Chhapra: बिहार राज्य एड्स नियंत्रण समिति तथा रेड रिबन क्लब के तत्वाधान में क्विज प्रतियोगिता का आयोजन किया जा रहा है.  यह प्रतियोगिता पूरे बिहार के जिलों में अलग अलग तिथियों में आयोजित की जा रही है.

21 अक्टूबर को अपराह्न 2-4 बजे सारण जिला के प्रतिभागियों के लिए इसका आयोजन है. प्रतियोगिता के पहले चरण (एलिमिनेशन राउंड) के बाद सारण जिला के पांच कॉलेज के 08 विद्यार्थी इसमें भाग लेंगे. राजेंद्र कॉलेज से प्रकाश कुमार बादल, मिसा भारती, जगदम कॉलेज से संजू कुमारी, अभिषेक कुमार राम, जगलाल चौधरी से सुजाता कुमारी, पी एन कॉलेज परसा से सोनी कुमारी, एल एम भी से अमित कुमार, आशुतोष कुमार सिंह भाग लेंगे.

बिहार राज्य एड्स नियंत्रण समिति के सहायक निदेशक आलोक कुमार ने बताया कि इस चरण में पास प्रतिभागी प्रमंडल स्तर पर भाग लेंगे तत्पश्चात् राज्य स्तर पर इस क्विज प्रतियोगिता के लिए राष्ट्रीय सेवा योजना के कार्यक्रम समन्वयक प्रो. हरिश्चंद को नोडल ऑफिसर बनाया गया है. कल होने वाले प्रतियोगिता के लिए छात्रों को कुलपति, कुलसचिव, कार्यक्रम समन्वयक, पीआरओ आदि ने शुभकामनाएं दी है.

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Chhapra: जय प्रकाश विश्वविद्यालय के जन्तु विज्ञान विभाग में प्रो. दीप्ति सहाय के निर्देशन में शोधरत ऐश्वर्या की अंतिम शोध मौखिकी परीक्षा वाह्य विशेषज्ञ द्वारा लिया गया.

शोध के गुणवत्ता की जाँच-परख व सुधार के दृष्टिकोण से कुलपति प्रो. फारूक अली ने स्वयं उपस्थित होकर शोधार्थिनी से शोध-विषय से सम्बंधित कई सवाल किया. शोधार्थिनी ने सटीक जवाब देकर कुलपति को संतुष्ट किया. कुलपति ने शोधार्थिनी को आशीर्वाद देते हुए, छात्रा के उज्ज्वल भविष्य की कामना की.

उन्होंने जन्तु विज्ञान विभागाध्यक्ष, परीक्षा नियंत्रक एवं उपस्थित शिक्षकों को गुणवत्तापूर्ण शोध के लिए कई निर्देश व सुझाव देते हुए कहा कि शोधार्थियों द्वारा परीक्षक को शोध-प्रबंध का सार एक पृष्ठ में सौंपा जाना चाहिए. जिससे मौखिकी लेने में सहूलियत होगी. उपस्थित शोधार्थियों से कुलपति ने कहा कि आप तन-मन के साथ गुणवत्तापूर्ण शोध करें, ताकि आपके साथ-साथ विश्वविद्यालय का भी नाम हो.

प्रो. दीप्ति सहाय ने कुलपति को अंग-वस्त्र भेंटकर सम्मानित किया. मौखिकी परीक्षा के दौरान पूर्व कुलपति प्रो. ए. के. झा, परीक्षा नियंत्रक प्रो. अनिल कुमार सिंह, कुलानुशासक डॉ कपिलदेव सिंह, प्रो रवींद्र सिंह, प्रो. अमरेन्द्र झा, पीआरओ डॉ दिनेश पाल सहित विभाग के शिक्षक, शोधार्थी एवं कर्मचारी आदि उपस्थित रहे.

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Chhapra: जय प्रकाश विश्व विद्यालय के राष्ट्रीय सेवा योजना के स्वयसेवकों ने पोलियो ड्राप पिलाया. स्वयंसेवकों ने थाना चौक, नगरपालिका चौक, सलेमपुर चौक पर पोलियो ड्राप पिलाने का कार्य किया.

इस दौरान जेपीएम की ममता, राजेन्द्र कॉलेज से मिसा भारती, जगदम महाविद्यालय से कुमारी अनीशा, संजू, अभिषेक ने इस कार्यक्रम में भाग लिया.

एनएसएस कार्यक्रम समन्वयक प्रोफेसर हरीश चंद ने और अधिक से अधिक लोगों को पोलियो ड्राप पिलाने के लिए एनएसएस वॉलंटियर को तैयार रहने को कहा. कुलपति प्रो फारूक अली ने स्वयंसेवकों के कार्यों की प्रशंसा की. प्रतिकुलपति प्रो लक्ष्मी नारायण सिंह एवम् कुलसचिव श्री कृष्णा ने स्वयंसेवकों को इस कार्य के लिए साधुवाद दिया. विश्व विद्यालय के DSW प्रो यूएस ओझा ने भी सबका मनोबल बढ़ाया.

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Chhapra: जेपीयू के बी. एड. प्रथम वर्ष की परीक्षा आज से शुरू हो गयी. बीएड फर्स्ट ईयर की परीक्षा के लिए छपरा के राजेन्द्र कॉलेज को केंद्र बनाया गया है. पहले दिन  Contemporary India and Education पेपर की परीक्षा ली गयी. राजेन्द्र कॉलेज परीक्षा केंद्र  पर सीवान और गोपालगंज के 10 कॉलेजों की परीक्षा हो रही है.

जिसमें विद्यार्थियों की कुल संख्या 756 है. पहले दिन  747 छात्रों ने परीक्षा दी तथा 9 परीक्षार्थी अनुपस्थित रहे.

जेपीयू के पीआरओ ने जानकारी की दी केंद्राधीक्षक डॉ. प्रमेन्द्र रंजन सिंह  नेतृत्व में कदाचार मुक्त और स्वच्छ परीक्षा का आयोजन किया जा रहा है. इस परीक्षा हेतु स्टैटिक आब्जर्वर के तौर पर डॉ. ए. एम. हाशमी को नियुक्त किया गया है.

परीक्षा के दौरान कोविड -19 के सारे नियमों का पालन किया जा रहा है, परीक्षा प्रारंभ होने के बाद तथा पहले पूरे केंद्र में साफ सफाई व सनेटाइज किया जा रहा है. परीक्षार्थियों के प्रवेश के समय उनका तापमान भी चेक किया जा रहा है.

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Chhapra: कुलपति प्रो. फारूक अली ने जगदम महाविद्यालय में आयोजित बीएड परीक्षा का औचक निरीक्षण किया. उन्होंने परीक्षार्थियों से रूबरू होते हुए प्रश्न पत्र का अवलोकन किया और साथ ही परीक्षा केंद्र सम्बंधित फीडबैक लेकर उचित व्यवस्था हेतु प्राचार्य को जरूरी निर्देश भी दिया. परीक्षा केंद्र को सेनेटाइज कर सूचना चस्पा किया गया है कि मास्क का प्रयोग करें, हाथ सेनेटाइज करें, सामाजिक दूरी रखें एवं अपना पेयजल लेकर आएं.

परिणामस्वरूप परीक्षार्थी और कक्ष निरीक्षक द्वारा कोविड-19 रोकथाम सम्बंधित दिशानिर्देश व नियम का पालन किया गया. ज्ञातव्य हो कि जय प्रकाश विश्वविद्यालय, छपरा के छपरा शहर स्थित दो अंगीभूत महाविद्यालय राजेन्द्र महाविद्यालय तथा जगदम महाविद्यालय को बीएड परीक्षा केंद्र बनाया गया है. निरीक्षण के दौरान कुलपति के साथ जगदम महाविद्यालय के प्राचार्य प्रो के. के. बैठा, पीआरओ प्रो हरिश्चंद्र एवं सहायक पीआरओ डॉ दिनेश पाल भी उपस्थित रहे.

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Chhapra: विश्वविद्यालय में लम्बित पड़े कार्यों को गति प्रदान करने के लिए बैठकों का सिलसिला शुरू हो गया है. इसी कड़ी में विश्वविद्यालय की बुनियादी संरचनाओं को मजबूत करने के लिए कुलपति प्रो फारूक अली की अध्यक्षता में कुलपति कक्ष में निर्माणाधीन (आधे-अधूरे) भवन को पूर्ण करने हेतु संवेदकगण के साथ बैठक आयोजित किया गया.

 

कुलपति ने संवेदकों संग संवाद करते हुए निर्देश दिया कि आप लोग विश्वविद्यालय के काम को अपना काम समझते हुए समयबद्ध होकर पूरा करें, क्योंकि जनवरी 2021 से सभी स्नातकोत्तर विभाग को राजेन्द्र महाविद्यालय परिसर से लाकर विश्वविद्यालय परिसर में संचालित कराना है. आगे सतर्क करते हुए उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय में विश्वास तथा सत्य पर आधारित विधिसम्मत कार्य होना चाहिए.

बैठक में वित्त सलाहकार राकेश कुमार मेहता, वित्त पदाधिकारी प्रो. वसन्त कुमार, कुलसचिव ग्रुप कैप्टन श्रीकृष्ण, सहायक जनसंपर्क पदाधिकारी डॉ दिनेश पाल एवं इंजीनियर प्रमोद कुमार के साथ संवेदक विजय नारायण सिंह, बजरंगी सिंह, सुशील कुमार सिंह, प्रकाश कुमार सिंह उपस्थित रहे. जानकारी पी. आर. ओ. प्रो हरिश्चंद्र ने दी. 

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Chhapra: महाविद्यालय के प्राचार्यों को सम्बोधित करते हुए कुलपति प्रो फ़ारुक़ अली ने कहा कि यदि आपका सहयोग मिला तो हम जरूर सफल होंगे. सभी महाविद्यालय विश्वविद्यालय के अंग हैं इसलिए अंगीभूत तथा सम्बद्ध के बीच सौतेला व्यवहार नहीं होगा. कुलपति ने अध्यक्षीय सम्बोधन में आगे कहा कि मेरे भीतर न राग है और न द्वेष है इसलिए आप सभी से आग्रह है कि आप भी बिना राग-द्वेष के काम करें. यदि किसी शिक्षक व कर्मचारी से कोई भूल होती है तो उससे संवाद कर समझाएं और माफ करें. माफ करने वाला हमेशा बड़ा होता है. इतना ही नहीं समस्याओं को शीघ्रता से समाधान करने का आश्वासन देते हुए कुलपति ने कहा कि हम अंधेरे को कोसने की बजाय एक चिराग जलाने का प्रयास करें. हमें शिक्षण संस्थानों से बहुत स्नेह है इसलिए शीघ्र आपके महाविद्यालय में बिना बुलाये आने वाला हूँ.

कुलपति प्रो. फारूक अली की अध्यक्षता में विश्वविद्यालय के लगभग सभी अंगीभूत तथा सम्बद्ध महाविद्यालय के प्राचार्या / प्राचार्य संग एक बैठक आयोजित किया गया. बैठक की शुरूआत करते हुए कुलपति ने अपना परिचय दिया ततपश्चात प्राचार्यों द्वारा सामूहिक रूप से कुलपति तथा प्रतिकुलपति को पुष्पगुच्छ भेंट कर परिचय प्रस्तुत किया गया. परिचय देते हुए सभी प्राचार्या व प्राचार्य अपने-अपने महाविद्यालय की उपलब्धियों तथा कमियों से अवगत कराया. अधिकांश प्राचार्यों ने बैठक की अध्यक्षता कर रहे कुलपति को आग्रह के साथ अवगत कराया कि महाविद्यालय में कर्मचारियों की संख्या कम है और इंफ्रास्ट्रक्चर के नाम पर नगण्यता है. साथ ही साथ सबने अफ़सोस जताया कि महाविद्यालय में पठन-पाठन का माहौल नहीं बचा है. हमें सबसे पहले विद्यार्थियों को क्लासरूम में बुलाने की जरूरत है क्योंकि महाविद्यालय व विश्वविद्यालय विद्यार्थियों के लिए है और वही नहीं आएंगे तो फिर हमलोग का क्या वजूद है. ऑनलाइन क्लासेस ले रहे अपने शिक्षकों का प्राचार्यों द्वारा तारीफ़ किया गया क्योंकि वे स्वयं के सीमित संसाधन में भी सक्रियता के साथ वर्चुअल शिक्षण जारी रखे हुए हैं. प्राचार्य के परिचय व सम्बोधन के पश्चात प्रतिकुलपति प्रो. लक्ष्मी नारायण सिंह ने अपने संबोधन में सभी प्राचार्यों से आग्रह किया कि आप विश्वविद्यालय के आदेश का अक्षरशः पालन करें. साथ ही आप सभी अपने महाविद्यालय की कक्षाओं में विद्यार्थियों की संख्या बढ़ाने का प्रयास करें. महाविद्यालय के लिए आवश्यक संसाधन यथाशीघ्र मुहैया कराए जाएंगे.

बैठक के अंत मे सहायक जनसंपर्क पदाधिकारी डॉ दिनेश पाल ने अपनी किताब ‘ मेहरुन्निसा परवेज़ का कथा-साहित्य : आदिवासी एवं मुस्लिम स्त्री’ कुलपति को भेंट किया.

बैठक का संचालन करते हुए कुलसचिव सेवानिवृत्त ग्रुप कैप्टन श्रीकृष्ण ने विश्वविद्यालय की सक्रियता व गतिमान कार्य-प्रणाली से सभी को अवगत कराया. बैठक में प्वित्त परामर्शी श्री राकेश कुमार मेहता, वित्त पदाधिकारी प्रो. बसंत कुमार, सहायक जनसम्पर्क पदाधिकारी डॉ दिनेश पाल, डॉ कुमार वरुण एवं सुनील कुमार, विवेक कुमार आदि उपस्थित रहे.

इस आशय की जानकारी सहायक पीआरओ डॉ दिनेश पाल ने दी. 

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Chhapra: ज्ञान की वह शाखा जो सबका कल्याण करे, वही साहित्य है. उपर्युक्त बातें रांची विश्वविद्यालय के पूर्व हिन्दी विभागाध्यक्ष प्रो. जंग बहादुर पाण्डेय ने मुख्य वक्ता के रूप में सम्बोधित करते हुए बताया.

वर्तमान परिप्रेक्ष्य में साहित्य की प्रयोजनीयता पर बोलते हुए मुख्य वक्ता ने कहा कि ‘यदि जीवन में आपको अदब आ गया तो समझिए आप सब पा गए. अदबयुक्त व्यक्ति समाज में सदा श्रेष्ठ माना जाता है और यह अदब साहित्य से प्राप्त होता है. यही है साहित्य की प्रयोजनीयता. साहित्य की प्रयोजनीयता हर किसी को जोड़ना है न कि तोड़ना. साहित्य कहता है कि अगर कोई आपका आदर करे तो आप प्रतियुत्तर में दोनों हाथ जोड़कर सामने वाले का दिल जीत लेना चाहिए.

हिन्दी विभाग, जयप्रकाश विश्वविद्यालय, छपरा की ओर से सीनेट हॉल में ‘वर्तमान परिप्रेक्ष्य में साहित्य की प्रयोजनीयता’ विषय पर एक दिवसीय संगोष्ठी का आयोजन किया गया. हिन्दी विभागाध्यक्ष प्रो. अजय कुमार के संयोजन में आयोजित एक दिवसीय संगोष्ठी की अध्यक्षता करते हुए कुलपति प्रो. फ़ारुक़ अली ने अपने अध्यक्षीय संबोधन में कहा कि ‘आज साहित्य की प्रयोजनीयता घट गई है क्योंकि आज के साहित्यकार समाज से कटे हुए हैं। वातानुकूलित कमरे में बैठकर कल्पना करने वाले साहित्यकार समाज का यथार्थ साहित्य में किस रूप में पिरो रहे हैं हम सब देख रहे हैं.’ साहित्य की प्रयोजनीयता पर अपना विचार व्यक्त करते हुए कुलपति ने चंद्रधर शर्मा गुलेरी की कहानी ‘उसने कहा था’ सूर्यकांत त्रिपाठी निराला की कविता ‘भिक्षुक’ एवं विलियम शेक्सपियर का नाटक ‘मर्चेंट ऑफ वेनिस’ के माध्यम से साहित्यिक संवेदना को स्पष्ट किया.

संगोष्ठी की शुरुआत भारतरत्न लोकनायक जयप्रकाश नारायण के तैलचित्र पर मंचासीन अतिथियों द्वारा माल्यार्पण के साथ किया गया. संगोष्ठी में सम्मिलित विद्वत जन का स्वागत करते हुए संयोजक प्रो. अजय कुमार ने विषय-प्रेवश कराते हुए काव्य हेतु तथा काव्य प्रयोजन पर विस्तार से प्रकाश डाला. डॉ चन्दन श्रीवास्तव ने अपना विचार व्यक्त करते हुए कहा कि ‘राजनीति शुभ को सच करने का आचार और विचार है।’ मुख्य वक्ता के साथ आये डॉ. प्रशान्त गौरव, राजीव कुमार एवं अशोक कुमार प्रामाणिक के बीच से शोधार्थी अशोक ने एक मधुर गीत गाकर संगोष्ठी को रोचक बना दिया. अगली कड़ी में डॉ विश्वनाथ शर्मा ने भोजपुरी में वक्तव्य व्यक्त करते हुए कहा कि ‘वर्तमान समय में साहित्यकार लोगन के बहुत बड़ जवाबदेही बा.’

संगोष्ठी में वित्त सलाहकार श्री राकेश कुमार मेहता, डीएसडब्ल्यू प्रो उदय शंकर ओझा, पीआरओ प्रो. हरिश्चंद्र, प्राचार्या प्रो मधुप्रभा सिंह, सहायक पीआरओ डॉ दिनेश पाल, आईटी सेल प्रभारी असि. प्रो. धनजंय कुमार आज़ाद, डॉ अमृत प्रजापति, डॉ संतोष कुमार सिंह, डॉ धनंजय चौबे, डॉ वीर बेतीयर साहू, डॉ धर्मेंद्र कुमार सरीखे विश्वविद्यालय के लगभग सभी महाविद्यालयों से शिक्षक, विश्वविद्यालय के पदाधिकारी, कर्मचारी एवं विद्यार्थियों से सीनेट हॉल भरा रहा.

प्रो. सिद्धार्थ शंकर द्वारा संचालित संगोष्ठी के समाप्ति की घोषणा कुलसचिव रिटायर्ड ग्रुप कैप्टन श्री कृष्ण द्वारा धन्यवाद ज्ञापन के साथ किया गया.

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Chhapra: छपरा के राजेंद्र कॉलेज में प्राचार्य डॉ. प्रमेंद्र रंजन सिंह की अध्यक्षता में सभी वोकेशनल कोर्स के समन्वयकों की एक मीटिंग का आयोजन किया गया. इस मीटिंग में   विश्वविद्यालय द्वारा मान्य सभी कोर्सों को फिर से शुरू करना तथा नए वोकेशनल व प्रोफेसनल कोर्सों को मान्यता दिलाने हेतु प्रोपोजल बनाया गया.

बीसीए जो कि दूरस्थ शिक्षा से चलाया जाता था उसको भी नियमित करने हेतु प्रोपोजल बनाया जाएगा. BCA को नियमित कोर्स हेतु मान्यता मिलने के उपरांत जय प्रकाश विश्वविद्यालय के अंगिभूत और  संबद्ध महाविद्यालय उसे अपने यहां शुरू कर सकते हैं. प्राचार्य ने कहा कि राजेंद्र महाविद्यालय, छपरा वर्णित सभी कोर्सों में इस वर्ष नामांकन लिया जाएगा. इसके अतिरिक्त और भी नए कोर्सेज प्रारंभ करने पर चर्चा की गई. जिसमें बैचलर, मास्टर, पीजी डिप्लोमा और सर्टिफिकेट कोर्स शामिल रहेंगे.

जय प्रकाश विश्वविद्यालय को  जिन  वोकेशनल कोर्सेज को मान्यता दी गई है, वे हैं –  Bachelor of Mass Communication (BMC), Bachelor of Business Administration (BBA), Biotechnology (Bt), Industrial Microbiology (IMB), Environmental Science (ES), Industrial Fish and Fisheries (IFF), Communicative English (CE), Functional English (FE), Functional Hindi (FH), Advertising Sales Promotion and Sales Management (ASPM & SM) वर्णित सभी कोर्स तीन वर्षों के हैं.

इस मीटिंग में अध्यक्ष सहित सुशील कुमार श्रीवास्तव, प्रशांत कुमार, देवेश रंजन, सोमनाथ घोष, आलोक रंजन तिवारी, अनुपम कुमार सिंह, रमेश कुमार, आलोक वर्मा, अशोक कुमार, तनूका चटर्जी आदि उपस्थित रहे.

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Chhapra: सेवा निवृत्त वरिष्ठ शिक्षकों का प्रतिनिधि मंडल प्रो डी. पी. सिन्हा के नेतृत्व में कुलपति से मिलकर आग्रह किया कि सेवा निवृत्त शिक्षकों का पेंशन, ग्रेच्युटी, एरियर आदि सभी प्रकार के बकाया राशि को यथाशीघ्र भुगतान किया जाए.

कुलपति प्रो. फ़ारुक़ अली ने सेवानिवृत्त शिक्षकों को आश्वासन दिया कि शीघ्र-अतिशीघ्र भुगतान किया जाएगा.

कुलपति की अध्यक्षता में हो रही बैठक में सेवानिवृत्त शिक्षकों के अतिरिक्त वित्त सलाहकार राकेश कुमार मेहता, कुलसचिव ग्रुप कैप्टन श्री कृष्ण, सहायक पीआरओ डॉ दिनेश पाल एवं सुनील कुमार उपस्थित रहे.

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Chhapra: जब रक्षक ही भक्षक बन जाए तो सुरक्षा कहाँ संभव है. उक्त बातें जय प्रकाश विश्वविद्यालय, छपरा के कुलपति प्रो फ़ारुक़ अली ने लोकनायक जयप्रकाश नारायण की 118वीं जयंती समारोह में अपने अध्यक्षीय सम्बोधन में कही.

कुलपति ने कहा कि हम जिस अपराध की शिकायत जिससे करने जाते हैं. वह खुद उसी में लिप्त है तो फिर निवारण कैसे होगा उदाहरण के रूप में हम 1961 में बने ‘दहेज निषेद कानून’ को देख सकते हैं. कुलपति अपनी बात को आगे बढ़ाते हुए बताया कि जब विद्या मंदिर में भ्रष्टाचार प्रवेश कर जाए तब कोई भी सेवा सार्थक नहीं हो सकता क्योंकि सभी सेवक विद्या के मंदिर से ही निकलते हैं. आज लगभग हर शिक्षण-संस्थानों में भ्रष्टाचार प्रवेश कर चुका है और इसी के विरुद्ध लोकनायक ने बिगुल फूँका था. यह सुधार सामाजिक परिवर्तन के बिना सम्भव नहीं है. कुलपति ने लोकनायक सम्बन्धित संस्मरण साझा करते हुए बताया कि 1977 में केंद्र की सरकार बदलने के बाद राजघाट, दिल्ली स्थित गाँधी की समाधि के समक्ष जब वे कुर्सी पर बैठे तो मैंने अपने कैमरे से तस्वीर खींचा और उनके साथ खिंचवाया भी.

सर्वप्रथम विश्वविद्यालय परिसर स्थित प्रसाशनिक भवन के सम्मुख लोकनायक की आदमकद प्रतिमा पर माल्यार्पण कर सादर नमन किया. सीनेट हॉल में कार्यक्रम की शुरुआत लोकनायक के तैलचित्र पर कुलपति सहित हॉल में उपस्थित सभी जन के द्वारा पुष्प अर्पित के साथ हुई. कार्यक्रम की अगली कड़ी के रूप में जय प्रकाश महिला महाविद्यालय की छात्राओं (प्रिया रानी, पूर्णिमा आर्या, प्रियंका भारती, ज्योति कुमारी एवं लक्ष्मी) द्वारा बहुत सुंदर तरीके से मधुर ‘कुलगीत’ प्रस्तुत किया गया.

कार्यक्रम के स्वागत संबोधन में कुलसचिव रिटायर्ड ग्रुप कैप्टन श्री कृष्ण ने कहा कि लोकनायक कभी भी किसी पद की लालसा मन में नहीं पाले. कबीरदास की पंक्ति ‘वृक्ष कबहुँ नहि फल भखै, नदी न संचै नीर। / परमारथ के कारने, साधुन धरा सरीर।’ को सार्थक करने उनका व्यक्तित्व रहा है. हम सभी को उनके बताए मार्गों का अनुसरण आगे बढ़ना चाहिए.

सभा मे विषय-प्रवेशीय सम्बोधन में राजेंद्र महाविद्यालय के प्राचार्य प्रो प्रमेन्द्र रंजन सिंह ने लोकनायक के पारिवारिक पृष्ठभूमि एवं जीवन-दर्शन पर क्रमिक प्रकाश डालते हुए बताया कि आज जो भी बिहार के प्रतिष्ठित व प्रभावशाली नेता हैं, वे सब जयप्रकाश के आंदोलन की उपज हैं. परिसंपदा पदाधिकारी प्रो रवीन्द्र कुमार सिंह ने कहा कि जयप्रकाश जैसे लोग सदियों एकाध पैदा होते हैं. हिन्दी विभागाध्यक्ष डॉ अजय कुमार ने सम्पूर्ण क्रांति को देश के आजादी की दूसरी लड़ाई बताया. जय प्रकाश महिला महाविद्यालय की प्राचार्या प्रो मधुप्रभा सिंह ने जयप्रकाश नारायण के नाम की सार्थकता पर प्रकाश डाला.

पीआरओ प्रो हरीश चंद्र द्वारा संचालित कार्यक्रम में गंगा सिंह महाविद्यालय की प्राचार्या प्रो इन्दु सिंह, डॉ आशा रानी, सहायक पीआरओ डॉ दिनेश पाल, आईटी इंचार्ज असि प्रो धनजंय कुमार आज़ाद, डॉ अनुपम कुमार सिंह, डॉ मंजुलता, सुनील कुमार, विवेक कुमार, धनंजय कुमार, प्रमोद कुमार आदि कार्यक्रम में उपस्थित रहे. तुलसीदास द्वारा रचित ‘पर उपदेश कुशल बहुतेरे/ जे आचरहिं ते नर न घनेरे.’ पंक्ति के उद्धरित करते हुए कुलसचिव ने धन्यवाद ज्ञापन किया. समारोह का समापन राष्ट्रगान के साथ किया गया.

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Chhapra: बीएड परीक्षा की तैयारी को लेकर कुलपति प्रो. फ़ारुक़ अली की अध्यक्षता में कुलपति प्रकोष्ठ में बैठक आयोजित की गई.

बैठक में कुलपति ने राजेन्द्र महाविद्यालय तथा जगदम महाविद्यालय के प्राचार्य सह केंद्र अधीक्षक क्रमशः प्रो प्रमेन्द्र रंजन सिंह तथा प्रो कृष्ण कुमार बैठा एवं परीक्षा नियंत्रक प्रो अनिल कुमार सिंह के साथ परीक्षा की तैयारी का फीडबैक लिया.

कुलपति ने समीक्षा करते हुए केंद्र अधीक्षकों को निर्देशित किया कि कोविड-19 रोकथाम सम्बंधित दिशा-निर्देश का ख्याल रखते हुए परीक्षा केंद्र को सेनेटाइज किया जाए और विद्यार्थियों को उचित दूरी पर बैठने का व्यवस्था किया जाए. सभी विद्यार्थी तथा परीक्षा निरीक्षक के लिए मास्क पहना अनिवार्य होगा. एसोसिएट प्रोफेसर डॉ विनय कुमार सिंह तथा सहायक पीआरओ डॉ दिनेश पाल भी उपस्थित रहे.

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