Chhapra: कोरोना काल को देखते हुए सभी आयोजनों की तरह शिक्षक दिवस के आयोजन का भी प्रारूप बदल गया है.

शिक्षा विभाग द्वारा इस वर्ष 5 सितंबर को शिक्षक दिवस Virtual रूप में मनाने की तैयारी में है. इसको लेकर शिक्षा विभाग द्वारा सभी जिला शिक्षा पदाधिकारी एवं जिला कार्यक्रम पदाधिकारी समग्र शिक्षा को पत्र भेजते हुए 5 सितंबर को आयोजित शिक्षक दिवस आयोजन के लिए दिशा निर्देश दिया गया है. साथ ही इस आयोजन के प्रतिवेंदन की भी मांग की गई है.

एसपीडी संजय सिंह द्वारा जारी पत्र के अनुसार सभी विद्यालयों को निर्देश देते हुए कहा गया है कि भारतीय शिक्षक देश के भविष्य को सवारने के लिए निश्वार्थ भाव से अपने कर्तव्यों का निर्वहन करते आ रहे है. शिक्षकों के अमूल्य योगदान को लेकर 5 सितंबर को Virtual शिक्षक दिवस मनाया जा सकता है. शिक्षक दिवस आयोजन में 2 हैज टैग का प्रयोग किया जाना है.

बीईपी के निदेशक संजय सिंह ने कहा है कि छात्र अपने शिक्षकों के साथ सेल्फी ले और अपने संदेश लिखे साथ ही #ourteachersourheros हैज टैग का प्रयोग करें. उसी तरह #teachersfromindia टैग पर विद्यायल और महाविद्यालय के शिक्षकों के प्रति आभार प्रकट किया जा सकता है.

एसपीडी द्वारा सभी डीईओ एवं डीपीओ को आगामी 7 सितंबर को virtual शिक्षक दिवस आयोजन के प्रतिवेंदन की मांग भी की गई है.

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Chhapra: ऑल इंडिया स्टूडेंट्स फेडरेशन (एआईएसएफ) सारण जिला इकाई के छात्रों ने संगठन के राज्यव्यापी आह्वान पर अपनी विभिन्न मांगों को लेकर शहर के नगरपालिका चौक पर कड़ी धूप में एक दिवसीय उपवास किया.
उपवास पर बैठे राज्य उपाध्यक्ष राहुल कुमार यादव ने कहा कि वैश्विक महामारी कोरोना, भयंकर बाढ़ व सरकार सरकार की जनविरोधी नीतियों ने आम से खास तक को बदहाली की जिंदगी जीने पर विवश कर दिया है. इस महामारी में शिक्षा से बेदखल करने के लिए एवं अपनी विचारधारा जबरन थोपने के लिए नई शिक्षा नीति 2020 केंद्र सरकार ने लाई है जिसे किसी भी सूरत में एआईएसएफ स्वीकार नहीं करेगा. राज्य सरकार सभी छात्राओं एवं अनुसूचित जाति जनजाति के छात्रों की पीजी तक निशुल्क शिक्षा देने की बात तो करती है लेकिन यह जमीनी तौर पर लागू नहीं हो पा रही है. इंटर नामांकन एवं परीक्षा फॉर्म भरने में एससी-एसटी छात्रों, अन्य छात्र-छात्राओं से मनमानी शुल्क वसूली पर जल्द रोक नहीं लगाई गई तो संगठन उग्र आंदोलन करने को बाध्य होगा.

वहीं राज्य-पार्षद अमित नयन ने कहा कि इस सांकेतिक भूख हड़ताल के माध्यम से संगठन सरकार से मांग करता हैं कि इंटरमीडिएट नामांकन में छात्रों से अवैध वसूली पर जल्द रोक लगाई जाए और कॉलेजों द्वारा अवैध वसूली किए गए रुपए की जल्द वापसी कराई जाए, 6 माह की स्कूलों की फीस, रूम रेंट, बिजली बिल, माफ किया जाए, जेईई, मेन्स, नीट, नेट सहित सभी विश्वविद्यालयों की परीक्षाएं तत्काल स्थगित किया जाए, रेलवे, शैक्षणिक, स्वास्थ्य संस्थानों सहित रोजगारपरक साधनों का निजीकरण बंद किया जाए और रोजगार सृजन की दिशा में ठोस कदम उठाई जाए.

एक दिवसीय उपवास कार्यक्रम में मुख्य रूप से अभिषेक सौरभ, अविनाश उपाध्याय, मनोहर राम, प्रांजल कुमार, अभय चौबे, नवजीवन कुशवाहा, कृष्ण कुमार राम, आलोक कुमार, बिट्टू कुमार, सौरभ ओझा, गुड्डू यादव, विकास कुमार आदि मौजूद थे.

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Chhapra: नेशनल टेस्टिंग एजेंसी ने साफ कर दिया है कि जेईई और नीट की परीक्षाएं बिल्कुल सही समय पर भी होंगी. सितंबर माह में 1 से 6 सितंबर तक जेईई की परीक्षाएं होंगी. इसको लेकर तमाम तरह के सवाल खड़े किए जा रहे हैं. सारण के भी हज़ारो छात्र इस परीक्षा में शामिल होंगे. कई लोग कह रहे हैं कि कोरोना काल में परीक्षाएं होंगी तो छात्रों को संक्रमण का खतरा होगा. वहीं दूसरी तरफ इन परीक्षाओं की तारीख निर्धारित होने के बाद छात्रों व अभिभावकों के सामने चुनौती हो गई है. इसको लेकर कई छात्रों ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी. लेकिन सुप्रीम कोर्ट में छात्रों की याचिका को खारिज कर दिया था.

इस परीक्षा में सारण के लगभग 2 -3 हज़ार छात्र हिस्सा लेंगे. छपरा का सेंटर पटना या गया में ही पड़ेगा. ज्यादातर छात्र जो बाहर रहते हैं वह छपरा लौट आए हैं छात्रों को पटना जाने के लिए निजी वाहन के अलावा कोई और ने विकल्प नहीं है. कई अभिभावक मानते हैं कि परीक्षा को टाल देना ही उचित था लेकिन कुछ का कहना है कि यदि परीक्षा टाल दी जाएगी तो छात्रों का पूरा 1 साल बर्बाद हो जाएगा. हालांकि सरकार परीक्षा को तय समय पर कराने के पक्ष में है और छात्र भी इसको लेकर अब मानसिक रूप से तैयार हो गए हैं.

क्या बोले छात्र व शिक्षक

जेईई की परीक्षा की तैयारी कर रहे छात्र आदित्य बरनवाल ने बताया कि यदि परीक्षा नहीं ली गई तो जो छात्र इसकी लगन से तैयारी कर रहे हैं उन्हें परेशानी होगी, इसकी परीक्षा को टाला नहीं जा सकता है. सोशल डिस्टेंसिंग, सैनिटाइजेशन और एहतियात बरतकर हमें परीक्षा देनी होगी. हम सभी परीक्षा के लिए तैयार हैं अगर ईश्वर परीक्षा ली गई तो सेशन जीरो हो जाएगा फिर बहुत सारे छात्रों का साल बर्बाद हो जाएगा. जहां तक सेंटर पर पहुंचने का सवाल है लगभग छात्र अपने निजी वाहन से ही जाएंगे.

आदित्य बर्णवाल, छात्र

छपरा में जेईई की तैयारी कराने वाले शारदा क्लासेस के निदेशक वसुमित्र सिंह ने कहा कि परीक्षाएं समय पर होनी चाहिए, सेंटर पर जाने में छात्रों को वैसी कोई परेशानी नहीं होगी, एन टी ए ने पहले से ही सेंटरों की संख्या बढ़ा दी है ताकि सोशल डिस्टेंसिंग का पालन किया जा सके. पहले ही तीन बार परीक्षाएं टाली जा चुकी थी, यदि परीक्षा टाल दी गई तो अगले साल छात्रों को और तैयारी में और मुश्किल होगी. अगले वर्ष कंपटीशन दोगुना बढ़ जाएगा. वसुमित्र सिंह ने बताया कि कोविड-19 में हर कुछ अब खुल रहा है. ऐसे में छात्रों खुद का ख्याल रखते हुए परीक्षा के लिए तैयार रहना चाहिए.

वसुमित्र सिंह, निदेशक शारदा क्लासेज

छपरा के अवन्ति क्लासेस के शिक्षक सौरव ने बताया कि जेईई मेंस एग्जाम रुकने से बहुत सारे बच्चों का कैरियर अधर में लटका हुआ है. अगर परीक्षा नही हुई तो आई आईटी का पूरा 1 साल से शून्य हो जाएगा जो इतिहास में कभी ऐसा नहीं हुआ है. इसलिए परीक्षा होनी चाहिए. उन्होंने बताया कि कोविड काल मे अब सब कुछ नॉर्मल हो रहा है. बच्चे एहतियात बरतकर परीक्षा देने जाएंगे. जहां तक सुविधाओं का सवाल है तो ज्यादातर बच्चे निजी वाहन व अपना लंच लेकर ही जाएंगे.

सौरभ, निदेशक अवन्ति

छपरा के कैलाश करियर प्वाइंट के निदेशक गौरव सिंह ने बताया कि जेईई मेंस की परीक्षा कोविड-19 को देखते हुए अभी टालने की जरूरत थी, उन्होंने बताया कि बिहार में बाढ़ व कोरोना चरम ओर है. होटल बन्द हैं वाहन भी नहीं चल रहे, छात्रों को सेंटर पर जाने में परेशानी होगी. लाखों छात्र कोविड-19 के काल में परीक्षा देने जाएंगे ऐसे में खतरा बढ़ सकता है.

गौरव सिंह, निदेशक केसीपी

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Chhapra: जयप्रकाश विश्वविद्यालय में अतिथि सहायक प्राध्यापकों द्वारा एक दिवसीय धरना का आयोजन विश्वविद्यालय परिसर में किया गया.

विश्वविद्यालय के अध्यक्ष डॉ धर्मेंद्र सिंह की अध्यक्षता में की गई हुए इस एकदिवसीय धरना में 2 मांगों पर चर्चा की गई. जिसमे पहला यह कि सभी अतिथि सहायक अध्यापकों का सेवा का नियमितीकरण किया जाए और दूसरा ₹50000 प्रत्येक महीने के हिसाब से अविलंब भुगतान किया जाए. साथ-साथ धरना में यह भी मुद्दा उठाया गया कि विगत 6 महीने से बकाया राशि को अविलंब भुगतान की जाए.

धरने को देखते हुए विश्वविद्यालय के रजिस्ट्रार ग्रुप कैप्टन (सेवानिवृत) श्रीकृष्ण ने अतिथि सहायक अध्यापकों के साथ वार्ता की और यह आश्वासन दिए कि विगत 6 महीने का वेतन का भुगतान विश्वविद्यालय प्रशासन द्वारा अभिलंब की जाएगी. साथ ही अतिथि सहायक प्राध्यापकों के नियमितीकरण हेतु बिहार सरकार को अविलंब लिखा जाएगा.

डॉ धर्मेंद्र कुमार सिंह ने इस धरने की सकारात्मक पक्ष को रखते हुए कहा की बहुत जल्दी सभी अतिथि प्राध्यापकों को 6 महीने का वेतन भुगतान मिल जाएगा इस धरने में आगामी 3 सितंबर 2020 को पटना होने में होने वाली धरने के कार्यक्रम के ररूपरेखा के विषय में भी विस्तृत रूप से चर्चा की गई है. साथ-साथ आर्थिक सहायता हेतु सिवान छपरा गोपालगंज के तीनों जिलों के लिए विभिन्न प्रकार के अधिकारियों का चयन भी किया गया.

एक दिवसीय धरना कार्यक्रम में अतिथि सहायक प्राध्यापकों ने अपने विचार रखे. मुख्य तौर पर डॉ मनोज कुमार पांडे, डॉ कमलेश सिंह, डॉ दिलीप कुमार, डॉ सरोज कुमार राम, डॉ वशिष्ठ कुमार शर्मा, डॉ शिव प्रकाश जाधव, डॉ सरोज कुमार सिंह, डॉ अली अंसारी, डॉ अमन कुमार, डॉ मनीष कुमार सिंह, डॉ प्रवीण कुमार झा, डॉ देवराम, डॉ विवेक कुमार, डॉ पवन कुमार, डॉ सुरेश कुमार, डॉ अनिल कुमार, डॉराजेश कुमार, डॉ जितेंद्र कुमार सिंह, डॉ पंकज कुमार, डॉ विकास कुमार सिंह, डॉ जितेंद्र कुमार सिंह, डॉ अमरेंद्र कुमार, डॉ इंद्रकांत बबलू, डॉ सूर्य देव राम, डॉ संजय कुमार, डॉ कमलेश कुमार सिंह, डॉ हरी मोहन कुमार पिंटू, डॉ राजेश कुमार सिंह, डॉ अमित कुमार यादव, डॉ शशि शेखर सिंह, उपेंद्र गिरि, डॉ अरुण कुमार सिंह, डॉ नीतू सिंह, डॉ प्रियंका सिंह आदि उपस्थित थे.

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New Delhi: जेईई मुख्य परीक्षा के लिए परीक्षा केंद्रों की संख्या 570 से बढ़ाकर 660 की गई है. वही नीट (यूजी) परीक्षा के लिए भी परीक्षा केंद्रों की संख्या बढ़ाकर 2546 से 3843 की गई.

जबकि नीट (यूजी) परीक्षा- परीक्षा केंद्र पर प्रति कमरा बैठने वाले उम्मीदवारों की संख्या 24 से घटकर 12 की गई है. वही जेईई मुख्य परीक्षा- प्रति पाली उम्मीदवारों की संख्या 1.32 लाख से घटकर 85000 की गई है.


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Chhapra: शिक्षा जीवन का आधार है, मनुष्य जीवन में अर्जित शिक्षा समाज के लिए विकास एवं बदलाव में अहम भूमिका निभाती है. समाज के साथ-साथ स्वयं के उत्थान में भी यह महत्वपूर्ण योगदान देती है. जिससे क्षेत्र, समुदाय एवं राज्य का नाम गौरवान्वित होता है.

देखिये खास मुलाकात 

5 सितंबर 2020 को शिक्षक दिवस पर सारण की धरती एक बार पुनः गौरवान्वित होगी, जब राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद द्वारा सारण जिले के गरखा प्रखंड स्थित मध्य विद्यालय चैनपुरा भैसमारा के प्रधानाध्यापक अखिलेश्वर पाठक को “राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार 2020” से नवाजा जाएगा. राष्ट्रीय पटल पर प्रथम राष्ट्रपति राजेंद्र प्रसाद की धरती सारण का नाम एक बार पुनः रौशन होगा.

राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार 2020 के लिए बिहार के सारण से चयनित शिक्षक अखिलेश्वर पाठक ने छपरा टुडे डॉट कॉम से बातचीत करते हुए अपने शिक्षण के अनुभवों को साझा किया. गड़खा प्रखंड स्थित मध्य विद्यालय चैनपुर भैंसमारा के प्रधान शिक्षक अखिलेश्वर पाठक का कहना है कि समयनिष्ठ एवं कर्तव्यनिष्ठता को अगर जीवन का आधार मान लिया जाए तो किसी भी ऊंचाई को प्राप्त किया जा सकता है.

अपने शिक्षण अनुभवों को साझा करते हुए उन्होंने कहा कि वर्ष 2003 में अपने पहले पदस्थापन विद्यालय सोनपुर के मध्य विद्यालय गंगाजल के तत्कालीन प्रधान शिक्षक की मृत्युपरांत विद्यालय संचालन की जिम्मेवारी मिली.

प्रधान शिक्षक एवं विद्यालय संचालन की जिम्मेवारी तथा तत्कालीन विद्यालय की दयनीय स्थिति देखकर उनमें कुछ करने की ललक पैदा हुई. विद्यालय की तस्वीर कैसे बदले इसके लिए प्रयास शुरू हुआ, स्थानीय ग्रामीणों से विद्यालय व्यवस्था में बदलाव की बातचीत हुई, ग्रामीणों ने सकारात्मक पहल की, व्यवस्था में बदलाव शुरू देख अपने लक्ष्य के नजदीक पहुंचा, विद्यालय की तस्वीर बदल गई.

इसी दौरान 2003 में ही “हाउ टू टीच” प्रोग्राम के लिए मास्टर ट्रेनर चयनित किया गया, कारवां आगे बढ़ा 2005 के बाद 2007 में कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालय के लिए जिला स्तर पर मास्टर ट्रेनर बनाया गया, बालिका शिक्षा के लिए जेंडर कोऑर्डिनेटर बनाया गया, विद्यालय प्रधान शिक्षक के पद पर रहते हुए सभी दायित्वों का निर्वहन ससमय एवं कर्तव्यनिष्ठा के साथ करता रहा.

बालिका शिक्षा पर विशेष फोकस
श्री पाठक ने बताया कि बालिका शिक्षा पर उनका विशेष फोकस रहा है. दलित, पिछड़े बच्चियों को सफल बनाना, उन्हें आगे बढ़ाने के लक्ष्य के साथ उन्होंने उत्प्रेरण केंद्र, उत्थान केंद्र जैसे सरकारी कार्यक्रमों को लगन से किया. जिसके कारण संपूर्ण बिहार में सारण के उत्प्रेरण केंद्र को मॉडल उत्प्रेरण केंद्र चयनित किया गया.

चंदे की राशि से कराया शौचालय निर्माण, 1 वर्ष में बदली विद्यालय की तस्वीर

अखिलेश्वर पाठक ने बताया कि विशेष स्थानांतरण प्रक्रिया के तहत उन्हें उत्क्रमित उच्च विद्यालय पिरोना का दायित्व सौंपा गया. वर्ष 2012 से संचालित उत्क्रमित उच्च विद्यालय पीरौना में सिर्फ नामांकन और फॉर्म भरने की प्रक्रिया ही सक्रिय थी. छात्र छात्राओं के लिए ना शौचालय था और ना ही अन्य सुविधा. छात्राओं की सुविधाओं को ध्यान में रखते हुए उन्होंने संकल्प लिया कि बिना विद्यालय में शौचालय का निर्माण कराए विद्यालय नहीं आऊंगा. विद्यालय में शौचालय का निर्माण कैसे हो इसके लिए उन्होंने मंथन किया. पूरे गांव में संपर्क कर लोगों के समक्ष समस्याओं को रखा शौचालय शौचालय निर्माण के लिए गांव में घूमकर लोगों से चंदा एकत्रित कर 98 हजार 176 रुपये की राशि जमा की.

लोगों से मिलकर करीब 1 एकड़ की भूमि विद्यालय के नाम से करवाई जिसके बाद विद्यालय में शौचालय चहारदीवारी का निर्माण चंदे के रुपए, सरकारी राशि तथा खुद के वेतन से कराया. जिसका फल था कि उन्नयन केंद्र के संचालन के लिए जिले के चयनित 5 विद्यालयों में उत्क्रमित उच्च विद्यालय पीरौना भी शामिल था. इस कार्य के लिए जिलाधिकारी सुब्रत कुमार सेन द्वारा अखिलेश्वर पाठक को सम्मानित भी किया गया.

वर्ष 2019 में मध्य विद्यालय चैनपुर भैसमारा के बने प्रधानाध्यापक
श्री पाठक ने बताया कि वर्ष 2019 के माह जुलाई में उनकी पोस्टिंग बतौर प्रधान अध्यापक के रूप में मध्य विद्यालय चैनपुर भैसमारा में हुई. विद्यालय के साथ-साथ कस्तूरबा गांधी बालिका आवासीय विद्यालय के संचालन का भी दायित्व श्री पाठक को प्राप्त हुआ. विद्यालय की स्थिति को देखकर पुनः बदलाव के लिए श्री पाठक ने लक्ष्य निर्धारित करते हुए प्रयास शुरू किया. छात्र छात्राओं की सुरक्षा को लेकर विद्यालय के चारों ओर बांस की चचरी से चाहरदीवारी का निर्माण कराया. ग्रामीणों से विद्यालय की तस्वीर बदलने के लिए बातचीत की, विद्यालय के विकास को देखते हुए ग्रामीणों ने भी सहायता की.

प्रशासन और ग्रामीणों के सहयोग से बदल गया विद्यालय दृश्य
श्री पाठक का कहना है कि विद्यालय की तस्वीर बदलने में ग्रामीणों का भरपूर सहयोग मिला, प्रयास करने से ही कार्य संपादित होता है इस ऊर्जा के साथ विकास कार्यों में 98% ग्रामीणों ने उनका सहयोग दिया. विद्यालय में मूल चूल परिवर्तन किया गया. कोरोना काल में जिलाधिकारी सुब्रत कुमार सेन द्वारा Quraintine सेंटर के निरीक्षण के क्रम में विद्यालय में बनी चचरी की चाहरदीवारी देख और विद्यालय के भूमि को देखते हुए मनरेगा के तहत बाउंड्री वॉल निर्माण का निर्देश दिया गया. वर्तमान समय में अंतिम चरण में है.

बिहार का एकलौता विद्यालय जहां बच्चों के लिए बना है एमडीएम भोजनालय
श्री पाठक ने बताया कि उनकी जानकारी के अनुसार मध्य विद्यालय चैनपुर भैसमारा बिहार का इकलौता विद्यालय है जहां पढ़ने वाले बच्चों के लिए भोजनालय की व्यवस्था है, पीने के लिए आर ओ फिल्टर लगा है, साथ ही साथ भोजनालय में 40 नल पॉइंट लगाए गए हैं जिससे कि पेयजल आपूर्ति होती है. बच्चे इस भोजनालय में आराम से बैठकर मध्यान्ह भोजन योजना का लाभ लेते हैं.

सीसीटीवी की निगरानी में है संपूर्ण विद्यालय

मध्य विद्यालय चैनपुर भैसमारा की निगरानी सीसीटीवी के द्वारा की जाती है. सीसीटीवी से ही छात्र-छात्राओं पर लगातार निगरानी और उनकी सुरक्षा का जायजा लिया जाता है.

डिजिटल इंडिया के तहत प्रोजेक्टर से होती है पढ़ाई
श्री पाठक ने बताया कि विद्यालय में बेहतर शिक्षण के लिए वह स्वयं सभी शिक्षकों के साथ लगे रहते हैं. उनके प्रयास से स्थानीय सांसद राजीव प्रताप रूडी के सौजन्य से एक आधुनिक प्रोजेक्टर मिला है. जिससे वर्गों का संचालन डिजिटल रूप में किया जाता है. विद्यालय के बच्चे इस प्रोजेक्टर के माध्यम से वर्ग 1 से 12 तक की पढ़ाई कर सकते हैं. बच्चों में ज्ञान के विकास को लेकर इस प्रोजेक्टर के माध्यम से फिल्म दिखाई जाती है. ज्ञानवर्धक फिल्मों से वह काफी कुछ सीखते हैं.

छात्रों की बनती है बायोमेट्रिक हाजिरी, कंप्यूटर की होती है पढ़ाई
विद्यालय में छात्रों की उपस्थिति के लिए बायोमेट्रिक मशीन लगाई गई है. जिससे छात्र समय के पाबंद बने. साथ ही साथ सर्वांगीण विकास के लिए उन्हें कंप्यूटर शिक्षा भी दी जाती है.

प्रधान शिक्षक को बेहतर कार्यों के लिए किया जाता रहा है सम्मानित
सामाजिक सहयोग से छात्र-छात्राओं में शिक्षा के विकास तथा विद्यालय में परिवर्तन की अभूतपूर्व कार्यों के लिए राज्य से जिला स्तर तक अखिलेश्वर पाठक को कई बार सम्मानित किया जा चुका है. जिलाधिकारी समेत कई आला अधिकारी द्वारा श्री पाठक के साथ-साथ विद्यालय के छात्र छात्राओं को भी 15 अगस्त, 26 जनवरी, मानव श्रृंखला सहित अन्य प्रतियोगिताओं एवं कार्यक्रमों में सम्मानित किया जा रहा है.

आगामी 5 सितंबर 2020 को शिक्षक दिवस पर राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार 2020 के चयन के लिए छपरा टुडे अखिलेश्वर पाठक को अग्रिम शुभकामना देते हुए उनके उज्जवल भविष्य की कामना करता है.

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Chhapra: करीब 5 महीने से सभी कोचिंग संस्थान बन्द होने के कारण ज़िले का कई कोचिंग संचालक भूखमरी के कगार ओर पहुंच गए हैं. यदि सरकार ने कोचिंग संचालकों को लिए कोई उचित कदम नहीम उठाया तो अब आंदोलन किया जाएगा. यह बातेंसारण कोचिंग एसोसिएशन के महासचिव प्रभात सिंह ने कही. उन्होंने बताया बताया कि लगातार पिछले 5 माह से सभी कोचिंग बंद होने से कोचिंग संचालक की भूखमरी की स्थिति पैदा हो गई है. ना तो किसी प्रकार का कोई सरकारी मदद और ना ही किसी से भी मदद मिलने के कारण अब कोचिंग संचालक काफी मुश्किल दौर से गुजर रहे हैं.

आलम यह है कि कुछ शिक्षक धीरे धीरे शिक्षा छोड़ दूसरे क्षेत्र के तरफ रुख कर रहे हैं या अपने गांव के तरफ पलायन कर रहे है. कोचिंग संचालक के पास बच्चों को कोचिंग पढ़ाने के सिवा और कोई भी रास्ता नहीं होता है और सरकार इस पर किसी भी प्रकार का कोई विचार-विमर्श नहीं कर रही है, उन्होंने बताया कि आखिर कब तक कोचिंग संचालकों की यह दशा रहेगी. महासचिव ने कहा कि यदि सरकार की तरफ से कोई ठोस कदम ना उठाए गए तो हम सभी लोग आंदोलन करेंगे. जिसका खामियाजा बिहार सरकार और भुगतना पड़ेगा.

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Chhapra: पूरी दुनिया वैश्विक महामारी कोविड-19 का दंश झेल रही है. उसी दरमियान बिहार में विधानसभा के चुनाव कराए जाने की तैयारियां अंतिम चरण में है. कोरोना संक्रमण के साथ साथ बिहार में बाढ़ की भयावह स्थिति उत्पन्न हो गई है. ऐसे में चुनाव आयोग का राज्य में चुनाव कराने की समझ विवेक से परे है.

ज्ञात हो कि बिहार के अधिकतर जिले कोरोना के बढ़ते संक्रमण के साथ-साथ राज्य में आई भीषण बाढ़ के कारण संबंधित जिले के लोगों का जीना दुश्वार हो गया है. उक्त बातें एआईएसएफ के अमित नयन ने कही.

उन्होने कहा कि लोगों के घरों में पानी आ गया है. आम जनों का सड़कों पर निकलना किसी खतरे से कम नहीं है. विभिन्न पावर ग्रिडों में जलजमाव के कारण विद्युत आपूर्ति ठप हो गई है या इनकी आपूर्ति काफी कम हो गई है, या कहे तो किसी किसी फीडर में इलेक्ट्रिक सप्लाई ही नहीं हो रहा है. जिससे आम जनों का जीवन अव्यवयस्थित हो गया है. ग्रामीण इलाके के लोग भारी परेशानियों का सामना कर रहे हैं. इस दरमियान अगर उनके बच्चे, बुजुर्ग या खुद के अस्वस्थ हो जाने पर उन्हें स्वास्थ्य सेवा लेने में भारी समस्याओं का सामना करना पड़ेगा.

उन्होने कहा कि बिहार में जिस स्तर से कोरोना का संक्रमण बढ़ते जा रहा है, ऊपर से बाढ़ की दस्तक, इन सभी के बीच राज्य में चुनाव कराना खुद के पैरों पर कुल्हाड़ी मारने जैसा है. निर्वाचन आयोग को इस पर गंभीरता से विचार करते हुए फिलहाल बिहार विधानसभा के चुनाव को इस वर्ष के लिए टाल देना चाहिए.

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Chhapra: राज्य सरकार द्वारा नियोजित शिक्षकों को दी जा रही सुविधाओं एवं लाभ को लेकर शिक्षक संघ ने कड़ा विरोध किया है. परिवर्तनकारी शिक्षक संघ के जिला अध्यक्ष समरेंद्र बहादुर सिंह ने नियोजित शिक्षको के लिए जारी लाभ को लॉलीपॉप करार दिया है.

श्री सिंह ने कहा कि विधानसभा चुनावों को देखते हुए सरकार ने शिक्षकों को लॉलीपॉप पकड़ा कर ठगने का काम किया है.विगत 2 वर्षों से सूबे के साढ़े तीन लाख शिक्षक समान काम समान वेतन, नियमित शिक्षकों की भाति सेवाशर्त के लिए लड़ाई लड़ रहे हैं, लेकिन सरकार नियोजित शिक्षकों को ठग रही है. उनका कहना है कि सरकार शिक्षकों को ईपीएफ का लाभ देने का ढिंढोरा पीट रही है, जबकि यह न्यायालय के आदेश पर दिया गया है.

उन्होंने 15% वेतन वृद्धि पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि बढ़ती महंगाई के इस दौर में सरकार 15% की वेतन वृद्धि दे रही है. जिसमें मिलने वाली राशि ईपीएफ में ही कट जाएगी और महज एक से दो प्रतिशत का लाभ शिक्षकों को मिलेगा.

उन्होंने नियोजित शिक्षकों के स्थानांतरण प्रक्रिया पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि सूबे के नियोजित शिक्षक 2006 से ही एक विद्यालय में विगत 14 वर्षों से कार्यरत हैं. खासकर महिलाओं को ज्यादा परेशानी है लेकिन इस सेवा शर्त में महिलाओं को एक बार स्थानांतरण का मौका दिया जाना सरकार की शिक्षकों के प्रति मंशा को दर्शाता है. वह राज्य के नियोजित शिक्षकों के लिए पारस्परिक स्थानांतरण की प्रक्रिया छलावा है. सेवा शर्त में शिक्षकों कोई लाभ नही मिल रहा है. जिससे अपने आप को वह ठगा महसूस कर रहे हैं. कुल मिलाकर चुनावी सेवाशर्त से सरकार नियोजित शिक्षकों को ठगने का काम कर रही है, लेकिन शिक्षक भी इस बार आर-पार के मूड में हैं.

बिहार विधानसभा में नियोजित शिक्षको के कोपभाजन का शिकार सरकार को होना अब तय माना जा रहा है. सरकार के पास अभी समय है वह नियोजित शिक्षकों के प्रति अपना नजरिया बदले और सेवाशर्त को सुधार के साथ प्रकाशित करें.

विरोध करने वालों में संजय राय, संजय यादव, अभय सिंह, निजाम अहमद, निशात, विनोद राय, स्वामीनाथ राय, अनिल दास, रंजीत सिंह, मंटू सिंह, राजीव कुमार सिंह, शौकत अली अंसारी, सुमन प्रसाद कुशवाहा, उपेंद्र यादव, जयप्रकाश तिवारी, विनोद राय, राजू सिंह, सुनील सिंह, अजय सिंह, तरुण कुमार सहित कई शिक्षक शामिल थे.

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Chhapra: भारत स्काउट और गाइड राष्ट्रीय मुख्यालय से ऑनलाइन योग कार्यक्रम आयोजित करने जा रहा है. इस संबंध में जिला संगठन आयुक्त सारण आलोक रंजन ने बताया कि कोविड-19 के मद्देनजर अपने स्काउट, गाइड, रोवर, रेंजर,और यूनिट लीडर को व्यस्त रखने के लिए विभिन्न प्रकार के कार्यक्रम संचालित कर रहा है.

इसी कड़ी में शरीर को स्वस्थ रखने और क्रियाशील गतिविधियों में शामिल रखने के उद्देश्य से 27 अगस्त से इस कार्यक्रम को भारत स्काउट और गाइड के दक्ष और प्रशिक्षित योग गुरुओं के माध्यम से यह कार्यक्रम संचालित कर रहा है. इस कार्यक्रम में भारत स्काउट गाइड के सदस्य की अलावे कोई भी सामान्य नागरिक भाग ले सकता है.

इसके लिए भारत स्काउट और गाइड के यूट्यूब चैनल फेसबुक और ट्विटर से जुड़ना होगा. यह सत्र प्रातकालीन आधे घंटे के लिए संचालित होगा. यू ट्यूब चैलन के लिंक https://www.youtube.com/c/BSGIndia से जुड़ कर देखा जा सकता है सभी कार्यक्रम देखे जा सकते है.

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New Delhi: सुप्रीम कोर्ट ने NEET और JEE परीक्षा के आयोजन के‌ खिलाफ दायर याचिका को खारिज कर दिया है. साथ ही तय समय पर परीक्षा के आयोजन को हरी झंडी दे दी है. 

सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि परीक्षाएं तय समय पर ही आयोजित की जाएंगी. सुनवाई के दौरान जस्टिस अरुण मिश्रा ने कहा कि शिक्षा से जुड़ी चीजों को अब खोल देना चाहिए, क्योंकि COVID-19 एक साल और जारी रह सकता है. 

आपको बता दें कि याचिकाकर्ता ने Covid 19 संक्रमण का हवाला देते हुए परीक्षा पर रोक की मांग की थी. जिसे अब सुप्रीम कोर्ट ने ख़ारिज कर दिया है.

JEE परीक्षा 1 सितंबर से 6 सितंबर तक आयोजित की जाएगी. वही NEET की परीक्षा 13 सितंबर को आयोजित की जाएगी.

 

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बिहार विद्यालय परीक्षा समिति इंटरमीडिएट नामांकन की तिथि बढ़ा दी है. सत्र 2020 -22 में ऑनलाइन फैसिलिटी सिस्टम के तहत इंटरमीडिएट कक्षा में प्रथम चयन सूची में चयनित विद्यार्थियों को 7 से 12 अगस्त तक एडमिशन लेना था. अब इसे बढ़ाकर 13 से 17 अगस्त तक कर दिया गया है.

बिहार विद्यालय परीक्षा समिति की ओर से लेटर जारी करके इसकी जानकारी दी गयी है. साथ ही प्रतिदिन नामंकित विद्यार्थियों की विवरणी को अधिकतम अगले दिन तक अनिवार्य रूप से ओएफएसएस पोर्टल पर ऑनलाइन अपडेट करना सुनिश्चित करना है.

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