पटना, 27 दिसम्बर (हि.स.)। कांग्रेस नेता एवं सांसद राहुल गांधी 14 जनवरी से 20 मार्च तक मणिपुर और मुंबई के बीच भारत न्याय यात्रा का नेतृत्व करेंगे। ‘भारत न्याय यात्रा’ में 14 राज्यों में 6,200 किलोमीटर की पद यात्रा के दौरान राहुल गांधी बिहार भी आयेंगे।

न्याय यात्रा की शुरुआत राहुल गांधी मणिपुर से करेंगे। यात्रा एक तरह से पूर्वी भारत से पश्चिमी भारत की ओर जायेगी। इसमें बिहार सहित कुल 14 राज्यों को राहुल गांधी पैदल लांघेगे। राहुल गांधी के भारत न्याय यात्रा पर निकले की चर्चा लम्बे समय से थी लेकिन लोकसभा चुनाव के पहले कांग्रेस ने बड़ा प्लान किया है अब राहुल गांधी 14 जनवरी से मणिपुर से मुंबई तक की यात्रा पर निकलेंगे, जो 20 मार्च तक चलेगी।14 राज्यों से गुजरने वाली यह यात्रा पूर्वोत्तर भारत से देश के पश्चिमी हिस्से को जोड़ेगी।

इन राज्यों में होगी राहुल की पदयात्रा

भारत न्याय यात्रा मणिपुर से शुरू होकर नगालैंड, असम, मेघालय, बंगाल, बिहार, झारखंड, ओडिशा, छत्तीसगढ़, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, राजस्थान और गुजरात होते हुए महाराष्ट्र में समाप्त होगी। कांग्रेस नेताओं ने बताया कि भारत न्याय यात्रा का मकसद आर्थिक, सामाजिक और राजनीतिक न्याय है। इस यात्रा के दौरान राहुल गांधी लोगों से जुड़ेंगे और उनके साथ बातचीत कर उनके मुद्दे और परेशानियां जानेंगे। इस यात्रा के जरिए लोकसभा चुनावों में अपनी ताकत बढ़ाने पर कांग्रेस पार्टी का जोर है।

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पार्टी से जुड़े किसी मसले के लिए बातचीत को इकट्ठा नहीं हुए : विजय चौधरी

पटना, 27 दिसम्बर (हि.स.)। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बुधवार को अपने आवास पर विधान परिषद सहित दो कैबिनेट मंत्रियों के साथ मुलाकात की। इस बीच नीतीश कुमार के सबसे भरोसेमंद और जदयू के वरिष्ठ नेता और वित्त मंत्री विजय चौधरी ने कल के घटनाक्रम से लेकर आज तक के पूरे मामले को लेकर स्थिति स्पष्ट की।

विजय चौधरी ने कहा है कि राज्य के अंदर चार लाख से अधिक संख्या में नियोजित शिक्षक थे उन्हें अब राज्यकर्मी का दर्जा देने का निर्णय लिया गया है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के इस निर्णय के प्रति आभार प्रकट करने के लिए आज करीब 6 विधायक और कुछ विधान पार्षद पहुंचे थे। इन लोगों ने सबसे पहले मुझसे संपर्क किया था तो हम उनके साथ हम सभी लोग मुख्यमंत्री को आभार प्रकट करने के लिए पहुंचे थे। बस इतनी सी ही बात थी। इसके अलावा कोई बड़ी बात नहीं थी।

विजय चौधरी ने कहा कि आज पार्टी से जुड़े किसी मसले के लिए बातचीत करने के लिए लोग इकट्ठा नहीं हुए थे। आज जो भी लोग आए हैं वह कल मंत्रिमंडल में लिए गया फैसले के प्रति धन्यवाद ज्ञापन करने आए हैं। इसके अलावा कोई भी बात नहीं है। आपलोग बेकार का परेशान हो रहे हैं। कहीं कोई भी चिंता करने वाली बात नहीं है।

जब विजय चौधरी से ललन सिंह की स्थिति को लेकर सवाल किया गया तो उन्होंने कहा कि कल भी कहा था और आज फिर कहता हूं कि ऐसी कोई बात नहीं है। हमारे राष्ट्रीय अध्यक्ष की तरफ से इस्तीफा दिए जाने की बात सही नहीं है। यह बिल्कुल अफवाह उड़ाई गई है। कल उन्होंने खुद भी बोल दिया है कि ऐसी कोई बात नहीं है। यह बात बिल्कुल फर्जी है। इसके बावजूद आप लोग क्यों इस मुद्दे को इतना तूल दे रहे हैं। मुझे यह समझ में नहीं आ रहा है।

भाजपा और उपेंद्र कुशवाहा की तरफ से किए जा रहे दावे पर जदयू नेता ने कहा कि मैं बार-बार कहता हूं कि मुझे किसी घटना के बारे में पूछिएगा तो मैं बता सकता हूं लेकिन कोई नेता क्या कह रहा है, क्या नहीं कह रहा है तो इस पर हम कुछ भी नहीं बोलते हैं। किसी चीज के बारे में आपको जानना है तो मुझसे पूछिए। किसने क्या कहा, क्या नहीं कहा। यह पूछने के लिए और इस पर बोलने के लिए मुझे जरूरत नहीं है। इसके अलावा जदयू के वापस से भाजपा के साथ गठबंधन होने के सवाल पर विजय चौधरी ने कहा कि हमारे तरफ भाजपा की नजर नहीं है। सुशील मोदी को खास तौर पर भाजपा में कोई नहीं पूछ रहा है। इसलिए वह इधर-उधर भटकते रहते हैं और यह सब बात कहते रहते हैं।

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पटना (बिहार), 26 दिसम्बर (हि.स.)। जनता दल यूनाइटेड (जदयू) के राष्ट्रीय अध्यक्ष और बिहार में मुंगेर लोकसभा सीट से सांसद ललन सिंह ने पद से इस्तीफा देने की बात को सिरे से खारिज किया है।

उन्होंने हिन्दुस्थान समाचार से बातचीत में कहा कि यह सब भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) का प्रोपेगंडा है। पार्टी के वरिष्ठ नेता और संसदीय कार्य मंत्री विजय चौधरी ने कहा कि ऐसी खबर भले ही आ रही है लेकिन न हम लोगों को और न ही मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के पास इस तरह का कोई इस्तीफा पत्र भेजा गया है। पार्टी कार्यालय को भी इसकी सूचना नहीं है। जदयू में अंदरूनी कोई उठापटक नहीं है। पार्टी के अंदर कोई खाई नहीं। चर्चा मीडिया के लोग पैदा करते हैं।

उल्लेखनीय है कि इससे पहले इस तरह की खबर आई थी कि जदयू नेतृत्व के अहम चेहरे ललन सिंह ने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को इस्तीफा भेज दिया है। यह निर्णय पार्टी की भविष्य की रणनीति के बारे में अटकलों और राजनीतिक चर्चाओं के बीच आया था।

File Photo 

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पटना, 26 दिसंबर (हि.स.)। इस वर्ष के आखिरी दिनों में नीतीश सरकार ने बिहार के नियोजित शिक्षकों को बड़ा तोहफा दिया है। अब राज्य के नियोजित शिक्षकों को राज्यकर्मी का दर्जा मिलेगा। सचिवालय में मंगलवार को हुई नीतीश कैबिनेट की बैठक में शिक्षा विभाग के इस प्रस्ताव पर मुहर लग गयी है। साथ ही कैबिनेट की बैठक में कुल 29 एजेंडों पर मुहर लगी है।

लंबे समय से नियोजित शिक्षक संघ की मांग को राज्य सरकार का मान लेना लोकसभा चुनाव से ठीक पहले इसे नीतीश सरकार का बड़ा मास्टर स्ट्रोक माना जा रहा है। कैबिनेट की बैठक में सरकार ने बिहार विद्यालय विशिष्ट शिक्षक नियमावली 2023 को मंजूरी दे दी है। अब बिहार के सभी नियोजित शिक्षक विशिष्ट शिक्षक कहलाएंगे। उन्हें बिहार विद्यालय परीक्षा समिति की ओर से आयोजित एक मामूली परीक्षा को पास करना होगा। इसके बाद सरकार उन्हें राज्यकर्मी का दर्जा दे देगी।

पिछले माह ही किया था एलान

पिछले माह गांधी मैदान में आयोजित नियुक्ति पत्र वितरण समारोह को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने ऐलान किया था कि बिहार के सभी नियोजित शिक्षकों को एक सामान्य परीक्षा लेकर सरकारी राज्यकर्मी का दर्जा दे दिया जाएगा। मुख्यमंत्री ने मंच से ही शिक्षा विभाग के एसीएस केके पाठक को खाली पदों पर दो महीने के भीतर भर्ती करने का निर्देश दिया था और कहा था कि राज्य के सभी नियोजित शिक्षकों को सरकारी कर देंगे।

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नियोजित शिक्षकों के वेतन भुगतान को लेकर एसीएस ने बनाया प्लान, अब इतने तारीख को मिल जायेगा वेतन

Patna: बिहार के नियोजित शिक्षकों के वेतन भुगतान को लेकर शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव के के पाठक ने नया मास्टर प्लान तैयार किया है. अगर सबकुछ योजना के अनुरूप हुआ तो शिक्षकों को अब वेतन के लिए इंतजार नहीं करना होगा.

बिहार में शिक्षा की तस्वीर धीरे-धीरे ही सही लेकिन बदल रही है. गुणवत्तापूर्ण शिक्षा देने के लिए विभाग दिन रात लगा हुआ है. विभाग के एसीएस के के पाठक खुद सुबह से शाम तक स्कूलों की स्थिति से अवगत होने के लिए जिला और प्रखंड स्तर तक निरीक्षण कर रहे हैं.

शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव के के पाठक ने नियोजित शिक्षकों के ससमय वेतन को लेकर मास्टरप्लान तैयार किया है. उनका कहना है कि शिक्षकों को हर हाल में ससमय वेतन का भुगतान किया जाएगा ताकि शिक्षकों को वेतन को लेकर किसी भी तरह की समस्या न हो.

के के पाठक ने एक आदेश जारी कर कहा है कि नियोजित शिक्षकों के वेतन हेतु राशि जिला आवंटन प्रतिमाह के 25 तारीख तक कर दिया जाए इसमे किसी भी तरह की कोताही बर्दाश्त नही की जाएगी.

अपर मुख्य सचिव ने जिलों को आदेश दिया है कि राज्य के सभी नियोजित शिक्षकों को प्रतिमाह के 5 तारीख को उनके वेतन में भुगतान कर दिया जाए. नियोजित शिक्षकों के वेतन भुगतान में किसी भी तरह की कोताही होने या ससमय वेतन का भुगतान ही करने शिक्षा विभाग के अधिकारियों के खिलाफ विभागीय करवाई की जाएगी.

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नई दिल्ली, 23 दिसंबर (हि.स.)। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने नौकरी के बदले जमीन से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में बिहार के उप-मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव को फिर नया समन भेजा है। केंद्रीय जांच एजेंसी ने तेजस्वी यादव को 5 जनवरी को दिल्ली स्थित ईडी मुख्यालय में पूछताछ के लिए पेश होने को कहा है।

आधिकारिक सूत्रों ने शनिवार को बताया कि ईडी ने नौकरी के बदले जमीन घोटाला से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में बिहार के उप-मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव को पूछताछ के लिए फिर समन जारी किया है। केंद्रीय जांच एजेंसी ने तेजस्वी को 5 जनवरी को नई दिल्ली स्थित ईडी मुख्यालय में पूछताछ के लिए बुलाया है। इससे पहले ईडी ने तेजस्वी को 22 दिसंबर और लालू प्रसाद यादव को 27 दिसंबर को पेश होने के लिए समन भेजा था। हालांकि, वे कल ईडी के समक्ष पेश नहीं हुए।

जानकारी के मुताबिक बिहार के उप-मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव के वकील ने ईडी से पूछताछ में शामिल होने के लिए अगली तारीख की मांग की थी। दरअसल, ईडी इस मामले में 11 अप्रैल को तेजस्वी यादव से करीब आठ घंटे तक पूछताछ कर चुका है लेकिन पहली बार उसने लालू प्रसाद यादव को भी इस मामले में समन जारी किया है। जांच एजेंसी ने यह समन दिल्ली के व्यवसायी और बिहार के उप-मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव के करीबी अमित कात्याल की गिरफ्तारी के एक महीने बाद नौकरी के बदले जमीन घोटाला मामले में जारी किया है।

उल्लेखनीय है कि केंद्रीय जांच एजेंसी ने यह समन सीबीआई के 18 मई, 2022 को लालू प्रसाद यादव, पूर्व सीएम राबड़ी देवी और मीसा भारती सहित 17 लोगों के खिलाफ नौकरी के बदले जमीन लेने के आरोपों को लेकर दर्ज एफआईआर के आधार पर जारी की है।

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Chhapra: पूर्वोत्तर रेलवे के एकमा स्टेशन पर जल्द ही 100 मीटर ऊंचा राष्ट्रध्वज लहराएगा। अमृत भारत स्टेशन योजना के तहत महराजगंज लोकसभा क्षेत्र के एकमा और मशरक स्टेशन के लिए करोड़ों रुपए रेलवे ने आवंटित किए हैं।

महाराजगंज के सांसद जनार्दन सिंह सिग्रीवाल ने बताया कि उनके प्रयास से अमृत भारत स्टेशन योजना के अंतर्गत मशरक एवं एकमा स्टेशन के लिए करोड रुपए का आवंटन हो गया है। 

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सांसद जनार्दन सिंह सीगवाल ने बताया कि अमृत स्टेशन योजना में चयनित होने के बाद उन्होंने रेल मंत्री से मिलकर इन स्टेशनों के विकास के लिए जल्द राशि आवंटित करने का आग्रह किया। जिसके फल स्वरुप रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने तत्क्षण उक्त दोनों स्टेशनों के लिए क्रमशः मशरक स्टेशन के लिए 12 करोड़ 51 लाख रुपए एवं एकमा स्टेशन के लिए 7 करोड़ 48 लाख रुपए का आवंटन कर राशि विमुक्त कर दिया है।

सांसद जनार्दन सिंह सिग्रीवाल ने बताया कि इन राशियों से उक्त स्टेशनों पर भवन के स्वरूप का सुधार, प्लेटफार्म के एरिया में ग्रेनाइट स्टोन का प्रावधान, पुराने यात्री सीटों में बदलाव का कार्य, पब्लिक टॉयलेट का निर्माण, वाटर बूथों का निर्माण, एप्रोच रोड का निर्माण, स्टेशन एरिया में सौंदर्यकरण का कार्य, 100 मीटर ऊंचे राष्ट्रध्वज लगाने का कार्य, यात्री की सुविधाओं का विस्तार इत्यादि काम किए जाएंगे।

उन्होंने बताया कि और भी स्टेशनों के लिए उन्होंने राशि आवंटित करने की मांग की। जल्द ही अन्य स्टेशनों के सौंदर्यकरण एवं यात्री सुविधाओं के लिए राशि आवंटित की जाएंगी।

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67 वीं राष्ट्रीय विद्यालय प्रतियोगिता फुटबॉल अंडर-17 बालिका प्रतियोगिता के आयोजन संबंधी तैयारियो को लेकर निदेशक सह सचिव बिहार राज्य खेल प्राधिकरण ने की समीक्षा

67 वीं राष्ट्रीय विद्यालय प्रतियोगिता फुटबॉल अंडर-17 बालिका प्रतियोगिता 2023-24 का आयोजन 25 दिसंबर से 29 दिसंबर 2023 किया जाएगा

Chhapra: सारण छपरा जिले में आगामी 25 दिसंबर से 29 दिसंबर 2023 तक 67वीं राष्ट्रीय विद्यालय प्रतियोगिता फुटबॉल अंडर- 17 बालिका प्रतियोगिता 2023 -24 का आयोजन किया जाएगा। इस प्रतियोगिता में देश के सभी राज्यों से लगभग 35 टीमों के साथ लगभग 800 प्रतिभागियों के भाग लेने की संभावना है। सारण, छपरा जिले में इस तरह से बड़े पैमाने पर राष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगिता पहली बार आयोजित की जा रही है प्रतियोगिता के आयोजन को सफल बनाने के निमित 19 दिसंबर 2023 को 1:00 बजे अपराह्न से जिला पदाधिकारी अमन समीर की अध्यक्षता में कार्यालय कक्ष में बैठक आहूत की गई।

बैठक में पंकज कुमार राज निदेशक सह सचिव बिहार राज्य खेल प्राधिकरण भी उपस्थित थे। बैठक को संबोधित करते हुए जिला पदाधिकारी ने प्रतियोगिता के बारे में विस्तार से जानकारी दी।

इस संबंध में सभी तैयारियां को स समय पूर्ण करने हेतु आवश्यक दिशा-निर्देश जारी किए गए। बताया गया कि प्रतियोगिता के सफल आयोजन हेतु विभिन्न कोषांगो का गठन कर लिया गया है ।गठित होने वाले विभिन्न कोषांग के वरीय पदाधिकारी एवं प्रभारी पदाधिकारी के द्वारा विभिन्न कार्यों को ससमय संपादित किया जाएग।

फुटबॉल प्रतियोगिता हेतु राजेंद्र स्टेडियम, जयप्रकाश नारायण विश्वविद्यालय एवं मढ़ौरा अनुमंडल अवस्थित खेल के मैदान को तैयार किया जा रहा है। मैदान को तैयार करने में तकनीकी विभागों से भी सहयोग प्राप्त किया जा रहा है।

खिलाड़ियों के आवासन, खान-पान एवं आवागमन हेतु सुविधाओं पर विस्तार से चर्चा की गई। प्रतियोगिता के आयोजन हेतु बनाए गए मानक परिचालन प्रकिया का अक्षरशः अनुपालन करने का भी निर्देश जिला पदाधिकारी के द्वारा दिया गया।

25 दिसंबर को उद्घाटन समारोह राजेंद्र स्टेडियम सारण छपरा में आयोजित किया जाएगा। सेमीफाइनल मढ़ौरा एवं छपरा में आयोजित करने के साथ-साथ फाइनल प्रतियोगिता छपरा में आयोजित की जाएगी।

बैठक में पुलिस अधीक्षक, उप विकास आयुक्त, अपर समाहर्ता, जिला स्तरीय पदाधिकारी गण उपस्थित थे।

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विद्यालय के 15 किमी की परिधि में शिक्षकों को आवासन का देना होगा शपथ पत्र, वर्ना नही मिलेगा वेतन

Patna: राज्य के सरकारी विद्यालयों में कार्यरत विद्यालय अध्यापक और नियोजित शिक्षकों को विद्यालय के 15 किलोमीटर की परिधि में आवासन का शपथ पत्र देना होगा. शिक्षा विभाग ने इसके लिए पत्र जारी कर दिया है.

जारी पत्र में यह भी कहा गया है कि सभी शिक्षकों से आगामी 31 जनवरी तक आवासन संबधी शपथ पत्र प्राप्त कर लिया जाए साथ ही यह भी कहा गया है कि शपथ पत्र देने वाले शिक्षकों को ही फरवरी 24 का वेतन दिया जाएगा.

जारी पत्र में यह कहा गया है कि अक्सर देखा जा रहा है कि शिक्षकों का आवासन दूर होने के कारण वह विलंब से विद्यालय आ रहे है और पूर्व ही विद्यालय से वापस चले जा रहे है. जिससे शैक्षणिक गतिविधि में विभागीय आदेश के अवहेलना हो रही है.

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सरकारी विद्यालयों में निरीक्षण का बदला समय एवं तरीका, स्कूलों से भागने वाले शिक्षकों की खैर नहीं

Patna: शिक्षा विभाग में इन दिनों लगातार एक के बाद एक बदलाव किए जा रहे है, ऐसे में एसीएस द्वारा नया आदेश जारी किया गया है जिसमे विद्यालय के निरीक्षण में बदलाव किया गया है.

एसीएस के अन्य निर्देश के बारे में कहा गया है कि पूर्व में विद्यालय का निरीक्षण दिन में एक ही बार करते हैं । कुछ अनुशासनहीन शिक्षकों के बारे में यह पता चला है कि वह निरीक्षण होने के बाद समय से पहले 02.00 या 03.00 बजे के बीच ही विद्यालय से नदारत हो जाते हैं। ऐसे कुछ मामले पदाधिकारियों ने पकड़े भी हैं, जब ये शिक्षक / प्रधानाध्यापक जिस समय भाग रहे थे और उसी समय हमारी निरीक्षण टीम पहुंच गई। शिक्षकों में यह प्रवृत्ति इसलिए देखी जा रही है, क्योंकि वे जानते हैं कि विद्यालयों का निरीक्षण अमूमन दिन में एक ही बार होता है। यानि विद्यालय निरीक्षण का समय के बारे में सारे लोग समझ गए हैं। ऐसे में हमें अब inspection की predictability को देखना होगा .हमें इसे “unpredictable” बनाना होगा। ऐसा करने के लिए आपको निरीक्षण रोस्टर को सुधारना होगा और विद्यालयों को तीन श्रेणियों में रखना होगा।

KK पाठख ने कहा है कि श्रेणी क वाले स्कूलों में वैसे विद्यालय, जहां निरीक्षण पहली पाली में हो, वह निरीक्षण सुबह 9 से 12 बजे के बीच हो. श्रेणी-ख वाले में वैसे विद्यालय, जहां निरीक्षण दूसरी पाली यानि 02 बजे से 05 बजे के बीच में हो। श्रेणी ग- वैसे विद्यालय, जहां उपरोक्त दोनों पालियों में निरीक्षण हो। ऐसा करने से हम School Inspection की unpredictability को बढ़ा सकते हैं। शिक्षकों में यह संदेश चला जाना चाहिए कि हम उनके विद्यालय में कभी सुबह की पाली में या कभी दोपहर की पाली में या कभी दोनों पालियों में पहुंच सकते हैं। ऐसे में आपके विद्यालय के निरीक्षण के रोस्टर को random रखना होगा। साथ ही उसे गोपनीय रखना होगा, ताकि कोई शिक्षक यह अनुमान नहीं लगा सके कि उनके विद्यालय का निरीक्षण कब और किस समय होने वाला है। अब निरीक्षण रोस्टर मासिक न बनाकर, साप्ताहिक रूप से बनाया जाय। जो विद्यालय पिछले सप्ताह श्रेणी-क में थे उसे श्रेणी-ख अथवा श्रेणी-ग में रखा जाय। इसी प्रकार रोस्टर को प्रत्येक सप्ताह randomise किया जाए।

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शिक्षकों की ‘छुट्टी’ को लेकर KK पाठक हुए, व्हाट्सएप पर आवेदन नही होगा मान्य

पटना: शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक ने एक बार फिर से सभी जिलों के डीएम को पत्र लिखा है। केके पाठक ने स्कूलों के निरीक्षण को लेकर सभी जिलाधिकारियों को आवश्यक निर्देश दिए हैं। केके पाठक ने शिक्षकों की छुट्टी को लेकर और सख्ती बरतने का आदेश दिया है। साथ ही स्कूलों में निरीक्षण कभी भी हो, इसके लिए विशेष तौर पर जिलाधिकारियों को टास्क दिया गया है।

केके पाठक का फरमान whats app पर भेजे आवेदन पर नहीं मिलेगी छुट्टी

जिलाधिकारियों को लिखे पत्र में केके पाठक ने कहा कि 01 जुलाई 2023 से विभागीय अनुश्रवण व्यवस्था की गई है। इसके काफी बेहतर परिणाम सामने आए हैं।शिक्षकों की उपस्थिति बढ़ी है और विद्यालय समय से खुल भी रहे हैं। इस व्यवस्था के तहत लगभग 40 हजार विद्यालयों का प्रतिदिन निरीक्षण हो रहा है। अनुपस्थित पाए गए शिक्षकों/अध्यापकों का वेतन काटा जा रहा है। कई प्रधानाध्यापकों पर भी कार्रवाई हुई है। लेकिन इस निरीक्षण में कई बातों का पता चला है। देखा जा रहा है कि अनुपस्थित शिक्षकों द्वारा whats app पर ही अपना अवकाश का आवेदन भेजा जाता है। यह स्वीकार्य नहीं है। उन्हें अपना अवकाश का आवेदन भौतिक रूप से विद्यालय पहुंचना चाहिए, ताकि निरीक्षी पदाधिकारी यह देख सकें कि आवेदन किस तारीख को दिया गया है और किस तारीख को स्वीकृत / अग्रसारित हुआ है। ऐसे में सभी जिला शिक्षा पदाधिकारी को सूचित करें कि किसी भी शिक्षक / अन्य कर्मी / पदाधिकारी का आवेदन whats app पर नहीं लिया करें।

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नीतीश कुमार पर प्रशांत किशोर का तंज, बोले-जब नरेंद्र मोदी के साथ थे तो गलती से भी नहीं निकली विशेष राज्य की बात, महागठबंधन में जाते ही करने लगे मांग

पटना: बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने पूर्वी क्षेत्रीय परिषद की 26वीं बैठक में एक फिर से विशेष राज्य का दर्जा देने वाला मामला उठाया। हाल के दिनों में अगर देखा जाय तो सुशासन बाबू कई बार ​बिहार को विशेष राज्य का दर्जा दिए जाने की मांग कर चुके हैं। उनके विशेष राज्य का दर्जा देने की मांग पर जन सुराज के सूत्रधार प्रशांत किशोर ने कहा कि जब नरेंद्र मोदी के साथ थे तो एक बार गलती से भी उनके मुंह से विशेष राज्य का दर्जा दिए जाने की बात नहीं निकली। तब संसद में खड़े होकर जदयू के नेता नरेंद्र मोदी को महामानव बता रहे थे। जैसे ही महागठबंधन में आए वैसे ही नीतीश कुमार की अंतरात्मा परिवर्तित हो गई और उनको विशेष राज्य का दर्जा दिखने लगा। अगर फिर से भाजपा में चले गए तो कहेंगे कि अरे भाई! छोड़िए न विशेष राज्य का दर्जा कोई मुद्दा है। किसी को कुछ समझ आता है। अगर आपको ही सब समझ में आता है तो आप ही सुधार दीजिए। जिस आदमी को कुछ भी समझ नहीं आता है, तो उसको पूरी दुनिया मूर्ख दिखती है। इसलिए नीतीश कुमार को सब लोग मूर्ख दिखते हैं, क्योंकि उनकी अपनी समझ नहीं रह गई है। नीतीश कुमार की उम्र हो गई है, 75 साल से ज्यादा की उनकी आयु हो गई है।

नीतीश कुमार सामाजिक-राजनीतिक तौर पर घिर गए हैं और वह क्या बोलते हैं, उनको खुद नहीं पता: प्रशांत किशोर

प्रशांत किशोर ने आगे कहा कि नीतीश कुमार सामाजिक-राजनीतिक तौर पर घिर गए हैं और वह क्या बोलते हैं, उनको खुद नहीं पता है। विधानसभा में खड़े होकर उन्होंने जो वक्तव्य दिया उसके बाद पूरे देश में हंसी के पात्र बन गए। पूरे देश में बिहार के लोगों को शर्मशार किया। वो जो हुआ तो हुआ फिर अगले दिन जो माफी मांगी, तो उनके माफी मांगने के तरीके को देखिए तो लग रहा है कि हंस रहे हैं, रो रहे हैं या दुखी हैं या खुश हैं। बोलना कुछ चाहते हैं और बोल कुछ और जाते हैं। करना कुछ चाहते हैं और कर कुछ और जाते हैं। इसीलिए लोग कह रहे हैं कि भइया! उनका दिमाग स्थिर नहीं है। जब आप अकेले हो जाते हैं, तो इस तरह की बेचैनी होने लगती है। उनकी राजनीतिक जमीन खिसक गई है, उनको ये तो समझ है। इसलिए उलूलजुलूल बोलते रहते हैं। उनके ज्यादातर बयान सुनेंगे, तो वह कहते मिलेंगे कि अरे भाई! छोड़िए ये सब कोई मुद्दा है।

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