Chhapra: छपरा सेंट्रल स्कूल में दो दिवसीय सांस्कृतिक कार्यक्रम का उद्घाटन एसएस एकेडमी की प्राचार्य कुंदन सिंह के द्वारा दीप प्रज्जवलित कर किया गया. इस अवसर पर शहर के गणमान्य लोग उपस्थित थे.

विदित हो कि यह वार्षिकोत्सव 20 और 21 तक चलेगा. अतिथियों का स्वागत करते हुए प्राचार्य संतोष कुमार ने कहा कि आप सभी अतिथियों को यहां देख कर मुझे गर्व की अनुभूति हो रही है मैं आपके सहयोग से अभिभूत हूँ. आप बच्चों के हौसला अफजाई के लिए यहां उपस्थित हुए हैं. इसके लिए मैं दिल से आभार प्रकट करता हूं.

डॉ आरसी पांडेय ने अपने संबोधन में बच्चों को मेहनत और लगन से कार्य करने की अपील की. वही कांति पांडे ने कहा कि आप ही कल के भारत हैं. आपसे भारत एक नई ऊंचाई को छू लेगा. कार्यक्रम की मुख्य अतिथि कुंदन सिंह ने बच्चों को इमानदारी और कर्तव्यनिष्ठा से अपने अपने कार्यों को बखूबी करने को कहा. उन्होंने अपने संबोधन में बच्चों को देश का भविष्य बताया.

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Chhapra: भारतीयता को ध्यान में रखकर नई शिक्षा नीति बनाई गई है. ऐसा पहली बार हुआ है कि देश में इस तरह की शिक्षा नीति लागू हो रही है. उक्त बातें शिक्षा संस्कृति उत्थान न्यास समिति के राष्ट्रीय सचिव अतुल भाई कोठारी ने प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन के तत्वावधान में हेजलवुड स्कूल में आयोजित सेमिनार को संबोधित करते हुए कही.

उन्होंने कहा कि शिक्षा नीति अभी ड्रॉफ्ट मोड पर है. 3 दिसंबर तक सुझाव इसमें मांगे गए हैं. उन्होंने स्कूल संचालक से अपने सुझाव सरकार को भेजने को कहा. उन्होंने कहा कि इसमें विशेषताएं में बहुत ज्यादा है. लेकिन कमियां भी कुछ है. इसे दूर करने के लिए सरकार से मांग की जाएगी.

इस सेमिनार में जिले भर के प्राइवेट स्कूल के संचालकों ने अपनी अपनी बातें रखी. कार्यक्रम का शुभारंभ मुख्य अतिथि के साथ पीबी सिंह, पूर्व प्राचार्य अरुण सिंह, सीपीएस निदेशक हरेंद्र सिंह, सन्त जोसेफ के सचिव डॉ देव सिंह, पूर्व प्राचार्य रामदयाल शर्मा तथा हेजलवुड निदेशक बी सिद्धार्थ ने दीप प्रज्जवलित करके किया.

प्राइवेट स्कूलों का स्वामित्व खत्म करना चाहती है सरकार: सीमा सिंह
इस दौरान सेमिनार को सम्बोधित करते हुए प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन की अध्यक्ष सीमा सिंह ने कहा कि नई शिक्षा नीति में बहुत सारी खामियां हैं. इसका बुरा असर प्राइवेट स्कूलों पर पड़ेगा. उन्होंने सरकार के स्कूल मैनेजिंग कमिटी पर सवाल उठाते हुए कहा कि स्कूल हमारा और इसका संचालन बाहरी बॉडी के हाथों में दिया जा रहा है, जो कि बिल्कुल गलत है. नई शिक्षा नीति एसएमसी में स्कूल का एक भी सदस्य कोई नहीं होगा इससे कोई और हमारे स्कूल को मैनेज करेगा. बाहर के लोग स्कूल चलाएंगे. बाहरी लोग स्कूलों को समस्या नहीं समझ सकते. उन्होंने कहा कि सरकार शिक्षा खराब कर रही है.

प्राइवेट स्कूल के संचालन में हस्तक्षेप न करे सरकार
महासचिव हरेंद्र सिंह ने कहा कि इस नीति पर सरकार को पुनः विचार करना चाहिए. अगर यह नीति लागू हुई तो प्राइवेट स्कूलों के स्वामित्व पर खतरा मंडरा जाएगा. वही सीपीएस के मैनेजर विकास सिंह ने कहा कि नयी शिक्षा नीति में बाहरी लोग स्कूल के व्यवस्था में हस्तक्षेप कर सकेंगे जो कि उचित नहीं है.

सेमिनार को संबोधित करते हुए सन्त जोसेफ अकादमी के सचिव देव कुमार सिंह ने कहा कि शिक्षा नीति में बहुत सारी कमियां हैं सरकार ने 2014 में गरीब बच्चों को प्राइवेट स्कूल में पढ़ने के लिए भेजा था. आज तक सरकार ने उसका पेमेंट नहीं किया. सरकार अपने सरकारी स्कूलों को मैनेज नहीं कर पा रही है. अब प्राइवेट स्कूलों के लिए नीति निर्धारित की जा रही है. शिक्षा सिर्फ प्राइवेट स्कूलों में बची है. सरकारी स्कूलों के हाल से सभी परिचित हैं. उन्होंने कहा कि सरकार प्राइवेट स्कूलों के संचालन में हस्तक्षेप ना करें तो ज्यादा बेहतर है.

इस अवसर पर जिले के निजी विद्यालयों के संचालक और उनके प्रतिनिधि मौजूद थे.

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Chhapra: ऑल इंडिया स्टूडेंट्स फेडरेशन (AISF) सारण जिला इकाई के एक पांच सदस्यीय दल जेपीयू के कॉलेजों में स्नातक प्रथम वर्ष (सत्र-2019-22) में बचे हुए सीटों पर स्पॉट नामांकन करने, मेरिट लिस्ट में हुई गड़बड़ी को दूर करने, आदि मांगों को लेकर जेपीयू कैम्पस में पिछले पांच दिनों से अनशन पर बैठे, अनशनकारी छात्र नेताओं से मुलाकात कर उनका स्वास्थ्य की जानकारी ली और अपने संगठन का नैतिक समर्थन दिया.

अनशनकारी छात्रों के बीच जाकर उन्हें संबोधित करते हुए जिला सचिव राहुल कुमार यादव ने कहा कि विश्वविद्यालय एवं कॉलेजों के अंदर पढ़ाई का वातावरण पूरी तरह समाप्त होती जा रही है. विश्वविद्यालय प्रशासन के गलत नीतियों, हठधर्मिता के कारण शिक्षा स्थली लड़ाई का अखाड़ा बनते जा रहा है. विश्वविद्यालय कुलपति के छात्र विरोधी रवैया के कारण पहले हीं सैकड़ों छात्रों की भविष्य बर्बाद हो चुकी है, वहीं अब भी हजारों छात्रों की भविष्य अंधकार में होने के कगार पर है.

उन्होंने कहा कि हम कुलपति से मांग करते हैं कि स्नातक प्रथम वर्ष में बचे हुए सीटों पर जल्द ऑन द स्पॉट नामांकन लेना सुनिश्चित करें.

संगठन के जिलाध्यक्ष राजीव कुमार ने कहा कि छात्रहितों के मुद्दे पर अनशनकारी छात्रों को किसी भी परिस्थिति में हमलोग हर संभव मदद देने के लिए तैयार हैं. छात्रों की मांगों पर जल्द विचार कर उन्हें पूरी नहीं की गई तो हम सभी छात्र संगठनों के लोग मिलकर उग्र आंदोलन करेंगे.

अनशनकारी छात्रों के समर्थन में पहुंचे पांच सदस्यीय दल में जिला सचिव राहुल कुमार यादव, जिलाध्यक्ष राजीव कुमार, उपाध्यक्ष अविनाश उपाध्याय, प्रकाश कुमार, गुड्डू कुमार यादव थे.

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Chhapra: प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन सारण के तत्वावधान में शहर के हेजलवुड स्कूल में एसोसिएशन की कोर कमेटी की बैठक आयोजित की गई. इस बैठक में नई शिक्षा नीति के ऊपर चर्चा की गई. इसके बाद कोर कमिटी के सदस्यों ने 19 अक्टूबर को नई शिक्षा नीति पर सेमिनार कराने का निर्णय लिया. इस सेमिनार में नई शिक्षा नीति के ऊपर चर्चा की जाएगी. साथ ही साथ इसके विभिन्न बिंदुओं पर विशेष रूप से सभी स्कूल अपनी अपनी बात रखेंगे.

इस कार्यक्रम के मुख्य अतिथि शिक्षा उत्थान न्यास समिति के राष्ट्रीय सचिव अतुल भाई कोठारी होंगे. साथ ही विद्वत परिषद् के बिहार झारखण्ड प्रभारी रामदयाल शर्मा मौजूद रहेंगे. 

इस कार्यक्रम में जिला भर के स्कूल के प्राचार्य संचालक शामिल होकर शिक्षा नीति के प्रति अपने विचार रखेंगे वह इसकी कमियों को दूर करने के लिए मांग रखेंगे. कोर समिति की बैठक में एसोसिएशन के अध्यक्ष सीमा सिंह, सेंट जोसेफ अकादमी के सचिव डॉ देव कुमार सिंह, आरडीएस के निदेशक जगदीश सिंह, सीपीएस निदेशक हरेंद्र सिंह, हैजलवुड स्कूल के निदेशक बी सिद्धार्थ उपस्थित थे.

नई शिक्षा नीति से निजी विद्यालय के स्वायत्तता पर खतरा: डॉ देव सिंह

सेमिनार को लेकर सेंट जोसेफ एकेडमी के निदेशक देव कुमार सिंह ने कहा कि नई शिक्षा नीति से निजी विद्यालय के स्वायत्तता पर खतरा है. इस सेमिनार के माध्यम से सरकार से मांग की जाएगी कि निजी विद्यालयों की स्वायत्तता कायम रहे. क्योंकि वर्तमान में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा में निजी विद्यालयों का बड़ा योगदान है. उन्होंने अभिभावकों से भी अपील की कि वे नई शिक्षा नीति पढ़ें और समझें , किस प्रकार यह विद्यालयों से गुणवत्तापूर्ण शिक्षा को खत्म करेगी. उनके बच्चों में आवश्यक प्रतिभा का विकास बाधित होगा क्योंकि स्कूल का प्रभावी नियंत्रण शैक्षणिक वातावरण पर नहीं रह जाएगा.

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Chhapra: अखिल भारतीय विधार्थी परिषद् के जय प्रकाश विश्वविद्यालय इकाई द्वारा विशवविद्यालय के विभिन्न समस्याओं को लेकर छात्र संघ अध्यक्ष ने कहा कि स्नातक प्रथम खंड सत्र- 2019-20 में नामांकन कि प्रक्रिया विश्वविद्यालय द्वारा बंद किया गया. लेकिन अभाविप के लगतार प्रदर्शन एवं संघर्ष के आगे विश्वविद्यालय प्रशासन को झुकना पड़ा और बंद नामांकन शुरू किया.

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उन्होंने विश्वविद्यालय से आवेदन करने वाले सभी छात्रों का नामांकन सुनिश्चित करने की मांग की. साथ ही कहा कि ऐसा नहीं होने पर विश्वविद्यालय प्रशासन के खिलाफ आंदोलन जारी रहेगा. अभाविप सारण प्रमंडल के किसी भी छात्र को उच्च शिक्षा से वंचित नहीं होने देगा इसके लिए अभाविप हर संभव संघर्ष करेगा.

वहीं जिला संगठन मंत्री अभिमन्यु कुमार ने कहा कि पिछले वर्ष स्नातक के नामांकन में जो प्रक्रिया BSEB द्वारा अपनाई गई और स्पोर्ट प्रक्रिया के आधार पर नामांकन लिया गया ठीक उसी तर्ज पर आवेदन किए गए सभी विधार्थियों का नामांकन लिया जाए. राज्य सरकार द्वारा भी प्रस्तावित है कि किसी भी छात्र-छात्राओं को उच्च शिक्षा से वंचित नहीं रखा जाएगा. लेकिन विशवविद्यालय प्रशासन द्वारा उच्च शिक्षा से वंचित रखा जा रहा है. जो विधार्थी परिषद इस मुद्दों को कतई बर्दाश्त नहीं करेगी. जानकारी जिला संयोजक बंशीधर कुमार ने दी.

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डॉ कलाम जन्मदिवस से ब्लिस प्रतिभा सम्मान का हुआ आयोजन

Chhapra: छपरा के प्रतिष्ठित कोचिंग शिक्षण संस्थान ब्लिस अकैडमीया द्वारा मंगलवार को डॉ एपीजे अब्दुल कलाम जन्मदिवस सह ब्लिस अकेडेमिया प्रतिभा सम्मान समारोह का आयोजन किया गया. जिसमें संस्थान के प्रतिभाशाली बच्चों को सम्मानित कराया गया. कार्यक्रम का शुभारंभ जेपीयू कुलपति हरकेश सिंह, एसडीएस कॉलेज के पूर्व प्राचार्य अरुण कुमार सिंह द्वारा संयुक्त रूप से दीप प्रज्वलित करके किया. कार्यक्रम के दौरान संस्थान ने अपने बेहतरीन छात्रों को सम्मानित किया.

इस मौके पर 11वीं के टेस्ट में सफल 20 छात्रों को कुलपति हरकेश सिंह और प्राचार्य अरुण कुमार सिंह ने सम्मानित किया. वहीं 12वीं के टेस्ट में पास हुए टॉप 5 छात्रों को सभी अतिथियों ने अलग-अलग अतिथियों ने सम्मानित किया.

उज्ज्वल को मिला ब्लिस प्रतिभा सम्मान अवार्ड

इस दौरान मुख्य ब्लिस प्रतिभा सम्माम अवार्ड उज्ज्वल सिंह को मिला, वहीं 12 वीं में सैयद अली रिजवी, विश्वजीत पांडेय, परवीन पांडेय , अर्जुन कुमार व प्रशांत कुमार को टॉप 5 अवार्ड मिला. वहीं 11 वीं से शाहिद हुसैन, नीतीश गोस्वामी, कुंदन कुमार, मौसमी किरण और उदय कुमार पांडेय समेत टॉप 20 बच्चों सम्मान मिला. इस दौरान उनके अभिभावकों को भी मंच पर सम्मानित होने का अवसर मिला. कार्यक्रम में मंच का संचालन रंजन श्रीवास्तव ने किया. इसके अलावें शहर के नामचीन कवियों व शायरों ने अपने अपने प्रस्तुति से दिल जीत लिया.इस कार्यक्रम के दौरान शहर के विभिन्न शिक्षण संस्थानों के शिक्षक व निदेशक मौजूद थे. जिसमें ब्लिस एकेडमी के निदेशक पंकज सिंह के साथ नीरज सिंह, मंजय कुमार, विकी आनंद मनोज वर्मा, रिपुसूदन सर के साथ तमाम लोग मौजूद थे.

इस मौके पर संस्थान के छात्रों को संबोधित करते हुए जब कुलपति हरिकेश सिंह ने कहा कि सभी छात्रों को देश के पूर्व राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम की लिखी हुई किताबों को पढ़ना चाहिए हर 3 महीने पर छात्रों को कलाम साहब की किताबें जरूर पढ़नी चाहिए.उन्होंने छात्रों से सहज व साधारण जीवन जीने की बात कही.

वहीं छात्रों को संबोधित करते हुए एसडीएस के पूर्व प्राचार्य अरुण कुमार सिंह ने कहा कि छात्रों को अपने लक्ष्य पर केंद्रित होकर पढ़ाई करनी चाहिए. उन्होंने शायराना अंदाज में छात्रों को सम्बोधित करते हुए कहा कि कुछ तो लोग कहेंगे लोगों का काम है कहना, छात्र अपने लक्ष्य की तरफ केंद्रित रहें.

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Chhapra: इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मुक्त विश्वविद्यालय नगरपालिका चौक स्थित अध्ययन केंद्र द्वारा छात्र परिचय समारोह का आयोजन रविवार को किया गया. परिचय समारोह के मुख्य अतिथि इग्नू के क्षेत्रीय निदेशक डॉ अभिलाष नायक एवं विशिष्ट अतिथि के रूप में इग्नू के सहायक क्षेत्रीय निदेशक आसिफ इकबाल थे.

इस अवसर पर क्षेत्रीय निदेशक डॉ अभिलाष ने छात्रों को संबोधित करते हुए कहा कि इग्नू की स्थापना एक्ट ऑफ पार्लियामेंट द्वारा वर्ष 1985 में छात्रों को दुरस्त एवं गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करने के लिगए की गयी थी. भारत समेत 19 देशों में इग्नू के अध्ययन केंद्र की स्थापना की गयी है. जिसमें 240 पाठ्यक्रम में लगभग 32 लाख छात्र-छात्राएं नामांकित हैं. इग्नू एक केंद्रीय विश्वविद्यालय हैं यहां से डिग्री प्राप्त कर चुके छात्र सरकारी एवं गैर सरकारी संस्थान में कार्यरत हैं.

इस अवसर पर विशिष्ट अतिथि डॉ आसिफ इकबाल ने कहां की दूरस्थ शिक्षा सभी वर्ग खासकर जो आर्थिक रूप से कमजोर हैं उनके लिए वरदान साबित हो रही है. जो छात्र अनुसूचित जाति एवं जनजाति वर्ग है से हैं उनका नामांकन एवं उनकी पढ़ाई इस केंद्र में निशुल्क करायी जाती है. कार्यक्रम को संबोधित करते हुए अध्ययन केंद्र के कार्यक्रम प्रभारी इ. सुनील कुमार ने कहा कि छपरा,सीवान एवं गोपालगंज जिले का यह एकमात्र केंद्र है जहां बीसीए सीआईटी, सी आईटीएसके आदि की पढ़ाई होती है.

इस केंद्र के पास अनुभवी शिक्षकों की टीम है जो तकनीकी शिक्षा के मापदंड पर खरे उतरते हैं. उन्होंने कहा कि आज इग्नू की पहचान विश्वस्तरीय है. इग्नू के माध्यम से प्रमाण पत्र मिलना छात्रों के लिये गर्व का विषय है.

 

परिचय समारोह में अध्ययन केंद्र के प्रबंधक रणधीर कुमार सिंह, वरिष्ठ शिक्षक अजीत कुमार, मुकेश कुमार ब्याहुत, जय प्रकाश गिरी, डॉ अशोक कुमार सिंह, विजय कुमार, सुजीत कुमार, सतीश कुमार सिंह, सरवर अंसारी एवं इग्नू के विभिन्न कोर्स में नये सत्र में नामांकित छात्र छात्राएं मौजूद थे.

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Chhapra: जिलाधिकारी सुब्रत कुमार सेन के द्वारा पुलिस अधीक्षक हर किशोर राय के साथ समाहरणालय सभागार में संयुक्त ब्रिफ्रिंग करते हुए कहा गया कि बिहार लोक सेवा आयोग की 65 वीं संयुक्त (प्रारम्भिक) प्रतियोगिता परीक्षा दिनांक 15.10.2019 को छपरा के 33 परीक्षा केन्द्रों पर दिन के 12 बजे से 2 बजे तक एकल पाली में सम्पन्न करायी जाएगी.

जिसमें कुल 17 हजार परीक्षार्थी सम्मिलित होंगे. इस ब्रीफिग में परीक्षा को सफलता पूर्वक सम्पन्न कराने हेतु प्रतिनियुक्त सभी दण्डाधिकारी, पुलिस पदाधिकारी, केन्द्राधीक्षक उपस्थित थे. जिलाधिकारी ने कहा कि हर हाल परीक्षा को शांतिपूर्ण माहौल में स्वच्छ एवं कदाचार मुक्त सम्पन्न कराना है. इसके लिए प्रत्येक केन्द्र पर स्टैटिक दण्डाधिकारी, प्रेक्षक एवं पुलिस पदाधिकारी की प्रतिनियुक्ति की गयी है. अनुमण्डल पदाधिकारी सदर के द्वारा परीक्षा कक्ष में सभी परीक्षार्थियों के वीडियोग्रफी कराने की व्यवस्था करायी गयी है.

उन्होने कहा कि परीक्षा 12 बजे से प्रारम्भ होगी परन्तु परीक्षार्थियों को परीक्षा केन्द्र के अंदर प्रवेश एक घंटे पूर्व से ही कराया जाएगा. केन्द्र के अंदर प्रवेश के समय प्रवेश द्वार पर सभी परीक्षार्थी की जाँच की जएगी. महिला परीक्षार्थियों की जाँच के लिए घेरा वाला स्थान बनाने का निदेश दिया गया. कोई परीक्षार्थी मोबाइल फोन, ब्लूटूथ, पेजर, इलेक्टो्रनिक डिभाईस या अन्य आपत्तिजनक समान लेकर केन्द्र के अंदर प्रवेश नहीं करेगो यहाँ तक कि वीक्षक, पुलिस बल, एवं पदाधिकारी भी मोवाइल नहीं रखेंगे. केन्द्राधीक्षक के पास साधारण मोबाइल सेट रहेगा जो एण्ड्रोवायट सेट नहीं हो.

जिलाधिकारी के द्वारा कहा गया कि केन्द्र पर प्रतिनियुक्त अधिकारी अपने स्थान पर तब तक बने रहेंगे जब तक कि परीक्षार्थी परीक्षा समाप्त हो जाने के वाद केन्द्र खाली न कर दें. परीक्षा प्रारम्भ होने के बाद किसी परीक्षार्थी को केन्द्र के अंदर प्रवेश नहीं कराना है. जिलाधिकारी के द्वारा इस अवसर पर यातायात को सुचारू बनाये रखने का निदेश भी पुलिस पदाधिकारीयों को दिया गया.

जिलाधिकारी के निदेश के आलोक में सदर अनुमण्डल पदाधिकारी के द्वारा दण्ड प्रक्रिया संहिता की धारा 144 के अन्तर्गत परीक्षा के दिन परीक्षा केन्द्र के 500 गज के दायरे में निषेधाज्ञा लागू की गयी है. इस परीक्षा के अवसर पर अनुमंडल कार्यालय, सदर, छपरा के परिसर में जिला नियंत्रण कक्ष की स्थापना की गयी है जिसका दूरभाष संख्या-016152-242444 है. यह नियंत्रण कक्ष 10 बजे पूर्वाह्न से आरम्भ होकर 5 बजे अपराह्न तक खुला एवं कार्यरत रहेगा. जिस पर कोई सूचना दी जा सकती है. इस अवसर पर जिलाधिकारी एवं पुलिस अधीक्षक के साथ उपविकास आयुक्त, अपर समाहर्ता, सदर एसडीओ, सहित सभी संबंधित पदाधिकारी, पुलिस पदाधिकारी एसडीपीओ उपस्थित थे.

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Chhapra : जूता – मौजा एवं फुलबांह का शर्ट पहनकर अगली बीपीएससी की परीक्षा में परीक्षार्थी बैठकर परीक्षा नही दे पाएंगे. ऐसे परीक्षार्थियों के केंद्र में प्रवेश पर सीधे रोक है.

मंगलवार को शहर के 33 केंद्रों पर बीपीएससी की परीक्षा का आयोजन किया जा रहा है. द्वितीय पाली यानी दोपहर 12 बजे से लेकर 2 बजे तक आयोजित की जाएगी.शहर के 33 केंद्रों पर बिहार लोक सेवा आयोग की 65 वीं प्रारंभिक परीक्षा के आयोजन को लेकर जिला शिक्षा पदाधिकारी के अजय कुमार सिंह द्वारा सभी केद्राधीक्षकों की बैठक कर उन्हें आवश्यक दिशा निर्देश दिए जा चुके है.शहर के 33 केंद्रों पर 17 हजार परीक्षार्थी बीपीएससी की परीक्षा में शामिल होंगे.

डीईओ ने केंद्राधीक्षकों को परीक्षा केंद्रों पर सीएस एवं वीक्षक को भी मोबाइल लेकर नहीं आने, परीक्षार्थियों को एक बेंच पर दो परीक्षार्थियों को बैठाने, वीक्षक से लेकर परीक्षा में लगे सभी कर्मियों को अनिवार्य रूप से आईकार्ड लगाकर रखने का निर्देश दिया है.

डीईओ के निर्देश पर परीक्षा केंद्र पर इलेक्ट्रॉनिक गैजेट पूरी तरह से प्रतिबंधित होगा. वही परीक्षा केंद्र पर जैमर लगाया जाएगा. इसके साथ ही परीक्षार्थियों को एक घंटा पहले केंद्र पर प्रवेश करना होगा. परीक्षार्थियों की प्रवेश पत्र के साथ ही वीडियोग्राफी कराई जाएगी.

साथ ही साथ जूता – मौजा एवं फुलबांह के शर्ट पहनकर केंद्र पर आने पर रोक है.

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Chhapra: लोकनायक जयप्रकाश नारायण की जयंती के अवसर पर जयप्रकाश विश्वविद्यालय में कुलपति हरिकेश सिंह की अध्यक्षता में जयंती कार्यक्रम का आयोजन हुआ.

इस अवसर पर वक्ताओं ने लोकनायक जयप्रकाश नारायण के जीवन के महत्व के बिंदुओं पर विचार विमर्श किया. जेपी के क्रांति के स्वरूप, सामाजिक, आर्थिक, राजनीतिक, नैतिक एवम सांस्कृतिक क्रांति की व्याख्या अपने अपने स्तर से डॉ दिनेन्द्र कुमार सिन्हा, प्रो ए डी मशीह समेत शिक्षकों ने किया.

इस अवसर पर कुलपति ने लोकनायक को महान क्रांतिकारी बताते हुए कहा कि आज उनके आदर्शों और मूल्यों को आत्मसात करने की जरुरत है.

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Chhapra: बिहार शिक्षा मंच के संयोजक तथा सारण शिक्षक निर्वाचन क्षेत्र के जुझारू एव भावी प्रत्याशी प्रो रणजीत कुमार ने बिहार विद्यालय परीक्षा समिति द्वारा अचानक बिहार के 626 वित्त रहित शिक्षण संस्थानों की मान्यता रद्द करने संबंधी निर्णय को एकपक्षीय, अनुचित एवम राजनीतिक दवाब में लिया गया फैसला बताते हुए इसकी तीव्र भर्त्सना किया है.

उन्होने कहा कि इस तुगलकी फरमान को अविलंब वापस लेने के लिए समिति के अध्यक्ष को एक तार्किक पत्र लिखा है जिसकी प्रतिलिपि मुख्य निर्वाचन आयुक्त, भारत सरकार तथा मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी, बिहार सरकार को भी प्रेषित कर शिक्षक निर्वाचन क्षेत्र से विधान पार्षद के चुनाव की प्रक्रिया शुरू होने के उपरांत इस प्रकार का निर्णय लेने पर तत्काल संज्ञान लेकर समिति के विरुद्ध उचित कानूनी कार्रवाई करने का आग्रह किया गया है.

प्रो कुमार ने समिति के अध्यक्ष को संबोधित पत्र में उल्लेख किया है कि समिति द्वारा अचानक बिहार के 626 वित्तरहित शिक्षण संस्थानों की संबद्धता समाप्त करने संबंधी निर्णय से कई सवाल और संदेह उत्पन्न हो रहे हैं यथा समिति को अचानक कैसे इल्हाम हुआ कि नामित सभी शिक्षण संस्थानों की सम्बद्धता अवधि समाप्त हो चुकी है और इन संस्थानों की सम्बद्धता की समीक्षा कर उन्हें असम्बद्ध घोषित करने का यही माकूल वक़्त है जब सारण सहित बिहार के चार शिक्षक निर्वाचन क्षेत्र के निर्वाचन हेतु मतदाता बनने की प्रक्रिया 01 अक्टूबर से शुरू हो चुकी है?

(2)क्या इन सभी शिक्षण संस्थानों की सम्बद्धता की अवधि एक साथ सितम्बर-अक्टूबर 2019में ही समाप्त हुई है? यदि नहीं तो फिर शिक्षक निर्वाचन की प्रक्रिया प्रारंभ होने के समय इस तरह का निर्णय क्यों लिया गया? क्यों नहीं इसे उम्मीदवार विशेष के पक्ष में वित्तरहित शिक्षण संस्थानों पर दवाब बनाने का अनुचित प्रयास माना जाए?

(3)जिन शिक्षण संस्थानों को अस्थायी सम्बद्धता दी गई थी या जिन संस्थानों की सम्बद्धता की अवधि पहले ही समाप्त हो गई थी, उन शिक्षण संस्थानों को समिति ने क्या पहले सूचित कर आगाह किया था?


(4)सम्बद्धता प्राप्त शिक्षण संस्थानों का पक्ष जाने बिना उनकी मान्यता समाप्त करने संबंधी निर्णय लेना क्या नैसर्गिक न्याय के खिलाफ नहीं है?

(5)समिति से मान्यता प्राप्त इन शिक्षण संस्थानों की सूची निर्वाचन आयोग के वेबसाइट पर उपलब्ध है जिसके आधार पर इन शिक्षण संस्थानों के शिक्षकगण मतदाता बन रहे हैं. चुनावी प्रक्रिया शुरू होने के बाद इन शिक्षण संस्थानों को असम्बद्ध घोषित करना क्या चुनावी प्रक्रिया में अनुचित हस्तक्षेप नहीं है?


(6)समिति द्वारा प्रकाशित विज्ञप्ति संख्या P R-51/2017 के आधार पर वैसे इंटर कॉलेजों, जिनकी सम्बद्धता अवधि विस्तारित नहीं की गई थी, को शिक्षा और छात्र हित में संबंधित शिक्षण संस्थानों के विद्यार्थियों को सत्र 2016-2018 के परीक्षा में शामिल होने की अनुमति दी गई थी।क्या बिहार सरकार के लिए अब छात्र हित का मुद्दा महत्वपूर्ण नहीं रह गया है?समिति की अनुमति से लाखों विद्यार्थियों ने इन शिक्षण संस्थानों में अपना नामांकन एवम पंजीकरण कराया है, उनके भविष्य का क्या होगा?समिति के अचानक इस निर्णय से क्या इन शिक्षण संस्थानों में कार्यरत शिक्षकों एवम कर्मचारियों का भविष्य अधर में नहीं लटक गया है?

(7)समिति ने दर्जनों वैसे शिक्षण संस्थानों को भी असम्बद्ध घोषित कर दिया है जिन्हें बिहार सरकार से स्थायी सम्बद्धता हासिल है. उदाहरण के लिए सारण जिले के लोक महाविद्यालय हाफिजपुर को शिक्षा विभाग के पत्रांक 15/एडु/015/04/मा स वि 1065 दिनांक 19-12 -1989 द्वारा इंटर स्तर तक स्थायी सम्बद्धता हासिल है. यह तथ्य समिति के हाकिम को या तो मालूम नहीं है या फिर ये सब दवाब की सियासत का हिस्सा है और समिति को सियासी मोहरे के रूप में इस्तेमाल किया जा रहा है. काबिलेगौर है कि इन वित्तरहित शिक्षण संस्थानों का साल 2013 के बाद से ही सरकार के यहां अनुदान राशि बकाया है. दुर्गा पूजा तो यूँ ही बीत गया, आगे दीपावली एवम छठ पूजा हैसरकार 6 बरसों का बकाया अनुदान राशि विमुक्त करने के बदले इन शिक्षण संस्थानों की मान्यता रद्द कर डराने, धमकाने एव आतंकित करने का हथकंडा अपना रही है.

उन्होने कहा कि हक़ीक़त यह है कि सरकार चाहकर भी इस निर्णय को लागू नहीं कर सकती है क्योंकि बिहार की पूरी शिक्षा व्यवस्था अस्त-व्यस्त हो जाएगी तथा शैक्षणिक अराजकता का माहौल उत्पन्न हो जाएगा. सरकार के इस निर्णय के पीछे गहरे सियासी निहितार्थ हैं. बिहार में 04 शिक्षक निर्वाचन क्षेत्र में विधानपार्षद पद के चुनाव हेतु मतदाता बनने की प्रक्रिया चल रही है. इस चुनाव में सरकार के बहुत करीबी विधानपार्षद जन भी मैदान में हैं. सरकार समर्थित-संरक्षित निर्वाचित शिक्षक प्रतिनिधियों को क्षेत्र भ्रमण से ज़मीनी हकीकत का पता चल चुका है कि नियोजित और वित्तरहित शिक्षक उनके क्रियाकलापों से कुपित हैं. इसलिए शिक्षकों के तथाकथित रहनुमाओं का सरकार के साथ सांठगांठ कर यह एक सुनियोजित सुविचारित सियासी हथकंडा है. पहले इस तरह का अतार्किक आदेश निर्गत कराओ, फिर शिक्षा मंत्री एव मुख्यमंत्री से मिलकर आदेश वापस करबाओ तथा वित्तरहित शिक्षण संस्थानों को एहसास करबाओ की मेरी वजह से आपकी मान्यता बहाल हुई है. इस सियासी प्रपंच को सभी प्रबुद्ध शिक्षक बखूबी देख और समझ रहे हैं.

उन्होने कहा कि समिति द्वारा चुनाव आयोग को समर्पित शिक्षण संस्थानों में इन सभी शिक्षण संस्थानों का नाम दर्ज है जो आयोग के वेबसाइट पर भी है. चुनाव प्रक्रिया शुरू होने के उपरांत समिति द्वारा इस तरह का कदम उठाना शिक्षक निर्वाचन क्षेत्र के चुनाव को प्रभावित करने का एक कुटिल प्रयास है और निर्वाचन आयोग के स्वतंत्र एवम निष्पक्ष चुनाव कराने के प्रयास पर एक गहरा आघात भी है.

प्रो कुमार ने उपर्युक्त तथ्यों के आलोक में माँग किया है कि
626 वित्तरहित शिक्षण संस्थानों की मान्यता रद्द करने संबंधी निर्णय को तत्काल वापस लिया जाए तथा सियासी मकसद से इन शिक्षण संस्थानों को परेशान नहीं किया जाए.

दीपावली एव छठ पूजा को देखते हुए अविलंब बकाया अनुदान राशि एकमुश्त विमुक्त किया जाए.

मैट्रिक एवम इंटर की उत्तरपुस्तिकाओ के मूल्यांकन का बकाया पारिश्रमिक राशि का अविलंब भुगतान सुनिश्चित किया जाए.

समिति को खास नेताओं को सियासी लाभ पहुंचाने के लिए मोहरा नहीं बनाया जाना चाहिए ताकि समिति की स्वतंत्रता, निष्पक्षता एव विश्वसनीयता कायम रहे.

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Chhapra: पूरे जिले में नवरात्रि की धूम है शनिवार को जिले के सभी स्कूलों में दशहरे के लिए छुट्टी कर दी गई. इस दौरान कई जगहों पर विभिन्न तरह के कार्यक्रमों का आयोजन किया गया. विभिन्न स्कूलों में गरबा डांडिया नृत्य समेत कई कार्यक्रम आयोजित हुए. शनिवार को छपरा के उत्तरी दहियावां टोला स्थित ‌नेशनल स्कूल आफ लर्निंग के प्रांगण में बच्चों ने डांडिया नृत्य का आयोजन किया गया दुर्गा पूजा पर आयोजित डांडिया नृत्य के दौरान स्कूल के दर्जनों बच्चों ने पारंपरिक लिबास में डांडिया नृत्य किया इस दौरान बच्चों ने इस पारंपरिक नृत्य का जमकर आनंद उठाया इस दौरान बेहतरीन करने वाले बच्चों को स्कूल द्वारा सम्मानित किया गया.

कार्यक्रम को लेकर विद्यालय के निदेशक ने बताया कि छोटे बच्चों के बीच आज डांडिया नृत्य प्रतियोगिता कराई गई जिसमें बच्चों ने ढेर सारी मस्ती की दुर्गा पूजा को लेकर आओ विद्यालय बंद होने से पहले इस तरह के कार्यक्रम आयोजित हो रहे हैं इससे बच्चे त्यौहार का आनंद उठा सकेंगे.

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