Chhapra: जयप्रकाश विश्वविद्यालय के अतिथि सहायक प्राध्यापक संघ के तत्वावधान में एक बैठक आयोजित की गई. इस बैठक में सेवा के नवीनीकरण और ₹50000 प्रतिमाह मानदेय को लागू किए जाने के लिए अतिथि शिक्षक संघ के शिक्षकों ने राज्यपाल, कुलपति जयप्रकाश विश्वविद्यालय एवं कुलसचिव को धन्यवाद दिया.

बैठक में अध्यक्ष डॉ धर्मेंद्र कुमार सिंह ने कहा कि निश्चित तौर पर यह राज्यपाल की कृपा है कि हम लोगों के सेवा को ससमय नवीकृत कर दिया गया, साथ ही कुलपति और कुलसचिव ने ₹50000 प्रतिमाह मानदेय हम लोगों के वर्षों से संघर्ष के परिणाम को एक नया आयाम दिया है. निश्चित तौर पर यह बहुत बड़ा कार्य है जिसके लिए हम सभी अतिथि सहायक प्राध्यापक राज्यपाल, कुलपति और कुलसचिव को धन्यवाद देते हैं.

इस अवसर पर धन्यवाद प्रेषित करते हुए डॉ. सरोज कुमार सिंह ने कहा कि निश्चित तौर पर यह बहुत बड़ी बात है कि डाॅ. राजेन्द्र प्रसाद एवं जयप्रकाश नारायण की धरती पर शिक्षा से संबंधित कार्य को संपादित करने के लिए कुलपति और कुलसचिव ने सार्थक कदम उठाया है.

इस अवसर पर डॉ. इंद्रकांत बबलू, डॉ. हरिमोहन कुमार, डॉ. अमित कुमार यादव, डॉ. विकास कुमार सिंह, डॉ. मनोज कुमार पाण्डेय, डॉ. सूर्य देव, डॉ. नीतू सिंह, डॉ. रिजवान, डॉ. राजेश कुमार सिंह, डाॅ.मनीष कुमार सिंह, डाॅ अनवर अली अंसारी, मनीषा आदि उपस्थित थे.

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कोटा: नेशनल टेस्टिंग एजेंसी ने नीट यूजी-2021 की अधिसूचना मंगलवार को जारी कर दी। इसी के साथ आवेदन प्रक्रिया मंगलवार शाम से शुरू हो गई। यह प्रवेश परीक्षा ऑफलाइन मोड में 13 भाषाओं हिंदी, अंग्रेजी, असमी, बंगाली, गुजराती, कन्नड़, मलयालम, उड़िया, पंजाबी, तमिल, तेलुगु तथा उर्दू में होगी। इस वर्ष पंजाबी व मलयालम भाषा को भी जोडा गया है।

कॅरियर काउंसलर पारिजात मिश्रा ने बताया कि इस वर्ष स्टूडेंट्स को दो चरणों में आवेदन पत्र भरना होगा। पहले चरण में परीक्षार्थी की बेसिक सूचना, शैक्षणिक योग्यता, पता इत्यादि जानकारी देना है। दूसरे चरण के आवेदन पत्र भरने की तिथि बाद में जारी की जाएगी। स्टूडेंट्स को दो फोटो एक पासपोर्ट साइज व एक पोस्टकार्ड साइज, जिसमें चेहरा 80 प्रतिशत तक दिखाई देना चाहिए। फोटो में मास्क नहीं पहनना है तथा चेहरा स्पष्ट सामने की तरफ देखते हुए होना चाहिए। रंगीन चश्मा एवं टोपी वाले फोटो मान्य नहीं होंगे। बाएं हाथ के अंगूठे के निशान तथा हस्ताक्षर भी प्रथम चरण में अपलोड करने होंगे।

एनटीए द्वारा जारी नोटिफिकेशन के अनुसार आवेदन 13 जुलाई से 6 अगस्त रात तक लिए जाएंगे। फीस जमा करवाने की अंतिम तिथि 7 अगस्त तक होगी। 8 से 12 अगस्त के मध्य आवेदन पत्र में करेक्शन किए जा सकेंगे। परीक्षा केन्द्रों की घोषणा 20 अगस्त को की जाएगी। एनटीए वेबसाइट पर प्रवेश पत्र परीक्षा से 3 दिन पहले जारी होंगे। परीक्षा 12 सितम्बर को तीन घंटे की दोपहर 2 से 5 बजे के बीच होगी। यह परीक्षा देश के 198 शहरों में आयोजित की जाएगी। राजस्थान में यह परीक्षा 6 शहरों कोटा, जयपुर, जोधपुर, उदयपुर, अजमेर, बीकानेर में होगी। इस परीक्षा में 16 से 17 लाख स्टूडेंट्स शामिल होने की संभावना है। नीट में चयनित होने पर एमबीबीएस की करीब 84 हजार, बीडीएस की 28 हजार के साथ अन्य कोर्सेज की करीब डेढ़ लाख सीटों पर प्रवेश दिया जाएगा।

पेपर पैटर्न में मामूली बदलाव
इस वर्ष नीट-यूजी 2021 के पैटर्न में बदलाव किया गया है। इसके चारों विषयों के सेक्शन ए में 35 प्रश्न तथा सेक्शन बी में 15 प्रश्न होंगे। फिजिक्स, केमिस्ट्री, बॉटनी व जूलॉजी के 200 प्रश्नों का होगा, जिसमें से सेक्शन बी के 15 प्रश्नों में से कोई 10 करने होंगे। ऐसे में विद्यार्थी को 200 में से 180 प्रश्न हल करने होंगे। पेपर 720 अंकों का होगा। प्रत्येक प्रश्न 4 अंक का है तथा गलत प्रश्न होने पर 1 अंक का ऋणात्मक मूल्यांकन होगा। गत वर्ष की परीक्षा में सेक्शन ए व बी का विभाजन नहीं था। कुल 180 प्रश्न दिए जाते थे।

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बिहार विद्यालय समिति (BSEB) ने शैक्षणिक सत्र 2022-23 की 10वीं की वार्षिक परीक्षा के लिए रजिस्ट्रेशन की तिथि घोषित कर दी है. बिहार बोर्ड से संबद्ध स्कूलों में नौंवी कक्षा के छात्रों को वार्षिक परीक्षा के लिए रजिस्ट्रेशन करना है. बिहार बोर्ड ने इस संबंध में एक नोटिफिकेशन जारी किया है. इसके अनुसार, राज्य के माध्यमिक स्तर के शिक्षण संस्थानों में नौंवी में पढ़ रहे छात्र 31 जुलाई 2021 तक बिहार विद्यालय समिति की वेबसाइट Secondary.biharboardonline.com पर जाकर रजिस्ट्रेशन कर सकते हैं.

बिहार बोर्ड ने अपनी वेबसाइट पर रजिस्ट्रेशन फॉर्म उपलब्ध कराए हैं. इसे शिक्षण संस्थानों के प्रिंसिपल डाउनलोड करके छात्रों को उपलब्ध कराएंगे. भरे गए फॉर्म में दर्ज जानकारियों की जांच की जाएगी और फिर उसे स्कूल प्रिंसिपल ऑनलाइन भरेंगे. किसी छात्र ने फॉर्म भरने में गलती की तो उसे वह संशोधित कर सकेगा. जिसके आधार पर प्रिंसिपल ऑनलाइन करेक्शन कर सकेंगे.

नोटिफिकेशन में कहा गया है कि रजिस्ट्रेशन फीस का भुगतान ऑनलाइन या ई-चालान के माध्यम से या निफ्ट के जरिए किया जा सकता है. ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन फॉर्म भरने व शुल्क जमा करने में किसी प्रकार की असुविधा होने पर हेल्पलाइन नंबर- 0612- 2232074, 2232257 और 2232239 पर संपर्क किया जा सकता है.

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Chhapra: कोविड-19 कोरोनावायरस संक्रमण के प्रभाव कम होने के बाद बिहार सरकार के निर्देशानुसार शैक्षणिक संस्थानों को खोलने की अनुमति सशर्त दी गई है. शैक्षणिक संस्थान कोविड-19 पालन करते हुए 50 प्रतिशत की उपस्थिति के साथ खुल सकेंगे. अवंती क्लासेस द्वारा ऑफलाइन क्लासेस को लेकर सारी तैयारियां पूरी कर ली है. क्लास सैनिटाइजेशन से लेकर सोशल डिस्टेंसिंग का विशेष ध्यान रखा जा रहा है.

शिक्षक सौरव कुमार ने बताया कि कोविड-19 का पालन करते हुए क्लासेस ली जा रही है. 50 प्रतिशत की उपस्थिति में क्लासेस चल रही हैं. नए बच्चे जो 11th में एडमिशन लेना चाहते हैं उनके लिए एडमिशन की प्रक्रिया जारी है. वह ऑफिस आ कर एडमिशन ले सकते हैं.

उन्होंने कहा कि विशेष तौर पर IIT- JEE, NEET, NTSE, OLYMPIADS आदि विशेष तैयारियों की पढ़ाई शुरू हो चुकी है. अवंती क्लासेस के सभी शिक्षक वैक्सीनेटेड हैं. कोरोना संक्रमण के दौरान भी अवंती में ऑनलाइन के जरिए बच्चों को लगातार शिक्षा दी.

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जलालपुर: मिश्रवलिया मे मांझी विधानसभा क्षेत्र का पहला डिजिटल लाइब्रेरी पूर्वी धुन के महान सम्राट पंडित महेंद्र मिश्र की स्मृति में स्थापित होगा. उक्त बातें मांझी विधानसभा के विधायक डॉ सत्येंद्र यादव ने जलालपुर मिश्रवलिया में कही. वे पंडित महेंद्र मिश्र के नाम पर संचालित किए जाने वाले लाइब्रेरी का उद्घाटन कर रहे थे.

उन्होंने कहा कि पुस्तकालय का निर्माण करना एक सभ्य व स्वच्छ समाज का निर्माण करना है. पं महेंद्र मिश्र की जन्म स्थली मे उनके नाम पर शीघ्र ही भव्य डिजिटल लाइब्रेरी की स्थापना की जाएगी. इसका शिलान्यास व उद्घाटन वे स्वयं करेंगे.

उन्होने कहा कि विधायक बनने के बाद वे पहले लाईब्रेरी का उद्घाटन कर रहे हैं. उन्होंने लाइब्रेरी स्थापित करने वाले युवाओं शैलेंद्र साधु तथा उनकी टीम को बधाई दी. कार्यक्रम में उन्होंने 40 गणमान्यों को अंग वस्त्र देकर सम्मानित किया. स्वागत गीत राम जानकी संगीत महाविद्यालय के प्राचार्य विनोद मिश्र व तबला वादन प्रसिद्ध गायक चंदन सिंह मिंटू ने किया की.

कार्यक्रम की अध्यक्षता व संचालन प्रवीण त्रिपाठी ने किया. मौके पर राधेश्याम गुप्ता, रविंद्र मिश्रा, मोहन बाबा, शिबू मिश्रा चंदन त्रिपाठी, सुमन मिश्रा, अभिषेक मिश्रा, अभिषेक मिश्रा भीम, श्रवण कुमार, बाला कुमार मिश्रा, अजय मिश्रा, विनय मिश्रा, राजा अमन मिश्रा, विजय बाबा, कामरेड राधेश्याम मिश्रा सहित कई अन्य भी थे.

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Chhapra/ Isuapur: शिक्षक नियोजन के लिए जिला और प्रखंड स्तरीय नियोजन इकाई के तहत नियोजित किये जाने वाले शिक्षक अभ्यर्थियों की काउंसिलिंग प्रक्रिया पूर्ण होने के बाद पंचायत स्तरीय शिक्षक नियोजन को लेकर सोमवार को सभी प्रखंडों में पंचायतवार रिक्ति के अनुसार अभ्यर्थी काउंसिलिंग करायेगे. इसके लिए जिला पदाधिकारी के निर्देशानुसार जिला शिक्षा पदाधिकारी द्वारा सभी प्रखंडों में स्थल का चयन किया गया है.

उधर इसुआपुर में शिक्षक नियोजन के लिए अभ्यर्थियों के चयन को लेकर प्रखंड कार्यालय पर पंचायतवार काउंसिलिंग टेबल का निर्धारण करते हुए शिक्षकों की प्रतिनियुक्ति की गई है. शिक्षक अभ्यर्थी पंचायत के रिक्ति के अनुसार अपना काउंसिलिंग करायेगे.

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Chhapra: अखिल भारतीय विधार्थी परिषद के 73वें स्थापना दिवस व राष्ट्रीय छात्र दिवस पर नगर अध्यक्ष बबीता बर्धन व नगर मंत्री प्रशांत सिंह के द्वारा झंडोत्तोलन किया गया.

झंडोत्तोलन  के उपरांत एक संगोष्ठी का आयोजन किया गया। संगोष्ठी का विधिवत उद्घाटन अभाविप के राष्ट्रीय कार्यकारी परिषद सदस्य डाॅ.पूनम सिंह, नगर अध्यक्ष प्रा. बबीता बर्धन, उपाध्यक्ष डाॅ. अनुज, डाॅ. हरिकेन यादव व नगर मंत्री प्रशांत सिंह ने सम्मिलित रूप से दीप प्रज्वलित कर किया.
उद्घाटन उपरांत संगोष्ठी में उपस्थित सैकड़ो छात्रों को स्थापना दिवस कि शुभकामनाएं देते हुए डाॅ. पूनम सिंह ने अपने संबोधन में कहा कि अभाविप आज 73वां स्थापना दिवस मना रहा है जो यह हम जैसे कार्यकर्तओं के साथ-साथ पूर्व कार्यकर्ता भी उसी उत्साह ओर हर्ष के साथ जश्न मना रहा है. यह जश्न है राष्ट्र के प्रति अपने सकारात्मक समर्पण का, सत्ता नहीं अपितु समाज परिवर्तन का, छात्रों को एकजुट कर राष्ट्र के प्रति जिम्मेवार नागरिक बनाने का ओर देशविरोधी ताकतों, भष्टाचार के प्रति अवाज बुलंद करने का. आगे उन्होंने कहा कि अभाविप वर्तमान समय में कोरोना जैसे महामारी में जहां पूरी दुनिया त्रस्त थी वहीं अपने देश में भी फैली इस भयावह स्थिती में भी अभाविप के कार्यकर्ता घरों में न बैठकर जरूरतमंद लोगों के लिए जिस प्रकार से सेवा कार्य किया गया वह वास्तव में अतुलनीय है. कार्यकर्ता आगे भी “मन को पॉजिटिव ओर शरीर को कोरोना नेगेटिव” रख ऐसे सकारात्मक मंत्र के साथ बिहार के सभी जिलों में “मिशन आरोग्य रक्षक” अभियान को चलाकर समाज को निर्भीक बनाते हुए वैक्सीन के प्रति जागरूकता चलाना अपने आप में अनोखा कार्यक्रम है. ऐसे महामारी के समय में जिस प्रकार से नित्य-दिन अभाविप के कार्यकर्ताओं ने अपने समाज के प्रति जिम्मेवारी निभाई है इसे आने वाली पीढियों को प्रेरित करेगी.

वहीं अपने संबोधन में नगर अध्यक्ष प्रा. बबीता बर्धन ने कहा कि अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद् (एबीवीपी) भारत का एक ऐसा छात्र संगठन स्थापित हुआ, जो विश्व की प्राचीनतम सभ्यता व महान संस्कृति से प्रेरित होकर भारत को एक शक्तिमान, समृद्धिशाली एवं स्वाभिमानी राष्ट्र के रूप में पुननिर्मित कर उसे राष्ट्रमालिका में गरिमापूर्ण स्थान दिलाने के भव्य लक्ष्य से प्रतिबद्ध हुआ. अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद् ने राष्ट्रीय पुनर्निर्माण के व्यापक संदर्भ में कार्य करने का लक्ष्य सामने रखकर अखिल भारतीय छात्र संगठन के रूप में समाज जीवन के सभी क्षेत्रों में कार्य प्रारंभ किया. शिक्षा परिवार की सामूहिक अंतर्निहित शक्ति में विश्वास रखकर रचनात्मक कार्य में छात्रों के कर्तव्य का संयोजन करने वाला एवं दलगत राजनीति से ऊपर रहकर रचनात्मक दृष्टिकोण से सभी विषयों को देखने वाला यह छात्र संगठन देश को छात्रों के सम्मुख सर्वोपरि रखने का पक्षधर है. यही कारण था कि विद्यार्थी परिषद ने विगत कई वर्षों से अपने सारे कार्यक्रम आंदोलन, मांगों एवं सभी प्रकार की रचनात्मक गतिविधियों का संचालन निरंतर इसी दिशा में जारी रखा.

नगर मंत्री प्रशांत सिंह ने कहा कि इस वर्ष स्थापना दिवस के उपलक्ष्य पर वर्तमान परिदृश्य को ध्यान में रख मानव जीवन के कल्याण हेतू बिहार प्रदेश के अह्वान पर “मिशन आरोगय संजीवनी” अभियान के तहत सभी इकाईयों में 9 जुलाई से 15 जुलाई तक वृहद पैमाने पर पौधारोपण कर समाज को इससे जोड़कर पौधों का
संरक्षण किया जाएगा. इसके लिए स्थान भी चयनित किए गए है. इस पूरे कार्यक्रम का संचालन अभिषेक शर्मा ने किया. इस संगोष्ठी के उपरांत विभिन्न स्थानों पर पौधारोपण भी किया गया.

इस अवसर पर नगर उपाध्यक्ष डॉ अनुज कुमार सिंह, हरिकेश यादव, जिला संगठन मंत्री अभिमन्यु कुमार, नगर मंत्री प्रशांत कुमार सिंह, नगर सह मंत्री रविशंकर चौबे, नीरज कुमार यादव, निरंजन कुमार आदि उपस्थित थे.

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Chhapra: आर एस ए का 12 वॉ स्थापना दिवस कोरोना संक्रमण को देखते हुए वर्चुअल मोड में मनाया गया। जिसमें तीनों जिले के सभी महाविद्यालय के छात्र-छात्राएं, स्नातकोत्तर विभाग जयप्रकाश विश्वविद्यालय के छात्र छात्राएं हजारों ऑनलाइन से जुड़े हुए थे ।इस बार का स्थापना दिवस बहुत ही धूमधाम से मनाया गया। आर एस ए के प्रधान कार्यालय से छात्रा इकाई के पदाधिकारी दीप प्रज्वलित कर एवं केक काटकर एवं मंगलाचरण करते हुए कार्यक्रम का शुभारंभ कि।

प्रधान कार्यालय से शिवानी पांडे, नेहा सिंह , रिशु राज,जिया सिंह, पूनम कुमारी, स्नेह लता ,मुमताज ,पूर्णिमा आदि थी। कार्यक्रम का संचालन संगठन के संयोजक प्रमेंद्र सिंह कुशवाहा ने किया। कार्यक्रम की अध्यक्षता संगठन के संरक्षक मनीष पांडे मिंटू ने की कार्यक्रम में प्रमुख रूप से विवेक कुमार विजय, अर्पित राज गोलू,उज्ज्वल सिंह, गुलशन यादव , विशाल सिंह,रुपेश यादव ,भूषण सिंह ,विकास सिंह सेंगर, गोलू कुमार, सौरभ कुमार गोलू ,छोटू कुमार, प्रवीण कुमार ,अमरेश सिंह राजपूत, विवेक सिंह ,स्वाधीनता, मनीष सिंह, अभिषेक सिंह, चंदन कुमार चौहान, रुचि सिंह, सरफराज अली,नितेश पांडे,चंदन सिंह परमार,अमन प्रताप,कुंदन पासवान,अरमान खान , भानु प्रताप समेत सभी महाविद्यालय के अध्यक्ष एवं पदाधिकारी गण ऑनलाइन जुड़े हुए थे करीब 21 महाविद्यालय एवं स्नातकोत्तर विभाग से 1000 छात्र छात्राएं स्थापना दिवस में शामिल हुए छात्र नेताओं ने कहा कि 12 वर्ष के संघर्ष ऐतिहासिक है। संगठन ने स्थापना काल में ही कहा था कि भ्रष्टाचार से किसी से भी समझौता नहीं होगा। उसी पर आज तक हम लोग कायम है ।ठीक करेंगे चार काम प्रवेश पढ़ाई परीक्षा और परिणाम इसके लिए लगातार हम लोग संघर्ष कर रहे हैं ।वर्तमान जयप्रकाश विश्वविद्यालय प्रशासन पूरी तरह से भ्रष्टाचार में लिप्त है ।इसके खिलाफ बड़ी लड़ाई की तैयारी संगठन कर रहा है । स्थापना दिवस के अवसर पर संगोष्ठी में रखी गई थी जिसका विषय छात्रों के लिए डिजिटल शिक्षा कितना महत्वपूर्ण वक्ताओं ने कहा कि

आज सीखने-सिखाने की प्रक्रिया में PPT’s, विडिओ प्रेजेंटेशन्स, ई-लर्निंग तरीके, ऑनलाइन प्रशिक्षण और अन्य डिजिटल पद्धतियों के इस्तेमाल को महत्व दिया जा रहा है। इस वजह से कक्षा में सिखाना ज्यादा संवादात्मक (इन्टरेक्टिव) होती जा रही है।

वो दिन अब नहीं रहे, जब कक्षा में शिक्षा का मतलब किताबें पढ़ना, शिक्षकों का चीजें समझाने के लिए ब्लैकबोर्ड पर लिखना और छात्रों का नोट्स लिखना, इन्हीं चीजों तक सीमित था। टेक्नॉलॉजी यानी सिर्फ ऑनलाइन गेम्स खेलना और एनिमेटेड वीडियोज देखना नहीं है। शिक्षा प्रभावी करने के लिए बच्चे, पालक और शिक्षक टेक्नोलॉजी किस तरह इस्तेमाल करते हैं, इस बात पर उसके फायदे निर्भर करते हैं। जब टेक्नोलॉजी शैक्षिक उद्देश्यों के लिए अच्छी तरह इस्तेमाल की जाती है, तब शिक्षा का अनुभव ज्यादा असरदार होने में मदद मिलती है और छात्र उसमें ज्यादा शामिल होते हैं। आज सीखने-सिखाने की प्रक्रिया में PPTs, वीडियो प्रेजेंटेशन्स, ई-लर्निंग तरीके, ऑनलाइन प्रशिक्षण और अन्य डिजिटल पद्धतियों के इस्तेमाल को महत्व दिया जा रहा है। इस वजह से कक्षा में सिखाना ज्यादा संवादात्मक (इन्टरेक्टिव) होती जा रही है। बच्चों को बुनियादी (बेसिक), चुनौती (चैलेंजर) और तेजतर्रार (एक्सलरेटर) ऐसे तीन स्तरों पर सिखाना चाहिए। उन्हें गेम्स खेलने के बजाय ज्ञान पाने के लिए इंटरनेट का उपयोग करने के लिए बढ़ावा देना चाहिए। इन दिनों ऑनलाइन के जरिए बच्चे निजी तौर पर कई बातें सीख सकते हैं। उन्हें ऑनलाइन खतरों से बचते हुए अपनी शिक्षा, समझ और हुनर विकसित करते रहना चाहिए।
कार्यक्रम को धन्यवाद ज्ञापन राम जयपाल महाविद्यालय छात्र संघ के सचिव पूनम कुमारी ने की।

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नई दिल्ली: केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड ने 2021-22 सत्र की 10वीं और 12वीं की बोर्ड की परीक्षाओं के लिए विशेष मूल्यांकन योजना घोषित की. इसके तहत 2021 बैच के लिए बोर्ड परीक्षा दो अवधि में आयोजित की जाएगी, जिसमें प्रत्येक अवधि में 50 प्रतिशत सिलेबस होगा. मिली जानकारी के अनुसार, पहली अवधि की परीक्षाएं नवंबर-दिसंबर में आयोजित की जाएंगी और दूसरे टर्म के एग्जाम मार्च और अप्रैल में होंगे.

सीबीएसई ने एक आधिकारिक बयान में कहा कि शैक्षणिक सत्र 2021-22 के पाठ्यक्रम को विषय विशेषज्ञों द्वारा अवधारणाओं और विषयों के परस्पर संबंध को देखते हुए एक व्यवस्थित दृष्टिकोण का पालन करते हुए दो अवधि में विभाजित किया जाएगा. बोर्ड प्रत्येक सत्र के अंत में द्विभाजित पाठ्यक्रम के आधार पर परीक्षा आयोजित करेगा.

यह शैक्षणिक सत्र के अंत में बोर्ड द्वारा 10वीं और 12वीं की परीक्षा आयोजित करने की संभावना को बढ़ाने के लिए किया जाता है.

बताते चलें कि दिल्ली हाईकोर्ट में एक जनहित याचिका दायर की गई है, जिसमें CBSE और अन्य को 10वीं और 12वीं के छात्रों का परीक्षा शुल्क वापस करने का आदेश देने की मांग की गई है. कोरोना महामारी के चलते सीबीएसई की 10वीं और 12वीं की परीक्षाएं रद्द कर दी गईं. याचिका में छात्रों से वसूले गए परीक्षा शुल्क को वापस करने की मांग की गई है.

याचिका में कहा गया है कि परीक्षाएं रद्द होने की दिशा में छात्रों से 10वीं और 12वीं के परीक्षा शुल्क के रूप में एकत्र किए गए पैसे को रखना पूरी तरह अनुचित है. याचिका में यह भी कहा गया है कि एग्जाम फीस के रूप में CBSE को करोड़ों रुपये प्राप्त हुए हैं. याचिकाकर्ता ने कहा है कि जब परीक्षा रद्द करने से इसके मदों में कोई खर्च नहीं किया गया है तो केंद्र और सीबीएसई को परीक्षा शुल्क के रूप में ली गई रकम को वापस करना चाहिए.

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Chhapra: जयप्रकाश विश्विद्यालय के कुलपति प्रो फारूक अली पल्स पोलियो अभियान के अंतिम दिन अपने स्वयंसेवकों एवं स्वयंसेविकाओं का मनोबल बढाने पोलियो अभियान बूथ पर पहुंचे. उनके साथ समन्वयक, प्रोफेसर हरिश्चंद्र एवं अन्य पदाधिकारी मौजूद थे. कुलपति पोलियो अभियान में शामिल हुए और पोलियो ड्राप पिलाकर सबको प्रोत्साहित किया.

इस अवसर पर कुलानुशासक डॉ आर पी श्रीवास्तव, प्रो ए एम हाशमी, अध्यक्ष उर्दू विभाग, मंटू कुमार, अलीना अली, कार्यक्रम पदाधिकारी ,राष्ट्रीय सेवा योजना, जे पीएम महाविद्यालय, मकेसर पंडित, विवेक और प्रिया रानी आदि, NSS के स्वयंसेवक एवं स्वयंसेवकाऐं उपस्थित थे. कुलपति ने सभी स्वयंसेवको के सराहनीय काम की प्रशंसा की. 

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नई दिल्ली: केंद्रीय शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल ‘निशंक’ ने शुक्रवार को कहा कि केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) अगस्त में छात्रों के लिए बोर्ड परीक्षा आयोजित करेगा। ये परीक्षाएं उन छात्रों के लिए होंगी जो बोर्ड के मूल्यांकन फार्मूले से खुश नहीं हैं या सोचते हैं कि परिणाम में उन्हें दिए गए अंक कम हैं। उन्होंने विद्यार्थियों और उनके अभिभावकों को आश्वस्त किया कि बोर्ड के मूल्यांकन प्रणाली के तहत परीक्षार्थियों को उनकी योग्यता के अनुरूप परिणाम मिलेगा।
पोखरियाल ने सोशल मीडिया पर जारी अपने संबोधन में कहा कि सीबीएसई ने 12वीं की बोर्ड परीक्षाओं के मूल्यांकन और आंकलन पर व्यापक दिशा-निर्देश पहले ही जारी कर दिए हैं। उन्होंने विद्यार्थियों को आश्वासन दिया कि मूल्यांकन प्रणाली से तैयार परिणाम से असंतुष्ट होने पर विद्यार्थियों को अगस्त में जब भी स्थिति अनुकूल होगी, परीक्षा देने का विकल्प प्रदान किया जाएगा।
पोखरियाल ने छात्रों के स्वास्थ्य और सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए सीबीएसई की 12वीं कक्षा की परीक्षाओं को रद्द करने का निर्णय लेने के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और सीबीएसई के मूल्यांकन प्रस्ताव को मंजूरी प्रदान करने के लिए सुप्रीम कोर्ट का भी आभार व्यक्त किया। मंत्री ने दोहराया कि छात्रों की सुरक्षा, स्वास्थ्य और भविष्य सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है।
मंत्री ने पूर्व में छात्रों से सोशल मीडिया के माध्यम से उन्हें अपने प्रश्न भेजने के लिए कहा था, लेकिन आज उन्होंने छात्रों के प्रश्न नहीं लिए। छात्रों ने सबसे अधिक सवाल मूल्यांकन मानदंड और परीक्षा तिथियों को लेकर थे। जेईई मेन और एनईईटी के उम्मीदवारों ने भी अपनी परीक्षा के बारे में स्पष्टता मांगी थी।
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Chhapra: शिक्षक नेता विश्वजीत सिंह चंदेल ने बिहार के माननीय मुख्यमंत्री एवं शिक्षा मंत्री को पत्र भेजकर मांग की है कि विभागीय संकल्प ज्ञापक 1157 दिनांक 29/8/2020 के माध्यम से राज्य सरकार पंचायती राज्य संस्थानों एवं नगर निकाय संस्थानों के अंतर्गत कार्यरत सभी शिक्षकों एवं पुस्तकालय अध्यक्ष को 1 अप्रैल 2021 की तिथि से 15% वेतन वृद्धि की अनुमान्यता दी है.

इस संबंध में विभागीय संकल्प 1157 दिनांक 29/8/ 2020 के कंडिका 6 के माध्यम से यह स्पष्ट किया गया है कि पंचायत राज्य संस्थानो एवं निकायों संस्थानों अंतर्गत कार्यरत शिक्षकों एवं पुस्तकालय अध्यक्ष के वर्तमान वेतन संरचना में सुधार करने के उद्देश से 1 अप्रैल 2021 को दे वेतन में 15% की वृद्धि करने का निर्णय लिया गया. वृद्धित दर से वेतन निर्धारण हेतु वित्त विभाग के परामर्श से प्रसासी विभाग द्वारा विस्तृत दिशानिर्देश अलग से निर्गत किया जाएगा. प्रारंभिक, मध्य विद्यालय, उच्च विद्यालय एवं उच्चतर माध्यमिक विद्यालय कार्यरत शिक्षकों एवं पुस्तकालयाध्यक्ष के वर्तमान वेतन सरंचनाओं में 1 अप्रैल 2021 को देय मूल वेतन में 15% वृद्धि करने का निर्णय लिया गया है. इसके क्रियान्वयन के संबंध में विभाग के स्तर से औपचारिक आदेश निर्गत किए जाने तक पूर्व में निर्धारित वेतन संरचना से ही वेतन दे होगा। इन शिक्षकों की वेतन वृद्धि हेतु लिए गए निर्णय की अधिसूचना जारी किए जाने के 9 माह बाद भी विभागीय स्तर से औपचारिक आदेश निर्देश जारी नहीं किया जा सका है कि जिस कारण शिक्षकों को उनका विर्द्धित वेतन नहीं मिल पा रहा है.

इस संबंध में विस्तृत दिशा-निर्देश जारी करने की मांग को लेकर इसके पहले भी पत्र के माध्यम से पूर्व में भी अनुरोध किया गया था. किंतु उस पर कोई कार्रवाई नहीं की जा सकी. विभिन्न माध्यमों से जानकारी प्राप्त हो रही है कि इससे संबंधित प्रस्ताव शिक्षा विभाग द्वारा वित्त विभाग को भेजा जा चुका है. वित्त विभाग के स्तर पर कार्रवाई लंबित है. कारोना संक्रमण काल को लेकर जनवरी 2020 से अब तक शिक्षकों के महंगाई भत्ते में दी जाने जाने वाली विर्द्धि रुकी हुई है. इस कारण शिक्षकों को प्रत्येक महीने हजारों रुपए की क्षति हो रही है. महंगाई भत्ता और विर्द्धित वेतन की राशि अधिक हो जाने पर एरियर के रूप में उसको भुगतान में काफी परेशानी होगी. इसलिये 1 अप्रैल 2021 के प्रभाव से दे प्रस्तावित वेतन वृद्धि के संबंध में विस्तृत दिशा निर्देश यथा शीघ्र जारी किया जाय।
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