Navratra 2025: Operation Sindoor के शौर्य को प्रदर्शित करेगा बनियापुर का दुर्गा पूजा पंडाल
दुर्गा पूजा को लेकर जिले भर में तैयारियां जोर-शोर से चल रही हैं। जगह-जगह पंडाल सजाए जा रहे हैं और मूर्तियों को अंतिम रूप दिया जा रहा है। हर साल की तरह इस बार भी पूजा समितियां पूरी मेहनत से जुटी हुई हैं और पंडालों को नया रूप देने में कोई कसर नहीं छोड़ रही हैं। इस बार श्रद्धालुओं को पारंपरिक से लेकर आधुनिक थीम वाले पंडालों की झलक देखने को मिलेगी।
पिछले कुछ वर्षों से फिर से परंपरागत पंडालों का दौर लौट आया है। कपड़े और रंग-बिरंगे कागज की जगह अब घास-फूस और देसी अंदाज वाले पंडाल लोगों को ज्यादा आकर्षित कर रहे हैं। इसी वजह से पूजा समितियां श्रद्धालुओं को लुभाने के लिए नए-नए प्रयोग कर रही हैं।
बनियापुर में बन रहा है ऑपरेशन सिंदूर (Operation Sindoor) की थीम पर पूजा पंडाल
बनियापुर में इस बार पूजा पंडाल अपनी खास थीम को लेकर सुर्खियों में है। पहलगाम की हृदयविदारक घटना के बाद सेना द्वारा चलाए गए मिशन ऑपरेशन सिंदूर (Operation Sindoor) से प्रेरित होकर इस पंडाल को तैयार किया जा रहा है। इसमें आतंकवाद के खात्मे का संदेश तो होगा ही, साथ ही नारी सशक्तिकरण को भी प्रमुखता से दर्शाया जाएगा।
पूजा समिति के अध्यक्ष संजय सिंह ने छपरा टुडे डॉट कॉम से बातचीत में कहा कि हम लोग इस बार देश में हुई इस हृदय विदारक घटना को सांस्कृतिक रूप में प्रस्तुत कर रहे हैं। हमारा प्रयास है कि लोगों को सामाजिक संदेश भी मिले।
50 लाख की लागत, लोकल कारीगरों को मिली अहमियत
पंडाल निर्माण पर करीब 50 लाख रुपये की लागत आ रही है। मूर्तियों पर भी खास खर्च किया गया है। इसके लिए कारीगरों को मोतिहारी से बुलाया गया है, जबकि पंडाल निर्माण का जिम्मा मांझी के कारीगर ओमप्रकाश और उनकी टीम संभाल रही है।
समिति का कहना है कि इस बार विशेष रूप से स्थानीय कारीगरों को प्राथमिकता दी गई है। पहले कोलकाता और अन्य राज्यों से कारीगर बुलाए जाते थे, जिससे खर्च काफी बढ़ जाता था। वहीं, लोकल कारीगरों के जुड़ने से न सिर्फ लागत घटी है बल्कि उन्हें रोजगार भी मिला है।
श्रद्धालुओं में उत्साह
इस थीम आधारित पंडाल को लेकर स्थानीय लोग भी बेहद उत्साहित हैं। श्रद्धालु इसे सांस्कृतिक और सामाजिक संदेश का अनूठा संगम मान रहे हैं।