पटना: सामान्य प्रशासन विभाग की ओर से बुधवार को जारी अधिसूचना के मुताबिक 1991 बैच के भारतीय प्रशासनिक सेवा (भाप्रसे) के अधिकारी प्रत्यय अमृत को अपर मुख्य सचिव के रूप में प्रोन्नति दी गई है।इनके अलावा बिहार सरकार ने आईपीएस अधिकारी का भी तबादला किया है।

गृह विभाग की ओर से जारी अधिसूचना के मुताबिक बिहार सरकार ने बिहार विशेष सशस्त्र पुलिस बल-3 के कमांडेंट सुशील कुमार को बिहार विशेष सशस्त्र पुलिस बल-17 का भी एडिशनल चार्ज दिया है।

सरकार ने अपराध अभिलेख ब्यूरो के पुलिस अधीक्षक गौरव मंगला को पटना होमगार्ड के कमांडेंट बनाया है। साथ ही इन्हें सहायक अग्निशमन पदाधिकारी की भी जिम्मेदारी दी गई है।

इसके अलावा 2006 बैच की आईपीएस अफसर एस प्रेमलथा को होमगार्ड की डीआईजी सह महासमादेष्टा की जिम्मेदारी दी गई है। इनके अलावा भोजपुर के एसपी राकेश कुमार दूबे को अश्वारोही विशेष सशस्त्र पुलिस के कमांडेंट का अतिरिक्त प्रभार दिया गया है।

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पटना: राज्य में 22 दिनों के बाद कोरोना संक्रमण के नए मामले दस हजार के नीचे दर्ज किए गए हैं। पिछले चौबीस घंटों के दौरान राज्य में 9,863 नए कोरोना संक्रमित की पहचान हुई है।
स्वास्थ्य विभाग से जारी आंकड़ों के मुताबिक 1,11,740 लोगों की जांच में मात्रा 9 हजार 863 लोग पॉजिटिव मिले हैं।इससे पहले पिछले महीने 19 तारीख को 10 हजार से कम मामले सामने आये थे। 19 अप्रैल को मात्र 7 हजार 487 केस मिले थे। इसके बाद से लगातार 10 हजार से ज्यादा मामले सामने आये। प्रदेश में लॉकडाउन लगाने का पॉजिटिव असर दिखा है।
पटना में आज मात्रा 977 मामले सामने आये हैं। वहीं, पटना के अलावा नालंदा में 523 और मुजफ्फरपुर में 506 कोरोना संक्रमण के मामले आज दर्ज किए गए। बिहार के तीन जिलों में 400 से अधिक मामले सामने आये हैं। समस्तीपुर में 487, कटिहार में 478 और बेगूसराय में 409 केस मिले हैं।
राज्य के सात जिलों में 300 से अधिक मामले सामने आये हैं। वैशाली में 398, गया में 388, सारण में 343, पश्चिम चंपारण में 339, पूर्वी चंपारण में 338, पूर्णिया में 331 और मधुबनी में 317 मरीज मिले हैं।

 

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पटना: बिहार में बक्सर जिले के चौसा प्रखंड अन्तर्गत गंगा घाटों पर लाश मिलने के मामले में पटना हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश संजय करोल की पीठ ने बुधवार को स्वत संज्ञान लेते हुए शवों के संबंध में राज्य सरकार से जवाब तलब किया है.

हाईकोर्ट ने नदी में लाश मिलने को परेशान करने वाला करार देते हुए सरकार से जानना चाहा कि इस मामले में क्या किया गया है. इस पर जवाब देते हुए बिहार सरकार के एडवोकेट जनरल ललित किशोर ने जानकारी दी कि सरकार ने इसे गंभीरता से लिया है और बक्सर और कैमूर के जिलाधिकारियों ने उप्र के बलिया और गाजीपुर जिले में अपने समकक्षों से बात की है ताकि ऐसी किसी भी स्थिति की पुनरावृत्ति को रोका जा सके.

एडवोकेट जनरल ने हाईकोर्ट को बताया कि बिहार और यूपी की सीमा से सटे दोनों जिले कैमूर और बक्सर में कोरोना संक्रमण की दर बहुत ही कम है. यह 2-3 प्रतिशत है. यूपी के अधिकारियों के साथ बातचीत के दौरान बक्सर और कैमूर के डीएम, जिन्होंने बलिया और गाजीपुर का दौरा किया, को ‘डोम राजा’ (श्मशान घाट के प्रभारी) द्वारा सूचित किया गया कि 40 शवों को नदी में फेंक दिया गया था क्योंकि, लोगों ने शव का अंतिम संस्कार नहीं किया. अफसरों के पास उसका वीडियो भी है. बिहार सरकार ने भी नदी में जाल का उपयोग किया है.

संजय करोल की पीठ ने जानना चाहा कि शवों का क्या हुआ और क्या उनका धार्मिक रीति-रिवाज के अनुसार अंतिम संस्कार किया गया. पीठ ने ग्रीन ट्रिब्यूनल का भी हवाला दिया जो नदी में फेंके गए शवों के मामले को देखे. ललित किशोर ने इस पर कहा कि संबंधित अधिकारियों से इस मामले पर पूरी जानकारी लेने के बाद गुरुवार को हाईकोर्ट में एक विस्तृत जवाब देंगे.

उल्लेखनीय है कि दो दिन पहले बक्सर जिले में गंगा नदी के किनारे एक साथ कई लाशें मिलने से हड़कंप मच गया था.

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PATNA : बिहार सरकार द्वारा लगाए गए लॉकडाउन का असर दिखने लगा है. पिछले कुछ दिनों में कोरोना मरीजों की संख्या में भारी गिरावट दर्ज की गई है. वही स्वस्थ्य होने वाले मरीजों की संख्या में भारी बढ़ोतरी हुई है.

बुधवार को राज्य सरकार ने जो ताजा आंकड़ा जारी किया है, वह काफी चौकाने वाला है. यह पूरे बिहार के लिए एक राहत की खबर है. क्योंकि आज 22 दिन बाद प्रदेश में एक दिन में 10 हजार से कम मामले सामने आये हैं. साथ ही आज लगातार 9वें दिन भी पॉजिटिविटी रेट नीचे गिरा है.

बुधवार को राज्य सरकार की ओर से जारी ताजा आंकड़े के मुताबिक 1 लाख 11 हजार 740 लोगों की जांच में मात्रा 9 हजार 863 लोग पॉजिटिव मिले हैं. इससे पहले पिछले महीने 19 तारीख को 10 हजार से कम मामले सामने आये थे. 19 अप्रैल को मात्र 7 हजार 487 केस मिले थे. इसके बाद से लगातार 10 हजार से ज्यादा मामले सामने आये. कभी-कभी तो बीच में 15 हजार से भी ज्यादा मामले एक दिन में सामने आये, जिसके बाद सरकार ने एहतियातन लॉकडाउन का एलान कर दिया. क्योंकि नाइट कर्फ्यू लगाने के बावजूद भी मामले बड़ी तेजी से बढ़ रहे थे.

प्रदेश में लॉकडाउन लगाने का पॉजिटिव असर दिख रहा है. माना जा रहा है कि कोरोना संक्रमण की चेन प्रदेश में टूट रही है. बुधवार के आंकड़े के मुताबिक राजधानी पटना के लोगों कोभी काफी राहत मिली है. कई दिनों बाद ऐसा हुआ है कि पटना में एक हजार से कम मामले सामने आये हैं. पटना में आज मात्रा 977 मामले सामने आये हैं. जिससे लोगों के चेहरे पर थोड़ी रौनक लौटी है.

राजधानी पटना के अलावा सूबे के मात्र दो जिलों में 500 से अधिक केस सामने आये हैं. नालंदा में 523 और मुजफ्फरपुर में 506 मरीजों की पहचान की गई है. बिहार के तीन जिलों में 400 से अधिक मामले सामने आये हैं. समस्तीपुर में 487, कटिहार में 478 और बेगूसराय में 409 केस मिले हैं. राज्य के सात जिलों में 300 से अधिक मामले सामने आये हैं. वैशाली में 398, गया में 388, सारण में 343, पश्चिम चंपारण में 339, पूर्वी चंपारण में 338, पूर्णिया में 331 और मधुबनी में 317 मरीज मिले हैं.

बुधवार को बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने एक ऑडियो सन्देश जारी किया. उन्होंने ट्वीट कर लिखा कि “कोरोना महामारी से राहत पहुंचाने के लिए कई कदम उठाए गए हैं. जांच बढ़ी है और आधारभूत संरचना की व्यवस्था की गई है. पिछले वर्ष की तरह इस बार भी दृढ़ इच्छाशक्ति, सकारात्मक सोच के साथ बिहारवासी कोरोना के खिलाफ इस जंग में सफल होंगे. हौसला और धैर्य बनाए रखें.” सीएम नीतीश ने कहा है कि “बिहार में लॉकडाउन शुरू होने के बाद से कोरोना संक्रमितों की संख्या में कमी आनी शुरू हुई है. उन्होंने कहा कि हम सब मिलकर इस बीमारी पर अवश्य विजय प्राप्त करेंगे.”

कोरोना महामारी से राहत पहुंचाने के लिए कई कदम उठाए गए हैं. जांच बढ़ी है और आधारभूत संरचना की व्यवस्था की गई है. पिछले वर्ष की तरह इस बार भी दृढ़ इच्छाशक्ति, सकारात्मक सोच के साथ बिहारवासी कोरोना के खिलाफ इस जंग में सफल होंगे. हौसला और धैर्य बनाए रखें.

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मुजफ्फरपुर: जिले की सकरा पुलिस को थाना क्षेत्र में छापेमारी करने गयी पुलिस ने समस्तीपुर जिले के एक युवक और युवती को हिरासत में लिया. पुलिस टीम दोनों को अपने साथ लेकर थाने आ गई. जहां उससे पूछताछ की गई.

पूछताछ के दौरान ही पता चला कि दोनों समस्तीपुर जिला के एक ही गांव के रहने वाले हैं. युवती विवाहित है. युवक का उसके पति से मधुर संबंध था. इसलिए वह अक्सर ही उसके घर आता-जाता था. इसी दौरान दोनों का परिचय हुआ. इसके बाद फोन पर बातचीत शुरू हुई. धीरे-धीरे दोनों एक दूसरे को चाहने लगे. परिवार के लोगों से छुपकर घंटों फोन पर बातें किया करते. युवती का पति जब काम पर घर से बाहर चला जाता था तो युवक किसी बहाने से मिलने घर आ जाया करता था. इस तरह संबंध और प्रगाढ़ होता चला गया. बाद में दोनों ने एक साथ जीवन गुजारने का संकल्प लिया.

इस बीच लॉकडाउन के कारण युवती के पति का काम बंद हो गया. वह घर पर ही रहने लगा. ऐसे में दोनों का मिलना-जुलना बंद हो गया. हालांकि फोन पर बातचीत होती थी. इस बीच साथ जीवन गुजारने के संकल्प को पूरा करने के लिए दोनों ने वहां से दूर जाने की योजना बनाई. एक ही गांव के होने के कारण वहां रहकर तो यह संभव नहीं था. प्रेम की नई दुनिया बसाने के लिए यह जरूरी था कि वे वहां से कहीं दूर चले जाएं. इतना दूर कि जहां दोनों में से किसी के स्वजन को इसकी जानकारी न हो सके.

फोन पर ही घर से भागने की योजना तैयार हो गई. इसके अनुसार युवती ने अपने पति को राशन व अन्य जरूरी सामान लाने के लिए सुबह-सुबह ही भेज दिया.लॉकडाउन के कारण सीमित समय सीमा के अंदर ही दुकान खोलने की सरकार की घोषणा के कारण वहां भीड़ थी. उसको लाइन में लगना पड़ा. सामान लेने में काफी वक्त लग गया. इस बीच युवती ने अपने प्रेमी को इसकी सूचना दे दी. योजना के अनुसार जरूरी सामान लेकर वह तैयार थी. युवक के पहुंचते ही वह वहां से भाग गई.

इस बारे में प्रशिक्षु पुलिस उपाधीक्षक सह सकरा थानाध्यक्ष सतीश सुमन ने बताया कि पुलिस को थाना क्षेत्र के एक गांव में गलत काम होने की सूचना मिली थी. इसके बाद छापेमारी की गई तो वहां प्रेमी युगल मिले. दोनों समस्तीपुर से भागकर यहां आए हैं. पूछताछ के दौरान दी गई जानकारी के आधार पर इनके स्वजनों को सूचना दी गई है. उनके आने के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी.

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Chhapra: कोरोना के बढ़ते मामलों के बीच एक ओर जहां सभी घरों से निकलने में परहेज कर रहे है, वैसे में कोविड-19 वैक्सीन लेने के लिए लोग सक्रिय भी दिख रहे है. प्रारम्भ में वैक्सीन को लेकर फैलाई गई तरह तरह की भ्रांतियां अब नदारद है. शहर से लेकर गांव हर ओर वैक्सीनेशन केंद्रों पर लोगों की भीड़ है.

जिला प्रशासन द्वारा कोविड वैक्सीन के टीकाकरण के लिये सरकारी विद्यालयों में केंद्र बनाया गया है. बुधवार को जिले के मशरक स्थित आदर्श मध्य विद्यालय मशरख में वैक्सीनेशन के लिए व्यवस्था काबिले तारीफ रही. 18 से 44 आयु वर्ग के लोग वैक्सीनेशन के लिए केंद्र पर पहुंचे लेकिन केंद्र पर प्रशासनिक व्यवस्था को देख सभी ने उस व्यस्था में अपनी भी सहभागिता दी.

दरअसल वैक्सीनेशन को लेकर मशरक स्कूल परिसर में चुनाव की तरह महिला और पुरुष की कतार लगाई गई थी. साथ ही साथ कोविड प्रोटोकॉल के मद्देनज़र सभी लोगों के लिए एक एक घेरा बनाया गया था. जिससे सभी समाजिक दूरी का पालन कर सके.

जनता ने भी इस प्रोटोकॉल को बनाये रखने में भरपूर सहयोग दिया. सभी अपने अपने घेरे में दिखे जिससे कि सामाजिक दूरी बनी रही. केंद्र पर इस व्यवस्था को लेकर जिलाधिकारी ने मशरख बीडीओ की तारीफ करते हुए इस कार्य के लिए बधाई भी दी है. साथ ही जिले में इसी तरह कोविड प्रोटोकॉल के पालन करने का आह्वान किया है. जिससे कि सारण जिला जल्द से जल्द कोविड के संक्रमण से मुक्त हो सकें.

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बक्सर: स्थानीय गंगा नदी में एक ही दिन 71 लाशों को बरामद किये जाने के बाद उभरे जनआक्रोश को गम्भीरता से लेते हुए राज्य मुख्यालय से हुए विचार विमर्श के बाद बक्सर जिला प्रशासन द्वारा बक्सर के रानीघाट (बिहार ) से उजियार घाट के तीन किलोमीटर लम्बी गंगा नदी में महाजाल लगा कर पूरी तरह से सिल कर दिया गया।
बक्सर डीएम अमन समीर से आज शाम बताया कि बीते सोमवार की यह घटना निश्चित ही दिल को छूनेवाली थी।इस मामले को गम्भीरता से लेते हुए राज्य मुख्यालय के दिशा निर्देश के बाद गंगा नदी को महाजाल से घेर दिया गया है ,ताकि पुनः यूपी के रास्ते शवों के बक्सर आने के सिलसिले को रोका जा सके।
जिला प्रशासन के अधिकारियों ने बताया की महाजाल लगाने का काम बलिया जनपद और गाजीपुर जनपद के आलाधिकारियो से विचार विमर्श के बाद किया गया.
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पटना: बिहार में सत्तारूढ़ सहयोगी गठबंधन के दो घटक दलों के नेताओं ने पप्पू यादव की गिरफ्तारी पर विरोध प्रकट किया है। हम पार्टी के प्रमुख जीतनराम मांझी के बाद मंत्री मुकेश सहनी ने भी  जन अधिकार पार्टी के सुप्रीमो  पप्पू यादव की गिरफ्तारी के विरोध किया है।
मुकेश सहनी ने कहा,सेवा में लगे पप्पू यादव की गिरफ्तारी असंवेदनशीलता
मंगलवार को ट्वीट कर नीतीश कैबिनेट में मंत्री मुकेश सहनी ने साफ-साफ कहा कि सरकार ने असंवेदनशील काम किया है। सहनी ने ट्वीट कर कहा कि जनता की सेवा ही धर्म होनीचाहिए।सरकार को जन प्रतिनिधि, सामाजिक संस्था एवं कार्यकर्ता को आमजन के मदद के लिए प्रेरित करना चाहिए।जन प्रतिनिधि को भी कोरोना गाइड्लाइन का सख़्ती से पालन करते हुए कार्य करना चाहिए।ऐसे समय में सेवा में लगे पप्पू यादव को गिरफ़्तार करना असंवेदनशीलता है। 
इससे पूर्व जीतनराम मांझी ने मंगलवार को ट्वीट कर मुख्यमंत्री नीतीश  कुमार के इस फैसले का विरोध किया। उन्होंने लिखा है कोई भी जनप्रतिधि अगर दिन-रात जनता की सेवा करे और उसके एवज में उसे गिरफ्तर किया जाये, ऐसी घटना मानवता के लिए खतरनाक हैं। ऐसे मामलों की पहले न्यायिक जांच हो तब ही कोई कार्रवाई होनी चाहिए नही तो जन आक्रोष होना लाजमी है। इस तरह से राजग गठबंधन के भीतर ही बवाल मच गया है।जीतनराम मांझी और मुकेश सहनी की पार्टी के 4-4 विधायक नीतीश सरकार का समर्थन कर रहे हैं।

 

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पटना: वायुसेना के विशेष विमान से  मंगलवार को 147 ऑक्सीजन कॉन्संट्रेटर्स दिल्ली से पटना पहुंचे। वायुसेना ने इन ऑक्सीजन कॉन्संट्रेटर्स को  बिहार सरकार के हवाले कर दिया है।
वायुसना की मदद  से लाए गए ऑक्सीजन कान्संट्रेटर्स से बिहार  में मेडिकल कॉलेज अस्पतालों में 2 हजार, 500 से 3 हजार  लीटर प्रति मिनट(एलपीएम) ऑक्सीजन उत्पादन वाले संयंत्र लगाए जाएंगे। 
केंद्र सरकार के निर्देश पर पेट्रोलियम मंत्रालय ने राज्य के 9 मेडिकल कॉलेज अस्पतालों में ऑक्सीजन जेनरेशन प्लांट लगाने का निर्णय लिया गया है। इसी परिपेक्ष में ये ऑक्सीजन कान्संट्रेटर्स दिल्ली से पटना लाये गये हैं।
बिहार सरकार के स्वास्थ्य विभाग से मिली जानकारी के अनुसार नालंदा मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल (एनएमसीएच) पटना, जेकेटीएमसीएच मधेपुरा, विम्स राजगीर और एमएनएमसीएच गया में 2 हजार, 500 एलपीएम  क्षमता वाले ऑक्सीजन जेनरेशन प्लांट लगाए जाएंगे। इसी तरह पीएमसीएच में 5 हजार एलपीएम  क्षमता वाला ऑक्सीजन जेनरेशन प्लांट लगेगा। ये सभी प्लांट ऑयल इंडिया लिमिटेड की ओर से लगाए जायेंगे। 
दूसरी ओर, एसकेएमसीएच मुजफ्फरपुर, डीएमसीएच दरभंगा, जेएलएनएमसीएच भागलपुर और एमजीकेएमसीएच बेतिया में दो हजार लीटर प्रति मिनट क्षमता वाले ऑक्सीजन जेनरेशन प्लांट नमलीगढ़ रिफाइनरी लिमिटेड (एनआरएल) लगायेगा।

 

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पटना: सूबे के पूर्व मुख्यमंत्री जीतनराम मांझी ने जन अधिकार पार्टी के सुप्रीमो पप्पू यादव की गिरफ्तारी का विरोध किया है। उन्होंने इस गिरफ्तारी को मानवता के लिए खतरा बताया।
पप्पू यादव की गिरफ्तारी की खबर सुनते ही सरकार की सहयोगी हम पार्टी ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के सामने विरोध दर्ज कराया है। इस बाबत सूबे के पूर्व मुख्यमंत्री व हम पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जीतनराम मांझी ने मंगलवार को ट्वीट कर शासन के इस फैसले का विरोध किया है। 
मांझी ने ट्वीट कर लिखा है- “कोई भी जनप्रतिधि अगर दिन-रात जनता की सेवा करे और इसके बदले उसे गिरफ्तार किया जाये, ऐसी घटना मानवता के लिए खतरनाक है। ऐसे मामलों की पहले न्यायिक जांच हो, तब ही कोई कार्रवाई होनी चाहिए। नहीं तो जनआक्रोश होना लाजमी है।”

 

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बेगूसराय: वायरस जनित वैश्विक महामारी कोरोना के इस दौर में कुछ लोग आपदा में अवसर तलाश रहे हैं। वहीं, कुछ लोग इस भीषण संकट में लोगों का सहारा बनकर उनकी सेवा में तन-मन-धन समर्पित कर रहे हैं। ऐसा ही एक मामला बिहार के बेगूसराय में सामने आया है। जहां राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की विचारधारा से आने वाले परिवार के बड़े निजी स्कूल संचालक ने पूरे विद्यालय को ही ऑक्सीजन सपोर्ट सेंटर के रूप में विकसित कर दिया है।

विद्यालय में ऑक्सीजन सुविधा से युक्त 30 बेड लगाए गए हैं। सभी बेड पर पाइप से ऑक्सीजन पहुंचाने की व्यवस्था की गई है। बेड और ऑक्सीजन समेत सभी व्यवस्था पूरा करने के बाद डीएम को सूचना दे दिया गया है। दो दिनों के अंदर सरकारी चिकित्सा एवं स्वास्थ्य कर्मियों की प्रतिनियुक्ति होने के बाद कोरोना संक्रमित लोगों का मुफ्त में इलाज शुरू हो जाएगा। कोरोना संक्रमित मरीजों को मुफ्त ऑक्सीजन युक्त बेड उपलब्ध कराने के लिए के लिए यह ऑक्सीजन सपोर्ट सिस्टम जिला मुख्यालय के हेमरा रोड में स्थित दून पब्लिक स्कूल (जूनियर विंग) में बनाया गया है।

विद्यालय के निदेशक पंकज कुमार ने सोमवार को बताया कि उनकी बहन जब गंभीर रूप से बीमार हो गई थी तो अस्पताल में इलाज के दौरान ऑक्सीजन की मारामारी से रूबरू होना पड़ा। ऑक्सीजन के अभाव में लोगों को सड़क पर तड़प-तड़प कर मरते देखा। उसी दिन उन्होंने निर्णय लिया था कि ऑक्सीजन के लिए परेशान मरीजों को मुफ्त में ऑक्सीजन और बेड की सुविधा उपलब्ध कराएंगे। बहन के अंतिम क्रिया कर्म के दिन 30 बेड का ऑक्सीजन सपोर्ट सेंटर बनाने की घोषणा की। यहां 30 बेड और पर्याप्त मात्रा में ऑक्सीजन सिलेंडर के साथ सभी व्यवस्था की गई है। जिलाधिकारी से इसे चालू करवाने का अनुरोध किया गया है।

चिकित्सकों की कमी के मद्देनजर सरकार के आदेश पर बहाली प्रक्रिया शुरू हो गई है, दो दिनों के अंदर चिकित्सक एवं स्वास्थ्य कर्मियों की प्रतिनियुक्ति का आश्वासन मिला है। उसके बाद ऑक्सीजन युक्त बेड की सुविधा सभी लोगों को मुफ्त में मिलने लगेगा। उन्होंने हेल्पलाइन नंबर- 7781048938 भी जारी किया है। पंकज कुमार ने बताया कि पीड़ित मानवता की सेवा करना हमारा फर्ज है। देश हित में हमने यह निर्णय लिया है, अभी जब विद्यालय है तो क्यों ना हम अपने शिक्षा के मंदिर में लोगों की सेवा करें, इसमें होने वाला सभी खर्च विद्यालय वहन करेगी। इस महामारी में सभी लोग अपने-अपने तरीके से मानवता की सेवा करेंगे, तो हारेगा कोरोना और जीतेगा भारत।

इनपुट एजेंसी से

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पटना: राज्य में कोरोना की दूसरी लहर में पीड़ितों की मदद के लिए अब व्यावसायिक समूह भी आगे आए हैं। कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) बिहार कोरोना संक्रमितों को मुफ्त में मेडिकल ऑक्सीजन सिलेंडर मुहैया कराएगा।
इस बाबत कंफेडरेशन ऑफ आल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) बिहार के अध्यक्ष अशोक कुमार वर्मा ने सोमवार को मीडिया से बातचीत में कहा कि सात मई को मंत्री सैयद शाहनवाज हुसैन के साथ कैट का वर्चुअल संवाद हुआ था। इसमें मंत्री ने अपील की थी कि कोरोना पीड़ितों की मदद में व्यवसायी भी आगे आएं।इसके बाद तत्काल कैट से जुड़े सदस्यों के बीच भी एक वर्चुअल संवाद हुआ।इसमें कोरोना पीड़ितों के बीच आक्सीजन सिलेंडर वितरण करने पर सहमति बनी।
अशोक कुमार वर्मा ने कहा कि अब तक 25 मेडिकल ऑक्सीजन सिलेंडर उपलब्ध हो गए हैं। सोमवार से ही कोरोना पीड़ितों के बीच इसे उपलब्ध कराने की सेवा भी शुरू कर दी गई है।उन्होंने कहा कि आगे सिलेंडर की संख्या और बढ़ाने की भी कोशिश जारी है, जिससे अधिक से अधिक लोगों की जान बचाई जा सके। 
उन्होंने कहा कि जो व्यक्ति ऑक्सीजन सिलेंडर ले जाएंगे उन्हें उपयोग करने के बाद तुरंत खाली सिलेंडर लौटाना होगा, जिससे अन्य कोरोना पीड़ितों की भी मदद की जा सके। अशोक वर्मा ने कहा कि 7033586581 मोबाइल नंबर पर संपर्क कर ऑक्सीजन सिलेंडर की मांग की जा सकती है।
 इसके अलावा वैसे लोग जो कोरोना से पीड़ित हैं और उन्हें भोजन नहीं मिल पा रहा है, वे कैट के भोजन वितरण केंद्र से भोजन ले जा सकते हैं।अगर भोजन ले जाने में भी परेशानी है तो उनके घर तक भोजन पहुंचाने की भी व्यवस्था की गई है।

 

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