वैलेंटाइन वीक चल रहा है. वैलेंटाइन डे को लेकर लोगों का उत्साह चरम पर है. इसी बीच एक मलयालम फिल्म Oru Adaar Love का एक ऐसा वीडियो इंटरनेट पर वायरल हो गया है, जो आशिकों के दिल की घंटी बजा रहा है.

अगर आपने कभी किसी को पूरे दिल से टूटकर प्यार किया है तो दावा है ये, इस वीडियो को आप बार-बार प्ले करके देखेंगे. वो आंखें, चेहरे की वो मासूमियत, वो अदा… किसी को भी दीवाना बना देने के लिए इसकी एक झलक ही काफी है. और दीवाना होने के बाद बस एक झलक से काम नहीं चलेगा.

फिर तो ये वीडियो एक, दो, तीन चार….. न जाने कितनी बार आप रीप्ले करके देखेंगे. यकीन न हो तो एक बार देख ही लीजिए इस वीडियो को…

 

https://www.youtube.com/watch?v=Tm2bViXFyac&feature=youtu.be

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नई दिल्ली: ‘पद्मावत’ बॉक्स ऑफिस पर अपना रंग जमा चुकी है. दीपिका पादुकोण, रणवीर सिंह और शाहिद कपूर का जादू चल गया है. फिल्म ने दो हफ्तों में 236 करोड़ रु. की कमाई कर ली है और इस तरह फिल्म सुपरहिट का तमगा पा चुकी है. फिल्म ने पहले हफ्ते 166.50 करोड़ रु. की कमाई की थी. लेकिन फिल्म ने दूसरे हफ्ते भी बॉक्स ऑफिस पर 69.50 करोड़ रु. उगाह लिए हैं. इस बात की जानकारी ट्रेड एनालिस्ट तरण आदर्श ने दी है और उन्होंने फिल्म को सुपरहिट करार दे दिया है.

तरण आदर्श ने ट्वीट किया हैः “पद्मावत ने दूसरे हफ्ते भी जोरदार कमाई की है…शुक्रवार 10 करोड़, शनिवार 16 करोड़, रविवार 20 करोड़, सोमवार 7 करोड़, मंगलवार 6 करोड़, बुधवार 5.50 करोड़ और वीरवार को 5 करोड़ रु. की कमाई की है. इस तरह भारत में 236 करोड़ रु. का बिजनेस.”

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देश आज देशभक्ति के रंग में सराबोर है. सभी अपनी देश भक्ति को जाहिर कर रहे है. ऐसे में हम लेकर आये है एक संगीतमय प्रस्तुति ‘ऐ मेरे प्यारे वतन’.

इस कार्यक्रम के माध्यम से हमने छपरा शहर के कई नामचीन गायकों की आवाज़ को राष्ट्रीय पर्व पर संगीत के माध्यम से आपतक पहुँचाने की कोशिश की है.

यहाँ देखे पूरा VIDEO:

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New Delhi: कलर्स टीवी के शो बिग बॉस के सीजन 11 के विनर का ताज शिल्पा शिंदे के सिर पर सजा है. फिनाले में उन्होंने हिना खान, विकास गुप्ता और पुनीश शर्मा को पीछे छोड़ दिया. हिना खान फर्स्ट रनर अप रहीं, वहीं विकास गुप्ता सेकंड रनर अप रहे.

शिल्पा को 44 लाख रुपये इनाम के तौर पर मिले हैं. सीजन की शुरुआत से ही शिल्पा मजबूत कंटेस्टेंट रही हैं. उनकी फैन फॉलोइंग भी जबरदस्त रही हैं. फिनाले में जनता को लाइव वोटिंग का भी मौका दिया गया था. 10 मिनट के लिए वोटिंग लाइन्स खोली गई थीं.

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New Delhi: सामाजिक कार्यकर्ता और लेखिका महाश्वेता देवी के 92वें जन्मदिन के अवसर पर गूगल ने डूडल बना कर याद किया है. महाश्वेता देवी को साल 1996 में ज्ञानपीठ पुरस्कार से सम्मानित किया गया.

‘नटी’, ‘मातृछवि’, ‘अग्निगर्भ’ ‘जंगल के दावेदार’, ‘1084 की मां’, माहेश्वर की कुछ महत्वपूर्ण कृतियां हैं. उनकी छोटी-छोटी कहानियों के करीब बीस संग्रह और करीब सौ उपन्यास आ चुके हैं.

महाश्वेता देवी का जन्म आज ही के दिन साल 1926 को अविभाजित भारत के ढाका में हुआ था.

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नई दिल्‍ली: हरियाणवी डांसर सपना चौधरी के जल्‍द बॉलीवुड में एंट्री करने जा रही है. सपना जल्‍द ही भोजपुरी फिल्‍म ‘बैरी कंगना-2’ में नजर आएंगी.

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार सपना ने हाल ही में रवि किशन की फिल्‍म ‘बैरी कंगना-2’ का एक गाना शूट किया है. दिल्ली के महिपालपुर में जन्‍मीं सपना 2008 में पिता के निधन के बाद से ही अपने परिवार की जिम्‍मेदारी संभाल रही हैं. गूगल के ईयर इन सर्च 2017 लिस्ट में सपना तीसरे स्थान पर रही.

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Chhapra: सदर अनुमंडल प्रशासन द्वारा स्थानीय एकता भवन में एक शाम शहीदों के नाम कार्यक्रम का आयोजन किया गया.

कार्यक्रम का विधिवत उद्घाटन अपर समाहर्ता अरुण कुमार, अनुमंडल पदाधिकारी चेत नारायण राय, डीएसओ अनिल कुमार रमण ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्जवलित कर किया.

कार्यक्रम में देश भक्ति गानों के साथ साथ सदाबहार नग़मों से कलाकारों ने समां बांधा. कार्यक्रम की शुरुआत में ही अनवर हुसैन ने ‘सजन रे झूठ मत बोलो’ से लोगो का खूब मनोरंजन किया.

पटना से आये कलाकारों ने लोगों को अपने गीतों के माध्यम से दर्शकों को ठंड में भी कुर्सियों पर डटे रहने के लिए मजबूर कर दिया. कलाकारों द्वारा गाये जा रहे गानों पर दर्शकों ने खूब तालियां बजाई.

इस मौक़े पर जिलाधिकारी हरिहर प्रसाद, डीसीएलआर सदर, जिला शिक्षा पदाधिकारी राज किशोर सिंह, डीपीओ स्थापना दिलीप कुमार सिंह, सदर अंचलाधिकारी विजय कुमार सिंह मौजूद थे.

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Chhapra: शहर के एकता भवन में गुरुवार की संध्या ‘एक शाम शहीदों के नाम’ कार्यक्रम का आयोजन अनुमंडल प्रशासन सारण द्वारा किया जाएगा.

शहीद सैनिक एवं अपंग हुए जवानों के परिजनों को राहत पहुंचाने के उद्देश्य से सांस्कृतिक कार्यक्रम ‘एक शाम शहीदों के नाम’ सांस्कृतिक कार्यक्रम का होगा आयोजन.

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New Delhi: संजय लीला भंसाली की फिल्म ‘पद्मावत’ 26 जनवरी को रिलीज हो सकती है. ऑफिशियल कंफर्मेशन कुछ दिनों में आ सकता है.

‘पद्मावत’ करीब 180 करोड़ के भारी-भरकम बजट में बनी है. ये फिल्म काफी वक्त से विवादों में भी है. संजय लीला भंसाली की इस मल्टी स्टारर फिल्म में रणवीर सिंह, दीपिका पादुकोण और शाहिद कपूर मुख्य भूमिकाओं में हैं.

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Chhapra: भिखारी ठाकुर रंगमंच शताब्दी समारोह के अंतिम दिन कलाकारों ने अपनी प्रस्तुति से सभी का मन मोह लिया.

वीर कुंवर सिंह गाथा गान के माध्यम से माध्यम से सारण जिले की उभरती लोक गायिका अनुभूति शांडिल्य तीस्ता ने बाबू साहब के गौरव की बखान की. जेकरा अस्सी बरिस में आईल जवनिया, कहनिया बाबू कुँवर के सुनीं गीत के माध्यम से उनकी वीरता के किस्से को सभी तक पहुंचाने के इस अंदाज को दर्शकों ने खूब सराहा. तीस्ता ने अपनी प्रस्तुति से खूब तालियां बटोरी. जाने माने लोकगायक व उनके पिता उदय नारायण सिंह ने गायन में उनका साथ दिया. प्रस्तुति के बाद अनुभूति को सम्मानित किया गया.

इस अवसर पर उप सचिव सुमन कुमार, डॉ लालबाबू यादव, जैनेन्द्र दोस्त आदि उपस्थित थे. 

कार्यक्रम में इसके बाद चांद किशोर सिंह के द्वारा राजा मौर्यध्वज़ गाथा गायन, भोजपुरी लोक व पारंपरिक गीतों की प्रस्तुति लोकगायक मनन गिरी (व्यास) ने दी. वही भिखारी ठाकुर के लोक गायन प्रेम सागर सिंह ने प्रस्तुत की. अंतिम कार्यक्रम के रूप में भिखारी ठाकुर के बिदेशिया का मंचन हुआ. जिसके बाद फिर मिलने के वादे के साथ पांच दिवसीय कार्यक्रम का समापन हुआ.  

बहुरूपिया दल का हुआ सम्मान

रंगमंच शताब्दी समारोह में राजस्थान से पहुंचे बहुरूपिया कलाकारों को सम्मानित किया गया. इस अवसर पर भी अपने भेष बदल मुनीम बने शमसाद बहुरूपिया ने कहा कि छपरा और खासकर भिखारी ठाकुर की भूमि पर पहुंच कर उन्हें बहुत ही अच्छा लगा. लोक कलाकार भिखारी को नमन करते हुए कहा कि मौका मिला तो फिर छपरा जरूर आएंगे.

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Chhapra: भिखारी ठाकुर रंगमंच शताब्दी समारोह के तीसरे दिन स्थानीय राजेंद्र स्टेडियम में उदगार संस्था के मधुबनी की पारंपरिक प्रस्तुति डोमकच से शुरुआत हुई. भोजपुरी और मैथिलि लोक संस्कृति की नारी प्रधान प्रस्तुति मनोहारी थी.

इसके बाद सारण के लोक गायक उदय नारायन सिंह ने अपने गायन से समां बांध दिया. उन्होंने अपने गायन की शुरुआत भोजपुरी के प्रथम कवि कबीर के भोजपुरी निर्गुण को आधुनिक परिपेक्ष्य में प्रासंगिकता को स्वरबद्ध जागल रहिह हो, ‘कवन ठगवा नगरिया लूटल हो’ से की. उन्होंने भिखारी ठाकुर की रासलीला और बिदेशिया के गीतों को गाया. उनके गायन के दौरान बड़ी संख्या में दर्शक पहुंचे थे.

कार्यक्रम में भिखारी ठाकुर रंगमंडल प्रशिक्षण एवं शोध केंद्र छपरा के द्वारा जैनेन्द्र दोस्त द्वारा निर्देशित पिया निसाईल का मंचन हुआ. जिसे लोगो ने सराहा.

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Chhapra (Surabhit Dutt): गली मुहल्ले में घूमते वक्त अचानक आपकी नजर एक व्यक्ति पर पड़ती है जो अजीब तरह के कपड़े पहने घूम रहा है. कभी काली माँ तो कभी शंकर भगवान, कभी पुलिस के भेष में. ये बहुरूपिये होते है जो अलग अलग भेष बदल कर घूमते है और इसी से अपनी रोजी रोजगार चलाते है. हालांकि वर्तमान समय में शहर ही नहीं गांवों में भी ये बहुरूपिये दीखते नहीं.  

आधुनिक दौर  में बहुरूपिये कही देखने को नहीं मिलते. बहुरूपिया एक ऐसी कला है जिसे अब लोग भूलते जा रहे है. आधुनिकता के दौर में इस कला को अपनी पहचान बचाये रखना चुनौती साबित हो रही है. पीढ़ियों से इस कला से जुड़े कलाकार अब आगे इसे जारी रखने में असमर्थ दिख रहे है.

जोकर की भेष में नौशाद बहुरूपिया

शहर में आयोजित भिखारी ठाकुर रंगमंच शताब्दी समारोह में राजस्थान के दौसा जिले से पहुंचे बहुरूपिया दल से बातचीत में उनके द्वारा जिन चुनौतियों से गुजरना पड़ रहा है विस्तार से बताया.

देखे Video 

जिन्न के भेष में फिरोज बहुरूपिया

अपनी सात पीढ़ियों से बहुरूपिया का भेष धर राजा महाराजा के दरबार से अब के आधुनिक युग तक लोगों का मनोरंजन कर रहे इस परिवार में छह भाई है और सभी अपने पूर्वजों के इस कला को आगे बढ़ रहे है. हालांकि परिवार की वर्तमान और भावी पीढ़ी इस कला को अपनाने में असमर्थता जता रही है.

भोले की भेष में फरीद बहुरूपिया

बातचीत के दौरान बहुरूपिया बने फिरोज, फरीद, शमशाद और नौशाद बहुरूपिया ने बताया कि आज इस कला को जीवित रखना कठिनाइयों और चुनौतियों से भरा है. संस्कृति मंत्रालय और संगीत नाटक अकादमी के प्रयास से देश में कार्यक्रम के माध्यम से कुछ मौका मिल रहा है जो परिवार के भरण पोषण की व्यवस्था कर रहा है. जबकि आज इस कला को लोग भूलते जा रहे है.

बहुरूपियों के इस दल के सदस्य और भोला शंकर का रूप धारण किये बने फरीद बहुरूपिया ने बताया कि राजस्थान के दौसा जिले के बांदीकुई में उनका परिवार कई पीढ़ियों से इस कला को करता आ रहा है. पहले की पीढ़ियों ने राजा महाराजाओं के दरबार में प्रस्तुति दी. समय बदला और अब मंत्रालय के माध्यम से प्रस्तुती दे रहे है. वे राजस्थान में वेस्ट जोन कल्चर सेंटर से जुड़े है जहाँ से देश के कई शहरों में जाना होता है.

जिन्न का भेष धारण किये फरीद बहुरुपिया ने बताया कि मेकअप और तमाम अन्य खर्च को उठाना अब मुश्किल है. जब लोगों को इसके प्रति कोई रूचि नहीं रही. यहाँ तक की परिवार के बच्चे भी इससे जुड़ना नहीं चाहते और अलग रोजगार तलाश रहे है.

जोकर के भेष में नौशाद बहुरुपिया ने कहा कि आज की पीढ़ी इस परंपरा कला से दूर जा रही है. अनेकों रूप को धरने वाले इस कला को अब लोग भूल रहे है. हमारे परिवार वाले भी इससे दूर जा रहे है. आज के दौर में यह छूट रहा है सरकार कोई ठोस कदम नही उठा रही है.
कलाकार की कला को सब देखते है उसके अन्दर छिपे संघर्ष और चुनौतियों से शायद की कोई वाकिफ हो पाता है.

कुल मिलकर लगभग लुप्त होती इस कला को संजो कर रहने में राजस्थान का यह परिवार तो सफल है पर आने वाली पीढ़ी शायद ही इस कला से अवगत हो पाए.

 

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