Chhapra: छपरा नगर निगम क्षेत्र के ब्रह्मपुर में कोरोना संक्रमित मरीज मिलने के बाद इसके आसपास के इलाकों को कंटेमेंट जोन घोषित कर दिया गया है. जिलाधिकारी सुब्रत कुमार सेन के निदेश पर संक्रमित व्यक्ति के आवास से पूरब में राजकीय मध्य विद्यालय श्यामचक तक, पश्चिम में अजायबगंज पुल, उत्तर में ब्रह्मपुर पुल व दक्षिण में गढ़ तक के इलाके को सील करने  दिया गया है.Sha

कंटेन्मेंट जोन में किसी भी व्यक्ति को इस क्षेत्र से न तो बाहर जाने की इजाजत दी जाएगी और न ही किसी व्यक्ति को बाहर से अंदर आने की इजाजत दी जाएगी.

जिलाधिकारी के द्वारा प्रखंड विकास पदाधिकारी एवं अंचलाधिकारी, छपरा सदर को निदेशित किया गया है कि समस्त आवागमन मार्गां को वार्ड सदस्य के सहयोग से पूर्णतः लॉक करते हुए आवागमन अवरुद्ध कर देगें. यदि किसी व्यक्ति द्वारा कंटेन्मेंट जोन से बाहर पलायन किया जाता है अथवा बाहर से अंदर प्रवेष किया जाता है तो उनके विरुद्ध नियमानुसार कानूनी कार्रवाई की जाएगी.

जिलाधिकारी के द्वारा इस पूरे क्षेत्र को सेनेटाइज करने का निर्देश दिया गया है. इसका दायित्व संजय कुमार उपाध्याय, नगर आयुक्त, छपरा नगर निगम को दिया गया है. जबकी सेनेटाइज गतिविधियों का अनुश्रवण डॉ० दिलीप कुमार सिंह, जिला वैक्टर बॉर्न रोग नियंत्रण पदाधिकारी मो0 7717781085 को दिया गया है.

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Chhapra: छपरा शहर में फिर से कोरोनावायरस के दो संक्रमित मरीज मिले हैं. इसमें एक मरीज दहियावां टोला और दूसरा ब्रह्मपुर का है. इन दोनों की टेस्टिंग पूल सैम्पलिंग के तहत की गई थी, छपरा के सिविल सर्जन माधेश्वर झा ने इसकी जानकारी दी और बताया कि यहां कोरोना वायरस का कम्युनिटी ट्रांसमिशन हुआ है कि नहीं इसकी भी  टेस्टिंग शुरू है.

उन्होंने बताया कि दहियावां टोला और ब्रह्मपुर से 2 लोगों का सैंपल लिया गया था. दोनों का रिपोर्ट पॉजिटिव आया है. उन्होंने बताया कि या दोनों युवा बाहर से आए थे. पहला युवक सूरत से लौटा था तो दूसरा युवक पुणे से लौटा था.

उन्होंने जानकारी दी कि सारण में अब पूल सैम्पलिंग का कार्य शुरू हो गया है. इसके तहत कोरोना वायरस की टेस्टिंग और तेजी में की जाएगी और ज्यादा से ज्यादा लोगों के लोगों की टेस्टिंग हो सकेगी ताकि यह पता चल सकेगा कि यहां हम कम्युनिटी ट्रांसमिशन फेज में पहुंचे हैं या नहीं.

इस तरह अब सारण में कोरोना वायरस मरीजों की संख्या 88 पहुंच गई है। छपरा में लगातार कोरोना वायरस के मामले बढ़ रहें हैं. वहीं 29 लोग अब तक ठीक हो कर घर जा चुके हैं.

हथिनी की मौत पर Sand Artist ने अपनी कलाकृति के माध्यम से जताई संवेदना

 

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Chhapra: देशभर में केरल में गर्भवती हथिनी की मौत से लोग गुस्से में है. सभी अपने अपने तरीके से इस घटना की भर्त्सना कर रहे है.

सारण के Sand Artist अशोक कुमार ने अपनी कला के माध्यम से अपनी संवेदना जाहिर की है. अशोक ने हथिनी की कलाकृति को सैंड पर उकेरा है. साथ में एक स्लोगन लिखा है जो हथिनी के साथ इंसानों के ‘विश्वासघात’ को बताता है.

कैसे उसे भोजन की जगह अनानास में बारूद खिला दिया गया. जिससे उसकी मौत हो गयी. इस घटना के सामने आने के बाद पूरे देश में लोग गुस्से में है.

अशोक कुमार इससे पहले भी अपनी कला के माध्यम से लोगों का ध्यान खिंच चुके है. कुछ दिन पहले उन्होंने प्रवासियों की मदद में जुटे अभिनेता सोनू सूद की कलाकृति बना कर उनका आभार जताया था. वे समय समय पर अपनी कलाकृति बनाते रहते है.

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Chhapra: छपरा के मुफस्सिल थाना क्षेत्र के रौज़ा में आर्थिक तंगी से परेशान व्यक्ति ने आत्म हत्या कर ली. घटना वार्ड 44 की है.

बताया जा रहा है कि लॉक डाउन के कारण भीषण आर्थिक समस्या उत्पन्न हो गयी थी जिससे वह हमेशा परेशान रहता था. आत्महत्या करने वाले व्यक्ति का नाम सच्चितानंद साह है. जो स्वर्गीय शिवकुमार साह का बड़ा लड़का है.

आर्थिक तंगी से आत्म हत्या करने वाले व्यक्ति को दो लड़की और एक बेटा भी है जो अभी स्कूल में पढ़ाई करते हैं साथ ही उसकी पत्नी भी मानसिक रूप से अस्वस्थ्य है. अब मृतक के परिजनों के सामने और भी समस्या बढ़ गयी है.

घर चलाने वाला अब कोई नहीं ना कोई और सहारा है . मृतक के परिजनों को रहने के लिए घर भी नहीं वो दूसरे के मकान में आसरा लेकर रह रहे थे. अब देखना होगा की जिला प्रशासन और सरकार इस असहाय परिवार की किस प्रकार मदद करती है.

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Chhapra: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में केंद्र की भाजपा सरकार के दूसरे कार्यकाल के एक वर्ष पूरा होने पर पार्टी के जिलाध्यक्ष रामदयाल शर्मा ने पत्रकार वार्ता के माध्यम से सरकार के उपलब्धियों की गुरुवार को जानकारी दी. साथ ही 7 जून को देश के गृहमंत्री अमित शाह द्वारा जन संवाद के कार्यक्रम की तैयारी की जानकारी दी गयी.

भाजपा जिलाध्यक्ष ने बताया कि मोदी सरकार 2.0 का पहला वर्ष बहुत ही प्रभावशाली और चुनौतीपूर्ण रहा है. प्रभावशाली इसलिए कि जनादेश ने शासन को गति, सरकारी योजनाओं की अंतिम व्यक्ति तक पहुंच, मजबूत बुनियादी ढांचा और दशकों से लटके हुए मुद्दों के समाधान को उच्च प्राथमिकता दी गई.

चुनौतीपूर्ण इसलिए कि कोविड-9 और अम्फान चक्रवात ने जो अभूतपूर्व संकट खड़े किए उसके दुख और विपदा जो आई है साथ ही भारी नुकसान हुआ. लेकिन आज देश में एक निर्णय लेने वाली उत्तरदायी सरकार है. जो देशवासियों के लिए फिक्रमंद है. साथ ही जिसके पास दृष्टि और दूरदर्शिता है. जो इस चुनौतीपूर्ण समय संदेश को बाहर निकालने का सामर्थ्य रखता है.

उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना सुरक्षा कवच और आत्मनिर्भर भारत की संकल्पना के बाद भारत निश्चित ही इस कठिन समय से बाहर आ जाए. साथ ही देश ने सहकारी संघवाद के बेहतरीन उदाहरण को क्रियान्वित होते हुए भी देखा है. लेकिन अब हमें बगैर चूके प्रत्येक नागरिक को उसके द्वारा इस कठिन स्थिति को समझने और सर्वोत्तम आचरण का उदाहरण प्रस्तुत करने के लिए धन्यवाद देना है. आने वाले दिनों में यह देश प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में आत्मनिर्भरता और आर्थिक विकास की नई ऊंचाइयों को छूने के लिए पूरी तरह तैयार है.

उन्होंने बताया कि 7 जून को संध्या चार बजे से देश के गृहमंत्री अमित शाह द्वारा जन संवाद के कार्यक्रम की तैयारी पूर्ण कर लीं गई हैं. जिला के सभी 364 शक्ति केन्द्र पर टेलीविजन तथा स्क्रीन के माध्यम से प्रसारित किया जाएगा. सभी मंडलाध्यक्षों एवम पंचायत अध्यक्षों तथा वार्ड अध्यक्षों एवम सभी मंच एवम मोर्चा के अध्यक्षों को जिम्मेदारी सौंप दी गई हैं. छपरा सारण जिला में लाखों लोग इस कार्यक्रम को सोशल डिस्सेंस का पालन कर तथा मास्क पहनकर देखेंगे और सुनेंगे.

संवाददाता सम्मेलन में मुख्य रूप से जिला प्रभारी रूप नारायण मेहता, पूर्व प्रदेश उपाध्यक्ष विनय कुमार सिंह, जिला प्रभारी अनुप श्रीवास्तव, छपरा विधायक डाॅक्टर सी एन गुप्ता, अमनौर विधायक शत्रुघ्न तिवारी चोकर बाबा, गरखा के पूर्व विधायक ज्ञान चन्द्र माँझी, पूर्व जिला अध्यक्ष वेद प्रकाश उपाध्याय, उपाध्यक्ष धर्मेन्द्र कुमार सिंह, महामंत्री शान्तनु कुमार, महामंत्री सह छपरा विधानसभा प्रभारी रामा शंकर मिश्र, जिला प्रवक्ता विवेक कुमार सिंह, जिला मीडिया प्रभारी श्याम बिहारी अग्रवाल, जिला मंत्री सुपन राय, युवा मोर्चा अध्यक्ष कुमार भार्गव, महिला मोर्चा अध्यक्षा अनु सिंह, अल्पसंख्यक मोर्चा के अध्यक्ष सरदार राजू सिंह, आई टी सेल के संयोजक निशान्त राज, कला संस्कृति मंच के अध्यक्ष अखिलेश कुंवर भोला जी, नितिन राज वर्मा, बलवंत सिंह आदि उपस्थित थे.

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केरल में एक गर्भवती हथिनी की मौत कुछ लोगों के अमानवीय व्यवहार के कारण होने के बाद सोशल पर लोग जमकर भड़ास निकाल रहे है. हथिनी को पटाखे से भरा अनानास खिलाकर मारने वालों के खिलाफ कार्रवाई की मांग कर रहे है.

इसी बीच सोशल मीडिया पर एक पुराना वीडियो वायरल हो रहा है. इस वीडियो में नदी में डूबते एक आदमी को हाथी का बच्चा बचाते नजर आ रहा है. हाथी का बच्चा व्यक्ति को बचाने के लिए पानी में उतर जाता है और उसे किनारे तक ले जाता है.

बता दें, शख्स नदी में तैर रहा था, लेकिन हाथी के बच्चे को लगा कि वो डूब रहा था, इसलिए वो बचाने के लिए कूद गया.

जानवर और इंसान के प्रेम का यह वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल है और खूब पसंद किया जा रहा है.

देखिये Video (Viral Video, Source: Social Media)

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Chhapra: भारतीय रेलवे ने आम नागरिकों की सुविधा के लिए 200 यात्री ट्रेनों का परिचालन जारी है. यह गाड़ियाँ पहले से चलाई जा रहीं 15 जोड़ी स्पेशल ट्रेनों और श्रमिक ट्रेनों के अतिरिक्त चलाई जा रहीं हैं. इसी क्रम में आज वाराणसी मंडल के छपरा जं
से चलाई जाने वाली गाड़ी 09046 छपरा – सूरत स्पेशल ताप्तीगंगा एक्सप्रेस छपरा जं के प्लेटफार्म संख्या 01 से अपने निर्धारित समय 09:20 बजे पर चलाई गयी.

 

441 यात्री हुए सवार

इस ट्रेन में सवार होने के लिए कुल 441 यात्री ट्रेन छुटने के डेढ़ घंटे पहले छपरा जं स्टेशन के मुख्य प्रवेश द्वार पर पहुँच गए थे. रेलवे सुरक्षा बल की सहायता से दो पंक्तियों में यात्रियों का उचित यात्रा टिकट देखने के बाद स्टेशन परिसर में प्रवेश दिया गया जहाँ पहले से तैनात वाणिज्य विभाग के कर्मचारियों की टीमों ने क्रमशः थर्मल स्कैनिंग एवं टिकट जाँच किया गया और सामाजिक दूरी का पालन कराते हुए ट्रेन में चढ़ाया गया.

प्रोटोकॉल का कराया गया पालन

इस दौरान कोई भी यात्री बीमार या इन्फेक्टेड नहीं मिला.
इसके पूर्व छपरा जं स्टेशन एवं प्लेटफार्म की डीप क्लीनिंग और सेनेटाइजेशन किया गया था, इसके साथ ही छपरा – सूरत स्पेशल ताप्तीगंगा एक्सप्रेस के रैकों को भी कोरोनॉ वायरस से प्रोटेक्ट करने के मानकों के अनुसार सेनेटाइजेशन के बाद प्लेटफार्म सं-01 पर प्लेस किया गया था.

इसके अतिरिक्त आज छपरा जं से कई लम्बी दूरी की गाड़ियाँ भी गुजरीं जिनमें गाड़ी सं-02565 दरभंगा-नई दिल्ली स्पेशल बिहार संपर्क क्रांति एक्सप्रेस 143 यात्रियों को लेकर 13:15 बजे, गाड़ी सं-02553 सहरसा-नई दिल्ली स्पेशल वैशाली सुपरफास्ट एक्सप्रेस 60 यात्रियों को लेकर 13:30 बजे, गाड़ी सं-04673 जयनगर-अमृतसर स्पेशल सरयूजमुना एक्सप्रेस 67 यात्रियों को लेकर 14:52 बजे एवं गाड़ी सं-01062 दरभंगा-लोकमान्य तिलक टर्मिनल स्पेशल पवन एक्सप्रेस 94 यात्रियों को लेकर 18:40 बजे छपरा स्टेशन से रवाना हुईं.

छपरा स्टेशन पर सभी यात्रियों ने कोविड -19 प्रोटोकॉल का पालन करते हुए फेस मास्क पहना हुआ था तथा सभी यात्रियों ने सोशल डिस्टेंसिनग का पालन किया। थर्मल स्केनिंग/स्वास्थ्य जाँच के उपरांत यात्रियों को स्टेशन में प्रवेश दिया गया एवं स्टेशन से बाहर निकाला गया । कोई भी यात्री बीमार या इन्फेक्टेड नहीं मिला. छपरा जं स्टेशन पर आपात कालीन व्यवस्था के तहत एम्बुलेंस की व्यवस्था की गयी थी. इस छपरा स्टेशन पर आटो एनाउंसमेंट सिस्टम के जरिये यात्रियों से अपील है की जा रही थी कि वे कोविड-19 के संबंध में जारी सभी नियमों का पालन करें. फेस मास्क पहने,सेनेटाइजर या साबुन अपने पास रखें, सामाजिक दूरी का पालन करें तथा यात्रा प्राम्भ करने वाले राज्य एवं गन्तव्य राज्य में संबंधित राज्यों की कोविड गाइड लाइन्स का पालन करे.

इस अवसर स्टेशन पर प्रबंधन को चाक-चौबंद रखने के लिए स्टेशन अधीक्षक, मुख्य वाणिज्य निरीक्षक, मुख्य स्वास्थ्य निरीक्षक,प्रभारी रेलवे सुरक्षा बल , रेलवे सुरक्षा बल के जवान एवं राजकीय रेलवे पुलिस के जवान तथा वरिष्ठ पर्यवेक्षक गण उपस्थित थे.

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Chhapra: मुख्यमंत्री के द्वारा करोना उन्मूलन के लिए जन-जागरूकता अभियान के तहत विडियो कॉफ्रेंसिंग एवं वेबकास्टिंग के माध्यम से जिला स्तर से पंचायत स्तर तक के जन प्रतिनिधिगण एवं पदाधिकारीगण के साथ सीधा संवाद किया गया.

इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने कहा कि करोना वायरस से डरने की नहीं बल्कि सजग और सचेत रहने की आवश्यकता है. लोगों में भी जागृति आयी है. 65 वर्ष से अधिक के बुजुर्ग, गर्भवती महिलायें, 10 वर्ष से कम आयु के बच्चे और किसी अन्य प्रकार के बिमारी वाले व्यक्ति को विशेष बचाव की जरूरत है. लोग मास्क का प्रयोग जरूर करें. साफ-सफायी पर ध्यान दें. सैनिटाइजर का उपयोग किया जाय.
मुख्यमंत्री ने कहा कि अनलॉक-1 में अब जनप्रतिनिधिगण की भूमिका बहुत महत्वपूर्ण हो गयी है. लोगों को दो गज की दूरी बनाये रखने और फेसमास्क लगाने के लिए प्रेरित किया जाय.

मुख्यमंत्री के संवाद कार्यक्रम में बाद जिलाधिकारी के द्वारा सभी जिलास्तरीय पदाधिकारियों एवं प्रखण्डों के वरीय प्रभारियों को सभी प्रखण्डों में भ्रमण कर आम लोगों को मास्क पहनने हेतु प्रेरित करने और सघन जागरूकता अभियान चलाने का आदेश दिया. पदाधिकारी क्वारंटीन केन्द्रों का भी भ्रमण करें और वहाँ आवासित लोगों से मिलकर उनका हालचाल पूछें तथा सभी लोगों को मास्क लगाने की सलाह दें.

मुख्यमंत्री के संवाद कार्यक्रम में जिलाधिकारी सुब्रत कुमार सेन, पुलिस अधीक्षक हर किशोर राय, सहायक समाहर्त्ता वैभव श्रीवास्तव सहित सभी जिला स्तरीय पदाधिकारी, नगर आयुक्त, जिला परिषद अध्यक्ष, उपाध्यक्ष, जिला पार्षद, प्रखण्ड स्तर पर प्रखण्ड स्तरीय पदाधिकारी, प्रमुख, उपप्रमुख एवं पंचायत स्तर पर मुखिया, सरपंच, वार्ड सदस्य तथा नगर पंचायत स्तर पर भी जनप्रतिनिधि संवाद कार्यक्रम में शामिल हुए.

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Saran: सारण पुलिस को एक बड़ी कामयाबी मिली है. गुप्त सूचना के आधार पर पुलिस ने डोरीगंज से तीन अंतरराज्यीय लुटेरों को गिरफ्तार कर लिया है. यह लुटेरे सारण के पड़ोसी जिले वैशाली से सारण में ट्रक लूटपाट के इरादे से पहुंचे थे. पुलिस को इनकी भनक लगी थी, जिसके बाद गुप्त सूचना के आधार पर डोरीगंज थाना क्षेत्र से तीनों लुटेरों को पकड़ लिया गया. हालांकि अंधेरे का फायदा उठा कर दो अपराधी भागने में कामयाब रहे. Sha

सारण पुलिस की ओर से जानकारी दी गयी कि सारण में बड़ी लूटपाट के इरादे से वैशाली से कुछ अपराधी पहुंचे थे. लेकिन पुलिस को इसकी गुप्त सूचना मिल गई थी. जिसके बाद डोरीगंज थाना द्वारा इन्हें छापेमारी कर पकड़ लिया गया.

गिरफ्तार तीनों अपराधियों में वैशाली जिले के गंगावृज थाना क्षेत्र के कर्णपुरा गांव निवासी आलोक कुमार, वैशाली जिले के गंगा वृज थाना क्षेत्र के नवादा खुर्द गांव निवासी राजकुमार एवं दरियापुर थाना क्षेत्र के दरियापुर निवासी पंकज कुमार सिंह बताये जाते हैं.

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(प्रशांत सिन्हा)
करोना महामारी के कारण बिहार के श्रमिकों को बेहद परेशानी से गुज़रना पड़ा है। जिस तरह श्रमिकों को समस्या हुई है वह शायद ही इतिहास में हुआ होगा। वैसे महामारी और पलायन में रिश्ता है। जब भी महामारी फैली है पलायन हुआ है।

करोना महामारी ने हमें सीख दी है कि जो काम आप किसी छोटी जगह में रह कर कर सकते हैं उसके लिए महानगरों में भीड़ बढ़ाने की क्या ज़रूरत है। जो दिल्ली, मुंबई, पंजाब, गुजरात आदि कभी नरम फुलों की तरह भाती थी मगर अब वह बबूल की काँटों की तरह चुभ रही है। जब तक उनसे काम लेना था ख़ूब लिया गया ।यथाशक्ति शोषित भी किया गया और महासंकट की उस बेला में उन्हें उनके हाल पर छोड़ दिया गया। ये श्रमिक या तो वापस नहीं जाएँगे या अगर उन्हें अपनी जगह पर फिर अवसर नहीं मिलता है कुछ महीने रुक कर जाएँगे। उनके कटु अनुभव उनके पाँव को जकड़ लेगा। वे अपने रोज़ी रोटी का विकल्प अपने गाँव और आस पास के जिलों के शहरों में ढूँढने की कोशिश करेंगे।

बिहार सरकार की भी चाहिए कि उनके लिए वहीं रोज़गार की व्यवस्था करे। ताकि दूसरे राज्य में जा कर अपनी तौहीन नहीं कराना पड़े। कोविंद-19 ने हमें बहुत कुछ सीखाया ही नहीं बल्कि हमारी जीवन शैली को बदल दिया है। यह सदी का सबसे कठोर शिक्षक साबित हुआ है। बिहार सरकार एवं स्वयंसेवी संगठन इस बात को समझे और वहीं पर उद्योग धंधे खोलकर उन्हें बेहतर ज़िंदगी देने की कोशिश करे। अगर फिर से रोज़ी रोटी के लिए अन्य प्रदेशों का रूख करना पड़े तो राज्य का साधुवाद छीन जाएगा।

मिसाल के तौर पर तमिलनाडु राज्य है। जब बाल ठाकरे ने तमिलीयन को मुंबई में तंग करना शुरू किया था तो तमिलनाडु सरकार ने अपने राज्य में ही उनके रोज़गार की व्यवस्था की जिससे तमिलनाडु राज्य आज आत्मनिर्भर और सम्पन्न राज्य की सूची में आता है।

बिहार में लौट रहे श्रमिकों की हूनर से बदला जा सकता है बिहार के सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक जीवन। सरकार को संवेदनशील बनना पड़ेगा।बिहार सरकार को इस बीमारी से सबक़ लेकर श्रमिकों के लिए बेहतर रोज़गार एवं व्यवस्था बनाने की पहल करना पड़ेगा।यह समय बिहार सरकार के लिए असाधारण कार्य करने का है। क्या बिहार के नवनिर्माण का मार्ग 89 लाख श्रमिकों के श्रम व कौशल के लगाए बिना सम्भव है ? कहीं यह समय नए बिहार के निर्माण तथा बिहारियों की सम्मान की रक्षा का आमंत्रण तो नहीं दे रहा है ? करोना महामारी और लॉकडाउन ने इतिहास के सामने सच्चाई उजागर कर दिया कि कभी बहारों का क्षेत्र कहे जाने वाला बिहार कितना बेबस और मजबूर है। जहाँ के पचास लाख से भी ज़्यादा लोग पेट पालने के लिए बिहार से दूसरे  में अपमान झेलते हुए अपने श्रम बेचने पर मजबूर हैं। जबकि बिहार में ही विकास किया जा सकता था।

बिहार में बृहत् कृषि क्षेत्र है। गंगा तथा सैकड़ों नदियों के कारण जल संसाधन की कमी नहीं है। दक्ष श्रमिकों की भी कमी नहीं है। सब कुछ के उपलब्धता के बावजूद बिहार में औद्योगिकरण क्यों नहीं हुआ ? रोज़गार का सृजन क्यों नहीं हुआ ? आज़ादी के बाद बिहार दो भागों में बँटा था उत्तरी बिहार एवं दक्षिणी बिहार। चुकि दक्षिणी बिहार खनिज सम्पदा से भरा हुआ था इसलिए सारे उद्योग वहीं लगे जो बाद में झारखण्ड के नाम से अलग राज्य बना।लेकिन उत्तरी बिहार (आज का बिहार ) में पतन का दौर आज़ादी के बाद से ही रहा ।लेकिन सबसे बुरा दौर 1990-2005 का रहा। यह दौर वैश्वीकरण का दौर था। सारे राज्यों में बहुराष्ट्रीय कम्पनियाँ का प्रसार हो रहा था। राज्यों में उन्हें बुलाने के लिए प्रतिस्पर्धा थी। छोटे, मँझले, बड़े उद्योग लग रहे थे। उन राज्यों में ख़ूब निवेश किए गए। उसी दौर में सॉफ़्टवेयर की क्षेत्र में क्रांति आयी हुई थी। लेकिन इन सबसे अलग लालू-राबरी राज ने बिहार में जंगल राज बनाया हुआ था। चोरी, डकैती, लूट-पाट अपनी चरम सीमा पर थी। जातिवाद के नाम पर अगड़े-पिछड़े जाति कहते हुए लोगों को एक दूसरे से लड़ाया जा रहा था। भला ऐसी परिस्थिति में कैसे औद्योगिकरण या निवेश होता। एक भी उद्योग नहीं लगा। जो फ़ैक्टरी लगी भी थीं बंद हो गए। व्यापारी अपना व्यापार बंद कर दूसरे राज्य चले गए। जूट उद्योग, चीनी उद्योग, पेपर उद्योग, साइकल फ़ैक्टरी आदि बंद होते चले गए। यहाँ तक कि छात्र अपनी पढ़ाई पूरी करने दूसरे राज्य चले गए।

दूसरा पंद्रह साल नीतीश सरकार का रहा जिन्होंने पंद्रह साल में क़ानून का राज तो स्थापित कर दिया लेकिन रोज़गार का अवसर पैदा करने में विफल रहे। अगर इन दोनो ने बिहार में औद्योगिकरण, तरक़्क़ी एवं रोज़गार की सृजन के बारे में सोचा होता तो आज जो स्थिति श्रमिकों की हुई ऐसी स्थिति कभी नहीं होती। करोना एक वरदान के रूप में आया जिसने बिहार के नेताओं की पोल खोल दिया। सभी सरकार केवल बिहार के गौरवशाली इतिहास पर इठलाती रही।

पिछले कुछ वर्षों से राजस्व सम्बंधी समझदारी आधारिक संरचना ( Infrasrtucure ) पर लक्ष्य आधारित ख़र्च और विकास की मिसाल बन कर बिहार ज़रूर उभरा है लेकिन ग़रीबी कम करने और पलायन रोकने के लिए सरकार को औद्योगिकरण और कृषि उत्पादकता में सुधार की ज़रूरत है। कुछ अरसे तक राज्य में उद्योग के नाम पर एकमात्र क्षेत्र निर्माण क्षेत्र ही रहा है। उद्योग धंधों को विकसित करने के लिए राज्य को लम्बा सफ़र तय करना होगा। राज्य में कृषि उपकरणों में और छोटे मशीन निर्माण, पर्यटन, सूचना, प्रौद्योगिकी ( IT ) खाद्य प्रसंस्करण और रेडीमेड वस्त्र निर्माण को प्राथमिकता देनी होगी। तत्काल इस क्षेत्र में निवेश की ज़रूरत है। जूट पूर्वोत्तर बिहार का एक प्रमुख कृषि उत्पाद होता था। जूट उत्पादन से सीमांचल में विकास व स्वरोज़गार के उद्देश्य से पूर्णिया में जूट पार्क लगाया गया था। कुछ दिनों से वह भी श्रम शोषण के कारण ठप्प पड़ा है उसे फिर से विकसित करने की ज़रूरत है। बिहार सरकार जूट एवं चीनी उद्योग को उबारने पर ध्यान दे जो बड़े पैमाने पर रोज़गार सृजन को प्रभावित करता है। तकनीक के दौर में आवश्यक है कि राज्य की आईटी आई विश्वस्तरीय बने। हमारे श्रमिक हूनर के साथ गाँव लौटे हैं। अनेक तरह से शहरी हूनर से लैस ये श्रमिक गाँव, जिले की तस्वीर बदल सकते हैं। ये युवा पीढ़ी दूसरे राज्य से लौट कर जाति और धर्म की संकीर्णता से ऊपर उठकर सामाजिक तानाबाना भी बनेंगे। घरेलू महिलायें भी दक्ष हो गयी होंगी। स्वरोज़गार के हूनर भी सामने आएँगे। ज़रूरत है कि सरकारी ख़ज़ाने से या बैंक से उन्हें सहायता दी जाए।बिहार सरकार को दूरदर्शितापूर्ण योजना बनाकर अमल करना चाहिए।

इससे गाँव और जिलों कि अर्थ व्यवस्था वापस लौटेगी। चुना, ईंट, सिमेंट, लोहा, वेल्डिंग, लकड़ी आदि तरह तरह के रोज़गार एवं छोटे, बड़े व्यापार फलेंगे फूलेंगे। बिहार की जनता के प्रति केंद्र सरकार का भी दायित्व बनता है। क्योंकि दूसरे राज्य अमीर होते गए और बिहार ग़रीब होते गया। बदलाव का यह समय हस्तकौशल परम्पराओं का पुनरुद्वार कर ख़ाली होने जा रहे हाँथों का कूदतरत और माटी से दोबारा जोड़ने का है ताकि ख़ाली दिमाग़ कुछ सुंदर नया रचे। समय की माँग है कि बिहार में उद्दमशीलता की प्रक्रिया वास्तविक रूप से आसान बनाया जाए। नेता और जनता जातिवाद से ऊपर उठकर बिहार में औद्योगिक क्रांति में अपना योगदान दें।इन्स्पेक्टर राज से पूरी तरह मुक्ति पानी होगी। ज़मीन ख़रीदने और बेचने की प्रक्रिया को आसान बनाने की ज़रूरत है। कलेयर लैंड टाइटल से उद्दमशीलता को बढ़ावा मिलेगा।

रोज़गार सृजन को बढ़ावा देने के लिए निवेश लाने के लिए प्रयास करना होगा। सरकार को बुनियादी ढाँचा क्षेत्र में निवेश के लिए अपने ख़ज़ाने का मुँह खोलना होगा। केंद्र सरकार द्वारा अच्छी फ़ंडिंग के कारण बिहार सरकार के पास पैसे की कमी नहीं होनी चाहिए। अगर नहीं भी है निवेश करने के लिए अपने ख़ज़ाने का मुँह खोलना होगा। यह इसलिए ज़रूरी है ताकि इस निवेश असर तुरंत महसूस हो और तात्कालिक संकट पर क़ाबू पाया जा सके। अगर सरकार श्रमिकों को अपने गाँव एवं जिले में रोज़गार देने में सफल होती है तो जनता का  आधुनिक बिहाार  का सपना पूरा होगा और श्रमिक अपने दर्द को भूल पाएँगे। बिहार की जनता को आज सोचने की ज़रूरत है कि बिहार से लोग दूसरे राज्य में जाते हैं लेकिन दूसरे राज्य से लोग बिहार नहीं आते। क्यों ? कौन थे और कौन हैं इसके ज़िम्मेवार ? इसके ज़िम्मेवार नेता के साथ जनता भी रही। जनता जातिवाद में बँटी रही और नेता इसका फ़ायदा उठाते रहे। सोशल इंजनीरिंग के नाम पर लड़ाते रहे। अब परिवर्तन की ज़रूरत है। अब शासक से सवाल पूछने का समय है। शांतिपूर्ण आंदोलन की ज़रूरत है। बिहार की जनता को इस बार उम्मीद है कि बिहार में उद्योग लगेंगे । इसके लिए लेना होगा दृढ़ संकल्प । हम एक नया बिहार ज़रूर बनाएँगे।

लेखक प्रशांत सिन्हा के अन्य Blog को http://prashantpiusha.blogspot.com पर पढ़ें.

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Chhapra: छपरा नगर निगम क्षेत्रान्तर्गत हॉस्पिटल चौक के पास एक व्यक्ति के कोरोना वाइरस से संक्रमित होने की सूचना पर जिलाधिकारी सुब्रत कुमार सेन के निदेश पर संक्रमित व्यक्ति के निवास स्थान हॉस्पिटल चौक के पूरब नई बाजार, पश्चिम में राणा प्रताप नगर, दक्षिण में बहुरिया कोठी और उत्तर में पीर बाबा की मजार के पास तक के क्षेत्र को कंटेन्मेंट जोन घोषित किया गया है.

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कंटेन्मेंट जोन में किसी भी व्यक्ति को इस क्षेत्र से न तो बाहर जाने की इजाजत दी जाएगी और न ही किसी व्यक्ति को बाहर से अंदर आने की इजाजत दी जाएगी.

जिलाधिकारी के द्वारा प्रखंड विकास पदाधिकारी एवं अंचलाधिकारी, छपरा सदर को निदेशित किया गया है कि समस्त आवागमन मार्गां को वार्ड सदस्य के सहयोग से पूर्णतः लॉक करते हुए आवागमन अवरुद्ध कर देगें. यदि किसी व्यक्ति द्वारा कंटेन्मेंट जोन से बाहर पलायन किया जाता है अथवा बाहर से अंदर प्रवेष किया जाता है तो उनके विरुद्ध नियमानुसार कानूनी कार्रवाई की जाएगी.

जिलाधिकारी के द्वारा इस पूरे क्षेत्र को सेनेटाइज करने का निर्देश दिया गया है. इसका दायित्व संजय कुमार उपाध्याय, नगर आयुक्त, छपरा नगर निगम को दिया गया है. जबकी सेनेटाइज गतिविधियों का अनुश्रवण डॉ० दिलीप कुमार सिंह, जिला वैक्टर बॉर्न रोग नियंत्रण पदाधिकारी मो0 7717781085 को दिया गया है.

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Chhapra: छपरा जंक्शन से नई दिल्ली के लिए पहली ट्रेन सोमवार को रवाना हुई. केंद्र सरकार के द्वारा 1 जून से यात्री ट्रेनों के परिचालन के आदेश के बाद छपरा जंक्शन से पहली ट्रेन गुजरी.

02565 स्पेशल ट्रेन दरभंगा से छपरा होते हुए नई दिल्ली के लिए चली. इस ट्रेन में छपरा जंक्शन से 119 यात्री सवार हुए. वही 02553 से 69 यात्री रवाना हुए.

इस दौरान छपरा जंक्शन पर covid19 को लेकर सरकार और स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा जारी गाइड लाइन को कर्मचारियों और यात्रियों के द्वारा पूरा किया गया.

ट्रेन के इंतजार में बैठे यात्री भी सोशल डिस्टनसिंग का पालन करते हुए दिखे. यात्रियों के स्टेशन परिसर में इंट्री पर सभी की थर्मल स्क्रीनिंग की गई. स्टेशन परिसर में यात्रियों के लिए Covid19 से जुड़े गाइड लाइन को जगह जगह लगाया गया है.

अपनी यात्रा की शुरुआत करते हुए यात्री अत्यंत खुश दिखे. इसके साथ ही लगभग 2 महीने के बाद रेलवे ने यात्री सेवा शुरू की है जिसके बाद जल्द ही सब कुछ सामान्य होने का रास्ता साफ हुआ है.

यहाँ देखिये 

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