आरा: भोजपुर जिले में अवैध बालू के खनन, भंडारण और परिचालन पर रोक लगाने में असफल एसपी राकेश दुबे पर राज्य सरकार की गाज गिर गई है। भोजपुर के एसपी राकेश दुबे का सरकार ने स्थानांतरण कर दिया है। सरकार की जारी अधिसूचना के अनुसार उन्हें मुख्यालय में योगदान करने को कहा गया है।
करीब तीन महीने पहले छह अप्रैल को राकेश दुबे को भोजपुर का एसपी बनाकर भेजा गया था। अपने कम समय के कार्यकाल में एसपी दुबे ने अपराध पर नियंत्रण करने की कोशिश तो जरूर की किन्तु बालू के अवैध कारोबार पर शिकंजा कसने में वे पूरी तरह असफल साबित हुए।
बालू के अवैध कारोबार में लिप्त बड़हरा, कोइलवर, सहार और संदेश थानों की पुलिस पर एसपी का नियंत्रण कमजोर होता गया। नतीजा रहा कि सहार के थानाध्यक्ष को बर्खास्त कर दिया गया लेकिन बालू के अवैध कारोबार में संलिप्त सहार के थानाध्यक्ष को फरार होने के लंबे समय बाद तक उन्हें गिरफ्तार नहीं किया जा सका।
ब्राडसन कम्पनी ने बालू के कारोबार से हाथ खड़े कर दिए जाने और फिर भोजपुर के जिलाधिकारी रोशन कुशवाहा द्वारा जिले में बालू के अवैध खनन, भंडारण एवं परिचालन पर रोक लगा दिया गया। रोक के बावजूद जिले में कई थानों की पुलिस बालू का अवैध खनन, भंडारण एवं परिचालन कराती रही। खुलेआम सहार, चांदी संदेश की सडकों पर बालू लदे ट्रकों का परिचालन होता रहा।
कोइलवर, सहार और संदेश इलाके से जुड़े सोन नदी के घाटों पर बालू का अवैध खनन होता रहा। कई जगह बालू का अवैध भंडारण भी होता रहा। तिरपाल से ढक कर खुलेआम सड़कों पर बालू लदे ट्रकों का परिचालन होता रहा। भोजपुर के बड़हरा, कोइलवर, सहार, संदेश, अगियांव जैसे थानों की पुलिस के साथ साथ एसपी राकेश दुबे पर भी उंगली उठती रही।
बालू के काले कारोबार को लेकर बिहार के डीजीपी के स्तर से भी जांच कराई गई, जिसमें भोजपुर, सारण और औरंगाबाद के एसपी पुलिस मुख्यालय के राडार पर आ गए थे। अंततः भोजपुर के एसपी राकेश दुबे को मात्र तीन महीने के भीतर जिलाबदर होना पड़ा।