छपरा: कोरोना वायरस के संक्रमण से बचाव तथा सुरक्षा के लिए मास्क का प्रयोग आवश्यक है. उक्त बातें इंडियन रेड क्रास सोसायटी के सचिव जीनत जरीना मसीह ने मास्क और साबुन का वितरण करते हुए बुधवार को कही.

उन्होंने कहा कि कोरोना का तीसरा लहर शुरू हो गया गया है और ऐसी स्थिति में लोगों को घरों से तभी निकलना चाहिए, जब बहुत आवश्यक हो। उन्होंने कहा कि घर से बाहर निकलने के पहले मास्क जरूर पहने. उन्होंने कहा कि सोशल डिस्टेंस मेंटेंन करते हुए लोगों से मिलें। भीड़ वाले जगह पर जाने से बचें और स्वच्छता का पालन करें. इस दौरान सोसायटी की ओर से 3000 मास्क और साबुन राहगीरों,जरूरक्तमंदो और कोरोना योद्धाओ के बीच वितरण किया गया.

कार्यक्रम का नेतृत्व रेड क्रॉस की युवा इकाई के जिला सचिव अमन राज ने किया.

अमन राज ने बताया कि कार्यक्रम की शुरुआत सुबह 11:00 बजे थाना चौक से शुरू होके विभिन्न चौक चौराहो पे राहगीरों और जरूरतमंद, कोरोना योद्धा पुलिसकर्मी, स्वास्थ्यकर्मी, सफाईकर्मी के बीच पीस मास्क और साबुन का वितरण किया गया.

कार्यक्रम में मुख्य रूप से रेड क्रॉस सदस्य सुरेश प्रसाद सिंह, अमरेन्द्र सिंह, जितेन्द्र महतो, संजीव चौधरी, दीपक कुमार, रंजन कुमार, हरिनारायण सिंह, कचहरी प्रभारी संजय पाण्डेय और युथ रेड क्रॉस सदस्य अमन सिंह, चंदन, सन्नी, शुभम, हर्ष एवं शिवम ने मुख्य भूमिका निभाई.

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Chhapra: ऑल इंडिया स्टूडेंट्स फेडरेशन सारण जिला इकाई ने संगठन कार्यालय मंजर रिजवी भवन में स्वामी विवेकानंद की 159वीं   जयंती सौहार्दपूर्ण तरीके से मनाई गयी.

जयंती में अतिथि के रूप में सीपीआई जिला मंत्री कॉमरेड रामबाबू सिंह उपस्थित हुए. उन्होंने कहा कि देश के युवाओं के लहु में बिना उबाल के क्रांतिकारी बदलाव आज के परिवेश में कतई संभव नहीं है.

वही एआईएसएफ जिला सचिव अमित नयन ने स्वामी जी के इतिहास पर प्रकाश डालते हुए कहा कि स्वामी जी एक तपस्वी का जीवन जीते थे जो दुनिया भर में यात्रा करते थे और तरह-तरह के लोगों से मिलते थे. एक बार जब स्वामी जी विदेश यात्रा पर गए तो उनके कपड़ों ने लोगों का ध्यान खींचा. इतना ही नहीं एक विदेशी व्यक्ति ने उनकी पगड़ी भी खींच ली. स्वामी जी ने उससे अंग्रेजी में पूछा कि तुमने मेरी पगड़ी क्यों खींची? पहले तो वो व्यक्ति स्वामी जी की अंग्रेजी सुनकर हैरान रह गया. उसने पूछा आप अंग्रेजी बोलते हैं? क्या आप शिक्षित हैं? स्वामी जी ने कहा कि हां मैं पढ़ा-लिखा हूं और सज्जन हूं. इस पर विदेशी ने कहा कि आपके कपड़े देखकर तो ये नहीं लगता कि आप सज्जन व्यक्ति हैं. स्वामी जी ने उसे करारा जवाब देते हुए कहा कि आपके देश में दर्जी आपको सज्जन बनाता है जबकि मेरे देश में मेरा किरदार मुझे सज्जन व्यक्ति बनाता है। स्वामी जी से हम सभी युवाओं को प्रेरणा लेते हुए अपने देश को अग्रिम बनाने हेतु दृढ़ संकल्पित होना होगा।

जिलाध्यक्ष रूपेश कुमार यादव ने कहा कि स्वामी विवेकानंद की 159 वी जयंती युवाओं के मानसिक दृढ़ता को सबल बनाने के साथ साथ राष्ट्र निर्माण के लिए एक बड़ी लंबी लकीर खींचेगी। अगर हम सभी युवा स्वामी जी के आचरण का दस प्रतिशत भी अनुसरण कर पाए तो। वही जिला उपाध्यक्ष अभय कुमार चौबे ने कहा कि युवा जोश से ही राष्ट्र का निर्माण संभव है। स्वामी जी की अनुशासन एवं कर्तव्य निष्ठा हम सभी युवाओं को निरंतर प्रेरित करने का कार्य करती है जिसे हम सभी को अमल में लाने की जरूरत है।

अल्ताफ आलम, दीपू कुमार, शुभम बोस, रोहन कुमार, शिवम कुमार, रितिक कुमार, रौनक आदि जयंती में उपस्थित थे।

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Chhapra: छपरा समेत जिले के अन्य हिस्सों में कड़ाके की ठंड के बीच बारिश से मौसम और सर्द हो गया है. बारिश से ठण्ड बढ़ गयी है.   

इसके अलावा अभी भी आसमान में बादल छाए हुए हैं जिसके कारण बारिश होने की सम्भावना है.  बारिश की वजह से मौसम सर्द हो गया है. 

ठण्ड बढ़ने से गर्म कपड़ों की मांग की बढ़ गयी है. लोग गर्म कपड़ों की खरीदारी करते नजर आ रहे हैं.   

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छपरा: कोविड संक्रमण के दौरान मकर संक्रांति त्योहार के अवसर पर विधि व्यवस्था संधारण हेतु जिलाधिकारी राजेश मीणा के द्वारा वीडियों कॉफ्रेसिंग के माध्यम से समीक्षात्मक बैठक जिले के सभी थाना प्रभारी, अंचलाधिकारी, प्रखंड विकास पदाधिकारी, अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी एवं जिला स्तरीय पदाधिकारीगणों के साथ की गयी.

जिलाधिकारी के द्वारा बताया गया कि मकर संक्रांति का पर्व 14 एवं 15 जनवरी को मनाया जाता है। इस अवसर पर नदियों में स्नान की परम्परा को देखते हुए कोविड संक्रमण के दौर में विशेष सावधानी की आवश्यकता है। सर्वप्रथम निजी नावों के परिचालन पर पूर्ण रुप से प्रतिबंध लगाने का सख्त निदेश दिया गया।

सिर्फ प्रशासनिक कार्य हेतु ही नावों का परिचालन किया जा सकेगा। इस अवसर पर संवेदनशील नदी, तालाब घाटों को चिन्हित कर दण्डाधिकारी एवं पुलिस बल की प्रतिनियुक्ति कर आवश्यक संख्या में गोताखोर की प्रतिनियुक्ति करने का निदेश दिया गया। इसके साथ ही घाटों पर भीड़ को नियंत्रित करने, कोविड के दिशा-निर्देश का सख्ती से अनुपालन करवाने का निदेश जिलाधिकारी के द्वारा दिया गया। खतरनाक घाटों पर एन.डी.आर.एफ/एस.डी.आर.एफ की दलों की भी प्रतिनियुक्ति करने का निर्देश दिया गया।

जिलाधिकारी के द्वारा भीड़-भाड़ को नियंत्रित करने के साथ-साथ लोगों को माईकिंग के जरिए मास्क पहनने एवं सोशल डिस्टेसिंग का अनुपालन करने के प्रति जागरुक करते रहने का संदेश देने हेतु संबंधित पदाधिकारी को निदेश दिया गया। पर्व के दौरान वाहनों में मास्क चेकिंग अभियान के साथ वाहनों में ओवर लोडिंग न हो इस संबध में विशेष जाँच अभियान चलाने की भी कहा गया।

किसी भी परिस्थिति में जहाँ पर परम्परागत रुप से मेले लगते थे वहाँ मेले के आयोजन हेतु अनुमति नही देने का स्पष्ट निदेश दिया गया। पूर्व से ही लोगों को सार्वजनिक स्थलों एवं भीड़-भाड़ वाली जगहों पर नही जाने की सलाह माइकिंग के जरिए देने का निदेश भी दिया गया।
इस अवसर पर उप विकास आयुक्त अमित कुमार, अनुमंडल पदाधिकारी सदर, डीएसपी मुख्यालय, प्रभारी पदाधिकारी आपदा प्रबंधन शारवा एवं जिला जन-सम्पर्क पदाधिकारी उपस्थित थे।

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Chhapra: कोरोना के तीसरी लहर के मद्देनजर सरकार कई स्तर पर कार्य कर रही है। कोरोना की रोकथाम और संक्रमितों के इलाज के लिए स्वास्थ्य महकमा तत्परता से जुटा है। कई कोरोना मरीजों को इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती होना पड़ता है। इसके लिए सरकारी स्तर पर एम्बुलेंस लगाये गए हैं। साथ ही निजी एम्बुलेंस वाले मनमानी किराया वसूल नहीं कर सके। इसके लिए स्वास्थ्य विभाग, बिहार सरकार द्वारा हर एम्बुलेंस के लिए किराया निर्धारित किया गया है। तय दर से अधिक किराया लेने वालों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। एम्बुलेंस संबंधित किसी तरह की शिकायत दर्ज करने के किए टॉल फ्री नंबर(06202751107) भी जारी की गई है।

50 किलोमीटर तक 1500 से 2500 रुपया किराया तय:
कोरोना महामारी के दौरान गत वर्ष भी स्वास्थ्य विभाग द्वारा निजी एम्बुलेंस के लिए किराया तय किया गया था। कोरोना की तीसरी लहर के कारण उत्पन्न स्थिति को देखकर निजी एम्बुलेंस के लिए किराया निर्धारित किया गया है। 50 किमी तक आने- जाने के लिए छोटी कार ( सामान्य) के लिए 1500 रुपये, छोटी कार ( एसी) के लिए 1700 रुपये, बोलेरो, सुमो व मार्शल ( सामान्य) के लिए 1800 रुपये, बोलेरो, सुमो व मार्शल (एसी) के लिए 2100 रूपये, मैक्सी, विंगर, सिटी राइडर, टेम्पो, ट्रेवलर व समकक्ष वाहन (14 से 22 सीट) सामान्य के लिए 2500 रुपये, जाइलो, क्वालिस, स्कॉर्पियो व टवेरा (एसी ) के लिए 2500 रुपये किराया निर्धारित किया गया है।

50 किलोमीटर से अधिक परिचालन होने पर 18 रूपये से 25 रूपये किलोमीटर का अतिरिक्त किराया:

50 किमी से अधिक परिचालन करने पर निर्धारित दर के किलोमीटर के हिसाब से अतिरिक्त किराया को भी तय किया गया है। छोटी कार ( सामान्य), छोटी कार ( एसी), बोलेरो, सुमो व मार्शल ( सामान्य), बोलेरो, सुमो व मार्शल (एसी) के लिए 18 रुपये प्रति किमी, मैक्सी, विंगर, सिटी राइडर, टेम्पो, ट्रेवलर व समकक्ष वाहन (14 से 22 सीट) सामान्य और क्वालिस, स्कॉर्पियो व टवेरा (एसी ) के लिए 25 रुपये प्रति किमी के हिसाब से अतिरिक्त किराया निर्धारित किया गया है। तय किराया से अधिक राशि की मांग करने वालों के विरुद्ध कार्रवाई की जाएगी।

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लाल बहादुर शास्त्री जी की पुण्यतिथि (11 जनवरी) पर विशेष

योगेश कुमार गोयल
वाराणसी से करीब सात मील दूर एक छोटे से रेलवे टाउन मुगलसराय में 2 अक्तूबर 1904 को जन्मे भारत के दूसरे प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री का सम्पूर्ण जीवन संघर्षों से भरा था। जब वे मात्र डेढ़ वर्ष के थे, तभी उनके पिता का देहांत हो गया था। बचपन में शास्त्री जी बहुत शरारती हुआ करते थे। घर में सभी सदस्य उन्हें ‘नन्हें’ नाम से पुकारते थे। वे दोस्तों के साथ अक्सर गंगा में तैरने जाया करते थे क्योंकि उन्हें गांव के बच्चों के साथ नदी में तैरना बहुत पसंद था। बचपन में एक बार उन्होंने अपने एक सहपाठी मित्र को डूबने से भी बचाया था। काशी के रामनगर के अपने पुश्तैनी मकान से वे प्रतिदिन सिर पर बस्ता रखकर कई किलोमीटर लंबी गंगा नदी को पार करके स्कूल जाते थे। हरिश्चंद्र इंटर कॉलेज में पढ़ाई के दौरान वे अक्सर देरी से पहुंचते थे और कक्षा के बाहर खड़े होकर ही पूरे नोट्स बना लेते थे।

शास्त्री जी गांधीजी के विचारों व जीवनशैली से बेहद प्रेरित थे और अद्वितीय प्रतिभा के धनी थे। एक बार जब महात्मा गांधी द्वारा भारत में ब्रिटिश शासन का समर्थन कर रहे भारतीय राजाओं की कड़े शब्दों में निंदा की गई, उससे शास्त्री जी बाल्यकाल में ही इतने प्रभावित हुए कि मात्र 11 वर्ष की आयु में ही उन्होंने देश के लिए राष्ट्रीय स्तर पर कुछ करने की ठान ली थी। वर्ष 1920 में 16 साल की उम्र में ही महात्मा गांधी के असहयोग आन्दोलन में भाग लेते हुए शास्त्री जी भारत के स्वतंत्रता संग्राम का अटूट हिस्सा बन गए थे। स्वतंत्रता संग्राम में शामिल होने के बाद उन्होंने कई विद्रोही अभियानों का नेतृत्व किया और नौ वर्षों तक ब्रिटिश जेलों में बंदी भी रहे। असहयोग आन्दोलन के लिए वे पहली बार 17 साल की उम्र में जेल गए थे लेकिन उस समय वयस्क न होने के कारण उन्हें छोड़ दिया गया था। उसके बाद वे सविनय अवज्ञा आन्दोलन के लिए वर्ष 1930 में ढ़ाई साल के लिए जेल गए। 1940 में भी जेल गए और उसके पश्चात् 1941 से लेकर 1946 के बीच जेल में रहे।

शास्त्री जी को सादगी इतनी पसंद थी कि वे कोट के नीचे फटे कुर्ते भी पहन लिया करते थे और फटे कपड़ों से ही बाद में रूमाल भी बनवा लेते थे। इसके लिए जब एक बार उनकी पत्नी ने उन्हें टोका तो उन्होंने कहा था कि देश में बहुत से ऐसे लोग हैं, जो इसी तरह गुजारा करते हैं। उनमें नैतिकता इस कदर कूट-कूटकर भरी थी कि एक बार बीमार बेटी से मिलने के लिए उन्हें जेल से 15 दिन की पैरोल पर रिहा किया गया किन्तु बेटी का बीच में ही देहांत हो जाने के बाद 15 दिनों की अवधि पूरी होने से पहले ही वे स्वयं जेल में लौट गए। स्वतंत्रता की लड़ाई के दौरान जब वे जेल में बंद थे, तब एक दिन उनकी पत्नी ललिता शास्त्री उनसे मिलने जेल गई, जो उनके लिए दो आम छिपाकर लाई थीं। इस पर खुश होने के बजाय शास्त्री जी ने इसी के खिलाफ धरना शुरू कर दिया था। दरअसल उनका तर्क था कि कैदियों को जेल के बाहर की कोई भी चीज खाना कानून के खिलाफ है।

शास्त्री जी के लिए नैतिकता, ईमानदारी और उच्च आदर्शों के मायने इसी से समझे जा सकता हैं कि उनके रेलमंत्री रहते एक रेल दुर्घटना में कई लोग मारे गए थे। तब उस दुर्घटना के लिए स्वयं को जिम्मेदार मानते हुए उन्होंने रेलमंत्री के पद से इस्तीफा दे दिया था। उनकी इस अभूतपूर्व पहल को संसद सहित पूरे देश ने सराहा था। उस समय प्रधानमंत्री पं. नेहरू ने स्वयं इस घटनाक्रम पर संसद में शास्त्री जी की ईमानदारी और उच्च आदर्शों की तारीफ करते हुए कहा था कि उन्होंने शास्त्री जी का इस्तीफा इसलिए स्वीकार नहीं किया है कि जो कुछ हुआ है, उसके लिए वे जिम्मेदार हैं बल्कि इसलिए स्वीकार किया है क्योंकि इससे संवैधानिक मर्यादा में एक मिसाल कायम होगी। हालांकि विडम्बना ही है कि शास्त्री जी के बाद ऐसी नैतिकता और संवैधानिक मिसाल फिर कभी देखने को नहीं मिली।

1964 में जब शास्त्री जी देश के प्रधानमंत्री बने, तब भारत खाने की बहुत सी वस्तुओं का आयात किया करता था और अनाज के लिए एक योजना के तहत उत्तरी अमेरिका पर ही निर्भर था। 1965 में पाकिस्तान से जंग के दौरान देश में भयंकर सूखा पड़ा। अमेरिका द्वारा उस समय अपने पब्लिक लॉ-480 कानून के तहत भारत में गेहूं भेजने के लिए तरह-तरह की अघोषित शर्तें लगाई जा रही थी, जिन्हें मानने से शास्त्री जी ने यह कहते हुए इनकार कर दिया कि हम भूखे रह लेंगे लेकिन अपने स्वाभिमान से समझौता नहीं करेंगे। उसके बाद उन्होंने आकाशवाणी के जरिये जनता से कम से कम हफ्ते में एक बार खाना न पकाने और उपवास रखने की अपील की। उनकी अपील का देश के लोगों पर जादू सा असर हुआ और लगभग सभी देशवासियों ने इसका पालन किया।

वह कहा करते थे कि देश की तरक्की के लिए हमें आपस में लड़ने के बजाय गरीबी, बीमारी और अज्ञानता से लड़ना होगा। उनका कहना था कि यदि कोई भी व्यक्ति हमारे देश में अछूत कहा जाता है तो भारत को अपना सिर शर्म से झुकाना पड़ेगा। वह कहते थे कि कानून का सम्मान किया जाना चाहिए ताकि हमारे लोकतंत्र की बुनियादी संरचना बरकरार रहे और हमारा लोकतंत्र भी मजबूत बने। वे कहा करते थे कि हमारी ताकत और मजबूती के लिए सबसे जरूरी है लोगों में एकता स्थापित करना।

पाकिस्तान के साथ 1965 की जंग खत्म करने के लिए वे ताशकंद समझौता पत्र पर हस्ताक्षर करने के लिए ताशकंद गए थे। उस समय वह पूरी तरह स्वस्थ थे लेकिन उसके ठीक एक दिन बाद 11 जनवरी 1966 की रात को अचानक खबर आई कि हार्ट अटैक से उनकी मौत हो गई है। हालांकि नेताजी सुभाष चंद्र बोस की ही भांति उनकी मृत्यु का रहस्य भी आज तक बरकरार है।

(लेखक स्वतंत्र टिप्पणीकार हैं।)

इनपुट एजेंसी 

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Chhapra: मुफस्सिल थाना क्षेत्र अंतर्गत मीरा मुसहरी स्थित एसबीआई के सीएसपी शाखा से दोपहर में छह अज्ञात अपराधियों के द्वारा काउंटर से 4 लाख लूट की घटना को अंजाम दिया गया था. जिसमें अपराधियों के द्वारा फायरिंग भी की गई थी. सारण पुलिस ने एसआईटी टीम गठित कर त्वरित कार्रवाई करते हुए 72 घंटा के अंदर 5 अपराध कर्मियों को गिरफ्तार किया है.

डीएसपी सौरभ जायसवाल ने प्रेस वार्ता कर बताया कि लूट कांड का उद्भेदन करते हुए पांच अपराधियों को गिरफ्तार किया गया है. जिनके पास से दो देसी कट्टा, तीन जिंदा कारतूस, एक पिस्टल का खाली मैगजीन, एक बाइक का मास्टर चाबी सहित सहित 22 हजार रुपया नगद बरामद किया गया है.https://fb.watch/arRTtv8U-1/

पकड़े गए अपराध कर्मियों के विरुद्ध मुफस्सिल थाना में ही कई अपराधिक मामले दर्ज हैं. उन्होंने बताया कि पकड़े गए अपराध कर्मियों में मुफस्सिल थाना क्षेत्र का मोहित कुमार, गोलू कुमार, जितेश कुमार, विपिन यादव और खैरा थाना क्षेत्र का विकास रंजन चौबे गिरफ्तार किया गया है. एक अन्य अपराध कर्मी फरार है. जिसकी गिरफ्तारी को लेकर छापेमारी चल रही है.

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Chhapra: श्रीप्रकाश ऑर्नामेंट्स के प्रांगण में 15 वर्ष से 18 वर्ष के लगभग तीन सौ किशोर-किशोरियों को टीका लगाया गया। एक दिवसीय टीकाकरण केंद्र का उद्घाटन श्रीप्रकाश ऑर्नामेंट्स के ओनर वरुण प्रकाश, कोओनर राखी गुप्ता और स्वास्थ्य कर्मियों ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्वलित कर किया गया। कोरोना प्रोटोकॉल का ध्यान रखते हुए सभी किशोर किशोरियों को टीका दिया गया।

राखी गुप्ता ने बताया कि बच्चों के लिए वैक्सीन आने के बाद खुशी का माहौल है। बच्चे अपने परिवार के साथ आकर खुशी से वैक्सीन ले रहे है। सभी बच्चों से अपील है कि वैक्सीन लेने के बाद भी मास्क का प्रयोग करें। घर मे रहें, जरूरत पड़ने पर घर से निकलने और समय समय पर साबुन से हाथ धोते रहे। अगले आने वाले दिनों में कैम्प का आयोजन किया जाएगा।

वरुण प्रकाश ने कहा कि निःशुल्क जन सेवा केंद्र के तहत अब तक लगभग 80 हज़ार से ज्यादा परिवार ने लाभ लिया है। 15 दिसंबर से लगातार सेवा कार्य जारी है। छपरा नगर निगम वासियों के लिए निःशुल्क ई श्रम कार्ड का वितरण किया गया है। अब तक वार्ड संख्या एक से 15 तक लगभग 4573 और वार्ड संख्या 16 से 45 वार्ड के वासियीं ने ई श्रम कार्ड का निःशुल्क वितरण किया गया। अब तक 80 लोगों ने वोटर आईडी का अप्लाई कराया है। जीवन प्रमाण पत्र देने वालों की लगभग दो हज़ार लोग है।

इस अवसर पर स्वास्थ्य विभाग से विकाश कुमार, राकेश कुमार, कमलावती देवी, रेणु देवी, सुनील कुमार, राजीव कुमार,धरमु दास आदि लोगों का एक दिवसीय कैम्प में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

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– सभी प्रखंड मुख्यालय स्थित पीएचसी व सीएचसी में बनाया गया है टीकाकरण केंद्र

Chhapra: सोमवार से जिले में वैश्विक महामारी कोरोना वायरस बचाव के लिए स्वास्थ्य कार्यकर्ता, फील्ड वर्कर एवं 60 प्लस गंभीर रोग से ग्रसित व्यक्तियों को टीका की प्रीकॉशनरी डोज दी जाएगी। टीकाकरण के लिए सभी प्रखंड मुख्यालय स्थित पीएचसी व सीएचसी में सत्र स्थल बनाया गया है। टीकाकरण केंद्र पर टीका की दोनों खुराक लिए जाने के 9 माह के उपरांत ही प्रीकॉशनरी डोज दी जाएगी। जिनके ड्यू होने की सूचना उनके पंजीकृत मोबाइल पर एस.एम.एस. कोविन पोर्टल के माध्यम से प्राप्त होगी। इसके लिए उक्त लाभार्थी को नियोक्ता का साक्ष्य प्रस्तुत करना अनिवार्य है। उन्होंने बताया प्रथम दिन 90% लोगों का टीकाकरण का लक्ष्य रखा गया है। 2 दिनों में 10 एवं 11 जनवरी को शत प्रतिशत स्वास्थ्य कार्यकर्ता व फील्ड कार्यकर्ता को प्रतिरक्षित करने का लक्ष्य रखा गया है।

किन लोगों को दी जाएगी प्रीकॉशन डोज

केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय के अनुसार हेल्थकेयर वर्कर्स, फ्रंटलाइन वर्कर्स और गंभीर बीमारियों से जूझ रहे 60 साल से ऊपर के बुजुर्ग प्रीकॉशन डोज के लिए पात्र होंगे । इसके अलावा, ये डोज दूसरी डोज के 9 महीने बाद यानी दूसरी खुराक देने की तारीख से 39 सप्ताह पर दी जाएगी। इसके अलावा, गाइडलाइन के अनुसार प्रीकॉशनरी डोज के लिए पात्र होने पर लाभार्थियों को कोविन से एक टेक्स्ट मैसेज भेजा जाएगा। ताकि पता चल सके कि उन्हें वैक्सीन की तीसरी खुराक लेनी है। 60 साल से अधिक आयु के लाभार्थियों को “प्रीकॉशनरी डोज” दी जाएगी। अगर व्यक्ति किसी बीमारी से ग्रसित है एवं चिकित्सक द्वारा उन्हें कोविड-19 का प्रीकॉशनरी डोज लेने का सुझाव दिया गया है वैसे लाभार्थी द्वारा टीकाकर्मी को किसी प्रकार के प्रमाण पत्र की प्रस्तुत करने की आवश्यकता नहीं है।

कोविन पोर्टल पर करना होगा स्लॉट बुक

लाभार्थी कोविन प्लेटफॉर्म पर वैक्सीनेशन स्लॉट बुक कर सकेंगे। इसके अलावा, गाइडलाइन्स के अनुसार खुराक लेने के लिए टीकाकरण केंद्र में ऑन स्पॉट भी स्लॉट बुक कर टीकाकरण करवाया जा सकेगा।

मिलेगा प्रीकॉशन डोज का सर्टिफिकेट 

पात्र लाभार्थियों को प्रीकॉशन डोज मिल जाने के बाद एक सर्टिफिकेट जारी किया जाएगा। जिस तरह पहली और दूसरी डोज लगने पर सर्टिफिकेट मिला था। उसी तरह प्रीकॉशन डोज लगने के बाद भी सर्टिफिकेट जारी किया जाएगा।

– मास्क का उपयोग और शारीरिक दूरी का पालन जारी रखें।
– नियमित तौर पर लगातार साबुन या अल्कोहल युक्त पदार्थों से अच्छी तरह हाथ धोएं।
– बारी आने पर निश्चित रूप से वैक्सीनेशन कराएं और दूसरों को भी प्रेरित करें।
– लक्षण महसूस होने पर कोविड-19 जाँच कराएं।

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Chhapra: एआईएसएफ सारण जिला का एक प्रतिनिधिमंडल पिछले दिनों इंजीनियरिंग के छात्र की आत्महत्या के कारण मानसिक रूप से तनाव में आने वाले इंजीनियरिंग कॉलेज के छात्रों से मिल ढाढस बढ़ाते हुए उन सभी छात्रों को अपने हक एवं अधिकार के लिए लड़ने के लिए अंदर से प्रेरित किया। इंजीनियरिंग कॉलेज के छात्र शिवम कुमार, आरिफ अनवर ने प्रतिनिधिमंडल को बताया कि इस प्रौद्योगिकी संस्थान में अनुशासन की कमी, खेल के मैदान की समस्या, कैंटीन संचालक की मनमानी, कैंपस में मेडिकल फैसिलिटी की अनुपलब्धता, बस संचालन की कमी, समाचार पत्रिका हॉस्टल में ना मिलना जैसी विभिन्न समस्याओं से एआईएसएफ को अवगत कराया। एआईएसएफए सारण जिला सचिव अमित नयन ने सबसे पहले पिछले दिनों दुनिया का दामन छोड़ने वाले छात्र के प्रति गहरी संवेदना व्यक्त करते हुए कहा की जीवन रूपी नौका को खेने के लिए संघर्षरुपी प्रेरणा हम सभी के अंदर होनी चाहिए।आत्महत्या कोई समाधान नहीं है। उन्होंने कहा कि छात्र को परीक्षा के दरमियान मानसिक रूप से शोषण किया गया था तभी वह छात्र इस आत्मघाती कदम को उठाने में जरा भी गुरेज नहीं किया। इस घटना की जांच के लिए उच्च स्तरीय जांच की मांग एआईएसएफ सारण करता है ।


जिला अध्यक्ष रूपेश कुमार यादव ने कहा कि मैं निशब्द हूं इस आत्महत्या के बाद।छात्र खुद को संघर्ष के लिए खुद को अंदर से प्रेरित करें। इंजीनियरिंग कॉलेज की यह घटना पीड़ादायी है। जिला उपाध्यक्ष अभय कुमार चौबे ने कहा कि छात्र छात्राओं को मानसिक रूप से मजबूत होने की जरूरत है तभी वह खुद के साथ साथ देश और दुनिया के लिए परिवर्तनकारी लकीरे खींच सकते हैं। प्रतिनिधिमंडल में एआईएसएफ जिला सचिव अमित नयन, जिला अध्यक्ष रूपेश कुमार यादव, जिला उपाध्यक्ष अभय कुमार चौबे, प्रकाश कुमार, रोहन कुमार, मौजूद थे

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Chhapra: सारण पुलिस ने खैरा गांव स्थित शैलेश शाह के घर हुए गिरी डकैती कांड का उद्भेदन किया है. इस कांड में संलिप्त से अपराध कर्मियों को गिरफ्तार किया है और उनके पास से 80 हज़ार रुपये नगद, मोबाइल सहित अन्य सामान बरामद भी किया है.

सारण एसपी संतोष कुमार ने बताया कि तकनीकी साक्ष्य के आधार पर एसआईटी की टीम के सहयोग से सभी अपराध कर्मियों को गिरफ्तार किया गया है. सभी अपराधियों के विरुद्ध सारण के विभिन्न थाना में कई अपराधिक मामले दर्ज हैं. उन्होंने बताया कि पकड़े गए अपराध कर्मियों में संजीत नट, सोनू कुमार सिंह, भीम नट, अभिषेक उर्फ बच्चा नट शामिल है. अपराध कर्मियों के पास से लूटी गई मोबाइल सहित 80 हज़ार रुपये बरामद किए गए हैं.

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बिहार में अब मेयर और डिप्टी मेयर के पद पर चुनाव का पैटर्न बदलने जा रहा है. सरकार एक अध्यादेश लाने जा रही है जिसके तहत अब वार्ड पार्षदों के बहुमत के बदले मेयर व डिप्टी मेयर का चुनाव सीधे जनता ही करेगी. प्रदेश के 263 शहर की सरकार के मुखिया के चुनाव को लेकर अब तैयारी तेज होने लगी है. नगर पंचायत के मुख्य पार्षद व उप मुख्य पार्षद, नगर परिषद के सभापति व उप सभापति का भी चुनाव अब जनता ही करेगी.

बिहार में अभी तक जनता अपने वार्ड पार्षद को चुनती थी. इसके बाद जीते हुए पार्षद मुख्य पार्षद से लेकर मेयर और डिप्टी मेयर तक का चयन करते थे. लेकिन अब जनता सीधे अपने मेयर और डिप्टी मेयर वगैरह को चुनेगी. राज्यपाल से इसकी मंजूरी मिल गयी है. राजभवन ने नगरपालिका एक्ट में संशोधन का अध्यादेश विधि विभाग को भेज दिया है.

कानून में संसोधन के साथ यह भी प्रावधान किया गया है कि इन चुनावों में कोई भी प्रत्याशी किसी दल के सिंबल पर चुनाव नहीं लड़ेगा. इसके साथ ही चुनाव के दौरान उम्मीदवारों को किसी दल के झंडा, बैनर या प्रतीक चिन्ह के उपयोग पर भी प्रतिबंध लगाया जाएगा. उधर नगर पालिका कानून-2007 में संशोधन के बाद वार्ड पार्षदों की खरीद- बिक्री पर रोक लग जाएगी. अभी इसकी शिकायतें बेहद आम हो गयी है.

मेयर और डिप्टी मेयर का पद अब खरीद-बिक्री और जुगाड़ के साथ नहीं तय किया जा सकेगा. वहीं एक और संशोधन के तहत अविश्वास प्रस्ताव का रोड़ा भी हटा दिया जाएगा. अभी दोनों पदों को हासिल करने के लिए मोटी रकम खर्च की जाती है. वहीं अविश्वास प्रस्ताव के जरिये भी मोटी रकम का खेल होता है. जिसपर लगाम लगाने की अब तैयारी शुरू कर दी गयी है. वर्तमान में मध्यप्रदेश, छत्तीसढ़, उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश और झारखंड में इसी तर्ज पर चुनाव हो रहा है.

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