गुरू पूर्णिमा के अवसर पर गुरू पुजन कार्यक्रम का हुआ आयोजन

Chhapra: गुरु पूर्णिमा के अवसर पर शहर के पार्वती आश्रम में गुरु पूजन कार्यक्रम का आयोजन किया गया. शहर सहित गांव से हजारों लोगों ने मंदिर पहुंच माता के दर्शन और पूजा पाठ किया.

पूजा को लेकर अहले सुबह ही भक्तों की कतारें लग चुकी थी. वही मंदिर मे भक्तों के लिए प्रसाद का भी वितरण किया जा रहा था जिसमे खिचड़ी दी जा रही थी.

इसके आलावे मेला का आयोजन भी किया गया था. जिसका बच्चों ने खूब लुफ्त उठाया.

 

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श्रद्धा और भक्ति का पर्व सावन इस साल हिंदू धर्म के अनुयायियों के लिए विशेष धार्मिक महत्व रखता है। ज्योतिषशास्त्र के अनुसार पिछले 72 सालों में पहली बार सावन सोमवार के दिन प्रारंभ होकर सोमवार को ही संपन्न होगा। यही नहीं, इस दौरान सावन में पांच सोमवार पड़ रहे हैं, जो भगवान शिव की कृपा पाने के लिए अत्यंत शुभ माने जाते हैं।
सावन का पवित्र महीना भगवान शिव को समर्पित होता है। इस अवधि में श्रद्धालु भगवान शिव का जलाभिषेक करते हैं और उनका आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए व्रत रखते हैं। सावन के सोमवार को और भी विशेष माना जाता है। ऐसा माना जाता है कि इन पवित्र दिनों में किए गए जलाभिषेक और पूजा-पाठ से भगवान शिव शीघ्र प्रसन्न होते हैं।

72 साल बाद बन रहा दुर्लभ संयोग
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार सावन की शुरुआत और समाप्ति दोनों दिन का ही सोमवार होना एक दुर्लभ संयोग है। आखिरी बार ऐसा 72 साल पहले हुआ था। इस विशेष अवसर पर भगवान शिव की पूजा-अर्चना करना और उनका ध्यान लगाना अत्यंत फलदायी माना जाता है।

पांच सोमवार लाएंगे शुभ फल

सावन में पांच सोमवार पड़ना और भी शुभ संकेत माना जा रहा है। कि इस सावन में साधना करने और भगवान शिव की आराधना करने से मनोवांछित फल की प्राप्ति होती है। साथ ही जीवन में सुख-समृद्धि और शांति का वास होता है।

पांचों सोमवार की तिथियां

पहला सोमवार – 22 जुलाई 2024
दूसरा सोमवार – 29 जुलाई 2024
तीसरा सोमवार – 05 अगस्त 2024
चौथा सोमवार – 12 अगस्त 2024
पांचवां सोमवार – 19 अगस्त 2024

ज्योतिषाचार्य संजीत कुमार मिश्रा
ज्योतिष वास्तु एवं रत्न विशेषज्ञ
8080426594/9545290847

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देवघर, 20 जुलाई (हि.स.)। श्रावणी मेला 22 जुलाई से मेला शुरू होगा। मेले में आने वाले कांवरियों को बेहतर सुविधा देने के लिए जिला व मंदिर प्रशासन की तैयारी जोर-शोर से चल रही है। भक्तों को इस दौरान हर साल की तरह अरघा के माध्यम से जलार्पण कराया जायेगा।

22 जुलाई को कांचा जल पूजा के बाद बाबा मंदिर में अरघा लगया जायेगा। उसके बाद बाबा की दैनिक सरदारी पूजा होगी। दैनिक सरदारी पूजा संपन्न होने के बाद पुरोहित समाज के लोग भी अरघा के माध्यम से ही पूजा करेंगे। बाबा मंदिर में लगने वाले मुख्य व तीन बाह्य अरघा की मरम्मत का कार्य पूरा हो चुका है। कोलकाता से अरघा की मरम्मत व इसकी पॉलिश का काम पूरा होने के बाद बाबा मंदिर में पहुंचा दिया गया।

मंदिर मुख्य प्रबंधक ने अरघा का निरीक्षण कर इसे सुरक्षित रखवा दिया। मेले में चार अरघा से होगा जलार्पण बाबा मंदिर में श्रावणी मेले के दौरान चार अरघा लगाया जायेगा। एक मुख्य अरघा जो बाबा मंदिर के मंझला खंड में लगेगा। यहां पर आम कतार तथा कूपन लेकर आये भक्त जलार्पण व बाबा का दर्शन कर बाहर निकलेंगे। वहीं तीन बाह्य अरघा जो की निकास द्वार के पास नीर कुंड के निकट लगाया जायेगा।

यहां पर असहाय व कम समय में जलार्पण की चाहत रखने वाले लोग जलार्पण करेंगे। इस अरघा का जल पाइप लाइन के माध्यम से नीर कुंड के रास्ते बाबा पर अर्पित होगा। वहीं कांवरिये बाबा मंदिर की छत पर लगे बड़े एलइडी स्क्रीन में देख बाबा का दर्शन कर सकेंगे।

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नई दिल्ली, 7 जुलाई (हि.स.)। उड़ीसा के पुरी में भगवान जगन्नाथ की पारंपरिक रथयात्रा रविवार से शुरू हो रही है। इसका आयोजन हर साल आषाढ़ माह में शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि से होता है और भगवान जगन्नाथ दशमी तिथि तक जन सामान्य के बीच रहते हैं। इस दौरान भगवान जगन्नाथ बड़े भाई बलराम और बहन देवी सुभद्रा के साथ रथ पर विराज कर गुंडीचा मंदिर की ओर प्रस्थान करते हैं। जगन्नाथ रथयात्रा का भव्य आयोजन 10 दिनों तक चलता है।

हर वर्ष पुरी में भगवान जगन्नाथ की रथयात्रा का आयोजन किया जाता है। हिंदू धर्म में इस रथयात्रा का विशेष महत्व है। इसमें भगवान जगन्नाथ, बहन सुभद्रा और भाई बलभद्र संग साल में एक बार प्रसिद्ध गुंडिचा माता के मंदिर में जाते हैं। जहां कुछ दिनों के लिए रहेंगे। इसमें भगवान जगन्नाथ अपनी बहन और भाई संग पूरे नगर का भ्रमण करते हैं। रथयात्रा में सबसे आगे ताल ध्वज पर श्री बलराम जी चलते हैं। उनके पीछे पद्म ध्वज रथ पर देवी सुभद्रा व सुदर्शन चक्र होते हैं। अंत में गरुण ध्वज पर श्री जगन्नाथ जी चलते हैं। भगवान जगन्नाथ के रथ को नंदीघोष अथवा गरुड़ध्वज कहा जाता है। मान्यता है कि भगवान श्रीकृष्ण, बलराम और सुभद्रा जी का वही स्वरूप आज भी जगन्नाथपुरी में है, जिसे स्वयं विश्वकर्मा जी ने बनाया था।

भगवान जगन्नाथ की रथयात्रा बहुत भव्य तरीके से निकाली जाती है। श्रद्धालुओं द्वारा रथ खींचने का नजारा अद्भुत होता है। रथयात्रा के दौरान श्रद्धालु ढोल, नगाड़े, तुरही और शंखध्वनि करते हैं। पूरे वर्ष श्रद्धालु इस विशेष अवसर का इंतजार करते हैं।

 

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Chhapra: जय भोला भंडारी सेवा दल के द्वारा बाबा बर्फानी के दर्शन के लिए 250 यात्रियों का दूसरा जत्था अमरनाथ के लिए रवाना हुआ। 

कोषाध्यक्ष अमित मेडिकल, उप सचिव मंटु बाबा ने हरी झंडी दिखा ट्रेन से जत्थे को रवाना किया। छपरा जंक्शन पर विशाल भंडारे का आयोजन भी हुआ। 

सभी यात्रियों को चन्दन तिलक लगाने के बाद भंडारे का प्रसाद ग्रहण कराया गया। छपरा जंक्शन पर भोले के भक्तों के साथ अन्य यात्री भी हर्ष उल्लास से भड़ गए।

जय भोले, हर हर महादेव, जय बाबा अमरनाथ बर्फानी, जय शिव के नारों से पूरा जंक्शन गूंज उठा। 

आपको बताते चले कि इस सेवा दल द्वारा उधमपुर जम्मू-कश्मीर में भंडारा भी लगाया जाता है। य़ह बिहार का पहला भंडारा है जो अमरनाथ यात्रा मार्ग पर लगता है। इस वर्ष चौथे विशाल भंडारे का आयोजन किया जा रहा है। इस जत्थे का नेतृत्व- शिव रस्तोगी, संत रस्तोगी, रन विजय, श्याम, पवन, निरज सिंह, श्याम किशोर के द्वारा किया जा रहा है।

इस आयोजन में सेवा दल के सदस्य राजेश (रिबक) केदार, धनु, कन्हैया लाल, प्रकाश कुमार, शम्भु, गुड्डू, विक्की ठंडा इत्यादि सदस्यों ने भाग लिया।

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Chhapra: गौतम स्थान मंदिर के महंत रामदयालु दास के 13वीं श्राद्ध कर्म के अवसर पर नए महंत प्रभुनाथ दास को सैकड़ो संतो एवं शिष्यों के बीच में मंहत के दायित्व पर स्थापित किया गया।

इस अवसर पर अरुण पुरोहित धर्म प्रचारक ने कहा कि महर्षी गौतम आश्रम जहां प्रभु राम ने आकर अहिल्या का उद्धार किया इस पवित्र तपोस्थली की मिट्टी से हम चंदन करते हैं, वंदन करते हैं।

नए मंहत को उनके दायित्व का बोध कराया। तपोस्थली की सुरक्षा एवं भारत के मानचित्र पर पर्यटक स्थल बनाने के लिए सतत प्रयास किया जाएगा।

इस अवसर पर देश भर से उनके शिष्य दिल्ली, लखनऊ, सिवान, देवरिया, उत्तर प्रदेश, कोलकाता से पहुंचे।

बड़ी संख्या में महिलाएं बहनों की भी उपस्थित रही। अरुण पुरोहित ने कहा कि जल्द ही स्थानीय कमेटी का गठन किया जाएगा। सारण जिला के समाजसेवी बलराम सिंह अधिवक्ता एवं पारस नाथ अधिवक्ता सहित तमाम मठ के मठाधीश एवं गण्यमान्य लोगों की उपस्थिति रही।

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रथ यात्रा महोत्सव सात जुलाई को:चांदी के रथ पर सवार होंगे गौरांग देव और गोविंद देव जी

जयपुर: आराध्य देव गोविंद देवजी मंदिर में रथ यात्रा महोत्सव 7 जुलाई को सुबह साढे छह बजे मनाया जाएगा। मंदिर के प्रवक्ता मानस गोस्वामी ने बताया कि गर्भ मंदिर के पश्चिम द्वार से मंदिर महंत अंजन कुमार गोस्वामी के सान्निध्य में विग्रह को चांदी के रथ पर विराजमान कर मंदिर की परिक्रमा करवाई जाएगी। माध्वीय गौड़ीय संप्रदाय के वैष्णव वृंद, भजन मंडलियां रथ विराजमान होने के बाद पूरे हर्षोल्लास से निज मंदिर परिक्रमा में श्री हरिनाम संकीर्तन के साथ परिभ्रमण करवाया जाएगा।

उल्लेखनीय है कि आराध्य देव ठाकुर श्री गोविंद देव जी के श्री विग्रह को गौरांग देव महाप्रभु के आदेश पर वृंदावन में गौमाटीला स्थान पर उनके प्रधान शिष्य रूप गोस्वामी ने कड़ी तपस्या से प्राप्त किया था। उसकी सूचना अविलम्ब उड़ीसा में नीलाचंल स्थान पर श्रीमन महाप्रभु को पहुंचाई गई कि वे वृंदावन पधारें। लेकिन श्रीमन महाप्रभु ने अस्वस्थ होने के कारण श्री विग्रह के प्राकट्य दर्शन लाभ के लिए स्वयं की प्रति स्वरूप अष्टधातु का श्री विग्रह गौर गोविंद का निर्माण करवाकर एवं उस श्री विग्रह में स्वयं की शक्ति संचार कर भिजवा दी। काशीश्वर पंडित इस श्री विग्रह को वृंदावन लेकर आए। इसी श्री विग्रह गौर गोविंद को ठाकुर श्री गोविंद देव जी के दाईं तरफ प्रतिष्ठित किया गया। उनका विग्रह आज भी यथावत् विराजित होता चला आ रहा है। इसके कुछ समय व्यतीत होने के बाद मालूम हुआ कि श्रीमन् गौरांग महाप्रभु स्वयं पुरी के मंदिर ठाकुर श्री जगन्नाथ जी के गर्भ मंदिर में हरिनाम संकीर्तन करते-करते प्रवेश होने के बाद वे श्री विग्रह गौर गोविन्द में समाविष्ट हो गए।

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सात सौ ग्यारह यात्रियों का जत्था 27 जून होगा बाबा अमरनाथ के दर्शनों के लिए रवाना

Jaipur: इस बार बाबा श्री अमरनाथ के दर्शन 29 जून से शुरू होंगे। बाबा श्री अमरनाथ यात्रा पिछले 33 वर्षों से गोयल परिवार द्वारा कराई जा रही है। इस यात्रा का संचालन राजकुमार गोयल व गंगा गोयल कर रहीं हैं। इस बार यह यात्रा 27 जून से कराई जा रही है। इस यात्रा को लेकर सभी यात्रियों में काफी उत्साह है।

संचालन राजकुमार गोयल व गंगा गोयल ने बताया कि यात्रा में 711 यात्रियों का जत्था 27 जून 2024 को प्रातः 6 बजे गोयल निवास पंचशील मार्ग सी-स्कीम जयपुर से रवाना होकर मोती डूंगरी गणेश जी के दर्शन कर भोले बाबा के जयकारों के साथ रवाना होगा। आगे बाबा खाटू श्याम जी के दर्शन करते हुए श्री सालासर हनुमान जी के दर्शन करके देशनोक करणी माता के दर्शन कर के रात्रि विश्राम होगा। प्रातः अमृतसर के लिए रवाना होंगे वहां जलियांवाला बाग और स्वर्ण मंदिर के दर्शन कर के हिमाचल में चिंतपूर्णी माता के रात्रि विश्राम होगा। ज्वाला माता, चामुंडा माता, कांगड़ा माता के दर्शन कर वहीं पर रात्रि विश्राम होगा। प्रातः कटरा के लिए रवाना होंगे वहां माता वैष्णो देवी के दर्शन कर यात्रा बालटाल 2 जुलाई की रात्रि को पहुंचेगी और 3 व 4 जुलाई 2024 को बाबा अमरनाथ के दर्शन करने के पश्चात 5 जुलाई को जयपुर के लिये प्रस्थान करेंगे।

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Chhapra: गंगा, सरयू और सोन नदी के संगम पर स्थित पुरातात्विक, सांस्कृतिक व धार्मिक दृष्टि से अतिमहत्वपूर्ण चिरांद में 17 वां वार्षिक समारोह 22 जून 2024 दिन शनिवार को आयोजित होने जा रहा है।

भव्य गंगा महाआरती के साथ गंगा गरिमा रक्षा संकल्प समारोह व चिरांद चेतना महोत्सव का शुभारंभ होता है।

छपरा के जिला एवं सत्र न्यायाधीश पुनीत कुमार गर्ग समारोह के मुख्य अतिथि होंगे।

वहीं समारोह का उद्घाटन जयप्रकाश विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. (डा.) परमेन्द्र कुमार वाजपेयी करेंगे।

इस अवसर पर चिरांद विकास परिषद के संरक्षक अयोध्या से पधारे लक्ष्मणकिलाधीश महंत मैथिली रमण शरण जी महाराज, महंत बाबा विश्वमोहन दास (श्रीराम जानकी मठ पातेपुर, वैशाली एवं श्रीश्री 1008 श्री महंत कृष्णदास जी महाराज भी उपस्थित रहेंगे।

वहीं छपरा शहर के मेयर लक्ष्मी नारायण गुप्ता विशिष्ट अतिथि के रूप में उपस्थित रहेंगे।

काशी से आये 11 आचार्यों की टोली संगीतमय गंगा आरती सम्पन्न करायेंगे।

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Chhapra: प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय छपरा द्वारा आयोजित शहर के आशीर्वाद पैलेस में “स्वच्छ और स्वस्थ समाज के लिए आध्यात्मिक सशक्तीकरण” विषयक को लेकर एक दिवसीय कार्यक्रम का आयोजन किया गया।

कार्यक्रम का विधिवत उद्घाटन काशी से आए कलाकारों द्वारा गंगा आरती से किया गया।

आगत अतिथियों का स्वागत बुके और शॉल देकर स्थानीय इकाई की बीके अनामिका दीदी और बक्सर से आई बीके रानी दीदी द्वारा किया गया। वही मंच संचालन बीके अविनाश भाई ने किया जबकि अध्यक्षता बीके अनामिका दीदी ने किया।

कार्यक्रम के दौरान वाराणसी से आई टीम और छपरा की बेटी कुमारी सोनाली गुप्ता ने भाव नृत्य की प्रस्तुति दी। कार्यक्रम के अंत में डॉ अंजली सिंह द्वारा अतिथियों सहित बीके भाई और बहनों के बीच तुलसी पौधा का वितरण किया गया।

इस अवसर पर अंतर्राष्ट्रीय स्तर के प्रखर वक्ता बीके सूरज भाई, राजयोगिनी गीता दीदी, छपरा विधायक डॉ सीएन गुप्ता, बीके माधुरी बहन,
बीके अरविंद भाई, बीके विवेकानंद भाई, संगीत शिक्षिका प्रियंका कुमारी, बीके राजा भाई, बीके दीपू भाई, बीके बंटी भाई, बीके प्रकाश भाई, सचिन और प्रिंस भाई, बीके कांति बहन, बीके पुष्पा बहन, बीके कविता बहन, बीके पूनम बहन, बीके आराधना बहन सहित सैकड़ों बीके भाई और बहनों उपस्थित रही।

आध्यात्मिक मूल्यों के प्रचार- प्रसार द्वारा वैश्विक स्तर पर बंधुत्व को शक्ति प्रदान करने का अमूल्य प्रयास: बीके सूरज भाई
अंतर्राष्ट्रीय स्तर के प्रख्यात प्रखर वक्ता बीके सूरज भाई ने ब्रह्मा कुमारी द्वारा आयोजित ‘स्वच्छ और स्वस्थ समाज के लिए आध्यात्मिक सशक्तीकरण’ कार्यक्रम समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि आध्यात्मिक सशक्तीकरण ही वास्तविक सशक्तीकरण होता है। जब किसी धर्म और पंथ के मानने वाले अध्यात्म के आधार से हट जाते हैं तो वह धर्मान्धता का शिकार होने के साथ ही अस्वस्थ मानसिकता से ग्रस्त हो जाते हैं, उसके बाद ही आध्यात्मिक मूल्य सभी धर्मों के लोगों को एक- दूसरे से जोड़ते हैं। स्वार्थ से ऊपर उठकर लोक- कल्याण की भावना से कार्य करना, आंतरिक आध्यात्मिकता की सामाजिक अभिव्यक्ति है। लोक- हित यानी परोपकार करना सबसे महत्वपूर्ण आध्यात्मिक मूल्यों में से एक है। ऐसे वातावरण में ब्रह्माकुमारी संस्थान द्वारा 145 से अधिक देशों में अनेक केंद्रों के माध्यम से मानवता के सशक्तीकरण का प्रभावी मंच उपलब्ध कराया है। क्योंकि यह संस्थान आध्यात्मिक मूल्यों के प्रचार- प्रसार द्वारा वैश्विक स्तर पर बंधुत्व को शक्ति प्रदान करने का अमूल्य प्रयास है।

परमात्मा के साथ आत्मा का संबंध होना ही आध्यात्मिक सशक्तिकरण के लिए आवश्यक: राजयोगिनी गीता दीदी
राजयोगिनी गीता दीदी ने कहा कि जिस तरह से आसमान में सभी तारे एक साथ मिल जुलकर रहते हुए चमकते हैं, ठीक उसी प्रकार हम लोगों को भी अपना जीवन बनाना है। इसके लिए आपस भी सभी भाई- बहनें मिल- जुलकर आपसी प्रेम- स्नेह से रहने का प्रयास करें। ताकि आपका धारणायुक्त जीवन देखकर दूसरे लोग कर्मों से प्रेरणा लेकर खुद को बदल सकें। प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय का मुख्य उद्देश्य यही रहता है कि संस्थान की सेवाओं को और दुरुस्त और समाजोपयोगी कैसे बनाया जाए। साथ ही समाज के प्रत्येक वर्ग तक आध्यात्मिक ज्ञान को कैसे सरल और सहज रीति से पहुंचाया जाए। हमें मन का प्रदूषण रोकना चाहिए, बाकी के प्रदूषण अपने आप स्वतः बंद हो जाएगा। परमात्मा के साथ आत्मा का संबंध होना ही आध्यात्मिक सशक्तिकरण के लिए आवश्यक है। क्योंकि शारीरिक, मानसिक, सामाजिक और आध्यात्मिक स्वास्थ्य की आवश्यकता आजकल बहुत है।

ब्रह्माकुमारी संस्था किसी भी जाति, धर्म या पंथ का अनादर नहीं बल्कि आध्यात्मिक शिक्षा का प्रकाश फैलाने का करती है कार्य: विधायक

इस अवसर पर छपरा सदर के भाजपा विधायक डॉ सीएन गुप्ता ने कहा कि विश्व का इतिहास साक्षी है कि आध्यात्मिक मूल्यों का तिरस्कार से केवल भौतिक प्रगति का मार्ग अपनाना अंततः विनाशकारी ही सिद्ध हुआ है। स्वच्छ मानसिकता के आधार पर ही समग्र स्वास्थ्य संभव होता है। सही अर्थों में स्वस्थ व्यक्ति शारीरिक, मानसिक और आध्यात्मिक तीनों आयामों पर खरा उतरता है। ऐसे व्यक्ति स्वस्थ समाज, राष्ट्र और विश्व समुदाय का निर्माण करते हैं। विश्व के इतिहास में स्वर्णिम अध्याय सदैव आध्यात्मिक मूल्यों पर आधारित रहा हैं।
उन्होंने यह भी कहा कि उपवास करना भी एक तरह से चिकित्सा है। जो साफ सफाई के साथ रहता है, वही स्वच्छ और स्वस्थ है। इसलिए संपन्न और संपूर्ण बनने के लिए हमें कार्यरत रहना चाहिए। ब्रह्माकुमारी संस्था किसी भी धर्म जाति और पंथ का अनादर या भेदभाव नहीं करती है, बल्कि समाज के सभी वर्गों को आध्यात्मिक शिक्षा देने के लिए सेवा कर रही है।

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नई दिल्ली, 17 जून (हि.स.)। देशभर में आज सवेरे ईद-उल-अजहा की नमाज अदा की गई। इसके बाद लोगों ने एक-दूसरे को बधाई दी। राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली की जामा मस्जिद में नमाज अदा करने के लिए बड़ी संख्या में लोग पहुंचे। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेता मुख्तार अब्बास नकवी ने दिल्ली के दरगाह पंजा शरीफ में ईद-उल-अजहा की नमाज अदा की। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू और उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने इससे पहले ईद-उज-जुहा की पूर्व संध्या पर देशवासियों को बधाई दी है।

ईद-उल-अजहा का त्योहार बुधवार शाम तक मनाया जाएगा। दिल्ली की जामा मस्जिद में ईद-उल-अजहा की नमाज सुबह छह बजे और फतेहपुरी मस्जिद में सवा सात बजे अदा की गई। फतेहपुरी मस्जिद के शाही इमाम डॉ. मुफ्ती मुकर्रम अहमद ने कहा कि कुर्बानी करते वक्त इस बात का ख्याल रखें कि किसी को उससे तकलीफ न हो। ईद-उल-अजहा पर पुरानी दिल्ली के बाजारों में रौनक है। रातभर पुरानी दिल्ली के बाजारों में भीड़ रही।

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने अपने संदेश में कहा है, “ईद-उल-जुहा के अवसर पर मैं सभी देशवासियों और विदेशों में रहने वाले भारतीयों, विशेष रूप से मुस्लिम भाइयों और बहनों को हार्दिक बधाई और शुभकामनाएं देती हूं।” उपराष्ट्रपति धनखड़ ने कहा, ” ईद-उल-जुहा मनाते समय आइए हम एकता, दया और बंधुत्व के मूल्यों पर विचार करें जो न केवल इस त्योहार, बल्कि हमारे पूरे समाज की आधारशिला है। यह त्योहार परिवारों और समुदायों के लिए मिल जुलकर हर्षोल्लास और सद्भाव की भावना को व्यक्त करने का एक महत्त्वपूर्ण अवसर भी है।”

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Chhapra: पति की लंबी उम्र, तरक्की व सफलता के लिए हर सुहागिन महिला पूजा पाठ करती हैं। ईश्वर से सुहाग की रक्षा की कामना करते हुए महिलाएं उपवास भी रखती हैं। उन्हीं में से एक है वट सावित्री व्रत। सुहागिन महिलाओं के लिए ये व्रत बेहद ही खास होता है। इस दिन महिलाएं पूरे विधि-विधान से पूजा करते हुए सभी नियमों का पालन करती हैं। इस दौरान कुछ महिलाएं निर्जला उपवास रखती है। व्रत रखने के साथ-साथ सुहागिनें वट वृक्ष यानी बरगद के पेड़ की भी नियमनुसार पूजा करती हैं।

गुरुवार को शहर के विभिन्न मंदिरों के समीप वट वृक्ष की पूजा एवं आरती वंदना करके पति की लंबी आयु की कामना सुहागिनों ने की।शहर के अलावा जिला के सभी अनुमंडल, प्रखंडों व ग्रामीण क्षेत्रों में वट वृक्ष की पूजा श्रद्धा भाव से की गई। माना जाता है कि वट वृक्ष की पूजा करने से पति की लंबी आयु और जीवन में सुख-समृद्धि बनी रहती हैं। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार इसमें ब्रह्मा, विष्णु और महेश तीनों देवों का वास होता है। इसलिए व्रत रखने वाली महिलाओं को तीनों देवताओं का आशीर्वाद प्राप्त होता है। सौभाग्यवती भव का आशीर्वाद मिलता है।

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