मुख्यमंत्री जन-आरोग्य योजना के तहत पांच लाख तक मुफ्त इलाज

Chhapra: बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार प्रगति यात्रा के तहत बुधवार को छपरा पहुंचें। जहां उन्होने विभिन्न विकासात्मक योजनाओं की समीक्षा, उद्धाटन और शिल्यान्यास किया। इस दौरान मुख्यमंत्री ने कई विभागों के योजनाओं की समीक्षा की।

जिसमें स्वास्थ्य विभाग के कार्यों की भी समीक्षा की गयी। जिसमें बताया गया कि ई-संजीवनी ओपीडी टेलीमेडिसिन कार्यक्रम अंतर्गत स्वास्थ्य उपकेन्द्र स्पोक के रूप मे तथा इस कार्यक्रम से जुडे चिकित्सक हब के रूप में कार्य करते है। इसके माध्यम से स्वास्थ्य उपकेन्द्र पर आये हुए मरीजो को वहाँ कार्यरत ए०एन०एम० और सी०एच०ओ० मोबाईल फोन के माध्यम से हब पर उपस्थित चिकित्सक से सम्पर्क करवाते है तथा चिकित्सक मरीज को ऑनलाईन चिकित्सकीय परामर्श देते है एवं दवा लिखते है। इसके उपरांत मरीज को स्वास्थ्य उपकेन्द्र पर से दवा दी जाती है।

इस कार्यक्रम से मरीजो को ग्रामीण स्तर पर चिकित्सकीय परामर्श एवं दवा प्राप्त हो जाती है, जिससे उनके समय एवं आने-जाने का खर्च की बचत होती है। वहीं मुख्यमंत्री ने नीतीश कुमार ने बाल हृदय योजना के लाभार्थियों से भी संवाद किया। बाल हृदया योजना मुख्यमंत्री के सात निश्चय योजना का महत्वपूर्ण कार्यक्रम है। जिसके तहत दिल में छेद वाले बच्चों को नया जीवनदान मिल रहा है। बच्चों का नि:शुल्क ऑपरेशन कराया जाता है।

मुख्यमंत्री जन आरोग्य योजना के 5 लाख मुफ्त इलाज:
साथ ही मुख्यमंत्री जन आरोग्य योजना के माध्यम से राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम 2013 के वैसे सभी लाभार्थी परिवार जो आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन-आरोग्य योजना में आच्छादित नहीं हैं। उन्हें भी देशभर के पीएम आरोग्य योजना से सूचीबद्ध सरकारी एवं निजी अस्पतालों में कैशलेस एवं पेपरलेस व्यवस्था के तहत प्रतिवर्ष प्रति परिवार 5 लाख रुपये तक की स्वास्थ्य सुरक्षा का लाभ प्रदान किया जा रहा है।

इन योजनाओं का मुख्य उद्देश्य गरीब परिवारों को संस्थागत ईलाज के क्रम में Out of pocket expenditure (OOPE) से मुक्त कराना तथा ईलाज के क्रम में उच्च गुणवत्ता की चिकित्सा उपलब्ध कराना है। राज्य में योजना का क्रियान्वयन ट्रस्ट मोड में राज्य स्वास्थ्य अभिकरण के रूप में रबिहार स्वास्थ्य सुरक्षा समितिश् द्वारा किया जा रहा है। सारण जिले में अब तक कुल 12 लाख 2 हजार 996 लाभार्थियों का कार्ड बनाया गया है। सारण में आयुष्मान योजना के तहत सूचीबद्ध विभिन्न अस्पतालों में अब तक 46357 लाभार्थियों का इलाज हुआ है।

आयुष्मान वय-वंदना योजना:

29/10/2024 को 70 वर्ष या उससे अधिक उम्र के सभी वरिष्ठ नागरिको को आयुष्मान योजना में शामिल किये जाने का शुभारम्भ किया गयाए जिसके अन्तर्गत 70 वर्ष या उससे अधिक उम्र के सभी वरिष्ठ नागरिकों को चाहे उसकी समाजिक आर्थिक स्थिति कुछ भी हो आयुष्मान वय वंदना कार्ड से अच्छादित किया जाना है। 70 वर्ष या उससे अधिक उम्र के वैसे राशन कार्ड धारी जिनका पूर्व में आयुष्मान कार्ड बना हुआ है उसे फिर से नया वय वंदना कार्ड बनाना जरूरी है ताकि उन्हें अतिरिक्त 5 लाख रू तक का निःशुल्क चिकित्सीय लाभ मिल सके। सारण जिले में अब 70 वर्ष या उससे अधिक उम्र के 4171 लाभार्थियों का कार्ड बनाया जा चुका है।

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एचएमपीवी वायरस को लेकर हेल्थ एडवाइजरी हुआ जारी, कोविड-19 जैसा हीं है लक्षण
•दवा की उपलब्धता और ऑक्सीजन समेत अन्य तैयारियां रखने का आदेश
•एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में फ़ैल सकता है वायरस

Chhapra: ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस के को लेकर स्वास्थ्य विभाग के द्वारा एडवाइजरी जारी की गयी है। डीएम और सिविल सर्जन को हेल्थ एडवाइजरी जारी कर दिशा-निर्देश दिए गए हैं। दवा समेत अन्य तैयारी रखने का निर्देश दिया गया है। स्वास्थ्य विभाग के सचिव संजय कुमार सिंह ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस एक सामान्य श्वसनतंत्रीय वायरस है, जिसके लक्षण कोरोना की ही तरह हैं। पिछले कई दिनों से चीन के कुछ इलाकों में इसके मरीजों की संख्या में बढ़ोतरी हो गई है। चीन की ओर से इसे मौसमी इन्फ्लुएंजा माना जा रहा है। अब तक भारत में गंभीर तीव्र श्वसन बीमारी के 714 केस सामने आए, जिसमें 9 मामले लैब टेस्ट में ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस पॉजिटिव पाया गया है।

ड्रग्स-ऑक्सीजन की उपलब्धता सुनिश्चित करें :
स्वास्थ्य सचिव ने निर्देश दिया है कि स्वास्थ्य संस्थानों में इन्फेलुजा एंव सिवियर अक्यूट रेस्पिरेटरी निमोनिया का सर्विलांस सुनिश्चित किया जाएं। कोविड 19 से संबधित ड्रग्स, कीटस, वेंटीलेटर, ऑक्सीजन, मास्क इत्यादि की उपलब्धता सुनिश्चित करें। सभी हेल्थ वर्कर को को प्रशिक्षण दिया जाए। इन्फेक्शन कंट्रोल प्रैक्टिस को मॉनिटरिंग करें।

एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में फ़ैल सकता है ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस:

स्वास्थ्य विभाग के जारी एडवाइजरी के अनुसार ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस के सबसे आम लक्षणों में खांसी, बुखार, नाक बंद होना, गले में खराश, सांस लेने में तकलीफ तथा गंभीर मामलों में ब्रोंकाइटिस और निमोनिया है। ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में खांसने या छींकने से फैलता है, संक्रमित व्यक्ति को छूने, संक्रमित वस्तुओं के मुंह, आंख या नाक का संपर्क होने से फैल सकता है। सर्दी और शुरुआती वसंत में यह 3 से 6 दिनों तक प्रभावित कर सकता है।

ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस से बचाव के क्या हैं उपाय?
कोरोना में जिस तरह से बचाव के उपाय अपनाए जाते थे, इसमें भी उसी तरह के उपायों को अपनाना है।
* हाथों को साबुन एवं पानी से लगातार धोना है।
* गंदे हाथों से आंख, नाक या मुंह को नहीं छूना है।
* संक्रमित व्यक्ति से दूरी रखनी है।
* खांसते एवं छींक के समय मुंह को रूमाल से ढंकना जरूरी है।
* संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आए वस्तुओं को लगातार साफ करना है।
* संक्रमण की अवधि में खुद को घर में ही आइसोलेट करना है।
* छोटे बच्चे, 60 वर्षों से अधिक उम्र वाले व्यक्ति तथा कमजोर इम्यूनिटी वाले को विशेष ऐहतियात बरतने की जरूरत है।

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