Chhapra: छपरा सेंट्रल स्कूल ने जिले के छात्रों को मेडिकल और इंजीनियरिंग की तैयारी करवाने के लिए आकाश इंस्टिट्यूट के साथ अनुबंध किया है। उक्त जानकारी बुधवार को छपरा सेंट्रल स्कूल के प्राचार्य संतोष कुमार ने प्रेस विज्ञप्ति के द्वारा जानकारी दी. दूरभाष पर पत्रकारों से बात करते हुए छपरा सेंट्रल स्कूल के सचिव माननीय पंकज कुमार ने हर्ष व्यक्त करते हुए कहा कि सारण जिला के होनहार छात्रों को मेडिकल और इंजीनियरिंग की तैयारी के लिए दूसरे राज्यों में या अपने जिलों को छोड़कर बाहर जाना पड़ता था।

अभिभावकों एवम छात्रों को कई प्रकार के समस्याओं का सामना करना पड़ता था।सारण जिला के होनहार छात्रों के लिए यह निर्णय विद्यालय प्रशासन ने लिया है।ताकि हर वर्ग के छात्र आसानी से मेडिकल और इंजीनियरिंग के क्षेत्र में अपना करियर बना सके।इस करोना काल में अपने ही शहर में रहकर बच्चे 11वीं और 12वीं की तैयारी के साथ साथ मेडिकल और इंजीनियरिंग की भी तैयारी कर सकते हैं । प्राचार्य ने बताया कि नामांकन प्रक्रिया प्रारंभ है।

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Chhapra: वैश्विक महामारी के कारण कई लोगों ने अपनी जान गवाई है. कई परिवार के मुख्य सदस्यों ने भी कोरोना की जंग हार गए. परिवार में पढ़ने वाले बच्चों के लिए अवंती क्लासेस ने नई पहल शुरू की है. अवंती क्लासेज द्वारा कोविड-19 पांडेमिक ने अनाथ हुए बच्चों के लिए फ्री क्लास कराएगी.

शिक्षक सौरभ कुमार ने बताया कि हमेशा से ही अवंती ने बेहतर रिजल्ट तो दिया की है. साथ ही साथ समय आने पर बच्चों की मदद भी की है. कोविड-19 में अनाथ हुए बच्चों के लिए तो फ्री क्लास होगी ही साथ ही साथ बिहार सरकार द्वारा महिला सशक्तिकरण की ओर बढ़ाए जा रहे कदम में अवंती भी साथ देगी और बच्चियों के लिए विशेष बैच चलाएगी.

उन्होंने कहा कि विशेष तौर पर IIT-JEE, NEET, NTSE, OLYMPIADS आदि के लिए विशेष तैयारी कराई जाती है. कोरोना जैसे वैश्विक महामारी में बच्चों के भविष्य के मद्देनजर लगातार ऑनलाइन क्लासेज के जरिए बच्चों को शिक्षा दी गई. लॉकडाउन के दौरान भी बच्चे घर रह कर के बिल्कुल इंस्टिट्यूट जैसे माहौल में उन्होंने शिक्षा ग्रहण की.

विशेष जानकारी के लिए 8809949957 पर संपर्क करें.

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Chhapra: जयप्रकाश विश्वविद्यालय स्नातकोत्तर शिक्षक संघ के सचिव डॉ रणजीत कुमार ने विश्वविद्यालय प्रशासन द्वारा बिहार सरकार द्वारा घोषित लोकडाउन के दौरान स्नातकोत्तर विभागों के औचक निरीक्षण एवम अनुपस्थित शिक्षकों, विभागाध्यक्ष एवम संकायाध्यक्ष के विरुद्ध विधिसम्मत कार्रवाई संबंधी समाचार पत्रों में प्रकाशित खबर भ्रामक, अनुचित एवम गैरजिम्मेदाराना तो है ही, जानबूझकर समाज एवम जनता के बीच शिक्षकों की छवि को धूमिल करने का प्रयास है जो अक्षम्य अपराध है।

विश्वविद्यालय प्रशासन को कुलसचिव द्वारा निर्गत अधिसूचना संख्या 4580( R) दिनांक 31-05-2021 का अवलोकन करना चाहिए जिसमें स्पष्ट रूप से कहा गया है कि गृह विभाग (आपदा)के द्वारा 31 मई 2021 को जारी निर्देश के आलोक में महाविद्यालय एवम स्नातकोत्तर विभाग 08 मई 2021 तक बंद रहेंगे तथा इस दौरान कर्मी बिना अनुमति के मुख्यालय नहीं छोड़ेंगे।इस अधिसूचना में शिक्षकों को विभाग में उपस्थित रहने संबंधी कोई निर्देश नहीं है।बिहार सरकार द्वारा लोकडाउन संबंधी 31 मई 2021 को जारी गाइडलाइन में शिक्षकों की 25 प्रतिशत उपस्थिति की कहीं कोई चर्चा नहीं है।ऐसे में स्नातकोत्तर विभागों का औचक निरीक्षण करने का ढोंग करना, निरीक्षण से शिक्षकों के बीच हड़कंप मचना और कुलपति द्वारा विधिसम्मत कार्रवाई का निर्देश देने सबंधी बयान का विस्तार से दैनिक समाचार पत्रों में छपना गैरकानूनी ,गैरजिम्मेदाराना एवम अगंभीर कृत्य तो है ही,शिक्षकों को धमकाने वाली भाषा का प्रयोग निंदनीय भी है।विदित हो कि हमारे दो साथी कोरोना संक्रमण की वजह से स्वर्ग सिधार गए तथा दर्जनों शिक्षक अभी भी कोरोना की वजह से अस्वस्थ हैं या पोस्ट कोविद की समस्याओं से जूझ रहे हैं।ऐसे हालात में विश्वविद्यालय प्रशासन की संवेदनहीनता हतप्रभ करने वाली है।स्नातकोत्तर शिक्षक संघ की मांग है कि विश्वविद्यालय प्रशासन अखबारों में प्रकाशित खबरों का खंडन करते हुए खेद प्रकट करे।

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इसुआपुर/मशरख : प्रखंड के मुरवां गांव के पूर्व मुखिया श्रीभगवान बैठा की पुत्री मोनिका कुमारी ने बीपीएससी की 64 वीं फाइनल परीक्षा में शानदार सफलता हासिल कर सुबे में अपनी मेधा का परचम लहराया है. बिहार के अधिकारी वर्ग के लिए आयोजित इस प्रतिष्ठित प्रतियोगी परीक्षा में सफलता प्राप्त कर मोनिका ने प्रखंड का नाम रोशन किया है तथा प्रखंड वासियों का गौरव बढ़ाया है.

उसने ग्रामीण परिवेश में पढ़ाई कर खोभारी साह हाई स्कूल इसुआपुर से मैट्रिक की परीक्षा पास की. जिसके बाद राजेंद्र कॉलेज छपरा से स्नातक किया. उसके बाद मोनिका की शादी आंध्रा बैंक में पीओ के पद पर कार्यरत पिंटू कुमार से हुई. जो पटना में पोस्टेड हैं. जिनके सानिध्य और प्रेरणा से मोनिका बीपीएससी की तैयारी शुरू की और आज इस मुकाम पर पहुंची है. मोनिका ने अपनी सफलता का श्रेय पिता को भी दिया. जिन्होंने ग्रामीण परिवेश में रहते हुए उसे अच्छी शिक्षा दी.

इसुआपुर की बेटी की इस शानदार सफलता पर वरीय नेता शैलेंद्र प्रताप सिंह, पूर्व मुखिया श्रीभगवान बैठा, माता माधुरी देवी, बहन निशा तथा भाइयों मनीष तथा मुकेश, स्थानीय विधायक जनक सिंह, पूर्व विधायक मुद्रिका प्रसाद राय, शिक्षक सुरेश प्रसाद श्रीवास्तव समेत दर्जनों पंचायत प्रतिनिधियों ने उसे बधाइयां दी हैं.

वही मशरक प्रखंड के लाल प्रवीण भाष्कर ने बिहार लोक सेवा आयोग की परीक्षा में 1403 रैंक हासिल कर सफलता प्राप्त किया हैं. जिससे मशरक के बुद्धिजीवियों व छात्र-छात्राओं में हर्ष व जश्न का माहौल है. प्रवीण भास्कर ने पूरे मशरक का नाम रोशन किया है. बताया जाता है मशरक सिनेमा रोड निवासी प्रवीण भास्कर के पिता हिन्दुस्तान फर्टिलाइजर कंपनी से सेवानिवृत्त कर्मचारी हैं. मां कलावती देवी गृहनी हैं. मैट्रिक तक गांव के सरकारी स्कूल में उन्होंने पढ़ाई की. जिसके बाद उच्च शिक्षा ग्रहण करने को पटना चले गए. जहां से उच्च शिक्षा में कलकता से इंजिनियरिंग पूरी की. फिर पटना में आकर तैयारी शुरू की. उसी दौरान उनकी नौकरी पूर्व मध्य रेलवे में सहायक लोकों पायलट के पद पर चयन किया गया जिसमें वे अभी कोडरमा में कार्यरत हैं. प्रवीण भास्कर के घर में माता-पिता के अलावे तीन भाई और दो बहनें हैं. उत्तीर्ण आने पर घर में खुशी का माहौल है.

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Patna: बिहार लोक सेवा आयोग (BPSC) ने 64वीं संयुक्त प्रतियोगिता परीक्षा फाइनल रिजल्ट जारी कर दिया है. अभ्यर्थी अपने नतीजे बीपीएससी की वेबसाइट http://www.bpsc.bih.nic.in पर जाकर चेक कर सकते हैं.

परीक्षा में 1454 अभ्यर्थियों का फाइनल सेलेक्शन हुआ है. परीक्षा के लिए चार लाख 71 हजार अभ्यर्थियों ने आवेदन किया था. बीपीएससी के नोटिफिकेशन के अनुसार 64वीं संयुक्त प्रतियोगिता परीक्षा 1465 पदों के लिए हुई थी. इसकी प्रारंभिक परीक्षा में 19 हजार से अधिक अभ्यर्थी पास हुए थे. जबकि आवेदन करीब तीन लाख हुए थे. वहीं, मुख्य परीक्षा के लिए 18534 अभ्यर्थियों ने आवेदन किया था. जिसमें से 15 हजार 800 के करीब शामिल हुए थे.

मुख्य परीक्षा का रिजल्ट 16 जुलाई 2020 को जारी हुआ था. इसमें कुल 3779 अभ्यर्थी पास हुए थे. इसके बाद इंटरव्यू हुआ. जिसमें फाइनली 1454 अभ्यर्थी सेलेक्ट हुए.

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Chhapra: पर्यावरण दिवस पर सभी ने अपनी ओर से पर्यावरण संरक्षण के लिए कुछ प्रयत्न करने की कोशिश की है. पर्यावरण संरक्षण और लोगों को प्रेरित करने के उद्देश्य से जयप्रकाश विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो फारूक अली ने भी अपनी ओर से कोशिश की. कुलपति अपने आवास से विश्वविद्यालय साईकिल से पहुंचे. इस दौरान उनके साथ विश्वविद्यालय के कुछ कर्मी और सुरक्षा गार्ड भी थे. 

 

कुलपति प्रो फारूक अली ने कहा कि विश्व साईकिल दिवस के दिन तय किया था कि विश्व पर्यावरण दिवस के दिन साईकिल से अपने आवास से विश्वविद्यालय आऊंगा. काफी दिनों के बाद साईकिल चलाया. इसका उद्देश्य लोगों को पर्यावरण संरक्षण के प्रति जागरूक करना है. कोवीड प्रोटोकॉल को ध्यान में रखे हुए साईकिल से विश्वविद्यालय पहुंचा. इस दौरान कुछ कर्मी भी साथ रहे. विश्वविद्यालय के कर्मी भी साईकिल से विश्वविद्यालय आये. 

उन्होंने कहा कि लोग कहेंगे कि साईकिल से एक दिन विश्वविद्यालय आने से क्या होगा, पर किसी को तो पहल करना होगा. उन्होंने कहा कि सभी अपने संतान के समान वृक्षों के लिए भी प्रेम रखें. हमारी विरासत और संस्कृति में वृक्षों को पूजा गया है. हमें जल, जंगल, जीवन, जानवर और जन का संरक्षण करना है. हम सभी को मिलकर पर्यावरण के संरक्षण के लिए पहल करना चाहिए.   

देखिये वीडियो :

   

 

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जलालपुर: प्रखंड के सम्होता स्थित संकुल संसाधन केंद्र पर 45 प्लस लोगों को वैक्सीनेशन कराने के लिए शिक्षकों की महत्वपूर्ण बैठक आयोजित की गई. अध्यक्षता बीआरपी इंसाफ अली ने की.

मौके पर बोलते हुए उन्होने बताया कि सभी शिक्षक अपने विद्यालय के छात्रों की सूची बनाएं तथा पता लगाएं कि उनके परिवार में कितने लोगों को वैक्सीनेशन किया गया है और कितने लोग बाकी हैं. जो लोग वैक्सीनेशन नहीं कराए हैं उनको वैक्सीनेशन के लिए प्रेरित किया जाए. उन्होंने कहा कि हम सभी शिक्षकों को महादलित टोले तथा तालिमी मरकज के छात्रों के परिवारो पर विशेष तौर पर ध्यान देना है. वहीं अल्पसंख्यक विद्यालय के शिक्षक स्वयं टीका लेकर टीम बनाएं तथा विद्यालय के बच्चो के परिवारो को वैक्सीनेशन के लिए प्रेरित करें. सभी के सहयोग से टीकाकरण अभियान को सफल बनाना है तथा शत-प्रतिशत टीकाकरण हो इस को सुनिश्चित कराना है.

मौके पर समन्वयक प्रभुनाथ पंडित,शिक्षक नेता दिलीप कुमार सिंह, सुरेन्द्र राम, उमेश यादव, छट्ठीलाल प्रसाद, मुकेश तिवारी, जय बाबू साह, रामबाबू यादव, दिलीप सिंह, जगलाल हरिजन कृष्ण यादव, शारदा रमेश सहित कई अन्य भी थे.

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Patna: पटना उच्च न्यायालय द्वारा गुरुवार को राज्य के प्राइमरी और सेकेंडरी स्कूलों में छठे चरण के नियोजन में आवेदन नहीं करने वाले दिव्यांगों को मौका देने के निर्देश के बाद शिक्षा विभाग ने तैयारी शुरू कर दी है. सरकार की ओर से बहाली की अधिसूचना जारी कर दी गई है. दिव्यांग अभ्यर्थियों को आवेदन के लिए 15 दिनों का समय दिया गया है.

बिहार शिक्षा विभाग की ओर से जारी अधिसूचना के मुताबिक राज्य के प्राइमरी और सेकेंडरी स्कूलों में छठे चरण के नियोजन के लिए दिव्यांग अभ्यर्थी 11 जून से लेकर 25 जून तक आवेदन कर सकते हैं. दिव्यांग अभ्यर्थियों को शिक्षक नियुक्ति प्रक्रिया में शामिल होने और आवेदन के लिए शिक्षा विभाग की ओर से शिड्यूल जारी कर दिया गया है.

सरकार की ओर से जारी अधिसूचना में कहा गया है कि आवेदन जमा करने के पूर्व संबंधित जिला के NIC के वेबपोर्टल पर नियोजन इकाईवार , विषयवार और कोटिवार रिक्ति की सूचना पुनः प्रकाशित की जाएगी.जिसमें दिव्यांगजनों के लिए श्रेणीवार उपलब्ध रिक्त पदों की सूचना भी स्पष्ट रूप से इंगित होगी. विज्ञापन विभाग की ओर से संबंधितों की जानकारी समाचार पत्रों में प्रकाशित की जाएगी.

विभागीय अधिसूचना संख्या-1563 दिनांक 22.11.2019 के द्वारा राज्य के प्रारंभिक विद्यालयों में 2019-20 में शिक्षक के पद पर नियोजन हेतु आवेदन पत्र प्राप्त करने की अंतिम तिथि 23.11.2019 थी. इस तिथि तक नियुक्ति हेतु आवश्यक अर्हता जिन दिव्यांगजनों द्वारा धारित हो और कतिपय कारणों से उनके द्वारा आवेदन समर्पित नहीं किया गया हो, उन्हें ही यह अवसर दिया जाएगा.

सरकार ने कहा है कि जो दिव्यांगजन पहले आवेदन दे चुके हैं, उन्हें पुनः आवेदन देने की अर्हता नहीं होगी. ऐसे अभ्यर्थियों के द्वारा यदि आवेदन दिया जाता है तो ऐसे आवेदन पर संबंधित नियोजन इकाई द्वारा विचार नहीं किया जाएगा.साथ ही , दिव्यांगजन के लिए चिह्नित 4 प्रतिशत रिक्त पद के अलावा किसी अन्य कोटि/श्रेणी के रिक्ति पर नियोजन हेतु इस अवधि में आवेदन करने की यह सुविधा नहीं दी जाएगी.

आपको बता दें कि छठे चरण के तहत राज्य के प्रारंभिक विद्यालयों में करीब 94 हजार और माध्यमिक-उच्च माध्यमिक स्कूलों में 30020 पदों पर बहाली की प्रक्रिया लम्बे समय से चल रही है. दोनों नियुक्तियों की अधिसूचनाएं 1 और 5 जुलाई 2019 को जारी हुई है. इस दौरान आधा दर्जन बार नियुक्ति के शिड्यूल जारी हुए, लेकिन विभिन्न कारणों से इसे अंजाम तक नहीं पहुंचाया जा सका.

दिव्यांगों की अपील पर हाईकोर्ट के आदेश पर अगस्त 2020 में नियोजन प्रक्रिया स्थगित की गई. इससे पूर्व बहाली के लिए सभी नियोजन इकाइयों द्वारा मेधा सूची बनायी जा चुकी थी. अब दिव्यांगों के नए आवेदन आने के बाद मेधा सूची पूरी तरह बदलनी पड़ेगी. शिक्षा विभाग प्राथमिक, मध्य, माध्यमिक और उच्च माध्यमिक स्तर पर सभी जिलों में दिव्यांगों के लिए आवंटित पद, उनके विरुद्ध कार्यरत दिव्यांग और उनके हिस्से के रिक्त पदों का ब्योरा जुटा चुका है।

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Chhapra: अखिल भारतीय विधार्थी परिषद, छपरा स्थानीय नगर कार्यालय में किया गया प्रेस कॉन्फ्रेंस
अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद बिहार प्रांत के द्वारा मिशन अंगरक्षक का कार्यक्रम चलाया जा रहा है जिसमें सारण जिला में 10,000 व्यक्ति को स्क्रीनिंग एवं ऑक्सीजन लेवल जांच किया गया है यह कार्यक्रम एक जून से 7 जून तक रहेगा इस कार्यक्रम के तहत हम लोग विद्यार्थी परिषद के कार्यकर्ता गांव-गांव में जाकर स्क्रीनिंग ऑक्सीजन लेवल एवं मार्क्स वितरण सैनिटाइजिंग का कार्यक्रम किया गया है.

अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद सारण जिला के कई प्रखंडों में काम चल रहा है छपरा सदर डोरीगंज सोनपुर एक्मा रिविलगंज इकाइयों में आरोग्य रक्षा मिशन चलाया जा रहा है हमारे कार्यकर्ता के द्वारा चलाया जा रहा है यह कार्यक्रम सहारानिय हैं अभी तक हम लोग 08 टोली का निर्माण कर चुके कार्यक्रम कर रहे हैं दिनांक 5 जून को अंतरराष्ट्रीय पर्यावरण दिवस है इस के उपलक्ष में हम लोग का मेगा कार्यक्रम प्रांत के द्वारा आदेश किया गया है इसमें सभी कार्यकर्ता तन मन से लगे हुए हैं

कोविड महामारी से बचाव व लोगों को वैक्सीन लगवाने के लिए समाज में जनजागरण करने हेतू एक अनोखा अभियान “मिशन आरोग्य रक्षक” के छपरा के डोरीगंज छपरा नगर एवं सोनपुर के समस्त इकाईयों में कार्यकर्ताओं के माध्यम से 50 ग्रामीण क्षेत्रों में जाकर करेगें। अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद एक देशभक्त छात्र संगठन है। आज जब हमारा देश भीषण महामारी से जूझ रहा है तब भी हमारे कार्यकर्ता निरंतर सेवा कार्य में संलग्न है। कोरोना एक अत्यंत संक्रामक महामारी है और ऐसे में हमारे कार्यकर्ता अपने स्वास्थ्य तथा जीवन पर संकट मोल लेकर लोगों की जान बचाने में तन-मन-धन से लगे हैं। सैनिटाइजेशन, मास्क वितरण, चिकित्सकीय परामर्श, दवा और रक्त ओर प्लाज्मा की व्यवस्था, तथा जन जागरूकता जैसे विविध कार्य अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद द्वारा किए जा रहे हैं।

शहरी क्षेत्रों से लेकर सुदूर ग्रामीण बावजूद मिशन आरोग्य रक्षक जैसे अभियान आरंभ करना वास्तव में इस महामारी से फैले लोगों के मन से डर निकाल कर समाज में एक सकारात्मक वातावरण तैयार करने व वैक्सीन को लेकर फैली तमाम अफवाहों को दूर करने में निश्चित ही सफलता हासिल करेगी। इस मिशन आरोग्य रक्षक का उद्देश्य है राष्ट्रीय सुरक्षा की तरह जन स्वास्थ्य के प्रति प्रतिबद्धता और जागरूकता है।


अभाविप के जिला प्रमुख जागो चौधरी ने कहा कि इसके अंतर्गत हमारे सभी कार्यकर्ता अपने-अपने क्षेत्रों में क्षेत्र विशेष की आवश्यकता के अनुरूप कार्य करेंगे तथा व्यापक जन-जागरण का प्रयास करेंगे। आज भी वैक्सीनेशन (टीकाकरण), सैनिटाइजेशन, जांच मास्क के समुचित उपयोग एवं कोरोना प्रोटोकॉल के प्रति उदासीनता दिखाई दे रही है। कुछ आधारभूत सुविधाओं जैसे ऑक्सीमीटर, थर्मामीटर, दवाई, ऑक्सीजन समय पर जांच व उपचार आदि की व्यवस्था तथा व्यापक जन जागरण के माध्यम से इस महामारी पर काफी हद तक नियंत्रण किया जा सकता है। मिशन आरोग्य रक्षक इन्हीं आधारभूत सुविधाओं को जनता तक पहुंचाने की प्रतिबद्धता और जन जागरण का हमारा प्रयास है। हम इस आपदा में आपके साथ खड़े हैं जहां जरूरत वहां विद्यार्थी परिषद

इस अभियान में रितेश प्रकाश, सूरज प्रकाश गुप्ता, बंशीधर, रवि पांडे नगर मंत्री सुजाता कुमारी अंजली कुमारी घनश्याम तिवारी, यशवंत कुमार, संतोष शंकर, रणवीर प्रताप सिंह, अमरदीप सिंह डोरीगंज नगर मंत्री पिकनिक कुमार, शौरभ सागर, मनीष कुमार, गौतम कुमार सोनू कुमार दीपक कुमार रोहित कुमार अविनाश कुमार राहुल कुमार आशीष कुमार उपाध्याय मुख्य रूप से सम्मिलित रहे।।

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नई दिल्ली: दिल्ली विश्वविद्यालय 15 जुलाई के आस-पास अपना दाखिला प्रक्रिया शुरु करने जा रहा है।

विश्वविद्यालय के कुलपति पीसी जोशी ने मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि दिल्ली विश्वविद्यालय 15 जुलाई के आसपास प्रवेश प्रक्रिया शुरू करेगा। जोशी ने कहा कि सभी बोर्डों (राज्य और सीबीएसई) के छात्रों को समान महत्व दिया जाएगा।

केंद्र सरकार ने टीईटी सर्टिफिकेट की वैधता को 7 वर्ष से बढ़ाकर आजीवन किया : पोखरियाल

उन्होंने कहा कि बोर्ड परीक्षा के नतीजे घोषित होते ही प्रवेश प्रक्रिया शुरू कर देंगे। उन्होंने साफ कहा कि दिल्ली विश्वविद्यालय मेरिट के आधार पर प्रवेश देता रहा है। वही नियम इस वर्ष भी जारी रहेगा।

उल्लेखनीय है कि दिल्ली विश्वविद्यालय में प्रवेश प्रकिया तो 15 जुलाई से शुरु हो जाएगी लेकिन कोरोना संक्रमण के कारण प्रक्रिया में अधिक समय लग सकता है और सत्र भी पिछले वर्ष के मुकाबले देरी से शुरु हो सकता है।

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नई दिल्ली: केंद्रीय शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल ‘निशंक’ ने घोषणा की कि सरकार ने शिक्षक पात्रता परीक्षा (टीईटी) योग्यता सर्टिफिकेट की वैधता अवधि को 7 वर्ष से बढ़ाकर आजीवन करने का निर्णय लिया है। पोखरियाल ने कहा कि शिक्षण क्षेत्र में करियर बनाने के इच्छुक उम्मीदवारों के लिए रोजगार के अवसर बढ़ाने की दिशा में यह एक सकारात्मक कदम होगा।

केंद्रीय शिक्षा मंत्री पोखरियाल ने गुरुवार को एक बयान जारी कर कहा कि सरकार ने 2011 से पूर्वव्यापी प्रभाव से शिक्षक पात्रता परीक्षा योग्यता प्रमाण पत्र की वैधता अवधि 7 वर्ष से बढ़ाकर आजीवन करने का निर्णय लिया है। उन्होंने कहा कि केंद्र शासित प्रदेश और संबंधित राज्य सरकारें उन उम्मीदवारों को नए टीईटी प्रमाण पत्र जारी करने के लिए आवश्यक कार्रवाई करेंगे जिनकी 7 वर्ष की अवधि पहले ही समाप्त हो चुकी है।

पोखरियाल ने कहा कि शिक्षण के क्षेत्र में करियर बनाने के इच्छुक उम्मीदवारों के लिए रोजगार के अवसर बढ़ाने की दिशा में यह एक सकारात्मक कदम होगा। शिक्षक पात्रता परीक्षा एक व्यक्ति के लिए स्कूलों में शिक्षक के रूप में नियुक्ति के लिए पात्र होने के लिए आवश्यक योग्यताओं में से एक है। राष्ट्रीय शिक्षक शिक्षा परिषद (एनसीटीई) के 11 फरवरी 2011 के दिशा-निर्देशों में कहा गया है कि टीईटी राज्य सरकारों द्वारा आयोजित की जाएगी और टीईटी प्रमाणपत्र की वैधता टीईटी पास करने की तारीख से 7 वर्ष होगी।

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-अभियंत्रण विश्वविद्यालय एवं चिकित्सा विश्वविद्यालय स्थापित होने से इंजीनियरिंग कॉलेजों एवं मेडिकल काॅलेजों का बेहतर ढंग से प्रबंधन हो सकेगा।

पटना:
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बुधवार को कहा कि राज्य के इंजीनियरिंग एवं मेडिकल कॉलेजों में नामांकन में न्यूनतम एक तिहाई सीट छात्राओं के लिए आरक्षित की जाएगी।

सीएम नीतीश ने कहा कि इससे छात्राओं की संख्या और बढ़ेगी।  इससे छात्रायें उच्च और तकनीकी शिक्षा की ओर और ज्यादा प्रेरित होंगी। उन्होंने कहा कि राज्य के सभी जिलों में इंजीनियरिंग कॉलेज खोले जा रहे हैं। कई मेडिकल काॅलेज भी खोले गये हैं। हमलोगों का उद्देश्य है कि इंजीनियरिंग एवं मेडिकल की पढ़ाई करने के लिए बिहार के बच्चे एवं बच्चियों को बाहर नहीं जाना पड़े।

इससे पहले वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से सीएम नीतीश को विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग की ओर से अभियंत्रण विश्वविद्यालय तथा चिकित्सा विश्वविद्यालय स्थापित करने के संबंध में प्रस्तावित विधेयक का प्रस्तुतीकरण दिया गया।

विज्ञान एवं प्रावैधिकी विभाग के सचिव लोकेश कुमार सिंह ने प्रस्तुतीकरण के माध्यम से ‘द बिहार इंजीनियरिंग यूनिवर्सिटी एक्ट-2021’ तथा ‘पावर एंड फंक्शन ऑफ यूनिवर्सिटिज, जुरिडिक्शन एवं अन्य प्रॉविजन’ के संबंध में विस्तृत जानकारी दी।

स्वास्थ्य विभाग के भी अपर मुख्य सचिव प्रत्यय अमृत ने प्रस्तुतीकरण के माध्यम से ‘बिहार यूनिवर्सिटी ऑफ हेल्थ साइसेंज’ तथा पावर एंड फंक्शन ऑफ यूनिवर्सिटिज, जुरिडिक्शन एवं अन्य प्रोविजन के संबंध में विस्तृत जानकारी दी।

प्रस्तुतीकरण अवलोकन के क्रम में मुख्यमंत्री ने कहा कि अभियंत्रण विश्वविद्यालय एवं चिकित्सा विश्वविद्यालय स्थापित होने से इंजीनियरिंग कॉलेजों एवं मेडिकल काॅलेजों का बेहतर ढंग से प्रबंधन हो सकेगा। साथ ही कॉलेजों में अध्यापन कार्य को बेहतर ढंग से नियंत्रित भी किया जा सकेगा।

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