बांका: विश्व प्रसिद्ध श्रावणी मेला 14 जुलाई यानि गुरुवार से शुरू हो गया है। कांवरिया मार्ग में जिले की सीमा प्रवेश द्वार धौरी में बांका सांसद गिरीधारी यादव, डीएम अंशुल कुमार, एसपी डाॅ सत्यप्रकाश, बांका विधायक रामनारायण मंडल व बेलहर विधायक मनोज यादव आदि के द्वारा संयुक्त रूप से फीता काट कर मेला का विधिवत उदघाटन किया।

मौके पर डीएम ने कहा कि शिवभक्तों को कांवरिया मार्ग में कोई परेशानी नहीं होगी। सभी तरह के आवश्यक कार्य को पूरा कर लिया गया है। महिला व पुरुषों के लिए अलग अलग शौचालय, स्नानागार के अलावा ठंडा व गर्म पानी, ठहराव के लिए सभी सरकारी धर्मशाला की साफ-सफाई व रंग-रोगन, कांवरिया मार्ग में गंगा का महीन बालू बिछाने, जगह-जगह मेडिकल कैंप, विद्युत व्यवस्था सहित अन्य सभी कार्यों को पूरा किया गया है।

मौके पर मौजूद एसपी ने कहा कि कांवरिया बेफिक्र होकर बाबाधाम की यात्रा करें। मार्ग में सुरक्षा का पुख्ता इंतजाम किया गया है। पूरे मार्ग में कई स्तर पर पुलिस पदाधिकारियों के साथ पुलिस बल को लगाया गया है। कटोरिया सहित अन्य जगहों पर नियंत्रण कक्ष की स्थापना की गयी है। किसी भी प्रकार की संभावित अप्रिय घटना की सूचना पुलिस को देने की अपील की गयी।

उल्लेखनीय हो कि विश्वव्यापी कोरोना संकट की वजह से दो वर्षों के बाद लग रहे श्रावणी मेले को लेकर इस बार क्षेत्र में गजब का उत्साह देखा जा रहा है। बिहार के भागलपुर जिला अंतर्गत सुल्तानगंज स्थित उत्तरवाहिनी गंगा तट से लेकर झारखंड के देवघर स्थित वैद्यनाथ धाम तक करीब 108 किलोमीटर में लगने वाले माह पर्यंत श्रावणी मेले को लेकर इस बार प्रशासनिक स्तर पर भी व्यापक तैयारियां की गयी हैं। गंगा धाम से लगायत बाबा धाम के बीच सावन भर लगने वाले शिव भक्तों के इस विशेष महाकुंभ में इस बार तकरीबन 50 लाख श्रद्धालुओं के आगमन का आकलन है। हालांकि इनमें वे श्रद्धालु भी शामिल हैं जो भागलपुर के विभिन्न गंगा घाटों से जल लेकर जगदीशपुर -हंसडीहा होते हुए बाबा बासुकीनाथ तक की कांवर यात्रा करते हैं। इनकी भी बड़ी तादाद होती है। खासकर डाक बम के रूप में बाबा को जल अर्पित करने वाले श्रद्धालुओं की विपुल संख्या होती है।

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प्रतिमाओं के प्राण प्रतिष्ठा के साथ ही आम जनता के दर्शन के लिए खुला मंदिर का पट

Chhapra: शहर के सरकारी बाजार में स्थित श्रीराम जानकी मंदिर में प्राण प्रतिष्ठान के बाद मंदिर आमजनमानस के लिए खुल गया है. विगत 4 जुलाई से आरंभ अनुष्ठान के बाद शुक्रवार को मंदिर में प्रतिमाओं के प्राण प्रतिष्ठा के कार्यक्रम का आयोजन किया गया. पूजा अर्चना के बाद भक्तों के दर्शन के लिए प्रतिमा के पट खुल गए.

श्रीराम लक्ष्मण जानकी मंदिर के प्राण प्रतिष्ठा का अवसर पर आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में ट्रस्टी मुरारी चौधरी ने कहा कि स्थानीय लोगों के अथक प्रयास से मंदिर का स्वरूप मिला है. यह मंदिर धार्मिक न्यास बोर्ड से रजिस्टर है.

उन्होंने कहा कि यह मंदिर का निर्माण सन 1931 में हुआ था, लेकिन इसका विधिवत जीर्णोधार और प्राण प्रतिष्ठा अभी हो संपन्न हुआ है. शनिवार को पूजा पाठ हवन के बाद भंडारा का भी आयोजन होगा.

ट्रस्टी ने अपने संबोधन में कहा कि आम जनता के लिए श्रीराम लक्ष्मण जानकी मंदिर खुल चुका है. लंबे अंतराल के बाद स्थानीय लोगों ने मिल जुलकर भव्य मंदिर का स्वरूप का निर्माण कराया है. शहरवासियों के लिए यह मंदिर पूजा पाठ के दृष्टिकोण से एक बेहतर माना जाएगा.

इस अवसर पर मंदिर के ट्रस्टीयों ने अपने-अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि मंदिर पर राजनीति नहीं होनी चाहिए. यह मंदिर किसी खास व्यक्ति के द्वारा नहीं बल्कि सभी नगर वासियों के सहयोग से बना है.

उपस्थित लोगों में प्रेम प्रकाश गुप्ता (सचिव ), सुरेश प्रसाद वर्मा, जयप्रकाश प्रसाद, बालाजी, रामेश्वर राय, अरुण पुरोहित (धर्म प्रचारक ), गोपाल प्रसाद, डॉ अरुण कुमार गुप्ता, विनोद कुमार इलेक्ट्रॉनिक, शंकर शर्मा, रिषि कुमार ओम जी, सत्येंद्र कुमार समेत सभी सृष्टि और मोहल्लेवासी उपस्थित रहे.

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श्रीनगर: बारिश के कारण पहलगाम मार्ग से अस्थायी रूप से अमरनाथ यात्रा को स्थगित कर दिया गया है। पहलगाम के नुनवान बेस कैंप में करीब 3,000 यात्रियों को रोक दिया गया है। इस बीच मंगलवार को कड़ी सुरक्षा के बीच जम्मू से 6,300 से अधिक अमरनाथ तीर्थयात्रियों का छठा जत्था रवाना हुआ।

पहलगाम में सोमवार रात जारी बारिश की वजह से भूस्खलन का खतरा बढ़ गया है। इस वजह से प्रशासन ने यात्रा को इस मार्ग पर अस्थायी रूप से स्थगित करने का फैसला लिया है। सभी यात्रियों के ठहरने के प्राप्त प्रबंध किए गए हैं। मौसम खराब होने से पहलगाम में ठंड भी बढ़ गई है। मौसम विज्ञान विभाग ने अगले 12 घंटे तक बारिश होने का पूर्वानुमान जारी किया है।

जम्मू के भगवती नगर आधार शिविर से मंगलवार सुबह कड़ी सुरक्षा के बीच 239 वाहनों के काफिले में कुल 6,351 अमरनाथ तीर्थयात्री रवाना हुए। इनमें से 4,864 पुरुष, 1,284 महिलाएं, 56 बच्चे, 127 साधु, 19 साध्वी और एक किन्नर शामिल हैं। बालटाल आधार शिविर के लिए जाने वाले 2,028 तीर्थयात्री 88 वाहनों में सुबह करीब 3.35 बजे सबसे पहले रवाना हुए। इसके बाद पहलगाम आधार शिविर के लिए 4,323 तीर्थयात्रियों को लेकर 151 वाहनों का दूसरा काफिला रवाना हुआ।

अधिकारियों ने कहा कि अब तक 72,000 से अधिक तीर्थयात्री बाबा बर्फानी की गुफा में प्राकृतिक रूप से निर्मित शिवलिंगम की पूजा कर चुके हैं।

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शांतिपूर्ण एवं सौहार्दपूर्ण वातावरण में संपन्न होगा बकरीद का पर्व: जिलाधिकारी 

Chhapra: बकरीद का त्योहार को शांतिपूर्ण एवं सौहार्दपूर्ण वातावरण में संपन्न कराने हेतु सारण सभागार में आयोजित बैठक की अध्यक्षता करते हुए जिलाधिकारी राजेश मीणा के द्वारा बताया गया कि सूचनानुसार इस वर्ष बकरीद का त्योहार दिनांक 10.07.2022 को मनाये जाने की संभावना है। चांद के दृष्टिगोचर होने के अनुसार इस तिथि में परिवर्तन हो सकता। यह पर्व तीन दिनों तक मुस्लिम समुदाय के लोगों द्वारा धूम-धाम से मनाया जाता है। बकरीद पर्व को शान्तिपूर्ण और साम्प्रदायिक सद्भाव के वातावरण में मनाने हेतु जिलाधिकारी महोदय के द्वारा उपस्थित पदाधिकारियों को आवश्यक निर्देश दिया गया। असामाजिक तत्वों के द्वारा अराजक स्थिति उत्पन्न करने के परिणामस्वरूप विधि-व्यवस्था की गहन समस्या उत्पन्न हो जाती है। इस परिस्थिति में विभिन्न समुदायों के असमाजिक तत्वों के साथ-साथ साम्प्रदायिक भावना भड़काने वाले तत्वों पर कड़ी निगरानी रखते हुए वैधानिक एवं प्रशासनिक कार्रवाई अपेक्षित हैं ताकि सौहार्दपूर्ण वातावरण में पर्व संपन्न कराया जा सके।

जिलाधिकारी के द्वारा सभी अनुमण्डल पदाधिकारी को अपने-अपने क्षेत्र के अनुमण्डल पुलिस पदाधिकारी, प्रखंड विकास पदाधिकारी, अंचल अधिकारी, पुलिस निरीक्षक, थानाध्यक्ष के साथ शांति समिति की बैठक कर क्षेत्र की विधि व्यवस्था की स्थिति का आकलन कर संवेदनशील और अत्यंत संवेदनशील क्षेत्रों को चिन्हित कर इन पर विशेष निगरानी रखने का निर्देश दिया गया।

जिलाधिकारी एवं पुलिस अधीक्षक के द्वारा जारी संयुक्त आदेश के जरिए जिला स्तर से थानावार वरीय दण्डाधिकारियों और पुलिस पदाधिकारियों की प्रतिनियुक्ति कर दी गई है। सभी अनुमण्डल पदाधिकारी, अनुमण्डल पुलिस पदाधिकारी को आदेश दिया गया कि वे क्षेत्र की विधि व्यवस्था और संवेदनशीलता का आकलन कर आवश्यकतानुसार अपने स्तर से भी दण्डाधिकारी, पुलिस पदाधिकारी और पुलिस बल की प्रतिनियुक्ति करना सुनिश्चित करेंगे। सभी प्रखंड विकास पदाधिकारी अंचल अधिकारी कार्यपालक पदाधिकारी, नगर पंचायत, पुलिस निरीक्षक, पुलिस अंचल और थानाध्यक्ष अपने अपने क्षेत्र में सघन गश्ती करेंगे और किसी भी छोटी से छोटी घटना की सूचना पर त्वरित कार्रवाई करते हुए उसकी सूचना जिला नियंत्रण कक्ष और वरीय पदाधिकारियों को देना सुनिश्चित करने का निर्देश दिया गया। सभी प्रखंड विकास पदाधिकारी, अंचल अधिकारी एवं थानाध्यक्ष विधि व्यवस्था संधारित करने हेतु व्यापक रूप से आसूचनाओं का संग्रहण करने तथा असामाजिक तत्वों की गतिविधियों पर विशेष नजर रखने का निर्देश दिया गया। पुलिस अधीक्षक के द्वारा थानाध्यक्षों को अपने थाना क्षेत्र के साम्प्रदायिक तनाव वाले स्थलों को चिन्हित करने का आदेश दिया गया। सोशल मीडिया पर कड़ी नजर रखने का निर्देश पुलिस अधीक्षक महोदय के द्वारा दिया गया।

जिलाधिकारी के द्वारा निर्देश दिया गया कि पर्व के दौरान धार्मिक स्थलों की सुरक्षा व्यवस्था, भीड़ नियंत्रण हेतु प्रभावकारी व्यवस्था, संवेदनशील स्थलों पर रात्रि गश्ती की समुचित व्यवस्था करना हर हाल में सुनिश्चित की जानी चाहिए। छोटी से छोटी घटनाओं को भी गंभीरता से लेते हुए उन्हें तत्काल सुलझाने की प्रभावकारी कार्रवाई करने का निर्देश दिया गया। स्टेशन और बस स्टैण्ड पर बाहर से आने वाले लोगों पर निगरानी रखना और रैण्डम चेकिंग करने के साथ-साथ होटल एवं सराय इत्यादि को चेक करने का निर्देश दिया गया ताकि पर्व के दौरान शांति व्यवस्था स्थापित रह सके और विधि व्यवस्था की कोई समस्या उत्पन्न न हो। नगर आयुक्त, छपरा नगर निगम और सभी कार्यपालक पदाधिकारी, नगर पंचायत तथा संबंधित अंचल अधिकारीगण को आदेश दिया गया कि वे पर्व के अवसर पर अपने क्षेत्र की व्यापक साफ-सफाई करवाना सुनिश्चित करेंगे।

जिलाधिकारी के द्वारा स्पष्ट रुप से निर्देश दिया गया कि संवेदनशील स्थानों पर बल की प्रतिनियुक्ति एवं सघन पुलिस गश्ती निश्चित रुप से हो। सभी अनुमण्डल पदाधिकारी और अनुमण्डल पुलिस पदाधिकारी अपने अपने क्षेत्र में विधि व्यवस्था के सम्पूर्ण प्रभार में रहेंगे और स्थिति पर लगातार सतर्क नजर रखते हुए किसी भी प्रकार की सूचना प्राप्त होने पर तत्क्षण कार्रवाई करते हुए वरीय पदाधिकारियों को अवगत करायेंगे।

विधि व्यवस्था संधारण एवं पर्यवेक्षण हेतु दिनांक 10.07.2022 से पर्व की समाप्ति तक जिला स्तर पर जिला नियंत्रण कक्ष की स्थापना की गयी है जो 24 घंटे कार्यरत रहेगा। जिला नियंत्रण कक्ष, सारण का दूरभाष संख्या 06152-242444 है। जिला की विधि व्यवस्था और जिला नियंत्रण कक्ष के वरीय प्रभार मे डा० गगन, अपर समाहर्त्ता, सारण (मो० नं० 9473191268) एवं सौरभ जायसवाल, पुलिस उपाधीक्षक, मुख्यालय, सारण- 8544428112 रहेंगे।

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श्रीनगर: इस साल श्री अमरनाथ यात्रा शुरू होने के बाद से अब तक 40 हजार से अधिक श्रद्धालु दक्षिण कश्मीर हिमालय में पवित्र गुफा मंदिर के दर्शन कर चुके हैं। यात्रा के दौरान पांच तीर्थ यात्रियों की मौत हो चुकी है।

अधिकारियों ने रविवार को बताया कि यात्रा के चंदनवाड़ी-शेषनाग मार्ग से वीरेंद्र गुप्ता नाम का एक तीर्थयात्री लापता है। उन्होंने बताया कि पांच मृतकों में से तीन की मौत दिल का दौरा पड़ने से हुई है। इनमें दिल्ली निवासी जय प्रकाश की चंदनवाड़ी में, बरेली निवासी देवेंद्र तायल (53) की निचली गुफा में और बिहार के लिपो शर्मा (40) की काजीगुंड कैंप में मौत हुई है। उन्होंने बताया कि महाराष्ट्र के जगन्नाथ (61) की पिसुटोप में स्वास्थ्य स्थिति के कारण मौत हुई है, जबकि राजस्थान के आशु सिंह (46) की एमजी टॉप पर घोड़े से गिरने के कारण मौत हुई है।

रविवार सुबह 10 बजे तक 40,233 श्रद्धालुओं ने पवित्र गुफा में प्राकृतिक रूप से बने बर्फ-शिवलिंग के दर्शन किए। श्री अमरनाथ जी की यात्रा 30 जून को शुरू हुई और 11 अगस्त को समाप्त होगी।

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मोतिहारी:  जिले के प्रसिद्ध समाजसेवी डॉ शम्भू नाथ शिकारिया ने अपने राधा नगर स्थित आवासीय परिसर में आज पांच लाख रुद्राक्ष से निर्मित शिवलिंग को स्थापित किया जो शहरवासियो के साथ पूरे जिले वासियो के आकर्षण और कौतूहल का विषय बना हुआ है।

मौके पर डा.शंभूनाथ सिकारिया ने बताया कि समस्त मनोकामनाओं को पूरा करने व देश प्रदेश में शांति स्थापित करने के उद्देश्य से इस शिवलिंग को स्थापित किया गया है।शिवलिंग की स्थापना शंकराचार्य श्री श्री नरेंद्रानंद जी सरस्वती जी महाराज ने वैदिक मंत्रोच्चार व रुद्राभिषेक के उपरांत कराया है।

इस अवसर जिले के कई हिस्सो से आये भक्त श्रदालुओं ने रुद्राभिषेक व रुद्राक्ष शिवलिंग की स्थापना में हिस्सा लिया। बताते चले कि उक्त शिवलिंग 20 फीट ऊँची और गोल्ड प्लेटेड है।जिस पर पांच लाख रूद्रास को लगाया गया है।साथ ही शिवलिंग के उपर भगवान शंकर की आकर्षक प्रतिमा भी लगाई गयी है। उल्लेखनीय है कि डा.सिकरिया ने इसके पूर्व कलियुग मे अश्वमेध यज्ञ कर पूरे देश मे चर्चित हुए थे।

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रुद्रप्रयाग: केदारनाथ धाम में श्रद्धालुओं के लिए मंदिर के गर्भगृह में प्रवेश पर शुक्रवार से प्रतिबंध समाप्त कर दिया गया है। अब श्रद्धालु गर्भ गृह में जाकर बाबा केदार के दर्शन कर रहे हैं।

बदरीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति (बीकेटीसी) के अध्यक्ष अजेंद्र अजय ने बताया कि मंदिर समिति श्रद्धालुओं को मंदिरों में सरल-सुगम दर्शन के लिए प्रतिबद्ध है। गुरुवार रात्रि तक 901081 श्रद्धालु बदरीनाथ धाम और 831600 श्रद्धालु केदारनाथ धाम दर्शन कर चुके हैं। दोनों धामों में अब तक 1732681 श्रद्धालु दर्शन कर चुके हैं।

उन्होंने बताया कि इस वर्ष मई और जून माह में रिकॉर्ड संख्या में श्रद्धालुओं के पहुंचने से गर्भगृह में प्रवेश पर प्रतिबंध लगाया गया था और श्रद्धालु सभामंडप से ही बाबा केदार के दर्शन कर रहे थे। अब संख्या कम होने के बाद श्रद्धालु मंदिर के गर्भ गृह में जाकर पूजा-अर्चना कर रहे हैं।

उन्होंने बताया कि श्रद्धालुओं की संख्या में कमी को देखते हुए मंदिर में दर्शनों के समय में भी परिवर्तन किया गया है। शुक्रवार से केदारनाथ मंदिर में प्रात: चार बजे के स्थान पर पांच बजे से धर्म-दर्शन शुरू हो रहे हैं। अपराह्न 03 बजे से 4:45 बजे तक भोग-पूजा और सफाई के लिए कपाट बंद किए जा रहे हैं। शाम को शृंगार पूजा के बाद रात्रि 9 बजे पुनः कपाट बंद किए जाएंगे।

उन्होंने बताया कि इसी तरह बदरीनाथ धाम में मंदिर में भगवान बदरी विशाल की अभिषेक पूजा प्रात: पांच बजे से संपन्न हो रही है। इस दौरान भी श्रद्धालु धर्मदर्शन कर रहे हैं। शाम को विभिन्न पूजाओं के बाद रात्रि 9 बजे तक कपाट बंद हो रहे हैं।

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अगस्त के बाद माता वैष्णो देवी जाने की तैयारी में है तो, पढ़ें पूरी ख़बर

Katra : अगर आप माता वैष्णों देवी के दर्शन को जा रहे है तो यह खबर आपके लिए जरूरी हो सकती है. आगामी अगस्त माह से श्राइन बोर्ड द्वारा कुछ बदलाव किया जा रहा है.

नए नियमों के तहत माता वैष्णो देवी की यात्रा पर्ची इतिहास बनने जा रही है. श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए माता वैष्णो देवी श्राइन बोर्ड 62 साल से चल रही यात्रा पर्ची की जगह अब नई तकनीकयुक्त रेडियो फ्रिकवेंसी आइडेंटिफिकेशन (आरएफआइडी) सेवा शुरू कर रहा है.

नववर्ष के पहले दिन मां के भवन पर भगदड़ की घटना पर कड़ा संज्ञान लेकर बोर्ड प्रशासन ने अगस्त से आरएफआइडी सेवा अनिवार्य कर दी है. इस सुविधा से यात्रा के दौरान श्रद्धालुओं की दिक्कतें मौके पर ही दूर होंगी. ताकि भविष्य में भगदड़ जैसी संभावना भी न बन सके. आरएफआइडी कार्ड पूरी तरह से चिपयुक्त है जो सरवर के साथ कनेक्ट होगा. इसके लिए कंट्रोल रूम भी बनेगा. कार्ड में श्रद्धालु की फोटो के साथ पुरी तरह की जानकारी होगी. श्रद्धालु यात्रा आरंभ करने से पहले श्राइन बोर्ड के यात्रा पंजीकरण केंद्र से आरएफआइडी कार्ड प्राप्त करेगा.

यात्रा पूरी करने के उपरांत कार्ड को मां वैष्णो देवी के प्रवेश द्वार दर्शनी ड्योढ़ी या फिर नए ताराकोट मार्ग के प्रवेश द्वार, कटड़ा हेलीपैड या फिर श्री माता वैष्णो देवी रेलवे स्टेशन आदि स्थानों पर बोर्ड के यात्रा पंजीकरण केंद्र पर वापस करेगा. यह कार्ड दोबारा कई बार इस्तेमाल किया जा सकता है. हालांकि, आरएफआइडी कार्ड की कीमत 10 रुपये में है, लेकिन श्रद्धालु को यह कार्ड निश्शुल्क मिलेगा. इसका खर्चा श्राइन बोर्ड स्वयं वाहन करेगा.आरएफआइडी कार्ड का टेंडर श्राइन बोर्ड प्रशासन ने पुणे की एमटेक इनोवेशन कंपनी को दिया है.

आनलाइन यात्रा पंजीयन कराने वालों के लिए जरूरी

तत्काल सुविधा लेने वाले श्रद्धालुओं के अलावा आनलाइन पंजीयन करने वालों के लिए भी आरएफआइडी कार्ड लेना अनिवार्य होगा. श्राइन बोर्ड यात्रा पंजीकरण केंद्रों के साथ दर्शन ड्योढ़ी, नए ताराकोट मार्ग के प्रवेश द्वार, कटड़ा हेलीपैड, श्री माता वैष्णो देवी रेलवे स्टेशन आदि पर और भी जगहों पर यात्रा पंजीकरण केंद्रों की संख्या बढ़ाएगा. ताकि श्रद्धालुओं को आरएफआइडी कार्ड लेने को लेकर इंतजार न करना पड़े.

फोन पर आएगा मैसेज

आनलाइन यात्रा पंजीयन कराने वाले श्रद्धालु जैसे ही आधार शिविर कटड़ा पहुंचेंगे उसी समय वाई-फाई से उसके स्मार्ट फोन पर मैसेज आएगा कि उसे कितने बजे और किस काउंटर पर जाकर आरएफआइडी कार्ड लेना है. इसके लिए वायरलैस फिडेलिटी सुविधा विकसित की जा रही है.

आरएफआइडी कार्ड पानी से भी नहीं होता खराब

आरएफआइडी कार्ड पूरी तरह से पालीफैब्रिक्स युक्त होगा जो बारिश या फिर पसीने से खराब नहीं होगा. यात्रा पूरी करने के उपरांत इस कार्ड को नजदीकी काउंटर पर जमा करवाना अनिवार्य होगा.

यात्रा पर्ची का सफर

कई दशकों से माता वैष्णो देवी की यात्रा चली आ रही है. वर्ष 1962 में सूचना विभाग ने श्रद्धालुओं के पंजीकरण को लेकर यात्रा पर्ची शुरू की थी. इसके बाद 1968 में पर्यटन विभाग ने कटड़ा में श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए इमारत का निर्माण कर कार्य करवाया. 1970 में पर्यटन विभाग ने यात्रा पर्ची का जिम्मा संभाला. वर्ष 1986 में श्री माता वैष्णो देवी श्राइन बोर्ड का गठन होते ही यात्रा पर्ची का जिम्मा अपने हाथों में ले लिया. वर्ष 2001 में कंप्यूटरीकृत यात्रा पर्ची उपलब्ध होने लगी. तब परिवार का एक सदस्य यात्रा पंजीकरण केंद्र पर जाकर अन्यों का नाम बताकर पर्ची लेता था. सुरक्षा को देखते हुए श्राइन बोर्ड ने वर्ष 2013 में फोटो एसेस कार्ड सुविधा शुरू की जो वर्तमान में लगातार जारी है. श्रद्धालु की फोटो और साथ ही नाम तथा पता दर्ज किया जाता है.

यात्रा पर बारीकी से नजर रखी जाएगी

माता वैष्णो देवी श्राइन बोर्ड के सीइओ अंशुल गर्ग ने बताया कि अगस्त से यात्रा में आरएफआइडी कार्ड श्रद्धालुओं के लिए अनिवार्य होगा. इसमें आनलाइन पंजीयन कराने वाले श्रद्धालु भी शामिल होंगे. इस कार्ड को वापसी पर जमा कराना भी अनिवार्य होगा. इस सुविधा को शुरू करने का मकसद यात्रा पर बारीकी से नजर रखना है.

यह फायदा होगा 

भवन मार्ग पर किसी तरह का दुव्र्यवहार और यात्रा के दौरान श्रद्धालुओं के लापता होने के मामलों पर विराम लगेगा. इसके अलावा सबसे बड़ा मुद्दा भीड़ को नियंत्रण करना होगा. कार्ड देते समय यह ध्यान रखा जाएगा कि भीड़ इकट्ठी न भवन पहुंच जाए. अनुमान के मुताबिक भवन करीब 10 हजार श्रद्धालु एक समय में दर्शन के लिए रुक सकता है. श्राइन बोर्ड प्रशासन कंट्रोल रूम से भीड़ पर पल-पल की निगाह रखेगा. इसके लिए टीम बनाई जाएगी.

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कोई कचड़ा ना फेंके इसके लिए देवी देवताओं की टाइल्स लगा देना बन गया है ट्रेंड !

Chhapra: आमतौर पर शहर की सड़कों और खासकर गलियों में इधर उधर कचड़े का अंबार आपको जरूर दिख जायेगा. निश्चित तौर पर यह कचड़े का अंबार ठीक किसी के दरवाजे के सामने, किसी के दुकान के आगे, किसी चौराहे के बीचों बीच या फिर किसी गली के किनारे दिखना आम बात है. हालांकि कुछ लोग वैसे भी है जिन्होंने बंद घर देखा नही कि वहा कचड़ा डंप करना शुरू कर दिया. कुल मिलाकर लोग अपने घर को साफ और दूसरे के दरवाजे पर मौका देखकर अपना कचड़ा फेंक चलते बनते है. जिसके कारण मुहल्ले के लोगों और घरवालों को मजबूरन देवी देवताओं के टाइल्स का सहारा लेना पड़ता है. यह उपाय कारगर भी होता है.

नगर निगम द्वारा शहर के किसी भी वार्ड में कही भी कूड़ा कचड़ा फेंकने का स्थान निर्धारित नहीं है लिहाजा कही भी अपने घर से निकाल कर लोग कचड़ा फेंकते है और चलते बनते है. दिक्कत उनको होती है जिनके दरवाजे, घरों के मुहाने, गली मोहल्लों पर यह कचड़े का अंबार लगता है. शहर के लाह बाजार में भी अचानक से बीच सड़क पर लोगों ने कचड़ा फेंकना शुरू कर दिया. जिसको देखते हुए लोगों ने वहां कूड़ा कचड़ा ना फेंकने का बोर्ड लगा दिया जब इतने से भी बात नही बनी तो तो दो देवी देवताओं की टाइल्स लगा दी. भले ही स्थानीय लोगों के लिए यह कारगर और असरदार उपाय साबित हुआ लोगों ने कचड़ा फेंकना बंद कर दिया लेकिन यह टाइल्स जमीन से थोड़ी ऊपर लगी है. धर्म में चित्रों के पूजन की मान्यता है लेकिन यहां इनके चित्रों के आसपास हवा से कचड़ा इक्कठा हो जाता है. ना ही इन चित्रों को कोई साफ करता है और ना ही इनकी यहां पूजा हो पाती है. जिससे कि सनातन में इनका अपमान ही हो रहा है.

दीवार पर लगी इन चित्रों के आगे कभी कोई बाइक खड़ा करता है तो कोई साइकिल, कोई ठेला लगा देता है तो कोई गाड़ी. पूरे दिन इन चित्रों के आगे किसी ना किसी प्रकार का जूठन, कपड़ा अन्य सामान आते जाते है जो इनकी पवित्रता को अशुद्ध करते है.

बहरहाल धर्म में आस्था है तो उनका सम्मान भी ज़रूरी है. सम्मान में भले ही लोग इस चित्र लगी दीवारों के सामने कचड़ा ना फेंके. लेकिन हम इनका सम्मान नही कर रहे है, जहां तहां इन चित्रों को लगाने से इनका सम्मान नही बल्कि इनका अनादर ही हो रहा है.

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Chhapra: गंगा, सरयू और सोन नदी के संगम तीर्थ चिरांद में ज्येष्ठ पूर्णिमा को होने वाले गंगा महाआरती की तैयारी पूरी कर ली गयी है. 

चिरांद विकास परिषद व गंगा समग्र के तत्वावधान में गंगा महाआरती के साथ शुरू होने वाले गंगा गरिमा रक्षा संकल्प व चिरांद चेतना महोत्सव में इस वर्ष केंद्रीय मंत्री अश्विनी कुमार चौबे मुख्य अतिथि होंगे.

गंगा समग्र के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमरेन्द्र प्रसाद सिंह उपाख्या लल्लू बाबू की अध्यक्षता में आयोजित इस समारोह के विशिष्ट अतिथि सारण के जिला एवं सत्र न्यायाधीश राम लाल शर्मा, राज्यसभा सदस्य राकेश सिन्हा, पूर्व मंत्री महाचन्द्र प्रसाद सिंह होंगे.

चिरांद विकास परिषद के सचिव व गंगासमग्र उत्तर बिहार के सह संयोजक श्रीराम तिवारी ने बताया कि इस वर्ष ज्येष्ठ पूर्णिमा 14 जून 2022 मंगलवार को है. संध्या 5 बजे से यह समारोह शुरू हो जाएगा. सम्पूर्ण भारत इस वर्ष आजादी का अमृत महोत्सव मना रहा है. समारोह में सारण गाथा की प्रस्तुति होगी. जिसमे सारण के गौरवशाली अतीत की जीवंत प्रस्तुति होगी. प्रख्यात कलाकारों की प्रस्तुति के साथ ही स्वतंत्रता संग्राम में सारण के योगदान की प्रस्तुति भी होगी.

ज्ञात हो कि विश्व के दुर्लभ पुरातात्विक स्थलों में से एक चिराद में यह भव्य समारोह विगत पंद्रह वर्षो से अनवरत हो रहा है. इसमें सारण व बिहार के अन्य जिलों से श्रद्धालु शामिल होते हैं. गंगा घाट पर भारी भीड़ उमड़ती है.

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देवघर में करें बाबा का दर्शन अब हवाई जहाज से, श्रावण मेला के पहिले एयरपोर्ट चालू होने की जगी उम्मीद

Devghar: आगामी श्रावणी मेला में देवघर आने वाले भक्तों को नई सौगात मिलने की उम्मीद है अगर सबकुछ ठीक ठाक रहा था इस श्रावणी मेले में शिवभक्त देवघर एरोप्लेन से आकर भगवान का दर्शन कर सकते है. देवघर एयरपोर्ट को लेकर विगत दिनों कोलकाता से आई 180 यात्रियों की क्षमता वाली इंडियो फ्लाइट का ट्रायल किया गया. विमान की लैडिंग के साथ-साथ टेक ऑफ भी किया गया. देवघर एयरपोर्ट पर इंडिगो की फ्लाइट संख्या 320 का ट्रायल पूरी तरह से सफल रहा.

अब अनुमति मिलने के बाद विमान सेवा जल्द से जल्द शुरू हो जाएगी. इसके पूर्व उद्घाटन को लेकर तैयारियां शुरू होगी. वही देवघर एयरपोर्ट पर कर्मचारियों की प्रतिनियुक्ति का कार्य भी चल रहा है.

आशा है कि इस वर्ष लगने वाले श्रावणी मेला के पहले देवघर एयरपोर्ट का उद्घाटन और प्लेन का परिचालन शुरू होने की उम्मीद है.

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गंगा दशहरा पर भक्तों ने लगाई आस्था की डुबकी

Chhapra: गंगा दशहरा के अवसर पर नदी घाटों पर स्नान के लिए भक्तों का ताता लगा रहा. गुरुवार को अहले सुबह से ही नदी घाटों पर भक्तों की भीड़ जुटनी शुरू हो गई थी. महिला पुरुष के साथ बच्चों ने भी गंगा दशहरा के अवसर पर नदी में स्नान कर पूजा अर्चना की.

इस अवसर पर शहर से सटे डोरीगंज के डोरीगंज, तिवारी घाट, बालू घाट, रिवीलगंज, सीढ़ी घाट, धर्मनाथ मंदिर घाट, मांझी के राम घाट, गोदना सेमरिया के नदी घाटों पर भक्तों ने आस्था की डुबकी लगाई. इस अवसर पर कई घाटों पर स्थित मंदिरों में लंगर का भी आयोजन किया गया. जहां भक्तों ने प्रसाद का सेवन किया.

वही कई मंदिरों में इस अवसर पर मेला भी लगाया गया. जहां पूरे दिन बच्चों, महिलाओं के साथ पुरुषों ने भरपूर आनंद उठाया.

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