Chhapra: शारदीय नवरात्र बुधवार से प्रारंभ हो रहा है. पूजा की तैयारी में लोग जुटे हुए है. पूजा की तैयारी को लेकर शहर के बाज़ार सजे हुए है.

बाज़ारों में माँ दुर्गे की पूजा अर्चना से जुड़े सामानों की खरीदारी लोग कर रहे है. नवरात्र के दौरान कलश स्थापना के लिए घरों और पूजा पंडालों में तैयारियां चल रही है.  बुधवार को कलश स्थापना के साथ शारदीय नवरात्र का अनुष्ठान शुरू हो जायेगा. बाज़ारों में फल और पूजन सामग्री के दुकानों में भीड़ देखि जा रही है. 

वही दूसरी ओर घरों में साफ़ सफाई और कलश स्थापना की तैयारी की जा रही है.

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Manjhi: मांझी के जगदम्बा नगर में जय माँ जगदम्बे पूजा समिति के द्वारा भव्य पूजा पंडाल का निर्माण कराया जा रहा है. पूजा समिति के द्वारा विगत 17 सालों से पंडाल का निर्माण कराकर माता की मूर्ति स्थापित की जाती है.

प्रत्येक वर्ष जान सहयोग से बनने वाले इस पंडाल को इस बार भव्य रूप देने में जुटे है. पंडाल से 45 फिट ऊंचा और
36 फिट चौड़े पंडाल का निर्माण कराया जा रहा है. खास बात यह है कि गाँव के युवा रात दिन एक कर पंडाल बनाते है बाहरी कारीगरी की आवश्यकता नही पड़ती है. आसपास के इलाकों में पूजा पण्डाल की चर्चा होती है. हर वर्ष पूजा में हजारों की भीड़ होती है.

 

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Chhapra/Baniyapur: आयोध्या में प्रस्तावित श्रीराम मंदिर का निर्माण तो कोर्ट के फैसले पर टिका हुआ है पर इस नवरात्र बनियापुर में श्रद्धालुओं को प्रस्तावित श्रीराम मंदिर का आकर्षक प्रतिरुप देखने को मिलेगा.

दरअसल बनियापुर बाजार स्थित गढ़ देवी मंदिर के परिसर में भव्य पूजा पंडाल का निर्माण कराया जा रहा है. यह पंडाल अयोध्या में प्रस्तावित श्रीराममंदीर के प्रतिरुप होगा. पंडाल का निर्माण बंगाल से आये पंडाल निर्माता कर रहे है. पंडाल भव्य दिखेगा. पंडाल 65 फिट लंबा तथा 90 फिट चौड़ा होगा.

पूजा समिति के सदस्यों के अनुसार वे लोग पिछले पांच साल से श्रीराम मंदीर के प्रतिरूप के निर्माण की योजना बना रहे थे. जिसे इस बार मूर्त रूप दिया जा रहा है. समिति के सदस्य उपेन्द्र सिंह ने बताया कि भव्य पंडाल में मां दुर्गा के नौ रूपो की मूर्ति का निर्माण हो रहा है. 15 फिट ऊँचे मां की विशाल प्रतिमा भी आकर्षण का केंद्र रहेगा. पूजा अर्चना बनारस से आये आचार्यो की मंडली द्वारा कराया जायेगा।.

पूजा समिति द्वारा 1972 से प्रतिवर्ष आकर्षक पंडाल व मूर्तियों का निर्माण कराया जाता है. पूजा समिति द्वारा प्रति वर्ष जनसहयोग से भव्य पंडाल बना उसमें मां की अराधना की जाती है.

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Chhapra: पुत्र की सलामती के लिए किया जाने वाला जीवित्पुत्रिका व्रत का उपवास मंगलवार की अहले सुबह से प्रारंभ हो गया. माताओ व्रतियों ने मंगलवार की अहले सुबह यानी रात्रि पहर में पितृ की पूजा अर्चना की साथ ही भोजन कर इस व्रत के लिए उपवास प्रारम्भ किया.

व्रती मंगलवार को 24 घंटे का उपवास रखेगी वही संध्या पहर में स्नान ध्यान के बाद जीवित्पुत्रिका व्रत की कथा का श्रवण करेगी. इस बार अष्टमी तिथि पूरे दिन रहने के कारण माताएं कभी भी पूजा कर सकती हैं. फिर तीन अक्टूबर बुधवार की सुबह 6.15 बजे के बाद इस व्रत का पारण होगा. इस व्रत की समाप्ति बुधवार को होगी उसी दिन व्रती पारण के साथ यह अनुष्ठान पूरा करेगी.

इसके पूर्व आश्विन कृष्ण सप्तमी सोमवार को जीमुत वाहन व्रत के लिए व्रतियों ने पहले नहाय-खाय किया. नहाय-खाय में स्नान के बाद शुद्ध भोजन कर अनुष्ठान की तैयारी में जुट गई.

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Chhapra: नवरात्र में मां दुर्गा की प्रतिमा स्थापना को लेकर शहर के सभी पूजा समितियों द्वारा तैयारी शुरू कर दी गई है. माता की प्रतिमा स्थापना को लेकर सभी चौक चौराहों पर एक से बढ़कर एक पूजा पंडाल बनाए जा रहे हैं.

इसी क्रम में शहर के पंकज सिनेमा रोड में माता की प्रतिमा स्थापना को लेकर पूजा पंडाल बनाया जा रहा है. कोलकाता के रानीगढ से आए पंडाल निर्माण मजदूरों द्वारा पंडाल का निर्माण किया जा रहा है.

पंडाल का निर्माण कर रहे ज्योति दादा ने बताया कि इस बार पंकज सिनेमा रोड में स्थित मां दुर्गा का पूजा पंडाल अलग ही रूप में दिखेगा, जिससे लोग अपने आप ही इस पंडाल को देखने के लिए खिंचे चले आएंगे. उन्होंने बताया कि पंडाल का निर्माण विगत 1 महीने से मजदूरों द्वारा किया जा रहा है. करीब तीन लाख रुपए की लागत से बनाए जा रहे इस पूजा पंडाल की खासियत इसमें बनाए जाने वाले गोल गोल पिलर होगी.

ज्योति दादा ने बताया कि इस बार पंकज सिनेमा रोड में नेपाल के वन देवी मंदिर के अंदर माता की प्रतिमा स्थापित की जाएगी जो काफी आकर्षण का केंद्र रहेगा.

पूजा समिति के अध्यक्ष अतुल कुमार पांडे ने बताया कि प्रत्येक वर्ष की तरह इस वर्ष भी पूजा समिति द्वारा कुछ नए तरीके से पूजा पंडाल बनाने की कवायद जारी रखी गई है. इस बार नेपाल में स्थित बन देवी मंदिर की प्रतिरूप यहां बनाई जा रही है. जिसमें माता की प्रतिमा स्थापित होगी.

उन्होंने बताया कि शहर का इकलौता पंडाल है जो 1 वर्ष तक अपनी स्थिति में रहता है. सिर्फ नवरात्र ही नहीं नवरात्र के बाद भी यह पंडाल जस के तस बना रहता है. अगले वर्ष पंडाल निर्माण को लेकर इसको हटाने का कार्य किया जाता है. इस बार का पूजा पंडाल लोगों को अपनी ओर आकर्षित करेगा इसे देखने के लिए लोगों की भीड़ जुटेगी.

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छपरा: स्थानीय साहेबगंज सोनारपट्टी में स्थित गणेश की प्रतिमा को धूमधाम से विसर्जित किया गया. विगत दिनों गणेश चतुर्थी के अवसर पर स्थापित भगवान गणेश की प्रतिमा विसर्जन को लेकर सोमवार को शोभायात्रा निकाली गई.

साहेबगंज सोनार पट्टी से निकली यह शोभायात्रा कटहरी बाग, गांधी चौक, मौना चौक, नगर पालिका चौक, थाना चौक होते हुए शहर के विभिन्न मार्गो से परिभ्रमण कर पुनः साहेबगंज चौक पहुंची.

शोभा यात्रा में हाथी, घोड़ा एवं बैंड के साथ हजारों लोग शामिल थे. भगवान गणेश की प्रतिमा के अंतिम दर्शन को लेकर विभिन्न चौक चौराहे पर श्रद्धालुओं द्वारा पूजा अर्चना भी की गई. गाजे बाजे के साथ निकली यह शोभायात्रा में भक्त पूरी तरह से नाचते देखे गए. संध्या समय तक पुनः भगवान गणेश की प्रतिमा साहेबगंज चौक पर पहुंची.

जहां उनके विसर्जन को लेकर अंतिम रूप से पूजा अर्चना की गई.उसके बाद भगवान की प्रतिमा को सरयू नदी में विसर्जित किया गया.

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Chhapra (कबीर की रिपोर्ट): छपरा शहर हमेशा से हिन्दू-मुस्लिम एकता का प्रतीक रहा है. यहां हिन्दू और मुस्लिम दोनों ही कौम मिलजुल कर सदियों से रहते आये है. वही शहर के दहियावां मुहल्ले के रहने वाला एक ऐसा परिवार जो कई पीढ़ियों से हिन्दू-मुस्लिम एकता का प्रतीक बना हुआ है. जितने प्यार से मुस्लिम भी उससे ताजिया बनवाते है उतने ही प्यार हिन्दू भाई दुर्गा पूजा में बनने वाले माँ दुर्गा की मूर्ति बनवाते है. इस परिवार के लिए सबसे ज्यादा खुशी तब हो जाती जब ये दोनों त्योहार किसी वर्ष एक साथ पड़ जाते है.

खास बात तो यह है कि ये परिवार इन दोनों त्योहार में किये गए कार्यों का कोई पैसा तक नही लेता और पूरी शिद्दत के साथ काम शुरू करते है और उसको अंजाम तक पहुंचाते है. जबकि घर की खर्ची किराना दुकान से चलती है.

वर्षो से ताजिया बनवाने वाले अब्दुल रहीम बताते है कि हम लोग पटेल परिवार से ही ताजिया बनवाते है. किसी और से हम लोगों ने बनवाया ही नही. इनसे पहले इनके पिता जी ये काम किया करते थे और अब बेटों ने काम को संभाल रखा है. अब्दुल रहीम ने कहा कि हम सब मिलकर जितनी खुशी के साथ ईद मनाते है उतनी ही खुशी के साथ दीवाली और होली भी मनाते है. किसी तरह का भेद भाव नही है.

प्रभात कुमार पटेल और उनका परिवार इस कार्य में पीढ़ियों से लगा हुआ है. इन्होंने हिन्दू-मुस्लिम एकता की मिशाल पेश की है. प्रभात बताते है कि यह काम मेरे दादाजी-पिताजी वर्षो से करते आ रहे है और हम भी कर रहे है. बहुत अच्छा लगता है. घर के पास में ही माँ दुर्गा स्थापित की जा रही है. वहां भी सजाने सवारने का कार्य करते है और सारण के कई प्रखण्डों का सीपल और ताजिया बनाने का काम करते है. प्रभात बताते है हम सब को मिलकर रहना चाहिए यहां से जाने के बाद अमीर हो या गरीब अपने कर्म को छोड़ के जाता है.

आपको हिन्दू-मुस्लिम एकता की कई कहानी और क़िस्से सुनने को मिलेंगे लेकिन ये जीता जागता उदाहरण है. प्रभात कुमार पटेल खुद तो तन मन से कार्य कर रहे है और समाज को एक नायाब संदेश भी दे रहे है.

मजहब नही सिखाता आपस में बैर रखना, हिंदी है हम वतन है हिन्दोस्तां हमारा.

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Chhapra: मुहर्रम के अवसर पर शुक्रवार को शहर में मातमी जुलूस निकाली जाएगी. शिया समुदाय के लोगों द्वारा जुलूस निकाली जाएगी. मुहर्रम की दस तारीख को मातमी जुलूस निकाली जाती है. गुरुवार यानी नौ मुहर्रम को शिया कॉलोनी दहियावां और नई बाज़ार में जंजीरी मातम हुआ. रविवार को शहर मे निकाले जानेवाली मातमी जुलूस महमूद चौक, पंकज सिनेमा रोड होते हुए साहेबगंज के रास्ते बूटनबाड़ी पहुंचेगी जहाँ पहलाम किया गया.

बताते चलें कि सैकड़ो की संख्या में मातम करते हुए लोग इस जुलूस में शामिल होते है. मुहर्रम की दस तारीख को मातमी जुलूस निकाली जाती है. नौ मुहर्रम को शिया कॉलोनी दहियावां और नई बाज़ार में जंजीरी मातम किया गया.

PHOTO: FILE 

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Chhapra: भाद्रपद मास की षष्ठी तिथि को आस्था के पर्व छठ के तीसरे दिन डूबते सूर्य को अर्घ्य दिया गया. चार दिवसीय इस अनुष्ठान के तीसरे दिन व्रतियों ने तालाब और नदी किनारों के साथ साथ छठ घाटों पर अस्ताचलगामी भगवान भाष्कर को अर्घ्य दिया.

व्रती अब रविवार को उदयीमान भगवान भाष्कर को अर्घ्य देकर अपने इस अनुष्ठान को पूरा करेंगे.

हालांकि इस छठ को करने वाले व्रतियों की संख्या चैत्र और कार्तिक मास के व्रतियों की संख्या से कम है. इसके बावजूद ग्रामीण इलाकों में इस व्रत को करने वाले व्रतियों की संख्या में वृद्धि हो रही है. आम तौर पर इस छठ व्रत को करने वाले व्रतियों का मानना है कि भाद्रपद मास के छठ व्रत को वही व्रती करते है जो मन्नत मांगते है. मन्नत पूरी होने के बाद इस व्रत को करते है.

भाद्रपद छठ व्रत करती हुई महाराजगंज सांसद श्री सिग्रीवाल की पत्नी

बताते चले कि महापर्व छठ पूरे वर्ष ( हिंदी मास ) में तीन बार मनाया जाता है. चैत्र मास, भाद्रपद मास एवं कार्तिक मास में. सबसे ज्यादा संख्या कार्तिक मास को करने वाले व्रतियों की होती है. इस मास के छठ व्रत में खासा लोगो का उत्साह होता है. बिहार के लोगो के लिए इस माह का व्रत मुख्य माना जाता है.

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Chhapra: गणेश चतुर्थी का त्योहार शहर में धूमधाम से मनाया जा रहा है. गुरुवार को लोगों ने अपने घरों में गणपति बप्पा की मूर्ति रखकर पूजा-पाठ की. इसके अलावें भगवान गणेश की पूजा के लिए शहर के सोनार पट्टी में भी लोगों ने प्रतिमा स्थापित की है.

कई लोगों ने अपने ही घरों में ही विघ्हर्ता भगवान गणेश की पूजा की. अपने घर मे मूर्ति स्थापित करने वाले अतुल कुमार ने बताया कि उनके यहां भी 2011 से गणेश चतुर्थी मनायी जा रही है. हालांकि यह विशेष रूप से महाराष्ट्र में मनाया जाता है. लेकिन अब यहां भी इस पर्व को लेकर उत्सव का माहौल दिख रहा है.

ऐसी मान्यता है कि भगवान गणेश की पूजा करने से सारे कष्टों और दुखों से छुटकारा मिलता है.

गणेश चतुर्थी को लेकर शहर के लेकर परखण्ड में भी उत्साह का माहौल है. ज़िले के दरियापुर प्रखण्ड में स्थित सिद्धिविनायक मंदिर में आज भव्य पूजा का आयोजन किया गया. जिसमे बड़ी संख्या में भगवान के दर्शन के लिए उपस्थित रहे. इस मौके पर वहां आज विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किये जायेंगे.

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Chhapra: गणेश चतुर्थी का त्योहार शहर में धूमधाम से मनाया जा रहा है. गुरुवार को लोगों ने अपने घरों में गणपति बप्पा की मूर्ति रखकर पूजा-पाठ की. इसके अलावें भगवान गणेश की पूजा के लिए शहर के सोनार पट्टी में भी लोगों ने प्रतिमा स्थापित की है.

 

 

 

 

 

कई लोगों ने अपने ही घरों में ही विघ्हर्ता भगवान गणेश की पूजा की. अपने घर मे मूर्ति स्थापित करने वाले अतुल कुमार ने बताया कि उनके यहां भी 2011 से गणेश चतुर्थी मनायी जा रही है. हालांकि यह विशेष रूप से महाराष्ट्र में मनाया जाता है. लेकिन अब यहां भी इस पर्व को लेकर उत्सव का माहौल दिख रहा है.

ऐसी मान्यता है कि भगवान गणेश की पूजा करने से सारे कष्टों और दुखों से छुटकारा मिलता है.

गणेश चतुर्थी को लेकर शहर के लेकर परखण्ड में भी उत्साह का माहौल है. ज़िले के दरियापुर प्रखण्ड में स्थित सिद्धिविनायक मंदिर में आज भव्य पूजा का आयोजन किया गया. जिसमे बड़ी संख्या में भगवान के दर्शन के लिए उपस्थित रहे. इस मौके पर वहां आज विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किये जायेंगे.

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Chhapra: शहर के सोनारपट्टी स्थित दुर्गा मंदिर के समीप गणेश महोत्सव के मौके पर भगवान गणेश की प्रतिमा स्थापित की गयी है. कार्यकर्ताओं व स्थानीय लोगों द्वारा गणेश उत्सव की तैयारी जोरों पर है.

आयोजन समिति के सदस्य रंजीत कुमार ने बताया कि हर साल की तरह इस साल भी धूम-धाम से गणेश उत्सव मनाया जाएगा. जिसको लेकर स्थानीय कलाकारों द्वारा तैयारी की जा रही है. साज-सज्जा का काम अंतिम चरण में है.

उन्होंने बताया कि 13 सितम्बर गुरुवार की शाम गणेश भगवान का पट धूम-धाम से खोला जाएगा. पूजन के बाद प्रसाद का वितरण किया जाएगा. भगवान गणेश की प्रतिमा नौ दिनों तक स्थापित रहेगी. इस दौरान दो दिन भंडारा का आयोजन किया जाएगा.

उन्होंने बताया कि विगत 28 सालों से सोनारपट्टी में गणेश उत्सव मनाया जा रहा है. स्थानीय लोगों के मदद से यह आयोजन 29वें साल भी सफलतापूर्वक मनाया जा रहा है.

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